काव्य लक्षण | काव्यशास्त्र | kavya lakshan
काव्य-लक्षण
काव्य का लक्षण निर्धारित करना काव्यशास्त्र का महत्वपूर्ण प्रयोजन रहा है। काव्य-लक्षण के द्वारा वांग्मय के अन्य प्रकारों से काव्य का भेद दर्शाया जाता...
हिंदी के प्रमुख महाकाव्य | hindi ke prmukh mahakavya
महाकाव्य
महाकाव्य लेखन की परम्परा संस्कृत साहित्य से चली आ रही है। संस्कृत के आचार्यों ने महाकाव्य के जो प्रमुख लक्षण निर्धारित किए वे निम्नलिखित...
विद्यापति के ग्रंथ एवं उपाधियाँ | कीर्तिलता | कीर्तिपताका | पदावली
विद्यापति
विद्यापति का समय 1350-1460 ई० माना जाता है। विद्यापति दरभंगा जिले (बिहार) के 'विपसी' नामक गाँव के निवासी थे। विद्यापति के गुरु का नाम पण्डित हरि...
अमीर खुसरो की रचनाएँ | Amir Khusrow
अमीर खुसरो
अमीर खुसरो का वास्तविक नाम अबुल हसन था। अमीर खुसरो हज़रत निज़ाम-उद्-दीन औलिया के शिष्य थे। इनका कर्म-क्षेत्र दिल्ली था तथा कवि, संगीतज्ञ,...
तारसप्तक के कवियों की सूची | saptak ke kaviyon ki suchi
हिंदी साहित्य में आधुनिक संवेदना का सूत्रपात ‘तारसप्तक’ के प्रकाशन से माना जाता है। सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ के सम्पादन में 4 सप्तक प्रकाशित...
आदिकालीन नाथ साहित्य के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ
आदिकालीन नाथ साहित्य-
हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार- “नाथ-पंथ या नाथ-सम्प्रदाय के सिद्ध-मत, सिद्ध-मार्ग, योग-मार्ग, योग-सम्प्रदाय, अवधूत-मत एवं अवधूत- सम्प्रदाय नाम भी प्रसिद्ध हैं।” नाथ...
आदिकाल की जैन काव्य धारा के कवि और उनकी रचनाएँ
आदिकालीन जैन साहित्य-
जैन कवियों द्वारा लिखे गए ग्रंथ ‘रास’ काव्य परम्परा के अंतर्गत आते हैं। इन ग्रन्थों में जैन धर्म से जुड़े व्यक्तिओं को...
आदिकालीन अपभ्रंश के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ
आदिकालीन अपभ्रंस साहित्य-
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने आदिकाल की प्रारम्भिक सीमा 993 ई. और अंतिम सीमा 1318 ई. मानी है, अथार्त राजा मुंज और भोज...
आदिकाल की सिद्ध काव्य धारा के कवि और उनकी रचनाएँ
आदिकालीन सिद्ध साहित्य-
सिद्ध साधकों ने बौद्ध धर्म के वज्रयान का प्रचार करने के लिए जो साहित्य जन भाषा में रचा वह सिद्ध साहित्य कहलाता...
आदिकाल की रासो काव्य धारा के कवि और उनकी रचनाएँ
आदिकालीनरासो साहित्य
में रासो-काव्य ग्रन्थों का महत्वपूर्ण स्थान है । ये रासो ग्रन्थ जैन कवियों के ‘रस-काव्य’ से भिन्न है क्योंकि ये ग्रन्थ वीर रस प्रधान...















