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एक टोकरी भर मिट्टी कहानी- माधवराव सप्रे

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किसी श्रीमान् जमींदार के महल के पास एक गरीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। जमींदार साहब को अपने महल का हाता उस झोंपड़ी तक...
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ईदगाह कहानी- प्रेमचंद | idgah kahani by premchand

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रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक...
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दुनिया का सबसे अनमोल रत्न कहानी- प्रेमचंद

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दिलफ़िगार एक कँटीले पेड़ के नीचे दामन चाक किये बैठा हुआ खून के आँसू बहा रहा था। वह सौन्दर्य की देवी यानी मलका दिलफ़रेब...
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राही कहानी- सुभद्रा कुमारी चौहान | rahi kahani

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तेरा नाम क्या है?राही।तुझे किस अपराध में सज़ा हुई?चोरी की थी, सरकार।चोरी? क्या चुराया थानाज की गठरी।कितना अनाज था?होगा पाँच-छः सेर।और सज़ा कितने दिन की है?साल...
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दुलाईवाली कहानी- राजेन्द्र बाला घोष (बंग महिला)

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दुलाई वाली कहानी की लेखिका राजेंद्र बाला घोष हैं, जो बंग महिला के नाम से हिंदी साहित्य के इतिहास में चर्चित हैं। दुलाईवाली कहानी का...
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साहित्य का उद्देश्य निबंध- प्रेमचंद | sahitya ka uddeshya

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1936 लखनऊ में होने वाले प्रगतिशील लेखक संघ के पहले अधिवेशन में प्रेमचंद द्वारा दिया गया अध्यक्षीय भाषण। सज्जनों, यह सम्मेलन हमारे साहित्य के इतिहास में स्मरणीय...
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बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ!- महादेवी वर्मा

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नींद थी मेरी अचल निस्पन्द कण कण में,प्रथम जागृति थी जगत के प्रथम स्पन्दन में,प्रलय में मेरा पता पदचिन्ह जीवन में,शाप हूँ जो बन...
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मैं नीर भरी दुख की बदली- महादेवी वर्मा

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मैं नीर भरी दुख की बदली! स्पन्दन में चिर निस्पन्द बसाक्रन्दन में आहत विश्व हँसानयनों में दीपक से जलते,पलकों में निर्झारिणी मचली! मेरा पग-पग संगीत भराश्वासों...
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फिर विकल हैं प्राण मेरे- महादेवी वर्मा

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फिर विकल हैं प्राण मेरे! तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख लूं उस ओर क्या है!जा रहे जिस पंथ से युग कल्प उसका छोर...
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यह मंदिर का दीप- महादेवी वर्मा

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यह मन्दिर का दीप इसे नीरव जलने दोरजत शंख घड़ियाल स्वर्ण वंशी-वीणा-स्वर,गये आरती वेला को शत-शत लय से भर,जब था कल कंठो का मेला,विहंसे...