UP TGT Hindi Question Paper 2009

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टीजीटी हिंदी प्रश्न-पत्र

UP TGT Hindi 2009 के question paper को यहाँ दिया जा रहा है। TGT, PGT Hindi की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को इसे एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन परीक्षा (TGT Hindi) 2009 के question paper का व्याख्यात्मक हल को पढ़कर आप अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। up tgt hindi previous year question paper के अंतर्गत यह सातवाँ प्रश्न-पत्र है।

टीजीटी हिंदी- 2009

1. सही आरोही क्रम चुनिए-
प्रयोगवाद, छायावाद, नई कविता, प्रगतिवाद
प्रगतिवाद, छायावाद, प्रयोगवाद, नई कविता
छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता
सही आरोही क्रम- छायावाद (1918 ई. से 1938 ई.), प्रगतिवाद (1938 ई. से 1943 ई.), प्रयोगवाद (1943 ई. से 1953 ई.), नई कविता (1953 ई. के बाद)।
नई कविता, छायावाद, प्रयोगवाद, प्रगतिवाद
2. ‘रसज्ञ-रंजन’ किस सु्प्रसिद्ध निबंधकार की कृति है?
आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
बाबू गुलाबराय
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
‘रसज्ञ-रंजन’ आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का निबंध है। उनके अन्य निबंध- साहित्य सीकर, कालिदास एवं उनकी कविता, कौटिल्य कुठार एवं वनिता विलास आदि प्रमुख हैं।
3. हरिवंशराय बच्‍चन की आत्‍मकथा के कितने भाग प्रकाशित हैं?
एक
दो
तीन
चार
हरिवंशराय बच्‍चन की आत्‍मकथा के चार भाग प्रकाशित हैं- क्या भूलूँ क्या याद करूँ (1969), नीड़ का निर्माण फिर (1970), बसेरे से दूर (1977) तथा दशद्वार से सोपान तक (1985)
4. आधुनिक हिंदी कहानी का आरंभ ‘सरस्‍वती’ पत्रिका के सन् 1900 ई. में प्रकाशित अंक की किस कहानी से माना जाता है?
इंदुमती
आधुनिक हिंदी कहानी का आरंभ 1900 ई. में ‘सरस्‍वती’ पत्रिका में प्रकाशित ‘इंदुमती’ (किशोरीलाल गोस्वामी) से मानी जाती है।
यमलोक की यात्रा
नासिकेतोपाख्‍यान
रानी केतकी की कहानी
5. हिंदी में रेखाचित्र के प्रथम रचयिता पं. पद्मसिंह शर्मा की रचना का नाम है-
पद्मराग
हिंदी में रेखाचित्र के प्रथम रचयिता (जनक) पं. पद्मसिंह शर्मा की रचना का नाम ‘पद्मराग’ है।
रेखा और रंग
पथ के साथी
दस तस्‍वीरें
6. शब्‍द की वह शक्‍ति जिससे वाच्‍यार्थ प्रकट होता है, कहलाती है-
लक्षणा
व्‍यंजना
शब्‍दशक्‍ति
अभिधा
शब्‍द की वह शक्‍ति जिससे वाच्‍यार्थ प्रकट होता है, अभिधा कहलाती है। वाच्यार्थ से अभिधा, लक्ष्यार्थ से लक्षणा और व्यंग्यार्थ से व्यंजना प्रगट होती है।
7. सही युग्‍म चिन्हित कीजिए:
वैदर्भी – माधुर्य
सही युग्‍म: वैदर्भी – माधुर्यहै। वैदर्भी रीति समग्र गुणों से युक्त होती है, यह दोष रहित और मधुर होती है। गौड़ीय रीति ओज और कान्तिमयी होती है, इसमें मधुरता और सुकुमारता का आभाव रहता है। इसमें समास का बहुत प्रयोग होता है तथा उग्र पदों वाली यह रीति होती है। पांचाली रीति माधुर्य और सुकुमारता से संपन्न होती है।
गौड़ी – प्रसाद
गौड़ी – माधुर्य
पांचाली – ओज
8. श्रृंगार रस का स्‍थाई भाव है?
शोक
रति
श्रृंगार रस का स्‍थाई भाव ‘रति’ है। वहीं हास्य का हास, करुण का शोक, रौद्र का क्रोध, वीर का उत्साह, भयानक का भय, वीभत्स का जगुप्सा, अद्भुत का विस्मय, शांत का निर्वेद (वैराग्य) और वत्सल का वात्सल्य स्थाई भाव होता है।
उत्‍साह
हास
9. अनुभाव के दो भेद होते हैं-
कायिक और वाचिक
सात्विक और वाचिक
कायिक और सात्विक
अनुभाव के दो भेद- कायिक और सात्विक हैं। शरीर में होने वाले अनुभाव कायिक हैं, जैसे- किसी को पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाना, चितवन से अपने प्रेमी को ताकना आदि। जो अनुभाव मन में आए भाव के कारण स्वत: प्रगट हो जाते हैं, वे सात्विक हैं, जैसे- पसीना आना, रोएँ खड़े हो जाना, कपकंपी छूटना, मुँह फीका पड़ जाना आदि।
सात्विक और मानसिक
10. सही कथन चुनिए:
‘य’ और ‘व’ ध्‍वनियाँ अर्धस्‍वर कहलाती हैं।
सही कथन- ‘य’ और ‘व’ ध्‍वनियाँ अर्धस्‍वर कहलाती हैं।
व्‍यंजन का उच्‍चारण बिना स्‍वर की सहायता से हो सकता है।
अवधेश का विग्रह ‘अव + धेश’ होता है।
हिंदी में व्यंजनों की संख्‍या साठ है।
11. देवनागरी लिपि की सबसे बड़ी विशेषता है?
हिंदी भाषा की लिपि होना
प्राचीन लिपि होना
अनेक भारतीय भाषाओं की लिपि होना
सर्वाधिक वैज्ञानिक लिपि होना, एक ध्‍वनि के लिए एक संकेत होना।
देवनागरी लिपि की सबसे बड़ी विशेषता है- सर्वाधिक वैज्ञानिक लिपि होना और एक ध्‍वनि के लिए एक संकेत होना।
12. कर्म कारक के लिए प्रयुक्‍त होने वाला चिन्‍ह है-
ने
के लिए
से
को
कर्म कारक के लिए प्रयुक्‍त होने वाला चिन्‍ह ‘को’ है। कारक- चिन्ह: प्रथमा- कर्ता ने; द्वितीया- कर्म को; तृतीय- करण ने, से, द्वारा; चतुर्थी- संप्रदान के लिए; पंचमी- अपादान से; षष्ठी- संबंध का, के, की; सप्तमी- अधिकरण में, पर; संबोधन- संबोधन हे!, हो!, अरे
13. अनुष्‍टुप है-
एक छंद
अनुष्‍टुप एक छंद है।
एक अलंकार
एक रस
एक गुण
14. शुद्ध वाक्‍य चुनिए:
मुरझाया हुआ फूल वर्षा की फुहार से अभिसिंचित होकर पुन: खिल उठा।
शुद्ध वाक्‍य- मुरझाया हुआ फूल वर्षा की फुहार से अभिसिंचित होकर पुन: खिल उठा।
मुरझाई हुआ फूल वर्षा की फुहार से अभिसिंचित होकर पुन: खिल उठा।
मुरझाया हुई फूल वर्षा की फुहार से अभिसिंचित होकर पुन: खिल उठी।
मुरझाया हुआ फूल वर्षा के फुहार द्वारा अभिसिंचित होकर पुन: खिल उठे।
15. ‘अन्‍यान्‍य’ शब्‍द का संधि–विच्‍छेद होगा-
अ + न्‍यान्‍य
अन्‍य + अन्‍य
‘अन्‍यान्‍य’ शब्‍द का संधि–विच्‍छेद ‘अन्‍य + अन्‍य’ होगा।
अन्‍या + आन्‍य
अन् + यान्‍य
16. ‘शिशुपालवध’ के रचनाकार का नाम है-
भामह
भारवि
कुंतक
माघ
‘शिशुपालवध’ के रचनाकार का नाम ‘माघ’ है।
17. श्रीहर्ष का ग्रंथ है-
हितहरिवंश
नैषध काव्‍य
श्रीहर्ष का ग्रंथ नैषधचरितम् है।
मेघदूत
राजतरंगिणी
18. व्‍यंजन संधि का उदाहरण नहीं है-
उत् + धारणम् = उच्‍चारणम्
रामस् + टीकते = रामष्‍टीकते
गंगा + उदकम् = गंगोदकम्
‘गंगा + उदकम् = गंगोदकम्’ गुण संधि का उदाहरण है। (आद्गुणः अ या आ के बाद उ या उ हो तो दोनों का ‘ओ’ हो जाता है; जैसे- पर + उपकार= परोपकार, महा + उत्सव= महोत्सव, हित + उपदेश= हितोपदेश, पश्य + उपरि= पश्योपरि)
सत् + चित् = सच्चित्
19. ‘स्‍वस्‍त्‍यस्‍तु’ का संधि-विच्‍छेद होगा-
स्‍वस्ति + अस्‍तु
‘स्‍वस्‍त्‍यस्‍तु’ का संधि-विच्‍छेद इकोयणचि सूत्र से ‘स्‍वस्ति + अस्‍तु’ होगा।
स्‍व: + अस्‍त्‍यस्‍तु
स्‍वस्‍त्‍य + अस्‍तु
स्‍व + सत्‍यस्‍तु
20. इन युग्‍मों में से कौन–सा सही नहीं है?
नीलोत्‍पलम– कर्मधारय समास
दशानन– बहुब्रीहि समास
रामलक्ष्‍मणौ– अव्‍ययीभाव समास
रामलक्ष्‍मणौ में अव्‍ययीभाव समास नहीं है। अव्‍ययीभाव समास क्रियाविशेषण का कार्य करता है अर्थात क्रिया की विशेषता बताता है। इसमें पहले खंड की प्रधानता रहती है।
दिवारात्रि– द्वन्‍द्व समास
21. ‘पृथ्‍वीराज रासो’ महाकाव्‍य के रचयिता हैं?
हेमचंद
चन्‍दवरदाई
‘पृथ्‍वीराज रासो’ महाकाव्‍य के रचयिता चन्‍दवरदाई हैं।
अमीर खुसरो
परमाल
22. ‘विनय पत्रिका’ नामक ग्रंथ की रचना की है?
मलूकदास
गोस्‍वामी तुलसीदास
‘विनय पत्रिका’ नामक ग्रंथ की रचना गोस्‍वामी तुलसीदास ने की है। तुलसीदास के 12 ग्रंथ प्रमाणिक माने जाते हैं- कवितावली, गीतावली, दोहावली, श्री कृष्ण गीतावली, विनय पत्रिका, पार्वती मंगल, जानकी मंगल, रामचरितमानस, रामाज्ञा प्रश्न, राम लला नहछू, बरवै रामायण, वैराग्य संदीपनी।
केशवदास
विक्रमादित्‍य
23. ‘देव’ कवि किस जिले के थे?
मैनपुरी
बनारस
गोरखपुर
इटावा
‘देव’ कवि इटावा जिले के थे।
24. ‘कान भरना’ मुहावरे का अर्थ है?
धोखा देना
चाणक होना
चुगली करना
‘कान भरना’ मुहावरे का अर्थ ‘चुगली करना’ है।
असर न हो
25. ‘आलौकिक’ का शुद्ध शब्‍द है-
अलौकुक
अलोकिक
अलौकिक
शुद्ध शब्‍द- अलौकिक
आलोकुक
26. नई कविता के प्रवर्त्तक थे-
प्रताप नारायण मिश्र
प्रेमचंद
भारतेंदु हरिश्चंद्र
नई कविता के प्रवर्त्तक भारतेंदु हरिश्चंद्र थे।
घनानंद
27. घनानंद की ‘कृतियाँ’ किस भाषा में है?
अवधी
खड़ीबोली
ब्रज
घनानंद की ‘कृतियाँ’ ब्रज भाषा में है।
मैथिली
28. ‘अतिथि’ का पर्यायवाची है-
अमृतफल
उन्‍नयन
आगन्‍तुक
‘अतिथि’ का पर्यायवाची शब्द ‘आगन्‍तुक’ है।
आजन्‍म
29. ‘आजन्‍म’ शब्‍द में समास है-
बहुब्रीहि
द्वन्‍द्व
अव्‍ययीभाव
‘आजन्‍म’ शब्‍द में अव्‍ययीभाव समास है।
कर्मधारय
30. ‘राष्‍ट्र’ की भावभावचक संज्ञा है-
राष्‍ट्री
राष्‍ट्रीय
सौराष्‍ट्र
राष्‍ट्रीयता
‘राष्‍ट्र’ की भावभावचक संज्ञा ‘राष्‍ट्रीयता’ है।

31. ‘राम’ शब्‍द के षष्‍ठी एकवचन का रूप है-
रामौ
रामस्‍य
‘राम’ शब्‍द के षष्‍ठी एकवचन का रूप ‘रामस्‍य’ है।
रामेषु
रामे
32. ‘पठ्’ धातु के वर्तमान काल में मध्‍यम पुरुष के एक वचन का रूप है-
पठति
पठसि
‘पठ्’ धातु के वर्तमान काल में मध्‍यम पुरुष के एक वचन का रूप ‘पठसि’ है।
पठामि
पठन्ति
33. ‘सिर उठाना’ मुहावरे का सही अर्थ है?
रंग उतर जाना
भेद प्रकट करना
बहुत पछताना
विद्रोह करना
‘सिर उठाना’ मुहावरे का सही अर्थ- विद्रोह करना है।
34. ‘नीमा’ किस कवि की माता का नाम था?
रहीमदास
सूरदास
कबीरदास
‘नीमा’ कबीरदास की माता का नाम था और पिता का नाम नीरू था। कबीर की पत्नी का नाम लोई, पुत्र का कमाल और पुत्री का कमाली था।
मलूकदास
35. रचना के आधार पर वाक्‍य के भेद हैं-
6
3
रचना के आधार पर वाक्‍य के 3 भेद हैं- सरल वाक्य, सयुंक्त वाक्य और मिश्र वाक्य।
4
8
36. पश्चिमी हिंदी के अन्‍तर्गत कौन-सी भाषा नहीं है?
वघेली
पश्चिमी हिंदी के अन्‍तर्गत निम्न बोलियाँ हैं- खड़ीबोली, ब्रजभाषा, हरियाणी, बुंदेली एवं कन्नौजी।
ब्रज
कन्‍नौजी
खड़ीबोली
37. ‘नहुष’ नाटक लिखा गया है-
भारतेंदु हरिश्चंद्र के द्वारा
वियोगी हरि के द्वारा
शिवमंगल सिंह सुमन के द्वारा
गोपालचंद्र के द्वारा
‘नहुष’ नाटक गोपालचंद्र के द्वारा लिखा गया है। ये भारतेंदु के पिता थे, इन्होने नहुष नाटक की रचना वर्ष 1857 ई. में किया था।
38. ‘तिरंगा’ शब्‍द में समास है-
द्वंद्व समास
अव्‍ययीभाव समास
द्विगु समास
‘तिरंगा’ शब्‍द में द्विगु समास है। द्विगु समास में पहला पद संख्या वाचक विशेषण होता है। वहीं दूसरा पद संज्ञा और प्रधान होता है।
कर्मधारय समास
39. रामचरित मानस में कुल कितने काण्‍ड हैं?
10
7
तुलसीदास कृत रामचरित मानस में कुल 7 काण्‍ड हैं- बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, लंकाकाण्ड तथा उत्तरकाण्ड। रामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में दोहा और चौपाई शैली में हुई है। इसकी रचना में 2 वर्ष 7 माह का समय लगा।
12
15
40. ‘भागवन्‍ती’ उपन्‍यास के रचयिता हैं?
सुदर्शन
‘भागवन्‍ती’ उपन्‍यास के रचयिता सुदर्शन हैं।
ज्ञानेन्‍द्र
रामवृक्ष बेनीपुरी
अज्ञेय
41. ‘अखरावट’ काव्‍यकृति के र‍चयिता कौन हैं?
मलिक मुहम्‍मद जायसी
‘अखरावट’ काव्‍यकृति के र‍चयिता मलिक मुहम्‍मद जायसी हैं। पद्मावत और अखरावट भी जायसी के ग्रंथ हैं।
कुतुबन
मंझन
उसमान
42. ‘आडम्‍बर बहुत किंतु वास्‍तविकता कुछ नहीं’ के लिए सही लोकोक्‍ति है-
आँख का अंधा नाम नयनसुख
ऊँची दुकान, फीका पकवान
‘आडम्‍बर बहुत किंतु वास्‍तविकता कुछ नहीं’ के लिए सही लोकोक्‍ति ‘ऊँची दुकान, फीका पकवान’ है।
ऊँट के मुँह में जीरा
खोदा पहाड, निकली चुहिया
43. ‘आलपीन’ और ‘गमला’ किस विदेशी भाषा के शब्‍द हैं?
फ्रेंच
पुर्तगाली
‘आलपीन’ और ‘गमला’ पुर्तगाली भाषा के शब्‍द हैं।
अंग्रेजी
जापानी
44. ‘सुखसागर’ की रचना किसने की?
सदल मिश्र
लल्‍लू लाल
इंशाअल्‍ला खाँ
सदासुख लाल
‘सुखसागर’ की रचना सदासुख लाल ने की।
45. ‘कोणार्क’ नाटक की रचना किसने की?
मोहन राकेश
जगदीश चंद्र माथुर
‘कोणार्क’ नाटक की रचना जगदीश चंद्र माथुर ने की। इनके अन्य नाटक निम्न हैं- शारदीया, पहला राजा, दशरथनंदन आदि।
भुवनेश्‍वर
रामकुमार वर्मा
46. ‘वैराग्‍य संदीपनी’ किस कवि की रचना है?
तुलसीदास
‘वैराग्‍य संदीपनी’ तुलसीदास की रचना है।
सूरदास
कबीरदास
नंददास
47. सरस्‍वती पत्रिका का प्रकाशन-वर्ष क्‍या था?
1843
1900
सरस्‍वती पत्रिका का प्रकाशन-वर्ष 1900 ई. था।
1902
1903
48. भक्‍ति काल के किस कवि को ‘जड़िया’ विशेषण से विभूषित किया जाता है?
नंददास
भक्‍ति काल के कवि ‘नंददास’ को ‘जड़िया’ विशेषण से विभूषित किया जाता है।
परमानंद दास
सूरदास
चतुर्भुज दास
49. राष्ट्रीय काव्‍य-धारा के किस कवि को ‘एक भारतीय आत्‍मा’ कहकर संबोधित किया गया?
माखन लाल चतुर्वेदी
राष्ट्रीय काव्‍य-धारा के कवि ‘माखन लाल चतुर्वेदी’ को ‘एक भारतीय आत्‍मा’ कहकर संबोधित किया गया।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
बालकृष्‍ण शर्मा नवीन
सुभद्रा कुमारी चौहान
50. ‘शिवशंभु’ के चिट्ठे के लेखक हैं-
बालमुकुंद गुप्‍त
‘शिवशंभु’ के चिट्ठे के लेखक बालमुकुंद गुप्‍त हैं। ये चिट्ठे ‘भरतमित्र’ पत्रिका में 1904-1905 ई. में प्रकाशित हुए थे। ये तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड कर्जन को संबोधित करके लिखे गये हैं।
बालकृष्‍ण भट्ट
प्रताप नारायण मिश्र
भारतेंदु हरिश्चंद्र
51. निम्न पंक्‍तियों में कौन-सा अलंकार है-
‘उदित उदय गिरि-मंच पर रघुवर बाल पतंग।
विकसे सन्‍त सरोज सब, हरषे लोचन-भृंग॥’
उपमा
रूपक
उपर्युक्‍त पंक्‍तियों में रूपक अलंकार है। जहाँ उपमेय में उपमान का आरोप होता है वहाँ रूपक अलंकार होता है।
उत्‍प्रेक्षा
दृष्‍टान्‍त
52. विस्‍मय या आश्‍चर्य किस रस का स्‍थायी भाव है?
वीर रस
हास्‍य रस
अद्भुत रस
विस्‍मय या आश्‍चर्य अद्भुत रस का स्‍थायी भाव है। इसके अधिष्ठाता ब्रह्म माने जाते हैं।
रौद्र रस
53. ‘मालती-माधव’ के रचनाकार हैं?
भारवि
कालिदास
श्री हर्ष
भवभूति
‘मालती-माधव’ के रचनाकार भवभूति हैं। भवभूति की अन्य रचनाएँ- उत्तर रामचरितम् एवं महावीर चरितम् है।
54. निम्न पंक्‍तियों में कौन-सा रस है-
‘जौ तुम्‍हार अनुशासन पावौं। कन्‍दुक इव ब्राह्मण्ड उठावौं॥
काँचो घट डारौं फोरी। रोकौं मेरु मुलक जिमि तोरी॥’
वीर रस
रौद्र रस
उपर्युक्‍त पंक्‍तियों में रौद्र रस रस है। रौद्र रस का स्थायी भाव ‘क्रोध’ है।
हास्‍य रस
अद्भुत रस
55. वर्णमाला किसे कहेंगे?
शब्‍द-समूह को
वर्णों के संकलन को
शब्‍द-गणना को
वर्णों के व्‍यवस्थित समूह को
वर्णों के व्‍यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।
56. निम्‍नलिखित में शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए:
कवियित्री
कवित्री
कवियत्री
क‍वयित्री
शुद्ध वर्तनी- क‍वयित्री
57. ‘इत्‍यादि’ का सही संधि विच्‍छेद है
इत् + यादि
इति + यादि
इत् + आदि
इति + आदि
‘इत्‍यादि’ का सही संधि विच्‍छेद ‘इति + आदि’ है। इकोयणचि सूत्र से।
58. निम्न पंक्‍तियों में कौन-सा गुण है-
‘निरख सखी ये खंजन आये।
फेरे उन मेरे रंजन ने नयन इधर मन भाये॥’
ओज गुण
माधुर्य गुण
इन पंक्‍तियों में माधुर्य गुण है। माधुर्य का अर्थ है मधुरता या मिठास। काव्य में माधुर्य वर्णों, शब्दों अथवा अर्थ की मधुरता से आता है। काव्य का वह गुण जो चित्त को द्रवित और आनंद विभोर कर दे, माधुर्य है।
प्रसाद गुण
इनमें से कोई नहीं
59. ‘तेजोमय’ का सही संधि-विच्‍छेद है-
तेज + ओमय
तेज: + अमय
तेज: + मय
‘तेजोमय’ का सही संधि-विच्‍छेद ‘तेज: + मय’ है। अ: के बाद अ अथवा सघोष व्यंजन हो तो अ: का ओ हो जाता है।
तेजो + मय
60. ‘हरिश्चंद्र’ में प्रयुक्‍त किस संधि का नाम सही है-
स्‍वर संधि
व्‍यंजन संधि
विसर्ग संधि
‘हरिश्चंद्र’ में विसर्ग संधि प्रयुक्‍त है।
इनमें से कोई नहीं

61. ‘लंबोदर’ उदहारण है-
बहुब्रीहि समास का
‘लंबोदर’ बहुब्रीहि समास का उदहारण है। बहुब्रीहि समास में अन्य पद प्रधान होता है और समस्त पद किसी अन्य अर्थ के सूचक होते हैं, जैसे: लंबोदर- लंबा है उदर जिसका अर्थ गणेश।
कर्मधारय समास का
द्वंद्व समास का
द्विगु समास का
62. इनमें से किस शब्द के पर्यायवाची गलत है?
कमल- जलज, पंकज, सरोज
पुष्प- कुसुम, फूल, सुमन
सरस्वती- गिरा, भारती, वाणी
सूर्य- दिवस, याम, वासर
सूर्य का पर्यायवाची शब्द- आकाशगंगा, दिनेश, दिनकर, रवि, दिनेश्वर, जगदीश, रविनंदन, दिनानाथ, सविता, सुरज, रविनंदन, प्रकाश, भानु आदि।
63. ‘अपव्‍यय’ शब्‍द का विलोम है?
अधिव्‍यय
व्‍यय
मितव्‍यय
‘अपव्‍यय’ शब्‍द का विलोम मितव्‍यय है।
इनमें से कोई नहीं
64. ‘चैन की वंशी बजाना’ का अर्थ है-
साइकिल की चैन की बाँसुरी बनाकर बजाना
मौज करना
‘चैन की वंशी बजाना’ का अर्थ मौज करना है।
बेरोजगार होना
फुर्सत में बंशी बजाना
65. ‘रघुवंशम्’ किसकी रचना है?
व्‍यास
भरतमुनि
कालिदास
‘रघुवंशम्’ कालिदास की रचना है। कालिदास की अन्य रचनाएँ- कुमार संभव, मालविकाग्निमित्र, विक्रमोंर्वशीय, अभिज्ञान शाकुंतलम, मेघदूतम एवं ऋतुसंहार हैं।
चाणक्‍य
66. ‘रमा’ शब्‍द के रूप की सप्‍तमी विभक्‍ति के बहुतवचन में होगा-
रमासु
‘रमा’ शब्‍द के रूप की सप्‍तमी विभक्‍ति के बहुतवचन में ‘रमासु’ होगा।
रमायाम्
रमाणाम्
रमयोः
67. ‘अस्‍मद्’ शब्‍द के तृतीया विभक्‍ति के रूप हैं-
अहम्, आवाम्, वयम्
मया, आवाभ्‍याम, अस्‍माभि:
‘अस्‍मद्’ शब्‍द के तृतीया विभक्‍ति के रूप ‘मया, आवाभ्‍याम, अस्‍माभि:’ हैं।
मम, आवयो:, अस्‍माकम्
मत्, आवाभ्‍यम्, अस्‍मत्
68. हिंदी साहित्‍य में निम्‍नलिखित पंक्तियाँ किसके द्वारा लिखी गई?
‘जदपि सुजाति सुलक्षणी सुवर्ण सरस सुवृत्त।
भूषण विनु न विराजई, कविता वनिता मित्त॥’
कबीरदास
केशवदास
उपरोक्त पंक्तियाँ केशवदास की हैं।
तुलसीदास
रहीमदास
69. ‘अभिज्ञ’ शब्‍द का विलोम है-
भिज्ञ
समिज्ञ
अनभिज्ञ
‘अभिज्ञ’ शब्‍द का विलोम अनभिज्ञ है।
सुभिज्ञ
70. रीतिकाल का समय था-
1050 से 1375 वि.स. तक
1700 से 1900 वि.स. तक
रीतिकाल का समय 1700 से 1900 वि.स. तक था।
इनमें से कोई नहीं
1373 से 1700 वि.स. तक
71. ‘कनक–कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय’ में कौन–सा अलंकार है?
अनुप्रास
रूपक
यमक
‘कनक–कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय’ में यमक अलंकार है। जहाँ पर शब्द की अनेक बार भिन्न अर्थों में आवृत्ति होती है वहाँ यमक अलंकार होता है।
श्‍लेष
72. निम्न पंक्ति में रूपक अलंकार का कौन–सा प्रकार प्रयुक्‍त हुआ है-
‘सखि नील नभस्‍सर से निकला, यह हंस अहा तिरता–तिरता।
अब तारक मौक्तिक शेष नहीं, निकला जिनको चरता–चरता।’
सांग रूपक
उपरोक्त पंक्ति में रूपक अलंकार का सांग रूपक प्रकार प्रयुक्‍त हुआ है।
इनमें से कोई नहीं
निरंग रूपक
परंपरित रूपक
73. सही युग्‍म चुनिए:
पश्चिमी हिंदी – खड़ी बोली (कौरवी)
सही युग्‍म- पश्चिमी हिंदी – खड़ी बोली (कौरवी) है। वहीं मारवाड़ी राजस्थानी हिंदी, गढ़वाली पहाड़ी हिंदी और बघेली पूर्वी हिंदी की बोलियाँ हैं।
पहाड़ी हिंदी – बघेली
बिहारी हिंदी – मारवाड़ी
पूर्वी हिंदी – गढ़वाली
74. इनमें से बिहारी हिंदी का रूप नहीं है-
भोजपुरी
अवधी
अवधी बिहारी हिंदी का रूप नहीं है। बिहारी हिंदी का रूप भोजपुरी, मगही और मैथिली हैं।
मैथिली
मगही
75. हिंदी की ‘श’ ध्‍वनि है-
मूर्धन्‍य
तालव्‍य
हिंदी की ‘श’ ध्‍वनि तालव्‍य है।
ओष्‍ठ्य
दंत्य
76. सही युग्‍म का चयन कीजिए:
भगवतशरण उपाध्‍याय – विलायत यात्रा
देवेन्‍द्र सत्‍यार्थी – तूफानों के बीच
रामवृक्ष बेनीपुरी – हिमालय यात्रा
मोहन राकेश – आखिरी चट्टान तक
सही युग्‍म: मोहन राकेश– आखिरी चट्टान तक (यात्रावृतांत)
77. ‘बिहारी सतसई’ में दोहे हैं?
500
718
719
बिहारी कृत ‘बिहारी सतसई’ में दोहों की संख्या को लेकर विद्वानों में मतभेद है, कहीं 713 तो कहीं 719 और कहीं 723 दोहों की संख्या मिलती है।
717
78. ‘परिमल’ किस कवि की रचना है?
मैथिलीशरण गुप्‍त
जयशंकर प्रसाद
रामधारी सिंह दिनकर
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
‘परिमल’ सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचना है।
79. जयशंकर प्रसाद की ‘कामायनी’ की भाषा है-
सधुक्‍कड़ी
अवधी
ब्रजभाषा
खड़ी बोली
जयशंकर प्रसाद की ‘कामायनी’ की भाषा खड़ी बोली है।
80. समय के आरोही क्रम में कौन-सी रचना पहले आई?
अंधेर नगरी
अंधेर नगरी > त्‍यागपत्र > आत्‍मनेपद > तुम चंदन हम पानी
तुम चंदन हम पानी
त्‍यागपत्र
आत्‍मनेपद
81. निम्न कथन किसका है-
‘हिंदी अपने जन्‍म से ही ब्रजभाषा की प्रवृत्ति के साथ खड़ी बोली की प्रवृत्ति को लिए आई थी ब्रजभाषा के हाथ में हाथ दिए खड़ी बोली उतरी।’
भारतेंदु हरिश्चंद्र
आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल
यह कथन आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल का है।
डॉ. नगेंद्र
डॉ. सत्‍येन्‍द्र
82. ‘मिश्रबंधु विनोद’ नामक हिंदी साहित्‍य के इतिहास लेखकों के नाम हैं-
श्‍याम बिहारी मिश्र, शुकदेव बिहारी मिश्र और राम बिहारी मिश्र
गणेश बिहारी मिश्र, श्‍याम बिहारी मिश्र और शुकदेव बिहारी मिश्र
मिश्रबंधुओं के नाम गणेश बिहारी मिश्र, श्‍याम बिहारी मिश्र और शुकदेव बिहारी मिश्र था।
गणेश बिहारी मिश्र, शुकदेव बिहारी मिश्र और राम बिहारी मिश्र
गणेश बिहारी मिश्र, श्‍याम बिहारी मिश्र और राम बिहारी मिश्र
83. इनमें से कौन-सा कथन असत्य है?
ज्ञानश्रयी शाखा के कवि निराकार की उपासना करते हैं।
कबीर संत कवि हैं।
‘प्रभुजी तुम चंदन हम पानी’ रैदास की पंक्ति है।
संत तुलसीदास ज्ञानाश्रयी शाखा के कवि हैं।
तुलसीदास रामाश्रयी शाखा के कवि हैं।
84. इनमें से कौन-सा ग्रंथ केशव का नहीं है?
रामचंद्रिका
कवि-प्रिया
विज्ञानगीता
भाषा-भूषण
केशवदास के ग्रंथ रामचंद्रिका, कवि-प्रिया, विज्ञानगीता, रसिकप्रिया, वीरसिंह चरित, रतनबावनी और जहाँगीर जस चंद्रिका हैं। वहीं भाषा-भूषण ग्रंथ ‘जसवंत सिंह’ का है।
85. आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल ने ‘हिंदी साहित्‍य का इतिहास’ के ‘आधुनिक गद्य साहित्‍य परंपरा का प्रवर्तन’ के अंतर्गत ‘प्रथम उत्‍थान’ की कालावधि निर्धारित की है।
सं 1900 से 1950 विक्रमी तक
सं 1925 से 1950 विक्रमी तक
आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल ने संवत 1925 से 1950 की अवधि को नयी धारा अथवा ‘प्रथम उत्‍थान’ की संज्ञा दी है।
सं 1900 से 1925 विक्रमी तक
सं 1925 से 1975 विक्रमी तक
86. ‘वैदेही वनवास’ नामक काव्‍य लिखा है-
देव
अयोध्‍या सिंह उपाध्‍याय
‘वैदेही वनवास’ नामक काव्‍य अयोध्‍या सिंह उपाध्‍याय ‘हरीऔध’ ने लिखा है। हरीऔध के अन्य ग्रंथ- प्रिय प्रवास, पदम भूषण, चुभते चौपदे, चोखे चौपदे, रसकलस आदि हैं।
भारतेंदु हरिश्‍चंद्र
बदरी नारायण चौधरी
87. ‘रत्‍नाकार’ शब्‍द किस कवि के साथ जुड़ा है?
हरिश्चंद्र
जगन्‍नाथ
जगन्‍नाथ दास का ‘रत्नाकर’, बदरीनारायण चौधरी का ‘अब्र’ (उर्दू में), भारतेन्दु हरिश्चंद्र का ‘रसा’ (उर्दू में) उपनाम हैं।
भिखारीदास
बदरीनारायण
88. ‘रंग में भंग’ नामक काव्‍य कृति के रचयिता हैं?
भिखारीदास
मलूकदास
मैथिलीशरण गुप्‍त
‘रंग में भंग’ नामक काव्‍य कृति के रचयिता मैथिलीशरण गुप्‍त हैं। यह राजपुतानी आन बान शान की कथा है।
तुलसीदास
89. ‘मार्ग के दोनों तरफ वृक्ष है’ का अनुवाद संस्‍कृत में है-
मार्गम् उभयत: वृक्ष: सन्ति
‘मार्ग के दोनों तरफ वृक्ष है’ का संस्‍कृत में अनुवाद ‘मार्गम् उभयत: वृक्ष: सन्ति’ है।
मार्गे वृक्षा: सन्ति
मार्गस्‍य उभयत: वृक्ष: सन्ति
मार्गस्‍य उभयत: वृक्षा सन्ति
90. ‘वीरांगना’ नामक उपन्‍यास के रचयिता हैं?
जयशंकर प्रसाद
रामनरेश त्रिपाठी
जगन्‍नाथ
रामधारी सिंह
‘वीरांगना’ नामक उपन्‍यास के रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।

91. ‘उत्‍साह’ शब्‍द का विशेषण है?
अत्‍साह
उत्‍साहित
‘उत्‍साह’ शब्‍द का विशेषण उत्‍साहित है।
उत्‍साही
उत्‍साव
92. ‘मोहन से चला नहीं जाता’ वाक्‍य में कौन-सा वाच्‍य है?
कर्मवाच्‍य
भाववाच्‍य
‘मोहन से चला नहीं जाता’ वाक्‍य में भाववाच्‍य है।
इनमें से कोई नहीं
कर्तृवाच्‍य
93. ‘आज गणित के अध्‍यापक ने कक्षा नहीं ली’ वाक्‍य में अर्थ के आधार पर वाक्‍य है?
आज्ञावाचक वाक्‍य
निषेधवाचक वाक्‍य
उपरोक्त वाक्य निषेधवाचक वाक्‍य है।
इच्‍छावाचक वाक्‍य
प्रश्‍नवाचक वाक्‍य
94. महाकवि कालिदास किस अलंकार के लिए प्रसिद्ध हैं?
उपमा
महाकवि कालिदास उपमा अलंकार के लिए प्रसिद्ध हैं। उपमा कालिदास्य कहा ही गया है।
उत्‍प्रेक्षा
श्‍लेष
रूपक
95. निम्‍नलिखित में कौन-सा शब्‍द ‘पताका’ का पर्यायवाची नहीं है?
झण्‍डा
निशान
प्रस्‍तर
‘पताका’ का पर्यायवाची शब्द- झण्‍डा, निशान, ध्‍वज आदि हैं जबकि पाषाण, अश्म, संग, पाहन आदि प्रस्तर के पर्यायवाची शब्द हैं।
ध्‍वज
96. ‘रज्‍जु:’ शब्‍द का हिंदी में अर्थ है –
मछली
मेढ़क
रस्‍सी
‘रज्‍जु:’ शब्‍द का अर्थ रस्सी है।
घोड़ा
97. ‘जिसमें धैर्य न हो’ के लिए एक शब्‍द है-
अधीर
धरातल
अधीर
‘जिसमें धैर्य न हो’ के लिए एक शब्‍द ‘अधीर’ है।
धीरता
98. ‘आवरण’ शब्‍द का विलोम है-
अनावरण
‘आवरण’ शब्‍द का विलोम ‘अनावरण’ है।
अवज्ञा
आचरण
सुवरण
99. निम्‍नलिखित शब्‍दों में से ‘हनुमान’ का पर्यायवाची शब्‍द नहीं है-
रामभक्‍त
‘हनुमान’ का पर्यायवाची शब्‍द- पवनसुत, बजरंगबली, कपीश्‍वर, महावीर, कपीस, रामदूत, मारुति, जितेंद्रिय, बजरंगी, मरुतेय, पवनकुमार आदि हैं।
कपीश्‍वर
पवनसुत
बजरंगबली
100. ‘मेवाती’ किस उपभाषा वर्ग की बोली है?
पूर्वी हिंदी
राजस्‍थानी हिंदी
‘मेवाती’ राजस्‍थानी हिंदी उपभाषा वर्ग की बोली है। राजस्‍थानी हिंदी उपभाषा वर्ग की अन्य बोलियाँ- मारवाड़ी, जयपुरी एवं मालवी है।
बिहारी हिंदी
पहाड़ी हिंदी
101. निम्‍नलिखित में से कर्मधारय समास किसमें है?
चक्रपाणि
चतुर्युगम्
नीलोत्‍पलम्
‘नीलोत्‍पलम्’ में कर्मधारय समास है। जब कोई एक खंड विशेषण उपमा सूचक शब्द हो तो कर्मधारय समास बनाता है।
माता-पिता
102. ‘गोशाला’ शब्‍द में कौन-सा समास है?
तत्‍पुररूष
‘गोशाला’ शब्‍द में तत्‍पुररूष समास है। तत्‍पुररूष समास में अंतिम पद प्रधान होता है तथा समस्त पद में कर्ता को छोड़कर अन्य कारकों में से कोई एक कारक छिपा होता है।
द्विगु
द्वन्‍द्व
कर्मधारय
103. संस्‍कृत काव्‍य में पद-लालित्‍य के लिए किसकी प्रसिद्धि सर्वाधिक है?
कालिदास
माघ
भारवि
दण्‍डी
संस्‍कृत काव्‍य में पद-लालित्‍य के लिए दण्‍डी की प्रसिद्धि सर्वाधिक है।
104. काव्‍य का वह गुण जो चित्त मे तेज और स्‍फूर्ति का संचार करता है, कौन-सा गुण कहलाता है?
ओज गुण
काव्‍य का वह गुण जो चित्त में तेज और स्‍फूर्ति का संचार करता है, ओज गुण कहलाता है। ओज गुण में ट, ठ, प, फ आदि कठोर वर्णों का प्रयोग होता है।
इनमें से कोई नहीं
माधुर्य गुण
प्रसाद गुण
105. ‘तरु-रिपु रिपु-धर देखि के विरहिनि तिय अकुलाय’ में कौन-सा काव्‍य दोष है?
च्‍युत संस्‍कृति
न्‍यून पदत्‍व
अधिक पदत्‍व
क्लिष्‍टत्‍व
‘तरु-रिपु रिपु-धर देखि के विरहिनि तिय अकुलाय’ में क्लिष्‍टत्‍व काव्‍य दोष है। वृक्ष की शत्रु अग्नि, अग्नि की शत्रु जल, और उस जल को धारण करने वाला बादल के प्रयोग के कारण अर्थ बोध में कठिनाई होती है। क्लिष्‍टत्‍व का अर्थ है कठिनाई। अर्थ को दुरूह बनाने वाले शाब्दिक चमत्कारों के प्रयोग से क्लिष्‍टत्‍व दोष काव्य में आ जाता है।
106. वह सम मात्रिक छंद जिसके प्रत्‍येक चरण में 24-24 मात्रायें हों तथा प्रत्‍येक चरण में 11वीं एवं 13वीं मात्रा पर यति होती हो, कौन-सा छंद कहा जायेगा?
रोला
वह सम मात्रिक छंद जिसके प्रत्‍येक चरण में 24-24 मात्रायें हों तथा प्रत्‍येक चरण में 11वीं एवं 13वीं मात्रा पर यति होती हो, रोला छंद कहलाता है।
कवित्त
सोरठा
सवैया
107. निम्न पंक्तियों में कौन-सा छंद है-
‘रहिमन चुप ह्वै बैठिये, देखि दिनन को फेर।
जब नीके दिन आइ हैं, बनत न लगिहें बेर॥’
दोहा
उपर्युक्त पंक्तियों में दोहा छंद है। दोहा अर्द्ध सम मात्रिक छ्ंद है। इसके सम चरणों में 11-11 मात्राएँ तथा विषम चरणों में 13-13 मात्राएँ होती हैं। दोहे के विषम चरणों के प्रारम्भ में जगन नहीं आना चाहिए।
चौपाई
सोरठा
रोला
108. लखनऊ में आयोजित 1936 के प्रगतिशील लेखक संघ के ऐतिहासिक आयोजन के अध्यक्ष थे-
प्रेमचंद
लखनऊ में आयोजित 1936 के प्रगतिशील लेखक संघ के ऐतिहासिक आयोजन के अध्यक्ष प्रेमचंद थे।
मुल्‍क राज आनंद
जयशंकर प्रसाद
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
109. विख्‍यात मार्क्‍सवादी समीक्षक हैं-
रामविलास शर्मा
विख्‍यात मार्क्‍सवादी समीक्षक रामविलास शर्मा हैं।
रामस्‍वरूप चतुर्वेदी
शांतिप्रिय द्विवेदी
आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल
110. ‘आपका बंटी’ उपन्‍यास की लेखिका हैं?
मृदुला गर्ग
कृष्‍णा सोबती
उषा प्रियम्‍बदा
मन्‍नू भण्‍डारी
‘आपका बंटी’ उपन्‍यास की लेखिका मन्‍नू भण्‍डारी हैं। इनके अन्य उपन्यास महाभोज और एक इंच मुस्कान (राजेन्द्र यादव के साथ) हैं।
111. हिंदी का प्रथम दु:खान्‍त नाटक कौन-सा है?
अन्‍धेर नगरी
भारत दुर्दशा
रणधीर प्रेम-मोहनी
हिंदी का प्रथम दु:खान्‍त नाटक ‘रणधीर प्रेम-मोहनी’ (श्रीनिवासदास) है।
कलि-कौतुक
112. ‘ध्रुवस्‍वामिनी’ नाटक की रचना किसने की?
भारतेंदु हरिश्चंद्र
प्रताप नारायण मिश्र
हरिकृष्‍ण जौहर
जयशंकर प्रसाद
‘ध्रुवस्‍वामिनी’ नाटक की रचना जयशंकर प्रसाद ने की। इनके अन्य नाटक- ‘विशाखा’, ‘अजातशत्रु’, ‘कामना’, ‘जनमेजय का नागयज्ञ’, ‘स्कंदगुप्त’, ‘एक घूँट’, ‘चंद्रगुप्त’ आदि हैं।
113. जो पहले कभी न हुआ हो-
अद्भुत
अभूतपूर्व
जो पहले कभी न हुआ हो के लिए एक शब्द ‘अभूतपूर्व’ है।
अनुपम
अपूर्व
114. ‘आँख की किरकिरी होने’ का अर्थ है-
अप्रिय लगना
‘आँख की किरकिरी होने’ का अर्थ अप्रिय लगना है।
धोखा देना
कष्‍टदायक होना
बहुत प्रिय होना
115. भाषा की सबसे छोटी इकाई कौन-सी है?
शब्‍द
व्‍यंजन
स्‍वर
वर्ण
भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है।
116. ‘नारी-विमर्श’ पर लिखने वाली पहली लेखिका हैं?
महादेवी वर्मा
बंग महिला
‘नारी-विमर्श’ पर लिखने वाली पहली लेखिका बंग महिला राजेंद्र बाला घोष हैं।
शिवानी
सुभद्रा कुमारी चौहान
117. ‘गमन’ का विलोम है?
आना
उतरना
रुकना
आगमन
‘गमन’ का विलोम शब्द ‘आगमन’ है।
118. हिंदी के प्रारम्भिक काल को ‘वीरगाथा-काल’ का नाम किसने दिया?
आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल
हिंदी के प्रारम्भिक काल को ‘वीरगाथा-काल’ का नाम आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल ने दिया।
हजारी प्रसाद द्विवेदी
राहुल सांकृत्‍यायन
मिश्रबन्‍धु
119. हिंदी का प्रथम कवि कौन है?
सरहपा
हिंदी का प्रथम कवि ‘सरहपा’ है।
कबीर
शबरपा
देवसेन
120. निम्‍नलिखित रासो-ग्रंथों में कौन-सा काव्‍य एक प्रेम काव्‍य या श्रृंगार काव्‍य है?
वीसलदेव रासो
रासो-ग्रंथों में नरपति नाल्ह कवि का काव्‍य ‘वीसलदेव रासो’ (1155) एक प्रेम काव्‍य या श्रृंगार काव्‍य है।
परमाल रासो
पृथ्‍वीराज रासो
जय मयंक जय चन्द्रिका

121. ‘अष्‍टाछाप’ के प्रमुख कवि ‘नंददास’ किसके शिष्‍य थे?
वल्‍लभाचार्य
रामानंद
विट्ठलनाथ
‘अष्‍टाछाप’ के प्रमुख कवि ‘नंददास’ विट्ठलनाथ के शिष्‍य थे।
विनोवाचार्य
122. विद्यापति ने कुल कितने ग्रंथों की रचना की है?
10
12
16
14
विद्यापति ने कुल 14 ग्रंथों की रचना की है।
123. ‘प्रेरणा’ नामक कहानी रचित है-
नगेंद्र द्वारा
हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा
जयशंकर प्रसाद द्वारा
प्रेमचंद द्वारा
‘प्रेरणा’ नामक कहानी प्रेमचंद द्वारा रचित है।
124. ‘धूमिल’ को किस काव्‍य कृति पर ‘साहित्‍य अकादमी’ पुरस्‍कार मिला था?
कल सुनना मुझे
‘धूमिल’ को ‘कल सुनना मुझे’ काव्‍य कृति पर ‘साहित्‍य अकादमी’ पुरस्‍कार मिला था।
सुदामा पाण्‍डे का प्रजातंत्र
संसद से सड़क तक
किसी पर नहीं
125. सूची-I का सूची-II से मिलान कीजिए और दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
(a) सूरदास – (i) बीजक
(b) जगन्‍नाथदास – (ii) लोकायतन
(c) कबीर – (iii) सूरसागर
(d) सुमित्रानंदन पंत – (iv) उद्धव शतक
कूट:(a), (b), (c), (d)
(iii), (iv), (i), (ii)
सूरदास- सूरसागर, जगन्‍नाथदास- उद्धव शतक, कबीर- बीजक, सुमित्रानंदन पंत- लोकायतन
(ii), (i), (iii), (iv)
(iv), (ii), (i), (iii)
(i), (ii), (iii), (iv)

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