हंसाक्षर ट्रस्ट और हंस पत्रिका हर वर्ष साहित्यकार और संपादक राजेंद्र यादव की स्मृति में उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में यह सम्मान देता है। इस अवसर पर हर वर्ष (अगस्त से जुलाई) माह की अवधि में हंस पत्रिका में छपी सर्वश्रेष्ठ कहानी को सम्मानित किया जाता है। राजेंद्र यादव हंस कथा पुरस्कार पहले हंस कथा सम्मान के नाम से दिया जाता था, राजेंद्र यादव के निधन के बाद इस पुरस्कार का नाम बदल दिया गया है। हिन्दी साहित्य में युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए राजेंद्र यादव ने 2013 ई. में हंस कथा सम्मान (hans katha samman) प्रारम्भ किया था। विजेता को पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार की पुरस्कार राशि दिया जाता है। यह पुरस्कार राजेंद्र यादव (rajendra yadav) के जन्मदिन 28 अगस्त को हर वर्ष प्रदान किया जाता है।
राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान 2022
इस साल का राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान ट्विंकल रक्षिता को उनकी कहानी ‘एक चट्टान गिरती है खामोशी की नींद में’ को प्रदान किया जायेगा। उनको यह पुरस्कार राजेंद्र यादव के जन्म दिन 28 अगस्त को प्रदान किया जाएगा। ट्विंकल रक्षिता की यह कहानी ‘हंस’ मई 2022 अंक में प्रकाशित हुई थी। यह उनकी पहली प्रकाशित कहानी है।
राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान 2021
2021 का ‘राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान’ चर्चित कथाकार जयश्री रॉय और प्रमोद राय को संयुक्त रूप से मिलेगा। साहित्यिक पत्रिका हंस के संपादक मंडल ने अगस्त 2020 से जुलाई 2021 के बीच हंस में छपी कहानियों में से जयश्री रॉय की ‘मां का कमरा’ और प्रमोद राय की कहानी ‘ कंपनी की बीवी’ का चयन किया है।
हजारीबाग में जन्मी और गोवा में रहने वाली जयश्री रॉय लंबे समय से कहानियां और उपन्यास लिखती रही हैं। वह स्त्री चेतना व विमर्श वाली कहानियों के लिए जानी जाती हैं, लेकिन अन्य विषयों पर भी उनकी लेखनी प्रभावी रही है। पुरस्कृत कहानी ‘मां का कमरा’ एक बेटी के नजरिए से मां की अंतर्दशा और रिश्तों को बदलते वक्त और मनोविज्ञान के सांचे में देखने का प्रयास है। यहां कथ्य से ज्यादा जयश्री की बेजोड़ भाषा-शैली प्रभावी है। जयश्री के कई कहानी संग्रह और उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं।
प्रमोद राय की कहानी ‘कंपनी की बीवी’ देश और समाज में आ रहे आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी बदलावों के त्रासद पहलुओं को उजागर करती है। आर्थिक विषमता, सांप्रदायिक विभेद और सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों पर यह कहानी सशक्त प्रहार करती है। लंबी कहानी अपने रोचक, यथार्थवादी और नाटकीय संप्रेषण के साथ पाठकों को अंत तक बांधे रखती है। बिहार में जन्मे प्रमोद राय करीब दो दशक से दिल्ली में पत्रकारिता करते रहे हैं और लगभग सभी शीर्ष साहित्यिक पत्रिकाओं में उनकी कहानियां छप चुकी हैं।
सम्मान प्राप्त हंस कथाकारों की सूची
वर्ष (ई.) | कहानीकार | कहानी |
2013 | किरण सिंह | संझा |
2014 | आकांक्षा पारे काशिव टेक चंद | शिफ्ट कंट्रोल अल्ट डिलीट मोर का पंख |
2015 | प्रकृति करगेती | ठहरे हुए से लोग |
2016 | पंकज सुबीर योगिता यादव | चौपड़े की चुड़ैलें राजधानी के भीतर |
2017 | कैलास वानखेड़े | जस्ट डांस |
2018 | प्रत्यक्षा | बारिश के देवता |
2019 | अनिल यादव | गौसेवक |
2020 | प्रीति प्रकाश रामेश्वर | राम को जन्मभूमि मिलनी चाहिए राष्ट्रपति का दत्तक |
2021 | जयश्री रॉय प्रमोद राय | माँ का कमरा कंपनी की बीवी |
2022 | ट्विंकल रक्षिता | एक चट्टान गिरती है खामोशी की नींद में |
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