UP TGT Hindi 2004/2 के question paper को यहाँ दिया जा रहा है। TGT, PGT Hindi की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को इसे एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन परीक्षा (TGT Hindi) 2004 के question paper का व्याख्यात्मक हल को पढ़कर आप अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। up tgt hindi previous year question paper के अंतर्गत यह पाँचवाँ प्रश्न-पत्र है।
टीजीटी हिंदी- 2004/2
1. ‘देहाती दुनिया’ के रचनाकार हैं:
- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
- शिवपूजन सहाय
- बलभद्र दीक्षित पढ़ीस
Ans (3): ‘देहाती दुनिया’ के रचनाकार शिवपूजन सहाय हैं। शिवपूजन सहाय को भाषा का जादूगर कहा जाता है।
2. ‘गेहूँ और गुलाब’ की रचना विधा है:
- उपन्यास
- कहानी
- नाटक
- इनमें से कोई नहीं
Ans (4): रामवृक्ष बेनीपुरी की रचना ‘गेहूँ और गुलाब’ एक संस्मरणात्मक रेखाचित्र है। इनके अन्य रेखाचित्र- माटी की मूरतें, लाल तारा, मील के पत्थर आदि हैं।
3. ‘आवास मसीहा’ किसकी जीवनी पर आधारित उपन्यास है?
- प्रेमचंद
- बंकिमचंद्र
- शरतचंद्र
- रवीन्द्रनाथ ठाकुर
Ans (3): ‘आवास मसीहा’ शरतचंद्र के जीवनी पर आधारित उपन्यास है। ‘आवास मसीहा’ के लेखक विष्णु प्रभाकर हैं। वहीं प्रेमचंद की जीवनी ‘कलम का सिपाही’ अमृत राय ने लिखी है।
4. ‘मेरी जीवन यात्रा’ किसकी आत्मकथा है?
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
- महावीर प्रसाद द्विवेदी
- राहुल सांकृत्यायन
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): ‘मेरी जीवन यात्रा’ राहुल सांकृत्यायन की आत्मकथा है।
5. ‘आधा गाँव’ के लेखक हैं:
- मेहरुन्निस परवेज
- शानी
- राही मासूम रजा
- असगर वजाहत
Ans (3): ‘आधा गाँव’ उपन्यास के लेखक राही मासूम रजा हैं। राही मासूम रजा के अन्य उपन्यास टोपी शुक्ला, ओस की बूँद, सीन- 75, हिम्मत जौनपुरी, दिल एक सादा कागज आदि हैं।
6. हिंदी में शिकार साहित्य के अप्रतिम लेखक हैं:
- जगमोहन सिंह
- चंद्रधर शर्मा गुलेरी
- श्रीराम शर्मा
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): हिंदी में शिकार साहित्य के अप्रतिम लेखक ‘श्रीराम शर्मा’ हैं।
7. निम्नलिखित में से तारसप्तक में कौन कवि शामिल नहीं था?
- प्रभाकर माचवे
- नेमिचंद्र जैन
- भारत भूषण अग्रवाल
- रामधारी सिंह दिनकर
Ans (4): अज्ञेय के संपादनकत्व में ‘तारसप्तक’ का प्रकाशन 1943 ई. में होता है। इसमें सात कवियों- प्रभाकर माचवे, भरत भूषण अग्रवाल, नेमिचंद्र जैन, गिरिजा कुमार माथुर, रामविलास शर्मा, मुक्तिबोध, अज्ञेय की कविताएँ संकलित थीं।
8. ‘एक बूँद सहसा उछली’ की रचना विधा है:
- संस्मरण
- डायरी
- रिपोर्ताज
- यात्रा वृत्त
Ans (4): अज्ञेय द्वारा रचित‘एक बूँद सहसा उछली’ यात्रा वृत्त है। अज्ञेय के अन्य यात्रा वृतांत- अरे यायावर रहेगा याद, बहता पानी निर्मल आदि हैं।
9. ‘चारू चंद्रलेख’ के उपन्यासकार हैं:
- महावीर प्रसाद द्विवेदी
- भगवतीचरण वर्मा
- वृदावनलाल वर्मा
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
Ans (4): ‘चारू चंद्रलेख’ के उपन्यासकार हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं। हजारी प्रसाद द्विवेदी के अन्य उपन्यास- बाणभट्ट की आत्मकथा, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा आदि हैं।
10. ‘गली आगे मुड़ती है’ के लेखक हैं:
- नामवर सिंह
- शिवप्रसाद सिंह
- अज्ञेय
- मोहन राकेश
Ans (2): ‘गली आगे मुड़ती है’ उपन्यास के लेखक शिवप्रसाद सिंह हैं। शिवप्रसाद सिंह के अन्य उपन्यास- अलग-अलग वैतरिणी, दिल्ली दूर है, कुहरे में युद्ध, वैश्वानर, औरत आदि हैं।
11. ‘पृथ्वीराज की आँखें’ शीर्षक नाटक के रचयिता हैं:
- उदयशंकर भट्ट
- लक्ष्मीनारायण मिश्र
- रामकुमार वर्मा
- सेठ गोविंददास
Ans (3): ‘पृथ्वीराज की आँखें’ शीर्षक नाटक के रचयिता रामकुमार वर्मा हैं। रामकुमार वर्मा के अन्य नाटक और एकांकी- विजय पर्व, रेशमी टाई, दीपदान, चारूमित्रा, इन्द्रधनुष, रजत रश्मि, रूपरंग आदि हैं।
12. ‘कुआनो नदी’ कविता संग्रह के कवि हैं:
- त्रिलोचन
- भारत भूषण अग्रवाल
- अज्ञेय
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Ans (4): ‘कुआनो नदी’ कविता संग्रह के कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हैं। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की अन्य रचनाएँ- काठ की घंटियाँ, बाँस का पुल, खूँटियों पर टँगे लोग, जंगल का दर्द, एक सुनी नाव, गर्म हवाएँ आदि हैं।
13. ‘आत्महत्या के विरुद्ध’ कविता संकलन के कवि हैं:
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- धर्मवीर भारती
- रघुवीर सहाय
- मुक्तिबोध
Ans (3): ‘आत्महत्या के विरुद्ध’ कविता संकलन के कवि रघुवीर सहाय हैं। रघुवीर सहाय की अन्य रचनाएँ- सीढ़ियों पर धूप में, हँसो-हँसो और जल्दी हँसो, लोग भूल गए हैं आदि है।
14. ‘धर्मयुग’ पत्रिका के यशस्वी संपादक थे?
- रघुवीर सहाय
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- राजेन्द्र यादव
- धर्मवीर भारती
Ans (4): ‘धर्मयुग’ साप्ताहिक पत्रिका के संपादक धर्मवीर भारती थे। इसके अलावा उन्होंने निकर्ष, आलोचना आदि पत्रों का भी संपादन किया।
15. ‘भारतेंदु युग और हिंदी भाषा की विकास-परम्परा’ के लेखक हैं?
- डॉ. नामवर सिंह
- लक्ष्मीकांत वर्मा
- विजयदेव नारायण साही
- रामविलास शर्मा
Ans (4): ‘भारतेंदु युग और हिंदी भाषा की विकास-परम्परा’ के लेखक रामविलास शर्मा हैं। रामविलास शर्मा के अन्य आलोचनात्मक ग्रंथ- भाषा और समाज, भारतेंदु हरिश्चंद्र, आस्था और सौंदर्य, महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण, नयी कविता और अस्तित्ववाद, मार्क्स और पिछड़े हुए समाज आदि हैं।
16. श्रीलाल शुक्ल की रचना है-
- आषाढ़ का एक दिन
- कटरा बी आरजू
- राग दरबारी
- सारा आकाश
Ans (3): ‘राग दरबारी’ उपन्यास श्रीलाल शुक्ल की रचना है। इनके अन्य उपन्यास- विश्रामपुर का संत, आदमी का जहर आदि हैं। वहीँ ‘आषाढ़ का एक दिन’ नाटक के लेखक मोहन राकेश, ‘कटरा बी आरजू’ उपन्यास के लेखक राही मासूम रजा और ‘सारा आकाश’ उपन्यास के लेखक राजेंद्र यादव हैं।
17. ‘स्वार्थ’ का विलोम होगा-
- परमार्थ
- नि:स्वार्थ
- परोपकार
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘स्वार्थ’ का विलोम परमार्थ होगा।
18. ‘कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय’ में कौन सा अलंकार है?
- यमक
- अनुप्रास
- श्लेष
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय’ में यमक अलंकार है। क्योंकि जहाँ कोई शब्द एक से अधिक बार आये और उसके भिन्न अर्थ हों, वहाँ यमक अलंकार होता है।
19. निम्नलिखित में से वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध शब्द का चयन करें:
- पूज्यनिय
- उज्जल
- परिपर्शिवक
- जोत्सना
Ans (3): वर्तनी की दृष्टि से ‘परिपर्शिवक’ शुद्ध शब्द है।
20. ‘ध्वन्यालोक’ किस तत्व से संबंधित ग्रंथ है?
- अलंकार
- रस
- नाट्य
- ध्वनि
Ans (4): ‘ध्वन्यालोक’ ध्वनि से संबंधित ग्रंथ है। इसके लेखक आनंद वर्द्धन हैं।
21. संविधान के अनुच्छेद 351 में किस विषय का वर्णन है?
- संघ की राजभाषा
- उच्चतम न्यायालय की भाषा
- पत्राचार की भाषा
- हिंदी भाषा के विकास से संबंधित निर्देश
Ans (4): संविधान के अनुच्छेद 351 में ‘हिंदी भाषा के विकास से संबंधित निर्देश’ का वर्णन है।
22. कौन-सा शब्द ‘गंगा’ का पर्यायवाची नहीं है?
- जान्हवी
- देवापगा
- सुरसरि
- सरिता
Ans (4): ‘गंगा’ के पर्यायवाची शब्द- जान्हवी, देवापगा, सुरसरि आदि हैं जबकि ‘सरिता’ नदी का पर्यायवाची शब्द है।
23. निम्नलिखित में से कौन मार्क्सवादी विचारधारा का आलोचक नहीं हैं?
- नामवर सिंह
- शिवदान सिंह चौहान
- रामविलास शर्मा
- विजयदेव नारायण साही
Ans (4): नामवर सिंह, शिवदान सिंह चौहान और रामविलास शर्मा मार्क्सवादी आलोचक हैं वहीं ‘विजयदेव नारायण साही’ मार्क्सवादी विचारधारा के आलोचक नहीं हैं।
24. ‘कनुप्रिया’ के लेखक हैं?
- नंददुलारे वाजपेयी
- वीरेन्द्र मिश्र
- मोहन राकेश
- धर्मवीर भारती
Ans (4): ‘कनुप्रिया’ के लेखक धर्मवीर भारती हैं। इनकी अन्य रचनाएँ- अंधा युग, सात गीत वर्ष, ठंडा लोहा, देशांतर आदि हैं।
25. ‘नए इलाके में’ किसकी काव्य कृति है?
- बोधिसत्व
- विनोद कुमार शुक्ल
- उदय प्रकाश
- अरूण कमल
Ans (4): ‘नए इलाके में’ अरूण कमल की काव्य कृति है।
26. इनमें से कौन आंचलिक उपन्यासकार है?
- प्रेमचंद
- जयशंकर प्रसाद
- राही मासूम रजा
- जैनेन्द्र कुमार
Ans (3): ‘राही मासूम रजा’ आंचलिक उपन्यासकार हैं। इनके प्रमुख उपन्यास- आधा गाँव, नीम का पेड़, कटरा बी आरजू, टोपी शुक्ला, ओस की बूंद, सीन 75 आदि हैं।
27. ‘पाल गोमरा का स्कूटर’ कहानी के लेखक हैं:
- प्रियंवद
- स्वयं प्रकाश
- उदय प्रकाश
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): ‘पाल गोमरा का स्कूटर’ कहानी के लेखक ‘उदय प्रकाश’ हैं।
28. ‘निषाद बाँसुरी’ की रचना विधा है:
- कहानी
- रेखाचित्र
- संस्मरण
- ललित निबंध
Ans (4): कुबेरनाथ राय कृत ‘निषाद बाँसुरी’ ललित निबंध है। इनके अन्य ललित निबंध- प्रिया नीलकंठी, रस आखेटक, गंधमादन, विषादयोग, महाकवि की तर्जनी, पर्ण मुकुट आदि हैं।
29. ‘टेढ़े-मेढ़े रास्ते’ के लेखक हैं:
- वृंदावन लाल वर्मा
- भगवतीचरण वर्मा
- विश्वम्भर नाथ शर्मा ‘कौशिक’
- चंडी प्रसाद हृदयेश
Ans (2): ‘टेढ़े-मेढ़े रास्ते’ उपन्यास के लेखक भगवतीचरण वर्मा हैं। इनके अन्य उपन्यास- चित्रलेखा, भूले-बिसरे चित्र, सामर्थ्य और सीमा, सीधी सच्ची बातें, सबहिं नचावत राम गोंसाईं आदि हैं।
30. ‘इंदुमती’ कहानी के लेखक हैं:
- मास्टर भगवानदास
- किशोरीलाल गोस्वामी
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- इनमें से कोई नहीं
Ans (2): ‘इंदुमती’ कहानी के लेखक किशोरीलाल गोस्वामी हैं। ‘इंदुमती’ को हिंदी का प्रथम कहानी माना जाता है जो 1900 ई. में ‘सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
31. ‘बुद्धू का काँटा’ कहानी के लेखक हैं:
- बेचन शर्मा ‘उग्र’
- चंद्रधर शर्मा गुलेरी
- प्रेमचंद
- विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’
Ans (2): ‘बुद्धू का काँटा’ कहानी के लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी हैं। इनकी अन्य कहानियाँ- उसने कहा था और सुखमय जीवन है। ‘उसने कहा था’ कहानी 1915 ई. में ‘सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
32. ‘कमलनयन’ में कौन-सा समास है?
- तत्पुरूष समास
- द्विगु समास
- कर्मधारय समास
- द्वंद्व समास
Ans (3): ‘कमल नयन’ में ‘कर्मधारय समास’ है।
33. ‘हानि-लाभ’ में कौन-सा समास है?
- द्विगु समास
- तत्पुरूष समास
- बहुब्रीहि समास
- इनमें से कोई नहीं
Ans (4): ‘हानि-लाभ’ में ‘द्वंद समास’ है। जिस पद में दोनों पद प्रधान होते हैं, वहाँ द्वंद समास होता है।
34. ‘न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी’ इसका अर्थ है-
- काम से जी चुराना
- मन लगाकर काम करना
- बुरा सोचना
- असंभव कार्य
Ans (4): ‘न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी’ लोकोक्ति का अर्थ है- असंभव कार्य।
35. निम्नलिखित में से लोकोक्ति को चुनिए
- अंधे की लकड़ी
- नौ दो ग्यारह होना
- गले पड़ना
- अधजल गगरी छलकत जाए
Ans (4): ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ लोकोक्ति है। क्योंकि मुहावरे में अनिवार्य रूप से ‘ना’ जुड़ा होता है वहीं लोकोक्ति में ऐसा नहीं होता।
36. ‘दुलाईवाली’ किस विधा की रचना है?
- कहानी
- रेखाचित्र
- उपन्यास
- संस्मरण
Ans (1): ‘दुलाईवाली’ कहानी की लेखिका बंग महिला राजेंद्र बाला घोष हैं। यह कहानी 1907 ई. में ‘सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
37. ‘भूल गलती’ कविता के कवि हैं:
- नागार्जुन
- केदारनाथ अग्रवाल
- त्रिलोचन
- मुक्तिबोध
Ans (4): ‘भूल गलती’ कविता के कवि मुक्तिबोध हैं। मुक्तिबोध की अन्य कविताएँ- अँधेरे में, ब्रम्हराक्षस आदि हैं। ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ और ‘भूरी-भूरी खाक धूलि’ इनके काव्य संग्रह हैं।
38. ‘निम्नलिखित में से कौन-सा उपन्यास नागार्जुन का नहीं है?
- बलचनमा
- रतिनाथ की चाची
- वरुण के बेटे
- परती परिकथा
Ans (4): बलचनमा, रतिनाथ की चाची, वरुण के बेटे, बाबा बटेसरनाथ आदि उपन्यास नागार्जुन के हैं। वहीं परती परिकथा उपन्यास फणीश्वरनाथ रेणु का है।
39. ‘जुलूस’ उपन्यास के लेखक हैं:
- नागार्जुन
- मोहन राकेश
- कमलेश्वर
- फणीश्वरनाथ रेणु
Ans (4): ‘जुलूस’ उपन्यास के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु हैं। रेणु के अन्य उपन्यास- परती परिकथा, मैला आँचल, दीर्घतपा, कितने चौराहे आदि हैं।
40. ‘बकरी’ नाटक के रचयिता हैं?
- मोहन राकेश
- उपेन्द्रनाथ अश्क
- हबीब तनवीर
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Ans (4): ‘बकरी’ नाटक के रचयिता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हैं।
41. ‘संस्कृति के चार अध्याय’ किसकी रचना है?
- अज्ञेय
- मुक्तिबोध
- जयशंकर प्रसाद
- दिनकर
Ans (4): ‘संस्कृति के चार अध्याय’ और ‘शुद्ध कविता की खोज’ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की गद्य रचनाएँ हैं।
42. निम्नलिखित में से किस कृति के लेखक रामविलास शर्मा हैं?
- हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योगदान
- दूसरी परम्परा की खोज
- छायावाद
- भाषा और समाज
Ans (4): ‘भाषा और समाज’ के लेखक रामविलास शर्मा हैं। वहीं ‘हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योगदान’, ‘दूसरी परम्परा की खोज’ और छायावाद के लेखक नामवर सिंह हैं।
43. निम्नलिखित में से किस लेखक को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ नहीं मिला है?
- नरेश मेहता
- दिनकर
- नागार्जुन
- निर्मल वर्मा
Ans (3): प्रगतिशील कवि नागार्जुन को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ नहीं मिला है। वहीं दिनकर को ‘उर्वशी’ काव्य संग्रह के लिए 1972 ई. में, नरेश मेहता को 1992 ई. में और निर्मल वर्मा को 1999 ई. में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था।
44. ‘मगध’ कविता संग्रह के रचयिता हैं:
- अशोक वाजपेयी
- श्रीकांत वर्मा
- मोहन राकेश
- रघुवीर सहाय
Ans (2): ‘मगध’ कविता संग्रह के रचयिता श्रीकांत वर्मा हैं।
45. निम्नलिखित में से कौन-सा छंद दोहा का विपरीत छंद है?
- रोला
- छप्पय
- चौपाई
- इनमें से कोई नहीं
Ans (4): दोहा का विपरीत छंद ‘सोरठा’ होता है। दोहे के पहले और तीसरे चरण में 13-13 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं। जबकि सोरठा के पहले और तीसरे चरण में 11-11 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं।
46. ‘काला जल’ का कथानक किस समस्या से संबंधित है?
- स्त्री उत्पीड़न
- दलित समस्या
- भ्रष्टाचार
- साम्प्रदायिकता
Ans (4): ‘काला जल’ का कथानक साम्प्रदायिकता की समस्या से संबंधित है। इस उपन्यास के लेखक ‘शानी’ हैं।
47. ‘नेताजी कहिन’ के लेखक हैं:
- रवीन्द्र कालिया
- रवीन्द्रनाथ त्यागी
- श्रीलाल शुक्ल
- मनोहर श्याम जोशी
Ans (4): ‘नेताजी कहिन’ के लेखक मनोहर श्याम जोशी हैं। यह उनका व्यंग संग्रह है जो साप्ताहिक हिंदुस्तान में अनियमित रूप से स्तंभ के रूप में प्रकाशित हुआ था।
48. ‘चौपाई’ छंद में मात्राओं की संख्या होती है-
- 13
- 11
- 16
- 24
Ans (3): ‘चौपाई’ छंद में मात्राओं की संख्या 16 होती हैं। चौपाई मात्रिक सम छंद है। इसके प्रत्येक चरण में यति होती है और चरण के अंत में जगण (ISI) और तगण (SSI) नहीं आता है।
49. निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य को चुनिए-
- राम रोटी खाया है
- राम ने रोटी खाया है
- राम ने रोटी खाई है
- राम रोटी खा लिया है
Ans (3): शुद्ध वाक्य है- ‘राम ने रोटी खाई है’
50. निम्नलिखित शब्दों में से शुद्ध शब्द को चुनिए-
- सन्यास
- संन्यास
- सन्नयास
- संयास
Ans (2): शुद्ध शब्द है- ‘संन्यास’
51. निम्नलिखित उपन्यासों में से प्रेमचंद का अंतिम उपन्यास है:
- सेवासदन
- निर्मला
- प्रेमाश्रम
- गोदान
Ans (4): गोदानप्रेमचंद का अंतिम उपन्यास है जो 1936ई. में प्रकाशित हुआ था।
52. सूची- I का मिलान सूची- II से कीजिए तथा नीचे दिये गए कूट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए:
सूची- I (पुस्तक) | सूची- II (लेखक) |
(a) शेखर: एक जीवनी | (i) हजारी प्रसाद द्विवेदी |
(b) अशोक के फूल | (ii) हरिवंश राय ‘बच्चन’ |
(c) क्या भूलूँ, क्या याद करूँ | (iii) अज्ञेय |
कूट:
N. (a) (b) (c)
- (i) (ii) (iii)
- (ii) (i) (iii)
- (iii) (i) (ii)
- (iii) (ii) (i)
Ans (3): ‘शेखर: एक जीवनी’ उपन्यास अज्ञेय का, ‘अशोक के फूल’ निबंध हजारी प्रसाद द्विवेदी का और ‘क्या भूलूँ, क्या याद करूँ’ आत्मकथा हरिवंश राय ‘बच्चन’ की है।
53. ‘अनंत’ का सही संधि-विच्छेद होगा:
- अन + अंत
- अन् + अंत
- अ + नंत
- अनं + त
Ans (2): ‘अनंत’ का सही संधि-विच्छेद ‘अन् + अंत’ है। यह व्यंजन संधि का उदाहरण है।
54. ‘बाल्टी’ कैसा शब्द है?
- तत्सम
- तद्भव
- देशज
- विदेशज
Ans (4): ‘बाल्टी’ विदेशज (पुर्तगाली भाषा का) शब्द है।
55. ‘ब्रजभाषा’ है-
- पूर्वी हिंदी
- पश्चिमी हिंदी
- बिहारी हिंदी
- पहाड़ी हिंदी
Ans (2): ‘ब्रजभाषा’ पश्चिमी हिंदी की बोली है। पश्चिमी हिंदी की अन्य बोलियाँ हैं- खड़ी बोली (कौरवी), हरियाणवी (बांगरू), बुंदेली और कन्नौजी।
56. ‘नासिकेतोपाख्यान’ के लेखक हैं-
- सदल मिश्र
- इंशाअल्ला खाँ
- लल्लू लाल
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘नासिकेतोपाख्यान’ के लेखक सदल मिश्र हैं। इसमें चंद्रावती की कथा है। वहीं इंशाअल्ला खाँ ने ‘रानी केतकी की कहानी’ और लल्लू लाल ने ‘प्रेमसागर’ के लेखक हैं।
57. ‘शंकुतला’ नाटक का खड़ी बोली गद्य में अनुवाद किया:
- राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद ने
- राजा लक्ष्मण सिंह ने
- भारतेंदु हरिश्चंद्र ने
- गिरिधर दास ने
Ans (2): ‘शंकुतला’ नाटक का खड़ी बोली गद्य में अनुवाद ‘राजा लक्ष्मण सिंह’ ने किया था। उन्होंने कालिदास के ‘रघुवंश’ और ‘मेघदूत’ का भी हिंदी में अनुवाद किया था। ‘राजा लक्ष्मण सिंह’ ने ‘प्रजाहितैषी’ पत्र का संपादन भी किया है।
58. भारतेंदु ने अपना बलिया वाला ऐतिहासिक व्याख्यान दिया था:
- 1880 ई. में
- 1874 ई. में
- 1884 ई. में
- 1882 ई. में
Ans (3): भारतेंदु ने अपना बलिया वाला ऐतिहासिक व्याख्यान ‘भारत वर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है’ को 1884 ई. में दिया था।
59. ‘परीक्षा गुरु’ उपन्यास के लेखक हैं:
- सीताराम दास
- लाला श्रीनिवास दास
- प्रताप नारायण मिश्र
- इनमें से कोई नहीं
Ans (2): ‘परीक्षा गुरु’ उपन्यास के लेखक लाला श्रीनिवास दास हैं। इसे हिंदी का पहला मौलिक उपन्यास माना जाता है। ‘परीक्षा गुरु’ एक उपदेशात्मक उपन्यास है जिसमें दिल्ली के एक सेठ की पुत्री की कहानी है।
60. भारतेंदु युग का केन्द्रीय विधा है?
- उपन्यास
- कहानी
- नाटक
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): भारतेंदु युग का केंद्रीय विधा नाटक है।
61. ‘नूतन ब्रह्मचारी’ कृति के लेखक हैं:
- श्रीनिवासदास
- बालमुकुन्द गुप्त
- किशोरीलाल गोस्वामी
- बालकृष्ण भट्ट
Ans (4): ‘नूतन ब्रह्मचारी’ कृति के लेखक बालकृष्ण भट्ट हैं। इनका दूसरा उपन्यास ‘सौ अजान एक सुजान’ है। भट्ट जी ने ‘हिंदी प्रदीप’ मासिक पत्र का संपादन भी किया जो प्रयाग, इलाहाबाद से प्रकाशित होता था।
62. कचहरियों में हिंदी प्रवेश आंदोलन का मुख्यपत्र किस पत्र को कहा जाता है?
- कविवचन सुधा
- समाचार सुधा वर्षण
- हिंदी प्रदीप
- इनमें से कोई नहीं
Ans (4): कचहरियों में हिंदी प्रवेश आंदोलन का मुख्यपत्र ‘भरतमित्र’ को कहा जाता है जिसके संपादक बालमुकुंद गुप्त थे।
63. ‘संयोगिता स्वयंवर’ है-
- नाटक
- उपन्यास
- कहानी
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘संयोगिता स्वयंवर’ लाला श्रीनिवासदस द्वारा लिखित नाटक है। इनके अन्य नाटक- रणधीर प्रेममोहनी, श्री प्रहलाद चरित, तप्तासंवरण आदि हैं।
64. ‘ब्राह्मण’ के संपादक थे:
- बालमुकुन्द गुप्त
- किशोरीलाल गोस्वामी
- बालकृष्ण भट्ट
- प्रताप नारायण मिश्र
Ans (4): ‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संपादक ‘प्रताप नारायण मिश्र’ थे। यह एक मासिक पत्र था जो कानपुर से प्रकाशित होता था।
65. ‘आनंद कादम्बिनी’ के संपादक थे:
- प्रेमघन
- भारतेंदु
- श्रीनिवास दास
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘आनंद कादम्बिनी’ के संपादक बद्री नारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ थे। यह मासिक पत्र था जो मिर्जापुर से प्रकाशित होता था।
66. कविता के लिए खड़ी बोली के पक्ष में आंदोलन की शुरूआत की:
- प्रेमघन ने
- भारतेंदु ने
- जगन्नाथदास रत्नाकर
- अयोध्याप्रसाद खत्री ने
Ans (4): कविता के लिए खड़ी बोली के पक्ष में आंदोलन की शुरूआत ‘अयोध्याप्रसाद खत्री’ ने की।
67. ‘जगत सचाई सार’ कविता के रचयिता हैं:
- नाथूराम शर्मा
- देवीदत्त शुक्ल
- श्रीधर पाठक
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): ‘जगत सचाई सार’ कविता के रचयिता ‘श्रीधर पाठक’ हैं। श्रीधर पाठक की मौलिक रचनाएँ- जगत सचाई सार, कश्मीर सुषमा, भारतगीत, मनोविज्ञान, धन विजय, वनाष्टक आदि हैं। और अनुदित रचनाएँ- एकांतवासी योगी, उजड़ ग्राम, श्रांत पथिक, ऋतुसंहार आदि हैं।
68. स्वच्छंदतावाद की विशेषता नहीं है:
- प्रकृति पर्यवेक्षण
- प्रेम चित्रण
- कथा गीत प्रयोग
- ब्रजभाषा में रचना
Ans (4): स्वच्छंदतावाद काल में काव्य भाषा के रूप में ब्रजभाषा के स्थान पर खड़ी बोली का प्रयोग होने लगा था।
69. निम्नलिखित में से पुल्लिंग शब्द है-
- घास
- आय
- व्यय
- नहर
Ans (3): ‘व्यय’ पुल्लिंग शब्द है और घास, आय तथा नहर स्त्रीलिंग हैं।
70. ‘ध्रुव चरित्र’ के रचयिता हैं:
- रसखान
- स्वामी हरिदास
- नरोत्तमदास
- भिखारीदास
Ans (3): ‘ध्रुव चरित्र’ के रचयिता नरोत्तमदास हैं। उनके अन्य ग्रंथ सुदामाचरित्र, विचारमाला आदि हैं जो ब्रजभाषा और नाट्य शैली में रचित हैं।
71. ‘कृष्ण गीतावली’ नामक काव्य कृति के रचयिता हैं:
- कबीर
- तुलसी
- सूर
- मीराबाई
Ans (2): ‘कृष्ण गीतावली’ नामक काव्य कृति के रचयिता ‘तुलसीदास’ हैं। इनकी अन्य रचनाएँ- रामचरित मानस, बरवैरामायण, रामलला नहछू, वैराग्य संदीपनी, रामाज्ञा प्रश्न, कवितावली, दोहावली, गीतावली, विनय पत्रिका, पार्वती मंगल, जानकी मंगल आदि हैं।
72. ‘जातिविलास’ के रचयिता हैं:
- भिखारीदास
- देव
- मतिराम
- भूषण
Ans (2): ‘जातिविलास’ के रचयिता ‘देव’ हैं।
73. किस रचना को ‘छंदों का अजायबघर’ कहा जा सकता है?
- रामचरितमानस
- चंद छंद बरनन की महिमा
- रामचंद्रिका
- पृथ्वीराज रासो
Ans (3): ‘रामचंद्रिका’ को ‘छंदों का अजायबघर’ कहा जा सकता है। रीतिकालीन कवि ‘केशवदास’ ने इसकी रचना 1601 ई. में की थी। इनकी अन्य रचनाएँ- रसिकप्रिया, कविप्रिया, रतनबावनी, वीरसिंह देव चरित, विज्ञानगीता, जहाँगीर जस चंद्रिका, नखसिख, छंदमाल आदि हैं।
74. कई चिंतन एवं कलाधाराओं का योगदान मिलता हैं:
- कृष्णभक्ति धारा में
- प्रेममार्गी धारा में
- भारतेंदु युगीन धारा में
- रीतिकाव्य धारा में
Ans (1): कई चिंतन एवं कलाधाराओं का योगदान ‘कृष्णभक्ति धारा’ में मिलता हैं।
75. सूची- I की मिलान सूची सूची- II से कीजिए और दिये गए कूट का सही उत्तर चुनिए:
सूची- I (शब्द) | सूची- II (अर्थ) |
(a) जलज | (i) बादल |
(b) जलद | (ii) कमल |
(c) जलधि | (iIi) समुद्र |
कूट:
N. (a) (b) (c)
- (i) (ii) (ii)
- (ii) (i) (ii)
- (iii) (ii) (i)
- (ii) (iii) (i)
Ans (2): जलज का पर्यायवाची शब्द ‘कमल’, जलद का ‘बादल’ और जलधि का ‘समुद्र’ है।
76. ‘नितप्रति पुन्यौई रहै आनन ओप उजास’ में अलंकार है:
- उत्प्रेक्षा
- उपमा
- अनुप्रास
- अतिशयोक्ति
Ans (4): उपरोक्त पंक्ति में अतिशयोक्ति अलंकार है।
77. ‘अर्धकथानक’ है:
- जीवनी
- आत्मकथा
- संस्मरण
- रिपोर्ताज
Ans (2): बनारसीदास द्वारा लिखित ‘अर्धकथानक’ हिंदी की पहली आत्मकथा है।
78. ‘इनकी सी विशुद्ध सरस एवं शक्तिशालिनी ब्रजभाषा लिखने में और कोई कवि समर्थ नहीं हुआ।’
आचार्य शुक्ल ने किस कवि के बारे में यह टिप्पणी की है?
- देव
- ठाकुर
- घनानंद
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): आचार्य शुक्ल ने ‘घनानंद’ के बारे में यह टिप्पणी की है।
79. ‘सीखिं लीनों मीन मृग खंजन कमल-नैन,
सीखि लीनो जस औ प्रताप को कहानी है।’
ये पंक्तियाँ किस कवि की हैं।
- ठाकुर
- घनानंद
- द्विजदेव
- मतिराम
Ans (1): उपरोक्त पंक्ति रीति मुक्त धारा के कवि ‘ठाकुर’ की है।
80. भिखारीदास की रचना है:
- काव्य निर्णय
- काव्य सिंधु
- चिंतामाणि
- रस विवेक
Ans (1): भिखारीदास की रचनाएँ-काव्य निर्णय, श्रृंगार निर्णय, रस सारांश, छंद प्रकाश, छंदार्णव आदि।
81. ‘नैन नचाई कह्यौ मुसकाई,
लला फिर आइयो खेलन होरी।’
-ये पंक्तियाँ किसकी हैं?
- बिहारी
- मतिराम
- पद्माकर
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): उपरोक्त पंक्ति रीति कालीन कवि ‘पद्माकर’ की हैं।
82. फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना किस वर्ष में हुई थी?
- वि.सं. 1800 में
- 1800 ई. में
- 1798 ई. में
- 1802 ई. में
Ans (2): फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना 1800 ई. में कलकत्ता में हुई थी। इसमें भारतीय भाषाओँ के प्रोफेसर के रूप में जॉन गिलक्रास्ट की नियुक्ति की गई थी। उन्होंने हिंदी के शिक्षण के लिए दो भाषा पंडितों- लल्लू लाल और सदलमिश्र की नियुक्ति की। बाद में सदासुख लाल और इंशा अल्ला खां की भी नियुक्ति की गई।
83. ‘भाषा योगवाशिष्ठ’ के लेखक हैं:
- रामप्रसाद बिस्मिल
- रमाशंकर बाजपेयी
- रामप्रसाद निरंजनी
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): ‘भाषा योगवाशिष्ठ’ के लेखक ‘रामप्रसाद निरंजनी’ हैं। इन्होने इसकी रचना 1741 ई. में किया था। इस ग्रंथ में खड़ी बोली गद्य का परिमार्जित रूप देखने को मिलता है।
84. राहुलजी ने हिंदी भाषा का प्रथम कवि किसे स्वीकार किया है?
- पुष्पदंत को
- हेमचंद्र को
- सरहपा को
- विद्यापति को
Ans (3): राहुलजी ने हिंदी भाषा का प्रथम कवि ‘सरहपा’ को स्वीकार किया है। नागेंद्र भी ‘सरहपा’ को हिंदी का प्रथम कवि मानते हैं। वहीं हजारी प्रसाद द्विवेदी ‘पुष्पदंत’ को, गुलेरी ‘राजा मुंज’ को, सेंगर ‘पुष्प’ या ‘पुंड’ को, रामकुमार वर्मा ‘स्वयंभू’ को तथा गणपति चंद्र गुप्त ‘शालिभद्र सूरि’ को हिंदी का प्रथम कवि मानते हैं।
85. हिंदी साहित्य के प्रथम काल को आदिकाल नाम किसने दिया है?
- रामचंद्र शुक्ल ने
- हजारी प्रसाद द्विवेदी ने
- राहुल सांकृत्यायन ने
- वासुदेवशरण अग्रवाल ने
Ans (2): हिंदी साहित्य के प्रथम काल को आदिकाल नाम ‘हजारी प्रसाद द्विवेदी’ ने दिया है। जबकि रामचंद्र शुक्ल ने ‘वीरगाथा काल’, राहुल सांकृत्यायन ने ‘सिद्धसामंत युग’, महावीर प्रसाद द्विवेदी ने ‘बीजवपन काल’, मिश्र बंधुओं ने ‘आरंभिक काल’, गणपति चंद्र गुप्त नें ‘प्रारम्भिक काल’ और रामकुमार वर्मा ने ‘चारणकाल’ की संज्ञा दी है।
86. ‘बीसलदेव रासो’ में किस शैली का प्रयोग किया है?
- श्रृंगारिक
- आख्यान
- गेय
- प्रबंध
Ans (3): ‘बीसलदेव रासो’ में ‘गेय शैली’ का प्रयोग किया है। यह प्रेमाख्यान काव्य परम्परा का श्रृंगार रस प्रधान ग्रंथ है।
87. सूची- I की मिलान सूची- II से कीजिए और दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
सूची- I (कृति) | सूची- II (लेखक) |
(a) दशकुमारचरित | (i) श्रीहर्ष |
(b) नैषधीयचरित | (ii) भवभूति |
(c) उतररामचरित | (iii) दण्डी |
कूट:
N. (a) (b)
- (i) (ii) (iii)
- (iii) (ii) (i)
- (iii) (i) (ii)
- (ii) (i) (iii)
Ans (3): ‘दशकुमार चरितम्ट के लेखक दण्डी, ‘नैषध चरितम्’ के श्रीहर्ष और ‘उतररामचरित’ के भवभूति हैं।
88. भक्ति के स्रोत को दक्षिण से उत्तर भारत में प्रसारित होने के सिद्धान्त का समर्थन करने वाले विद्वान हैं:
- ग्रियर्सन
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- जयशंकर प्रसाद
Ans (3): भक्ति के स्रोत को दक्षिण से उत्तर भारत में प्रसारित होने के सिद्धान्त का समर्थन करने वाले विद्वान ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल’ हैं। शुक्ल के अनुसार भक्ति का मूल श्रोत दक्षिण भारत में था। 17वीं शती में आलवार भक्तों ने जो भक्ति भावना प्रारम्भ की उसे उत्तर भारत में फैलाने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्राप्त हुईं।
89. ‘मध्यकालीन बोध का स्वरूप’ के लेखक हैं:
- रामचंद्र शुक्ल
- राहुल सांकृत्यायन
- नामवर सिंह
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
Ans (4): ‘मध्यकालीन बोध का स्वरूप’ के लेखक ‘हजारी प्रसाद द्विवेदी’ हैं। इनकी अन्य रचनाएँ- हिंदी साहित्य की भूमिका, हिंदी साहित्य का आदिकाल, सूर साहित्य, कबीर आदि हैं।
90. ‘पद्मावत’ है:
- एक त्रासदी
- मुक्तक काव्य
- गेय काव्य
- आत्म वक्तव्य
Ans (1): ‘पद्मावत’ एक त्रासदी काव्य है। इसे जायसी ने ठेठ अवधी भाषा में लिखा है। इनके अन्य ग्रंथ- अखरावट, आखिरी कलाम आदि हैं।
91. भक्तिकाल के किस कवि ने संस्कृत को छोड़कर भी संस्कृत की शास्त्रीय परम्परा का निर्वहण किया है?
- जायसी
- सूरदास
- तुलसीदास
- नंददास
Ans (3): भक्तिकाल के कवि ‘तुलसीदास’ ने संस्कृत को छोड़कर भी संस्कृत की शास्त्रीय परम्परा का निर्वहण किया है।
92. भक्तिकाल में गृहस्थ जीवन का जैसा सुंदर चित्रण सूरदास में मिलता है वैसा ही आधुनिक काल के किस कवि में यह मिलता है?
- हरिऔध
- जगन्नाथ दास रत्नाकर
- निराला
- मैथिलीशरण गुप्त
Ans (4): भक्तिकाल में गृहस्थ जीवन का जैसा सुंदर चित्रण सूरदास में मिलता है वैसा ही सुंदर चित्रण आधुनिक काल में ‘मैथिलीशरण गुप्त’ के यहाँ मिलता है।
93. ‘विनयपत्रिका’ की भाषा है:
- ब्रज
- अवधी
- भोजपुरी
- मैथिली
Ans (1): तुलसीदास द्वारा लिखित ‘विनयपत्रिका’ की भाषा ‘ब्रज’ है। उन्होंने कवितावली, दोहावली, गीतावली, कृष्ण गीतावली और रामाज्ञा प्रश्न को भी ब्रजभाषा में लिखा है। वहीं रामचरित मानस, रामलला नहछू, पार्वती मंगल, जानकी मंगल, बरवै रामायण और वैराग्य संदीपनी की भाषा अवधी है।
94. ध्रुपद गायन का संबंध किस भाषा से है?
- ब्रजभाषा
- अवधी
- राजस्थानी
- खड़ी बोली
Ans (1): ध्रुपद गायन का संबंध ‘ब्रजभाषा’ से है।
95. ‘बरवै नायिका भेद’ के रचनाकार हैं:
- केशवदास
- भिखारीदास
- रहीम
- बिहारी
Ans (3): ‘बरवै नायिका भेद’ के रचनाकार ‘रहीम’ हैं जिसे उन्होंने अवधी भाषा में लिखा है। रहीम की प्रेरणा से तुलसीदास ने भी ‘बरवै रामायण’ की रचना अवधी भाषा में की।
96. रहीम कृत ‘मदनाष्टक’ की भाषा है:
- खड़ी बोली
- अवधी
- ब्रज
- राजस्थानी
Ans (1): रहीम कृत ‘मदनाष्टक’ की भाषा ‘खड़ी बोली’ है। रहीम अकबर के नवरत्नों में से एक थे। इन्होने अवधी, ब्रज और खड़ी बोली में रचनाएँ की हैं। इनकी अन्य रचनाएँ- रहीम सतसई, बरवै नायिका भेद (अवधी), रहीम दोहावली (ब्रज), मदनाष्टक (खड़ी बोली) तथा रास पंचाध्यायी हैं।
97. छीतस्वामी किस धारा के कवि हैं?
- रामभक्ति धारा
- अष्टछाप धारा
- प्रेममार्गी धारा
- निर्गुणमार्गी धारा
Ans (2): छीतस्वामी अष्टछाप धारा के कवि हैं। जिसकी स्थापना 1565 ई. में गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा की गई थी। अष्टछाप के कवियों में- कुम्भन दास, गोविंद स्वामी, परमानंद दास, कृष्णदास, सूरदास, नंददास, छीत स्वामी तथा चतुर्भुजदास हैं।
98. रामचंद्र वर्मा प्रसिद्ध हैं:
- कवि के रूप में
- आलोचक के रूप में
- भाषाविद् के रूप में
- कोशकार के रूप में
Ans (4): रामचंद्र वर्मा कोशकार के रूप में प्रसिद्ध हैं।
99. ‘हिंदी शब्दानुशासन’ के लेखक हैं:
- कामता प्रसाद गुरू
- किशोरीदास वाजपेयी
- श्यामसुंदर दास
- रामचंद्र वर्मा
Ans (2): ‘हिंदी शब्दानुशासन’ के लेखक किशोरीदास वाजपेयी हैं। ‘शब्दानुशासन’ के लेखक हेमचंद हैं।
100. रीतिकाल की ‘रीतिसिद्ध काव्यधारा’ के कवि हैं:
- केशव
- देव
- भूषण
- बिहारी
Ans (4): रीतिकाल की ‘रीतिसिद्ध काव्यधारा’ के कवि बिहारी हैं। ‘बिहारी सतसई’ इनकी प्रमुख रचना है।
101. ‘नहुष’ नाटक के नाटककार हैं:
- गोपालचंद्र उर्फ गिरिधरदास
- ब्रजरत्न दास
- सीताराम दास
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘नहुष’ नाटक के नाटककार गोपालचंद्र उर्फ गिरिधरदास हैं। भारतेंदु ने अपने पिता गोपालचंद्र उर्फ गिरिधरदास के नाटक ‘नहुष’ (1841 ई.) को हिंदी का प्रथम नाटक माना है।
102. ‘लोकायतन’ के रचयिता हैं:
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
- बालकृष्ण शर्मा नवीन
- माखनलाल चतुर्वेदी
- सुमित्रानंदन पंत
Ans (4): ‘लोकायतन’ के रचयिता सुमित्रानंदन पंत हैं। इनकी अन्य रचनाएँ- पल्लव, ग्रन्थि, गुँजन, युगांत, युगवाणी, ग्राम्या, स्वर्ण धूलि, स्वर्ण किरण, उत्तरा, कला और बूढ़ा चाँद, पौ फटने से पहले, चित्रांगदा आदि हैं।
103. ‘आँसू’ है-
- मुक्तक काव्य संकलन
- अतुकांत काव्य
- प्रबंध काव्य
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘आँसू’ जयशंकर प्रसाद का मुक्तक काव्य संकलन है। इनकी अन्य रचनाएँ- चित्राधार, प्रेमपथिक, करुणालय, महाराणा का महत्व, कानन कुसुम, झरना, लहर, कामायनी आदि हैं।
104. निराला की अंतिम कविता है:
- राम की शक्तिपूजा
- तुलसीदास
- सरोज स्मृति
- पत्रोत्कण्ठित जीवन का विष बुझा हुआ है
Ans (4): निराला की अंतिम कविता ‘पत्रोत्कण्ठित जीवन का विष बुझा हुआ है’ जो ‘सांध्य काकली’ में संग्रहीत है। इस कविता का प्रकाशन 1960 ई. में हुआ था।
105. ‘कला और बूढ़ा चाँद’ के लेखक हैं:
- रामधारी सिंह दिनकर
- सुमित्रानंदन पंत
- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
- नंददुलारे वाजपेयी
Ans (2): ‘कला और बूढ़ा चाँद’ के लेखक सुमित्रानंदन पंत हैं।
106. महादेवी वर्मा का प्रथम काव्य संकलन है:
- दीपशिखा
- यामा
- नीहार
- रश्मि
Ans (3): महादेवी वर्मा का प्रथम काव्य संकलन ‘नीहार’ है। महादेवी वर्मा के ‘यामा’ में नीहार, रश्मि, नीरजा और सांध्यगीत के सभी गीतों का संग्रह है।
107. ‘नूतन ब्रह्मचारी’ है:
- नाटक
- उपन्यास
- कहानी संग्रह
- इनमें से कोई नहीं
Ans (2): ‘नूतन ब्रह्मचारी’ बालकृष्ण भट्ट का उपन्यास है। इनका दूसरा उपन्यास ‘सौ अजान और एक सुजान’ है।
108. ‘भूतनाथ’ उपन्यास के रचयिता हैं:
- राधाकृष्ण दास
- जगमोहन सिंह
- देवकीनंदन खत्री
- गोपालराम गहमरी
Ans (3): ‘भूतनाथ’ उपन्यास के रचयिता देवकीनंदन खत्री हैं। इनके अन्य उपन्यास- चंद्रकांता, चंद्रकांता संतति, नरेंद्र मोहनी, काजर की कोठारी आदि हैं। देवकीनंदन खत्री के उपन्यासों को पढने के लिए गैर हिंदी भाषियों ने हिंदी सीखी।
109. ‘श्री वेंकटेश्वर समाचार’ प्रकाशित होता था:
- कलकत्ता से
- इलाहाबाद से
- लखनऊ से
- बम्बई से
Ans (4): ‘श्री वेंकटेश्वर समाचार’ बम्बई से प्रकाशित होता था। यह मासिक पत्र था जिसका प्रकाशन 1894 ई. में हुआ।
110. प्रेमचंद की कृति, जिसे ब्रिटिश शासन द्वारा जब्त कर लिया गया था है:
- सोजेवतन
- कर्मभूमि
- गबन
- निर्मला
Ans (1): प्रेमचंद की कहानी संग्रह ‘सोजेवतन’ को ब्रिटिश शासन द्वारा जब्त कर लिया गया था।
111. ‘मृगनयनी’ उपन्यास के रचनाकार हैं:
- वृंदावनलाल वर्मा
- रांगेय राघव
- राहुल सांकृत्यायन
- आचार्य चतुरसेन
Ans (1): ‘मृगनयनी’ उपन्यास के रचनाकार वृंदावनलाल वर्मा हैं। इनके अन्य उपन्यास- विराटा की पद्मिनी, झाँसी की रानी, मृगनयनी, कचनार, अहिल्याबाई, माधोजी सिंधिया आदि हैं।
112. ‘खेत रहना’ मुहावरे का अर्थ है-
- युद्ध में शहीद होना
- कानूनी विवाद से जमीन का बच जाना
- जमीन बिक जाना
- जमीन खरीदना
Ans (1): ‘खेत रहना’ मुहावरे का अर्थ- युद्ध में शहीद होना है।
113. खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य है:
- कविता कौमुदी
- उद्धव चरित
- प्रिय प्रवास
- कामायनी
Ans (3): खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य ‘प्रिय प्रवास’ है। इसके लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं। इसमें राधा और कृष्ण को सामान्य नायक से ऊपर उठाकर विश्व-सेवी तथा विश्व प्रेमी के रूप में चित्रित किया गया है। हरिऔध की अन्य रचनाएँ- पद्मप्रसून, चुभते चौपदे, चोखे चौपदे, रसकलस, वैदेही बनवास आदि हैं।
114. द्विवेदी युग के सम्पूर्णत: प्रतिनिधि कवि हैं:
- श्रीधर पाठक
- हरिऔध
- मैथिलीशरण गुप्त
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): द्विवेदी युग के सम्पूर्णत: प्रतिनिधि कवि ‘मैथिलीशरण गुप्त’ हैं। गुप्त जी की प्रमुख रचनाएँ- भारत-भारती, रंग में भंग, जयद्रथवध, प्लासी का युद्ध, किसान, पंचवटी, साकेत, यशोधरा आदि हैं।
115. ‘भारत भारती’ में किस भावना की रूपरेखा प्रस्तुत है?
- दैन्य भावना
- राष्ट्रीय भावना
- प्रेमभावना
- भक्ति भावना
Ans (2): ‘भारत भारती’ में ‘राष्ट्रीय भावना’ की रूपरेखा प्रस्तुत है। यह मैथिलीशरण गुप्त की रचना है जिसका प्रकाशन 1912-13 में हुआ था।
116. ‘सम्पति शास्त्र’ के लेखक हैं:
- श्रीधर पाठक
- महावीर प्रसाद द्विवेदी
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- इनमें से कोई नहीं
Ans (2): ‘सम्पति शास्त्र’ के लेखक महावीर प्रसाद द्विवेदी हैं।
117. निम्नलिखित में से शुद्ध शब्द है:
- पूज्यनीय
- पुज्यनीय
- पूजनीय
- पुजनीय
Ans (3): शुद्ध शब्द- पूजनीय
118. ‘गोबर’ प्रेमचंद के किस उपन्यास का पात्र है?
- प्रेमाश्रम
- गबन
- गोदान
- निर्मला
Ans (3): ‘गोबर’ प्रेमचंद के गोदान उपन्यास का पात्र है। ‘गोबर’ का अन्य नाम गोवर्धन था।
119. ‘हिंदी नवरत्न’ के लेखक हैं?
- महावीर प्रसाद द्विवेदी
- प्रताप नारायण मिश्र
- मिश्रबंधु
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): ‘हिंदी नवरत्न’ के लेखक मिश्रबंधु हैं। इनकी दूसरी महत्वपूर्ण रचना ‘मिश्रबंधु विनोद है।
120. ‘अभिन्न’ शब्द का संधि-विच्छेद होगा:
- अभि + न्न
- अ + भिन्न
- अभित् + न
- अनि् + न
Ans (3): ‘अभिन्न’ शब्द का संधि-विच्छेद ‘अभित् + न’ होगा। यह व्यंजन संधि का उदहारण है।
121. रत्नाकर कृत ‘गंगावतरण’ किस छंद में लिखा गया है?
- चौपाई
- दोहा
- रोला
- घनाक्षरी
Ans (3): रत्नाकर कृत ‘गंगावतरण’ रोला छंद में लिखा गया है। गंगावतरणमें आकाश से उतरती हुई गंगा को संभालने के लिए उद्यत शिवजी का ओजमय चित्रण हुआ है। इसमें श्रृंगार, वीर, हास्य, भयानक आदि रसों का सुंदर निरूपण हुआ है।
122. अवधी का निजी छंद है:
- बरवै
- कवित्त
- रोला
- छप्पय
Ans (1): अवधी का निजी छंद ‘बरवै’ है।
123. निम्नलिखित में से शुद्ध शब्द है:
- जीजीविषा
- जीजिविषा
- जिजिविषा
- जिजीविषा
Ans (4): शुद्ध शब्द- जिजीविषा
124. सरदार पूर्ण सिंह विख्यात हैं:
- कवि के रूप में
- निबंधकार के रूप में
- नाटककार के रूप में
- व्यंग्यकार के रूप में
Ans (2): सरदार पूर्ण सिंह निबंधकार के रूप में विख्यात हैं। ये द्विवेदी युग के श्रेष्ठ निबंधकार थे। इनके प्रमुख निबंध- आचरण की सभ्यता, सच्ची वीरता, मजदूरी और प्रेम, पवित्रता, कन्यादान आदि है।
125. काशी नगरी प्रचारिणी सभा की स्थापना हुई थी-
- 1895 ई. में
- 1893 ई. में
- 1898 ई. में
- 1890 ई. में
Ans (2): काशी नगरी प्रचारिणी सभा की स्थापना काशी में सन 1893 ई. में हुई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रभाषा और देवनागरी लिपि का प्रचार-प्रसार करना था।
UP TGT Hindi Previous Year Question Paper-