आचरण की सभ्यता निबंध- सरदार पूर्ण सिंह
विद्या, कला, कविता, साहित्य, धन और राजस्व से भी आचरण की सभ्यता अधिक ज्योतिष्मती है। आचरण की सभ्यता को प्राप्त करके एक कंगाल आदमी...
मजदूरी और प्रेम निबंध- अध्यापक पूर्ण सिंह | majduri aur prem
हल चलाने वाले का जीवन
हल चलाने वाले और भेड़ चराने वाले प्रायः स्वभाव से ही साधु होते हैं। हल चलाने वाले अपने शरीर का...
धर्म और समाज निबंध- चंद्रधर शर्मा गुलेरी | dharm aur samaj
समाज के लिये धर्म की आवश्यकता है या नहीं? इस प्रश्न पर कुछ अपने विचार प्रकट करना ही आज इस लेख का उद्देश्य है।...
साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है निबंध- बालकृष्ण भट्ट
प्रत्येक देश का साहित्य उस देश के मनुष्यों के हदय का आदर्श रूप है। जो जाति जिस समय जिस भाव से परिपूर्ण या परिप्लुत...
वैष्णवता और भारतवर्ष निबंध- भारतेन्दु हरिश्चंद्र
इस लेख का उल्लेख ‘रामायण का समय’ नामक लेख में पहले ही आ चुका है जो सन् 1884 की रचना है। अतः यह उसके...
धोखा निबंध- प्रताप नारायण मिश्र | dhokha nibandh
इन दो अक्षरों में भी न जाने कितनी शक्ति है कि इनकी लपेट से बचना यदि निरा असंभव न हो तो भी महा कठिन...
आप निबंध- प्रतापनारायण मिश्र | aap- pratap narayan mishra
ले भला बतलाइए तो आप क्या हैं? आप कहते होंगे, वाह आप तो आप ही हैं। यह कहाँ की आपदा आई? यह भी कोई...
मेले का ऊँट निबंध- बालमुकुंद गुप्त | mele ka unth nibandh
बालमुकुंद गुप्त भारतेंदु युग के परवर्ती लेखक हैं। शिवशंभु के चिट्ठे, उर्दू बीबी के नाम चिट्ठी, हरिदास, खिलौना, खेलतमाशा, स्फुट कविता आदि उनके प्रमुख निबंध...
दिल्ली दरबार दर्पण निबंध- भारतेंदु हरिश्चंद्र | dilli darbar darpan
दिल्ली दरबार दर्पण के रचनाकार भारतेंदु हरिश्चंद हैं। भारतेंदु ने दिल्ली दरबार दर्पण निबंध को वर्णात्मक शैली में लिखा है। यहाँ पर भारतेंदु का...
देवरानी जेठानी की कहानी- पं. गौरीदत्त शर्मा
हिन्दी का पहला उपन्यास को लेकर विद्वानों में मतभेद है। कुछ विद्वान ‘देवरानी जेठानी की कहानी’ (1870) को हिन्दी का पहला उपन्यास मानते हैं,...