UP PGT Hindi Question Paper 2009

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यूपी पीजीटी हिंदी प्रश्न-पत्र

UP PGT Hindi question paper 2009 को यहाँ दिया गया है। TGT, PGT hindi की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को इसे जरूर देखना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित PGT Hindi Exam- 2009 के question paper को हल कर अपना स्व मूल्यांकन आप कर सकते हैं। up pgt hindi previous year question paper के अंतर्गत यह छठवां प्रश्न-पत्र है।

पीजीटी हिंदी- 2009

1. निम्‍न में कौन-सा ग्रंथ कालिदास प्रणीत है-
उत्तररामचरित
मृच्‍छकटिकम्
मालविकाग्निमित्रम्
कालिदास का प्रणीत ग्रंथ ‘मालविकाग्निमित्रम्’ है।
मुद्रा राक्षस
2. चित्रात्‍मक भाषा एवं लाक्षणिक पदावली किस युग की कविता की विशेषता है-
छायावाद
चित्रात्‍मक भाषा और लाक्षणिक पदावली छायावाद युग की कविता की विशेषता है।
प्रगतिवाद
प्रयोगवाद
इनमें से कोई नहीं
3. ‘द्वन्द्वात्‍मक भौतिक विकासवाद’ किस काव्‍य-धारा का आधार है-
नई कविता
प्रगतिवाद
‘द्वन्द्वात्‍मक भौतिक विकासवाद’ प्रगतिवाद काव्‍य-धारा का आधार है।
समानांतर कविता
इनमें से कोई नहीं
4. ‘घोर अहंनिष्‍ठा व्‍यक्तिवाद’ किस काव्‍य-धारा की प्रवृत्ति है-
छायावाद
प्रगतिवाद
प्रयोगवाद
‘घोर अहंनिष्‍ठा व्‍यक्तिवाद’ प्रयोगवाद काव्‍य-धारा की प्रवृत्ति है।
इनमें से कोई नहीं
5. रस के संबंध में ‘भुक्‍तिवाद’ के प्रतिपादक आचार्य हैं-
भट्ट लोल्‍लट
श्री शंकुक
भट्ट नायक
रस के संबंध में ‘भुक्‍तिवाद’ के प्रतिपादक आचार्य भट्ट नायक हैं।
अभिनव गुप्‍त
6. ‘कृतघ्‍न’ शब्‍द का सही अर्थ है-
जो उपकार नहीं करता
जो किए हुए उपकार को नहीं मानता
‘कृतघ्‍न’ का अर्थ है जो किए हुए उपकार को नहीं मानता।
जो शत्रु को जीत लेता है
जो मित्रता को नहीं मानता
7. ‘गतानुगतिक’ शब्‍द का सही अर्थ है-
प्राचीन आदर्श के अनुसार चलने वाला
‘गतानुगतिक’ का अर्थ है प्राचीन आदर्श के अनुसार चलने वाला।
पीछे चलने वाला
अनुसरण करने वाला
गत को नहीं मानने वाला
8. ‘आग में घी डालना’ मुहावरा का सही अर्थ है-
हवन करना
देवता को प्रसन्‍न करना
क्रोधी को और अधिक उत्तेजित करना
‘आग में घी डालना’ मुहावरे का अर्थ है क्रोधी को और अधिक उत्तेजित करना।
क्रोध से आग बबूला होना।
9. ‘कीचड़ उछालना’ मुहावरा का सही अर्थ है-
मल फेंकना
दूसरे के कपड़े गन्‍दे करना
बदनाम करना
‘कीचड़ उछालना’ का अर्थ है बदनाम करना।
दलदल में फँसना
10. ‘अवांछित संवाद’ अर्थ के लिए उपयुक्‍त मुहावरा है-
सिर खपाना
सिर खाना
‘सिर खाना’ मुहावरे का अर्थ है अवांछित संवाद करना।
सिर नीचा होना
सिर पड़ना
11. ‘मनहुँ उमगि अंग-अंग छवि छलकै’- तुलसी की इस पंक्‍ति में कौन-सी शब्‍द शक्‍ति है-
अभिधा
लक्षणा
व्यंजना
इस पंक्ति में ‘व्यंजना’ शब्द शक्ति का प्रयोग किया गया है, क्योंकि इसका अर्थ भावों के संप्रेषण के माध्यम से व्यक्त होता है।
इनमें से कोई नहीं
12. निम्नलिखित पंक्ति किस कवि की है-
‘नैन नचाय कही मुसुकाय, लता फिर आइयो खेलन होली।’
सेनापति
घनानंद
पद्माकर
यह पंक्ति पद्माकर द्वारा रचित है।
ठाकुर
13. ‘बाँधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से’- ‘प्रसाद’ की इस पंक्‍ति का अर्थ किस शब्‍द-शक्‍ति से ग्रहण होगा?
अभिधा से
लक्षणा से
इस पंक्ति का अर्थ लक्षणा शब्द शक्ति द्वारा ग्रहण किया जाएगा, क्योंकि यहाँ चंद्रमा का काले बादलों से ढका होना संकेतित है।
व्‍यंजना से
इन सभी से
14. ‘वाक्‍यं रसात्‍मक काव्‍यं’ उक्‍ति के लेखक हैं-
मम्‍मट
विश्‍वनाथ
‘वाक्‍यं रसात्‍मक काव्‍यं’ का प्रतिपादन विश्‍वनाथ ने किया है।
पंडित राज जगन्‍नाथ
वामन
15. ‘उतरि नहाये जमुन जल जो सरीर सम स्‍याम’- पंक्‍ति में कौन-सा अलंकार है?
उपमा
प्रतीप
इस पंक्ति में ‘प्रतीप अलंकार’ का प्रयोग हुआ है, क्योंकि यहाँ उलटे अर्थ का बोध कराया गया है।
विशेषोक्‍ति
विभावना
16. ‘निराला’ की ‘बादल राग’ कविता का संबंध है-
छायावादी सौंदर्य से
प्रगतिवादी चेतना से
प्रयोगवादी चेतना से
प्रकृति के सौन्‍दर्य से
‘बादल राग’ कविता में प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन किया गया है।
17. पंत जी की ‘ग्राम्‍या’ कृति का संबंध है-
ग्रामीण परिवेश से
‘ग्राम्‍या’ कृति का विषय ग्रामीण जीवन और उसका परिवेश है।
प्रगतिवादी दृष्‍टि से
कल्‍पना लोक से
नई कविता से
18. ‘वर्ग-वैषम्‍य’ एवं ‘वर्ग-चेतना’ प्रेमचंद के किस उपन्‍यास का मूल आधार है?
गबन
गोदान
‘गोदान’ में वर्ग-वैषम्‍य और वर्ग-चेतना का सजीव चित्रण किया गया है।
निर्मला
प्रेमाश्रम
19. ‘परीक्षा गुरु’ को किस समालोचक ने हिंदी का प्रथम उपन्‍यास स्‍वीकार किया है?
जार्ज ग्रियर्सन
मिश्र बन्धु
आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल
आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल ने ‘परीक्षा गुरु’ को हिंदी का प्रथम उपन्‍यास माना है।
महावीर प्रसाद द्विवेदी
20. ‘करते तुलसीदास भी कैसे मानस नाद? महावीर का यदि उन्‍हें मिलता नहीं प्रसाद।’ -उक्‍त पंक्‍तियों के रचनाकार हैं-
महावीरप्रसाद द्विवेदी
अयोध्‍या सिंह उपाध्‍याय
मैथिली शरण गुप्‍त
इन पंक्तियों के रचनाकार मैथिली शरण गुप्‍त हैं।
सियारामशरण गुप्‍त
21. महाभारत की कथा पर आधारित नाटक है-
अंधा युग
धर्मवीर भारती द्वारा रचित ‘अंधा युग’ महाभारत की कथा पर आधारित प्रसिद्ध नाटक है।
अंधी गली
कोणार्क
आधे अधूरे
22. कौन-सा नाटक मोहन राकेश कृत नहीं है-
लहरों के राजहंस
आधे-अधूरे
रक्त कमल
‘रक्त कमल’ लक्ष्मीनारायण लाल का नाटक है।
आषाढ़ का एक दिन
23. ‘वियोगी हरि’ का वास्‍तविक नाम क्‍या है-
हजारी प्रसाद द्विवेदी
हरि प्रसाद द्विवेदी
‘वियोगी हरि’ का वास्तविक नाम हरि प्रसाद द्विवेदी है।
लल्‍लन प्रसाद व्‍यास
सुदामा प्रसाद
24. हिंदी में यथार्थवादी एकांकी के जनक हैं-
रामकुमार वर्मा
रामकुमार वर्मा को हिंदी में यथार्थवादी एकांकी का जनक माना जाता है।
उपेन्‍द्रनाथ अश्‍क
उदयशंकर भट्ट
भुवनेश्‍वर
25. निम्‍नांकित में से कौन मनोविश्‍लेषण प्रधान कथाकार नहीं है-
इलाचंद्र जोशी
अज्ञेय
सुदर्शन
सुदर्शन मनोविश्लेषण प्रधान कथाकार नहीं हैं; उनकी कहानियाँ सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर आधारित होती हैं।
जैनेंद्र कुमार
26. कौन-सी कृति भारतेंदु हरिश्चंद्र की नहीं है-
भारत दुर्दशा
अंधेर नगरी
वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति
भारत हरण
‘भारत हरण’ देवकीनन्दन त्रिपाठी का नाटक है।
27. निम्न पंक्ति के रचनाकार है-
“इस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती।
क्‍यों हाहाकार स्‍वरों में वेदना असीम गरजती।।”
सुमित्रानंदन पंत
महादेवी वर्मा
जयशंकर प्रसाद
यह पंक्तियाँ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित हैं।
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
28. निम्‍न में से कौन-सी कृति ‘जयशंकर प्रसाद’ की नहीं है-
कानन कुसुम
झरना
कामायनी
दीपशिखा
‘दीपशिखा’ महादेवी वर्मा की कृति है।
29. नारी पात्र ‘मधूलिका’ का संबंध किस कहानी से है?
आकाशदीप
पुरस्‍कार
‘पुरस्‍कार’ कहानी में नारी पात्र मधूलिका का वर्णन किया गया है।
देवदासी
इन्‍द्रजाल
30. यात्रा-वृत्तांत के लेखक एवं यायावर के रूप में जिनकी प्रसिद्धि है, वे हैं-
नागार्जुन
राहुल सांकृत्‍यायन
राहुल सांकृत्यायन को यात्रा-वृत्तांत के लेखक और यायावर के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त है।
सेठ गोविन्‍द दास
महादेवी वर्मा
31. श्रीमद् बल्‍लभाचार्य ने जिस कृष्‍ण-भक्‍ति को प्रतिष्ठित किया, उसका दार्शनिक आधार है-
अद्वैत दर्शन
द्वैत दर्शन
शुद्वाद्वैत दर्शन
श्रीमद् बल्‍लभाचार्य ने शुद्धाद्वैत दर्शन को कृष्‍ण-भक्ति के आधार के रूप में प्रतिष्ठित किया।
द्वैताद्वैत दर्शन
32. बल्‍लभाचार्य के शिष्‍य नहीं हैं-
कुंभनदास
चतुर्भुजदास
चतुर्भुजदास बल्‍लभाचार्य के शिष्‍य नहीं हैं, जबकि अन्य शिष्य उनके प्रमुख अनुयायी थे।
सूरदास
परमानंददास
33. बिहारी कवि हैं-
रीति सिद्ध
बिहारी को ‘रीति सिद्ध’ कवि के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
रीति बद्ध
रीति मुक्‍त
इनमें से कोई नहीं
34. बालकृष्‍ण भट्ट द्वारा संपादित पत्रिका का नाम था-
ब्राह्मण
हिंदी प्रदीप
बालकृष्‍ण भट्ट ने ‘हिंदी प्रदीप’ पत्रिका का संपादन किया।
आनंद कादम्बनी
इनमें से कोई नहीं
35. ‘सरस्‍वती’ पत्रिका का प्रकाशन प्रारम्‍भ हुआ-
सन् 1903 में
सन् 1900 में
‘सरस्‍वती’ पत्रिका का प्रकाशन सन् 1900 में प्रारंभ हुआ था।
सन् 1930 में
सन् 1868 में
36. सम सुबरन सुखमाकर, सुखद न थोर। सीय अंग सखि कोमल, कनक कठोर। -इस छंद में प्रयुक्‍त अलंकार है?
निदर्शना
व्‍यतिरेक
इस छंद में व्‍यतिरेक अलंकार का प्रयोग किया गया है, जिसमें तुलना के माध्यम से विरोधाभास प्रकट किया गया है।
समासोक्‍ति
अर्थान्‍तरन्‍यास
37. ‘कबीर बाज भी, कपोत भी, पपीहा भी’ के रचनाकार हैं-
धर्मवीर
‘कबीर बाज भी, कपोत भी, पपीहा भी’ धर्मवीर भारती द्वारा रचित है।
मुद्राराक्षस
धूमिल
प्रेमचंद्र
38. आचार्य शंकुक द्वारा रस निष्‍पति की व्‍याख्‍या का स्‍वरूप है-
अभिव्‍यक्‍तिवादी
अनुमतिवादी
आचार्य शंकुक ने रस निष्पत्ति की व्याख्या अनुमतिवादी दृष्टिकोण से की है।
उत्पत्तिवादी
इनमें से कोई नहीं
39. क्रिया के किस रूप में कर्त्ता के अनुसार लिंग परिवर्तन नहीं होता है-
वर्तमानकालिक रूप में
भविष्यकालिक रूप में
भूतकालिकरूप में
आज्ञार्थक रूप में
आज्ञार्थक क्रिया रूप में कर्ता के अनुसार लिंग परिवर्तन नहीं होता है।
40. ‘भाषा बोलि न जानहीं जाके कुल के दास’- यह कथन किस कवि का है?
तुलसीदास
केशवदास
यह कथन केशवदास का है, जो रीति काल के प्रमुख कवि थे।
विद्यापति
जायसी
41. ‘जयचंद्र प्रकाश’ के रचनाकार हैं-
नल्‍ल सिंह
जगनिक
भट्ट केदार
‘जयचंद्र प्रकाश’ के रचनाकार भट्ट केदार हैं।
मधुकर
42. मिश्र बन्‍धुओं ने ‘परिवर्तनकाल’ की समय सीमा निर्धारित है-
संवत् 1890 वि. – संवत 1925 वि.
मिश्र बंधुओं ने ‘परिवर्तनकाल’ की अवधि संवत 1890 वि. से संवत 1925 वि. तक मानी है।
संवत् 1791 वि. – संवत 1889 वि.
संवत् 1890 वि. – सन् 1925 ई.
संवत् 1791 वि. – सन् 1889 ई.
43. ‘माधव हम परिनाम निरासा’ पंक्‍ति है-
सूरदास की
नंददास की
विद्यापति की
‘माधव हम परिनाम निरासा’ पंक्‍ति विद्यापति की है।
तुलसीदास की
44. प्रभुसत्ता सम्‍पन्‍न शासक वर्ग एवं गरीब शिल्‍पी के मध्‍य संघर्ष-कथा को किस नाटक की विषयवस्‍तु बनाया गया है?
कोणार्क
यह संघर्ष-कथा नाटक ‘कोणार्क’ की विषयवस्‍तु है।
शारदीया
शिल्‍पी
आदमी का जहर
45. ‘स्‍वयंभू’ को हिंदी का प्रथम कवि माना है-
रामकुमार वर्मा ने
रामकुमार वर्मा ने ‘स्‍वयंभू’ को हिंदी का प्रथम कवि माना है।
रामचंद्र शुक्‍ल ने
हजारी प्रसाद द्विवेदी ने
राहुल सांकृत्‍यायन ने
46. ‘चक्रपाणिदर्शनार्थ’ पद में मान्‍य समास है-
कर्मधारय
तत्‍पुरूष
अव्‍ययीभाव
बहुब्रीहि
‘चक्रपाणिदर्शनार्थ’ पद में बहुब्रीहि समास है।
47. भ्रमरगीत प्रसंग का मूल स्रोत है-
श्रीमद्भागवत का पंचम स्‍कन्‍ध
श्रीमद्भागवत का दशम स्‍कन्‍ध
भ्रमरगीत प्रसंग का मूल स्रोत श्रीमद्भागवत का दशम स्‍कन्‍ध है।
श्रीमद्भागवत का तृतीय स्‍कन्‍ध
श्रीमद्भागवत का नवम स्‍कन्‍ध
48. ‘रामचरितमानस’ के ज्ञानदीपक प्रसंग किस काण्‍ड में वर्णित है-
उत्तर काण्‍ड
‘रामचरितमानस’ के ज्ञानदीपक प्रसंग उत्तर काण्‍ड में वर्णित है।
अयोध्‍या काण्‍ड
बाल काण्‍ड
अरण्‍य काण्‍ड
49. हिंदी का प्रथम व्‍याकरण लिखने वाले विद्वान हैं-
जेशुआ केटलर
हिंदी का प्रथम व्याकरण जेशुआ केटलर ने लिखा।
किशोरीदास बाजपेई
जार्ज ग्रियर्सन
कामता प्रसाद गुरु
50. किस विद्वान ने देवनागरी लिपि के स्‍थान पर रोमन लिपि स्‍वीकार करने का सुझाव दिया था-
महात्‍मा गाँधी
काका कालेलकर
सुनीति कुमार चटर्जी
सुनीति कुमार चटर्जी ने देवनागरी के स्थान पर रोमन लिपि को अपनाने का सुझाव दिया।
विनोबा भावे
51. भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता द्वारा प्रकाशित पत्रिका है-
वसुमती
बहुवचन
अकार
वागर्थ
भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम ‘वागर्थ’ है।
52. राजेन्‍द्र यादव और मन्‍नू भण्‍डारी ने संयुक्‍त रूप से किस उपन्‍यास की रचना की-
सारा आकाश
आपका बंटी
एक इंच मुस्‍कान
राजेंद्र यादव और मन्नू भंडारी ने मिलकर उपन्यास ‘एक इंच मुस्कान’ की रचना की।
मुर्दा सराय
53. ‘ज्ञानपीठ’ पुरस्‍कार की स्‍थापना किस वर्ष हुई थी-
1960 ई. में
‘ज्ञानपीठ’ पुरस्कार की स्थापना 1960 ई. में हुई थी।
1965 ई. में
1966 ई. में
1955 ई. में
54. ‘वामा: कुलस्‍याधय:’ में ‘वामा:’ शब्‍द का अभिप्राय है-
मनोनुकूल व्‍यवहार करने वाली स्त्रियाँ
विपरीत आचरण करने वाली स्त्रियाँ
‘वामा:’ का अर्थ है विपरीत आचरण करने वाली स्त्रियाँ।
सामान्‍य युवतियाँ
वक्र स्‍वभाव वाली स्त्रियाँ
55. ‘उत्तर रामचरितम्’ के तृतीय अंक का संबंध किससे है-
वाल्‍मीकि का आश्रम
अयोध्‍या से
सरयू का तट से
पंचवटी से
‘उत्तर रामचरितम्’ के तृतीय अंक का संबंध पंचवटी से है।
56. ‘बृहस्‍पति’ का संधि विच्‍छेद है-
वृहस + पति
वृहस् + पति
वृह: + पति
‘बृहस्‍पति’ का संधि विच्‍छेद वृह: + पति है।
वृहश् + पति
57. ‘स्‍था’ धातु का लङ् लकार, मध्‍यम पुरूष, बहुवचन का रूप होगा-
तिष्ठत्
अतिष्‍ठ‍ति
अतिष्‍ठान्
अतिष्‍ठत
‘स्‍था’ धातु का लङ् लकार, मध्‍यम पुरूष, बहुवचन का रूप अतिष्‍ठत होता है।
58. ‘नम: स्‍वस्ति स्‍वाहा स्‍वधा: …….’ के योग में कौन विभक्‍ति होती है-
प्रथम विभक्‍ति
द्वितीया विभक्‍ति
तृतीया विभक्‍ति
चतुर्थी विभक्‍ति
‘नम: स्‍वस्ति स्‍वाहा स्‍वधा:’ के योग में चतुर्थी विभक्‍ति होती है।
59. ‘मुनि’ शब्‍द का षष्‍ठी विभक्‍ति एकवचन रूप है-
मुनये
मुने:
‘मुनि’ शब्‍द का षष्‍ठी विभक्‍ति एकवचन रूप ‘मुने:’ होता है।
मुनौ
मुन्‍यौ:
60. ‘सम्’ उपसर्ग से निष्‍पन्‍न शब्‍द कौन-सा है-
संस्‍कार
‘सम्’ उपसर्ग से निष्‍पन्‍न शब्‍द ‘संस्‍कार’ है।
सामना
समझौता
स्‍वयं

61. ‘मरम वचन जब सीता बोला’- पंक्‍ति का प्रयोग हुआ है-
कर्मवाच्‍य
कर्तृवाच्‍य
गलत वाक्‍य
भाववाच्‍य
इस पंक्ति में भाववाच्‍य का प्रयोग किया गया है।
62. निम्‍नलिखित में कौन शब्‍द ‘राजा’ का विलोम नहीं है-
रानी
रंक
सेना
‘सेना’ शब्‍द ‘राजा’ का विलोम नहीं है।
प्रजा
63. ‘प्‍लवग’ शब्‍द का अर्थ है-
बन्‍दर
‘प्‍लवग’ का अर्थ बन्‍दर होता है।
मेढ़क
पक्षी
पानी
64. निम्‍नलिखित शब्‍द-युग्‍मों में कौन-सा असंगत है-
अफसोस-फारसी
कैंची-तुर्की
गमला-पुर्तगाली
कारतूस-अंग्रेजी
‘कारतूस’ शब्‍द अंग्रेजी का नहीं है; यह फ्रेंच मूल का है।
65. योगरूढ़ शब्‍द कौन है-
योद्धा
दशानन
‘दशानन’ एक योगरूढ़ शब्‍द है, जिसका अर्थ है रावण।
राक्षस
सुर
66. निम्‍न में शुद्ध रूप कौन-सा है-
हतोत्‍साह
हतोत्‍साहित
‘हतोत्‍साहित’ शुद्ध रूप है।
हतोसाह
हतोत्‍साह
67. निम्‍न में शुद्ध रूप कौन-सा है?
प्रदर्शिनी
प्रदर्शनी
‘प्रदर्शनी’ शुद्ध रूप है।
प्रर्दशिनी
प्रर्दिशनी
68. ‘गौरव’ शब्‍द किस तद्धित प्रत्‍यय के योग से बना है?
‘गौरव’ शब्‍द तद्धित प्रत्‍यय ‘अ’ के योग से बना है।
इक
आयन
इनमें से कोई नहीं
69. निम्‍न में से कौन-सा वाक्‍य शुद्ध है-
राम ने पेट भर मिठाई खाई
राम ने पेट भर के मिठाई खाई
राम ने भरपेट मिठाई खाई
‘राम ने भरपेट मिठाई खाई’ वाक्य शुद्ध है।
इनमें से सभी शुद्ध हैं
70. निम्न में से कौन-सा वाक्‍य शुद्ध है-
मैं आपकी सौजन्‍याता पर मुग्‍ध हूँ
मैं आपके सौजन्य पर मुग्‍ध हूँ
‘मैं आपके सौजन्य पर मुग्‍ध हूँ’ शुद्ध वाक्य है।
मैं आपकी सुजन्य पर मुग्‍ध हूँ
इनमें से तीनों वाक्‍य अशुद्ध हैं
71. ‘नीर भरे नित प्रति रहैं तऊ न प्‍यास बुझाई’- पंक्‍ति में कौन-सा अलंकार है-
अतिशयोक्‍ति
विशेषोक्‍ति
इस पंक्ति में ‘विशेषोक्‍ति’ अलंकार है, क्योंकि यह किसी विशेष स्थिति को दर्शाता है।
विभावना
उपमा
72. ‘पित्राकृति:’ का शुद्ध संधि विच्‍छेद है-
पितृ + आकृति
पित्र + आकृति
पित्रृ + आकृति:
पितृ + आकृति:
‘पित्राकृति:’ का सही संधि विच्छेद ‘पितृ + आकृति:’ है।
73. ‘कृष्‍णैकत्‍वम्’ शब्‍द में संधि है-
गुण
वृद्धि
‘कृष्‍णैकत्‍वम्’ शब्‍द में ‘वृद्धि’ संधि है।
अयादि
दीर्घ
74. ‘कष्‍टापन्‍न’ शब्‍द में संधि है-
अव्‍ययी भाव
तत्‍पुरूष
‘कष्‍टापन्‍न’ शब्‍द में ‘तत्‍पुरूष’ संधि है।
बहुब्रीहि
कर्मधारय
75. ‘चंद्रकान्ति:’ शब्‍द में समास है-
बहुब्रीहि
कर्मधारय
‘चंद्रकान्ति:’ शब्‍द में ‘कर्मधारय’ समास है।
तत्‍पुरूष
इनमें से कोई नहीं
76. ‘इतिवृत्तात्‍मकता’ किस काव्‍य युग की प्रमुख विशेषता है?
भारतेंदु युग
द्विवेदी युग
‘इतिवृत्तात्‍मकता’ द्विवेदी युग की प्रमुख विशेषता है।
शुक्‍ल युग
छायावादी युग
77. ‘छायावाद स्‍थूल के प्रति सूक्ष्‍म का विद्रोह है।’- यह कथन है?
नंद दुलारे वाजपेयी का
महादेवी वर्मा का
डॉ. नगेंद्र का
यह कथन डॉ. नगेंद्र का है।
डॉ. रामविलास शर्मा का
78. ‘बया का घोंसला’ उपन्‍यास के लेखक हैं-
धर्मवीर भारती
लक्ष्‍मी नारायण लाल
‘बया का घोंसला’ उपन्‍यास के लेखक लक्ष्मी नारायण लाल हैं।
देवेन्‍द्र सत्‍यार्थी
फणीश्‍वर नाथ रेणु
79. ‘नट्यशास्‍त्र’ के रचयिता हैं-
आचार्य भरत मुनि
‘नट्यशास्‍त्र’ के रचयिता आचार्य भरत मुनि हैं।
आनंदवर्धन
वामन
मम्‍मट
80. ‘बनन में बागन में बगरो बसंत है’- पद्मारक की इस पंक्‍ति का अर्थ शब्‍द की किस शक्‍ति से ग्रहण किया जा सकेगा-
अभिधा से
लक्षणा से
इस पंक्ति का अर्थ ‘लक्षणा’ शक्ति से ग्रहण किया जा सकता है।
व्‍यंजना से
इन सभी से
81. ‘अद्रि’ शब्‍द का अर्थ है-
दु:ख
गीला
व्‍यर्थ
पर्वत
‘अद्रि’ शब्‍द का अर्थ पर्वत होता है।
82. निम्‍नलिखित में अर्थ की दृष्‍टि से सही शब्‍द युग्‍म कौन है-
जातवेद- लोहा
जातरूप- चाँदी
परभूत- कौआ
ताम्रचूड़- मुर्गा
‘ताम्रचूड़- मुर्गा’ शब्‍द युग्‍म अर्थ की दृष्‍टि से सही है।
83. ‘अबे सुन बे गुलाब भूल मत गर पाई खुशबू रंगो आब’- काव्य पंक्तियों का संबंध है:
प्रयोगवादी कविता से
प्रगतिवाद कविता से
यह पंक्तियाँ प्रगतिवाद कविता से संबंधित हैं, जिसमें जीवन की विसंगतियों को विश्लेषित किया जाता है।
समानांतर कविता से
इनमें से कोई नहीं
84. ‘नयी कविता’ पत्रिका का प्रकाशन आरम्‍भ हुआ-
सन् 1953 में
सन् 1954 में
‘नयी कविता’ पत्रिका का प्रकाशन सन् 1954 में हुआ था।
सन् 1955 में
सन् 1956 में
85. ‘नकेनवाद’ किस काव्‍य-धारा के लिए प्रयुक्‍त हुआ था?
छायावादी काव्‍य
प्रगतिवादी काव्‍य
इनमें से कोई नहीं
‘नकेनवाद’ (प्रपद्यवाद) की स्थापना सन् 1956 में नलिन विलोचन शर्मा ने की थी। इसे हिंदी साहित्य में प्रयोगवाद की एक शाखा माना जाता है। इसमें तीन कवि शामिल थे- नलिन विलोचन शर्मा, केशरी कुमार, नरेश।
प्रयोगवादी काव्‍य
86. प्रगतिवादी कवि हैं-
जयशंकर प्रसाद
मुक्‍तिबोध
केदारनाथ अग्रवाल
केदारनाथ अग्रवाल प्रगतिवादी काव्‍यधारा के कवि हैं।
हरिवंशराय बच्‍चन
87. प्रगतिवादी समीक्षक है-
रामचंद्र शुक्‍ल
रामविलास शर्मा
रामविलास शर्मा प्रगतिवादी समीक्षक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
गुलाब राय
श्‍यामसुंदर दास
88. अपने काव्‍य-जीवन के उत्तर में अरविन्‍द दर्शन से प्रभावित कवि हैं-
महादेवी वर्मा
सुमित्रानंदन पंत
सुमित्रानंदन पंत अपने काव्‍य-जीवन के उत्तर में अरविन्‍द दर्शन से प्रभावित हुए थे।
जयशंकर प्रसाद
अज्ञेय
89. ‘दिनमान’ और ‘प्रतीक’ के संपादक के रूप में जिन्‍हें ख्‍याति प्राप्त हुई, वे हैं-
बनारसी दास चतुर्वेदी
अज्ञेय
अज्ञेय को ‘दिनमान’ और ‘प्रतीक’ के संपादक के रूप में ख्‍याति प्राप्त हुई।
अमृत राय
धर्मवीर भारती
90. ‘हंस’ का सम्‍पादन किया है-
प्रेमचंद्र ने
अमृत राय ने
इनमें से सभी ने
‘हंस’ पत्रिका का सम्‍पादन इनमें से सभी ने किया था।
शिवदान सिंह चौहान ने
91. ‘भाषा योगवशिष्‍ठ’ के लेखक हैं-
राजा शिवप्रसाद सिंह
रामप्रसाद निरंजनी
‘योग वशिष्‍ठ’ के लेखक रामप्रसाद निरंजनी हैं।
राजा राममोहन राय
सदल मिश्र
92. कौन-सा निबंधकार भारतेंदु युग का नहीं है-
बालकृष्‍ण भट्ट
बालमुकुंद गुप्‍त
बालमुकुंद गुप्‍त भारतेंदु युग के निबंधकार नहीं थे।
प्रताप नारायण मिश्र
श्रीनिवास दास
93. ‘वैदेही वनवास’ के लेखक हैं-
मैथिलीशरण गुप्‍त
अयोध्‍या सिंह उपाध्‍याय
‘वैदेही वनवास’ के लेखक अयोध्‍या सिंह उपाध्‍याय हैं।
गया प्रसाद शुक्‍ल ‘सनेही’
रामनरेश त्रिपाठी
94. निम्‍न में से कौन-सी कृति आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की नहीं है-
हिंदी साहित्‍य की भूमिका
हिंदी साहित्‍य का आलोचनात्‍मक इतिहास
‘हिंदी साहित्‍य का आलोचनात्‍मक इतिहास’ राम कुमार वर्मा की कृति है।
हिंदी साहित्‍य: उद्भव और विकास
हिंदी साहित्‍य का आदिकाल
95. ‘आर्यसमाज’ के संस्‍थापक हैं-
स्‍वामी विवेकानंद
महात्‍मा गाँधी
केशवचंद्र सेन
दयानंद सरस्‍वती
‘आर्यसमाज’ के संस्‍थापक दयानंद सरस्‍वती हैं।
96. ‘मै पुनि निज गुरू कथा सो सूकर खेत’- यह कथन किस कवि का है-
तुलसीदास
यह कथन तुलसीदास का है।
कबीरदास
नाभादास
सूरदास
97. ‘हिंदी कोविद रत्‍नमाला’ के लेखक हैं?
महावीर प्रसाद द्विवेदी
श्‍यामसुंदर दास
‘हिंदी कोविद रत्‍नमाला’ के लेखक श्‍यामसुंदर दास हैं।
रामचंद्र शुक्ल
भारतेंदु हरिशचंद्र
98. ‘हिंदी साहित्‍य विमर्श’ के लेखक हैं-
बालमुकुंद गुप्‍त
हजारी प्रसाद द्विवेदी
पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्‍शी
‘हिंदी साहित्‍य विमर्श’ के लेखक पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्‍शी हैं।
श्‍यामसुंदर दास
99. ‘परमाल रासो’ के लेखक हैं-
चन्‍दवरदाई
जन कवि जगनिक
‘परमाल रासो’ के लेखक जन कवि जगनिक हैं।
नरपति नाल्‍ह
इनमें से कोई नहीं
100. कौन-सी रचना जायसी कृत नहीं है-
मधु मालती
‘मधु मालती’ रचना मंझन की है।
पद्मावत
अखरावट
आखिरी कलाम
101. निम्‍नलिखित शब्‍द युग्‍मों में असंगत युग्‍म है-
गोबर- तद्भव
नाक- रूढ़
कमलनयन- यौगिक
‘कमलनयन- यौगिक’ एक असंगत शब्‍द युग्‍म है।
मधुमास- योगरूढ़
102. शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द है-
मानविकरण
मानवीकरण
शुद्ध वर्तनी ‘मानवीकरण’ है।
मानवीयकरण
मानविकरण
103. निम्नलिखित दोहे में कौन-सा रस है-
आधा पात बबूल का, तामें तनिक पिसान।
लाला जी करने लगे, छठे छमासे दान॥
श्रृंगार
वीर
करुण
हास्‍य
उपर्युक्त दोहे में हास्‍य रस है।
104. आचार्य भरत ने किस रस को नाट्य प्रयोग में स्‍वीकार नहीं किया है?
शांत
आचार्य भरत ने नाट्य प्रयोग में शांत रस को स्‍वीकार नहीं किया है।
करुण
भयानक
अद्भुत
105. ‘कागजी घोड़े दौड़ाना’ मुहावरे का अर्थ होगा-
नकली घोड़े दौड़ाना
बहुत परिश्रम करना
व्‍यर्थ की लिखा-पढ़ी करना
‘कागजी घोड़े दौड़ाना’ का अर्थ व्‍यर्थ की लिखा-पढ़ी करना होता है।
जाँच-पड़ताल करना
106. ‘लौकिक’ शब्‍द में प्रत्‍यय है-
लोइक्
किक
अंक
इक
‘लौकिक’ शब्‍द में ‘इक’ प्रत्‍यय है।
107. पालि भाषा की समय-सीमा मानी जाती है-
1000 ई.पू. से 500 ई. तक
500 ई.पू. से प्रथम शताब्‍दी ई. तक
पालि भाषा की समय-सीमा 500 ई.पू. से प्रथम शताब्‍दी ई. तक मानी जाती है।
1000 ई.पू. 500 ई.पू. तक
प्रथम शताब्‍दी ई. से 500 ई. तक
108. उकार बहुला बोली मानी जाती है-
अवधी
भोजपुरी
बघेली
छत्तीसगढ़ी
उकार बहुला बोली छत्तीसगढ़ी मानी जाती है।
109. निम्‍नांकित में से कौन विशेषता देवनागरी में नहीं है?
इसमें जैसा उच्‍चारण होता है, वैसा ही लिखा जाता है
इसमें एक ध्‍वनि के लिए एक ही प्रतीक है
इसमें शिरोरेखा का प्रयोग महत्वपूर्ण है
विकास का दृष्‍टि से यह लिपि ब्राह्मी एवं खरोष्‍ठी की समकालीन है
देवनागरी लिपि की विशेषता है कि यह ब्राह्मी और खरोष्‍ठी की समकालीन नहीं है।
110. ‘खेचर’ का पर्याय होगा
आकाश में चलने वाला
पक्षी
ग्रह
इनमें से कोई नहीं
‘खेचर’ का पर्याय ‘इनमें से कोई नहीं’ है, यह शब्द आकाश में उड़ने वाले प्राणियों के लिए प्रयोग होता है।
111. निम्‍नलिखित में से कौन भास द्वारा रचित नाटक नहीं है-
मृच्‍छकटिकम्
‘मृच्‍छकटिकम्’ भास द्वारा रचित नाटक नहीं है, यह शूद्रक द्वारा रचित है।
उरूभंगम्
दूतवाक्‍यम्
मध्‍यम व्‍यायोग
112. संस्‍कृत के किस कवि के लिए ‘घण्‍टा’ विशेषण प्रयुक्‍त हुआ है-
बाणभट्ट
माघ
माघ को ‘घण्‍टा’ विशेषण से संबोधित किया जाता है।
भारवि
श्री हर्ष
113. विसर्ग का प्रयोग किन शब्‍दों में नहीं होता है-
तद्भव
तत्‍सम
शंकर
‘शंकर’ शब्द में विसर्ग का प्रयोग नहीं होता है।
इनमें से सभी
114. ‘व्‍याप्‍त’ में संधि है-
गुण संधि
दीर्घ संधि
यण् संधि
‘व्‍याप्‍त’ में यण् संधि है।
अयादि संधि
115. ‘कठपुतली’ में कौन-सा समास है-
संप्रदान तत्‍पुरूष
संबंध तत्‍पुरूष
‘कठपुतली’ में संबंध तत्‍पुरूष समास है।
अधिकरण तत्‍पुरूष
कर्म तत्‍पुरूष
116. ‘माधव विलास’ के रचनाकार हैं-
लल्‍लू लाल
‘माधव विलास’ के रचनाकार लल्‍लू लाल हैं।
सदल मिश्र
राम प्रसाद निरंजनी
सदासुख लाल
117. ‘मुक्‍तिबोध की आत्‍मकथा’ के लेखक हैं-
विष्‍णु प्रभाकर
विष्‍णु चंद्र शर्मा
‘मुक्‍तिबोध की आत्‍मकथा’ के लेखक विष्‍णु चंद्र शर्मा हैं।
नेमिचंद्र जैन
मुक्‍तिबोध
118. ‘हिंदी शब्‍दानुशासन’ के लेखक हैं-
हेमचंद्र
कामता प्रसाद गुरु
धीरेन्‍द्र वर्मा
किशोरीदास वाजपेयी
‘हिंदी शब्‍दानुशासन’ के लेखक किशोरीदास वाजपेयी हैं।
119. हिंदी में दलित साहित्‍य की पहली आत्‍मकथा किसने लिखी?
ओम प्रकाश वाल्‍मीकि ने
हिंदी में दलित साहित्‍य की पहली आत्‍मकथा ओम प्रकाश वाल्‍मीकि ने लिखी है।
मोहनदास नैमिसराय ने
कौसल्‍या बैसन्‍त्री ने
सूरल पाल ने

120. सूची-I के समूहों का मिलान सूची- II से कीजिए और दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
(a) क्‍या भूलूँ क्‍या याद करूँ – (i) विष्‍णु प्रभाकर
(b) रसीदी टिकिट – (ii) अमृता प्रीतम
(c) आवारा मसीहा – (iii) अमृत राय
(d) कलम का सिपाही- (iv) हरिवंश राय बच्‍चन
कूट:(a), (b), (c), (d)
(i), (iv), (iii), (ii)
(iii), (ii), (i), (iv)
(iv), (ii), (i), (iii)
(ii), (iv), (iii), (i)
121. सूची-I के समूहों का मिलान सूची- II से कीजिए और दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
(a) अरी ओ करुणा प्रभामय – (i) मुक्‍तिबोध
(b) धूप के धान – (ii) अज्ञेय
(c) खुशबू के शिलालेख – (iii) गिरिजा कुमार माथुर
(d) चाँद का मुँह टेढ़ा है – (iv) भवानी प्रसाद मिश्र
कूट:(a), (b), (c), (d)
(i), (iv), (iii), (ii)
(ii), (iii), (iv), (i)
(ii), (iv), (i), (iii)
(iv), (i), (iii), (ii)
122. सूची-I के समूहों का मिलान सूची- II से कीजिए और दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
(a) मानस के हंस – (i) भगवतीचरण वर्मा
(b) झूठा सच – (ii) अमृतलाल नागर
(c) टेढ़े मेढ़े रास्‍ते – (iii) यशपाल
(d) मरी हुई मछली – (iv) राजकमल चौधरी
कूट:(a), (b), (c), (d)
(iv), (ii), (i), (iii)
(iii), (iv), (ii), (i)
(ii), (iii), (i), (iv)
(ii), (i), (iii), (iv)
123. सूची-I के समूहों का मिलान सूची- II से कीजिए और दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
(a) कालिदास – (i) ॠतुसंहारम्
(b) भवभूति – (ii) दशकुमार चरितम्
(c) दण्‍डी – (iii) नैषधीय चरितम्
(d) बाणभट्ट – (iv) उत्तररामचरितम्
(e) श्री हर्ष – (v) कादम्बरी
कूट:(a), (b), (c), (d), (e)
(i), (iv), (ii), (v), (iii)
(ii), (iii), (iv), (v), (i)
(i), (iv), (iii), (ii), (v)
(iv), (i), (v), (iii), (ii)
124. सूची-I के समूहों का मिलान सूची- II से कीजिए और दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
(a) इत्‍यलम् – (i) धर्मवीर भारती
(b) ठंडा लोहा – (ii) अज्ञेय
(c) गीत फरोस – (iii) नरेश मेहता
(d) संशय की एक रात – (iv) भवानी प्रसाद मिश्र
कूट:(a), (b), (c), (d)
(ii), (iv), (iii), (i)
(iii), (iv), (i), (ii)
(iv), (ii), (iii), (i)
(ii), (i), (iv), (iii)
125. सूची-I के समूहों का मिलान सूची- II से कीजिए और दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
(a) लाल टीन की छत – (i) निर्मल वर्मा
(b) आपका बंटी – (ii) गिरिराज किशोर
(c) जुगंल वंदी – (iii) ऊषा प्रियंवदा
(d) पचपन खम्‍भे लाल दीवारें – (iv) मन्‍नू भण्‍डारी
कूट:(a), (b), (c), (d)
(i), (iv), (ii), (iii)
(i), (ii), (iv), (iii)
(iv), (ii), (i), (iii)
(iii), (i), (iv), (ii)

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2 COMMENTS

  1. Answer of question no. 43 and question no. 72 are wrong….
    Right answer. 43(3), and 72(4).
    _____Thank you..

    • धन्यवाद रजनीश जी, ठीक कर दिया है।

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