‘बिहारी पुरस्कार’ (bihari puraskar) के. के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला प्रतिष्ठित साहित्य सम्मान है। 1991 ई. में के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि ‘बिहारी लाल’ के नाम पर इस पुरस्कार की स्थापना की गई। इस पुरस्कार में ढाई लाख रुपए दिए जाते हैं। यह पुरस्कार के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा प्रवर्तित तीन साहित्य पुरस्कारों में से एक है, जिसे केवल राजस्थानी या राजस्थान के लेखकों को दिया जाता है। वर्ष 1991 ई. में प्रसिद्ध कवि ‘जयसिंह नीरज’ को उनके काव्य संकलन ‘ढाणी का आदमी’ के लिए प्रथम बिहारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। bihari award में kk Birla Foundation द्वारा 2 लाख 50 हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और पट्टिका प्रदान किया जाता है।
bihari award 2022
वर्ष 2022 का 32वाँ बिहारी पुरस्कार उदयपुर निवासी ‘माधव हाड़ा’ को उनके उपन्यास, ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ को दिया गया है। madhav hada का यह आलोचना ग्रंथ वर्ष 2015 में वाणी प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित हुआ था। ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ में हाड़ा ने मीरा के जीवन और समाज को नई दृष्टि से देखने का प्रयास है। इसमें मीरां के छवि निर्माण की प्रक्रियाओं को समझने के साथ विभिन्न स्रोतों में उपलब्ध उसके स्त्री अनुभव और संघर्ष के संकेतों की पहचान और विस्तार का प्रयास किया गया है।
bihari award list:
वर्ष 2003 और 2005 में Bihari Award किसी को नहीं दिया गया था। बिहारी पुरस्कार विजेताओं की सूची निम्नलिखित है-
वर्ष | साहित्यकार के नाम | कृति |
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2022 | माधव हाड़ा | पचरंग चोला पहर सखी री (आलोचना) |
2021 | मधु कांकरिया | हम यहाँ थे (उपन्यास) |
2020 | मोहनकृष्ण बोहरा | तस्लीमा: संघर्ष और साहित्य (आलोचना) |
2019 | आएदन सिंह भाटी | आँख हीयै रा हरियल सपना (काव्य संग्रह) |
2018 | मनीषा कुलश्रेष्ठ | स्वप्नपाश (उपन्यास) |
2017 | विजय वर्मा | लोकावलोकन (निबंध संग्रह) |
2016 | सत्य नारायण | ये एक दुनिया (रिपोर्ताज) |
2015 | डॉ. भगवती लाल व्यास | कथा सुन आवे है शब्द (काव्य संकलन) |
2014 | ओम थानवी | मुअनजोदडो (यात्रा वृत्तांत) |
2013 | चन्द्र प्रकाश देवल | हिरणा मूंन साध वन चरणा (काव्य संकलन) |
2012 | हरी राम मीणा | धूणी तपे तीर (उपन्यास) |
2011 | अर्जुन देव चारण | घर तौ अेक नाम है भरोसे रौ (काव्य संकलन) |
2010 | गिरिधर राठी | अंत के संशय (काव्य संकलन) |
2009 | हेमंत शेष | जगह जैसी जगह (काव्य संकलन) |
2008 | नंद भारद्वाज | हरी दूब का सपना (काव्य संकलन) |
2007 | यशवंत व्यास | कामरेड गोडसे (उपन्यास) |
2006 | अलका सरावगी | शेष कादंबरी (उपन्यास) |
2004 | मरूधर मृदुल | आस-पास (काव्य संकलन) |
2002 | विजयदान देथा | सपनप्रिया (कहानी संग्रह) |
2001 | कल्याणमल लोढ़ा | वाग्द्वार (सात हिंदी कवियों के अध्ययन) |
2000 | बशीर अहमद मयूख | अवधू अनहद नाद सुने |
1999 | प्रभा खेतान | पीली आंधी (उपन्यास) |
1998 | विश्वंभरनाथ उपाध्याय | विश्वबाहु परशुराम (उपन्यास) |
1997 | ऋतुराज | सुरत-निरत (काव्य संकलन) |
1996 | विजेंद्र | ऋतु का पहला फूल (काव्य संकलन) |
1995 | हमीदुल्ला | हरबार (नाट्क) |
1994 | नंदकिशोर आचार्य | रचना का समय (निबंध संग्रह) |
1993 | हरीश भादानी | पितृकल्प (काव्य संकलन) |
1992 | नंद चतुर्वेदी | यह समय मामूली नहीं (काव्य संकलन) |
1991 | जयसिंह नीरज | ढाणी का आदमी (काव्य संकलन) |
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FAQ:
Ans. 32वां बिहारी पुरस्कार प्रो. माधव हाडा को उनकी 2015 की साहित्यिक आलोचना पुस्तक ‘पचरंग छोला पहाड़ सखी री’ प्रदान किया गया है।
Ans. रीति काल के प्रसिद्ध कवि ‘बिहारी लाल’ के नाम पर के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा बिहारी पुरस्कार की स्थापना की गई थी। प्रसिद्ध कवि ‘जयसिंह नीरज’ को वर्ष 1991 में उनके काव्य संकलन ‘ढाणी का आदमी’ के लिए प्रथम बिहारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Ans. रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि बिहारीलाल के नाम स्थापित यह पुरस्कार केवल राजस्थानी या राजस्थान के लेखकों को प्रदान किया जाता है।
Ans. बिहारी पुरस्कार के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 1991 से दिया जाता है।
Ans. बिहारी पुरस्कार के अंतर्गत 2 लाख 50 हजार रुपये एक प्रसारित पत्र एवं एक प्रतीक चिन्ह प्रदान किया जाता है।