UKSSSC LT Assistant Techer hindi Question Paper 2021

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UKSSSC (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) द्वारा आयोजित LT Assistant Techer Hindi की परीक्षा 08/08/2021 को हुई थी। जिसमें 30 प्रश्न सामान्य ज्ञान के और 70 प्रश्न हिंदी साहित्य, व्याकरण और संस्कृत से थे। यहाँ पर सामान्य अध्ययन के प्रश्न नहीं दिये गए हैं। uksssc answer key 2021 जारी होते ही update कर दिया जाएगा। Uttarakhand LT Assistant Techer Hindi Question Paper 2021 का Download लिंक पोस्ट के अंत में दिया गया है। uksssc answer key 2021 जारी होते ही update कर दिया जाएगा। अन्य विषयों के Uttarakhand LT Question Paper का लिंक पोस्ट के अंत में दिया गया है।

इसे भी देखें-

UKSSSC LT Assistant Techer Question Paper 2018

एल. टी. हिंदी 2021

1. ‘सूरसागर’ में वर्णित राधा-कृष्ण की लीलाओं की अनुरूपता है:
भागवत के द्वादश स्कंध से
‘सूरसागर’ में वर्णित राधा-कृष्ण की लीलाओं की अनुरूपता भागवत के द्वादश स्कंध से है।
भागवत के द्वितीय स्कंध से
भागवत के अष्टम्‌ स्कंध से
भागवत के नवम्‌ स्कंध से
2. ‘हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास’ के लेखक है:
डॉ. राम कुमार वर्मा
‘हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास’ के लेखक डॉ. राम कुमार वर्मा है।
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
डॉ. धीरेन्द्र वर्मा
डॉ. नलिन विलोचन शर्मा
3. निम्नलिखित में से कौन-सी कृति सच्यिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की नहीं है?
साये में धूप
साये में धूप (1975) दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल संग्रह है।
चिन्ता
बावरा अहेरी
इन्द्रधनु रोंदे हुए ये
4. निम्नलिखित में से, जायसी कृत ‘पदमावत’ में प्रयुक्त छंद है:
सोरठा – दोहा
चौपाई – दोहा
जायसी कृत ‘पदमावत’ में चौपाई – दोहा छंद का प्रयोग हुआ है।
चौपाई – सोरठा
दोहा – सोरठा
5. नाभादास किस भक्ति धारा के कवि हैं?
कृष्ण भक्त कवि
राम भक्त कवि
नाभादास राम भक्ति धारा के कवि हैं, ये स्वामी अग्रदास के शिष्य थे। भक्तमाल, अष्टयाम और रामभक्ति संबंधी स्फुट पद इनकी रचनाएं हैं।
प्रेममार्गी कवि
वानमार्गी कवि
6. ‘तार-सप्तक’ का संपादन हिंदी कविता के किस युग की शुरुआत से संबंधित है?
छायावाद युग से
प्रगतिवाद युग से
प्रयोगवाद युग से
‘तार-सप्तक’ का संपादन हिंदी कविता के प्रयोगवाद युग की शुरुआत से संबंधित है। अज्ञेय द्वारा 1943 ई. में नयी कविता के प्रणयन हेतु 7 कवियों की कविताओं को ‘तार सप्तक’ में प्रकाशित कराया था।
हालावाद युग से
7. मिश्रबंधु ने ‘रीतिकाल’ को नाम दिया:
श्रंगार काल
अलंकृत काल
मिश्रबंधु ने ‘रीतिकाल’ को अलंकृत काल नाम दिया है, वहीं शुक्ल ने रीतिकाल, विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने श्रृंगार काल, रमाशंकर शुक्ल ने कलाकाल नाम दिया है।
कला काल
रसाल काल
8. निम्न में से सुमेलित नहीं है:
कामायनी – जयशंकर प्रसाद
रामचरित मानस – तुलसीदास
चिदम्बरा – महादेवी वर्मा
चिदम्बरा सुमित्रानंदन पंत का काव्य संग्रह है जिसके लिए 1968 ई. में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
चिता के फूल – रामवृक्ष बेनीपुरी
9. महादेवी वर्मा कृत ‘मेरा परिवार’ रेखाचित्र का प्रकाशन वर्ष है:
1971 ई.
1972 ई.
महादेवी वर्मा कृत ‘मेरा परिवार’ रेखाचित्र का प्रकाशन वर्ष 1972 ई. है।
1977 ई.
1941 ई.
10. ‘सुहाग बिन्दी’ और ‘ययाति’ नाटकों के रचनाकार हैं:
उदयशंकर भट्ट
धर्मवीर भारती
गोविन्द बल्‍लभ पंत
‘सुहाग बिन्दी’ और ‘ययाति’ नाटकों के रचनाकार गोविन्द बल्‍लभ पंत हैं। अंगूर की बेटी, कोहिनूर का लुटेरा, कंजूस की खोपड़ी, वरमाला, राजमुकुट आदि उनके अन्य नाटक हैं।
हरिकृष्ण प्रेमी
11. आलो-आँधारि की नायिका एवं लेखिका का जीवन किसके सहयोग से बदला? अर्थात वह घरेलू नौकरानी रहते हुए लेखिका कैसे बन सकी?
मातुस
दातुस
तातुस
आलो-आँधारि बेबी हलधर की आत्मकथा है जिसमें उन्होंने अपने नौकरानी से लेखिका बनने का सफ़र तथा इसमें ‘तातुस’ के योगदान का वर्णन किया है।
यातुस
12. अस्सी के दशक में राजस्थान के पारम्परिक जल स्रोतों पर खोज कर विस्तार से लिखने वाले साहित्यकार थे:
जैनेन्द्र कुमार
रामचंद्र शुक्ल
ओम थानवी
अस्सी के दशक में राजस्थान के पारम्परिक जल स्रोतों पर खोज कर विस्तार से लिखने वाले साहित्यकार ओम थानवी थे।
हजारी प्रसाद द्विवेदी
13. निम्नलिखित काव्यधाराओं में से कौन-सी काव्यधारा भक्तिकाल के अंतर्गत नहीं आती है?
रामभक्ति काव्यधारा
रासो काव्यधारा
रासो काव्यधारा आदिकाल की है। भक्तिकाल की चार काव्यधारा हैं- ज्ञानाश्रयी, प्रेमाश्रयी, कृष्णभक्ति और रामभक्ति।
ज्ञानाश्रयी काव्यधारा
कृष्णभक्ति काव्यधारा
14. ‘खबर का मुँह विज्ञापन से ढका है।’ के रचनाकार हैं:
वीरेन डंगवाल
लीलाधर जगूड़ी
‘खबर का मुँह विज्ञापन से ढका है।’ के रचनाकार लीलाधर जगूड़ी हैं।
मंगलेश डबराल
गंगा प्रसाद विमल
15. सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ द्वारा रचित ‘एक बूँद सहसा उछली’ रचना है:
यात्रा वृत्तांत विधा की
‘अज्ञेय’ द्वारा रचित ‘एक बूँद सहसा उछली’ (1960) यात्रा वृत्तांत विधा की रचना है।
डायरी विधा की
जीवनी विधा की
रिपोर्ताज विधा की
16. खड़ी बोली का पहला महाकाव्य माना जाता है:
प्रियप्रवास को
खड़ी बोली का पहला महाकाव्य अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ कृति प्रियप्रवास को माना जाता है।
यशोधरा को
साकेत को
विष्णुप्रिया को
17. निबंध लेखन में ललित-निबंध परंपरा के जनक हैं:
कृबेरनाथ राय
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
निबंध लेखन में ललित-निबंध परंपरा के जनक हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं।
रामचंद्र शुक्ल
विद्या निवास मिश्र
18: हिंदी साहित्य में निबंध के विकास का सही सोपान क्रम है:
भरतेंदु युग, शुक्ल युग, द्विवेदी युग, शुक्लोत्तर युग
भरतेंदु युग, द्विवेदी युग, शुक्ल युग, शुक्लोत्तर युग
निबंध के विकास का क्रम- भरतेंदु युग, द्विवेदी युग, शुक्ल युग, शुक्लोत्तर युग।
भरतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद
भरतेंदु युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद
19. ‘घीसू’ किस कहानी का पात्र है?
पुरस्कार
रसप्रिया
गदल
कफन
‘घीसू’ प्रेमचंद की कहानी कफन (1936) का पात्र है।
20. निम्नलिखित में से, कौन-सा निबंधकार महावीर प्रसाद द्विवेदी युग का नहीं है?
बालकृष्ण भट्ट
बालकृष्ण भट्ट भारतेंदु युग के निबंधकार हैं।
बालमुकुंद गुप्त
पूर्ण सिंह
श्यामसुंदर दास
21. ‘श्रुतौ’ में कौन-सी विभक्ति है?
द्वितीया
तृतीया
षष्ठी
सप्तमी
‘श्रुतौ’ में सप्तमी विभक्ति एकवचन है।
22. ‘निर्विकार’ शब्ध में उपसर्ग है:
निर्वि
निर
निः
निर्‌
‘निर्विकार’ शब्ध में निर्‌ उपसर्ग है।
23. ‘तुलसीदास’ के रचनाकार है:
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
‘तुलसीदास’ (1938) के रचनाकार निराला हैं।
सुमित्रानंदन पंत
महादेवी वर्मा
जयशंकर प्रसाद
24. भरतेंदु ने किस नाटक के आरम्भ में उक्त पंक्तियाँ उल्लिखित की हैं:
‘अंग्रेज राज सुख साज सजे सब भारी।
पै धन विदेश चलि जात इहै अति ब्वारी।’
प्रेम जोगनी
भारत दुर्दशा
उक्त पंक्तियाँ भारतेंदु हरिश्चंद के प्रसिद्ध नाटक ‘भारत दुर्दशा’ (1880) के आरम्भ की हैं।
अंधेर नगरी
वैदिकी हिंसा-हिंसा न भवति
25. विषम चरणों में 13-13 तथा समचरणों में 11-11 मात्राओं सहित कुल 24 मात्राओं वाला छंद होता है:
चौपाई
दोहा
विषम चरणों में 13-13 तथा समचरणों में 11-11 मात्राओं सहित कुल 24 मात्राओं वाला ‘दोहा’ छंद होता है, इसके दूसरे और चौथे चरण के अंत में गुरु-लघु अवश्य होता है।
सोरठा
रोला
26. निम्नलिखित में से, मैथिली शरण गुप्त का खण्ड काव्य नहीं है:
पंचवटी
सिद्धराज
नहुष
पथिक
पथिक (1920) खण्ड काव्य के रचनाकार रामनरेश त्रिपाठी हैं।
27. कथा व कथाकार का कौन-सा युग्म सही नहीं है?
खेल – जैनेन्द्र
नशा – प्रेचमंद
ग्राम – जयशंकर प्रसाद
इस्तीफा – पाण्डेय बेचन शर्मा उग्र
इस्तीफा कहानी के रचनाकार प्रेमचंद हैं, इसमें औपनिवेशिक शासन में क्लर्क की दयनीय दशा का अंकन है।
28. मेधाकर बहुगुणा द्वारा रचित कृति है:
रामायण प्रदीपम्‌
मेधाकर बहुगुणा द्वारा रचित कृति ‘रामायण प्रदीपम्‌’ है।
महावीर चरितम्‌
गंगाशतकम्
अजेय भारतम्
29. गंगापुत्रावदानम् के रचयिता हैं:
डॉ. निरंजन मिश्र
गंगापुत्रावदानम् के रचयिता डॉ. निरंजन मिश्र हैं।
प्रो. महावीर प्रसाद अग्रवाल
डॉ. बुद्धिदेव शर्मा
डॉ. सविता मोहन
30. जिस नाटक में एक ही अंक होता है, उसे कहते हैं:
डायरी
आत्मकथा
एकांकी
जिस नाटक में एक ही अंक होता है, उसे ‘एकांकी’ (वन एक्ट प्ले) कहते हैं।
रिपोर्ताज
31. निम्नलिखित पंक्तियों के रचयिता है:
‘कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए
कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए’
महोदवी वर्मा
भवानी प्रसाद मिश्र
दुष्यंत कुमार
उपर्युक्त पंक्तियों के रचयिता ‘दुष्यंत कुमार’ है, जो उनके ‘साये में धुप’ गजल संग्रह से लिया गया है।
त्रिलोचन
32. निम्न में से, मंगलेश डबराल की रचना है:
आवाज भी एक जगह है
मंगलेश डबराल की रचना ‘आवाज भी एक जगह है’ है, पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, नए युग में शत्रु आदि इनके अन्य काव्य संग्रह हैं।
भूखण्ड तप रहा है
बोधिवृक्ष
जलते हुए वन का बसंत
33. ‘नैकु बुझाति नहीं बिरहानल, नैननि नीर नदी बहने पर।’ -इस उद्धरण में अलंकार है:
विभावना
विशेषोक्ति
इस उद्धरण में ‘विशेषोक्ति’ अलंकार है; जहाँ कारण के रहने पर भी कार्य न हो वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।
अनन्वय
उत्प्रेक्षा
34. ‘मल्लिका’ मोहन राकेश के किस नाटक की पात्र है?
आधे अधूरे
आषाढ़ का एक दिन
‘मल्लिका’ मोहन राकेश के ‘आषाढ़ का एक दिन’ (1958) नाटक की पात्र है; कालिदास, विलोम, मातुल, अंबिका, प्रियंगुमंजरी आदि अन्य पात्र हैं।
लहरों का राजहंस
उपर्युक्त में से कोई नहीं
35. डॉ. नगेंद्र ने प्रगतिवाद का आरंभ काल माना है:
सन् 1936 ई. को
डॉ. नगेंद्र ने प्रगतिवाद का समय 1936 से 1943 ई. तक माना है।
सन् 1937 ई. को
सन् 1938 ई. को
सन् 1939 ई. को

36. ‘अस्मद्’ शब्द का प्रथमा विभक्ति द्विचन का रूप है:
आवाम्‌
‘अस्मद्’ शब्द का प्रथमा विभक्ति द्विचन का रूप ‘आवाम्‌’ है।
अहम्
वयम्‌
मया
37. ‘महार्धता’ का विलोम है:
शुचिता
अत्यर्धता
अल्पार्धता
‘महार्धता’ का विलोम अल्पार्धता है।
उपर्युक्त में से कोई नहीं
38. तुलसीदास द्वारा रचित ‘विनय पत्रिका’ की रचना किस भाषा में हुई है?
भोजपुरी
अवधी
ब्रजभाषा
तुलसीदास द्वारा रचित ‘विनय पत्रिका’ की रचना ‘ब्रजभाषा’ में हुई है; उनकी वैराग्य संदीपनी, दोहावली, कवितावली, गीतावली, कृष्ण गीतावली भी ब्रजभाषा में रचित हैं।
मैथिली
39. किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को याद करना संचार है:
मौखिक संचार
अंतः वैयक्तिक संचार
किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को याद करना ‘अंतः वैयक्तिक संचार’ है; यह एक मनोवैज्ञानिक क्रिया तथा मानव का व्यक्तिगत चिंतन-मनन है। इसमें वक्ता और श्रोता दोनों एक ही व्यक्ति होते हैं।
अंतर वैयक्तिक संचार
सांकेतिक संचार
40. ‘अधखिला फूल’ के उपन्यासकार हैं:
किशोरीलाल गोस्वामी
बाबू गोपाल राम
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
‘अधखिला फूल’ (1907) के उपन्यासकार अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं; ठेठ हिंदी का ठाठ इनका दूसरा प्रमुख उपन्यास है।
बंकिमचंद्र
41. निम्न पंक्तियाँ हैं:
‘जिन पावन सों चलत तुम लोक वेद की गैल।
सो न पाँव या सर धरौ जल ह्वै जैहै मैल॥’
कबीर की
रहीम की
भरतेंदु हरिश्चंद्र की
उक्त पंक्तियाँ ‘भरतेंदु हरिश्चंद्र’ की हैं।
गिरिजाकुमार माथुर की
42. ‘अपादान’ कारक के साथ विभक्ति होती है:
द्वितीया
तृतीया
चतुर्थी
पंचमी
‘अपादान’ कारक के साथ ‘पंचमी’ विभक्ति होती है; कर्ता अपनी क्रिया द्वारा जिससे अलग होता है उसे अपादान कारक कहते हैं, इसका विभक्त चिह्न ‘से’ है। करण कारक का भी चिह्न ‘से’ है लेकिन वहाँ यह साधन या सहायता के अर्थ में प्रयुक्त किया जाता है।
43. ‘उर्वशी’ काव्यकृति के लिए कवि ‘दिनकर’ को सम्मानित किया गया:
साहित्य अकादमी पुरस्कार से
ज्ञानपीठ पुरस्कार से
‘उर्वशी’ काव्यकृति के लिए कवि ‘दिनकर’ को ज्ञानपीठ पुरस्कार (1972) से सम्मानित किया गया।
सेकसरिया पुरस्कार से
सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार से
44: ‘जिंदगीनामा’ उपन्यास की लेखिका हैं:
गौरा पंत ‘शिवानी’
कृष्णा सोबती
‘जिंदगीनामा’ (1979) उपन्यास की लेखिका कृष्णा सोबती हैं; सूरजमुखी अंधेरे के, दिलोदानिश, समय सरगम, मित्रो मरजानी इनके अन्य उपन्यास हैं।
मन्नू भण्डारी
मृदुला गर्ग
45. अज्ञेय की ‘नदी के द्वीप’ कविता में नदी और द्वीप क्रमशः प्रतीक हैं:
कवि एवं साहित्य के
प्रवाह एवं चेतना के
जल एवं भूखण्ड के
समाज एवं व्यक्ति के
अज्ञेय की ‘नदी के द्वीप’ कविता में नदी और द्वीप क्रमशः समाज एवं व्यक्ति के प्रतीक हैं।
46. निम्न में से ‘उन्मूलन’ शब्द का विलोम है:
उन्नयन
रोपण
‘उन्मूलन’ शब्द का विलोम ‘रोपण’ है।
आरोपण
उपर्युक्त में से कोई नहीं
47. ‘सवैया’ किस कवि का प्रिय छंद है?
रसखान
‘सवैया’ कवि ‘रसखान’ का प्रिय छंद है; वहीं रहीम का प्रिय छंद ‘बरवै’ है, जायसी का ‘दोहा और चौपाई’ है।
रहीम
सूरदास
जायसी
48. निम्नलिखित में से, प्रेमचंद की कहानी नहीं है:
दुलाईवाली
दुलाईवाली (1907) बंग महिला, राजेंद्र बाला घोष की कहानी है; चंद्रदेव से मेरी बातें (1904), कुंभ में छोटी बहू (1906) और दलिया (1909) इनकी अन्य कहानियाँ हैं।
आत्मा राम
बेटों वाली विधवा
सवा सेर गेहूँ
49. ‘प्रसूतै:’ में विभक्ति तथा वचन है:
प्रथमा विभक्ति बहुवचन
द्वितीया विभक्ति एकवचन
तृतीया विभक्ति एकवचन
तृतीया विभक्ति बहुवचन
‘प्रसूतै:’ में तृतीया विभक्ति तथा बहुवचन है।
50. निम्नलिखित में से हाथी का पर्यायवाची नहीं है:
दन्ती
कुंजर
करी
मही
मही शब्द ‘पृथ्वी’ का पर्यायवाची है।
51. ‘शाखामृग’ पर्यायवाची है:
मोर का
बन्दर का
‘शाखामृग’ बन्दर का पर्यायवाची है।
शेर का
बिल्ली का
52. वाक्यों में प्रयुक्त शब्दों का व्यावहारिक और अनुशासित रूप कहलाता है:
अक्षर
वर्ण
पद
वाक्यों में प्रयुक्त शब्दों का व्यावहारिक और अनुशासित रूप ‘पद’ कहलाता है; इसी तरह सार्थक वर्ण या वर्णों के समूह को ‘शब्द’ कहा जाता है।
शब्द
53. विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखित ‘आवारा मसीहा’ जीवनी है:
राहुल सांकृत्यायन की
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखित ‘आवारा मसीहा’ (1974) शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की जीवनी है।
जयशंकर प्रसाद
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
54. निम्नलिखित में से, ‘लोकमंगल की साधना का कवि’ कहा जाता है:
तुलसीदास को
‘लोकमंगल की साधना का कवि’ तुलसीदास को कहा जाता है।
कबीरदास को
रविदास को
सूरदास को
55. देवनागरी लिपि में मूल लिपि चिह्न हैं:
44
45
देवनागरी लिपि में 45 मूल लिपि चिह्न हैं; इसमें 13 स्वर और 39 व्यंजन अर्थात कुल 52 अक्षर हैं ।
46
उपर्युक्त में से कोई नहीं
56. रूपक अलंकार के भेद हैं:
तीन
रूपक अलंकार के तीन भेद हैं- सांग रूपक, निरंग रूपक और परम्परित रूपक।
चार
पाँच
उपर्युक्त में से कोई नहीं
57. निम्न में से, जैनेन्द्र कुमार की कहानी नहीं है:
खेल
पाजेब
नीलम देश की राजकन्या
रात्रि की महक
‘रात्रि की महक’ फनीश्वर नाथ रेणु की कहानी है।
58. आधुनिक हिंदी कविता की महत्वपूर्ण कविता मानी जाने वाली ‘रामदास’ के रचयिता थे:
रघुवीर सहाय
‘रामदास’ के रचयिता रघुवीर सहाय हैं; सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध, हँसो हँसों जल्दी हँसों, लोग भूल गए हैं, कुछ पते कुछ चिट्ठियाँ आदि इनके काव्य संग्रह हैं।
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
नागार्जुन
कुँवर नारायण
59. ‘श्री कृष्णस्य दौत्यम’ महान नाटककार भास द्वारा रचित किस नाटक से संकलित है?
कर्णभारम्‌
दूतवाक्यम्‌
‘श्री कृष्णस्य दौत्यम’ नाटककार भास द्वारा रचित ‘दूतवाक्यम्‌’ नाटक से संकलित है।
प्रतिमा नाटकम्‌
बालचरितम्‌
60. ‘कल्लोलिनी’ का अर्थ है:
चाँदनी
रात्रि
धरती
नदी
‘कल्लोलिनी’ का अर्थ ‘नदी’ है अर्थात ऐसी नदी जिसमें लहरें या तरंगें खूब उठती हों।
61. ‘नैतादृशा:’ का संधि विच्छेद है:
न+ एतादृशाः
‘नैतादृशा:’ का संधि विच्छेद ‘न+ एतादृशाः’ है; यह वृद्धि संधि (अ + ए= ऐ) का उदाहरण है।
ने + एतादृशा
नत + एतादृशाः
नैत + दृशाः
62. नरेश मेहता कृत ‘संशय की एक रात’ में किसके मन की संशय को चित्रित किया गया है?
राम
नरेश मेहता कृत ‘संशय की एक रात’ (1962) में ‘राम’ के मन की संशय को चित्रित किया गया है।
सीता
रावण
विभीषण
63. शेखर जोशी ने अपने लेख ‘गलता लोहा’ में किस सामाजिक मुद्दे का वर्णन किया है?
शैक्षिक पिछड़ापन
अंधविश्वास
बेरोजगारी
जातीय विभाजन
शेखर जोशी ने अपने लेख ‘गलता लोहा’ में ‘जातीय विभाजन’ के सामाजिक मुद्दे का वर्णन किया है।
64. निम्नलिखित में से कौन-से दो वर्ण ‘अयोगवाह’ कहलाते हैं?
अ, आ
अं, ऋ
आ, अ:
अं, अः
अनुस्वार ‘अं’ एंव विसर्ग ‘अः’ वर्ण ‘अयोगवाह’ कहलाते हैं; ऐसे वर्ण जिनमें स्वर एंव व्यंजन दोनों के गुण पाए जाते हैं उन्हें अयोगवाह कहते हैं।
65. ‘माया महाठगनी हम जानी’ किस भक्त कवि का कथन है?
सूरदास
कबीरदास
यह कबीरदास का कथन है जिसमें उन्होंने माया को महाठगनी का रूप दिया है।
नाभादास
कुंभनदास
66. शान्त रस का स्थायी भाव है:
हास
जुगुप्सा
निर्वेद
शान्त रस का स्थायी भाव ‘निर्वेद’ है; वहीं हास्य रस का हास, वीभत्स रस का जुगुप्सा और अद्भुत रस का स्थायी भाव विस्मय है।
विस्मय
67. किस कवि की भावनात्मक और विचारात्मक ऊर्जा अनेकानेक कल्पना-चित्रों और फैंटेसियों का आकार ग्रहण करती है?
निराला
पंत
नागार्जुन
मुक्तिबोध
मुक्तिबोध की भावनात्मक और विचारात्मक ऊर्जा अनेकानेक कल्पना-चित्रों और फैंटेसियों का आकार ग्रहण करती है।
68. नाटक में दृश्य दिखाने या दृश्य परिवर्तन के लिए जो पर्दा काम में लाया जाता है, उसे कहते हैं:
यवनिका
नाटक में दृश्य दिखाने या दृश्य परिवर्तन के लिए जो पर्दा काम में लाया जाता है, उसे ‘यवनिका’ कहते हैं।
नेपथ्य
पटाक्षेप
उपर्युक्त में से कोई नहीं
69. ‘शनै: शनै:’ शब्द है:
तत्सम
‘शनै: शनै:’ तत्सम शब्द है; जिन शब्दों को संस्कृत भाषा से बिना परिवर्तन के मूल रूप में हिंदी में प्रयोग किया जाता है, उन्हें ही तत्सम शब्द कहा जाता है।
तद्भव
देशज
आगत
70. संचारी भाव कितने प्रकार के होते हैं?
तैंतीस
संचारी भाव ‘तैंतीस’ प्रकार के होते हैं। स्थायी भाव के साथ आते-जाते रहने वाले जो अन्य भाव होते हैं उन्हें संचारी भाव कहते हैं; भरतमुनि ने इसे ‘व्यभिचारी भाव’ कहा है।
सैंतीस
पैंतीस
चौंतीस

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