UP TGT Hindi Question Paper 2005

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टीजीटी हिंदी प्रश्न-पत्र

UP TGT Hindi 2005 के question paper को यहाँ दिया जा रहा है। TGT, PGT Hindi की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को इसे एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन परीक्षा (TGT Hindi) 2005 के question paper का व्याख्यात्मक हल को पढ़कर आप अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। up tgt hindi previous year question paper के अंतर्गत यह छठवाँ प्रश्न-पत्र है।

टीजीटी हिंदी- 2005

1. ‘नौ दो ग्‍यारह होना’ का अर्थ है:

  1. गणित में निष्णात होना
  2. अधिक हो जाना
  3. भाग जाना
  4. साथ-साथ रहना

Ans (3): ‘नौ दो ग्‍यारह होना’ मुहावरे का अर्थ ‘भाग जाना’ है।

2. ‘गीतिका’ के रचनाकार का नाम है

  1. प्रसाद
  2. पंत
  3. निराला
  4. मुकुटधर पाण्‍डेय

Ans (3): ‘गीतिका’ के रचनाकार का नाम सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ है। इनकी अन्य रचनाएँ- अनामिका, परिमल, तुलसीदास, जूही की कली, अधिवास, पंचवटी प्रसंग, भिक्षुक, विधवा, राम की शक्तिपूजा आदि हैं।

3. निम्‍नांकित में से किस कृति के लेखक नामवर सिंह हैं?

  1. आलोचना और काव्‍य
  2. दूसरी परम्परा की खोज
  3. आस्था और सौन्दर्य
  4. भाषा और समाज

Ans (2): ‘दूसरी परम्परा की खोज’ के लेखक नामवर सिंह हैं। उनकी अन्य रचनाएँ- हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योग, कहानी और नयी कहानी, छायावाद, इतिहास और आलोचना, आधुनिक साहित्य की प्रवृतियाँ आदि हैं। वहीं आस्था और सौन्दर्य और भाषा और समाज के लेखक रामविलास शर्मा हैं।

4. ‘सुंदर हैं विहग सुमन सुंदर मानव तुम सबसे सुदरतम’- में कौन-सा काव्‍यदोष है?

  1. अधिक पदत्‍व
  2. अप्रतीतत्‍व
  3. दुष्‍क्रमत्‍व
  4. क्लिष्‍टत्‍व

Ans (1): उपर्युक्त काव्य पंक्ति मेंअधिक पदत्‍व काव्य दोष है।

5. ‘तुच्छ मनुष्य की मित्रता शीघ्र ही समाप्त हो सकती हैं- भाव को व्यक्त करने वाली लोकोक्ति है

  1. अधजल गगरी छलकत जाय
  2. थोथा चना बाजे घना
  3. कबहुँ निरामिष होय न कागा
  4. ओछे की प्रीत बालू की भीत                                      

Ans (2): ‘तुच्छ मनुष्य की मित्रता शीघ्र ही समाप्त हो सकती हैं- भाव को व्यक्त करने वाली लोकोक्ति ‘ओछे की प्रीत बालू की भीत’ है।

6. ‘निशा-निमंत्रण’ के रचनाकार हैं:

  1. सुमित्रानंदन पंत
  2. हरिवंश राय बच्‍चन
  3. बालकृष्‍ण शर्मा ‘नवीन’
  4. वीरेन्‍द्र मिश्र

Ans (2): ‘निशा-निमंत्रण’ के रचनाकार हरिवंश राय बच्‍चन हैं। इनकी अन्य रचनाएँ- मधुशाला, मधुबाला, मधुकलस, एकांत संगीत, मिलन यामिनी, आरती और अंगारे, धार के इधर उधर, बंगाल का काल, बुद्ध और नाचघर आदि हैं।

7. ‘वयं रक्षाम:’ है:

  1. निबंध-संग्रह
  2. काव्‍यग्रंथ
  3. संस्‍कृत नाटक
  4. उपन्‍यास

Ans (4): ‘वयं रक्षाम:’ चतुरसेन शास्त्री का उपन्‍यास है।इनकी अन्यरचनाएँ- वैशाली की नगर वधू, मंदिर की नर्तकी, आलमगीर, अभिलाषा आदि हैं।

8. ‘प्रत्‍यक्ष’ का विलोम है:

  1. समक्ष
  2. विपक्ष
  3. परोक्ष
  4. अदृश्‍य

Ans (3): ‘प्रत्‍यक्ष’ का विलोम परोक्ष है।

9. ‘फाड़ि नखन शव आंतड़िन, रुधिर मवाद निकारि।

लेपति अपने मुखनि पै, ह‍रसि प्रेतगन नारि।।’

उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा स्थायी भाव है?

  1. भय
  2. जुगुप्सा
  3. विस्‍मय
  4. निर्वेद

Ans (2): उपर्युक्त पंक्तियों में ‘जुगुप्सा’ स्थायी भाव है।

10. ‘अजौं तरयोना ही रह्यो श्रुति सेवत इक रंग’ मे अलंकार है:

  1. श्‍लेष
  2. रूपक
  3. उपमा
  4. उत्‍प्रेक्षा

Ans (1): उपर्युक्त पंक्तियों में ‘श्लेष अलंकार’ हैं।

11. ‘नाट्य शास्‍त्र’ के प्रणेता हैं

  1. भट्ट लोल्‍लट
  2. भरत मुनि
  3. भट्ट नायक
  4. अभिनय गुप्‍त

Ans (2): ‘नाट्य शास्‍त्र’ के प्रणेता ‘भरत मुनि’ हैं।

12. ‘नासिकेतोपाख्‍यान’ के लेखक हैं-

  1. लल्‍लू लाल
  2. सदासुख राय
  3. इंशा अल्‍ला खां
  4. सदल मिश्र

Ans (4): ‘नासिकेतोपाख्‍यान’ के लेखक सदल मिश्र हैं।

13. इनमें से वर्तनी की दृष्‍टि से शुद्ध शब्‍द है

  1. उज्‍जवल
  2. उज्‍ज्‍वल
  3. उज्‍वल
  4. उजवल

Ans (2): शुद्ध शब्‍द- उज्‍ज्‍वल।

14. ‘अरे यायावर रहेगा याद’- किस विधा की रचना है?

  1. जीवनी
  2. आत्‍मकथा
  3. यात्रा-साहित्‍य
  4. डायरी

Ans (3): ‘अरे यायावर रहेगा याद’- यात्रा-साहित्‍य विधा की रचना है। इसके लेखक अज्ञेय हैं। अज्ञेय के अन्य यात्रा वृतांत- एक बूँद सहसा उछली, बहता पानी निर्मल है।

15. निम्नलिखित में से कौन-सा रेखाचित्र महादेवी वर्मा का नहीं है?

  1. अतीत के चलचित्र
  2. स्मृति की रेखाएं
  3. पथ के साथी
  4. मंटो मेरा दुश्मन

Ans (4): ‘अतीत के चलचित्र’, ‘स्मृति की रेखाएं’ और ‘पथ के साथी’ रेखाचित्र महादेवी वर्मा के हैं। जबकि ‘मंटो मेरा दुश्मन’ रेखाचित्र के लेखक उपेन्द्र नाथ अश्क हैं। रेखाएँ और चित्र तथा ज्यादा अपनी कम परायी भी अश्क के रेखाचित्र हैं।

16. सूची- I का मिलान सूची- II से कीजिए तथा नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए:

सूची- Iसूची- II
(a) क्‍या भूलूँ क्‍या याद करूँ(i) रेखाचित्र
(b) आवारा मसीहा(ii) यात्रा-साहित्‍य
(c) तन्‍त्रालोक से यन्‍त्रालोक तक(iii) आत्मकथा
(d) मेरा परिवार(iv) जीवनी

कूट:

N. (a) (b)    (c)    (d)   

  1. (i)    (ii)    (iii)   (iv)
  2. (iii)   (iv)   (ii)    (i)
  3. (iv)   (iii)   (i)    (ii)
  4. (ii)    (i)    (iv)   (iii)

Ans (2): ‘क्‍या भूलूँ क्‍या याद करूँहरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा है, ‘आवारा मसीहा’ विष्णु प्रभाकर की शरत चंद्र पर लिखी जीवनी है, ‘तन्‍त्रालोक से यन्‍त्रालोक’ तक नगेंद्र का यात्रा-साहित्य है और ‘मेरा परिवार’ महादेवी का रेखाचित्र है।

17. निम्‍नलिखित में से कौन-सा रचना महाकाव्‍य नहीं है?

  1. कामायनी
  2. प्रिय-प्रवास
  3. साकेत
  4. पल्‍लव

Ans (4): जयशंकर प्रसाद कृत ‘कामायनी’, अयोध्या सिंह उपाध्याय कृत ‘प्रिय-प्रवास’ और मैथिलीशरण गुप्त कृत ‘साकेत’ महाकाव्य हैं। जबकि सुमित्रानंदन पंत कृत ‘पल्‍लव’ महाकाव्य नहीं है।

18. ‘फूल नहीं रंग बोलते हैं’ के रचनाकार हैं

  1. केदारनाथ अग्रवाल
  2. नागार्जुन
  3. त्रिलोचन
  4. नरेश मेहता

Ans (1): ‘फूल नहीं रंग बोलते हैं’ के रचनाकार केदारनाथ अग्रवाल हैं। इनकी अन्य रचनाएँ- युग की गंगा, आग का आईना, अपूर्वा आदि है। केदारनाथ अग्रवाल को ‘अपूर्वा’ काव्य संग्रह पर वर्ष 1986 में ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ तथा ‘फूल नहीं रंग बोलते हैं’ काव्य संग्रह पर ‘सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।

19. निम्‍नलिखित में से कौन-सा युग्‍म सही नहीं है?

  1. भट्ट लोल्‍लट– उत्‍पत्तिवाद
  2. शंकुक– अनुमितिवाद
  3. आचार्य मम्‍मट– भुक्‍तिवाद
  4. अभिनय गुप्‍त– अभिव्‍यक्‍तिवाद

Ans (3): भुक्‍तिवाद के प्रवर्तक भट्ट नायक हैं न की आचार्य मम्मट। भरत मुनि के नाट्य सूत्र की व्याख्याएं भट्ट लोल्लट (9वीं शती), शंकुक (9वीं शती), भट्ट नायक (11वीं शती) और अभिनय गुप्‍त (11वीं शती) के द्वारा क्रमश: मीमांसा, न्याय, सांख्य और शिव दर्शन के आलोक में की गयी जो उत्‍पत्तिवाद, अनुमितिवाद, भुक्‍तिवाद और अभिव्‍यक्‍तिवाद के नाम से जानी जाती हैं।

20. सूची- I का मिलान सूची- II से कीजिए और दिये गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए:

सूची- Iसूची- II
(a) शुद्धा द्वैतवाद(i) बल्‍लभाचार्य
(b) अद्वैतवाद(ii) शंकराचार्य
(c) विशिष्‍ट‍ाद्वैतवाद(iii) रामानुजाचार्य
(d) द्वैतवाद(iv) मध्‍वाचार्य

कूट:

N. (a) (b)    (c)    (d)   

  1. (ii)    (iii)   (i)    (iv)
  2. (iii)   (ii)    (iv)   (i)
  3. (i)    (ii)    (iii)    (iv)
  4. (iv)   (i)    (ii)    (iii)

Ans (3): शुद्धा द्वैतवाद के प्रवर्तक आचार्य विष्णुस्वामी हैं, इनके शिष्य बल्‍लभाचार्य थे जिन्होंने विष्णुस्वामी सम्प्रदाय का प्रवर्तन किया। अद्वैतवाद का प्रवर्तन शंकराचार्य, विशिष्‍ट‍ाद्वैतवाद का प्रवर्तन रामानुजाचार्य और द्वैतवाद का प्रवर्तन मध्‍वाचार्य ने किया।

21. प्रेमाख्‍यान काव्‍य-परम्‍परा (सूफी कवियों) का मुख्‍य दर्शन है:

  1. तसव्‍वुफ
  2. हनफी
  3. अहले हदीस
  4. अहमदिया

Ans (1): प्रेमाख्‍यान काव्‍य-परम्‍परा (सूफी कवियों) का मुख्‍य दर्शन ‘तसव्‍वुफ’ है।

22. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्‍य है?

  1. रीतिबद्ध धारा के कवियों ने लक्षण ग्रंथों की रचना की है
  2. रीतिबद्ध धारा के कवियों को आचार्य कवि कहा जाता है
  3. बिहारी रीतिसिद्ध धारा के प्रतिनिधि कवि हैं
  4. केशव रीतिमुक्‍त धारा के कवि हैं

Ans (4): असत्‍य कथन- केशव रीतिमुक्‍त धारा के कवि हैं।

23. हिंदी का प्रथम पत्र ‘उदन्‍त मार्तण्‍ड’ प्रकाशित होता था:

  1. दैनिक
  2. साप्‍ताहिक
  3. मासिक
  4. त्रैमासिक

Ans (2): हिंदी का प्रथम पत्र ‘उदन्‍त मार्तण्‍ड’ था जो साप्ताहिक प्रकाशित होता था। यह वर्ष 1826 में कलकत्ता से प्रकाशित हुआ था, इसके संपादक जुगल किशोर थे।

24. निराला की कविता ‘राम की शक्‍ति-पूजा’ पर किस रचना का सर्वाधिक प्रभाव है?

  1. राम‍चरित मानस
  2. बाल्‍मीकि-रामायण
  3. साकेत
  4. कृत्तिवास-रामायण

Ans (4): निराला की कविता ‘राम की शक्‍तिपूजा’ पर ‘कृत्तिवास-रामायण’ का सर्वाधिक प्रभाव है। निराला ने ‘राम की शक्‍तिपूजा’ का मुख्य कथानक कृतिवास की बंगला रामायण से लिया है।

25. निम्‍नलिखित में से कौन-सा कवि ‘दूसरा सप्‍तक’ में सम्मिलित नहीं था?

  1. भवानी प्रसाद मिश्र
  2. शकुन्‍त माथुर
  3. शमशेर बहादुर सिंह
  4. मुक्‍तिबोध

Ans (4): ‘दूसरा सप्‍तक’ में मुक्‍तिबोध सम्मिलित नहीं थे, वे ‘तारसप्तक’ में सम्मिलित थे जिसका संपादन वर्ष 1943 ई. में हुआ था। अज्ञेय द्वारा संपादित दूसरा सप्तक का प्रकाशन 1951 ई. हुआ था जिसमें- भवानी प्रसाद मिश्र, शकुन्त माथुर, हरिनारायण व्यास, शमशेर बहादुर सिंह, नरेश मेहता, रघुवीर सहाय और धर्मवीर भारती शामिल थे।

26. निम्‍नांकित में से कौन-सा काव्‍यग्रंथ नहीं है?

  1. वैदेही वनवास
  2. पथिक
  3. रसज्ञ-रंजन
  4. भारत-भारती

Ans (2): निम्‍नांकित में से ‘रसज्ञ रंजन’ काव्‍यग्रंथ नहीं है। रसज्ञ रंजन महावीर प्रसाद द्विवेदी का निबंध संकलन है।

27. निम्‍नांकित में से किस पत्रिका के संपादक भारतेंदु हरिश्चंद्र थे?

  1. सरस्‍वती
  2. कविवचन-सुधा
  3. नागरी-प्रचारिणी पत्रिका
  4. सुकवि

Ans (2): ‘कविवचन सुधा’ पत्रिका के संपादक भारतेंदु हरिश्चंद्र थे। यह मासिक पत्र था जिसका प्रकाशन काशी से वर्ष 1868 ई. में हुआ।

28. ‘जयमयंक जस-चंद्रिका’ के रचयिता का नाम है

  1. भट्ट केदार
  2. नरपति नाल्‍ह
  3. नल्‍ल सिंह
  4. मधुकर कवि

Ans (4): ‘जयमयंक जस-चंद्रिका’ के रचयिता मधुकर कवि हैं। इसकी रचना 1186 ई. में हुई थी।

29. ‘संतन को कहा सीकरी सो काम’- यह अभिकथन किसका है?

  1. संत कबीरदास
  2. संत रैदास
  3. कुम्‍भनदास
  4. मलूकदास

Ans (3): ‘संतन को कहा सीकरी सो काम’- यह अभिकथन कुम्‍भनदास का है। अष्टछाप के कवि कुम्भनदास बल्लभाचार्य के शिष्य थे।

30. गोस्‍वामी तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ की रचना किस संवत् में की थी?

  1. संवत् 1631
  2. संवत् 1637
  3. संवत् 1649
  4. इनमें से कोई नहीं

Ans (1): गोस्‍वामी तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ की रचना किस संवत् 1631 में की थी।

31. आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल ने रीतिकाल का ‘प्रवर्त्तक आचार्य’ किसे माना है?

  1. आचार्य केशवदास को
  2. मतिराम को
  3. चिंतामणि को
  4. बिहारी को

Ans (3): आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल ने रीतिकाल का ‘प्रवर्त्तक आचार्य’ चिंतामणि को माना है।

32. निम्‍नलिखित शब्‍दों में से पुल्लिंग शब्‍द का चयन कीजिए:

  1. सूची-पत्र
  2. किताब
  3. गंगा
  4. संसद

Ans (1): ‘सूची-पत्र’ पुल्लिंग शब्द है जबकि किताब, गंगा और संसद स्त्रीलिंग शब्द हैं।

33. ‘सु + आगतम्’ में कौन-सी संधि है?

  1. गुण संधि
  2. अयादि संधि
  3. वृद्धि संधि
  4. यण संधि

Ans (4): ‘सु + आगतम्’ में यण संधि है। यण संधि के नियमानुसार यदि इ, ई, उ, ऊ, ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो इनका परिवर्तन क्रमश: य्, व्, र् में हो जाता है।

34. ‘जय-पराजय’ मे कौन-सा समास है?

  1. अव्‍ययी भाव
  2. बहुब्रीहि
  3. द्वन्‍द्व
  4. द्विगु

Ans (3): ‘जय-पराजय’ में द्वन्‍द्व समास है। द्वन्‍द्व समास में दोनों पद प्रधान होते हैं।

35. निम्‍नलिखित में से सही शब्‍द छाँटिए

  1. कवियित्री
  2. क‍वयित्री
  3. कवियत्री
  4. कविइत्री

Ans (2): सही शब्द- क‍वयित्री है।

36. निम्‍नलिखित में से सही वाक्‍य चुनिए:

  1. श्रीकृष्‍ण के अनेकों नाम हैं
  2. आपका पत्र सधन्‍यवाद मिला
  3. श्रीकृष्‍ण के अनेक नाम हैं
  4. बन्‍दूक एक बहुत ही उपयोगी शस्‍त्र है

Ans (3): सही वाक्‍य- श्रीकृष्‍ण के अनेक नाम हैं।

37. ‘अन्‍धे की लकड़ी’ से तात्‍पर्य है

  1. बैसाखी का सहारा
  2. अंधे की विशेष छड़ी
  3. कुमार्ग पर चलना
  4. एक ही सहारा

Ans (4): ‘अन्‍धे की लकड़ी’ से तात्‍पर्य है- एक ही सहारा।

38. निम्‍नलिखित में से लोकोक्‍ति चुनिये

  1. अंक भरना
  2. आस्तीन का साँप
  3. कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली
  4. तूती बोलना

Ans (3): निम्‍नलिखित में से केवल ‘कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली’ ही लोकोक्‍ति है शेष सभी मुहावरे हैं। क्योंकि मुहावरे में अनिवार्य रूप से ‘न’ आता है जबकि लोकोक्ति में नहीं आता है।

39. निम्‍नलिखित में से किस उपन्‍यास का कथानक भारत-पाकिस्‍तान विभाजन पर आधारित नहीं है?

  1. झूठा-सच
  2. तमस
  3. आधा गाँव
  4. कर्मभूमि

Ans (4): यशपाल को झूठा-सच, भीष्म साहनी का तमस और राही मासूम रजा का ‘आधा गाँव’ उपन्‍यास का कथानक भारत-पाकिस्‍तान विभाजन पर आधारित है। वहीं प्रेमचंद का उपन्यास ‘कर्मभूमि’ भारत-पाकिस्तान विभाजन से संबंधित नहीं है। यह एक राजनैतिक उपन्यास है जिसका कथानक काशी और उसके आस-पास के गाँवों से संबंधित है।

40. आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल द्वारा लिखित ‘ग्‍यारह वर्ष का समय’ किस विधा की रचना है?

  1. कहानी
  2. उपन्‍यास
  3. डायरी
  4. संस्‍मरण

Ans (1): आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल द्वारा लिखित ‘ग्‍यारह वर्ष का समय’ की विधा कहानी है। यह कहानी 1903 ई. में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।

41. यशपाल की आत्‍मकथा है

  1. नीड़ का निर्माण फिर
  2. सिंहावलोकन
  3. मेरी जीवन-यात्रा
  4. मेरा जीवन-प्रवाह

Ans (2): यशपाल की आत्‍मकथा ‘सिंहावलोकन’ है जो तीन खंडों में प्रकाशित है। ये तीनों खंड क्रमश: वर्ष 1951, 1952 और 1955 में प्रकाशित हुए।

42. ‘रीतिकाल’ की विशेषताओं के संदर्भ में निम्‍नलिखित में से एक विशेषता गलत है। उस विशेषता का चयन कीजिए:

  1. रीतिकाल में अलंकरण की प्रधानता है
  2. रीतिकाल की प्रमुख भाषा ब्रजभाषा है
  3. रीतिकाल में प्रकृ‍ति का आलम्‍बन-रूप में वर्णन हुआ है
  4. रीतिकाल में लक्षण ग्रंथों की प्रमुखता है

Ans (3): ‘रीतिकाल’ की विशेषता नहीं है- रीतिकाल में प्रकृ‍ति का आलम्‍बन-रूप में वर्णन हुआ है।

43. ‘सैय्यद इब्राहीम’ का कविनाम है

  1. जान कवि
  2. आलम
  3. रसखान
  4. इनमें से कोई नहीं

Ans (3): रसखान का पूरा नाम ‘सैय्यद इब्राहीम’ था। इनकी प्रमुख रचनाएँ- सुजान रसखान, प्रेमवाटिका, दानलीला, अष्टयाम आदि हैं।

44. ‘लोग हैं लागि कवित्त बनावत,

मोहि तौ मेरे कवित्त बनावत’

-इस काव्‍यपंक्‍ति के रचयिता का नाम है:

  1. आलम
  2. द्विजदेव
  3. घनानंद
  4. इनमें से कोई नहीं

Ans (3): उपरोक्त काव्‍यपंक्‍ति के रचयिता घनानंद हैं।

45. ‘जुही की कली’ कविता को किस संपादक ने अपने पत्र में बिना प्रकाशित किये वापस कर दिया था?

  1. गोपालदास गहमरी
  2. बालकृष्‍ण भट्ट
  3. महावीर प्रसाद द्विवेदी
  4. बनारसीदास चतुर्वेदी

Ans (3): ‘जुही की कली’ कविता को सरस्वती पत्रिका के संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी ने अपने पत्र में बिना प्रकाशित किये वापस कर दिया था।

46. ‘चौथा सप्‍तक’ में संकलित कवयित्री हैं:

  1. शकुन्‍त माथुर
  2. सुमन राजे
  3. मणिकामोहिनी
  4. कीर्ति चौधरी

Ans (2): ‘चौथा सप्‍तक’ में संकलित कवयित्री सुमन राजे हैं।

47. कलकत्ता में स्‍थापित ‘फोर्ट विलियम कॉलेज’ के संस्‍थापक थे:

  1. जॉन गिलक्राइस्‍ट
  2. सदल मिश्र
  3. राजा शिवप्रसाद ‘सितारे हिन्‍द’
  4. रवीन्‍द्रनाथ टैगोर

Ans (1): कलकत्ता में स्‍थापित ‘फोर्ट विलियम कॉलेज’ के संस्‍थापक जॉन गिलक्राइस्‍ट थे। इस कॉलेज की स्थापना 1800 ई. में कलकत्ता में हुई थी। जॉन गिलक्राइस्‍ट ने हिंदी शिक्षण के लिए कॉलेज में लल्लू लाल और सदल मिश्र को नियुक्ति किया था।

48. किशोरीलाल गोस्‍वामी कृत ‘इन्‍दुमती’ नामक कहानी सर्वप्रथम कब और कहाँ प्रकाशित हुर्इं थी?

  1. सन् 1900 ई. में, सरस्‍वती में
  2. सन् 1900 ई. में, विशालभारत में
  3. सन् 1903 ई. में, सरस्‍वती में
  4. इनमें से किसी में भी नहीं

Ans (1): किशोरीलाल गोस्‍वामी कृत ‘इन्‍दुमती’ नामक कहानी सर्वप्रथम सन् 1900 ई. में सरस्‍वती में प्रकाशित हुर्इं थी। यह हिंदी की पहली कहानी मानी जाती है।

49. भारवि द्वारा रचित किरातार्जुनीयम्’ का प्रधान रस है

  1. वीर रस
  2. श्रृंगार रस
  3. करुण रस
  4. शान्‍त रस

Ans (1): भारवि द्वारा रचित ‘किरातार्जुनीयम्’ का प्रधान रस ‘वीर रस’ है।

50. ‘श्रीहर्ष’ द्वारा रचित ‘नैषधीयचरित’ में किस रीति की प्रधानता है?

  1. पांचाली रीति
  2. वैदर्भी रीति
  3. गौडी रीति
  4. प्रसाद रीति

Ans (2): ‘श्रीहर्ष’ द्वारा रचित ‘नैषधीयचरित’ में वैदर्भी रीति की प्रधानता है।

51. बृहत्त्रयी में कौन-सा महाकाव्‍य नहीं आता है?

  1. किरातार्जुनीयम्
  2. शिशुपालवधम्
  3. नैषधीयचरितम्
  4. रघुवंशम्

Ans (4): बृहत्त्रयी में कालिदास कृत ‘रघुवंशम्’ महाकाव्‍य नहीं आता है। जबकि भारवि कृत ‘किरातार्जुनीयम्’ माघ कृत ‘शिशुपालवधम्’ और श्रीहर्ष कृत ‘नैषधीयचरितम्’ महाकाव्यों की बृहत्त्रयी में आते हैं।

52. सूची- I का मिलान सूची- II से कीजिए और दिये गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए:

सूची- Iसूची- II
(a) कालिदास(i) दशकुमारचरितम्
(b) माघ(ii) अभिज्ञानशाकुन्‍तलम्
(c) भवभूति(iii) शिशुपालवधम्
(d) दण्‍डी(iv) उत्तररामचरितम्          

कूट:

N. (a) (b)    (c)    (d)

  1. (i)    (ii)    (iii)   (iv)
  2. (ii)    (iii)   (iv)   (i)
  3. (iii)   (i)    (ii)    (iv)
  4. (iv)   (ii)    (iii)   (i)

Ans (2): कालिदास की अभिज्ञानशाकुन्‍तलम्, माघ की शिशुपालवधम्, भवभूति की उत्तररामचरितम् और दण्‍डी की दशकुमारचरितम् रचना है।

53. ‘उज्‍ज्‍वल’ शब्‍द का सही संधि-विच्‍छेद चुनिये

  1. उज् + ज्‍वल
  2. उज्‍ज + वल
  3. उत् + ज्‍वल
  4. उज + वल

Ans (3): ‘उज्‍ज्‍वल’ शब्‍द का सही संधि-विच्‍छेदउत् + ज्‍वलहै। यह व्यंजन संधि का उदहारण है।

54. ‘पंचवटी’ शब्‍द में प्रयुक्‍त समास का नाम बताइये

  1. द्विगु समास
  2. तत्‍पुरूष समास
  3. बहुब्रीहि समास
  4. अव्‍ययीभाव समास

Ans (1): ‘पंचवटी’ शब्‍द में द्विगु समास है।

55. सूची- I का मिलान सूची- II से कीजिए और दिये गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए:

सूची- Iसूची- II
(a) लट्लकार(i) भविष्‍य काल
(b) लोटलकार(ii) वर्तमान काल
(c) लङ्लकार(iii) आज्ञार्थक
(d) लृट्लकार(iv) भूत काल

कूट:

N. (a) (b)    (c)    (d)

  1. (iii)   (iv)   (i)    (ii)
  2. (iii)   (i)    (ii)    (iv)
  3. (i)    (ii)    (iii)   (iv)
  4. (ii)    (iii)   (iv)   (i)

Ans (4): लट्लकार को वर्तमान काल, लोटलकार को आज्ञार्थक, लङ्लकार को भूतकाल और लृट्लकार को भविष्यकाल कहते हैं।

56. ‘अब लौं नसानी अब न नसैहों- पद के रचयिता हैं

  1. सूरदास
  2. कुंभनदास
  3. तुलसीदास
  4. गोविन्‍दस्‍वामी

Ans (3): ‘अब लौं नसानी अब न नसैहों- पद के रचयिता तुलसीदास हैं।

57. निम्‍नांकित में से कौन-सा शब्‍द ‘सूर्य’ का पर्यायवाची नहीं है?

  1. दिनकर
  2. दिवाकर
  3. भास्‍वर
  4. अंशुमाली

Ans (3): दिनकर, दिवाकर, अंशुमाली ‘सूर्य’ का पर्यायवाची शब्द हैं जबकि भास्वर नहीं है।

58. ‘करुण’ के रस राजत्‍व की प्रतिष्‍ठापना किस ग्रंथ द्वारा की गई?

  1. रघुवंशम्
  2. उत्तररामचरितम्
  3. प्रतिमा नाटकम्
  4. किरातार्जुनीयम्

Ans (2): ‘करुण’ के रस राजत्‍व की प्रतिष्‍ठापना भवभूति के उत्तररामचरितम् नाटक द्वारा की गई। उनके दो अन्य नाटक मालतीमाधव श्रृंगार रस प्रधान और महावीर चरित वीर रस प्रधान हैं।

59. ‘न कांतमपि निर्भूषं विभाति वनितामुखम्’- यह अभिमत है

  1. आचार्य रुद्रट का
  2. पीयूषवर्षी जयदेव का
  3. आचार्य भामह का
  4. आचार्य मम्‍मट का

Ans (3): ‘न कांतमपि निर्भूषं विभाति वनितामुखम्’- यह अभिमत आचार्य भामह का है। उनके अनुसार अलंकार विहीन काव्य उसी तरह शोभित नहीं होता, जैसे किसी कामिनी का मुख सुंदर होने पर भी बिना भूषणों के नहीं होता।

60. ‘अभिज्ञ’ शब्‍द का विलोम है

  1. भिज्ञ
  2. सभिज्ञ
  3. अनभिज्ञ
  4. सुभिज्ञ

Ans (3): ‘अभिज्ञ’ शब्‍द का विलोम अनभिज्ञ है।

61. ‘द्विज’ शब्‍द का अर्थ है

  1. ब्राह्मण
  2. दाँत
  3. पक्षी
  4. इनमें से सभी

Ans (4): ‘द्विज’ शब्‍द का अर्थ है- ब्राह्मण, दाँत और पक्षी होता है। यह अनेकार्थक शब्द है।

62. ‘अकरो:’ रूप है:

  1. ‘कृ’ धातु लोट् लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन
  2. ‘कृ’ धातु लङ् लकार, मध्‍यम पुरुष, एकवचन
  3. ‘कृ’ धातु लट् लकार, प्रथम पुरुष, बहुवचन
  4. ‘कृ’ धातु लृट् लकार, उत्तम पुरुष, द्विवचन

Ans (2): ‘अकरो:’ रूप है: ‘कृ’ धातु लङ् लकार, मध्‍यम पुरुष, एकवचन

63. ‘मार्ग के दोनों तरु वृक्ष हैं’ का संस्‍कृत में अनुवाद होगा

  1. मार्गम् उभयत: वृक्षा: सन्ति
  2. मार्गस्‍य उभयत: वृक्ष: सन्ति
  3. मार्गस्‍य उभयत: वृक्षा: सन्ति
  4. मार्गे वृक्षा: सन्ति

Ans (1): ‘मार्ग के दोनों तरु वृक्ष हैं’ का संस्‍कृत में अनुवाद ‘मार्गम् उभयत: वृक्षा: सन्ति’ होगा।

64. ‘भविष्‍यत कहा’ के रचनाकार हैं-

  1. पुष्‍पदन्‍त
  2. स्‍वयंभू
  3. धनपाल
  4. सरहपा

Ans (3): ‘भविष्‍यत कहा’ के रचनाकार धनपाल हैं।

65. आचार्य भिखारीदास कृत प्रमुख काव्‍यशास्‍त्रीय ग्रंथ है

  1. काव्‍यप्रकाश
  2. काव्‍यनिर्णय
  3. काव्‍यांगप्रकाश
  4. रस-सारांश

Ans (2): आचार्य भिखारीदास कृत प्रमुख काव्‍यशास्‍त्रीय ग्रंथ ‘काव्‍यनिर्णय’ है। इनके अन्य ग्रंथ- रस सारांश, श्रृंगार निर्णय, शब्दनाम कोश, शतरंजशतिका आदि हैं।

66. ‘कामायनी’ को ‘छायावाद का उपनिषद्’ किसने कहा है?

  1. डॉ. नगेंद्र ने
  2. मुक्‍तिबोध ने
  3. डॉ. इन्‍द्रनाथ मदान ने
  4. शान्तिप्रिय द्विवेदी ने

Ans (4): ‘कामायनी’ को ‘छायावाद का उपनिषद्’ शान्तिप्रिय द्विवेदी ने कहा है।

67. हिंदी-साहित्‍य के इतिहास-ग्रंथ ‘हिंदी साहित्‍य विमर्श’ के लेखक हैं-

  1. वियोगी हरि
  2. सूर्यकांत शास्‍त्री
  3. डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी
  4. पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्‍शी

Ans (4): ‘हिंदी साहित्‍य विमर्श’ के लेखक पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्‍शी हैं।

68. ‘धुमिल’ को किस काव्‍यकृति पर ‘साहित्‍य अकादमी’ पुरस्‍कार मिला था?

  1. कल सुनना मुझे
  2. सुदामा पाण्‍डे का प्रजातन्‍त्र
  3. संसद से सड़क तक
  4. किसी पर नहीं

Ans (1): ‘धुमिल’ को ‘कल सुनना मुझे’ काव्‍यकृति पर वर्ष 1979 का ‘साहित्‍य अकादमी’ पुरस्‍कार मिला था।

69. ‘निठल्ले की डायरी’ नामक हास्‍य-व्‍यंग्‍य निबंध-संग्रह के लेखक हैं

  1. श्रीलाल शुक्‍ल
  2. गोपाल प्रसाद व्‍यास
  3. रवीन्‍द्रनाथ त्‍यागी
  4. हरिशंकर परसाई

Ans (4): ‘निठल्ले की डायरी’ नामक हास्‍य-व्‍यंग्‍य निबंध-संग्रह के लेखक हरिशंकर परसाई हैं। हरिशंकर परसाई की अन्य व्यंग्यात्मक निबन्ध- हँसते हैं रोते हैं, तब की बात और थी, जैसे उनके दिन फिरे, सदाचार की ताबीज, पगडंडियों का जबाना, वैष्णव की फिसलन, शिकायत मुझे भीं है, तुलसीदास चंदन घिसै, ठिठुरता हुआ गणतंत्र आदि हैं।

70. निम्‍नलिखित में से कौन-सा नाटक जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित नहीं है?

  1. स्‍कन्‍दगुप्‍त
  2. चंद्रगुप्‍त
  3. कर्बला
  4. ध्रुवस्‍वामिनी

Ans (3): ‘कर्बला’ नाटक प्रेमचंद का है। स्‍कन्‍दगुप्‍त, चंद्रगुप्‍त, ध्रुवस्‍वामिनी, सज्जन, कल्याणी परिणय, करुणालय, प्रायश्चित, राज्य श्री, विशाख, अजातशत्रु, कामना, जनमेजय का नाग यज्ञ, एक घूँट आदि नाटक जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित हैं।

71. ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ के प्रथम अधिवेशन की अध्‍यक्षता की थी

  1. प्रेमचंद ने
  2. नागार्जुन ने
  3. राही मासूम रजा ने
  4. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ने

Ans (1): ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ के प्रथम अधिवेशन (1936 ई.) की अध्‍यक्षता प्रेमचंद ने की थी। सन् 1935 ई. में एम. फार्स्टर के सभापतित्व में पेरिस में ‘प्रोग्रेसिव रायटर्स एसोसिएशन’ नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्था का प्रथम अधिवेशन हुआ था। सन् 1936 ई. में सज्जाद जहीर और मुल्कराज आनंद ने भारत में इसकी शाखा खोली और प्रेमचंद की अध्यक्षता में लखनऊ में इसका प्रथम अधिवेशन हुआ।

72. ‘छायावाद’ शब्‍द का सर्वप्रथम प्रयोग किस आलोचक ने किया था?

  1. मुकुटधर पाण्‍डेय
  2. आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल
  3. हजारीप्रसाद द्विवेदी
  4. नामवर सिंह

Ans (1): ‘छायावाद’ शब्‍द का सर्वप्रथम प्रयोग मुकुटधर पाण्‍डेय ने किया था।

73. ‘केशव! कहि न जाई का कहिये’- यह पंक्‍ति किस रचनाकार की है?

  1. कबीर
  2. रहीम
  3. केशव
  4. तुलसी

Ans (4): उपरोक्त पंक्‍ति के रचनाकार तुलसीदास हैं।

74. निम्‍नलिखित में से ‘संत काव्‍य परम्‍परा’ के अन्‍तर्गत न आने वाले कवि का नाम है

  1. कबीर
  2. दादू दयाल
  3. नानक
  4. नंद दास

Ans (4): कबीर, दादू दयाल और नानक ‘संत काव्‍य परम्‍परा’ के कवि हैं जबकि ‘नंददास’ कृष्ण भक्ति शाखा के कवि हैं।

75. सूची- I की मिलान सूची- II से कीजिए और दिये गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए:

सूची- I (इतिहासकार)सूची- II (नामकरण)
(a) आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल(i) प्रारम्भिक काल
(b) डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी(ii) वीर गाथा काल
(c) राहुल सांकृत्‍यायन(iii) सिद्ध-सामन्‍त काल
(d) मिश्र बंधु(iv) आदि काल

कूट:

N. (a) (b)    (c)    (d)          

  1. (i)    (ii)    (iii)   (iv)
  2. (iv)   (iii)   (ii)    (i)
  3. (iii)   (i)    (ii)    (iv)
  4. (ii)    (iv)   (iii)   (i)

Ans (4): आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल ने आदिकाल को वीरगाथा काल, डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल, राहुल सांकृत्‍यायन ने सिद्ध सामंत काल और मिश्र बंधुओं ने प्रारम्भिक काल नाम दिया है।

76. ‘इत्‍यादि’ शब्‍द का सही संधि-विच्‍छेद होगा

  1. इति + आदि
  2. इत्‍य + आदि
  3. इति + यादि
  4. इत + आदि

Ans (1): ‘इत्‍यादि’ शब्‍द का सही संधि-विच्‍छेद इति + आदि है। यह यण संधि का उदाहरण है। जब ह्रस्व या दीर्घ इ, उ, ऋ, ऌ के बाद कोई असमान स्वर आये तो क्रमश: य्, व्, र्, ल् हो जाता है।

77. ‘मति’ शब्‍द के षष्‍ठी एकवचन का रूप है-

  1. मत्‍या
  2. मत्‍या:
  3. मतय:
  4. नतये

Ans (2): ‘मति’ शब्‍द के षष्‍ठी एकवचन का रूप ‘मत्‍या:’ है।

78. अवधी किस उपभाषा वर्ग की बोली है?

  1. पश्‍चिमी हिंदी
  2. पूर्वी हिंदी
  3. बिहार हिंदी
  4. राजस्‍थानी हिंदी

Ans (2): अवधी पूर्वी हिंदी उपभाषा वर्ग की बोली है। पूर्वी हिंदी की अन्य बोलियाँ- बघेली और छत्तीसगढ़ी हैं।

79. निम्‍नलिखित में से कौन वीरगाथा काल की रचना नहीं है?

  1. संदेश रासक
  2. जयमयंक जस चन्द्रिका
  3. आल्हखंड
  4. भक्‍तमाल

Ans (4): अब्दुल रहमान कृत संदेश रासक, मधुकर कवि कृत जयमयंक जस चन्द्रिका, जगनिक कृत आल्हखंड वीरगाथा काल की रचनाएँ हैं जबकि नाभादास कृत भक्‍तमाल वीरगाथा काल की रचना नहीं है। स्वामी अग्रदास के शिष्य नाभादास भक्तिकालीन कवि हैं।

80. कृष्‍ण काव्‍यधारा के प्रवर्त्तक हैं

  1. सूरदास
  2. स्‍वामी बल्‍लभाचार्य
  3. नाभादास
  4. चैतन्‍य महाप्रभु

Ans (2): कृष्‍ण काव्‍यधारा के प्रवर्त्तक स्‍वामी बल्‍लभाचार्य हैं।

81. ‘तार सप्‍तक’ का प्रकाशन वर्ष है:

  1. सन् 1940 ई.
  2. सन् 1943 ई.
  3. सन् 1955 ई.
  4. सन् 1958 ई.

Ans (2): ‘तार सप्‍तक’ का प्रकाशन वर्ष 1943 ई. है। वहीं दूसरा सप्तक का 1951 ई., तीसरा सप्तक का 1959 ई. और चौथा सप्तक का 1979 ई. है। चारों सप्तक के संपादक अज्ञेय जी है। ‘तार सप्‍तक’ का प्रकाशन से प्रयोगवाद का आरंभ माना जाता है।

82. ‘अज्ञेय’ की रचना है

  1. कुरुक्षेत्र
  2. हरी घास पर क्षण भर
  3. हुंकार
  4. पवनदूत

Ans (2): ‘हरी घास पर क्षण भर’ अज्ञेय की रचना है। इनकी अन्य रचनाएँ- बावरा अहेरी, इंद्र धनुष रौंदे हुए, अरी ओ करुणा प्रभामय, आंगन के पार द्वार, कितनी नावों पर कितनी बार, सागर मुद्रा, महावृक्ष के नीचे, क्योंकि मैं उसे जानता हूँ, नदी की बांक पर छाया, असाध्य वीणा आदि हैं। वहीं कुरुक्षेत्र और हुंकार दिनकर की और पवनदूत धोयी की रचना है।

83. अयोध्‍यासिंह उपाध्‍याय ‘हरिऔध’ द्वारा लिखित काव्‍य ग्रंथ है-

  1. पथिक
  2. कनुप्रिया
  3. चोखे-चौपदे
  4. वासवदत्ता

Ans (3): अयोध्‍यासिंह उपाध्‍याय ‘हरिऔध’ द्वारा लिखित काव्‍य ग्रंथ चोखे-चौपदे है। इनकी अन्य रचनाएँ- प्रियप्रवास, पद्य प्रसून, चुभते-चौपदे, रस कलस, वैदेही बनवास आदि हैं।

84. ‘नयी कहानी’ पत्रिका का संपादक कौन था?

  1. प्रेमचंद
  2. मोहन राकेश
  3. कमलेश्‍वर
  4. भैरव प्रसाद गुप्‍त

Ans (4): ‘नयी कहानी’ पत्रिका के संपादक भैरव प्रसाद गुप्‍त थे।

85. रामचरित मानस में कुल कितने काण्‍ड हैं?

  1. 15
  2. 10
  3. 7
  4. 8

Ans (3): रामचरित मानस में कुल 7 काण्‍ड हैं।

86. ‘नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्‍वास रजत नग पग पल में’- किस रचनाकार की पंक्‍ति है?

  1. जयशंकर प्रसाद
  2. सुमित्रानंदन पंत
  3. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
  4. महादेवी वर्मा

Ans (1): उपरोक्त पंक्ति के रचनाकार जयशंकर प्रसाद हैं।

87. ‘विभावानुभावव्‍यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पति:’ को प्रतिपादित किया है:

  1. दण्‍डी ने
  2. भरत मुनि ने
  3. वामन ने
  4. अभिनवगुप्‍त ने

Ans (2): रस निष्पति के संदर्भ में यह भरत मुनि का प्रसिद्ध रस सूत्र है जिसे उन्होंने नाट्यशास्त्र में लिखा है।

88. ‘कुवलयानंद’ के रचयिता हैं:

  1. भामह
  2. दण्‍डी
  3. पण्डितराज जगन्‍नाथ
  4. अप्‍पय दीक्षित

Ans (4): ‘कुवलयानंद’ के रचयिता अप्‍पय दीक्षित हैं।

89. ‘दृग अरुझत, टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति

परति गाँठ दुरजन हिए, दई नयी यह रीति।’

-में कौन-सा अलंकार है?

  1. निदर्शना
  2. दृष्‍टान्‍त
  3. असंगति
  4. विभावना

Ans (3): उपरोक्त पंक्तियों में असंगति अलंकार है।

90. आचार्य मम्‍मट ने काव्‍य गुण माने हैं

  1. 10
  2. 3
  3. 15
  4. 8

Ans (2): आचार्य मम्‍मट ने 3 काव्‍य गुण माना है। आनंद वर्द्धन, हेमचंद्र, विश्वनाथ, जगन्नाथ आदि प्रभृति आचार्यों ने भी काव्य के 3 गुण माना है। वहीं भरत मुनि, दंडी एवं वामन ने काव्य के 10 गुण माना है।

91. हिंदी भाषा के उद्भव और विकास का सही क्रम चुनिए:

  1. संस्‍कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, शौरसेनी, पश्चिमी हिंदी, खड़ी बोली
  2. संस्‍कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, पालि, शौरसेनी, पश्‍चिमी हिंदी, खड़ी बोली
  3. संस्‍कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, खड़ी बोली, शौरसेनी, पश्‍चिमी हिंदी
  4. पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, संस्‍कृत, शौरसेनी, पश्‍चिमी हिंदी, खड़ी बोली

Ans (1): हिंदी भाषा के उद्भव और विकास का सही क्रम- संस्‍कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, शौरसेनी, पश्चिमी हिंदी, खड़ी बोली।

92. निम्‍नलिखित में से कौन-सा शब्‍द तत्‍सम रूप है?

  1. अंधकार
  2. अंधियारा
  3. अंधेरा
  4. रात

Ans (1): ‘अंधेरा’ का तत्सम अंधकार होता है।

93. निम्‍नलिखित में से किस शब्‍द में ‘उपसर्ग’ है?

  1. लालिमा
  2. पराजय
  3. दशक
  4. कारीगर

Ans (2): पराजय में ‘परा’ उपसर्ग है। परा + जय = पराजय।

94. देवनागरी लिपि का विकास हुआ है-

  1. खरोष्‍ठी से
  2. फारसी से
  3. मराठी से
  4. ब्राह्मी से

Ans (4): देवनागरी लिपि का विकास ब्राह्मी से हुआ है। 400 ई. में ब्राह्मी लिपि से गुप्त लिपि का विकास हुआ जिससे 600 ई. में कुटिल लिपि विकसित हुई। उसी से 8-9वीं शताब्दी में नागरी लिपि का विकास हुआ।

95. निम्‍नलिखित में से कौन-सा शब्‍द ‘कमल’ का पर्यायवाची नहीं है?

  1. अरविन्‍द
  2. शतदल
  3. सरसिज
  4. अमिय

Ans (4): ‘कमल’ का पर्यायवाची शब्द- अरविंद, शतदल और सरसिज है। जबकि अमिय ‘अमृत’ का पर्यायवाची शब्द है।

96. ‘आचार’ का विलोम शब्‍द है

  1. अनाचार
  2. आनाचार
  3. अत्‍याचार
  4. विचार

Ans (1): ‘आचार’ का विलोम शब्‍द आनाचार है।

97. ‘जिसकी आशा न की गयी हो’- उसे कहा जाता है

  1. निराशा
  2. अप्रत्‍याशित
  3. उपेक्षा
  4. असम्‍भव

Ans (2): ‘जिसकी आशा न की गयी हो’ उसे अप्रत्‍याशित कहा जाता है।

98. ‘जिस पर अनुग्रह किया गया हो’ वाक्‍यांश के लिए प्रयुक्‍त शुद्ध एक शब्‍द है

  1. अनुग्रहीत
  2. अनुगृहीत
  3. अनुग्रही
  4. अनुग्रहित

Ans (2): ‘जिस पर अनुग्रह किया गया हो’ वाक्‍यांश के लिए प्रयुक्‍त शुद्ध शब्‍द अनुगृहीत है।

99. निम्‍नलिखित में से कौन-सा शब्‍द ‘पताका’ का पर्यायवाची नहीं है?

  1. निशान
  2. ध्‍वज
  3. झण्‍डा
  4. प्रस्‍तर

Ans (4): ‘पताका’ का पर्यायवाची शब्द- निशान, ध्वज और झंडा हैं। वहीं प्रस्तर ‘पत्थर’ का पर्यायवाची शब्द है।

100. ‘मुझे चाँद चाहिए’ उपन्‍यास के लेखक हैं

  1. विक्रम सेठ
  2. सुरेन्‍द्र वर्मा
  3. रांगेय राघव
  4. अरुन्‍धती राय

Ans (2): ‘मुझे चाँद चाहिए’ उपन्‍यास के लेखक सुरेन्‍द्र वर्मा हैं।

101. ‘टोपी शुक्‍ला’ के लेखक हैं

  1. श्रीलाल शुक्‍ल
  2. राही मासूम रजा
  3. मोहन राकेश
  4. मन्‍नू भंडारी

Ans (2): ‘टोपी शुक्‍ला’ उपन्यास के लेखक राही मासूम रजा हैं।

102. ‘अरुण यह मधुमय देश हमारा’- गीत ‘प्रसाद’ जी की किस कृति में है?

  1. झरना
  2. लहर
  3. ध्रुवस्‍वामिनी
  4. चंद्रगुप्‍त

Ans (4): ‘अरुण यह मधुमय देश हमारा’- गीत ‘प्रसाद’ जी के चंद्रगुप्‍त नाटक में है।

103. ‘कवित्त रत्‍नाकर’ के रचनाकार हैं:

  1. जगन्‍नाथ दास ‘रत्‍नाकार’
  2. सेनापति
  3. घनानंद

Ans (2): ‘कवित्त रत्‍नाकर’ के रचनाकार सेनापति हैं।

104. ‘अष्‍टछाप’ के प्रमुख कवि ‘नंददास’ किसके शिष्‍य थे?

  1. बल्‍लभाचार्य
  2. विट्ठलनाथ
  3. रामानंद
  4. निम्‍बार्काचार्य

Ans (2): ‘अष्‍टछाप’ के प्रमुख कवि ‘नंददास’ विट्ठलनाथ के शिष्‍य थे।

105. ‘कबीर वाणी के डिक्‍टेटर थे’- यह अभिमत किस आलोचक का है?

  1. डॉ. रामकुमार वर्मा
  2. डॉ. परशुराम चतुर्वेदी
  3. डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी
  4. आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल

Ans (3): ‘कबीर वाणी के डिक्‍टेटर थे’- यह अभिमत डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी का है।

106. इनमें से कौन-सा कवि ‘अभिनय जयदेव’ की उपाधि से विभूषित हैं?

  1. विद्यापति
  2. सूरदास
  3. नंददास
  4. कुंभनदास

Ans (1): ‘अभिनय जयदेव’ की उपाधि से विभूषित कवि विद्यापति हैं। उन्हें यह उपाधि 14वीं शदी में राजा शिव सिंह ने दिया था। विद्यापति की अन्य उपाधियाँ- कवि शेखर, कवि कंठहार, कवि रंजन, राजपंडित, खेलन कवि, सरस कवि, कविरत्न, नव कवि और मैथिल कोकिल। विद्यापति आशुकवि भी थे। इनकी प्रमुख रचनाएँ- कीर्तिलता, कीर्तिपताका और पदावली हैं।

107. मुक्‍त छंद के प्रणेता हैं:

  1. निराला
  2. नागार्जुन
  3. जयशंकर प्रसाद
  4. महादेवी वर्मा

Ans (1): मुक्‍त छंद के प्रणेता सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं।

108. निम्‍नलिखित में से कौन-सा कथन असत्‍य है?

  1. पंत को प्र‍कृति का सुकुमार कवि कहा जाता है
  2. ‘पल्‍लव’ पंत की रचना है
  3. लोकायतन महाकाव्‍य की श्रेणी में आता है
  4. पंत भारतेंदु युग के कवि हैं

Ans (4): ‘पंत भारतेंदु युग के कवि हैं’ असत्‍य कथन है। पंत जी छायावाद के प्रमुख कवि हैं। इन्हें प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है।

109. ‘राम’ शब्‍द का तृतीया द्विवचन रूप है

  1. रामाभ्‍याम्
  2. रामान्
  3. रामै:
  4. रामेभ्‍य:

Ans (1): ‘राम’ शब्‍द का तृतीया द्विवचन रूप ‘रामाभ्‍याम्’ है।

110. महाकवि कालिदास किस अलंकार के लिए प्रसिद्ध हैं?

  1. उपमा
  2. श्‍लेष
  3. उत्‍प्रेक्षा
  4. रूपक

Ans (1): महाकवि कालिदास उपमा अलंकार के लिए प्रसिद्ध हैं। उपमा कालिदासस्य कहा भी गया है।

111. ‘सूरदास’ किस उपन्‍यास का पात्र है?

  1. रंगभूमि
  2. कर्मभूमि
  3. गबन
  4. मानस का हंस

Ans (1): ‘सूरदास’ रंगभूमि उपन्‍यास का पात्र है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं। सूरदास इस उपन्यास का मुख्य पात्र है जो गाँधी जी के आदर्शों पर चलता है। इस उपन्यास में त्याग, प्रेम, बलिदान के आदर्श को दर्शाया गया है।

112. सूची- I का मिलान सूची- II से कीजिए तथा नीचे दिये गए कूट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए:

सूची- Iसूची- II
(a) बीसलदेव रासो(i) जगनिक
(b) पृथ्‍वीराज रासो(ii) नरपति नाल्‍ह
(c) परमाल रासो(iii) दलपति विजय
(d) खुमाण रासो(iv) चंदवरदायी

कूट:

N. (a) (b)    (c)    (d)

  1. (iii)   (i)    (iv)   (ii)
  2. (ii)    (iv)   (i)    (iii)
  3. (i)    (ii)    (iii)   (iv)
  4. (iv)   (iii)   (ii)    (i)

Ans (2): बीसलदेव रासो ग्रंथ नरपति नाल्‍ह का, पृथ्‍वीराज रासो ग्रंथ चंदवरदायी का, परमाल रासो ग्रंथ जगनिक का और खुमाण रासो ग्रंथ दलपति विजय का है।

113. रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा लिखित ‘गेहूँ और गुलाब’ में गुलाब किसका प्रतीक है?

  1. सुगन्‍ध
  2. कला और संस्‍कृति
  3. राजतन्‍त्र
  4. पूंजीवाद

Ans (2): रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा लिखित ‘गेहूँ और गुलाब’ में गेहूँ ‘भूख’ और गुलाब ‘कला और संस्‍कृति’ का प्रतीक है।

114. जिस छंद के प्रथम तथा तृतीय चरण में 12-12 मात्राएँ एवं द्वितीय तथा चतुर्थ चरण में 7-7 मात्राएँ होती हैं, साथ ही म चरणों के अन्‍त में जगण (ISI) होता है, वह छंद है-

  1. मालिनी
  2. बरवै
  3. रोला
  4. इन्‍द्रवज्रा

Ans (2): बरवै छंद

115. ‘हानूश’ नाटक के रचनाकार हैं

  1. कुसुम कुमार
  2. रमेश बख्‍शी
  3. भीष्‍म साहनी
  4. मोहन राकेश

Ans (3): ‘हानूश’ नाटक के रचनाकार भीष्‍म साहनी हैं। उनके अन्य नाटक- माधवी, कबीरा खड़ा बाजार में, मुआवजे हैं।

116. ‘आदिकाल’ के लिए ‘बीज-वपनकाल’ नामंकरण किसने किया है?

  1. राहुल सांकृत्‍यायन
  2. डॉ. नगेंद्र
  3. महावीरप्रसाद द्विवेदी
  4. हजारीप्रसाद द्विवेदी

Ans (3): ‘आदिकाल’ के लिए ‘बीज-वपनकाल’ नामंकरण महावीरप्रसाद द्विवेदी ने किया है।

117. ‘संसद से सड़क तक’ के रचनाकार हैं

  1. मुक्‍तिबोध
  2. धूमिल
  3. सर्वेश्‍वरदयाल सक्‍सेना
  4. लीलाधर जगूड़ी

Ans (2): ‘संसद से सड़क तक’ के रचनाकार धूमिल हैं।

118. ‘शिवाबावनी’ के रचनाकार हैं

  1. रत्‍नाकर
  2. भूषण
  3. ठाकुर
  4. आलम

Ans (2): ‘शिवाबावनी’ के रचनाकार भूषण हैं। इनकी अन्य रचनाएँ- शिवराज भूषण, छत्रसाल दशक, भूषण उल्लास, दूषण उल्लास तथा भूषण हजारा हैं।

119. निम्‍नांकित में से कौन कथाकार नहीं है?

  1. कृष्‍णा सोबती
  2. ममता कालिया
  3. निर्मला जैन
  4. मृणाल पाण्‍डेय

Ans (3): निर्मला जैन मुलत: आलोचक हैं जबकि कृष्‍णा सोबती, ममता कालिया और मृणाल पाण्‍डेय कथाकार हैं।

120. ‘त्रिवेणी’ में किन तीन महान् कवियों की समीक्षा प्रस्‍तुत की गयी है?

  1. कबीर, सूर, तुलसी
  2. जायसी, सूर, तुलसी
  3. पंत, प्रसाद, निराला
  4. केशव, बिहारी, घनानंद

Ans (2): आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा लिखित ‘त्रिवेणी’ में जायसी, सूरदास और तुलसीदास की समीक्षा प्रस्‍तुत की गयी है।

121. गद्य-पद्य मिश्रित काव्‍य को कहते हैं

  1. खण्‍डकाव्‍य
  2. नाट्यकाव्‍य
  3. चम्‍पूकाव्‍य
  4. मुक्‍तककाव्‍य

Ans (3): गद्य-पद्य मिश्रित काव्‍य को ‘चम्‍पूकाव्‍य’ कहते हैं।

122. ‘राजा निरबंशिया’ कहानी के लेखक हैं:

  1. पानू खोलिया
  2. कमलेश्‍वर
  3. हरिशंकर परसाई
  4. रवीन्‍द्र कालिया

Ans (2): ‘राजा निरबंशिया’ कहानी के लेखक कमलेश्‍वर हैं। तलाश, बयान, नीलीझील, मांस का दरिया आदि इनकी अन्य महत्वपूर्ण कहानियाँ हैं।

123. ‘निर्वेद’ स्‍थायीभाव है-

  1. रौद्र रस का
  2. शांत रस का
  3. करुण रस का
  4. भयानक रस का

Ans (2): ‘निर्वेद’ शांत रस का स्‍थायीभाव है।

124. ‘जगत्’ शब्‍द के चतुर्थी एकवचन का रूप है:

  1. जगते
  2. जगत:
  3. जगतो:
  4. जगदभ्‍य:

Ans (1): ‘जगत्’ शब्‍द के चतुर्थी एकवचन का रूप ‘जगते’ है।

125. ‘कलई खुलना’ मुहावरे का सही अर्थ है:

  1. रंग उतर जाना
  2. सच्‍चाई का पता लगना
  3. भेद प्रकट होना
  4. चमक का गायब होना

Ans (3): ‘कलई खुलना’ मुहावरे का सही अर्थ ‘भेद प्रकट होना’ है।

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