UP TGT Hindi 2010 के question paper को यहाँ दिया जा रहा है। यह परीक्षा 13-02-2011 को आयोजित हुई थी। TGT, PGT Hindi की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को इसे एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन परीक्षा (TGT Hindi) 2010 के question paper का व्याख्यात्मक हल को पढ़कर आप अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। up tgt hindi previous year question paper के अंतर्गत यह आठवाँ प्रश्न-पत्र है।
टीजीटी हिंदी- 2010
1. उपेन्द्र नाथ ‘अश्क’ रचित ‘जोंक’ किस प्रकार का एकांकी है?
- प्रतीकात्मक
- सामाजिक व्यंग्य
- मनोवैज्ञानिक
- राजनीतिक व्यंग्य
Ans (1): उपेन्द्र नाथ ‘अश्क’ रचित ‘जोंक’ प्रतीकात्मक एकांकी है। इस एकांकी में निर्लज्ज लोगों को विषय-वस्तु बनाया गया है जो जोंक की तरह दूसरों का खून चूसते रहते हैं। चरवाहे, परदा उठाओ पर्दा गिराओ, अंधी गली, साहब को जुखाम, देवताओं की छाया में, लक्ष्मी का स्वागत आदि अश्क की अन्य एकांकी हैं।
2. छायावाद की पहली रचना मानी जाती है:
- पल्लव
- लहर
- कामायनी
- झरना
Ans (4): छायावाद की पहली रचना जयशंकर प्रसाद की झरना (1918 ई.) से मानी जाती है।
3. निम्नांकित वाक्यों में क्रिया-विशेषण वाक्य कौन-सा है?
- मैं कल नहीं जाऊँगा।
- यह फूल सुंदर है।
- लड़का रोते-रोते घर पहुँचा।
- आज शाम को मत आना।
Ans (3): क्रिया-विशेषण वाक्य- ‘लड़का रोते-रोते घर पहुँचा।’
4. वियोगी हरि का वास्तविक नाम क्या था?
- हरिहर प्रसाद
- हरि प्रसाद
- राम प्रसाद
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): वियोगी हरि का वास्तविक नाम ‘हरिहर प्रसाद’ था।
5. भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता द्वारा प्रकाशित पत्रिका है:
- वसुधा
- आलोचना
- साहित्य
- वागर्थ
Ans (4): भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘वागर्थ’ है।
6. सूची- I का मिलान सूची- II से कीजिए और दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
सूची- I | सूची- II |
(a) कालिदास | (i) ऋतुसंहारम् |
(b) भवभूति | (ii) दशकुमारचरितम् |
(c) दंडी | (iii) नैषधीयचरितम् |
(d) बाणभट्ट | (iv) उत्तररामचरितम् |
(e) श्रीहर्ष | (v) कादम्बरी |
कूट:
N. (a) (b) (c) (d) (e)
- (i) (iv) (ii) (v) (iii)
- (ii) (iii) (iv) (v) (i)
- (i) (iv) (iii) (ii) (v)
- (iv) (i) (v) (iii) (ii)
Ans (1): कालिदास का ऋतुसंहारम्, भवभूति का उत्तररामचरितम्, दंडी का दशकुमारचरितम्, बाणभट्ट का कादम्बरी, श्रीहर्ष का नैषधीयचरितम् रचना है।
7. निम्नांकित मे पुल्लिंग शब्द कौन-सा है?
- मजा
- सजा
- कजा
- रजा
Ans (1): ‘मजा’ पुल्लिंग शब्द है।
8. “हिन्दू मग पर पाँव न राखेऊँ,
का जौ बहुतै हिंदी भाखेउँ।”
-यह उक्ति किस रचना और रचनाकार से संबंधित है?
- नूर मोहम्मद- इन्द्रावती
- उसमान- चित्रावली
- नूर मोहम्मद- अनुराग बाँसुरी
- कासिमशाह- हंस जवाहिर
Ans (3): यह उक्ति नूर मोहम्मद की रचना अनुराग बाँसुरी से ली गई है।
9. ‘सबसे बड़ा सिपहिया’ के रचनाकार हैं:
- वीरेंद्र जैन
- वीरेंद्र कुमार
- मिथिलेश्वर
- गोविंद मिश्र
Ans (1): ‘सबसे बड़ा सिपहिया’ के रचनाकार वीरेंद्र जैन हैं। अनातीत, सुरेखा-पर्व, प्रतीक: एक जीवनी, शब्दबध, डूब, पार, पंचनामा, तलाश, दे ताली, गैल और गन, सुखफरोश, तीन दिन दो रातें आदि उनके अन्य उपन्यास हैं।
10. “जब हम प्रीति, उदारता ओर भलमनसाहत का बरताव करते हैं तब भी वे यही समझते हैं कि हम उनसे घृणा कर रहे हैं और हम चाहे उनका जितना ही उपकार करें बदले में हमें अपकार ही मिलेगा।” यह कथन किस निबंध से लिया गया है?
- घृणा
- प्रीति और लोभ
- ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से
- मित्रता
Ans (1): यह कथन शुक्ल जी के ‘घृणा’ निबंध से लिया गया है।
11. ‘नाटक जारी है’ किस विधा की रचना है?
- उपन्यास
- नाटक
- निबंध
- कविता
Ans (4): ‘नाटक जारी है’ कविता विधा की रचना है। इस काव्या के लेखक लीलाधर जागूड़ी हैं। इस यात्रा में उनका अन्य काव्य संग्रह है।
12. ‘गंगा’ का एक नाम है:
- हंससुता
- सुरसर
- विष्णुपदी
- धेनुमती
Ans (3): ‘गंगा’ का एक नाम विष्णुपदी है। ‘गंगा’ का पर्यायवाची शब्द- भागीरथी, जाह्नवी, सुरसरि, देवसरि, त्रिपथगा, सुरध्वनि, नदीश्वरी, मंदाकिनी, अलकनंदा, देवापगा, विष्णुपदी आदि है।
13. पूर्वी हिंदी की बोली नहीं है:
- अवधी
- भोजपुरी
- बघेली
- छत्तीसगढ़ी
Ans (2): अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी पूर्वी हिंदी की बोली हैं। वहीं भोजपुरी बिहारी हिंदी की बोली है।
14. रससूत्र की ‘अनुमितिवादी’ व्याख्या करने वाले आचार्य हैं:
- भट्ट नायक
- अभिनव गुप्त
- लोलट्ट
- शंकुक
Ans (4): रससूत्र की ‘अनुमितिवादी’ व्याख्या करने वाले आचार्य शंकुक हैं। वहीं लोल्लट का मत उत्पत्तिवाद या आरोपवाद है, भट्ट नायक का मत भुक्तिवाद है और अभिनव गुप्त का मत अभिव्यक्तिवाद है।
15. निम्नलिखित में कौन शब्द स्त्रीलिंग नहीं है?
- पानी
- नानी
- कहानी
- रानी
Ans (1): पानी शब्द स्त्रीलिंग नहीं है।
16. भारतीय नारी की समस्याओं को आधार बनाकर महादेवी वर्मा ने कौन-सा ग्रंथ लिखा है?
- पथ के साथी
- श्रृंखला की कड़ियाँ
- अतीत के चलचित्र
- उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans (3): भारतीय नारी की समस्याओं को आधार बनाकर महादेवी वर्मा ने ‘अतीत के चलचित्र’ ग्रंथ लिखा है। स्मृति की रेखाएँ, पथ के साथी, मेरा परिवार इनके अन्य रेखाचित्र एवं संस्मरण हैं। वहीं श्रृंखला की कड़ियाँ, क्षणदा, संकल्पिता, भारतीय संस्कृति के स्वर, साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध आदि महादेवी वर्मा के निबंध हैं।
17. ‘स्त्री विमर्श’ का उद्देश्य है:
- स्त्री अस्मिता की खोज
- पुरूष प्रभुत्व का विरोध
- स्त्रियों की रचनाशीलता की परम्परा की पहचान
- उपरोक्त सभी
Ans (4): ‘स्त्री विमर्श’ का उद्देश्य- स्त्री अस्मिता की खोज, पुरूष प्रभुत्व का विरोध और स्त्रियों की रचनाशीलता की परम्परा की पहचान है।
18. हिंदी में गीति नाट्य परम्परा की प्रथम रचना और उसके रचनाकार हैं:
- करूणालय- जयशंकर प्रसाद
- अनघ- मैथिलीशरण गुप्त
- उन्मुक्त- सियारामशरण गुप्त
- अंधायुग- धर्मवीर भारती
Ans (1): हिंदी में गीति नाट्य परम्परा की प्रथम रचना करूणालय (1912 ई.) और उसके रचनाकार जयशंकर प्रसाद हैं।
19. ‘हिंदी शब्दानुशासन’ ग्रंथ के रचनाकार हैं:
- हेमचंद्र
- कामता प्रसाद गुरू
- किशोरीदास वाजपेयी
- धीरेन्द्र वर्मा
Ans (3): ‘हिंदी शब्दानुशासन’ ग्रंथ के रचनाकार किशोरीदास वाजपेयी हैं। यह ग्रंथ 1920 ई. में नागरी प्रचारिणी सभा, काशी से प्रकाशित हुआ था। यहीं से किशोरी दास बाजपेयी का ‘हिंदी शब्दानुशासन’ भी 1597 ई. में प्रकाशित हुआ था।
20. ‘भला मैं क्या कर सकता हूँ’ वाक्य में ‘भला’ शब्द है:
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- अव्यय
Ans (4): उपरोक्त वाक्य में ‘भला’ शब्द अव्यय है।
21. ‘निशीथ’ का उपयुक्त अर्थ है:
- अर्द्ध रात्रि का समय
- संध्या का समय
- प्रात: का समय
- इनमें से सभी
Ans (1): निशीथ का अर्थ अर्द्ध रात्रि का समय है।
22. ‘झूला नट’ उपन्यास की रचनाकार हैं:
- मैत्रेयी पुष्पा
- मृदुला गर्ग
- उषा प्रियंवदा
- शिवानी
Ans (1): ‘झूला नट’ उपन्यास की रचनाकार मैत्रेयी पुष्पा हैं। इदन्नमम्, चाक, अल्मा कबूतरी आदि भी उनके उपन्यास हैं।
23. ‘उत्तर कबीर’ पर व्यास सम्मान पाने वाले रचनाकार हैं–
- कुँवर नारायण
- केदारनाथ सिंह
- रामविलास शर्मा
- भवानी प्रसाद मिश्र
Ans (2): केदारनाथ सिंह को ‘उत्तर कबीर तथा अन्य कविताएं’ पर वर्ष 1997 में व्यास सम्मान मिला।
24. प्रेममार्गी कवि नहीं हैं–
- सूरदास
- मलिक मुहम्मद जायसी
- मुल्ला दाउद
- मंझन
Ans (1): सूरदास सगुण मार्गी कवि हैं। वहीं जायसी, मुल्ला दाउद और मंझन प्रेममार्गी कवि हैं।
25. सही युग्म पहचानिए-
- काले – टोपी
- सुनहरी – पत्ता
- दुबला-पतला – लड़का
- उड़ता हुआ – चिड़िया
Ans (3): सही युग्म: दुबला-पतला – लड़का
26. ‘वोल्गा से गंगा’ किसकी रचना है?
- श्यामसुंदर दास की
- सरदार पूर्णसिंह की
- राहुल सांकृत्यायन की
- डॉ. नगेंद्र की
Ans (3): ‘वोल्गा से गंगा’ रचना राहुल सांकृत्यायन की कहानी संग्रह है। जीने के लिए, सतमी के बच्चे, मधुपुरी आदि भी इनके कहानी संग्रह हैं।
27. इनमें कौन-सा समूह आचार्य रामचंद्र शुक्ल की रचनाओं को दर्शाता है:
- कल्पवृक्ष, पृथ्वीपुत्र, भारत की एकता, मातृभूमि
- हिंदी साहित्य का इतिहास, चिंतामणि, रसमीमांसा, त्रिवेणी
- आकाश के तारे, धरती के फूल, भले-बिसरे चेहरे, जिंदगी मुस्काई
- सदाचार का ताबीज, रानी नागमती की कहानी, भोलाराम का जीव, जैसे उनके दिन फिरे
Ans (2): हिंदी साहित्य का इतिहास, चिंतामणि, रसमीमांसा और त्रिवेणी रचना आचार्य रामचंद्र शुक्ल की है। कल्पवृक्ष, पृथ्वीपुत्र, भारत की एकता और मातृभूमि रचना ‘वसुदेवशरण अग्रवाल’, आकाश के तारे, धरती के फूल, भले-बिसरे चेहरे और जिंदगी मुस्काई रचना ‘भगवती चरण वर्मा’ एवं सदाचार का ताबीज, रानी नागमती की कहानी, भोलाराम का जीव और जैसे उनके दिन फिरे रचना ‘हरीशंकर परसाई’ की हैं।
28. डॉ. संपूर्णानंद की रचना का नाम है–
- हिंदी भाषा की उत्पत्ति
- आचरण की सभ्यता
- गेहूँ बनाम गुलाब
- भाषा की शक्ति
Ans (4): ‘भाषा की शक्ति’ डॉ. संपूर्णानंद का निबंध है। वहीं ‘हिंदी भाषा की उत्पत्ति’ निबंध महावीर प्रसाद द्विवेदी, ‘आचरण की सभ्यता’ सरदार पूर्ण सिंह का निबंध है और ‘गेहूँ बनाम गुलाब’ रामवृक्ष बेनीपुरी का ललित निबंध है।
29. कौन-सी कृति मोहन राकेश की नहीं है?
- आषाढ़ का एक दिन
- कन्यादान
- लहरों के राजहंस
- आधे-अधूरे
Ans (2): आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे नाटक मोहन राकेश का है। वहीं कन्यादान निबंध के लेखक सरदार पूर्ण सिंह हैं।
30. दृश्य काव्य की विधा है:
- नाटक
- निबंध
- उपन्यास
- गीतिकाव्य
Ans (1): नाटक दृश्य काव्य की विधा है।
31. दण्डी के काव्यशास्त्रीय ग्रंथ का नाम है–
- प्रतिदर्श
- काव्यशास्त्र
- काव्यादर्श
- भाषादर्श
Ans (3): दण्डी के काव्यशास्त्रीय ग्रंथ का नाम काव्यादर्श है। दशकुमार चरितम, अवन्ती सुंदरी कथा, छ्ंदो विचित्र, कला परिच्छेद, द्विसंधान काव्य उनके अन्य ग्रंथ हैं।
32. ‘दैत्य + अरि: = दैत्यारि:’ एक उदाहरण है–
- व्यंजन संधि का
- स्वर संधि का
- विसर्ग संधि का
- इनमें से कोई नहीं
Ans (2): ‘दैत्य + अरि: = दैत्यारि:’ स्वर संधि का एक उदाहरण है।
33. ‘क: + अपि’ की संधि होगी–
- कपि
- कपि:
- कर्पि
- कोऽपि
Ans (4): ‘क: + अपि’ की कोऽपि संधि होगी।
34. ‘राम दशरथ के पुत्र थे’ का संस्कृत मूल है–
- राम: दशरथस्य पुत्र: आसीत्
- राम: दशरथस्य पुत्र: अस्मिन
- दशरथ रामस्य जनक: आसीत्
- रामस्य दशरथ: जनक अस्मिन
Ans (1): राम: दशरथस्य पुत्र: आसीत्।
35. ‘ज्ञानिभि: सार्थम् कदापि न दुह्यते’ का अनुवाद है–
- ज्ञानी के साथ बैर अच्छा नहीं होता है।
- ज्ञानियों के साथ बैर नहीं करना चाहिए।
- ज्ञानी के साथ कभी भी बैर नहीं करना चाहिए।
- ज्ञानी जनों के साथ बैर अनुचित है।
Ans (3): ‘ज्ञानिभि: सार्थम् कदापि न दुह्यते’ का अनुवाद- ‘ज्ञानी के साथ कभी भी बैर नहीं करना चाहिए’ है।
36. ‘शब्दार्थोसहितंकाव्यम्’ परिभाषा किनके द्वारा दी गई है?
- आचार्य दंडी
- आचार्य रुद्रट
- आचार्य भामह
- आचार्य विश्वनाथ
Ans (3): ‘शब्दार्थोसहितंकाव्यम्’ परिभाषा आचार्य भामह द्वारा दी गई है।
37. ‘नहुष’ नाटक के लेखक बाबू गिरधरदास का भारतेंदु हरिश्चंद्र से क्या संबंध था?
- पिता का
- दादा का
- परदादा का
- भाई का
Ans (1): ‘नहुष’ (1857 ई.) नाटक के लेखक बाबू गिरधरदास हैं, वे भारतेंदु हरिश्चंद्र के पिता थे।
38. नीचे दिए गए नामों में से कौन-से कवि वल्लभाचार्य के शिष्य नहीं हैं?
- चतुर्भुजदास
- सूरदास
- कुंभनदास
- परमानंददास
Ans (1): ‘अष्टछाप’ के कवियों में 4 बल्लभाचार्य के शिष्य- कुंभनदास, सूरदास, परमानंददास और कृष्ण दास थे। अन्य 4 गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य- गोविंदस्वामी, छीत स्वामी, चतुर्भुजदास और नंददास थे।
39. प्रति + आरोपण = ?
- प्रतिआरोपण
- प्रतिरोपण
- प्रत्यारोपण
- प्रत्आरोपण
Ans (3): प्रति + आरोपण = प्रत्यारोपण
40. ‘अजायबघर’ है–
- देशी शब्द
- विदेशी शब्द
- तद्भव शब्द
- संकर शब्द
Ans (2): ‘अजायबघर’ विदेशी शब्द है।
41. हिंदी साहित्य के इतिहास-ग्रंथ ‘हिंदी साहित्य विमर्श’ के लेखक हैं–
- वियोगी हरि
- सूर्यकांत शास्त्री
- डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी
- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
Ans (4): हिंदी साहित्य के इतिहास-ग्रंथ ‘हिंदी साहित्य विमर्श’ के लेखक ‘पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी’ हैं।
42. ‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाही’ पंक्ति लिखी गई है:
- रहीमदास द्वारा
- कबीरदास द्वारा
- मलूकदास द्वारा
- तुलसीदास द्वारा
Ans (4): ‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाही’ पंक्ति तुलसीदास द्वारा लिखी गई है।
43. ‘पेड़ से पत्ते गिरते हैं’ में कारक है:
- कर्त्ता कारक
- अपादान कारक
- करण कारक
- संबंध कारक
Ans (2): ‘पेड़ से पत्ते गिरते हैं’ में अपादान कारक है।
44. निम्नलिखित में से किस शब्द में ‘उपसर्ग’ है?
- दशक
- पराजय
- लालिमा
- कारीगर
Ans (2): पराजय शब्द में ‘उपसर्ग’ है।
45. ‘आचार’ का विलोम शब्द है–
- अनाचार
- आनाचार
- अत्याचार
- विचार
Ans (1): ‘आचार’ का विलोम शब्द ‘अनाचार’ है।
46. ‘सुख-दु:ख’ के बीच वाला (-) चिह्न है:
- निर्देशक चिह्न
- योजक चिह्न
- विवरण चिह्न
- अपूर्ण विराम
Ans (2): इसे योजक चिह्न (-) कहते हैं, योजक चिह्न को समासबोधक या विभाजक चिह्न भी कहते हैं।
47. ‘जिसमें जानने की इच्छा हो’ के लिए एक शब्द है:
- जितेन्द्रिय
- अजेय
- जलचर
- जिज्ञासु
Ans (4): ‘जिसमें जानने की इच्छा हो’ के लिए एक शब्द ‘जिज्ञासु’ है।
48. ‘अज्ञेय’ का पूरा नाम है–
- रायकृष्णदास
- कन्हैया लाल
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन
- हरिशंकर परसाई
Ans (3): ‘अज्ञेय’ का पूरा नाम ‘सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन’ है।
49. निम्नलिखित शब्दों में से किस में उपसर्ग नहीं है?
- मिलान
- सुपुत्र
- अधर्म
- सुकर्म
Ans (1): ‘मिलान’ शब्द में उपसर्ग नहीं है।
50. ‘स्फूर्ति’ शब्द का तद्भव शब्द है–
- सुग्गा
- सौत
- फुर्ती
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): ‘स्फूर्ति’ शब्द का तद्भव शब्द ‘फुर्ती’ है।
51. ‘पंकज’ शब्द निम्न में से किससे संबंधित है?
- रूढ़ शब्द
- यौगिक शब्द
- योगरूढ़ शब्द
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): ‘पंकज’ योगरूढ़ शब्द है।
52. ‘संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी’ यह संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 343
- अनुच्छेद 344
- अनुच्छेद 345
- अनुच्छेद 346
Ans (1): ‘संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी’ यह संविधान के अनुच्छेद 343 में वर्णित है।
53. हिंदी का पहला समाचार-पत्र कब और कहाँ से प्रकाशित हुआ?
- 1826 में कलकत्ता से
- 1828 में कलकत्ता से
- 1826 में बम्बई से
- 1828 में मद्रास से
Ans (1): हिंदी का पहला समाचार-पत्र 1826 ई. में कलकत्ता से प्रकाशित हुआ था। यह साप्ताहिक पत्र था और 1927 ई. तक निकलता रहा। इसके संपादक जुगुल किशोर शुक्ल थे।
54. ‘उपाय वही सही होता है जिसका लोहा विरोधी भी माने’- इसके लिए सही लोकोक्ति है:
- आधा तीतर, आधा बटेर
- चमत्कार को नमस्कार
- जादू वही जो सिर चढ़कर बोले
- उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans (3): जादू वही जो सिर चढ़कर बोले लोकोक्ति का अर्थ- ‘उपाय वही सही होता है जिसका लोहा विरोधी भी माने’ है।
55. निम्नलिखित में से कौन-सी रचना पुष्पदंत की नहीं है?
- महापुराण
- जय कुमार चरिउ
- जसहर-चरिउ
- पउम चरिउ
Ans (4): महापुराण, जय कुमार चरिउ और जसहर-चरिउ रचना पुष्पदंत की है। वहीं ‘पउम चरिउ’ स्वयंभू की रचना है।
56. निम्न पंक्तियाँ किस प्रसिद्ध लंबी कविता से उद्धृत है?
“प्रतिपल परिवर्तित व्यूह, भेद कौशल-समूह
राक्षस-विरुद्ध प्रत्यूह, क्रुद्ध कपि विषम”
- राम की शक्ति-पूजा
- बादल-राग
- पेशोला की प्रतिध्वनि
- शेर सिंह का शस्त्र-समर्पण
Ans (1): उपरोक्त पंक्तियाँ निराला कृत लंबी कविता ‘राम की शक्ति-पूजा’ (1936 ई.) से उद्धृत है। यह कविता अनामिका कविता संकलन में संकलित है।
57. ‘कविता क्या है?’ निबंध के लेखक हैं–
- रामचंद्र शुक्ल
- हजारीप्रसाद द्विवेदी
- अध्यापक पूर्ण सिंह
- कुबेर नाथ राय
Ans (1): ‘कविता क्या है?’ निबंध के लेखक रामचंद्र शुक्ल हैं। श्रद्धा भक्ति, लज्जा और ग्लानि, करुणा, उत्साह, साधारणीकरण और व्यक्ति वैचित्रवाद, काव्य में रहस्यवाद, ईश्या, लोभ और प्रीति, घृणा, काव्य में लोकमंगल की साधनाअवस्था, तुलसी का भक्तिमार्ग, मानस की धर्मभूमि, काव्य में अभिव्यंजनावाद आदि भी शुक्ल जी के निबंध हैं।
58. सन् 1954 में प्रकाशित ‘नयी कविता’ पत्रिका के संपादक थे–
- अज्ञेय
- धर्मवीर भारती
- श्री नरेश मेहता
- जगदीश गुप्त
Ans (4): सन् 1954 में प्रकाशित ‘नयी कविता’ पत्रिका के संपादक जगदीश गुप्त थे।
59. ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ के रचयिता हैं:
- नागार्जुन
- मुक्तिबोध
- धर्मवीर भारती
- धूमिल
Ans (2): ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ के रचयिता मुक्तिबोध हैं।
60. केदारनाथ सिंह किस सप्तक के संकलित कवि हैं?
- तार सप्तक
- दूसरा सप्तक
- तीसरा सप्तक
- चौथा सप्तक
Ans (3): केदारनाथ सिंह तीसरा सप्तक के संकलित कवि हैं। तीसरा सप्तक के अन्य कवि- कुँवर नारायण, कीर्ति चौधरी, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, मदन वात्स्यायन, प्रयाग नारायण त्रिपाठी और विजयदेव नारायण साही हैं। तीसरा सप्तक भी अज्ञेय के संपादकत्व में 1959 ई. में प्रकाशित हुआ था।
61. निम्नलिखित में कंठ्य ध्वनियाँ कौन-सी हैं?
- क, ख
- य, र
- च, ज
- ट, ण
Ans (1): क वर्ग का उच्चारण कंठ या कोमल तालु से होता है, अंत: क, ख कंठ ध्वनियाँ हैं।
62. नीचे दिये गये विकल्पों में से तत्सम शब्द का चयन कीजिए:
- पड़ोसी
- गोधूम
- बहू
- शहीद
Ans (2): ‘गोधूम’ तत्सम शब्द है।
63. नीचे दिये गये विकल्पों में से तद्भव शब्द का चयन कीजिए–
- बैंक
- मुँह
- मर्म
- प्रलाप
Ans (2): ‘मुँह’ तद्भव शब्द है।
64. ‘शैतान की आँत’ का अर्थ है–
- अत्यन्त धूर्त व्यक्ति
- नगण्य वस्तु
- बहुत लम्बी वस्तु
- अत्यन्त लाभदायक वस्तु
Ans (1): ‘शैतान की आँत’ का अर्थ- ‘अत्यन्त धूर्त व्यक्ति’ है।
65. निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित नहीं है?
- स्कन्दगुप्त
- चंद्रगुप्त
- कर्वला
- ध्रुवस्वामिनी
Ans (3): कर्वला नाटक प्रेमचंद का है। स्कन्दगुप्त, चंद्रगुप्त और ध्रुवस्वामिनी नाटक जयशंकर प्रसाद का है।
66. ‘कामदेव’ का पर्यायवाची शब्द कौन-सा है?
- सरोज
- उरोज
- मनोज
- पाथोज
Ans (3): ‘कामदेव’ का पर्यायवाची शब्द- मनोज, मनोभव, मनोभाव, मार, मनसिज, मन्मथ, मकरध्वज, मकरकेतु, मयन, रतिपति आदि है। वहीं सरोज कमल का, उरोज स्तन का पर्यायवाची शब्द है।
67. निम्नलिखित में यौगिक शब्द छाँटिए:
- दशानन
- परोपकार
- चतुर्मुख
- गोपाल
Ans (4): जो शब्द स्पष्टत: किन्हीं दो या अधिक सार्थक शब्दों के मेल से बने हों और किसी विशेष व्यक्ति या वस्तु के लिए रूढ़ न हों उसे यौगिक शब्द कहा जाता है, जैसे- मनोज, परोपकार, चतुर्मुख एवं दशानन आदि।
68. देवनागरी लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग किस राज्य में हुआ माना जाता है?
- महाराष्ट्र
- उत्तर प्रदेश
- राजस्थान
- गुजरात
Ans (4): देवनागरी लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग ‘गुजरात’ राज्य में हुआ। गुजरात के राजा जयभट्ट (7वीं-8वीं शती ई.) के एक शिलालेख में देवनागरी लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग मिलता है।
69. निम्नांकित में अघोष अल्पप्राण ध्वनि कौन-सी है?
- झ
- ठ
- ज
- क, त
Ans (4): निम्नांकित में अघोष अल्पप्राण ध्वनि क और त हैं। वर्ग के प्रथम एवं द्वितीय व्यंजन अघोष होते हैं, जैसे- क, ख, च, छ, ट, ठ आदि। वहीं वर्ग के प्रथम, तृतीय एवं पंचम वर्ण अल्पप्राण होते हैं, जैसे- क, ग, ङ, च, छ, ञ आदि।
70. दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति।
परत गाँठि दुरजन हिये, दई नई यह रीति।
-उक्त दोहे में प्रयुक्त अलंकार है?
- विषम
- असंगति
- व्यतिरेक
- निदर्शना
Ans (2): उक्त दोहे में असंगति अलंकार है। जहाँ पर कारण, कार्य, स्थान, काल आदि की नियम विरुद्ध स्थिति दिखाई जाती है, वहाँ असंगति अलंकार होता है।
71. रामविलास शर्मा की आत्मकथा ‘अपनी धरती अपने लोग’ कितने खण्डों में विभक्त है?
- दो
- तीन
- एक
- चार
Ans (2): रामविलास शर्मा की आत्मकथा ‘अपनी धरती अपने लोग’ तीन खण्डों में विभक्त है।
72. कहानी संग्रह ‘दूसरा ताजमहल’ की लेखिका हैं:
- नासिरा शर्मा
- क्षमा कौल
- ममता कालिया
- अनीता जैन
Ans (1): कहानी संग्रह ‘दूसरा ताजमहल’ की लेखिका नासिरा शर्मा हैं।
73. किस विद्वान ने देवनागरी लिपि के स्थान पर रोमन लिपि स्वीकार करने का सुझाव दिया था?
- सुनीति कुमार चटर्जी
- महात्मा गाँधी
- काका कालेलकर
- विनोबा भावे
Ans (1): सुनीति कुमार चटर्जी ने देवनागरी लिपि के स्थान पर रोमन लिपि स्वीकार करने का सुझाव दिया था।
74. ‘कैंची’ किस भाषा का शब्द है?
- हिंदी
- अंग्रेजी
- पुर्तगाली
- तुर्की
Ans (4): ‘कैंची’ तुर्की भाषा का शब्द है।
75. यदि ए, ऐ, ओ तथा औ के बाद भिन्न स्वर आता है तो इनके स्थान पर क्रमश: ‘अय्’, ‘आय्’, ‘अव्’, ‘आव्’ हो जाता है। यह संधि कौन-सी है?
- दीर्घ
- गुण
- वृद्धि
- अयादि
Ans (4): यदि ए, ऐ, ओ तथा औ के बाद भिन्न स्वर आता है तो इनके स्थान पर क्रमश: ‘अय्’, ‘आय्’, ‘अव्’, ‘आव्’ हो जाता है तो दीर्घ संधि होती है।
76. श्रीराम शर्मा की ‘बोलती प्रतिमा’ रचना की विधा है-
- रेखाचित्र
- संस्मरण
- आत्मकथा
- जीवनी
Ans (1): श्रीराम शर्मा की ‘बोलती प्रतिमा’ रेखाचित्र है जो 1927 ई. में प्रकाशित हुआ था। उनका यह रेखाचित्र रूसी लेखक तुर्गनेव के ‘जीवित समाधि’ से बहुत प्रभावित है।
77. भाषा के संबंध में असत्य कथन कौन-सा है?
- भाषा सामाजिक संपत्ति है।
- भाषा परिवर्तनशील है।
- भाषा अनुकरण सादृश्य है।
- भाषा पैतृक संपत्ति है।
Ans (4): असत्य कथन- भाषा पैतृक संपत्ति है। जबकि भाषा पैतृक संपत्ति नहीं होती है।
78. “शहर में कोई किसी की जाति नहीं पूछता, शहर के लोगों की जाति का क्या ठिकाना? लेकिन गाँव में तो बिना जाति के आपका पानी नहीं चल सकता।” यह कथन किस रचना से लिया गया है?
- परती परिकथा
- रतिनाथ की चाची
- बलचनमा
- मैला आँचल
Ans (4): यह कथन फणीश्वर नाथ रेणु के उपन्यास ‘मैला आँचल’ से लिया गया है।
79. ब्रजभाषा आधुनिक कालीन प्रसिद्ध कवि हैं:
- मैथिलीशरण गुप्त
- हरिऔध
- जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’
- भारतेंदु हरिश्चंद्र
Ans (3): ब्रजभाषा आधुनिक कालीन प्रसिद्ध कवि जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’ हैं। रत्नाकर के प्रमुख काव्य ग्रंथ- उद्धव शतक, गंगावतरण, शृंगार लहरी, हरिश्चंद्र, हिंडोला आदि हैं।
80. ‘हरी बिंदी’ किस साहित्यकार की कहानी है?
- मैत्रेयी पुष्पा
- उषा प्रियंवदा
- मृदुला गर्ग
- मन्नू भण्डारी
Ans (3): ‘हरी बिंदी’ मृदुला गर्ग की कहानी है।
81. ‘भई गति साँप छछूंदर केरी’ लोकोक्ति का अर्थ है:
- साँप और छछूंदर जैसा होना।
- साँप का छछूंदर जैसा होना।
- दुविधा में पड़ जाना।
- छछूंदर का साँप हो जाना।
Ans (3): ‘भई गति साँप छछूंदर केरी’ लोकोक्ति का अर्थ- दुविधा में पड़ जाना है।
82. ‘शेष कादम्बरी’ उपन्यास की लेखिका हैं:
- मृदुला गर्ग
- उषा प्रियंवदा
- मन्नू भण्डारी
- अलका सरावगी
Ans (4): ‘शेष कादम्बरी’ उपन्यास की लेखिका अलका सरावगी हैं।
83. भवभूति का मूल नाम क्या था?
- श्रीपति
- दामोदर
- श्रीकंठ
- नीलकंठ
Ans (3): भवभूति का मूल नाम ‘श्रीकंठ’ था। इनके तीन नाटक- मालती माधव, महावीर चरित और उत्तररामचरित हैं।
84. ‘राम की गाय बहुत काली है’ वाक्य में ‘काली’ शब्द है:
- सर्वनाम
- क्रिया
- विशेषण
- प्रविशेषण
Ans (3): ‘राम की गाय बहुत काली है’ वाक्य में ‘काली’ शब्द विशेषण है। जो शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम के गुण, दोष, संख्या, परिणाम, अवस्था आदि का बोध कराते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।
85. “प्रिय स्वतंत्र रव अमृत मंत्र नव” पंक्ति वाली कविता का संबंध है:
- जयशंकर प्रसाद से
- भवानी प्रसाद मिश्र से
- सुमित्रानंदन पंत से
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला से
Ans (1): “प्रिय स्वतंत्र रव अमृत मंत्र नव” पंक्ति वाली कविता जयशंकर प्रसाद का है।
86. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित ‘लिपि सुधार-परिषद्’ की 28, 29 नवम्बर, 1953 को हुई बैठक की अध्यक्षता की थी:
- तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने।
- तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने।
- तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री वी.वी. गिरि ने।
- तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री बी. डी. जत्ती ने।
Ans (2): उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित ‘लिपि सुधार-परिषद्’ की 28, 29 नवम्बर, 1953 को हुई बैठक की अध्यक्षता की तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने की थी। जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि ह्रस्व इ की मात्रा व्यंजन से पूर्व लगाई जाए, ख, छ, ध, भ को ख, छ, ध, भ के रूप में लिखा जाए।
87. देवनागरी लिपि का विकास माना जाता है:
- देववाणी से
- खरोष्ठी से
- ब्राह्मी से
- सिंधु लिपि से
Ans (3): देवनागरी लिपि का विकास ‘ब्राह्मी’ से माना जाता है। ब्राह्मी और खरोष्ठी भारत की प्राचीन लिपियाँ थीं। एनमें से ब्राह्मी लिपि से देवनागरी लिपि का विकास हुआ।
88. सूची-। का मिलान सूची-॥ से कीजिए और दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
सूची-। | सूची-II |
(a) संकल्प | (i) तद्भव |
(b) सूरज | (ii) देशी |
(c) काका | (iii) तत्सम |
(d) मोटर | (iv) विदेशी |
कूट:
N. (a) (b) (c) (d)
- (i) (ii) (iv) (iii)
- (ii) (iii) (iv) (i)
- (iii) (i) (ii) (iv)
- (iv) (ii) (iii) (i)
Ans (3): संकल्प तत्सम शब्द, सूरज तद्भव शब्द, काका देशी शब्द और मोटर विदेशी शब्द है।
89. निम्न में से कौन-सी रचना माहदेवी वर्मा की नहीं है?
- यामा
- दीपशिखा
- आँगन के पार द्वार
- नीरजा
Ans (3): ‘आँगन के पार द्वार’ कविता सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की है। यामा, दीपशिखा, नीरजा, निहार, रश्मि, सांध्यगीत आदि महादेवी वर्मा की रचनाएँ हैं। यामा संग्रह में निहार, रश्मि, नीरजा और सांध्यगीत के गीत संकलित हैं।
90. खड़ी बोली में प्रथम महाकाव्य ‘प्रियप्रवास’ के रचयिता हैं-
- भारतेंदु हरिश्चंद्र
- अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
- माखनलाल चतुर्वेदी
- केशवदास
Ans (2): खड़ी बोली में प्रथम महाकाव्य ‘प्रियप्रवास’ के रचयिता अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं। हरिऔध के अन्य काव्य ग्रंथ- पद्मप्रसून, चुभते चौपदे, चोखे चौपदे, रस कलस, तथा वैदेही वनवास हैं।
91. निम्न में से व्यंग्यकार नहीं है:
- रवीन्द्रनाथ त्यागी
- अज्ञेय
- लतीफ घोंघी
- हरिशंकर परसाई
Ans (2): निम्न में से अज्ञेय व्यंग्यकार नहीं है।
92. देवेन्द्र सत्यार्थी के संस्मरण का नाम है:
- माटी के मूरतें
- अतीत के चलचित्र
- रेखाएँ बोल उठी
- दीप जले शंख बजे
Ans (3): देवेन्द्र सत्यार्थी के संस्मरण का नाम ‘रेखाएँ बोल उठी’ है।
93. विष्णुकांत शास्त्री की प्रसिद्ध गद्यकाव्य-कृति का नाम है-
- पूजा
- शुभ्रा
- कुछ चंदन की कुछ कपूर
- दुपहिरया के फूल
Ans (3): विष्णुकांत शास्त्री की प्रसिद्ध गद्यकाव्य-कृति का नाम ‘कुछ चंदन की कुछ कपूर’ है।
94. निम्न में से कौन-सी कृति जीवनी विधा से संबंधित नहीं है?
- चौरासी वैष्णवन की वार्ता
- बसेरे से दूर
- भक्तमाल
- मालवीयजी के साथ तीन दिन
Ans (2): ‘बसेरे से दूर’ हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा है। वहीं चौरासी वैष्णवन की वार्ता गोकुलनाथ की, भक्तमाल नाभादास की और मालवीयजी के साथ तीन दिन रामनरेश त्रिपाठी द्वारा लिखित जीवनी हैं।
95. निम्न में से कौन-सा समूह आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उपन्यासों को दर्शाता है?
- अप्सरा, अलका, प्रभावती, निरूपमा
- बाणभट्ट की आत्मकथा, चारू चंद्रलेख, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा
- झूठा सच, दादा कामरेड, देशद्रोही, दिव्या
- सोमनाथ, धर्मपुत्र, वयं रक्षाम:, आत्मदाह
Ans (2): बाणभट्ट की आत्मकथा, चारू चंद्रलेख, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा आदि आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उपन्यास हैं। वहीं अप्सरा, अलका, प्रभावती, निरूपमा निराला के, झूठा सच, दादा कामरेड, देशद्रोही, दिव्या यशपाल के और सोमनाथ, धर्मपुत्र, वयं रक्षाम:, आत्मदाह आचार्य चतुरसेन शास्त्री के उपन्यास हैं।
96. द्विगु समास का उदाहरण है-
- राजा-रानी
- पीतांबर
- त्रिभुवन
- भूदेव
Ans (3): द्विगु समास का उदाहरण ‘त्रिभुवन’ है। द्विगु समास में प्रथम पद संख्यावाची और दूसरा पद संज्ञा होता है। ‘राजा-रानी’ में द्वंद्व समास, ‘पीताम्बर’ में कर्मधरय और बहुब्रीहि समास और ‘भूदेव’ में तत्पुरुष समास है।
97. निम्न में अशुद्ध वाक्य बताइए:
- पुस्तक मेज पर रखी है।
- कच्चे तेल की कीमत घट गया है।
- यह मेरे सपनों का घर है।
- कानपुर भारत की औद्योगिक राजधानी है।
Ans (2): अशुद्ध वाक्य- कच्चे तेल की कीमत घट गया है।
98. ‘निष्फल न होने वाला’ कहलाता है-
- निश्चित
- सही
- सटीक
- अमोघ
Ans (4): ‘निष्फल न होने वाला’ अमोघ कहलाता है।
99. ‘नौ दिन चले आढ़ाई कोस’ से तात्पर्य है:
- नौ दिन में अढ़ाई कोस चलना
- धीरे-धीरे चलना
- चलने की कोशिश करना
- अधिक परिश्रम का थोड़ा फल मिलना
Ans (4): ‘नौ दिन चले आढ़ाई कोस’ से तात्पर्य- अधिक परिश्रम का थोड़ा फल मिलना है।
100. भवभूति की रचना का नाम है–
- उत्तररामचरितम्
- उत्तररामायण
- रामचरित
- हर्षचरितदर्शन
Ans (1): भवभूति की रचना का नाम ‘उत्तररामचरितम्’ है।
101. ‘हम महान् राष्ट्र के नागरिक है’ का संस्कृत में अनुवाद होगा–
- वयं भारत राष्ट्रस्य नागरिका: स्म
- वयं भारत राष्ट्रे नागरिक: अस्ति
- वयं महत: भारतस्य नागरिका: स्म
- वयं महत: राष्ट्रस्य नागरिका: स्म
Ans (4): ‘हम महान् राष्ट्र के नागरिक है’ का संस्कृत में अनुवाद- ‘वयं महत: राष्ट्रस्य नागरिका: स्म’ होगा।
102. ‘प्रेम वाटिका’ नामक ग्रंथ रचित है:
- रसखान द्वारा
- रहीम द्वारा
- नंददास द्वारा
- मीराबाई द्वारा
Ans (1): ‘प्रेम वाटिका’ नामक ग्रंथ रसखान द्वारा रचित है। प्रेमवाटिका में रसखान ने राधा और कृष्ण को मालिन-माली मानकर प्रेमोंधान का वर्णन करते हुए प्रेम के गूढ़ तत्वों का सूक्ष्मता से निरूपण किया है। एसमें कुल 53 दोहे हैं।
103. निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द ‘कमल’ का पर्यायवाची नहीं है?
- अरविन्द
- शतदल
- सरसिज
- अमिय
Ans (4): ‘कमल’ का पर्यायवाची शब्द- अरविंद, शतदल, सरसिज, पंकज, जलज, अंबुज, सरोज, वारिज, नीरज, शतपत्र, पद्म, तामरस, कुवलय, कोकनद, पुंडरीक, उत्पल, मकरंद, इंदीवर आदि हैं। वहीं ‘अमिय’ अमृत का पर्यायवाची शब्द है।
104. ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि हैं:
- रैदास
- कबीरदास
- गुरुनानक
- तुलसीदास
Ans (2): ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि कबीरदास हैं।
105. निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित है?
- ध्रुवस्वामिनी
- कृष्णार्जुन युद्ध
- रूक्मिणी परिणय
- प्रेमलोक
Ans (1): ध्रुवस्वामिनी नाटक जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित है। उनके अन्य नाटक और एकांकी निम्न हैं- विशाख, अजातशत्रु, कामना, जनमेजय का नागयज्ञ, स्कंदगुप्त, एक घूँट, चंद्रगुप्त आदि।
106. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्सम रूप है?
- अंधकार
- अंधियारा
- अंधेरा
- रात
Ans (1): अंधकार तत्सम शब्द है। जबकि अंधियारा, अंधेरा और रात तद्भव शब्द हैं।
107. अयोध्या सिह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा लिखित काव्य ग्रंथ है:
- कनुप्रिया
- पथिक
- चोखे चौपदे
- वासवदत्ता
Ans (3): अयोध्या सिह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा लिखित काव्य ग्रंथ ‘चोखे चौपदे’ है। वहीं कानुप्रिय धर्मवीर भारती, पथिक, रामनरेश त्रिपाठी और वासवदत्ता सोहनलाल द्विवेदी का काव्य है।
108. ‘अज्ञेय’ की रचना है:
- कुरुक्षेत्र
- हुंकार
- पवनदूत
- हरी घास पर क्षण भर
Ans (4): ‘अज्ञेय’ की रचना है। वहीं कुरुक्षेत्र एवं हुंकार रामधारी सिंह दिनकर की रचना है और पवनदूत नाम से वादिराज, और सिद्धनाथ विद्यावागीश की रचना मिलती है।
109. ‘अशोक के फूल’ निबंध रचित है:
- महादेवी वर्मा द्वारा
- डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा
- रामधारी सिंह दिनकर द्वारा
- नागर्जुन द्वारा
Ans (2): ‘अशोक के फूल’ निबंध डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित है। इनके अन्य निबंध- विचार और वितर्क, कल्पलता, विचार प्रवाह, कुटज, साहित्य सहचर, आलोक पर्व आदि हैं।
110. ‘अनामिका’ काव्य किनके द्वारा रचित है?
- अज्ञेय
- निराला
- धूमिल
- सुमन
Ans (2): ‘अनामिका’ काव्य सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा रचित है। इनके अन्य काव्य- परिमल, गीतिका, तुलसीदास, अणिमा, आराधना आदि हैं।
111. ‘दुष्प्रकृति’ शब्द का संधि विच्छेद है:
- दुस् + प्रकृति
- दु: + प्रकृति
- दुश्य् + प्रकृति
- दुसप्र + कृति
Ans (2): ‘दुष्प्रकृति’ शब्द का संधि विच्छेद ‘दु: + प्रकृति’ है। क्योंकि यदि इ, उ के उपरांत क, ख, ट, ठ, या प, फ आए तो विसर्ग का ष् हो जाता है।
112. मैथिली बोली के लोकप्रिय कवि हैं:
- तुलसी
- जायसी
- विद्यापति
- नंददास
Ans (3): मैथिली बोली के लोकप्रिय कवि विद्यापति हैं। उन्होने पदावली’ की रचना मैथिली भाषा मे, कीर्तिलता और कीर्तिपताका की रचना अपभ्रंश में किया है।
113. ‘हस्ताक्षेप’ का शुद्ध शब्द है:
- हस्थोक्षप
- हस्तकक्षेप
- हस्तक्षेप
- हस्तेक्षप
Ans (3): शुद्ध शब्द- हस्तक्षेप
114. सूरदास ने किस कृति को नहीं लिखा?
- सूरसारावली
- दोहावली
- साहित्य लहरी
- सूरसागर
Ans (2): सूरसागर, सूरसारावली और साहित्य लहरी सूरदास की कृति है। वहीं दोहावली तुलसीदास की रचना है।
115. ‘आँसू’ शब्द है?
- तत्सम
- तद्भव
- देशज
- इनमें से कोई नहीं
Ans (2): ‘आँसू’ तद्भव शब्द है।
116. ‘विशिष्टाद्वैतवाद’ के प्रतिपादक कौन थे?
- रामानंद
- रामानुजाचार्य
- मध्वाचार्य
- निम्बार्काचार्य
Ans (2): ‘विशिष्टाद्वैतवाद’ के प्रतिपादक ‘रामानुजाचार्य’ हैं। वहीं रामानंद ने रामावत संप्रदाय, मध्वाचार्य ने द्वैतवाद और निम्बार्काचार्य भेदा भेद वाद या द्वैताद्वैतवाद का प्रवर्तन किया।
117. निम्नलिखित में से किसने पुष्टिमार्ग की स्थापना की?
- चैतन्य महाप्रभु
- वल्लभाचार्य
- विट्ठलनाथ
- सूरदास
Ans (2): वल्लभाचार्य ने पुष्टिमार्ग की स्थापना की।
118. ‘आनंद कादम्बिनी’ का संपादक कौन था?
- बालकृष्ण भट्ट
- भारतेंदु हरिश्चंद्र
- बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
- प्रताप नारायण मिश्र
Ans (3): बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ ने साप्ताहिक पत्र ‘नागरी नीरद’ और मासिक पत्र ‘आनंद कादम्बिनी’ का संपादन किया। उन्होंने उर्दू में ‘अब्र’ नाम से कुछ कविताएं भी लिखीं।
119. निम्नलिखित में से कौन-सा कवि ‘अष्टछाप’ का कवि नहीं था?
- नंददास
- परमानंददास
- छीत स्वामी
- हरिव्यास देव
Ans (4): ‘अष्टछाप’ के कवियों में 4 बल्लभाचार्य के शिष्य- कुंभनदास, सूरदास, परमानंददास और कृष्ण दास तथा 4 गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य- गोविंदस्वामी, छीत स्वामी, चतुर्भुजदास और नंददास थे।
120. ‘बादल-राग’ के रचयिता हैं:
- प्रसाद
- पंत
- निराला
- महादेवी
Ans (3): ‘बादल-राग’ के रचयिता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ हैं। जूही की कली, जागो फिर एक बार, राम की शक्ति पूजा, बादल राग, तोड़ती पत्थर, स्नेह निर्झर बह गया है, सरोज स्मृति, संध्या सुंदरी, कुकुरमुत्ता, तुलसीदास, बेला, नए पत्ते आदि निराला की प्रसिद्ध कविताएं हैं।
121. डॉ. हरिवंशराय बच्चन की कृति ‘क्या भूलूँ, क्या याद करूँ’ किस विधा में लिखी गई एक प्रतिनिधि गद्य-कृति है?
- संस्मरण
- उपन्यास
- रेखाचित्र
- आत्मकथा
Ans (4): क्या भूलूँ, क्या याद करूँ, नीड़ का निर्माण फिर, बसेरे से दूर, प्रवासी की डायरी और दश द्वार से सोपान तक हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथाएँ हैं।
122. ‘अज्ञेय’ की ‘असाध्य वीणा’ किस प्रकार की काव्य कृति है?
- खण्डकाव्य
- प्रबन्धकाव्य
- महाकाव्य
- प्रलम्ब काव्य या लम्बी कविता
Ans (4): ‘अज्ञेय’ की ‘असाध्य वीणा’ प्रलम्ब काव्य या लम्बी कविता है।
123. जहाँ कारण बिना कार्य की उत्पत्ति होती हो, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
- विभावना
- विशेषोक्ति
- असंगति
- दीपक
Ans (1): जहाँ कारण बिना कार्य की उत्पत्ति होती हो, वहाँ विभावना अलंकार होता है।
124. तो पर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।
तू मोहन की उर बसी, कै हवैं उर बसी समान।
-उपर्युक्त दोहे में कौन-सा अलंकार है?
- यमक
- अनुप्रास
- श्लेष
- वक्रोक्ति
Ans (1): उपर्युक्त दोहे में यमक अलंकार है। जहाँ पर शब्द की अनेक बार भिन्न अर्थों में आवृत्ति होती है, वहाँ पर यमक अलंकार होता है।
125. शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए:
- कुमुदनी
- कुमुदुनी
- कुमुदिनी
- कुमदुनी
Ans (3): शुद्ध वर्तनी-कुमुदिनी
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