UP PGT Hindi Question Paper 2002

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यूपी पीजीटी हिंदी प्रश्न-पत्र

UP PGT Hindi 2002 का question paper सॉल्ब करें। TGT, PGT हिंदी की तैयारी कर रहे प्रतियोगी इन प्रश्नों को जरूर हल कर लें। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित पीजीटी हिंदी परीक्षा- 2002 के प्रश्न-पत्र को यहाँ दिया जा रहा है। up pgt hindi previous year question paper के अंतर्गत यह दूसरा पेपर है।

पीजीटी हिंदी- 2002

1. ‘अर्जुनस्‍य बचनं द्वयम्’ वाक्‍य में ‘अर्जुनस्‍य’ का कारक है:
करण
सम्प्रदान
संबंध
‘अर्जुनस्‍य’ में संबंध कारक का प्रयोग किया गया है।
इनमें से कोई नहीं
2. ‘रमणीयार्थप्रतिपादक: शब्‍द: काव्‍यम्’ के प्रवर्तक है:
दण्‍डी
पंडितराज जगन्‍नाथ
पंडितराज जगन्‍नाथ ने ‘रमणीयार्थप्रतिपादक: शब्‍द: काव्‍यम्’ की परिभाषा दी।
मम्‍मट
विश्‍वनाथ
3. ‘वीर रस’ का स्थायी भाव है:
स्फूर्ति
युद्ध
उत्‍साह
वीर रस का स्थायी भाव उत्साह होता है।
विरक्‍ति
4. ‘उत्तररामचरितम्’ के रचनाकार है:
बाल्मीकि
भारवि
श्री हर्ष
भवभूति
‘उत्तररामचरितम्’ के रचनाकार भवभूति हैं।
5. इनमें से कौन-सा शब्‍द शुद्ध है:
यानी
‘यानी’ शुद्ध रूप है। अन्य विकल्प अशुद्ध हैं।
वाल्मिकी
उज्‍वल
द्वंद
6. ‘मंगलसूत्र’ शीर्षक अधूरे उपन्‍यास के लेखक का नाम है:
मोहन राकेश
प्रेमचंद
‘मंगलसूत्र’ अधूरा उपन्‍यास प्रेमचंद द्वारा लिखा गया है।
शैलेश मटियानी
इनमें से कोई नहीं
7. ‘केशव कही न जाय का कहिए’- यह प्रसिद्ध पद किस काव्‍यकृति से उद्धृत है?
सूरसागर
सूर सारावली
कृष्‍ण गीतावली
विनय पत्रिका
यह प्रसिद्ध पद ‘विनय पत्रिका’ से उद्धृत है।
8. कवि धूमिल का पूरा नाम था:
गोरख पाण्‍डेय
सुधाकर पाण्‍डेय
सुदामा पाण्‍डेय
कवि धूमिल का पूरा नाम सुदामा पाण्‍डेय था।
इनमें से कोई नहीं
9. निम्न प्रसिद्ध दोहे के रचयिता हैं:
‘अमिय हलाहल मद भरे, स्‍वेत स्‍याम रतनार।
जियत मरत झुकि-झुकि परत, जिहिं चितवत इकबार॥’
बिहारी
भूषण
घनानंद
रसलीन
यह प्रसिद्ध दोहा रसलीन द्वारा रचित है।
10. ‘घुमक्‍कड़ शास्‍त्र’ नामक ग्रंथ के लेखक हैं:
नागार्जुन
मुक्‍तिबोध
विद्यानिवास मिश्र
राहुल सांकृत्‍यायन
‘घुमक्‍कड़ शास्‍त्र’ नामक ग्रंथ के लेखक राहुल सांकृत्‍यायन हैं।
11. यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ‘इ’ या ‘ई’ आए तो दोनों मिलकर ‘ए’ हो जाते हैं।
-यह स्‍वर संधि कहलाती है:
दीर्घ स्‍वर संधि
वृद्धि स्‍वर संधि
गुण स्‍वर संधि
‘अ’ या ‘आ’ के बाद ‘इ’ या ‘ई’ के आने से ‘ए’ बनने की प्रक्रिया गुण स्‍वर संधि कहलाती है।
अयादि स्‍वर संधि
12. ‘अनंत’ की सही संधि होगी:
अन् + अंत
‘अनंत’ की सही संधि ‘अन् + अंत’ होगी।
अन + अंत
अनन् + त
अनन + त्
13. जिस समास के पूर्व एवं उत्तर दोनों ही पद समान रूप से प्रधान हों, उसे कहते हैं:
तत्‍पुरूष समास
बहुब्रीहि समास
द्विगु समास
द्वन्‍द्व समास
जब समास के दोनों पद समान रूप से प्रधान होते हैं, तो उसे द्वन्‍द्व समास कहते हैं।
14. ‘सद्गति’ शब्‍द में समास होगा:
तत्‍पुरूष समास
‘सद्गति’ में तत्‍पुरूष समास है।
कर्मधारय समस
अव्‍ययीभाव समास
द्विगु समास
15. श्‍लेष अलंकार होता है:
शब्‍दालंकार
श्‍लेष अलंकार शब्‍दालंकार के अंतर्गत आता है।
अर्थालंकार
उभयालंकार
उपर्युक्‍त सबसे अलग
16. जब उपमेय में उपमान की संभावना प्रकट की जाय, तब होता है:
उपमा अलंकार
रूपक अलंकार
दीपक अलंकार
उत्‍प्रेक्षा अलंकार
जब उपमेय में उपमान की संभावना प्रकट की जाती है, तो यह उत्‍प्रेक्षा अलंकार कहलाता है।
17. मात्रा की दृष्‍टि से दोहा के ठीक विपरीत होता है:
रोला
छप्‍पय
चौपाई
सोरठा
मात्रा की दृष्टि से सोरठा दोहा के ठीक विपरीत होता है।
18. छप्‍पम में होते हैं:
प्रथम दो चरण रोला के और अंतिम चार चरण उल्‍लाला के
प्रथम चार चरण रोला के और अंतिम दो चरण उल्‍लाला के
छप्‍पम में पहले चार चरण रोला के और अंतिम दो चरण उल्‍लाला के होते हैं।
प्रथम चार चरण चौपाई के और अंतिम दो चरण दोहा के
उपर्युक्‍त में से कोई नहीं
19. भरत के रस-सूत्र के व्‍याख्‍याता आचार्य शंकुक का सिद्धांत कहलाता है:
उत्‍पत्तिवाद
अभिव्‍‍यंजनावाद
अनुमितिवाद
आचार्य शंकुक का सिद्धांत अनुमितिवाद कहलाता है।
भुक्‍ति‍वाद
20. ‘काव्‍य प्रकाश’ नामक ग्रंथ के प्रणेता हैं:
रूद्रट
भामह
विश्‍वनाथ
मम्‍मट
‘काव्‍य प्रकाश’ नामक ग्रंथ के प्रणेता मम्‍मट हैं।
21. निम्‍नलिखित शब्‍दों में से शुद्ध शब्‍द है:
जीजीविषा
जिजीविषा
‘जिजीविषा’ शुद्ध शब्‍द है, जिसका अर्थ है जीवन की कामना।
जीजिविषा
जिजिविषा
22. निम्‍नलिखित बोलियों में से ‘पूर्वी हिंदी’ की बोली नहीं हैं:
भोजपुरी
भोजपुरी बिहारी हिंदी की बोली है।
अवधी
छत्तीसगढ़ी
बघेली
23. निम्‍नलिखित युग्‍मों में से कौन-सा युग्‍म गलत है?
अवधी- पूर्वी हिंदी
ब्रजभाषा- पश्‍चिमी हिंदी
भोजपुरी- पूर्वी हिंदी
भोजपुरी बिहारी उपभाषा की बोली है।
खड़ी बोली- पश्‍चिमी हिंदी
24. बौद्ध धर्म से जुड़े हुए साहित्‍य की भाषा है:
लौकिक संस्‍कृत
वैदिक संस्‍कृत
प्राकृत
पालि
बौद्ध धर्म से जुड़े हुए साहित्य की भाषा पालि है।
25. खड़ी बोली हिंदी की उत्पत्ति हुई है:
मागधी अपभ्रंश से
अर्धमागधी अपभ्रंश से
शौरसेनी अपभ्रंश से
खड़ी बोली हिंदी की उत्पत्ति शौरसेनी अपभ्रंश से हुई है।
पैशाची अपभ्रंश से
26. हिंदी के स्‍पर्श व्‍यंजन के पाँचों वर्गों के दूसरे और चौथे वर्ण होते हैं:
अल्‍पप्राण व्‍यंजन
महाप्राण व्‍यंजन
हिंदी के स्‍पर्श व्‍यंजन के पाँचों वर्गों में दूसरे और चौथे वर्ण महाप्राण व्‍यंजन होते हैं।
घोष व्‍यंजन
अघोष व्‍यंजन
27. ‘काँच’ का पर्यायवाची शब्‍द है:
शीशा
‘काँच’ का पर्यायवाची शब्‍द ‘शीशा’ है।
सीसा
शिपा
शिसा
28. ‘खेत रहना’ मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है:
संपत्ति का बचा रह जाना
इज्‍जत बच जाना
वीरगति को प्राप्‍त हो जाना
‘खेत रहना’ मुहावरे का शाब्दिक अर्थ वीरगति को प्राप्त हो जाना होता है।
शत्रु से मुकाबला होना
29. निम्‍नलिखित में से किस मुहावरे का अर्थ ‘असंभव होना’ नहीं होगा:
चाँद पर थूकना
‘चाँद पर थूकना’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी महान या गुणवान व्यक्ति पर व्यर्थ का दोषारोपण करना या उसकी आलोचना करना। इससे आलोचना करने वाला स्वयं अपमानित होता है।
खरगोश के सींग निकलना
पानी से घी निकलना
बालू से तेल निकलना
30. उद्गम की दृ‍ष्‍टि से ‘अमीर’ है:
देशज शब्‍द
विदेशज शब्‍द
‘अमीर’ शब्द विदेशज है, जो अरबी से हिंदी में आया है।
तत्‍सम शब्‍द
तद्भव शब्‍द
31. निम्‍नलिखित काव्‍य-संकलनों में से किसके कवि अरुण कमल है?
अपनी केवल धार
अरुण कमल का काव्‍य-संकलन ‘अपनी केवल धार’ है।
चाँद का मुँह टेढ़ा है
मगध
सागर मुद्रा
32. ‘वारेन हेस्टिंग्‍स का सांढ़’ शीर्षक कहानी के लेखक हैं:
स्‍वयं प्रकाश
अरूण प्रकाश
उदय प्रकाश
‘वारेन हेस्टिंग्‍स का सांढ़’ कहानी के लेखक उदय प्रकाश हैं।
इनमें से कोई नहीं
33. वर्तनी की दृष्‍टि से इनमें अशुद्ध शब्‍द है:
यानी
यानि
‘यानि’ वर्तनी की दृष्‍टि से अशुद्ध है।
सूची
शुष्‍क
34. वर्तनी की दृष्‍टि से निम्‍नलिखित में शुद्ध शब्‍द है:
उपर्युक्‍त
‘उपर्युक्‍त’ वर्तनी का सही रूप है।
ऊपरर्युक्‍त
उपरियुक्‍त
ऊपरोक्‍त
35. ‘स़द्य: स्‍नाता’ शब्‍द निम्‍नलिखित में से किस वाक्‍यांश पर लागू होता है?
जो सदा स्‍नान करती हो
जो सदा नत बनी रहती हो
जिसने अभी-अभी स्‍नान किया हो
‘स़द्य: स्‍नाता’ का अर्थ है, जिसने अभी-अभी स्‍नान किया हो।
इनमें से कोई नहीं
36. ‘तिमिर’ का शुद्ध विलोम शब्‍द होगा:
अंध
निशा
दिवा
आलोक
‘तिमिर’ (अंधकार) का शुद्ध विलोम ‘आलोक’ (प्रकाश) होता है।
37. निम्‍नलिखित में से कौन-सा शब्‍द कमल का पर्यायवाची नहीं है?
जलद्
‘जलद्’ (बादल) कमल का पर्यायवाची नहीं है।
सरोज
पंकज
जलजात
38. निम्‍नलिखित में से कौन-सा शब्‍द पुल्लिंग है?
व्‍यय
‘व्‍यय’ पुल्लिंग शब्‍द है।
आय
नहर
लहर
39. कवि का स्‍त्रीलिंग होगा:
कवयित्री
‘कवि’ का स्‍त्रीलिंग रूप ‘कवयित्री’ है।
कवियत्री
कवियित्री
कवियत्रि
40. इनमें कौन-सा वाक्‍य शुद्ध है?
सीता ने यह कहा
‘सीता ने यह कहा’ वाक्‍य शुद्ध है।
सीता ने यह कही
सीता यह कही
सीता यह कहा
41. इनमें से किस ग्रंथ के लेखक रामविलास शर्मा है?
भारत में अग्रेजी राज और मार्क्‍सवाद
‘भारत में अग्रेजी राज और मार्क्‍सवाद’ ग्रंथ के लेखक रामविलास शर्मा हैं।
हिंदी साहित्‍य की भूमिका
निराला: आत्‍महंता आस्‍था
मध्‍यकालीन बोध का स्‍वरूप
UP PGT Hindi Question Paper 2021

42. ‘दूसरी परम्‍परा की खोज’ के लेखक है?
रामविलास शर्मा
शिवदास सिंह चौहान
नामवर सिंह
‘दूसरी परम्‍परा की खोज’ के लेखक नामवर सिंह हैं।
देवीशंकर अवस्‍थी
43. इनमें से कौन ललित निबंधकार नहीं है?
रामचंद्र शुक्‍ल
रामचंद्र शुक्‍ल ललित निबंधकार नहीं थे।
हजारी प्रसाद द्विवेद्वी
कुबेरनाथ राय
विद्यानीवास मिश्र
44. ‘बसंत आ गया, कोई उत्‍कण्‍ठा नहीं’ शीर्षक निबंध के लेखक का नाम है?
विद्यानीवास मिश्र
‘बसंत आ गया, कोई उत्‍कण्‍ठा नहीं’ निबंध के लेखक विद्यानीवास मिश्र हैं।
बालमुकुंद गुप्‍त
प्रताप नारायण मिश्र
इनमें से कोई नहीं
45. ‘हंस’ पत्रिका के संस्‍थापक का नाम है-
प्रेमचंद
‘हंस’ (1930 ई., बनारस) पत्रिका के संस्‍थापक प्रेमचंद थे।
राजेंद्र यादव
जयशंकर प्रसाद
मार्कण्‍डेय
46. ‘तार सप्‍तक’ का प्रकाशन-वर्ष है:
सन् 1936 ई.
सन् 1943 ई.
‘तार सप्‍तक’ का प्रकाशन सन् 1943 ई. में हुआ था।
सन् 1951 ई.
सन् 1959 ई.
47. ‘हरी घास पर क्षण भर’ शीर्षक काव्‍य संकलन के रचयिता है?
दिनकर
निराला
अज्ञेय
‘हरी घास पर क्षण भर’ शीर्षक काव्‍य संकलन के रचयिता अज्ञेय हैं।
इनमें से कोई नहीं
48. ‘आवारा मसीहा’ के लेखक हैं?
विष्‍णु प्रभाकर
‘आवारा मसीहा’ के लेखक विष्‍णु प्रभाकर हैं।
श्रीलाल शुक्‍ल
रमेश कुंतल मेघ
रमेश चंद्र शाह
49. निम्‍नलिखित में से किस लंबी कविता के रचयिता मुक्‍तिबोध हैं?
पेशोला की प्रतिध्‍वनि
अंधेरे में
‘अंधेरे में’ लंबी कविता के रचयिता मुक्‍तिबोध हैं।
राम की शक्‍ति पूजा
असाध्‍य वीणा
50. जयशंकर प्रसाद के अधूरे उपन्यास का नाम है?
इरावती
जयशंकर प्रसाद का अधूरा उपन्‍यास ‘इरावती’ है।
मंगलसूत्र
तितली
कंकाल
51. ‘बामन दास’ इनमें से किस उपन्यास का पात्र है-
मैला आंचल
‘बामन दास’ पात्र ‘मैला आंचल’ उपन्यास का है।
गोदान
परती परिकथा
बलचनमा
52. ‘तीसरी कसम’ फिल्‍म किस लेखक की कहानी पर बनाई गई थी?
फणीश्‍वर नाथ रेणु
‘तीसरी कसम’ फिल्म फणीश्‍वर नाथ रेणु की कहानी पर आधारित थी।
प्रेमचंद
चंद्रधर शर्मा
जैनेंद्र कुमार
53. ‘भारत मित्र’ पत्र प्रकाशित होता था:
कलकत्ता से
‘भारत मित्र’ पत्र का प्रकाशन कलकत्ता से हुआ था।
पटना से
कानपुर से
दिल्‍ली से
54. राजेंद्र यादव एवं मन्‍नू भंडारी द्वारा संयुक्‍त रूप से लिखा गया उपन्‍यास है:
एक इंच मुस्‍कान
‘एक इंच मुस्‍कान’ राजेंद्र यादव एवं मन्‍नू भंडारी द्वारा संयुक्‍त रूप से लिखा गया उपन्‍यास है।
सारा आकाश
आपका बंटी
मुर्दा सराय
55. ‘क्‍या भूलूँ, क्‍या याद करूँ’ किसकी आत्मकथा है?
हरिवंश राय ‘बच्‍चन’
‘क्‍या भूलूँ, क्‍या याद करूँ’ हरिवंश राय ‘बच्‍चन’ की आत्मकथा है।
कुबेर नाथ राय
महादेवी वर्मा
शिव प्रसाद सिंह
56. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को किस कृति पर ‘ज्ञानपीठ पुरस्‍कार’ प्राप्‍त हुआ था?
उर्वशी
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को ‘उर्वशी’ कृति पर ‘ज्ञानपीठ पुरस्‍कार’ प्राप्त हुआ था।
कुरूक्षेत्र
सामधेनी
हुंकार
57. ‘अरविंद दर्शन’ से प्रभावित हिंदी के कवि हैं:
सुमित्रानंदन पंत
‘अरविंद दर्शन’ से प्रभावित हिंदी के कवि सुमित्रानंदन पंत हैं।
जयशंकर प्रसाद
निराला
मैथिलीशरण गुप्‍त
58. इनमें से कौन-सा उपन्‍यास राही मासूम रजा द्वारा लिखित है?
आधा गाँव
‘आधा गाँव’ उपन्‍यास राही मासूम रजा द्वारा लिखित है।
नूतन ब्रह्मचारी
काला जल
पुनर्नवा
59. ‘बाणभट्ट की आत्‍मकथा’ है:
एक उपन्‍यास
‘बाणभट्ट की आत्‍मकथा’ हजारी प्रसाद द्विवेदी का उपन्‍यास है।
एक नाटक
एक आत्‍मकथा
एक जीवनी
60. ‘चंद्रावली’ नाटिका के लेखक हैं:
भारतेंदु
‘चंद्रावली’ नाटिका के लेखक भारतेंदु हैं।
लक्ष्‍मीनारायण मिश्र
लक्ष्‍मीनारायण लाल
इनमें से कोई नहीं
61. ‘कवि वचन सुधा’ थी-
एक पत्रिका
‘कवि वचन सुधा’ एक साहित्यिक पत्रिका थी जिसके संपादक भारतेंदु थे।
एक कविता प्रतियोगिता
एक नाटक प्रतियोगिता
एक साहित्यिक संस्था
62. महावीर प्रसाद द्विवेदी ने ‘सरस्‍वती’ पत्रिका का संपादन शुरू किया:
सन् 1903 से
महावीर प्रसाद द्विवेदी ने ‘सरस्‍वती’ पत्रिका का संपादन 1903 से शुरू किया।
सन् 1900 से
सन् 1901 से
सन् 1914 से
63. अष्‍टछाप के संस्‍थापक थे:
बिट्ठलनाथ
अष्‍टछाप के संस्‍थापक बिट्ठलनाथ थे।
रामानंद
बल्‍लभाचार्य
रामानुज
64. ‘एक भारतीय आत्‍मा’ निम्‍न में से कवि का उपनाम था?
नागार्जुन
माखनलाल चतुर्वेदी
‘एक भारतीय आत्‍मा’ माखनलाल चतुर्वेदी का उपनाम था।
सुमित्रानंदन पंत
इनमें से किसी का भी नहीं
65. प्रेमचंद की अंतिम कहानी थी:
ईदगाह
कफन
प्रेमचंद की अंतिम कहानी ‘कफन’ थी।
ठाकुर का कुआँ
बड़े घर की बेटी
66. आधुनिक काल किस काव्‍यधारा में ‘रहस्यवाद’ की भावना पाई जाती है?
द्विवेदी युग
छायावाद
आधुनिक काल में ‘रहस्यवाद’ की भावना छायावाद काव्‍यधारा में पाई जाती है।
प्रगतिवाद
प्रयोगवाद
67. ‘ज्ञानपीठ पुरस्‍कार’ से सम्‍मानित नहीं किए गए कवि हैं:
रामधारी सिंह ‘दिनकर’
सुमित्रानंदन पंत
जयशंकर प्रसाद
‘ज्ञानपीठ पुरस्‍कार’ से सम्‍मानित नहीं किए गए कवि जयशंकर प्रसाद हैं।
नरेश मेहता
68. ‘रामचरितमानस’ नामक महाकाव्‍य की रचना-शैली है-
दोहा-चौपाई शैली
‘रामचरितमानस’ की रचना-शैली दोहा-चौपाई शैली है।
बरवै शैली
मसनबी शैली
उपर्युक्‍त सभी
69. बिहारी रीतिकाल की किस काव्‍‍यधारा के कवि हैं?
रीतिबद्ध
रीतिसिद्ध
बिहारी रीतिकाल के रीतिसिद्ध काव्‍यधारा के कवि हैं।
रीतिमुक्‍त
इनमें से कोई नहीं
70. भूषण दो राजाओं के दरबारी कवि थे। इनमे से पहले थे शिवाजी, दूसरे थे:
महाराणा प्रताप
राणा सांगा
छत्रसाल
भूषण के दरबारी राजा शिवाजी थे, और दूसरे राजा छत्रसाल थे।
शम्‍भाजी
71. ‘कृष्‍ण गीतावली’ नामक काव्‍य-ग्रंथ के रचयिता हैं:
तुलसीदास
‘कृष्‍ण गीतावली’ काव्‍य-ग्रंथ के रचयिता तुलसीदास हैं।
केशवदास
सूरदास
रैदास
72. अवधी एवं ब्रजभाषा दोनों में रचना करने वाले कवि हैं:
सूरदास
घनानंद
तुलसीदास
तुलसीदास ने अवधी और ब्रजभाषा दोनों में रचनाएँ कीं।
उपर्युक्‍त सभी
73. कालक्रम की दृष्‍टि से इनमें सबसे पुराने कवि हैं:
तुलसीदास
सूरदास
बिहारी
विद्यापति
कालक्रम की दृष्‍टि से विद्यापति सबसे पुराने कवि हैं।
74. इनमें से किस की प्रेमिका का नाम ‘सुजान’ था?
रसखान
बिहारी
घनानंद
घनानंद की प्रेमिका का नाम सुजान था।
आलम
75. ‘इन मुसलमान हरिजनन पै कोटिन हिंदू बारिए’ लिखने वाले कवि हैं:
अमीर खुसरो
जायसी
आलम
भारतेंदु हरिशचंद्र
यह पंक्ति भारतेंदु हरिशचंद्र द्वारा लिखी गई थी।
76. ‘द्विवेदी युग’ नामकरण किसके नाम के आधार पर किया गया है?
हजारी प्रसाद द्विवेदी
शांतिप्रिय
महावीर प्रसाद द्विवेदी
‘द्विवेदी युग’ का नाम महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम पर रखा गया है।
मन्‍नन द्विवेदी
77. हिंदी साहित्‍य का इतिहास लिखने वाले प्रथम लेखक का नाम है:
रामचंद्र शुक्‍ल
गार्सा-द-तासी
हिंदी साहित्‍य का इतिहास लिखने वाले पहले लेखक गार्सा-द-तासी थे।
शिवसिं‍ह सेंगर
मिश्रबंधु
78. ‘‘इस्‍तवार-द-ला लितरेत्‍युर एंदुई एंदुस्‍तानी’’ नामक हिंदी साहित्‍य के इतिहास-ग्रंथ के लेखक का नाम है:
गार्सा-द-तासी
यह हिंदी साहित्‍य का इतिहास ग्रंथ गार्सा-द-तासी द्वारा लिखा गया था।
जार्ज ग्रियर्सन
शेक्‍सपियर
विलियम वर्डसवर्थ
79. आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल के अनुसार हिंदी साहित्‍य के आदिकाल की समय सीमा है:
वि.सं. 1050 से वि.सं. 1375
आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल के अनुसार हिंदी साहित्‍य के आदिकाल की समय सीमा वि.सं. 1050 से वि.सं. 1375 तक है।
सन् 1050 से सन् 1375 तक
वि.सं. 1375 से वि.सं. 1700 तक
इनमें से कोई नहीं
80. ‘आल्‍ह खण्‍ड’ नामक काव्‍य-ग्रंथ का दूसरा नाम है:
खुमाण रासो
विजयपाल रासो
हम्मीर रासो
परमाल रासो
‘आल्‍ह खण्‍ड’ काव्‍य-ग्रंथ का दूसरा नाम परमाल रासो है।
81. निर्गुण ज्ञानाश्रयी शाखा का दूसरा नाम है-
राम भक्‍ति शाखा
कृष्‍ण भक्‍ति शाखा
संत साहित्‍य
निर्गुण ज्ञानाश्रयी शाखा का दूसरा नाम संत साहित्‍य है।
सूफी साहित्‍य
82. निम्‍नलिखित में से अष्‍टछाप के कवि नहीं हैं-
सूरदास
मलूकदास
मलूकदास अष्‍टछाप के कवि नहीं थे।
नंददास
छीतस्‍वामी
83. खड़ी बोली में सबसे पहले काव्‍य-सृजन करने वाले कवि हैं:
अमीर खुसरो
खड़ी बोली में सबसे पहले काव्‍य-सृजन करने वाले कवि अमीर खुसरो थे।
सूरदास
तुलसीदास
इनमें से कोई नहीं

84. सूची-I एवं सूची- II को –सुमेलित कीजिए ओर नीचे दिए गए कूटों में से सही विकल्‍प चुनिए:
(a) बाणभट्ट की आत्‍मकथा – (i) अज्ञेय
(b) शेखर: एक जीवनी – (ii) मोहन राकेश
(c) आधे-अधूरे – (iii) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(d) संस्‍कृति के चार अध्‍याय – (iv) हजारी प्रसाद द्विवेद्वी
कूट: (a), (b), (c), (d)
(i), (ii), (ii), (iv)
(ii), (iii), (iv), (i)
(iii), (iv), (i), (ii)
(iv), (i), (ii), (iii)
85. सूची-I एवं सूची- II को –सुमेलित कीजिए ओर नीचे दिए गए कूटों में से सही विकल्‍प चुनिए:
(a)आदि काल – (i) आलम
(ब) भक्‍ति काल – (ii) भारतेंदु हरिश्‍चंद्र
(c) रीति काल – (iii) अमीर खुसरो
(d) आधुनिक काल – (iv) जायसी
कूट:(a), (b), (c), (d)
(i), (ii), (iii), (iv)
(ii), (i), (iv), (iii)
(iii), (iv), (i), (ii)
(iv), (iii), (ii), (i)
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