UP TGT Hindi 2013 के question paper को यहाँ दिया जा रहा है। यह परीक्षा 15-01-2015 को आयोजित हुई थी। TGT, PGT Hindi की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को इसे एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन परीक्षा (TGT Hindi) 2013 के question paper का व्याख्यात्मक हल को पढ़कर आप अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। up tgt hindi previous year question paper के अंतर्गत यह नौवाँ प्रश्न-पत्र है।
टीजीटी हिंदी- 2013
1. ‘साखी’ किस कवि का काव्य-संग्रह है?
केदारनाथ सिंह
कुँवर नारायण
मलयज
विजयदेव नारायण साही
‘साखी’ काव्य-संग्रह कवि विजयदेव नारायण साही का है। मछलीघर, संवाद तुमसे, आवाज़ हमारी जाएगी आदि उनके अन्य काव्य संग्रह हैं। साही की कवितायें अज्ञेय द्वारा संपादित तीसरे सप्तक में भी संकलित हैं।
2. ‘अथवा’ व्याकरण की दृष्टि है?
संधि
उपसर्ग
अन्वय
अव्यय
‘अथवा’ व्याकरण की दृष्टि अव्यय है।
3. ‘सम्पतिशास्त्र’ के लेखक का नाम है:
दास आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
‘सम्पतिशास्त्र’ के लेखक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी हैं। नैषध चरित्र चर्चा, हिंदी भाषा की उत्पत्ति, कौटिल्य कुठार, कालिदास की निरकुंशता, रसज्ञ रंजन, कालिदास और उनकी कविता, सुकवि संकीर्तन, साहित्य सीकर, बेकन-विचार-रत्नावली आदि उनकी अन्य रचनाएँ हैं।
बाबू श्याम सुंदर
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
4. ‘राधावल्लभ संप्रदाय’ का प्रवर्तन किसने किया?
वल्लभाचार्य
मध्वाचर्य
हितहरिवंश
‘राधावल्लभ संप्रदाय’ का प्रवर्तन हितहरिवंश ने किया। वहीं वल्लभाचार्य ने ‘बल्लभ संप्रदाय’ और मध्वाचर्य ने द्वैतवाद का प्रवर्तन किया।
सूरदास
5. ‘अरुण यह मधुमय देश हमारा’ यह किसने कहा?
ध्रुवस्वामिनी
देवसेना
कार्नेलिया
‘अरुण यह मधुमय देश हमारा’ कार्नेलिया ने कहा है। यह जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित ऐतिहासिक नाटक ‘चंद्रगुप्त’ में संकलित है जो 1931 ई. में लिखा गया था।
मधुलिका
6. निम्न में से कौन किसके लिए प्रसिद्ध नहीं है?
उपमा के लिए कालिदास
करूणा के लिए भवभूति
अलंकार के लिए भामह
वक्रोक्ति के लिए क्षेमेंद्र
क्षेमेंद्र औचित्य सिद्धांत के लिए प्रसिद्ध हैं। औचित्यविचारचर्चा, कविकण्ठाभरण और सुवृत्ततिलक इनके ग्रंथ हैं।
7. गोकुलनाथ की रचना का नाम है-
चौरासी वैष्णवन की वार्ता
गोकुलनाथ की रचना का नाम ‘चौरासी वैष्णवन की वार्ता’ है। वहीं ‘भक्तमाल’ नाभादास की, ‘छिताईवार्ता’ नारायणदास की और ‘गोसाईचरित’ वेणीमाधवदास की रचना है।
भक्तमाल
छिताईवार्ता
गोसाईचरित
8. छायावाद को ‘स्थूल के प्रति सूक्ष्म का विद्रोह’ किसने कहा है?
जयशंकर प्रसाद
महादेवी वर्मा
नंददुलारे वाजपेयी
डॉ. नगेंद्र
छायावाद को ‘स्थूल के प्रति सूक्ष्म का विद्रोह’ डॉ. नगेंद्र ने कहा है।
9. नटों के जीवन संघर्ष का उल्लेख किस उपन्यास में नहीं है?
कब तक पुकारूँ
शैलूष
झूलानट
सेवासदन
सेवासदन उस महिला की कहानी है जिसे हालात ने वेश्या बना दिया है। ‘सेवासदन में नारी जीवन की समस्याओं के साथ-साथ समाज के धर्माचार्यों, मठाधीशों, धनपतियों, सुधारकों के आडंबर, दंभ, ढोंग, पाखंड, चरित्रहीनता, दहेज-प्रथा, बेमेल विवाह, पुलिस की घूसखोरी, वेश्यागमन, मनुष्य के दोहरे चरित्र, साम्प्रदायिक द्वेष आदि सामाजिक विकृतियों का विवरण मिलता है।’ ‘कब तक पुकारूँ’ जरायम पेशा करनटों की संस्कृति पर आधारित आँचलिक उपन्यास है। शैलूष दलित वर्ग के आदिवासी नटों पर आधारित उपन्यास है।
10. निम्न में से ‘हिंदी साहित्य का अतीत’ किसने लिखा?
डॉ. विश्वनाथ तिवारी
आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
‘हिंदी साहित्य का अतीत’ के लेखक आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र हैं। हिंदी का सामायिक इतिहास, वाङ्मय विमर्श, कामांग कौमुदी, सत्य हरिश्चन्द्र, रसखान, घनानन्द कवित्त, रसिक प्रिया, सुदामा चरित आदि उनकी अन्य रचनाएँ हैं।
डॉ. रामकुमार वर्मा
राहुल सांकृत्यायन
11. किस शब्द में ‘अ’ उपसर्ग है?
अभिमान
अनजान
अभाव
‘अभाव’ शब्द में ‘अ’ उपसर्ग है।
अवमान
12. अहेतुकी का शुद्ध रूप है-
अहितकी
अहेतुकी
शुद्ध रूप: अहेतुकी
वेतुकी
अभितुकी
13. निम्नलिखित में द्वन्द्व समास बताइए।
शोकाकुल
सर्वोत्तम
वीरपुरूष
पाप-पुण्य
जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हों तथा प्रत्येक दो पदों के बीच और, एवं, तथा, या, अथवा में से किसी एक का लोप पाया जाये उसे द्वन्द्व समास कहते हैं। जैसे- पाप-पुण्य
14. ‘रूद्र संप्रदाय’ की स्थापना किसने की?
रूद्र स्वामी
श्रीस्वामी
विष्णु स्वामी
‘रूद्र संप्रदाय’ की स्थापना विष्णु स्वामी ने की थी। वहीं द्वैताद्वैतवाद की स्थापना निम्बार्काचार्य ने किया था।
निम्बार्काचार्य
15. रामानुजाचार्य ने किस दर्शन का प्रतिपादन किया?
अद्वैतवाद
शुद्धाद्वेतवाद
विशिष्टाद्वेतवाद
रामानुजाचार्य ने ‘विशिष्टाद्वेतवाद’ दर्शन का प्रतिपादन किया। वहीं अद्वैतवाद का शंकराचार्य, शुद्धाद्वेतवाद का विष्णुस्वामी और द्वैतवाद (ब्रह्म संप्रदाय) का मध्वाचार्य ने प्रतिपादन किया।
द्वैतवाद
16. ‘प्रत्येक’ का संधि विच्छेद होगा:
प्रत्य + एक
प्रति + एक
‘प्रत्येक’ का संधि विच्छेद ‘प्रति + एक’ होगा। इ + ए= ये (यण संधि)
प्रति + एक
प्रत्ये + एक
17. निम्न में से कौन-सी रचना व्याकरण ग्रंथ है?
कीर्तिपताका
चर्यापद
उक्तिव्यक्त प्रकरण
‘उक्तिव्यक्त प्रकरण’ व्याकरण ग्रंथ है। यह दामोदर शर्मा द्वारा रचित हिंदी व्याकरण का पहला ग्रंथ है।
वर्णरत्नाकर
18. सांप्रदायिक समस्या पर लिखा गया उपन्यास कौन है?
तमस
सांप्रदायिक समस्या पर लिखा गया उपन्यास ‘तमस’ (भीष्म साहनी) है। इसका प्रकाशन वर्ष 1973 ई. में हुआ था। वहीं बलचनमा ‘नागार्जुन’ का, अपने अपने अजनबी ‘अज्ञेय’ का और बूँद और समुद्र ‘अमृतलाल नागर’ का उपन्यास है।
बलचनमा
अपने अपने अजनबी
बूँद और समुद्र
19. ब्रजभाषा का क्षेत्र नहीं है?
धौलपुर
सरगुजा
सरगुजा छत्तीसगढ़ी भाषा का क्षेत्र है, जो छत्तीसगढ़ का एक जिला है। वहीं धौलपुर, मथुरा और आगरा ब्रजभाषा क्षेत्र हैं।
मथुरा
आगरा
20. ‘शिवराज भूषण’ ग्रंथ में किसका विवेचन मिलता है?
रस
ध्वनि
अलंकार
‘शिवराज भूषण’ (भूषण) ग्रंथ में अलंकार का विवेचन मिलता है। अलंकारों में उपमा अलंकार को ही उत्तम मानते हैं। शिवाबावनी, छत्रसालदशक, भूषण उल्लास, भूषण हजारा, दूषनोल्लासा इनके अन्य ग्रंथ हैं। शिवाबावनी और छत्रसाल दशक वीर रस से ओतप्रोत ग्रंथ है।
औचित्य
21. फणीश्वरनाथ रेणु कौन-सी कहानी है?
रसप्रिया
‘रसप्रिया’ फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की कहानी है। मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम), एक आदिम रात्रि की महक, लाल पान की बेगम, पंचलाइट, तबे एकला चलो रे, ठेस, संवदिया आदि इनकी अन्य कहानियाँ हैं। वहीं रसिकप्रिया ‘केशवदास’ की रचना है और प्रिया नीलकंठी एवं रसआखेटक ‘कुबेर नाथ राय’ के निबंध हैं।
रसआखेटक
रसिकप्रिया
प्रिया नीलकंठी
22. ‘साकेत’ महाकाव्य का सर्वाधिक मार्मिक सर्ग है:
षष्ठ
सप्तम
अष्टम
नवम्
‘साकेत’ महाकाव्य का सर्वाधिक मार्मिक ‘नवम्’ सर्ग है। इस सर्ग में मैथिलीशरण गुप्त ने उर्मिला के विरही जीवन के विभिन्न चित्र प्रस्तुत किए हैं।
23. ‘भारत-भारती’ का प्रकाशन किस वर्ष हुआ?
1912 ई.
‘भारत भारती’ मैथिलीशरण गुप्त की प्रसिद्ध काव्यकृति है जिसका प्रकाशन वर्ष 1912 ई. है।
1914 ई.
1916 ई.
1918 ई.
24. निम्न में से कौन रेखाचित्र विधा की रचना नहीं है?
कठगुलाब
‘कठगुलाब’ मृदुला गर्ग का उपन्यास है। ‘क्षण बोले कण मुस्काए’ कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर का रेखाचित्र है। ‘पुरानी स्मृतियाँ’ प्रकाशचन्द्र गुप्त का और ‘रेखाएँ बोल उठीं’ देवेंद्र सत्यार्थी का संस्मरण है।
क्षण बोले कण मुस्काए
पुरानी स्मृतियाँ
रेखाएँ बोल उठीं
25. समस्त पृथ्वी से संबंध रखने वाला कहलाता है-
सार्वभौमिक
समस्त पृथ्वी से संबंध रखने वाला ‘सार्वभौमिक’ कहलाता है।
सार्वदेशिक
सर्वज्ञ
सार्वकालिक
26. ‘पहला गिरमिटिया’ उपन्यास विशेषकर किस पर केंद्रित है?
पं. जवाहरलाल नेहरू
महात्मा गांधी
‘पहला गिरमिटिया’ गिरिराज किशोर द्वारा रचित एक उपन्यास है जो ‘महात्मा गांधी’ पर केंद्रित है।
लालबहादुर शास्त्री
विनोवा भावे
27. रीतिकाल को ‘अलंकृतकाल’ नाम किसने दिया?
रमाशंकर शुक्ल रसाल
विश्वनाथ मिश्र
मिश्रबन्धु
रीतिकाल को ‘अलंकृतकाल’ नाम मिश्रबन्धु ने दिया। रामचंद्र शुक्ल ने रीतिकाल, रमाशंकर शुक्ल रसाल ने ‘कलाकाल’, विश्वनाथ मिश्र ने ‘शृंगारकाल’ नाम दिया है।
रामचंद्र शुक्ल
28. ‘वागर्थ’ पत्रिका कहां से प्रकाशित होती है?
मुम्बई
वाराणसी
नई दिल्ली
कोलकाता
‘वागर्थ’ पत्रिका ‘कोलकाता’ से प्रकाशित होती है।
29. ‘सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक’ किसकी नाट्य कृति है?
सुरेन्द्र वर्मा
सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक’ सुरेन्द्र वर्मा की नाट्य कृति है।
रामकुमार वर्मा
महादेवी वर्मा
भगवती चरण वर्मा
30. महाप्राण ध्वनियाँ व्यंजन-वर्ग में किससे संबंधित हैं?
पहला, दूसरा
दूसरा, तीसरा
दूसरा, चौथा
व्यंजन-वर्ग में दूसरे और चौथे वर्ण महाप्राण ध्वनियाँ हैं। जैसे- ख, घ, छ, झ, ठ आदि।
पहला, चौथा
31. ‘जो मापा न जा सके’, इसका सही अर्थ है-
अमानक
अपरिग्रह
अपरिमेय
‘जो मापा न जा सके’, इसका सही अर्थ ‘अपरिमेय’ है।
अतुल्य
32. निम्न में कौन-सी रचना एवं रचनाकार का युग्म सही नहीं है?
काव्यनिर्णय- भिखारीदास
रसरहस्य- कुलपतिमिश्र
रसविलास- चिंतामणि
भावविलास- केशवदास
‘भावविलास’ (1746 ई.) कवि देव की रचना है। देव का पूरा नाम देवदत्ता था। अष्टयाम, भवानी विलास, कुशल विलास, प्रेम चंद्रिका, जातिविलास, रसविलास आदि इनके अन्य ग्रंथ हैं।
33. भारतेंदु ने यात्रावृत्त संबंधी कौन-सी रचना लिखी?
गया यात्रा
इलाहाबाद की यात्रा
गंगा पार की यात्रा
सरयू पार की यात्रा
भारतेंदु ने यात्रावृत्त संबंधी ‘सरयू पार की यात्रा’ लिखी है।
34. बिहारी हिंदी की बोली का नाम है-
मगही
मगही, भोजपुरी और मैथिली बिहारी हिंदी की बोलियाँ हैं। वहीं बघेली और छत्तीसगढ़ी पूर्वी हिंदी की तथा बुंदेली पच्छिमी हिंदी की बोली है।
बघेली
छत्तीसगढ़ी
बुंदेली
35. ‘दुक्खम-सुक्खम’ उपन्यास की लेखिका है-
चित्रा मुदगल
प्रभा खेतान
ममता कालिया
‘दुक्खम-सुक्खम’ उपन्यास की लेखिका ममता कालिया हैं। बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला आदि इनके अन्य उपन्यास हैं।
नासिरा शर्मा
36. ‘आर्द्र’ का विलोम शब्द है:
नम
शुष्क
‘आर्द्र’ का विलोम शब्द ‘शुष्क’ है।
गीला
लचीला
37. निम्न में से किस को ‘अपभ्रंश का वाल्मीकि’ कहा जाता है?
सरहपा
पुष्पदंत
स्वयंभू
‘स्वयंभू’ को ‘अपभ्रंश का वाल्मीकि’ कहा जाता है। इन्हें अपभ्रंश का आदि महाकवि भी कहा गया है। पउमचरिउ (पद्मचरित), रिट्ठणेमिचरिउ (अरिष्ट नेमिचरित या हरिवंश पुराण) और स्वयंभू छंदस् स्वयंभू की रचनाएँ हैं।
हेमचंद
38. ‘जगन्नाथ’ में कौन-सी संधि है?
वृद्धि संधि
यण संधि
स्वर संधि
व्यंजन संधि
‘जगन्नाथ’ में व्यंजन संधि है- जगत् + नाथ = जगन्नाथ
39. “भक्ति आंदोलन भारतीय चिंताधारा का स्वाभाविक विकास है।” यह कथन किसका है?
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
“भक्ति आंदोलन भारतीय चिंताधारा का स्वाभाविक विकास है।” यह कथन आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का है।
डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी
डॉ. भगीरथ मिश्र
40. प्रत्यय रहित शब्द बताइए।
मर्मज्ञ
वैज्ञानिक
कृपालु
अनुवाद
‘अनुवाद’ प्रत्यय रहित शब्द है। अनुवाद शब्द में अनु उपसर्ग और वाद मूल शब्द है- अनु + वाद = अनुवाद
41. ‘स्वप्न’ का विलोम है-
दिवास्वप्न
खुमारी
निद्रा
जागरण
‘स्वप्न’ का विलोम शब्द ‘जागरण’ है।
42. ‘कुटिल’ का विलोम है:
जटिल
रूढ़
ऋजु
‘कुटिल’ का विलोम शब्द ‘ऋजु’ है। वैसे कुटिल और जटिल का विलोम शब्द ‘सरल’ तथा वक्र का ‘ऋजु’ है।
वक्र
43. ‘पुरूष’ शब्द का विलोम है-
अपोरूष
सरल
कठोर
स्त्री
पुरूष शब्द का विलोम स्त्री, कठोर का कोमल और ‘सरल’ का विलोम शब्द कठिन, कुटिल तथा जटिल होता है।
44. ‘ओछे की प्रति बालू की भीति’ का भाव है-
बालू की दीवार कमजोर होती है।
ओछे लोग बालू की दीवार बनकर रहते है।
बालू की दीवार की भांति ओछे लोगों का प्रेम अस्थायी होता है।
‘ओछे की प्रति बालू की भीति’ का भाव- बालू की दीवार की भांति ओछे लोगों का प्रेम अस्थायी होता है।
बालू ओछा पदार्थ होता है।
45. ‘आवाहन’ का विलोम है-
अवगाहन
तिरोभाव
विसर्जन
‘आवाहन’ का विलोम शब्द ‘विसर्जन’ है।
धन्यवाद
46. ‘खेट कौतुकम’ किसकी रचना है?
रहीम
‘खेट कौतुकम’ रहीम की रचना है। इनका पूरा नाम अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ानाँ था। रहीम दोहावली, बरवै, नायिका भेद, मदनाष्टक, रास पंचाध्यायी, नगर शोभा आदि इनकी अन्य रचनाएँ हैं।
रसखान
कवि गंग
दादूदयाल
47. निम्न में से किस पत्रिका से संबंधित साहित्यकार नही हैं?
नया ज्ञानोदया- रवीन्द्र कालिया
पहल- ज्ञानरंजन
तद्भव- अखिलेश
दस्तावेज- रामचंद्र तिवारी
दस्तावेज के संपादन से रामचंद्र तिवारी का कोई संबंध नहीं है।
48. ‘उपजाऊ’ का विलोम है:
सिंचित
खाद
ऊसर
‘उपजाऊ’ का विलोम ‘ऊसर’ है।
बंजर
49. देश विभाजन की त्रासदी किस उपन्यास में वर्णित है?
राग दरबारी
गबन
झूठा सच
देश विभाजन की त्रासदी ‘झूठा सच’ (यशपाल) उपन्यास में वर्णित है। यह उपन्यास दो भागों में प्रकाशित है- ‘वतन और देश’ तथा ‘देश का भविष्य’।
इन्हीं हथियारों से
50. ‘घोटक’ का तद्भव रूप क्या है?
हय
अश्व
घोड़ा
‘घोटक’ का तद्भव रूप ‘घोड़ा’ है।
तुरंग
51. निम्न में से ‘मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार’ किसे नहीं कहा जा सकता है?
इलाचंद्र जोशी
जैनेंद्र
अज्ञेय
मनोहरश्याम जोशी
इलाचंद्र जोशी, जैनेन्द्र कुमार और अज्ञेय ‘मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार’ हैं। इलाचंद्र जोशी हिंदी में मनोवैज्ञानिक उपन्यासों के आरम्भकर्ता माने जाते हैं। जैनेद्र कुमार ने सूक्ष्म मनोवैज्ञानिक दृष्टि का परिचय दिया है। वहीं ‘अज्ञेय’ एक प्रौढ़ मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार हैं।
52. भाषा की सार्थक लघुत्तम इकाई है-
शब्द
भाषा की सार्थक लघुत्तम इकाई शब्द है।
ध्वनि
पद
वाक्य
53. ‘जिसने मृत्यु को जीत लिया है’ कहलाता है:
अमरत्व
मृत्युज्जय
‘जिसने मृत्यु को जीत लिया है’ वह ‘मृत्युज्जय’ कहलाता है।
अभयदान
अभयमुद्रा
54. मध्यवर्ग की परिवारिक समस्या को दर्शाने वाला नाटक है-
जनमेजय का नागयज्ञ
अंधायुग
आधे-अधूरे
मोहन राकेश का ‘आधे-अधूरे’ मध्यवर्ग की परिवारिक समस्या को दर्शाने वाला नाटक है। आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, पैरों तले की जमीन (अधूरा, कमलेश्वर ने पूरा किया) इनके अन्य नाटक हैं।
तमस
55. ‘दूसरी परम्परा की खोज’ किस विधा की रचना है?
आलोचना
‘दूसरी परम्परा की खोज’ (नामवर सिंह) आलोचना विधा की रचना है। हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योग, पृथ्वीराज रासो: भाषा और साहित्य, आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ, छायावाद, इतिहास और आलोचना, कहानी: नयी कहानी, कविता के नये प्रतिमान, वाद विवाद संवाद आदि उनके अन्य आलोचनात्मक ग्रंथ हैं।
कहानी
खोज एवं सर्वेक्षण
ललित निबंध
56. ‘अल्मोड़े का बाजार’ किस विधा की रचना है?
जीवनी
रिपोर्ताज
‘अल्मोड़े का बाजार’ (प्रकाशचंद्र गुप्त) रिपोर्ताज विधा की रचना है। बंगाल का अकाल और स्वराज्य भवन उनके अन्य रिपोर्ताज हैं।
प्रगीत
यात्रा वृत्त
57. अन्यमनस्क शब्द का आशय है-
जिसका मन अपनी ओर हो
जिसका मन किसी दूसरी ओर हो
अन्यमनस्क शब्द का आशय है- जिसका मन किसी दूसरी ओर हो।
जिसका मन निर्मल हो
जिसका मन केन्द्रित हो
58. निम्न में से दलित आत्मकथा नहीं है?
मेरी असफलताएं
मोहनदास नैमिशराय कृत ‘अपने-अपने पिंजरे’, ओमप्रकाश वाल्मीकि कृत ‘जूठन’ और सूरजपाल चौहान कृत तिरस्कृत दलित आत्मकथाएँ हैं। वहीं ‘मेरी असफलताएं’ बाबू गुलाब राय द्वारा रचित आत्मकथा है।
अपने-अपने पिंजरे
जूठन
तिरस्कृत
59. ‘परमानंद’ शब्द में कौन-सा समास है?
तत्पुरूष
इन्द्र
कर्मधारय
‘परमानंद’ शब्द में कर्मधारय समास हैं। इसका विग्रह होगा- ‘परम हैं जो आनंद’। जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा उपमेय हो, तो वह ‘कर्मधारय समास’ कहलाता है।
अव्ययी भाव
60. निम्न में से कौन अर्थालंकार है?
श्लेष
यमक
वक्रोक्ति
रूपक
रूपक अलंकार अर्थालंकार का भेद है।
61. निम्न में से कौन उपन्यास एवं उपन्यासकार का सही युग्म नहीं है?
महाभोज- मन्नू भंडारी
आवां- चित्रामुदगल
तत्सम- राजी सेठ
मुझे सूरज चाहिए- सुरेन्द्र वर्मा
सुरेन्द्र वर्मा के उपन्यास का नाम ‘मुझे चांद चाहिए’ है।
62. ‘केशव कहि न जाइ का कहए’ यह पंक्ति किस कवि की है?
केशवदास
कबीरदास
तुलसीदास
‘केशव कहि न जाइ का कहए’ पंक्ति तुलसीदास की है।
नरहरिदास
63. ‘अंजोदीदी’ किस विधा की रचना है?
कविता
नाटक
‘अंजो दीदी’ उपेन्द्रनाथ अश्क का नाटक है। जय-पराजय, स्वर्ग की झलक, छठा बेटा, अलग-अलग रस्ते, कैद, उड़ान, तकल्लुफ, पैंतरे, अंधी गली, बड़े खिलाड़ी, भँवर आदि इनके अन्य नाटक हैं।
कहानी
उपन्यास
64. ‘उपदेश रसायन’ के रचयिता कौन हैं?
जिनदत्त सूरि
‘उपदेश रसायन’ के रचयिता जिनदत्त सूरि हैं। कालस्वरूपकुलक और चर्चरी भी उन्हीं के ग्रंथ हैं।
जिनधर्म सूरि
शालिभद्र सूरि
धनपाल
65. ‘अंगदपैज’ की रचना किसने की है?
नाभादास
धरणीदास
ईश्वरदास
अंगदपैज और भरतमिलाप की रचना ईश्वरदास ने की है।
मलूकदास
66. संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत हिंदी को संघ की राजभाषा का दर्जा मिला?
अनुच्छेद 343
संविधान के अनुच्छेद 343 के अंतर्गत हिंदी को संघ की राजभाषा का दर्जा मिला।
अनुच्छेद 344
अनुच्छेद 345
अनुच्छेद 346
67. ‘अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना’ मुहावरा है:
अपनी बातें छिपाना
अपनी निंदा स्वयं करना
अपनी प्रशंसा स्वयं करना
‘अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना’ मुहावरा का अर्थ ‘अपनी प्रशंसा स्वयं करना’ है।
अपनी चर्चा स्वयं करना
68. ‘उद्योग’ का संधि होगा:
उत् + योग
‘उद्योग’ का संधि ‘उत् + योग’ (व्यंजन संधि) होगा।
उद् + योग
उध + योग
उत् + उपयोग
69. राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?
बालगंगाधर तिलक
मुंशी आयंगर
बाल गंगाधर खेर
राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष ‘बाल गंगाधर खेर’ थे।
काका साहब कालेलकर
70. पश्चिमी हिंदी में कौन बोली है?
मगही
कन्नौजी
पश्चिमी हिंदी में कन्नौजी, हरियाणी, ब्रजभाषा, खड़ी बोली और बुंदेली बोली आती हैं। वहीं मगही और मैथिली बिहारी हिंदी तथा अवधी पूर्वी हिंदी की बोली है।
मैथिली
अवधी
71. निम्न में से कौन वार्णिक छंद है?
दोहा
चौपाई
सवैया
सवैया वार्णिक छंद है।
रोला
72. निम्न में से कौन-सी रचना के रचनाकार का नाम सही नहीं है?
फूल नहीं रंग बोलते हैं- केदारनाथ अग्रवाल
उस जनपद का कवि हूँ- त्रिलोचन शास्त्री
संसद से सड़क तक- सुदामा पांडेय धूमिल
सीढ़ियों पर धूप में- शमशेर बहादुर सिंह
सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध, हँसो हँसो जल्दी हँसो आदि रघुवीर सहाय के प्रमुख कविता संग्रह हैं। वहीं शमशेर बहादुर सिंह कृत कुछ कविताएँ, कुछ और कविताएँ, चुका भी हूँ नहीं मैं, इतने पास अपने, बात बोलेगी, काल तुझसे होड़ है मेरी, कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँ, सुकून की तलाश में आदि कविता-संग्रह हैं।
73. ‘पंचवटी’ शब्द में कौन-सा समास है?
कर्मधारय
द्विगु
‘पंचवटी’ शब्द में द्विगु समास है। पंचवटी का समास विग्रह- ‘पांच वटों का समाहार’ है।
अव्ययीभाव
तत्पुरूष
74. पाप और पुण्य के चिरंतन नैतिक प्रश्न को किस उपन्यास में प्रस्तुत किया गया है?
सामर्थ्य और सीमा
चित्रलेखा
पाप और पुण्य के चिरंतन नैतिक प्रश्न को ‘चित्रलेखा’ (भगवती चरण वर्मा) उपन्यास में प्रस्तुत किया गया है।
भूले बिसरे चित्र
आखिरी दाँव
75. उदय प्रकाश द्वारा कौन-सी कहानी नहीं है?
तिरिछ
पाल गोमरा का स्कूटर
पीली आँधी
तिरिछ, पाल गोमरा का स्कूटर और दरियाई घोड़ा ‘उदय प्रकाश’ के कहानी संग्रह हैं। वहीं पीली आँधी उपन्यास ‘प्रभा खेतान’ का है।
दरियाई घोड़ा
76. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की नाट्य कृति का नाम है:
तिलचट्टा
शुतुरमुर्ग
अंधों का हाथी
बकरी
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की नाट्य कृति का नाम ‘बकरी’ है। लड़ाई, अब गरीबी हटाओ, कल भात आएगा तथा हवालात आदि इनके अन्य नाटक हैं।
77. किस कवि को ‘अभिनव जयदेव’ नाम से जाना जाता है?
विद्यापति
विद्यापति को ‘अभिनव जयदेव’ नाम से जाना जाता है।
भवभूति
नरसी मेहता
रविदास
78. ‘कलश’ का पर्याय है-
जल
कुम्भ
कलश का पर्यायवाची शब्द- कुंभ, घड़ा, गगरा, घट आदि है।
पात्र
उपस्कर
79. ‘कामायनी’ में श्रद्धा किसका प्रतीक है?
तन का
मन का
हृदय का
‘कामायनी’ में श्रद्धा ‘हृदय का’, मनु ‘मन का’ और इड़ा ‘बुद्धि का’ प्रतीक है।
बुद्धि का
80. ‘प्रबंध चिंतामणि’ के रचयिता का नाम है-
दामोदर पंडित
कवि आसुग
रोडा कवि
मेरूतुंग
‘प्रबंध चिंतामणि’ के रचयिता मेरूतुंग हैं। यह जैन साहित्य का एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है जो पाँच भागों में विभाजित है।
81. निम्न में अर्द्धस्वर कहलाता है-
य
जिन ध्वनियों के उच्चारण में उच्चारण अवयवों में कहीं भी पूर्ण स्पर्श नहीं होता तथा श्वासवायु अनवरोधित रहती है उन्हें अर्द्धस्वर कहते हैं। हिंदी में ‘य’ और ‘व’ अर्द्धस्वर हैं।
म
र
ल
82. किस शब्द में ‘आ’ उपसर्ग नहीं है-
आजन्म
आगमन
आकर्षक
आदरणीया
आदरणीया शब्द में ‘नीय’ प्रत्यय है।
83. ‘प्रबोधपचासा’ ग्रंथ के रचयिता कौन है?
रामानंद
कबीर
मतिराम
पद्माकर
‘प्रबोधपचासा’ ग्रंथ के रचयिता पद्माकर हैं। हिम्मतबहादुर विरुदावली, पद्माभरण, जगद्विनोद, रामरसायन, गंगालहरी, प्रतापसिंह विरूदावली, ईश्वर-पचीसी, यमुनालहरी, प्रतापसिंह-सफरनामा, भग्वत्पंचाशिका, कलि-पचीसी, हितोपदेश भाषा आदि इनके अन्य ग्रंथ हैं।
84. ‘अतीन्द्रिय’ शब्द का आशय है?
इंद्रियों की पहुँच से बाहर
‘अतीन्द्रिय’ शब्द का आशय- ‘इंद्रियों की पहुँच से बाहर’ है।
इंद्रियों की रखवाली करने वाला
इंद्रियों का स्वामी
इंद्रियों के वश में रहने वाला
85. ‘झीनी-झीना बीनी चदरिया’ किस उपन्यासकार की कृति है?
राही मासूम रजा
अब्दुल बिस्मिल्लाह
‘झीनी-झीना बीनी चदरिया’ अब्दुल बिस्मिल्लाह की कृति है। मुखड़ा क्या देखें, समर शेष है, जहरबाद, दंतकथा, अपवित्र आख्यान और रावी लिखता है आदि उनके अन्य उपन्यास हैं।
असगर वजाहत
मुद्राराक्षस
86. ‘जो अधिक बोलता है’ उसे कहते हैं:
मितभाषी
मृदुभाषी
वक्ता
वाचाल
‘जो अधिक बोलता है’ उसे वाचाल कहते हैं।
87. निम्न में से कौन-सी रचना एवं उसके रचनाकार का युग्म सही नहीं है?
कविता कौमुदी- रामनरेश त्रिपाठी
हिमकिरीटिना- माखनलाल चतुर्वेदी
हल्दीघाटी- श्यामनारायण पांडेय
रसवंती- सियारामशरण गुप्त
रसवंती के रचनाकार रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं। वहीं अनुरुपा तथा अमृत पुत्र, दैनिकी नकुल, नोआखली में, जय हिन्द, पाथेय, मृण्मयी तथा आत्मोसर्ग आदि काव्य ग्रंथ सियारामशरण गुप्त के हैं।
88. ‘अमीर खुसरो’ किस नाम से जाने जाते थे?
तूतिए हिन्द
‘अमीर खुसरो’ तूतिए हिन्द नाम से भी जाने जाते हैं।
तोता-ए-हिन्द
सितारे हिन्द
सरहिन्द
89. ‘धन्य भारत भूमि सब रतननि की उपजावनि’ इस पंक्ति के लेखक हैं:
प्रताप नारायण मिश्र
बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
भारतेंदु हरिश्चंद्र
इस पंक्ति के लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र हैं।
मैथिलीशरण गुप्त
90. “नाटक के लिए रंगमंच होना चाहिए, रंगमंच के लिए नाटक नहीं” यह कथन किसका है?
मोहन राकेश
मुद्राराक्षस
डॉ. रामकुमार वर्मा
जयशंकर प्रसाद
“नाटक के लिए रंगमंच होना चाहिए, रंगमंच के लिए नाटक नहीं” यह कथन जयशंकर प्रसाद का है।
91. निराला किस पत्रिका से संबंधित नहीं थे?
सुधा
इंदु
निराला के संपादकत्व में सुधा, मतवाला और समन्वय पत्रिका निकले थे। इंदु काशी से निकलने वाली एक मासिक पत्रिका थी जिसके संपादक अंबिका प्रसाद गुप्त थे।
समन्वय
मतवाला
92. ‘जो शीघ्र ही किसी बात या युक्ति को सोच ले’ उसे कहेंगे:
सहमति
व्युत्पन्नमति
प्रत्यपन्नमति
‘जो शीघ्र ही किसी बात या युक्ति को सोच ले’ उसे प्रत्यपन्नमति कहेंगे।
सम्मति
93. ‘वीभत्स रस’ का स्थायी भाव है:
शोक
विस्मय
जुगुप्सा
‘वीभत्स रस’ का स्थायी भाव जुगुप्सा है। घृणित व्यक्ति या वस्तु को देखकर या उनके बारे में विचार करके मन में जो घृणा या ग्लानि उत्पन्न होती है, वीभत्स रस कहलाती है।
अद्भुत
94. ‘सूरदास’ किस उपन्यास का चर्चित पात्र है?
गोदान
कर्मभूमि
रंगभूमि
‘सूरदास’ रंगभूमि उपन्यास का चर्चित पात्र है। प्रेमचंद के इस उपन्यास में सूरदास के अलावा सोफी, विनय, जॉन सेवक, प्रभु सेवक आदि पात्र भी महत्वपूर्ण हैं।
कायाकल्प
95. ‘कड़ाही से गिरा चूल्हे में आ पड़ा’ का भाव है:
एक विपत्ति से छूटकर दूसरी में आ पड़ना।
‘कड़ाही से गिरा चूल्हे में आ पड़ा’ का भाव है: एक विपत्ति से छूटकर दूसरी में आ पड़ना।
एक बार भूल होती है तो बार-बार होती है।
कड़ाही चूल्हे में गिर गई।
कड़ाही और चूल्हा पास-पास होता है।
96. ‘साये में धूप’ काव्य-कृति के रचयिता हैं:
रघुवीर सहाय
दुष्यंत कुमार
‘साये में धूप’ काव्य-कृति के रचयिता दुष्यंत कुमार हैं। एक कंठ विषपायी, सूर्य का स्वागत, आवाज़ों के घेरे, जलते हुए वन का बसंत आदि इनकी अन्य रचनाएँ हैं।
नरेश मेहता
धर्मवीर भारती
97. ‘आसक्त’ का विलोम है-
विरक्त
‘आसक्त’ का विलोम शब्द विरक्त और अनासक्त है।
अनुरक्त
संसक्ति
विभक्त
98. ‘वह पथ बंधु था’ उपन्यास के लेखक हैं:
नरेश मेहता
‘वह पथ बंधु था’ उपन्यास के लेखक नरेश मेहता हैं। डूबते मस्तूल, श्रुति-विस्तार, श्रुति-आलाप, दो एकांत, प्रथम फाल्गुन, उत्तरकथा आदि इनके अन्य उपन्यास हैं।
प्रभाकर माचवे
भैरव प्रसाद गुप्त
रांगेय राघव
99. ‘तदीय समाज’ से किसका संबंध था?
केशवचंद्र सेन
भारतेंदु हरिशचंद्र
‘तदीय समाज’ से भारतेंदु हरिशचंद्र का संबंध था। वैष्णव भक्ति के प्रचार के लिए उन्होंने ‘तदीय समाज’ की स्थापना 1873 ई में की थी।
राजा राममोहन राय
ईश्वरचंद्र विद्यासागर
100. ‘विज्ञानगीता’ की रचना किसने की?
व्यास जी
बाल गंगाधर तिलक
केशवदास
‘विज्ञानगीता’ की रचना केशवदास ने की है। रसिकप्रिया, कविप्रिया, नखशिख, छंदमाला, रामचंद्रिका, वीरसिंहदेव चरित, रतनबावनी और जहाँगीर जसचंद्रिका आदि उनकी अन्य रचनाएँ हैं।
चिंतामणि
101. आदिकाल को ‘बीजवपन काल’ नाम किसने दिया?
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
आचार्य भगीरथ मिश्र
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
आदिकाल को ‘बीजवपन काल’ नाम आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने दिया है। वहीं रामचंद्र शुक्ल ने वीरगाथाकाल और विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने वीरकाल।
आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
102. ‘लक्ष्मीपुरा’ किस विधा की रचना है?
यात्रावृत्त
निबंध
रिपोर्ताज
‘लक्ष्मीपुरा’ रिपोर्ताज विधा की रचना है। शिवदान सिंह चौहान कृत लक्ष्मीपुरा को हिंदी का पहला रिपोर्ताज माना जाता है।
डायरी
103. रामवृक्ष बेनीपुरी की कौन-सी कृति यात्रावृत्त की है?
सागर की लहरों पर
अप्रवासी की यात्राएँ
पैरों में पंख बांधकर
‘पैरों में पंख बांधकर’ और ‘उड़ते चलो-उड़ते चलो’ रामवृक्ष बेनीपुरी के यात्रावृत्त हैं। वहीं ‘सागर की लहरों पर’ भगवतशरण उपाध्याय का, ‘अप्रवासी की यात्राएँ’ डॉ. नगेंद्र का और ‘मेरी यूरोप यात्रा’ राहुल सांकृत्यायन के यात्रा वृत्त हैं।
मेरी यूरोप यात्रा
104. ‘बिनु पग चले सुने बिनु काना; इसमे कौन-सा अलंकार है?
विभावना
‘बिनु पग चले सुने काना’ में विभावना अलंकार है। जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है।
श्लेष
रूपक
वक्रोक्ति
105. निम्न में से किस कवि ने ‘सतसई’ की रचना नहीं की है?
मतिराम
सेनापति
सेनापति ने ‘सतसई’ की रचना नहीं की है। मतिराम, बिहारी, वृंद और अमीरदास ने सतसई की रचना की है।
बिहारी
वृंद
106. ‘प्रभु जी तुम चंदन हम पानी’ इस पंक्ति के रचनाकार हैं?
चंदनदास
संत रैदास
‘प्रभु जी तुम चंदन हम पानी’ इस पंक्ति के रचनाकार रैदास हैं।
मकूलदास
नानक
107. ‘देसिल बअना सबजन मिट्ठा’ यह प्रसिद्ध उक्ति किसने कही?
विद्यापति
‘देसिल बअना सबजन मिट्ठा। ते तैसन जम्पओ अवहटट्ठाII’ यह प्रसिद्ध उक्ति विद्यापति ने कही है।
अमीर खुसरो
अब्दुर्रहमान
कवि गंग
108. ‘अकाल पुरूष गांधी’ किसने इस जीवनी की रचना की है?
जैनेंद्र
‘अकाल पुरूष गांधी’ जीवनी की रचना जैनेंद्र ने की है।
अज्ञेय
डॉ. देवराज
प्रभाकर माचवे
109. कौन देशज प्रत्यय का उदाहरण नहीं है?
फर्राटा
अड़ियल
उच्चतर
‘उच्चतर’ में तत्सम प्रत्यय ‘तर’ है।
घुमम्कड़
110. कबीर किस शासक के समकालीन थे?
हुमायूँ
अकबर
सिकंदर लोदी
‘कबीर’ सिकंदर लोदी के समकालीन थे।
बहादुरशाह जफर
111. निम्न में से कौन शिलांकित कृति है?
पाहुड़दोहा
राउलवेल
राउलवेल शिलांकित कृति है, जिन शिलाओं पर यह लिखी गई थी वह मध्यप्रदेश के (मालवा क्षेत्र) धार जिले से प्राप्त हुई है और वर्तमान में मुम्बई के ‘प्रिन्स ऑफ वेल्स संग्रहालय’ में सुरक्षित रखी हुई है। इसके लेखक रोडा कवि हैं।
प्राकृत पैंगलम
वर्णरत्नाकर
112. आदिकाल को ‘प्रारंभिक काल’ नाम किसने दिया?
डॉ. ग्रियर्सन
मिश्रबन्धु
आदिकाल को ‘प्रारंभिक काल’ नाम मिश्रबन्धुओं ने दिया था। रामचंद्र शुक्ल ने वीरगाथाकाल, महावीर प्रसाद द्विवेदी ने बीज वपन काल और हजारी प्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल कहा है।
महावीर प्रसाद द्विवेदी
हजारी प्रसाद द्विवेदी
113. ‘प्रेम का पंथ कराल महा, तरवारि का धार पे धावनों है।’ इस पंक्ति के रचयिता हैं:
आलम
मतिराम
घनानंद
बोधा
‘उपरोक्त पंक्ति के रचयिता बोधा हैं।
114. वीर रस का स्थायी भाव है:
शोक
भय
उत्साह
वीर रस का स्थायी भाव उत्साह है। जिस काव्य में वीरता युक्त भाव प्रकट हो, जिसके माध्यम से उत्साह का प्रदर्शन किया गया हो वहाँ वीर रस होता है।
निर्वेद
115. ‘अर्धकथानक’ किस विधा की रचना है?
जीवनी
उपन्यास
आत्मकथा
‘अर्धकथानक’ आत्मकथा विधा की रचना है। यह किसी भारतीय भाषा में लिखी हुई प्रथम आत्मकथा है। इसके लेखक बनारसीदास चतुर्वेदी हैं।
नाटक
116. निम्न में से प्रत्यय रहित शब्द है:
दर्शनीय
दुर्गुण
प्रत्यय रहित शब्द दुर्गुण है। दुर्गुण में दुर् उपसर्ग है।
भिक्षुक
कर्त्तव्य
117. हिंदी में स्वच्छंदतावाद का कवि किसे कहा जाता है?
हरिऔध
रामनरेश त्रिपाठी
हिंदी में स्वच्छंदतावाद का कवि ‘रामनरेश त्रिपाठी’ को कहा जाता है।
श्रीधर पाठक
राधाकृष्ण दास
118. चंद्रिका का पर्याय है-
चंद्रहास
रजत
कौमुदी
चंद्रिका का पर्याय शब्द- कौमुदी, चाँदनी, ज्योत्स्ना आदि हैं।
स्वर्णकिरण
119. निम्न पंक्तियों में कौन-सा रस है-
‘समरस थे जड़ या चेतन सुंदर साकार बना था।चेतनता एक विलसती आनंद अखंड घना था।’
श्रृंगार रस
करूण रस
शांत रस
उपरोक्त पंक्ति में शांत रस है। संसार की नश्वरता और ईश्वर की सत्ता का ज्ञान हो जाने पर सांसारिक माया-मोह के प्रति ग्लानि या वैराग्य-सा हो जाता है। इस वैराग्य भावना को ही ‘विर्नेद’ कहते हैं, यही ‘निर्वेद’ स्थायी भाव; विभाव, अनुभाव तथा संचारी भावों से संयुक्त होकर रस रूप में परिणत हो जाता है, तब ‘शांत रस’ कहलाता है।
भयानक रस
120. ‘अधिकार खोकर बैठना यह महादुष्कर्म है।’ इस पंक्ति के रचयिता है:
रामधारी सिंह दिनकर
‘अधिकार खोकर बैठना यह महादुष्कर्म है।’ इस पंक्ति के रचयिता रामधारी सिंह दिनकर है।
मैथिलीशरण गुप्त
निराला
सुभद्रा कुमारी चौहान
121. ‘न बहुत गर्म न बहुत ठण्डा’ कहलाता है:
समशीत
उष्णकटिबन्ध
समउष्ण
समशीतोष्ण
‘न बहुत गर्म न बहुत ठण्डा’ समशीतोष्ण कहलाता है।
122. शालिभद्र सूरि की रचना का नाम है-
नेमिनाथ दास
भरतेश्वर बाहुबली दास
शालिभद्र सूरि की रचना का नाम ‘भरतेश्वर बाहुबली दास’ है। डॉ. गणपति चन्द्र गुप्त शालिभद्र सूरि को हिंदी का प्रथम कवि माना है। बुद्धि रस, जीव दया रस, चन्दन बाला रास, जम्बूस्वामी रास, रेवन्त गिरि रास, नेमिनाथ रास, गद्यसुकुमाल रास आदि इनकी अन्य रासो ग्रंथ हैं।
सुमितिगण दास
जयमयंक जसचंद्रिका
123. ‘हम विषपायी जनम के’ इस काव्यकृति के रचनाकार हैं-
सुभद्रा कुमारी चौहान
रामनरेश त्रिपाठी
बालकृष्ण शर्मा नवीन
‘हम विषपायी जनम के’ काव्यकृति के रचनाकार बालकृष्ण शर्मा नवीन हैं। कुमकुम, रश्मिरेखा, अपलक, क्वासि, उर्मिला, विनोबा स्तवन, प्राणार्पण आदि इनके अन्य काव्य ग्रंथ हैं।
गोपाल सिंह नेपाली
124. वल्लभाचार्य द्वारा रचित ग्रंथ का नाम है-
सिद्धान्त संग्रह
अध्यात्म रामायण
महाभाष्य
अणुभाष्य
वल्लभाचार्य द्वारा रचित ग्रंथ का नाम ‘अणुभाष्य’ है। इनका दार्शनिक मत शुद्धाद्वैत और मार्ग पुष्टिमार्ग है।
125. निम्न में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
संस्कृत में तीन वचन होते हैं।
हिंदी में दो वचन होते हैं।
हिंदी में दो लिंग होते हैं।
संस्कृत में हिंदी की तरह दो लिंग होते हैं।
संस्कृत में हिंदी की तरह दो लिंग नहीं होते अपितु तीन लिंग होते हैं- पुलिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग।
UP TGT Hindi Previous Year Question Paper-