UP TGT Hindi 2004/1 के question paper को यहाँ दिया जा रहा है। यह परीक्षा 30 जनवरी 2005 को हुई थी लेकिन कुछ कारणों से इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था। TGT, PGT Hindi की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों को इसे एक बार जरूर देखना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज (UPSESSB) द्वारा आयोजित TGT Hindi 2004 के question paper को हल कर आप अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। up tgt hindi previous year question paper के अंतर्गत यह चौथा प्रश्न-पत्र है।
टीजीटी हिंदी- 2004/1
प्रश्नों 1 से 5 के लिए निर्देश:
इन प्रश्नों में एक मुहावरा दिया गया है जिसके नीचे चार विकल्पों में उसके अर्थ दिए गए हैं। एक अर्थ सही है और यही सही विकल्प है। सही विकल्प चुनिए।
1. आँख के अंधे, गाँठ के पूरे-
- धनी परन्तु मूर्ख
- गरीब किन्तु अक्लमन्द
- धनी परन्तु अक्लमन्द
- गरीब परन्तु मूर्ख
Ans (1): ‘आँख के अंधे, गाँठ के पूरे’ मुहावरे का अर्थ है- धनी परन्तु मूर्ख।
2. गागर में सागर भरना-
- संक्षिप्त बात को विस्तृत रूप में कहना
- संक्षिप्त बात को संक्षेप में कहना
- विस्तृत बात को संक्षेप में कहना
- विस्तृत बात को विस्तृत रूप में कहना
Ans (3): ‘गागर में सागर भरना’ मुहावरे का अर्थ है-विस्तृत बात को संक्षेप में कहना।
3. चोर के पैर नहीं होते-
- पापी का मन स्थिर होता है
- पापी का मन अस्थिर होता है
- पवित्र व्यक्ति का मन अस्थिर होता है
- गरीब का मन अस्थिर होता है
Ans (2): ‘चोर के पैर नहीं होते’ मुहावरे का अर्थ है- पापी का मन अस्थिर होता है।
4. पेट भरे मन-मोदक से कब-
- पुरुषार्थ से किसी काम में सफलता न मिलना
- सच्चाई व ईमनदारी से किसी काम में सफलता मिलना
- केवल भगवान के नाम लेने से किसी काम में सफलता न मिलना
- केवल सोचते रहने से किसी काम में सफलता न मिलना
Ans (4): ‘पेट भरे मन-मोदक से कब’मुहावरे का अर्थ है- केवल सोचते रहने से किसी काम में सफलता न मिलना।
5. अरहर की ट्टटी गुजराती ताला-
- बड़ी वस्तु के लिये अधिक व्यय करना
- बड़ी वस्तु के लिए कम व्यय करना
- छोटी वस्तु के लिये अधिक व्यय करना
- छोटी वस्तु के लिये कम व्यय करना
Ans (3): ‘अरहर की ट्टटी गुजराती ताला’ मुहावरे का अर्थ- छोटी वस्तु के लिये अधिक व्यय करना।
प्रश्न 6 से 10 के लिये निर्देश:
इन प्रश्नों में एक वाक्य दिया गया है जिसमें त्रुटि है। इसके नीचे चार विकल्प दिये गये हैं, जिसमें एक सही है। सही विकल्प चुनिये।
6. जो मिठाइयाँ पसन्द हों आप खा लो।
- जो मिठाई पसन्द हों आप खा लो
- जो मिठाई पसन्द हों तुम खा लो
- जो मिठाइयाँ पसन्द हों तुम खा लो
- जो मिठाइयाँ पसन्द हों उन्हें आप खाइये✅
7. हम बचपन में वहाँ जाता रहा।
- हम बचपन में वहाँ जायेंगे
- हम बचपन में वहाँ जाते रहे हैं
- मैं बचपन में वहाँ जाता रहा✅
- मैं बचपन में वहाँ जाऊँगा
8. प्रत्येक व्यक्ति कविता नहीं कर सकते।
- प्रत्येक व्यक्ति कविता कर सकते हैं
- प्रत्येक व्यक्ति कविता नहीं कर सकते हैं
- प्रत्येक व्यक्ति कविता नहीं कर सकता✅
- हर व्यक्ति कविता कर सकते हैं
9. हेम नरेश को पुस्तक दिया।
- हेम नरेश की पुस्तक दी
- हेम ने नरेश को पुस्तक दी✅
- हेम नरेश का पुस्तक देगा
- हेम ने नरेश का पुस्तक दिया
10. मन्त्री ड्राइवर को कार चलवाता है।
- मन्त्री ड्राइवर से कार चलवाता है✅
- मन्त्री ड्राइवर की कार चलवाता है
- मन्त्री ड्राइवर के लिये कार चलवाता है
- मन्त्री ड्राइवर पर कार चलवाता है
प्रश्न 11 से 15 के लिये निर्देश:
प्रत्येक प्रश्न में एक वाक्य दिया गया है, जो चार भागों मे विभाजित है। प्रत्येक वाक्य को पढ़कर यह पता लगाने का प्रयास करें कि इसके किसी भाग में भाषा, व्याकरण, वाक्य रचना या शब्दों के गलत प्रयोग का कोई दोष है या नहीं यदि है तो वह वाक्य के किसी एक भाग में होगा। उस भाग का आपका उतर केवल नीचे लिये A, B, C, D से ही होगा।
11.
वीर सैनिक कहते हैं/ | कि हम विद्रोही शत्रु/ | का नाश करेंगे/ | कोई त्रुटि नहीं |
(1) | (2)✅ | (3) | (4) |
Ans (2): ‘विद्रोही’ और ‘शत्रु’ में से कोई एक शब्द ही प्रयुक्त होगा।
12.
सच्चा मित्र है/ | जो आपत्ति के समय/ | सहायता करें/ | कोई त्रुटि नहीं |
(1) | (2) | (3)✅ | (4) |
Ans (3): ‘सहायता करें’ की जगह ‘सहायता करे’ होगा।
13.
तुम अपना कर्त्तव्य/ | अच्छी तरह निभाएँ/ | अन्यथा आपके मित्रों को हार्दिक दुख होगा/ | कोई त्रुटि नहीं |
(1)✅ | (2) | (3) | (4) |
Ans (1): ‘तुम अपना कर्त्तव्य’ की जगह ‘आप अपना कर्त्तव्य’ होगा।
14.
हेम और नरेश/ | बालकों को भली भाँति/ | पढ़ाते हैं/ | कोई त्रुटि नहीं |
(1) | (2)✅ | (3) | (4) |
15.
प्रात: उठना लाभदायक है/ | और जल्दी सो जाना भी/ | अच्छी आदत है/ | कोई त्रुटि नहीं |
(1) | (2)✅ | (3) | (4) |
प्रश्न 16 से 20 के लिये निर्देश:
इन प्रश्नों में प्रत्येक में चार शब्द दिये गये हैं जिनमें से तीन अनेकार्थक शब्द की श्रेणी में आते हैं। जो शब्द इस श्रेणी में नहीं आता है, वही आपका उत्तर है।
16.
- अम्बर
- वस्त्र
- आकाश
- किरण
Ans (4): अम्बर, वस्त्र और आकाश अनेकार्थक शब्द हैं।
17.
- मधु
- दूध
- शहद
- शराब
Ans (2): मधु, शहद और शराब अनेकार्थक शब्द हैं।
18.
- इन्द्र
- सिंह
- ब्राह्मण
- सूर्य
Ans (3): इंद्र, सिंह और सूर्यअनेकार्थक शब्द हैं।
19.
- राजा
- बल
- शक्ति
- सेना
Ans (1): बल, शक्ति और सेना अनेकार्थक शब्द हैं।
20.
- तात
- पूज्य
- पिता
- मोती
Ans (4): तात, पूज्य और पिता अनेकार्थक शब्द हैं।
प्रश्न 21 से 25 के लिये निर्देश:
इन प्रश्नों में लोकोक्तियों को, सही विकल्प चुनकर पूर्ण कीजिये।
21. घर आया………..भी नहीं निकाला जाता।
- मेहमान
- कुत्ता
- रिश्तेदार
- ब्राह्मण
Ans (2): घर आया कुत्ता भी नहीं निकाला जाता।
22. धोये जो सौ वार तो …………. होये ना सेत।
- कपड़ा
- आदमी
- काजर
- गन्दा
Ans (1): धोये जो सौ वार तो कपड़ा होये ना सेत।
23. ज्यों ज्यों भीजे ………… त्यों त्यों भारी होय।
- कामरी
- कमली
- उधारी
- कर्जा
Ans (1): ज्यों ज्यों भीजे कामरी त्यों त्यों भारी होय।
24. ……………… के मुँह में हाथ डालना
- कुत्ते
- बकरी
- शेर
- गींदड़
Ans (3): शेर के मुँह में हाथ डालना।
25. दान की बछिया के …………. नहीं देखे जाते
- कान
- मुँह
- आँख
- दाँत
Ans (4): दान की बछिया के दाँत नहीं देखे जाते।
26. किस रस का संचारी भाव उग्रता, गर्व, हर्ष आदि है?
- श्रृंगार
- वीर✅
- वात्सल्य
- रौद्र
27. “राग है कि, रूप है कि
रस है कि, जस है कि
तन है कि, मन है कि
प्राण है कि, प्यारी है”
उपरोक्त पंक्तियों में रस है-
- श्रृंगार
- वात्सल्य
- अद्भुत✅
- शान्त
28. किस रस का संचारी उद्दीपन विभाव बादल की घटाएँ, कोयल का बोलना, बसंत ॠतु आदि होते हैं?
- श्रृंगार✅
- वात्सल्य
- अद्भुत
- शान्त
29. ‘सोहत कर नवनीत लिये
घुटुकन चलत रेनु तन मंडित
मुख दधि लेप किये।’
उपरोक्त पंक्तियों में रस है-
- श्रृंगार
- रौद्र
- शान्त
- वात्सल्य✅
30. ‘पराधीन जो जन, नहीं स्वर्ग नरक ता हेतु।’
पराधीन जो जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेतु।।’
उपरोक्त पंक्तियों में अलंकार है-
- अनुप्रास✅
- यमक
- श्लेष
- उपमा
Ans (1): उपरोक्त पंक्तियों में लटानुप्रास अलंकार है।
31. जहाँ शब्दों, शब्दांशों या वाक्यांशों की आवृति हो, किंतु उनके अर्थ भिन्न हों वहाँ निम्न अलंकार होता है-
- श्लेष
- वक्रोक्ति
- यमक✅
- रूपक
32. ‘मुख रूपी चाँद पर राहु भी धोखा खा गया’ पंक्तियों में अलंकार है-
- श्लेष
- वक्रोक्ति
- उपमा
- रूपक✅
33. जहाँ किसी वस्तु का लोक-सीमा से इतना बढ़ कर वर्णन किया जाए कि वह असम्भव की सीमा तक पहुँच जाए, वहाँ अलंकार होता है-
- अतिशयोक्ति
- विरोधाभास
- अत्युक्ति✅
- उत्प्रेक्षा
34. मात्रिक अर्द्धसम जाति का छंद है-
- रोला
- दोहा✅
- चौपाई
- कुण्डलिया
35. चौपाई के प्रत्येक चरण में मात्राएँ होती हैं-
- 11
- 13
- 16✅
- 15
36. भगवद्गीता का संधि विच्छेद है-
- भगवद् + गीता
- भग + वद् + गीता
- भगवत् + गीता✅
- भग + वद्गीता
37. मनोरम का संधि विच्छेद है-
- मन + ओरम
- मन + रम
- मनो + रम
- मन: + रम✅
38. ‘बड़े भाई ना करें, बड़े न बौले बोल।’
रहिमन हीरा कब कहै, लाख टके का मोल।।’
रहीम द्वारा लिखित इन पंक्तियों में ‘बड़े’ शब्द का प्रयोग जिस रूप में हुआ है, वह है-
- विशेषण
- संज्ञा✅
- सर्वनाम
- क्रिया विशेषण
39. ‘यह काम मैं आप कर लूँगा’ पंक्तियों में ‘आप’ है-
- संबंधवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम✅
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- पुरुषवाचक सर्वनाम
40. निम्नलिखित में से कौन-सा स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होता है-
- ॠतु✅
- पण्डित
- हंस
- आचार्य
41. बिहारी निम्न में से किस काल के कवि थे?
- वीर गाथा काल
- भक्ति काल
- रीति काल✅
- आधुनिक काल
42. भक्ति काल की रामाश्रयी शाखा के निम्न में से कौन से कवि हैं?
- सूरदास
- मीराबाई
- जायसी
- तुलसीदास✅
43. हिंदी भाषा की बोलियों के वर्गीकरण के आधार पर छत्तीसगढ़ी बोली है-
- पूर्वी हिंदी✅
- पश्चिमी हिंदी
- पहाड़ी हिंदी
- राजस्थानी हिंदी
44. ‘नमक का दारोगा’ कहानी के लेखक है-
- जयशंकर प्रसाद
- प्रेमचंद✅
- गुलाब राय
- रामचंद्र शुक्ल
45. उपन्यास और कहानी का मूल अंतर है, उसका-
- आकार-प्रकार
- विषय निरूपण✅
- घटना का चयन
- पात्रों की विविधता
46. श्रृंगार रस का स्थायी भाव है-
- रति✅
- हास
- शोक
- निर्वेद
47. प्रेमचंद्र का एक सशक्त उपन्यास ‘गोदान’ है-
- राजनैतिक
- धार्मिक
- सामाजिक✅
- ऐतिहासिक
48. सूरदास किस काल के कवि थे?
- रीति काल
- भक्ति काल✅
- आधुनिक काल
- उपरोक्त में से कोई नहीं
49. ‘वियोगी हरि’ जी का पूर्ण नाम था-
- श्री राम प्रसाद द्विवेदी
- श्री हरिहर प्रसाद द्विवेदी✅
- श्री हरि द्विवेदी
- श्री गिरधर द्विवेदी
50. अवधी भाषा के सर्वाधिक लोकप्रिय महाकाव्य का नाम है-
- पद्मावत
- मधुमालती
- मृगावती
- रामचरित मानस✅
51. प्रगीत काव्य में प्रधानता होती है-
- भावना और गीतात्मकता की✅
- संगीतात्मकता की
- प्रकृति चित्रण की
- उपर्युक्त में से किसी की नहीं
52. जायसी के सर्वोत्कृष्ट ग्रंथ का नाम है?
- आखिरी सलाम
- मधुमालती
- अखरावट
- पद्मावत✅
53. ‘स्मृति की रेखाएँ’ रेखांकन के रचनाकार हैं-
- डॉ. श्याम सुंदर दास
- महादेवी वर्मा✅
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
- महावीर प्रसाद द्विवेदी
Ans (2): ‘स्मृति की रेखाएँ’ महादेवी वर्मा का संस्मरणात्मक रेखाचित्र है।
54. आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी निम्नलिखित में से किस पत्रिका के संपादक थे?
- साहित्य संदेश
- विशाल भारत
- सरस्वती✅
- विनय पत्रिका
55. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध संग्रह का नाम है-
- चिंतामणि✅
- झरना
- आँसू
- कामायनी
प्रश्न 56 से 60 के लिये निर्देश:
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर इन प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
गद्यांश
सामान्यत: दुष्टों की वन्दना में या तो भय रहता है या व्यंग्य। परन्तु जहाँ हम हानि होने के पहले ही हानि के कारण की वन्दना करने लगते हैं वहाँ हमारी वन्दना के मूल में भय नहीं बल्कि उसकी स्थायी दशा की आशंका है। इन वन्दना में दुष्टों को थपकी देकर सुलाने की चाल है। जिसमें विघ्न बाधाओं में जान बच सके। आशंका से उत्पन्न यह नम्रता गोस्वामी जी को आश्रय से आलंबन बना देती है। जब स्फुट अंशों के संचारीभावों तथा अनुभवों को छोड़कर वन्दना के पीछे निहित भावना की दृष्टि से देखते हैं तो यह आश्रय से संक्रमित आलंबन का उदाहरण बन जाता है। संतो, देवताओं तथा राम की वन्दना पर्याप्त नहीं इसलिये दुष्टों की भी वन्दना की जाती है। इससे दुष्टों के महत्व की भायिक सृष्टि होती है और वह उन्हें और भी उपहास्य बना देती है।
56. दुष्ट वन्दना के पीछे लेखक का उद्देश्य है-
- दुष्टों को लज्जित करना
- दुष्टों को थपकी देकर सुलाना✅
- दुष्टों से अपना बचाव करना
- दुष्टों का सहयोग प्राप्त करना
57. रामचरित मानस एक भक्ति काव्य है। इसमें दुष्ट वन्दना का रहस्य है-
- तुलसी की व्यापक दृष्टि
- तुलसी का सभी को राममय देखना✅
- तुलसी की उदारता
- तुलसी का शील-सौजन्य
58. उपरोक्त गद्यांश का शीर्षक हो सकता है-
- तुलसी की दुष्ट वन्दना
- तुलसी की उदारता
- तुलसी का मानवीय दृष्टिकोण✅
- उपर्युक्त तीनों
59. देवताओं, महापुरूषों, सज्जनों के साथ दुष्टों की वन्दना इसलिये सार्थक कही जायेगी कि महाकवि तुलसीदास-
- संतकवि थे
- उदारचेता थे
- हित-अनहित और अपने-पराये की भावना से ऊपर उठ चुके थे
- निर्वरता चाहते थे✅
60. जीवन में हास्य का महत्व इसलिये है कि वह जीवन को-
- प्रेरणा देता है
- आनन्दित करता है
- आगे बढ़ाता है
- सरस बनाता है✅
प्रश्न 61 से 65 के लिये निर्देश:
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़ कर इन प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
गद्यांश
भूषण महाराज ने विषय और विशेषतया नायक चुनने में बड़ी बुद्धिमता से काम लिया है। शिवाजी और क्षत्रसाल से महानुभावों के पवित्र चरित्रों का वर्णन करने वाले की जितनी प्रशंसा की जाए थोड़ी है। शिवाजी ने एक जमींदार और वीजापुरधीश के नौकर के पुत्र होकर चक्रवर्ती राज्य स्थापित करने की इच्छा को पूर्ण सा कर दिखाया और छत्रसाल बुन्देला ने जिस समय मुगलों का सामना करने का साहस किया, उस समय उसके पास केवल पाँच सवार और पच्चीस पैदल थे। इसी सेना से इस महानुभाव ने दिल्ली का सामना करने की हिम्मत की और मरते समय अपने उत्तराधिकारियों के लिये दो करोड़ वार्षिक मुनाफे का स्वतंत्र राज्य छोड़ा।
61. महाकवि भूषण दरबारी कवि थे। उनके आश्रयदाता राजा का नाम था-
- शिवाजी✅
- क्षत्रसाल
- औरंगजेब
- वीर सिंह जूदेव
62. छत्रपति शिवाजी की प्रशस्ति में लिखे गये दो काव्य ग्रंथों के नाम हैं-
- शिवा बावनी, शिवराज भूषण
- शिवा चरित, शिवा विलास
- शिवा वैभव, शिवा चिन्तन
- शिवा कथा, शिवा विक्रम
63. इस गद्यांश का सार्थक शीर्षक हो सकता है-
- भूषण विवेक
- भूषण की बुद्धिमत्ता✅
- भूषण की कला
- भूषण का काव्यनायक चयन
64. छत्रसाल बुन्देला ने जिस समय मुगलों का सामना किया, उस समय उनके पास थे-
- दो सवार और पाँच पैदल
- पाँच सवार और पच्चीस पैदल✅
- पच्चीस सवार और दो पैदल
- पच्चीस सवार और पाँच पैदल
65. भूषण का प्रिय काव्य रस था-
- करुण
- शान्त
- वीर✅
- श्रृंगार
प्रश्न 66 से 70 के लिये निर्देश:
नीचे दिये गये पद्यांश को पढ़़ कर इन प्रश्नों का उतर दीजिये।
गद्यांश
“लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार
देख मराठे पुलकित होते उसके तलवारों के वार
नकली युद्ध व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार
सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खेलवार
महाराष्ट्र कुल देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी
बुन्देले हर बोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी
खूब लडी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।”
66. उक्त पद्यांश का सही शीर्षक हो सकता है-
- झाँसी की रानी✅
- 1857 का गदर
- अंग्रेजी पर आक्रमण
- महाराष्ट्र कुल देवी
67. इस कविता की कवियित्री का नाम है-
- महादेवी वर्मा
- सुभद्रा कुमारी चौहान✅
- तारा पाण्डेय
- मीराबाई
68. इस कविता में प्रयोग किया गया रस है-
- भक्ति
- करुण
- श्रृंगार
- वीर✅
69. कवियित्री की अधिकांश रचनाएँ-
- सामाजिक हैं
- वात्सल्य पूर्ण हैं
- देशभक्ति पूर्ण हैं✅
- धार्मिक हैं
70. ‘खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी’ में ‘मरदानी’ शब्द का अर्थ है-
- वीरांगना
- पुरूषों जैसी
- पुरूषत्व वान✅
- लड़ाकू
प्रश्न 71 से 80 के लिये निर्देश:
निम्न प्रश्नों में प्रत्येक मे किसी सर्वाधिक उपयुक्त युग्म को चुनिये जो कि दिये गये शब्द का पर्यायवाची हो।
71. अंतरिक्ष-
- पृथ्वी, आकाश
- व्योम, आकाश
- सुरप, सिद्दपथ
- अनन्त, गगन
Ana (4): ‘अंतरिक्ष’ का पर्यायवाची शब्द- अनन्त, गगन, नभ, अम्बर, व्योम, शून्य, अभ्र, पुष्कर, आकाश आदि।
72. अम्बुज-
- कमल, शंख
- कमला, ब्रह्मा
- बज, बेंत
- मीन, जलकुंभी
Ana (1): ‘अम्बुज’ का पर्यायवाची शब्द- कमल, शंख, उत्पल, कुवलय, इंदीवर, पद्य, नलिन, सरोद, अरविन्द, शतपल, सरसिज, शतदल, राजीव, कंज, अम्भोज, पंकज, पायोज, पुंडरीक, वारिज, जलज, नीरज, कोकनद आदि।
73. खल-
- विश्वासघाती, निर्लज्ज
- नीच, दुर्जन
- दुष्ट, धोखेबाज
- खली, खरल
Ana (2): ‘खल’ का पर्यायवाची शब्द- नीच, दुर्जन, दुष्ट, अधम, पामर, शठ, कुटिल, धूर्त, नृशंस आदि।
74. तृण-
- तुच्छ, अलप
- घास, पत्ता
- तिनका, घास
- लता, द्रुम
Ana (3): ‘तृण’ का पर्यायवाची शब्द- तिनका, घास आदि।
75. क्षुद्र-
- कंजूस, कृपण
- निर्धन, दरिद्र
- अल्प, मामूली
- नीच, अधम
Ana (4): ‘क्षुद्र’ का पर्यायवाची शब्द- नीच, अधम, शूद्र, घटिया, ओछा आदि।
76. उग्र-
- तीव्र, रौद्र
- प्रचंड, क्रोधी
- उत्कट, घोर
- शिव, सूर्य
Ana (2): ‘उग्र’ का पर्यायवाची शब्द- प्रचंड, क्रोधी, चंड, तेज, प्रबल आदि।
77. बटोही-
- बटमार, एकाकी
- असहाय, दुर्गम
- पथिक, राहगीर
- पाथेय, मेघ
Ana (3): ‘बटोही’ का पर्यायवाची शब्द- पथिक, राहगीर, मुसाफिर, पात्री, राही, पंथी आदि।
78. विरद-
- यश, ख्याति
- बीज, मूल
- वृक्ष, पौधा
- विरही, वियोगी
Ana (1): ‘विरद’ का पर्यायवाची शब्द- यश, ख्याति, कीर्ति, नाम, प्रसिद्ध, नेकनामी आदि।
79. यातु-
- पथिक, कष्ट
- काल, हवा
- यातना, हिंसा
- राक्षस, निशाचर
Ana (4): ‘यातु’ का पर्यायवाची शब्द- राक्षस, निशाचर, असुर, दैत्य, दानव, सुरारी, रजनीचर आदि।
80. विभु-
- सर्वव्यापक, नित्य
- ब्रह्म, आत्मा
- महान, ईश्वर
- चिरस्थायी, दृढ़
Ana (1): ‘विभु’ का पर्यायवाची शब्द- सर्वव्यापक, नित्य आदि।
प्रश्न 81 से 90 के लिये निर्देश:
इन प्रश्नों में एक वाक्य दिया गया है, जिसका एक भाग रेखांकित है। उस भाग का सही अर्थ दिये गये चार विकल्पों में से चुनिये।
81. दुर्घटना का दृश्य देखकर नीलिमा का कलेजा पसीज गया।
- दिल बैठ जाना
- हालत खराब होना
- गर्मी लगना
- दया उत्पन्न होना
Ana (4): ‘कलेजा पसीज गया’ का अर्थ है- दया उत्पन्न होना।
82. मंत्री के आने पर जनता ने उन्हें आँख उठाकर भी नहीं देखा।
- चुप रहना
- जी चुराना
- ध्यान तक न देना
- अनसुनी करना
Ana (3): ‘आँख उठाकर न देखना’ का अर्थ है- ध्यान तक न देना।
83. महाराज दशरथ यथा नाम तथा गुण थे।
- नाम मात्र की उपयोगिता
- जैसा नाम वैसे ही गुण
- उपयोगिता विहीन
- गुणवान
Ana (2): ‘यथा नाम तथा गुण’ का अर्थ है- जैसा नाम वैसे ही गुण।
84. बार-बार नाक रगड़ने पर भी पुलिस ने अशोक को नहीं छोड़ा।
- विनती करना
- खुशमाद करना
- अधीन होना
- बीमार पड़ना
Ana (1): ‘नाक रगड़ना’ का अर्थ है- विनती करना।
85. कोई काम न करके श्रीमती सन्ध्या दिन भर मक्खी मारा करती हैं।
- जीव हत्या करना
- कीड़े-मकोड़े मारना
- घिनौने काम करना
- खाली बैठना
Ana (4): ‘मक्खी मारना’ का अर्थ है- खाली बैठना।
86. सब्ज बाग दिखा कर निशीथ ने कपिल से एक हजार रुपये ठग लिये।
- घुमाने ले जाना
- बाग की हरियाली दिखाना
- प्रकृति निरीक्षण करना
- झूठा आश्वासन देना
Ana (4): ‘सब्ज बाग दिखाना’ का अर्थ है- झूठा आश्वासन देना।
87. एकाएक प्रधानाचार्य को आया देखकर आपस में लड़ रहे विद्यार्थी हक्का-बक्का हो गये।
- अचरज में पड़ना
- भयभीय होना
- भाग जाना
- छुप जाना
Ana (1): ‘हक्का-बक्का’ का अर्थ है- अचरज में पड़ना।
88. मेरा इतना नुकसान हो गया और तुम्हें अठखेलियाँ सूझ रही हैं।
- दिल्लगी करना
- मजे में रहना
- खेल खेलना
- हँसना
Ana (1): ‘अठखेलियाँ सूझना’ का अर्थ है- दिल्लगी करना।
89. किसी अजनबी को देखकर कुत्ते आपे में नहीं रहते, भों-भों करने लग जाते हैं।
- होश में न रहना
- मिथ्या बकवास करना
- क्रोध में भड़क उठना
- अपनी सुध खो देना
Ana (3): ‘आपे में न रहना’ का अर्थ है- क्रोध में भड़क उठना।
90. विपिन को समझना बेकार है, वह तो आँधी खोपड़ी है।
- बेवकूफ आदमी
- निपट मूर्ख
- खोपड़ी उल्टी होना
- सोते रहना
Ana (2): आँधी खोपड़ी’ का अर्थ है- निपट मूर्ख।
प्रश्न 91 से 95 के लिये निर्देश:
नीचे दिये गये पद्यांश को पढ़ कर इन प्रश्नों का उत्तर दीजिये:
पद्यांश
अस्ताचल रवि, जल छल-छल छवि
स्तब्ध विश्वकवि, जीवन उन्मन
मन्द पवन बहती सुधि रह रह
परिमल की कह कथा पुरातन
दूर नदी पर नौका सुंदर
दीखी मृदु तर बहती ज्यों स्वर
वहाँ स्नेह की प्रतनु देह की
बिना गेह की बैठी नूतन
ऊपर शोभित मेघ सत्र सित
नीचे अमित नील जल दोलित
ध्यान-नयन मन चिन्त्य-प्राण-धन
किया शेष रवि ने कर अर्पण
91. इस कविता का सार्थक शीर्षक हो सकता है-
- दिवस का अवसान
- दिवा-गमन
- अस्ताचल रवि✅
- रवि कर अर्पण
92. इस कविता में छायावादी कवि निराला ने-
- प्रकृति का मनोरम चित्रण किया है
- अस्तगत सूर्य और उसकी प्रतीक्षा में रत संध्या का वर्णन किया है✅
- मादक भावनाओं की अभिव्यक्ति की है
- सूर्यास्त का चित्रण किया है
93. इस पद्यांश में प्रयोग किया गया शब्द ‘प्रतनु’ अर्थ रखता है-
- प्रमुदित
- क्षीण✅
- मृत
- प्रेत
94. पण्डित निराला हिंदी के-
- श्रेष्ठ साहित्यकार थे
- लेखक तथा कवि दोनों थे
- समाजवादी कवि थे
- प्रख्यात तथा सर्वोत्कृष्ट छायावादी कवि थे✅
95. उपरोक्त पद्य में प्रयुक्त ‘गेह’ शब्द का प्रयोग अर्थ रखता है–
- गेहूँ
- एक जीव
- घर✅
- द्वार
प्रश्न 96 से 100 के लिये निर्देश:
निम्न पद्यांश के पढ़ कर इन प्रश्नों के उतर दीजिए:
पद्यांश
आज क्यों तेरी वीणा मौन
शिथिल शिथिल तन थकित हुये कर
स्पन्दन भी भुला जाता डर
मधुर कसक सा आज हृदय में
आन समाया कौन?
झुकती आती पलकें निश्चल
चित्रित निद्रित से तारक चल
सोता पारावार दुगों में
भर भर लाया कौन?
आज क्यों तेरी वीणा मौन?
96. इस कविता के रचयिता हैं?
- सुमित्रानंदन पंत
- सुभद्राकुमारी चौहान
- महादेवी वर्मा✅
- मीराबाई
97. नीरजा से उद्धृत इस कविता का आशय है-
- न जाने आज क्यों उनकी हृदतंत्री बज नहीं रही✅
- दुखों से आपूरित हृदय तथा नेत्रों के अश्रुमय होने के बावजूद वीणा मौन क्यों है?
- विरह व्यथा की कसक तन मन को व्याकुल बना रही है, फिर भी आहें, नहीं भरी जाती। रहस्य प्रकट करने में न जाने मैं क्यों असमर्थ हूँ।
- विरह व्यथा की कथा अकथनीय है।
98. इस कविता का उपर्युक्त शीर्षक होगा-
- सुधि बन छाया कौन
- आज क्यों तेरी वीणा मौन✅
- हृदय में आन समाया कौन
- मौन वीणा का रहस्य
99. कवयित्री के बारे में वह निर्विवाद सत्य है कि वह-
- सर्वोकृष्ट कवियित्री थी
- साधना में दूसरी मीरा थी✅
- छायावादी त्रयी में न होकर अपनी विशिष्ट पहचान रखती थी
- सुप्रसिद्ध छायावादी कवयित्री थी
100. भाव व्यंजना की दृष्टि से यह कविता-
- दुर्बोध रचना है
- श्रेष्ठ रचनाओं में एक है✅
- आरम्भिक रचना है
- प्रकृति चित्रण की दृष्टि से बेजोड़ है
प्रश्न 101 से 105 के लिये निर्देश:
इन प्रश्नों में प्रत्येक में एक शब्द दिया गया है जिसके नीचे चार शब्द अंकित है। इनमें से एक शब्द दिये हुए शब्द का समानार्थी है। सही समानार्थी शब्द चुनिये।
101. कमल
- पारिजात
- रजनी
- विभावरी
- भामिनी
Ans (1): ‘कमल’ का पर्यायवाची या समानार्थी शब्द- पारिजात, जलज, पंकज, सरोज, अम्बुज, सरसिज, पुंडरीक, राजीव, अरविंद, शतदल, तामरस, नलिन, कंज आदि। जबकि रजनी, विभावरी, भामिनी ‘रात्रि’ के समानार्थी शब्द हैं।
102. कलानिधि-
- नीर
- हिमाँशु
- अम्बु
- आगार
Ans (2): ‘कलानिधि’ का पर्यायवाची या समानार्थी शब्द- हिमाँशु, चंद्र, राकापति, राकेश, मयंक, सोम, शशि, इंदु, हिमकर, सुधाकर, निशाकर, मृगांक आदि।
103. तुंग-
- उन्नत
- प्रचण्ड
- नारियल
- पुत्राग
Ans (1): ‘तुंग’ का पर्यायवाची या समानार्थी शब्द- उन्नत, ऊँचा, उच्च, शीर्षस्थ, गगनचुम्बी, लम्बा आदि।
104. शिखी-
- शिखायुक्त
- मयूर
- बुलबुल
- बैल
Ans (2): ‘शिखी’ का पर्यायवाची या समानार्थी शब्द- मयूर, मोर, सारंग, केकी, वर्ही आदि।
105. मिलिन्द
- भुजंग
- सरिता
- कगार
- भ्रमर
Ans (4): ‘मिलिंद’ का पर्यायवाची या समानार्थी शब्द- भ्रमर, भौंरा, अलि, मधुप, मधुकर, षटपद, द्विरेफ आदि।
प्रश्न 106 से 110 के लिये निर्देश:
इन प्रश्नों में प्रत्येक में शब्द समूह दिये गये हैं। प्रत्येक शब्द समूह के नीचे चार विकल्प दिये हुये हैं जिनमें से एक दिये हुये शब्द समूह के लिये प्रयुक्त किया जा सकता है। सही विकल्प चुनिये।
106. जिसे किसी से लगाव न हो-
- नश्वर
- लिप्सु
- निर्लिप्त✅
- अलगाववादी
107. जो कुछ जानने की इच्छा रखता हो-
- जिज्ञासु✅
- जननी
- जानकी
- नीतिज्ञ
108. जो बात लोगों से सुनी गई हो-
- आश्रुति
- सर्वप्रिय
- लोकोक्ति
- किंवदन्ती✅
109. सबके समानाधिकार पर विश्वास-
- अधिकारी
- समाजवाद✅
- प्रगतिवाद
- अधिकारवाद
110. रजोगुण वाला-
- तामसिक
- राजसिक✅
- वाचिक
- सात्विक
प्रश्न 111 से 115 के लिये निर्देश:
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर इन प्रश्नों के उतर दीजिये।
गद्यांश
सच्चे वीर अपने प्रेम के जोर से लोगो को सदा के लिये बांध देते हैं। वीरता की अभिव्यक्ति कई प्रकार से होती है। कभी लड़ने-मरने से, खून बहाने से, तोप तलवार के सामने बलिदान करने से होती है तो कभी जीवन के गूढ़ तत्व और सत्य की तलाश में बुद्ध जैसे राजा विरक्त होकर वीर हो जाते हैं। वीरता एक प्रकार की अन्त: प्रेरणा है। जब कभी उसका विकास हुआ तभी एक रौनक, एक रंग एक बहार संसार में छा गई। वीरता हमेशा निराली और नई होती है। वीरों को बनाने के कारखाने नहीं होते। वे तो देवदार के वृक्ष की भाँति जीवन रूपी वन में स्वयं पैदा होते हैं और बिना किसी के पानी दिये, बिना किसी के दूध पिलाये बढ़ते हैं। जीवन के केन्द्र में निवास करो और सत्य की चट्टान पर दृढ़ता से खड़े हो जाओ। बाहर की सतह छोड़ कर जीन के अंदर की तहों में पहुँचों तब नये रंग खिलेंगे। यही वीरता का संदेश है।
111. इस गद्यांश के लिये उपयुक्त शीर्षक होगा-
- वीरता संस्मरण
- सच्ची वीरता✅
- वीरों का उत्पन्न होना
- देवदार और वीर
112. वीरता का संदेश क्या है?
- यह संकल्प कि किसी भी हालात में युद्ध जीतना है
- बुद्ध जैसे राजा की भांति विरक्त होना
- उद्देश्य के लिये सच्चाई पर चट्टान की तरह अटल रहना✅
- हमेशा नया और निराला रहना
113. वीरों की देवदार वृक्ष से तुलना की गई है क्योंकि दोनों-
- खाना-पीना मिलने पर ही बढ़ते हैं
- दोनों का दिल उदार होता है
- सत्य का हमेशा पालन करते हैं
- स्वयं पैदा हेते हैं और बिना किसी के दूध पिलाये बढ़ते हैं✅
114.निम्न में से कौन–सा रूप वीरता का नहीं है?
- क्रोध✅
- युद्ध
- त्याग
- दान
115. वीरता का एक विशेष लक्षण है-
- नयापन✅
- नकल
- हास्य
- करुणा
प्रश्न 116 से 120 के लिये निर्देश:
इन प्रश्नों में प्रत्येक में एक शब्द दिया गया है जिसके नीचे चार शब्द अंकित है। इनमें से एक दिये हुये शब्द का विलोमार्थी शब्द है। सही विलोमार्थी शब्द चुनिये।
116. दिवस-
- विभावरी
- अरविन्द
- प्रवाहिणी
- विचक्षण
Ans (1): ‘दिवस’ विलोमार्थी शब्द- विभावरी
117. निर्मल-
- पवित्र
- शुद्ध
- मलिन
- मृदु
Ans (3): ‘निर्मल’ विलोमार्थी शब्द- मलिन
118. उद्यम-
- प्रवीण
- आलस्य
- नीरज
- नृप
Ans (2): ‘उद्यम’ विलोमार्थी शब्द- आलस्य
119. महान-
- मरण
- चेतन
- क्षुद्र
- मूढ़
Ans (3): ‘महान’ विलोमार्थी शब्द- क्षुद्र
120. द्युति-
- छवि
- प्रभा
- ज्योति
- अंधकार
Ans (4): ‘द्युति’ विलोमार्थी शब्द- अंधकार
प्रश्न 121 से 125 के लिये निर्देश:
इन प्रश्नों में स्वर या मात्रा की दृष्टि से शब्द को अशुद्ध रूप में लिखा गया है। नीचे दिये गये चार विकल्पों में से शुद्ध चुनिये।
121.
- निलिप्त
- निर्लप्त
- निर्लिप्त✅
- निर्लीप्त
122.
- इच्छादुम
- इच्छाद्रुम
- इच्छाद्रम✅
- इच्छादम
123.
- द्विरुक्ति✅
- दिरुक्ति
- द्विरक्ती
- द्विरुकती
124.
- विसमृति
- विसमरती
- विस्मती
- विस्मृति✅
125.
- जगतापाण
- जगतप्राण
- जगत्प्राण✅
- जगर्त्पाण
UP TGT Hindi Previous Year Question Paper-