UP PGT Hindi 2021 के question paper को यहाँ दिया गया है। यह परीक्षा 17/08//2012 को आयोजित हुई थी। TGT, PGT Hindi की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को इसे जरूर देखना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित PGT Hindi 2021 के question paper को हल कर अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। up pgt Hindi previous year question paper के अंतर्गत यह ग्यारहवाँ प्रश्न-पत्र है।
पीजीटी हिंदी- 2021
1. जे हाल मिसकीं मकुन तगाफुल दुराय नैना, बनाय बतियाँ -इस प्रसिद्ध पंक्ति के रचनाकार हैं-
- अमीर खुसरो
- कबीर
- रज्जब
- मलिक मुहम्मद जायसी
Ans (1): उपरोक्त पंक्ति अमीर खुसरो की है।
2. ‘इक्कीसवीं सदी का लड़का’ किस कहानीकार की कृति है?
- क्षमा शर्मा
- मोहिनी छाबड़ा
- महेश दर्पण
- वीरेन्द्र सक्सेना
Ans (1): ‘इक्कीसवीं सदी का लड़का’ क्षमा शर्मा की कृति है। काला कानून, कस्बे की लड़की, घर–घर तथा अन्य कहानियाँ, थैंक्यू सद्दाम हुसैन, लव स्टोरीज आदि उनकी अन्य कहानी संग्रह है।
3. निम्नलिखित में कौन-सी रचना के लेखक का नाम सही नहीं है?
- जुलूस रुका है- विवेकी राय
- शिखरों के सेतु- शिवप्रसाद सिंह
- तुम चंदन हम पानी- विद्यानिवास मिश्र
- सदाचार का तावीज- श्रीलाल शुक्ल
Ans (4): ‘सदाचार का तावीज’ हरीशंकर परसाई का व्यंग हैं। अन्य विकल्प सुमेलित हैं।
4. एक में तालव्य ध्वनियों का प्रयोग हुआ है-
- पापा
- बाबा
- मामा
- चाचा
Ans (4): च, छ, ज, झ, ञ, य, श तालव्य ध्वनियाँ हैं। अत: इनसे बनाने वाला शब्द ‘चाचा’ में तालव्य ध्वनियों का प्रयोग हुआ है।
5. ‘वीणापाणि’ में समास है-
- बहुव्रीहि
- कर्मधारय
- द्विगु
- अव्ययीभाव
Ans (A): ‘वीणापाणि’ में ‘बहुव्रीहि समास’ है। जिसका विग्रह- वह जिसके पाणि (हाथ) में वीणा है अर्थात ‘सरस्वती’।
6. रीतिकाल को सर्वप्रथम श्रृंगार काल नाम रखने का सुझाव किसने दिया?
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
- रामकुमार वर्मा
Ans (2): रीतिकाल को सर्वप्रथम श्रृंगार काल नाम रखने का सुझावआचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने दिया। वहीं आचार्य रामचंद्र शुक्ल, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी और रामकुमार वर्मा ने रीतिकाल नाम रखा है।
7. ‘छोटी हल्की गोल और किनारेदार थाली दिखाओ’- वाक्य में अपेक्षित है-
- तीन अल्प विराम और एक पूर्ण विराम
- तीन अल्प विराम, एक योजक चिह्न और एक पूर्ण विराम
- चार अल्प विराम और एक पूर्ण विराम
- चार अल्प विराम, एक योजक चिह्न और एक पूर्ण विराम
Ans (2): तीन अल्प विराम, एक योजक चिह्न और एक पूर्ण विराम। वैसे दो अल्पविराम और एक पूर्ण विराम होगा।
8. हिंदी में मुक्त छंद के प्रवर्तक कवि है-
- अज्ञेय
- निराला
- मुक्तिबोध
- धूमिल
Ans (2): हिंदी में मुक्त छंद के प्रवर्तक कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ है। मुक्त छंद कविता किसी छ्ंदविशेष के अनुसार नहीं रची जाती और न ही तुकान्त होती है। पाश्चात्य आधुनिक कविता में मुक्त छ्ंद के प्रवर्तक व्हिटमैन हैं।
9. ‘मैं तुमसे टेलीफोन पर बात करूँगा’- इस वाक्य में ‘टेलीफोन पर’ किस कारक में प्रयुक्त है?
- संबंध कारक
- अधिकरण कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
Ans (4): इस वाक्य में ‘टेलीफोन पर’ में करण कारक प्रयुक्त है।
10. ‘नरसी जी का मायरा’ किसकी की रचना है?
- हरिदास
- रहीम
- मीराबाई
- रसखान
Ans (3): ‘नरसी जी का मायरा’ मीराबाई की की रचना है।
11. अष्टाध्यायी के रचनाकार हैं-
- कात्यायन
- पाणिनि
- कैयट
- पतञ्जलि
Ans (2): अष्टाध्यायी के रचनाकार पाणिनि हैं। यह संस्कृत व्याकरण का अत्यंत प्राचीन ग्रंथ (700 ई.पू.) है जिसमें आठ अध्याय हैं।
12. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार ‘छायावाद में प्राप्त होने वाली प्रतीक शैली’ पर किस साहित्य का प्रभाव है?
- अंग्रेजी
- फ्रांसीसी
- बंगला
- फारसी
Ans (2): आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार ‘छायावाद में प्राप्त होने वाली प्रतीक शैली’ पर फ्रांसीसी साहित्य का प्रभाव है। शुक्लजी के अनुसार ‘हिंदी में ‘छायावाद’ शब्द का जो व्यापक अर्थ–रहस्यवादी रचनाओं के अतिरिक्त और प्रकार की रचनाओं के संबंध में भी–ग्रहण हुआ वह इसी प्रतीक शैली के अर्थ में।’
13. ‘चलती चाकी देख के दिया कबीरा रोय
दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोय’
प्रस्तुत दोहे में प्रयुक्त शब्द शक्ति है-
- अभिधा
- लक्षणा
- व्यंजना
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): प्रस्तुत दोहे में व्यंजना शब्द शक्ति (अर्थी) है और इसमें अन्योक्ति अलंकार है।
14. निम्न में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है?
- इंद्रावती- नूर मुहम्मद
- हंस जवाहिर- कासिम शाह
- चित्रावली- उसमान
- मधुमालती- कुतुबन
Ans (4): मधुमालती के रचनाकार मलिक मंझन हैं। कुतुबन की रचना का नाम मृगावती है।
15. ‘जिसे तत्काल उचित उत्तर या उपाय सूझ जाय’- के लिए एक शब्द है-
- प्रतिभाशाली
- बुद्धिमान
- प्रत्युत्पन्नमति
- अक्लमंद
Ans (3): ‘जिसे तत्काल उचित उत्तर या उपाय सूझ जाय’- के लिए एक शब्द ‘प्रत्युत्पन्नमति’ है।
16. “प्रयोगवाद अपने आप में इष्ट नहीं है, वह साधन है… प्रयोग द्वारा कवि अपने सत्य को अधिक अच्छी तरह जान सकता है और अधिक अच्छी तरह अभिव्यक्त कर सकता है वस्तु और शिल्प दोनों क्षेत्र में प्रयोग फलप्रद होता है।” -यह कथन किसका है?
- भवानी प्रसाद मिश्र
- नरेश मेहता
- अज्ञेय
- रघुवीर सहाय
Ans (3): उपरोक्त कथन अज्ञेय का है।
17. ‘जब तें इत तें घनश्याम सुजान अचानक ही बलसंग सिधारे।
कर पै मुखचंद धरे सजनी नित सोचति है तू कहा मन मारे॥’
प्रस्तुत पंक्तियों में किस संचारी भाव का उल्लेख है?
- मोह
- स्मृति
- वितर्क
- ग्लानि
Ans (2): प्रस्तुत पंक्तियों में स्मृति संचारी भाव का उल्लेख है।
मोह संचारी भाव- दुःख, चिंता, भय वियोग आदि के कारण चित्त के विक्षिप्त हो जाने को मोह कि संज्ञा दी है। चेतनाहीन होना, ज्ञान का नष्ट हो जाना, भ्रम उत्पन्न होना इसके अनुभाव है।
स्मृति संचारी भाव- पूर्व-अनुभूति, वस्तुओ, व्यक्तिओं के स्मरण को स्मृति कहते है। भोहों को चढ़ाना, चंचलता आदि इसके अनुभाव है।
वितर्क संचारी भाव- संदेह अथवा अनिश्चय के कारण मन में अनेक प्रकार के विचारों का उठना ही वितर्क है।
ग्लानि संचारी भाव- मानसिक अव्यवस्था अथवा मन की खिन्नता का नाम ग्लानि है। मन का उचटना, किसी काम में मन न लगना इसके अनुभाव है।
18. सोमप्रभ सूरि की रचना है-
- कुमारपालचरित
- कुमारपालप्रतिबोध
- प्रबन्ध चिन्तामणि
- भविसयत्तकहा
Ans (2): सोमप्रभ सूरि की रचना कुमारपालप्रतिबोध (1184 ई.) है। यह एक गद्यपद्यमय संस्कृत-प्राकृत-काव्य (चंपू काव्य) है। वहीं कुमारपालचरित हेमचंद्र का, भविसयत्तकहा धनपाल और प्रबन्ध चिन्तामणि मेरुतुंगाचार्य की रचना है।
19. निम्नलिखित में से एक ‘सूर्य’ का पर्यायवाची है-
- रस
- निचोड़
- अर्क
- सार
Ans (3): सूर्य का पर्यायवाची शब्द- अर्क, रवि, सूरज, दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, मरीची, दिनेश, भास्कर, दिनकर, दिवाकर, भानु, तरणि, पतंग, आदित्य, सविता, हंस, अंशुमाली, मार्तण्ड।
20. अन्तःस्थ व्यंजन हैं-
- च, छ, ज, झ
- त, थ, द, ध
- प, फ, ब, भ
- य, र, ल, व
Ans (4): अन्त:करण से उच्चारित होने वाले व्यंजनों को अन्तःस्थ व्यंजन कहा जाता है। इनकी संख्या 4 है- य, र, ल, व
21. ‘यथाशक्ति’ में समास है-
- अव्ययीभाव
- बहुव्रीहि
- द्वन्द्व
- तत्पुरुष
Ans (1): ‘यथाशक्ति’ में अव्ययीभाव समास है। जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं; जैसे- यथाशक्ति- शक्ति के अनुसार।
22. ज्ञानपीठ पुरस्कार से पुरस्कृत कृति है-
- कामायनी
- पल्लव
- परिमल
- चिदम्बरा
Ans (4): ज्ञानपीठ पुरस्कार से पुरस्कृत कृति ‘चिदम्बरा’ है। सुमित्रानंदन पंत को चिदम्बरा काव्य के लिए 1968 ई. में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
23. निम्न में से कौन-सा शब्द ‘उत्तर’ का विलोम नहीं है?
- प्रश्न
- दक्षिण
- पूर्व
- अनुत्तर
Ans (3): ‘उत्तर’ का विलोम शब्द- प्रश्न, दक्षिण, अनुत्तर
24. ‘फूल मरै, पै मरै न बासू’- यह प्रसिद्ध उक्ति किस कवि की है?
- दादू
- कबीर
- रैदास
- जायसी
Ans (4): ‘फूल मरै, पै मरै न बासू’- यह प्रसिद्ध उक्ति जायसी की है जो पद्मावत ग्रंथ में संग्रहीत है।
25. दशकुमारचरित के रचनाकार हैं-
- दण्डी
- माघ
- बाणभट्ट
- कालिदास
Ans (1): दशकुमारचरित के रचनाकार दण्डी हैं। इसमें 10 कुमारों का चरित वर्णित है। दशकुमारों के नाम निम्नलिखित हैं- राजवाहन, सोमदत्त, पुष्पोद्भव, अपहारवर्मन, उपहारवर्मन, अर्थपाल, प्रमति, मित्रगुप्त, मंत्रगुप्त, विश्रुत
26. ‘मानव-प्रकृति का ज्ञान तुलसीदास से अधिक उस युग में किसी को नहीं था।’ यह कथन किसका है?
- रामचंद्र शुक्ल
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
- रामविलास शर्मा
- विश्वनाथ त्रिपाठी
Ans (2): यह कथन हजारी प्रसाद द्विवेदी का है। हिंदी साहित्य की भूमिका- हजारी प्रसाद द्विवेदी, पृष्ठ- 101
27. निम्न उपन्यास में कौन उसके लेखकों के सुमेलित नहीं है?
- झीनी झीनी बीनी चदरिया- अब्दुल विस्मिला
- पहला पड़ाव- श्रीलाल शुक्ल
- मय्यादास की माड़ी- भीष्म साहनी
- अब्दुल्ला दीवाना- शंकर शेष
Ans (4): ‘अब्दुल्ला दीवाना’ नाटक लक्ष्मीनारायण लाल का है। वहीं बिन बाती के दीप, फंदी, रक्तबीज, बन्धन अपने-अपने, एक और द्रोणाचार्य, अरे! मायावी सरोवर, कोमल गांधार, चेहरे, पोस्टर, खजुराहो का शिल्पी, बाढ़ का पानी: चंदन के द्वीप, घरौंदा, रत्नगर्भा, राक्षस, नयी सभ्यता: नये नमूने, आधी रात के बाद, धर्म कुरूक्षेत्र, एक साथ की गाथा, मूर्तिकार, चेहरे, तिल का ताड़, कालजयी आदि शंकर शेष के नाटक हैं।
28. विलोम की दृष्टि से असंगत युग्म है-
- ऊँट- ऊँटनी
- प्राचीन- अर्वाचीन
- शूर- भीरु
- साँड़- साड़िनी
Ans (4): साँड़ का विलोम नहीं होता है।
29. भारतीय भाषा विज्ञान की प्रसिद्ध ‘मुनित्रयी’ में सम्मिलित नहीं है-
- पाणिनि
- पतंजलि
- कात्यायन
- भर्तृहरि
Ans (4): पाणिनी (अष्टाध्यायी), पतंजलि (महाभाष्य) और कात्यायन (वार्तिक) ये तीनों मुनित्रयी में सम्मिलित हैं।
इसे भी देखें-
UP TGT Hindi Question Paper 2021
30. ‘अ–कहानी’ आंदोलन के पुरस्कर्ता माने जाते हैं-
- गंगा प्रसाद ‘विमल’
- मोहन राकेश
- रवीन्द्र कालिया
- रमेश बक्षी
Ans (1): ‘अ–कहानी’ आंदोलन के पुरस्कर्ता माने जाते हैं। अकहानी को साठोत्तरी कहानी भी कहा जाता है, इसका सूत्रपात 1960 ई. में ‘नई कहानी’ के विरोध में हुआ। यह फ्राँस के ‘एन्टी स्टोरी मूवमेंट’ से प्रभावित आंदोलन है। इस आंदोलन की कहानियों में जीवन के प्रति अस्वीकार का भाव है। जीवन-मूल्यों का तिरस्कार, परंपरा का पूर्ण नकार, अतिशय आधुनिकता, यौन-उन्मुक्तता, शिल्पगत अमूर्तता आदि ‘अ–कहानी’ की विशेषताएँ हैं।
31. ‘मधु’ शब्द का पंचमी विभक्ति एक वचन में रूप होता है?
- मधुने
- मधुना
- मधोः
- मधुन:
Ans (1): ‘मधु’ शब्द का पंचमी विभक्ति एक वचन में ‘मधुने’ रूप होता है।
मधु का शब्दरूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | मधु | मधुनी | मधूनि |
द्वितीया | मधु | मधुनी | मधूनि |
तृतीया | मधुना | मधुभ्याम् | मधुभिः |
चतुर्थी | मधुनः | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
पञ्चमी | मधुने | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
षष्ठी | मधुनः | मधुनोः | मधूनाम् |
सप्तमी | मधुनि | मधुनोः | मधुषु |
सम्बोधन | हे मधु, मधो! | हे मधुनी! | हे मधूनि! |
# इसी प्रकार अम्बु, अश्रु, दारू, वस्तु, जानु, तालु, सानु, वसु आदि शब्दों के रूप भी होते हैं।
32. ‘किन्नर देश में’ किस विधा की रचना है?
- निबंध
- संस्मरण
- रिपोर्ताज
- यात्रा-वृत्तान्त
Ans (4): ‘किन्नर देश में’ यात्रा-वृतांत विधा की रचना है। इसके लेखक राहुल सांकृत्यायन हैं। चीन में क्या देखा, मेरी लद्दाख यात्रा, मेरी तिब्बत यात्रा, तिब्बत में सवा वर्ष, रूस में पच्चीस मास, विश्व की रूपरेखा आदि उनके अन्य यात्रा-वृतांत हैं।
33. हिंदी के प्रथम अलंकार निरूपक आचार्य हैं-
- भिखारीदास
- केशवदास
- मतिराम
- चिन्तामणि
Ans (2): केशवदास हिंदी के प्रथम अलंकार निरूपक आचार्य हैं।
34. निम्नलिखित में अव्ययीभाव समास का उदाहरण है-
- रातोंरात
- कपड़छन
- मनमाना
- ठकुरसुहाती
Ans (1): ‘रातोंरात’ शब्द अव्ययीभाव समास का उदाहरण है। अव्ययीभाव समास में पहला या पूर्वपद अव्यय और प्रधान होता है तथा दूसरा पद संज्ञा होता है; जैसे- रातोंरात। रातोंरात शब्द का समास-विग्रह- ‘रात ही रात में’ है। अन्य विकल्पों में तत्पुरुष समास है।
35. ‘नयनों की नीलम की घाटी
जिस रस घन से छा जाती हो
वह कौंध कि जिससे अन्तर की
शीतलता ठण्डक पाती हो’
प्रस्तुत पंक्तियाँ कामायनी के किस सर्ग से ली गई हैं?
- लज्जा
- वासना
- श्रद्धा
- काम
Ans (1): प्रस्तुत पंक्तियाँ कामायनी के ‘लज्जा सर्ग’ से ली गई हैं। कामायनी (1936 ई.) महाकाव्य के लेखक जयशंकर प्रसाद हैं।
36. एक वाक्य शुद्ध है-
- तट पर लगे वृक्ष और लताओं से नदी की शोभा बढ़ गयी थी।
- सभा में उपस्थित हर एक सदस्यों का यही मत था।
- ऋषि-मुनि आदियों के द्वारा हमें ज्ञान मिला।
- अनसूया अत्रि ऋषि की पत्नी र्थी।
Ans (4): शुद्ध वाक्य- अनसूया अत्रि ऋषि की पत्नी थीं।
37. ‘तुम्हारे मुँह में घी–शक्कर’ का सही अर्थ होगा?
- ईश्वर करे, तुम्हारा समाचार सत्य हो
- तुम्हारी बातें मीठी लगती हैं
- तुम्हें मिठाई की कभी कमी न हो
- सदैव मीठी बात ही बोला करो
Ans (1): ‘तुम्हारे मुँह में घी–शक्कर’ का सही अर्थ- ईश्वर करे, तुम्हारा समाचार सत्य हो
38. इनमें से एक विदेशी भाषा का शब्द है-
- कतार
- पंक्ति
- श्रेणी
- श्रृंखला
Ans (1): विदेशी भाषा का शब्द ‘कतार’ है जिसका अर्थ- पंक्ति, श्रेणी, पाँत, शृंखला, क्रम, सिलसिला, समूह, झुंड है।
39. ‘निश्चय’ शब्द में कौन-सी सन्धि है?
- गुण सन्धि
- दीर्घ सन्धि
- यण सन्धि
- विसर्ग सन्धि
Ans (4): ‘निश्चय’ शब्द में विसर्ग संधि है जिसका संधि विच्छेद- ‘निः + चय’ है।
40. शांतिप्रिय द्विवेदी कृत ‘परिव्राजक की प्रजा’ क्या है?
- जीवनी
- आत्मकथा
- यात्रा साहित्य
- रेखाचित्र
Ans (2): शांतिप्रिय द्विवेदी कृत ‘परिव्राजक की प्रजा’ एक आत्मकथा है जो 1952 ई. में प्रकाशित हुआ था।
41. ‘जो कम खर्च करने वाला है’ के लिए एक शब्द है-
- अव्ययी
- मितव्ययी
- सद् व्ययी
- कृपण
Ans (2): ‘जो कम खर्च करने वाला है’ के लिए एक शब्द ‘मितव्ययी’ है। वहीं जो कठिनाई से खर्च करे- कृपण या कंजूस और अनुचित व्यय करने वाला- अपव्ययी।
42. निम्नलिखित में एक रचना ‘राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा’ की नहीं है?
- हम विषपायी जनम के
- सूत की माला
- प्रभात फेरी
- विसर्जन
Ans (*): ‘सूत की माला’ हरिवंशराय बच्चन की रचना है जो प्रणयमूलक वैयक्तिक काव्यधारा के अंतर्गत प्रेम और मस्ती की कविता है। रामेश्वर शुक्ल ‘अचंल’, नरेंद्र शर्मा (प्रभात फेरी) आदि प्रणयमूलक वैयक्तिक काव्यधारा के अन्य कवि हैं।
छायावादी काव्य धारा के समानांतर और उतनी ही शक्तिशाली ‘राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा’ भी प्रवाहमान थी। माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्णशर्मा नवीन (हम विषपायी जनम के), सुभद्राकुमारी चौहान, रामधारी सिंह दिनकर, रामनरेश त्रिपाठी आदि इस धारा के प्रतिनिधि कवि हैं।
‘विसर्जन’ छायावादी कवि उदयशंकर भट्ट की रचना और महादेवी की कविता है।
43. ‘बिहारी अकेले कवि हैं जिन्होंने ग्रामीण संस्कृति के विरुद्ध घृणा की अभिव्यक्ति की है।’ यह किसका कथन है?
- रामचंद्र शुक्ल
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
- डॉ. नगेन्द्र
- बच्चन सिंह
Ans (4): ‘बिहारी अकेले कवि हैं जिन्होंने ग्रामीण संस्कृति के विरुद्ध घृणा की अभिव्यक्ति की है।’ यह बच्चन सिंह का कथन है।
44. ‘रससूत्र’ के किस व्याख्याता ने रस-निष्पत्ति की प्रक्रिया की पुष्टि चित्र तुरंग न्याय के आधार पर की है?
- शंकुक
- लोल्लट
- अभिनवगुप्त
- भट्टनायक
Ans (1): ‘रससूत्र’ के व्याख्याता आचार्य ‘शंकुक’ ने रस-निष्पत्ति की प्रक्रिया की पुष्टि चित्र तुरंग न्याय के आधार पर की है। इनका मत ‘अनुमितिवाद’ है। वहीं भट्ट लोल्लट का उत्पत्तिवाद या आरोपवाद, भट्टनायक का भुक्तिवाद या भोगवाद, अभिनवगुप्त का अभिव्यक्तिवाद है।
45. निम्नलिखित में अघोष-महाप्राण ध्वनि है-
- ख
- क
- ड
- ध
Ans (1): अघोष-महाप्राण ध्वनि ‘ख’ है।
अघोष ध्वनि- सभी वर्ग के पहली और दूसरी (क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ) तथा श, ष, स, फ़ ध्वनियाँ अघोष होती हैं।
महाप्राण ध्वनि- सभी वर्ग के दूसरी और चौथी (ख, घ, छ, झ, ठ, ढ, थ, ध, फ, भ) तथा श, ष, स, ह ध्वनियाँ महाप्राण होती हैं।
46. ‘संवत सोरह सै इकतीसा।
करउँ कथा हरि पद धरि सीसा।।’
उपर्युक्त पंक्तियों में किस प्रसिद्ध ग्रंथ के रचनाकाल का संकेत किया गया है?
- पदमावत
- अनुराग बाँसुरी
- रामचरित मानस
- रामचरित चिंतामणि
Ans (3): उपर्युक्त पंक्तियों में ‘रामचरित मानस’ ग्रंथ के रचनाकाल का संकेत किया गया है।
47. एक वाक्य में अपादान कारक का प्रयोग हुआ है-
- शिकारी ने तीर से बाघ मारा।
- हाथी के द्वारा पेड़ ढाहा गया।
- सत्संग से बुद्धि सुधरती है।
- लड़का बाजार से लौटा।
Ans (4): ‘लड़का बाजार से लौटा।’ वाक्य में अपादान कारक का प्रयोग हुआ है। लड़का बाज़ार से अलग हो रहा है इसलिए अपादान कारक है।
48. ‘निस्सहाय हिन्दू’ उपन्यास के लेखक कौन हैं?
- प्रतापनारायण मिश्र
- बालकृष्ण भट्ट
- लज्जाराम शर्मा
- राधाकृष्ण दास
Ans (4): ‘निस्सहाय हिन्दू’ उपन्यास के लेखक राधाकृष्ण दास हैं। गोवध निवारण के लिए लिखा गया इस उपन्यास का प्रकाशन वर्ष 1890 ई. है। यह हिंदी का पहला उपन्यास है जिसमें मुस्लिम समाज का अंकन किया गया है।
49. मंगलेश डबराल का कविता संग्रह है-
- ठेले पर हिमालय
- पहाड़ पर लालटेन
- घास में दुबका आकाश
- हरी घास पर क्षण भर
Ans (2): मंगलेश डबराल का कविता संग्रह ‘पहाड़ पर लालटेन’ है जो 1997 ई. में प्रकाशित हुई थी। मंगलेश डबराल को ‘हम जो देखते हैं’ काव्य संग्रह के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार भी मिला है।
50. ‘भाग्य’ का पर्यायवाची नहीं है-
- प्रारब्ध
- नीयत
- भवितव्य
- नियति
Ans (2): ‘भाग्य’ का पर्यायवाची शब्द ‘नीयत’ नहीं है। नीयत का अर्थ इरादा, इच्छा है।
भाग्य का पर्यायवाची शब्द- प्रारब्ध, भवितव्य, नियति, किस्मत, तकदीर, नसीब, भावी, किस्मत आदि।
51. निम्नलिखित में किस रचना और उसकी विधा का नाम सही नहीं है?
- ऋण जल धन जल- रिपोर्ताज
- क्या भूलूँ क्या याद करूँ- आत्मकथा
- आवारा मसीहा- जीवनी
- जूठन- संस्मरण
Ans (4): ‘जूठन’ ओम प्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा है जो वर्ष 1997 ई. में प्रकाशित हुई थी।
52. हिंदी के किस आचार्य ने ‘छल’ नामक संचारी भाव को प्रचारित किया?
- रामचंद्र शुक्ल
- डॉ. नगेन्द्र
- देव
- भिखारीदास
Ans (3): संस्कृत में भानुदत्त ने छल नामक संचारी भाव का उल्लेख किया है जबकि हिंदी में देव ने।
53. ‘ताँबे के कीड़े’ नामक लघुनाटक के लेखक हैं-
- मोहन राकेश
- भुवनेश्वर प्रसाद
- रामकुमार वर्मा
- लक्ष्मीनारायण मिश्र
Ans (2): ‘ताँबे के कीड़े’ नामक लघुनाटक (एकांकी) के लेखक भुवनेश्वर प्रसाद हैं। अमृतराय ने हंस पत्रिका में वर्ष 1846 में प्रकाशित किया था। यह एक असंगत नाटक है जिसमें न कोई कथा है और न ही मंच विधान। इसमें भय और मृत्यु का प्रतिशोध करने का सशक्त ढंग की अभिव्यक्ति हुई है।
54. किस वाक्य में एक वचन का प्रयोग हुआ है?
- लड़के बोले।
- लड़के ने कहा।
- लड़कों ने कहा।
- लड़के ने लड़कों से कहा।
Ans (2): ‘लड़के ने कहा।’ वाक्य में एक वचन का प्रयोग हुआ है।
55. “पंत जी की रचनाओं ‘वीणा’ और ‘पल्लव’ दोनों में अंग्रेजी कविताओं से लिए हुए भाव और अंग्रेजी भाषा के लाक्षणिक प्रयोग बहुत मिलते हैं”
–यह कथन किसका है?
- डॉ. नगेन्द्र
- रामचंद्र शुक्ल का
- रामविलास शर्मा
- डॉ. बच्चन सिंह
Ans (2): उपरोक्त कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है जिसे उन्होंने हिंदी साहित्य का इतिहास में आधुनिक काल काव्य खंड के नई धारा- तृतीय उत्थान में सुमित्रानंदन पंत पर यह टिप्पणी की है।
56. ‘आपने क्या कहा सो मैंने नहीं सुना’- वाक्य अपेक्षित हैं-
- एक प्रश्न वाचक चिह्न, एक पूर्ण विराम
- एक अल्प विराम, एक पूर्ण विराम
- एक पूर्ण विराम
- एक प्रश्न वाचक चिह्न
Ans (2): ‘आपने क्या कहा सो मैंने नहीं सुना’ वाक्य में ‘एक अल्प विराम, एक पूर्ण विराम होगा’- आपने क्या कहा, सो मैंने नहीं सुना।
57. अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा रचित ‘ठेठ हिंदी का ठाठ’ किस विधा की रचना है?
- काव्य
- नाटक
- उपन्यास
- अनुवाद
Ans (3): अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा रचित ‘ठेठ हिंदी का ठाठ’ उपन्यास है जिसका प्रकाशन वर्ष 1899 ई. है। ‘अधखिला फूल’ (1907 ई.) इनका दूसरा उपन्यास है।
58. ‘रत्नाकर जोपम कथा’ पुस्तक का संबंध किससे है?
- महायानी सिद्ध
- वज्रयानी सिद्ध
- नाथ
- जैन
Ans (2): ‘रत्नाकर जोपम कथा’ पुस्तक का संबंध ‘वज्रयानी सिद्ध’ से है।
59. ‘कबीर का भक्ति आंदोलन विद्रोहमूलक है, तो गो. तुलसीदास का प्रतिरोधात्मक’- यह विचार व्यक्त करनेवाले विद्वान हैं?
- रामचंद्र शुक्ल
- डॉ. नगेन्द्र
- डॉ. बच्चन सिंह
- डॉ. रामविलास शर्मा
Ans (3): ‘कबीर का भक्ति आंदोलन विद्रोहमूलक है, तो गो. तुलसीदास का प्रतिरोधात्मक’- यह विचार व्यक्त करनेवाले विद्वान ‘बच्चन सिंह’ हैं।
60. ‘उर्दू’ आगत शब्द है-
- फारसी
- अरबी
- पश्तो
- तुर्की
Ans (4): ‘उर्दू’ आगत शब्द है- तुर्की भाषा का।
61. मीराबाई की उपासना है-
- माधुर्य भाव
- सख्य भाव
- दास्य भाव
- वात्सल्य भाव
Ans (1): मीराबाई की उपासना माधुर्य भाव है।
62. ‘कान्हा’ शब्द है-
- तत्सम शब्द
- तद्भव शब्द
- अर्ध तत्सम
- अर्ध तद्भव
Ans (3): ‘कान्हा’ अर्ध तत्सम शब्द है- कृष्ण-कान्हा-किसन
63. निम्न में कौन गीति नाट्य नहीं है?
- जयशकर प्रसाद- करुणालय
- मैथिलीशरण गुप्त- अनघ
- धर्मवीर भारती- अंधा युग
- सुमित्रानंदन पंत- ज्योत्सना
Ans (4): ‘ज्योत्सना’ सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित ‘रूपक’ है जिसका प्रकाशन वर्ष 1933 ई. है। इसमें कवि पंत की विचारधारा विकसित मानववाद तथा काल्पनिक समाजवाद के सामन्जस्य के रूप में उत्कीर्ण हुई है।
64. भक्तिकाल के किस कवि ने बरवै नायिका भेद लिखा है?
- रहीम
- रसखान
- नन्ददास
- कृष्णदास
Ans (1): भक्तिकाल के कवि रहीम ने बरवै नायिका भेद लिखा है।
65. ‘कान पर जूँ न रेंगना’ मुहावरा का सही अर्थ क्या है?
- कान के पास धीरे से कहना
- कान के निकट नहीं सुनाई देना
- कान के जूँ बालों तक जाते हैं
- बिल्कुल ध्यान न देना
Ans (4): ‘कान पर जूँ न रेंगना’ मुहावरा का अर्थ- बिल्कुल ध्यान न देना
66. पहाड़ी हिंदी का विकास किस अपभ्रंश माना गया है?
- व्राचड़
- मागधी
- पैशाची
- खस
Ans (4): पहाड़ी हिंदी का विकास ‘खस अपभ्रंश’ से माना गया है। वहीं ब्राचड़ अपभ्रंश से सिंधी; मागधी अपभ्रंश से बिहारी, उड़िया, बंगला, असमिया और पैशाची अपभ्रंश से पंजाबी, लहंदा भाषाओं का विकास हुआ।
67. निम्नलिखित में से कौन-सा ‘धनुष’ का पर्याय नहीं है?
- शरासन
- असि
- कोदंड
- पिनाक
Ans (2): असि ‘धनुष’ का पर्याय नहीं है।
‘धनुष’ का पर्यायवाची शब्द– शरासन, कोदंड, पिनाक, चाप्, सारंग, कमान, धनु आदि।
68. निम्नलिखित में से घनानंद की रचना नहीं है?
- प्रिया प्रसाद
- भावना प्रकाश
- प्रीति पावस
- पक्षी विलास
Ans (4): ‘पक्षी विलास’ घनानंद की रचना नहीं है। 10वीं शताब्दी की इस कृति का रचनाकार अज्ञात हैं। इस ग्रंथ में 124 पद ही उपलब्ध हैं। घनानंद द्वारा रचित ग्रंथों की संख्या 41 बताई जाती है- प्रियाप्रसाद, भावनाप्रकाश, प्रीतिपावस, सुजानहित, कृपाकंदनिबंध, वियोगबेलि, इश्कलता, यमुनायश, प्रेमपत्रिका, प्रेमसरोवर, व्रजविलास, रसवसंत, अनुभवचंद्रिका, रंगबधाई, प्रेमपद्धति, वृषभानुपुर सुषमा, गोकुलगीत, नाममाधुरी, गिरिपूजन, विचारसार, दानघटा, कृष्णकौमुदी, घामचमत्कार, वृंदावनमुद्रा, व्रजस्वरूप, गोकुलचरित्र, प्रेमपहेली, रसनायश, गोकुलविनोद, मुरलिकामोद, मनोरथमंजरी, व्रजव्यवहार, गिरिगाथा, व्रजवर्णन, छंदाष्टक, त्रिभंगी छंद, कबित्तसंग्रह, स्फुट पदावली और परमहंसवंशावली।
69. ‘घड़ों पानी पड़ना’ मुहावरा का अर्थ है-
- घड़े से पानी गिराना
- पानी की कीमत समझना
- अत्यन्त संकुचित सोचना
- अत्यन्त लज्जित होना
Ans (3): घड़ों पानी पड़ना’ मुहावरा का अर्थ है- अत्यन्त लज्जित होना।
70. निम्न में से कौन-सा ‘बहुव्रीहि समास’ का उदाहरण नहीं है?
- चंद्रशेखरः
- चक्रपाणिः
- चंद्रकान्ति:
- राजपुरुषः
Ans (4): राजपुरुष: ‘बहुव्रीहि समास’ का उदाहरण नहीं है। राजपुरुष: में तत्पुरुष समास है।
71. जहाँ उपमेय का प्रतिषेध कर उपमान की स्थापना की जाय वहाँ अलंकार है?
- उत्प्रेक्षा
- रूपक
- रूपकातिशयोक्ति
- अपहृति
Ans (4): जहाँ उपमेय का प्रतिषेध कर उपमान की स्थापना की जाय वहाँ अपहृति अलंकार होता है।
72. ‘स्था’ धातु का विधिलिङ् लकार प्रथम पुरुष बहुवचन-
- तिष्ठेयुः
- तिष्ठाव
- तिष्ठत
- तिष्ठेत
Ans (1): ‘स्था’ धातु का विधिलिङ् लकार प्रथम पुरुष बहुवचन ‘तिष्ठेयु:’ होगा।
‘स्था’ धातु विधिलिङ् लकार (चाहिए अर्थ में)-
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | तिष्ठेत् | तिष्ठेताम् | तिष्ठेयुः |
मध्यम पुरुष | तिष्ठेः | तिष्ठेतम् | तिष्ठेत |
उत्तम पुरुष | तिष्ठेयम् | तिष्ठेव | तिष्ठेम |
73. इनमें से एक ‘पतवार’ का पर्यायवाची है-
- अर्जुन
- दुर्योधन
- कर्ण
- नकुल
Ans (3): ‘पतवार’ का पर्यायवाची शब्द कर्ण है।
74. ‘कारण के अभाव में कार्य की उत्पत्ति होना’, किस अलंकार का परिचायक है?
- श्लेष
- विरोधाभास
- विभावना
- विशेषोक्ति
Ans (3): ‘कारण के अभाव में कार्य की उत्पत्ति होना’, विभावना अलंकार का परिचायक है।
75. बरवै छंद है-
- सम मात्रिक
- अर्द्ध सम मात्रिक
- विषम मात्रिक
- अर्द्ध विषम मात्रिक
Ans (2): बरवै अर्द्ध सम मात्रिक छंद है।
76. निम्न में से कौन-सी रचना ‘सर्वेश्वरदयाल सक्सेना’ की नहीं है?
- पागल कुत्तों का मसीहा
- खूँटियों पर टँगे लोग
- काठ की घण्टियाँ
- एक शहर की मौत
Ans (4): एक शहर की मौत अमृता प्रीतम की रचना है। जबकि पागल कुत्तों का मसीहा, खूँटियों पर टँगे लोग, काठ की घण्टियाँ आदि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की रचनाएँ हैं।
77. शौरसेनी अपभ्रंश के अन्तर्गत आनेवाली भाषा नहीं है?
- गुजराती
- सिन्धी
- राजस्थानी
- पश्चिमी हिंदी
Ans (2): शौरसेनी अपभ्रंश के अन्तर्गत आनेवाली भाषा सिंधी नहीं है। जबकि गुजराती, राजस्थानी और पश्चिमी हिंदी भाषाओं का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
78. एक तत्सम शब्द है-
- डाकिनी
- तेल
- न्योछावर
- तर्जनी
Ans (4): तर्जनी तत्सम शब्द है।
79. ‘तुलसीदास चंदन घिसें’ निबंध के लेखक हैं?
- विद्यानिवास मिश्र
- हरिशंकर परसाई
- कुबेर नाथ राय
- शरद जोशी
Ans (2): ‘तुलसीदास चंदन घिसें’ निबंध के लेखक हरिशंकर परसाई हैं। इसका प्रकाशन वर्ष 1986 ई. है।
80. ‘बूढ़े मुँह मुँहासे’ प्रहसन के लेखक हैं?
- राधाचरण गोस्वामी
- राधाकृष्ण दास
- खड़ग बहादुर मल्ल
- प्रताप नारायण मिश्र
Ans (1): ‘बूढ़े मुँह मुँहासे लोग देखें तमाशे’ प्रहसन के लेखक राधाचरण गोस्वामी हैं। इसमें हिन्दू और मुसलमान किसान एक साथ जमींदार के प्रति सम्मिलित विद्रोह करते हैं और अपनी समस्याओं का निराकरण करते हैं।
81. ‘दोपहर’ में समास है-
- द्विगु
- बहुव्रीहि
- द्वन्द्व
- कर्मधारय
Ans (1): ‘दोपहर’ में द्विगु समास है। जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या किसी समाहार का बोध करता है, द्विगु समास कहलाता है; जैसे- दोपहर। विग्रह- दो पहर (प्रहर) के बाद का समय।
82. निम्नलिखित वाक्यों में कौन-सा शुद्ध है?
- मैं आपका दर्शन करने आया हूँ
- मेरे लिए ठंडी बर्फ और गर्म आग लाओ
- शब्द केवल संकेत मात्र हैं
- मैं आप पर श्रद्धा रखता हूँ
Ans (3): शुद्ध वाक्य- शब्द केवल संकेत मात्र हैं।
83. एक में उपसर्ग का प्रयोग है-
- कुनकुना
- कुदरत
- कुढ़न
- कुढंग
Ans (4): कुढंग में ‘कु’ उपसर्ग का प्रयोग है।
84. ‘चाय’ आगत शब्द है-
- जापानी
- चीनी
- जर्मन
- पुर्तगाली
Ans (2): ‘चाय’ चीनी भाषा से आगत शब्द है।
85. लिंग की दृष्टि से एक वाक्य शुद्ध है-
- चाय फीका है।
- दही खट्टा है।
- चाँदी सोने से कम महँगा है।
- मिसरी मीठा है
Ans (2): लिंग की दृष्टि से शुद्ध वाक्य- दही खट्टा है। दही, गुस्सा और मज़ा के किए दोनों लिंग प्रचलित हैं।
86. ‘पुष्य’ या ‘पुण्ड’ को हिंदी का प्रथम कवि किस आलोचक ने माना है?
- राहुल सांकृत्यायन
- दशरथ ओझा
- राम विलास शर्मा
- शिवसिंह सेंगर
Ans (4): ‘पुष्य’ या ‘पुण्ड’ को हिंदी का प्रथम कवि शिवसिंह सेंगर ने माना है। वहीं राहुल सांकृत्यायन ने 7वीं शताब्दी (769 ई.) के कवि सरहपाद (दोहाकोश) को और डॉ. गणपति चंद्र गुप्त ने शालिभद्र सूरि (भरतेश्वर बाहुबली रास- 1184 ई.) को हिंदी का प्रथम कवि माना है।
87. शेखर जोशी की कहानी है?
- कर्मनाशा की हार
- मेरा पहाड़
- पंचलाइट
- महुए का पेंड़
Ans (2): मेरा पहाड़ शेखर जोशी की कहानी है। कोशी का घटवार, साथ के लोग, हलवाहा, नौरंगी बीमार है, एक पेड़ की याद आदि उनकी अन्य कहानियाँ हैं। वहीं कर्मनाशा की हार शिव प्रसाद, पंचलाइट फणीश्वर नाथ रेणु की और महुए का पेड़ मार्कण्डेय की कहानी है।
88. इनमें से एक का अर्थ ‘एतराज’ है-
- विघ्न
- विपत्ति
- संकट
- आपत्ति
Ans (4): आपत्ति का अर्थ ‘एतराज’ है।
89. ‘विज्ञानगीता’ किसके द्वारा लिखी गई है?
- नाभादास
- तुलसीदास
- केशवदास
- मलूकदास
Ans (3): ‘विज्ञानगीता’ केशवदास के द्वारा लिखी गई है।
90. “इतिवृत्त और आलोचना का समवेत रूप होने से वह इतिहास आज भी प्रकाश-स्तम्भ बना हुआ है” इस कथन में जिस ‘इतिहास’ की ओर संकेत किया गया है, उसके लेखक हैं–
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- गार्सा द तासी
- मिश्र बन्धु
- जार्ज ग्रियर्सन
Ans (1): इस कथन में जिस ‘इतिहास’ की ओर संकेत किया गया है, उसके लेखक आचार्य रामचंद्र शुक्ल हैं। और यह कथन विजेंद्र स्नातक का है।
91. ‘एक दिन बोलेंगे पेड़’ काव्य संग्रह के रचनाकार हैं?
- राजेश जोशी
- सौमित्र मोहन
- शेखर जोशी
- अरुण कमल
Ans (1): ‘एक दिन बोलेंगे पेड़’ काव्य संग्रह के रचनाकार राजेश जोशी हैं। मिट्टी का चेहरा, नेपथ्य में हँसी, दो पंक्तियों के बीच उनके अन्य काव्य संग्रह हैं।
92. इस बोली में कर्ता कारक की विभक्ति का प्रयोग नहीं होता?
- कन्नौजी
- बुन्देली
- अवधी
- मेवाती
Ans (3): अवधी बोली में कर्ता कारक की विभक्ति का प्रयोग नहीं होता।
93. एक की वर्तनी शुद्ध है-
- अनन्नास
- अक्षौहणी
- आक्समिक
- आकाल
Ans (1): अनन्नास की वर्तनी शुद्ध है जबकि आकस्मिक का अकस्मिक, अक्षौहणी का अक्षौहिणी और आकाल का अकाल शुद्ध रूप होता है।
94. ‘उत्तररामचरित’ का प्रधान रस है?
- शान्त
- करुण
- शृंगार
- वीर
Ans (2): ‘उत्तररामचरित’ का प्रधान रस करुण है। उत्तररामचरितम् महाकवि भवभूति का प्रसिद्ध संस्कृत नाटक है, जिसके सात अंक हैं।
95. ‘संत साहित्य के संबंध में कौन-सा कथन उचित नहीं प्रतीत होता है?
- संत साहित्य एक वैचारिक भूमि पर स्थित है।
- रामचंद्र शुक्ल के अनुसार यह इस्लामिक आक्रमण से पराजित हिन्दू जनता की असहाय मनःस्थिति का परिणाम है।
- संत साहित्य को मात्र भजन पूजन के स्तर पर देखा जा सकता है।
- हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार संत साहित्य या भक्ति आंदोलन भारतीय चिंता धारा का स्वभाविक विकास है।
Ans (3): असत्य कथन- संत साहित्य को मात्र भजन पूजन के स्तर पर देखा जा सकता है।
96. निम्नलिखित शब्दार्थों के युग्म में कौन-सा युग्म गलत है?
- नीशार: – रजाई
- शिरस्कम् – शिखा
- उष्णीषम् – पगड़ी
- उत्तरीयः – चादर
Ans (4): गलत युग्म- उत्तरीय: – चादर। क्योंकि उत्तरीय: का अर्थ दुपट्टा होता है।
97. निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार ग्रंथ नहीं है?
- भाषाभूषण
- शिवराज भूषण
- ललितललाम
- अंगदर्पण
Ans (4): रसलीन का अंग दर्पण अलंकार ग्रंथ नहीं है। वहीं भाषाभूषण (राजा जसवंत सिंह) शिवराज भूषण (भूषण) और ललित ललाम (मतिराम) आदि अलंकार ग्रंथ हैं।
98. ‘शैशव के सुन्दर प्रभात का मैंने नवविकास देखा।
यौवन की मादक लाली में यौवन का हुलास देखा॥’
पंक्तियाँ किसके द्वारा लिखी गई हैं?
- हरिवंशराय बच्चन
- भगवतीचरण वर्मा
- विद्यावती कोकिल
- सुभद्रा कुमारी चौहान
Ans (4): उपरोक्तपंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान के द्वारा लिखी गई हैं। यह पंक्ति उल्लास कविता से ली गई है।
99. मनोहर श्याम जोशी का उपन्यास है-
- कसप
- दिल्ली दूर है
- मुझे चाँद चाहिए
- कितने पाकिस्तान
Ans (1): मनोहर श्याम जोशी का उपन्यास ‘कसप’ (1982) है।कुरु कुरु स्वाहा, हरिया हरक्युलिस की हैरानी, हमज़ाद, टा टा प्रोफ़ेसर, कयाप, कौन हूँ मैं, कपीशजी, वधस्थल, उत्तराधिकारिणी आदि उनके अन्य उपन्यास हैं। वहीं ‘दिल्ली दूर है’ शिव प्रसाद सिंह का, ‘मुझे चाँद चाहिए’ सुरेंद्र वर्मा का और ‘कितने पाकिस्तान’ कमलेश्वर का उपन्यास है।
100. बहुवचन की दृष्टि से एक वाक्य शुद्ध है-
- चिड़िया उड़ गयीं।
- चिड़ियें उड़ गयीं।
- चिड़ियाएं उड़ गयीं।
- चिड़ियाँ उड़ गयीं।
Ans (4): बहुवचन की दृष्टि से एक वाक्य शुद्ध है- चिड़ियाँ उड़ गयीं।
101. ‘वारि’ शब्द की द्वितीया विभक्ति द्विवचन है?
- वारिणि
- वारिणी
- वारिण:
- वारिणा
Ans (2): ‘वारि’ शब्द की द्वितीया विभक्ति द्विवचन ‘वारिणी’ है।
102. हिंदी के मार्क्सवादी समीक्षक हैं?
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- डॉ. नगेंद्र
- डॉ. नामवर सिंह
- नंद दुलारे बाजपेयी
Ans (3): डॉ. नामवर सिंह हिंदी के मार्क्सवादी समीक्षक हैं। वहीं रामचंद्र शुक्ल और नगेंद्र रसवादी और नंद दुलारे बाजपेयी सौष्ठववादी समीक्षक हैं।
103. ‘आँखें बिछाना’ मुहावरा का सही अर्थ है-
- प्रायश्चित करना
- आँखें थक जाना
- उपेक्षा करना
- हृदय से आदर करना
Ans (4): ‘आँखें बिछाना’ मुहावरा का सही अर्थ है- हृदय से आदर करना।
104. ‘छायावाद बड़ी सहृदयता के साथ प्रभावसाम्य पर ही विशेष लक्ष्य रखकर चला है’- छायावाद के संबंध में यह कथन किसका है?
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- आचार्य नन्द दुलारे बाजपेयी।
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
- डॉ. शान्तिप्रिय द्विवेदी
Ans (1): छायावाद के संबंध में यह कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है। हिंदी साहित्य का इतिहास/आधुनिक काल (प्रकरण 2) छायावाद
105. ‘किसी शुभकार्य को विधिविधान और श्रद्धापूर्वक करना’ क्या कहलाता है?
- प्रार्थना
- अभ्यर्थना
- अनुष्ठान
- मंत्रणा
Ans (3): ‘किसी शुभकार्य को विधिविधान और श्रद्धापूर्वक करना’ अनुष्ठान कहलाता है।
106. ‘बचपन की स्मृतियाँ’ के लेखक हैं-
- महादेवी वर्मा
- रामवृक्ष बेनीपुरी
- शांतिप्रिय द्विवेदी
- राहुल सांकृत्यायन
Ans (4): ‘बचपन की स्मृतियाँ’ संस्मरण के लेखक राहुल सांकृत्यायन हैं।
107. ‘जगत्’ शब्द का कौन-सा रूप तीन विभक्तियों में एक सा रहता है?
- जगतोः
- जगद्भ्याम
- जगतः
- जगद्भिः
Ans (2): ‘जगत्’ शब्द का जगद्भ्याम् रूप तीन विभक्तियों में एक सा रहता है।
जगत् शब्द का रूप-
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | जगत्/जगद् | जगती | जगन्ति |
द्वितीया | जगत्/जगद् | जगती | जगन्ति |
तृतीया | जगता | जगद्भ्याम् | जगद्भीः |
चतुर्थी | जगते | जगद्भ्याम् | जगदभ्यः |
पंचमी | जगतः | जगद्भ्याम् | जगदभ्यः |
षष्ठी | जगतः | जगतोः | जगताम् |
सप्तमी | जगति | जगतोः | जगत्सु |
सम्बोधन | हे जगत्! | हे जगती! | हे जगन्ति! |
108. ‘मरने के लिए तैयार हो जाना’- अर्थ देनेवाला मुहावरा है-
- सिर पर खून सवार होना
- सिर पर भूत सवार होना
- सिर पर कफ़न बाँध लेना
- आँखों में खून उतर आना
Ans (3): ‘मरने के लिए तैयार हो जाना’- अर्थ देनेवाला मुहावरा है- सिर पर कफ़न बाँध लेना।
109. ‘कुवलयमाला कथा’ के लेखक हैं?
- सोमप्रभ सूरि
- उद्योतन सूरि
- धर्मसूरि
- मुनि जिनविजय
Ans (2): ‘कुवलयमाला कथा’ के लेखक उद्योतन सूरी हैं।
110. ‘अजिर’ शब्द का अर्थ है-
- युवा
- आँगन
- वार्धक्य
- जरावस्था
Ans (2): ‘अजिर’ शब्द का अर्थ है- आँगन, शरीर
111. ‘सर्वे स्वरा घोवन्तो बलवन्तो वक्तव्यः’ यह कथन किस ग्रंथ का है?
- महाभाष्य
- छान्दोग्य उपनिषद
- वाक्यपदीय
- अष्टाध्यायी
Ans (2): ‘सर्वेस्वरा घोषवन्तो बलवन्तो वक्तव्यः’ यह कथन छान्दोग्य उपनिषद का है।
112. विष्णु प्रभाकर कृत ‘आवारा मसीहा’ क्या है?
- आत्मकथा
- जीवनी साहित्य
- रेखाचित्र
- यात्रा साहित्य
Ans (2): विष्णु प्रभाकर कृत ‘आवारा मसीहा’ जीवनी साहित्य है। यह ग्रंथ बंगला के महान कथाकार शरतचंद्र की जीवनी है।
113. विलोम की दृष्टि से एक युग्म अशुद्ध है?
- गमन – आगमन
- निषिद्ध – विहित
- आमिष – सामिष
- व्यास – समास
Ans (3): विलोम की दृष्टि से अशुद्ध युग्म- आमिष – सामिष है, आमिष का विलोम निरामिष होता है।
114. एक वाक्य शुद्ध है-
- आपकी राय से यह काम ज़रूरी है।
- वहाँ मिष्टान्न की बड़ी दुकान है।
- भारत काश्मीर से लगा कर कन्याकुमारी तक फैला है।
- उन्होंने बहुत-सी पुस्तकें एकत्रित कर ली हैं।
Ans (2): शुद्ध वाक्य- वहाँ मिष्टान्न की बड़ी दुकान है।
115. निर्गुण भक्तिकाव्य धारा में ‘उदासी सम्प्रदाय’ के प्रवर्तक कौन हैं?
- दादू दयाल
- रज्जब
- श्रीचंद
- मलूकदास
Ans (3): निर्गुण भक्तिकाव्य धारा में ‘उदासी सम्प्रदाय’ के प्रवर्तक गुरु नानक के पुत्र श्री चंद (1494–1643) हैं।
116. ‘समष्टि’ शब्द का विलोम क्या है?
- समूह
- समग्र
- विशिष्ट
- व्यष्टि
Ans (4): ‘समष्टि’ शब्द का विलोम व्यष्टि है।
117. ‘अमिय हलाहल मद भरे, सेत स्याम रतनार।
जियत मरत झुकि-झुकि परत, जेहि चितवत इक बार॥’
उपर्युक्त दोहे में अलंकार है-
- परिसंख्या
- मुद्रा
- यथासंख्य
- विभावना
Ans (3): उपर्युक्त दोहे में यथासंख्य अलंकार है। यथासंख्य अलंकार में जिन वस्तुओं का जिक्र किया जाता है उनका उसी क्रम में गुण भी बताया जाता है।
118. ‘भ्रूणहत्या’ निबंध के लेखक हैं-
- भारतेन्दु हरिश्चंद्र
- श्याम सुन्दर दास
- महादेवी वर्मा
- ठाकुर जगमोहन सिंह
Ans (1): ‘भ्रूणहत्या’ निबंध के लेखक भारतेन्दु हरिश्चंद्र हैं।
119. इस बोली में उत्तम पुरुष एक वचन के स्थान पर उत्तम पुरुष बहुवचन का प्रयोग किया जाता है-
- अवधी
- खड़ी बोली
- ब्रज
- हरियाणवी
Ans (2): खड़ी बोली में उत्तम पुरुष एक वचन के स्थान पर उत्तम पुरुष बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
120. ‘नई कविता’ के विषय में असत्य कथन है-
- इसमें नये भावबोधों की अभिव्यक्ति हुई है
- इसमें जीवन के प्रति आस्था दिखाई पड़ती है।
- नई कविता के रचयिताओं में अधिकांश प्रगतिवाद और प्रयोगवाद के खेमे में रह चुके हैं
- यह कविता ह्रासोन्मुख मध्यवर्गीय समाज के जीवन का चित्र है
Ans (4): ‘नई कविता’ के विषय में असत्य कथन- यह कविता ह्रासोन्मुख मध्यवर्गीय समाज के जीवन का चित्र है।
121. ‘जो मर रहा हो’ के लिए एक शब्द है-
- मुमुक्षु
- मुमूर्षु
- मुमुक्षा
- मुमूर्षा
Ans (2): ‘जो मर रहा हो’ के लिए एक शब्द है- मुमूर्षु मृत्यु की इच्छा रखने वाला- मुमूर्षा, मोक्ष का इच्छुक- मुमुक्षु, मोक्ष की इच्छा रखने वाला- मुमुक्षा
122. ‘तारसप्तक’ का प्रकाशन काल है-
- 1943 ई.
- 1951 ई.
- 1950 ई.
- 1959 ई.
Ans (A): ‘तार सप्तक’ का प्रकाशन काल 1943 ई. है। ‘तार सप्तक’ का संकलन एवं संपादन अज्ञेय द्वारा किया गया जिसमें 7 कवियों- गजानन माधव मुक्तिबोध, नेमिचन्द्र जैन, भारतभूषण अग्रवाल, प्रभाकर माचवे, गिरिजाकुमार माथुर, रामविलास शर्मा एवं अज्ञेय की कविताएँ शामिल हैं।
123. ‘जहाँ उपमेय स्वयं अपना उपमान हो’ वहाँ अलंकार है?
- उपमेयोपमाः
- मालोपमा
- व्यतिरेक
- अनन्वय
Ans (4): ‘जहाँ उपमेय स्वयं अपना उपमान हो’ वहाँ अनन्वय अलंकार होता है।
124. भक्तिकालीन ‘रस सिद्धान्त’ विषयक ग्रंथ है?
- रस प्रबोध
- रस मंजरी
- रस रहस्य
- रस रंग
Ans (2): भक्तिकालीन ‘रस सिद्धान्त’ विषयक ग्रंथ नंददास की रचना ‘रस मंजरी’ है।रस प्रबोध (1747 ई.) रसलीन की, रस रहस्य कुलपति मिश्र की और रस रंग ग्वाल की रचना है जो रीतिकालीन कवि हैं।
125. संथाली भाषा किस भाषा परिवार से संबंधित है?
- भारोपीय परिवार
- द्रविण परिवार
- आस्ट्रिक परिवार
- चीनी तिब्बती परिवार
Ans (3): संथाली भाषा आस्ट्रिक भाषा परिवार से संबंधित है। संथाली, हो और मुंडारी भाषाएँ ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार में मुंडा शाखा में आती हैं।
UP PGT Hindi Previous Year Question Paper-