UPHESC Asst. Prof. Hindi Question Paper 2014

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UPHESC सहायक प्रोफेसर हिंदी प्रश्न पत्र

उ.प्र. उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा- 2014

यहाँ पर UPHESC द्वारा आयोजित सहायक प्रोफेसर 2014 हिंदी का प्रश्न पत्र दिया जा रहा है। आप इसे यहाँ पढ़ और डाउनलोड कर सकते हैं। UPHESC Assistant Professor Hindi Question Papers 2014 का solved (व्याख्यात्मक हल सहित) यहाँ पर दिया गया है। सहायक प्रोफेसर की यह परीक्षा UPHESC द्वारा 14 फरवरी 2015 को आयोजित की गई थी।

Assistant Professor Hindi Question Papers 2014

1. ‘उपदेशरसायनरास’ के रचनाकार हैं-
कवि विद्याधर
शारंगधर
धनपाल
जिनदत्त सूरि
‘उपदेशरसायनरास’ के रचनाकार जिनदत्त सूरि हैं।
2. भारतेंदु हरिश्चंद्र कृत कौन-सा नाटक अनुदित रचना है?
वैदकी हिंसा, हिंसा न भवति
चन्द्रावली
विद्यासुंदर
भारतेंदु हरिश्चंद्र कृत ‘विद्यासुंदर’ नाटक अनुदित रचना है।
अंधेर नगरी
3. ‘केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद’ संस्था का गठन कब किया गया था?
1960
‘केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद’ संस्था का गठन 1960 में किया गया था।
1959
1963
1955
4. ‘अष्टछाप’ की स्थापना कब हुई?
1565 ई.
‘अष्टछाप’ की स्थापना 1565 ई. में हुई।
1600 ई.
1570 ई.
1665 ई.
5. हिंदी की प्रथम प्राचीनतम आत्मकथा है-
मेरी जीवनयात्रा
मेरी आत्मकहानी
आत्मकथा
अर्द्धकथा
हिंदी की प्रथम प्राचीनतम आत्मकथा ‘अर्द्धकथा’ (बनारसीदास जैन) है।
6. विखंडन समीक्षा प्रणाली के जन्मदाता कौन है?
रोनाल्ड बर्थ
देरिदा
विखंडन समीक्षा प्रणाली के जन्मदाता ‘देरिदा’ हैं।
स्पिंगार्न
रॉबर्टपेन वारेन
7. मैथिलीशरण गुप्त की कौन-सी रचना महाभारत संबंधी नहीं है?
वन-वैभव
शक्ति
मैथिलीशरण गुप्त की ‘शक्ति’ रचना महाभारत संबंधी नहीं है।
वक-संहार
सैरन्ध्री
8. ‘दुलहिन अँगिया काहे न धोवाई’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
वक्रोक्ति
श्लेष
रूपकातिशयोक्ति
‘दुलहिन अँगिया काहे न धोवाई’ पंक्ति में रूपकातिशयोक्ति अलंकार है।
दृष्टांत
9. लिपियों का सही विकास क्रम है:
सूत्र लिपि, प्रतीकात्मक लिपि, चित्र लिपि, भावमूलक लिपि, ध्वनिमूलक लिपि
प्रतीकात्मक लिपि, चित्र लिपि, सूत्र लिपि, ध्वनिमूलक लिपि, भावमूलक लिपि
चित्र लिपि, सूत्र लिपि, प्रतीकात्मक लिपि, भावमूलक लिपि, ध्वनिमूलक लिपि
लिपियों का सही विकास क्रम ‘चित्र लिपि, सूत्र लिपि, प्रतीकात्मक लिपि, भावमूलक लिपि, ध्वनिमूलक लिपि’ है।
भावमूलक लिपि, चित्र लिपि, सूत्र लिपि, ध्वनिमूलक लिपि, प्रतीकात्मक लिपि
10. ‘खुसरो का लक्ष्य जनता का मनोरंजन था, पर कबीर धर्मोपदेश थे’ यह किसकी उक्ति है?
डॉ. नगेंद्र
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
यह उक्ति आचार्य रामचंद्र शुक्ल की है।
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
डॉ. रामकुमार वर्मा
11. यदि उपमेय-उपमान में बिंब-प्रतिबिंब भाव हो तो अलंकार होता है-
विभावना
दृष्टांत
यदि उपमेय-उपमान में बिंब-प्रतिबिंब भाव हो तो उसे दृष्टांत अलंकार कहते हैं।
उत्प्रेक्षा
रूपक
12. प्रस्तुत काव्यपंक्ति के रचयिता का नाम चिंहित कीजिए:
“कितने हृदयों के मधुर मिलन, क्रंदन करते वन विरोह-कोक।”
पंत
अज्ञेय
प्रसाद
इस काव्यपंक्ति के रचयिता जयशंकर प्रसाद हैं।
निराला
13. करुण रस को ही एकमात्र रस किसने माना है?
भोज
भामह
भरतमुनि
भवभूति
भवभूति ने करुण रस को ही एकमात्र रस माना है।
14. ‘नई कविता’ पत्रिका का प्रकाशन-वर्ष है?
1954 ई.
‘नई कविता’ पत्रिका का प्रकाशन वर्ष 1954 ई. है।
1951 ई.
1952 ई.
1956 ई.
15. ‘चिंतामणि’ का पहला भाग कब प्रकाशित हुआ?
1930 ई.
1939 ई.
‘चिंतामणि’ का पहला भाग 1939 ई. में प्रकाशित हुआ।
1935 ई.
1945 ई.
16. प्रस्तुत पंक्ति के संदर्भ में असत्य कथन का चयन कीजिए:
चमकि बीजु घन गरजि तरासाI
बिरह काल होई जीव गरासा॥
विरह का मानवीकरण
अवधी भाषा का प्रयोग
वियोग श्रृंगार
प्रकृति का आलंबन रूप में चित्रण
प्रस्तुत पंक्तियों में प्रकृति का आलंबन रूप में चित्रण नहीं है।
17. किस बोली में ‘न्द’ और ‘न्ध’ के स्थान पर ‘न्न’ और ‘न्ह’ हो जाता है?
अवधी
खड़ी बोली
ब्रज
भोजपुरी
भोजपुरी में ‘न्द’ और ‘न्ध’ के स्थान पर ‘न्न’ और ‘न्ह’ हो जाता है।
18. नवनाथों में इनमें से कौन सम्मिलित नहीं है?
गोरखनाथ
नागार्जुन
देवसेन
नवनाथों में देवसेन सम्मिलित नहीं हैं।
जड़भरत
19. हिंदी का पहला रिपोर्ताज किस पत्रिका में प्रकाशित हुआ?
विशालभारत
रूपाभ
‘लक्ष्मीपुरा’ (शिवदान सिंह चौहान) को हिन्दी का पहला रिपोर्ताज माना जाता है जो दिसंबर, 1938 में ‘रूपाभ’ (सुमित्रानंदन पंत) पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।
सरस्वती
हंस
20. अधोलिखित पंक्तियों में शब्दशक्ति है?
‘आए जोग सिखावन पांडेI
परमारथी पुराननि लादे, ज्यौं बनजारे टाँड़े॥’
व्यंजना
अधोलिखित पंक्तियों में व्यंजना शब्दशक्ति का प्रयोग हुआ है।
अभिधा
तात्पर्या
लक्षणा
21. ‘हरिऔध’ कृत ‘काव्योपवन’ का प्रकाशन-वर्ष है:
1907 ई.
1899 ई.
1909 ई.
‘काव्योपवन’ का प्रकाशन वर्ष 1909 ई. है।
1917 ई.
22. प्रसाद ने अपने किस नाटक में मुख्यत: नारी-मुक्ति की समस्या को उठाया है?
चंद्रगुप्त
राज्यश्री
स्कंदगुप्त
ध्रुवस्वामिनी
‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक में प्रसाद ने नारी-मुक्ति की समस्या को मुख्य रूप से उठाया है।
23. रैदास किसके गुरु थे?
मलूकदास
हरिदास
लालदास
मीराबाई
रैदास, मीराबाई के गुरु थे।
24. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कवि लक्षणग्रंथकार नहीं है?
घनानंद
घनानंद कवि लक्षणग्रंथकार नहीं हैं।
चिंतामणि
सेनापति
मतिराम
25. प्रस्तुत पंक्तियों के रचयिता हैं:
‘प्रेम निकेतन श्रीअनहिं, आइ गोबर्धन-धाम
लह्यो सरन चितचाहि कै, जुगलसरूप ललाम॥’
नंददास
पद्माकर
रहीम
रसखान
इन पंक्तियों के रचयिता रसखान हैं।
26. ‘चंद्रगुप्त’ नाटक का कौन-सा नारी पात्र चंद्रगुप्त के साथ प्रेमभाव नहीं रखता?
सुवासिनी
सुवासिनी ‘चंद्रगुप्त’ नाटक में चंद्रगुप्त के साथ प्रेमभाव नहीं रखती।
कल्याणी
कार्नेलिया
मालविका
27. क्रोचे के अभिव्यंजनावाद का संबंध वक्रोक्ति सिद्वांत के साथ मानने वाले विद्वान् हैं:
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
डॉ. नगेंद्र
डॉ. रामविलास शर्मा
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने क्रोचे के अभिव्यंजनावाद का संबंध वक्रोक्ति सिद्वांत के साथ माना है।
28. हिंदी नवजागरण को ‘मूलत: बुद्धिवादी और रहस्यवाद-विरोधी कहने वाले विद्वान् हैं:
डॉ. रामविलास वर्मा
डॉ. रामविलास वर्मा ने हिंदी नवजागरण को ‘मूलत: बुद्धिवादी और रहस्यवाद-विरोधी’ कहा है।
महावीर प्रसाद द्विवेदी
डॉ. नामवर सिंह
रामचंद्र शुक्ल
29. सिंघानिया नामक पुरुष पात्र का संबंध किस नाटक से है?
आठवाँ सर्ग
आधे-अधूरे
सिंघानिया नामक पात्र नाटक ‘आधे-अधूरे’ से संबंधित है।
अंधा युग
चंद्रकांता

30. निम्नलिखित काव्यांश में विरह की किस दशा का वर्णन है?
‘यह तन जारौं छार कै, कहौ कि ‘पवन’ उड़ावI
मकु तेहि मारग उड़ि परै, कंत धरै जहँ पाव॥’
अभिलाषा
इस काव्यांश में विरह की अभिलाषा दशा का वर्णन किया गया है।
उद्वेग
उन्माद
स्मृति
31. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के आधार पर 1955 ई. में राजभाषा आयोग की नियुक्ति की गयी?
343 (2)
348 (1)
344 (1)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 344 (1) के आधार पर 1955 ई. में राजभाषा आयोग की नियुक्ति की गई।
343 (1)
32. निम्नलिखित में से एक रामभक्त कवि हैं:
कृष्णदास
नाभादास
नाभादास रामभक्ति धारा के प्रमुख कवि हैं।
ध्रुवदास
श्रीभट्ट

33. एकांकी संकलन-त्रय का आशय है:
पात्र-भाषा-वेशभूषा का समन्वय
समय-स्थान-काल की एकता
देश-काल-वातावरण का समन्वय
समय-स्थान-कार्य की एकता
एकांकी संकलन-त्रय का आशय समय, स्थान और कार्य की एकता से है।

34. इनमें से कौन-सा आचार्य अलंकार संप्रदाय में सम्मलित नहीं है:
विश्वनाथ
विश्वनाथ अलंकार संप्रदाय में सम्मिलित नहीं हैं।
दंडी
भामह
उद्भट

35. इनमें से कौन-सा रचनाकार ‘तारसप्तक’ में सम्मिलित नहीं है?
रामविलास शर्मा
मुक्तिबोध
प्रभाकर माचवे
केदारनाथ सिंह
केदारनाथ सिंह ‘तारसप्तक’ के रचनाकारों में सम्मिलित नहीं हैं।

36. ‘परीक्षागुरु’ उपन्यास का रचनाकाल माना जाता है-
1891 ई.
1882 ई.
‘परीक्षागुरु’ उपन्यास का रचनाकाल 1882 ई. है।
1881 ई.
1877 ई.

37. ‘वचन की जो वक्रता भावप्रेरित होती है, वह काव्य होती है।’ यह कथन किस विद्वान का है?
रामचंद्र शुक्ल
यह कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।
रमाशंकर शुक्ल ‘रसाल’
विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
भागीरथी मिश्र

38. रामचरितमानस के ‘उत्तरकांड’ के संबंध में असत्य कथन का चयन कीजिए:
इसमें शैव एवं वैष्णव मतों का समन्वय दृष्टिगत होता है
इसमें राम के लोकाश्रयी आनंद का चित्रण है
यह कवि की कालजयी रचना का समापन बिंदु है
इसमें युगीन समस्यायों का उचित तथा सर्वग्राही समाधान दिया है
रामचरितमानस के ‘उत्तरकांड’ में युगीन समस्यायों का उचित तथा सर्वग्राही समाधान दिया है

39. भारतेंदु हरिश्चंद्र को ‘भारतेंदु’ उपाधि कब प्रदान की गयी?
1878 ई.
1880 ई.
भारतेंदु हरिश्चंद्र को ‘भारतेंदु’ उपाधि 1880 ई. में प्रदान की गई।
1884 ई.
1882 ई.
40. ‘अंधा युग’ से उद्धृत प्रस्तुत कथन किस पात्र का है?
‘मेरी मामता ही वहाँ नीति थी मर्यादा थी।’
गंधारी
अश्वथामा
धृतराष्ट्र
यह कथन ‘अंधा युग’ में धृतराष्ट्र का है।
संजय
41. काव्यदोषों की सर्वप्रथम व्याख्या प्रस्तुत करने वाला ग्रंथ है?
नाट्यशास्स्त्र
काव्यालंकार
साहित्यसर्वस्व
काव्यालंकारसूत्र
काव्यदोषों की सर्वप्रथम व्याख्या ‘काव्यालंकारसूत्र’ (आचार्य वामन) में प्रस्तुत की गई है।
42. निम्नलिखित में से किस कहानी के लेखक प्रेमचंद नहीं हैं?
होली का उपहार
मुक्तिमार्ग
बड़े घर की बेटी
देवदासी
‘देवदासी’ कहानी जयशंकर प्रसाद की है।
43. ‘हिंदी भाषा का उद्भव और विकास’ के लेखक हैं:
डॉ. नगेंद्र
रामचंद्र शुक्ल
हजारी प्रसाद द्विवेदी
डॉ. उदयनारायण तिवारी
‘हिंदी भाषा का उद्भव और विकास’ के लेखक डॉ. उदयनारायण तिवारी हैं।
44. ‘लघु मानव के बहाने हिंदी कविता पर एक बहस’ के लेखक हैं?
विजयदेवनारायण साही
यह लेख विजयदेवनारायण साही द्वारा लिखा गया है।
नंददुलारे बाजपेयी
रामविलास शर्मा
हजारी प्रसाद द्विवेदी
45. काव्यहेतु संबंधी प्रस्तुत पंक्तियों के रचयिता हैं:
‘शक्तिर्निपुणता लोकशास्त्र काव्याद्यावेक्षणात्।
काव्यज्ञशिक्षयाभ्यास इति हेतुस्तदुदभवे॥’
कुंतक
आनंदवर्द्धन
मम्मट
प्रस्तुत पंक्तियाँ मम्मट द्वारा रचित हैं।
विश्वनाथ
46. असत्य कथन को चिह्नित कीजिए:
‘श्रद्धा कामायनी का तीसरा सर्ग है
‘राम की शक्तिपूजा’ रामकथा से संबंधित रचना है
‘कुकुरमुत्ता’ में छायावादी शब्दावली का निषेध है
‘अँधेरे में’ कविता ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ में संकलित नहीं है
यह कथन असत्य है। ‘अँधेरे में’ कविता ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ में संकलित है।
47. ‘चंद्रकांता’ उपन्यास के संबंध में असत्य कथन को चिह्नित कीजिए:
यह ‘परीक्षागुरु’ के बाद की कृति है
इसमें असाधारण कल्पनाशक्ति निहित है
इसका प्रकाशन 1894 ई. में हुआ था
‘चंद्रकांता’ (देवकीनन्दन खत्री) का प्रकाशन 1888 ई. में हुआ था।
इस उपन्यास में रहस्य में रहस्य को सुरक्षित रखने वाला कथासंगठन विद्यमान है
48. गोस्वामी तुलसीदास जी की कुल कितनी कृतियों में उत्तर-कांड संबंधी वर्णन प्राप्त होते हैं?
दो
चार
तीन
गोस्वामी तुलसीदास की तीन कृतियों में उत्तर-कांड संबंधी वर्णन मिलता है।
एक
49. निम्नलिखित काव्यपंक्तियों के संबंध में कौन-सा कथन सही नहीं है?
‘आयो घोष बड़ो व्यापारी।
लाद खेंप गुन ज्ञान जोग की ब्रज में आय उतारी॥’
यहाँ गोपियाँ उद्वव पर व्यंग करती हैं
प्रथम पंक्ति में श्लेष अलंकार है
प्रथम पंक्ति में कोई अलंकार नहीं है।
ब्रजभाषा का प्रयोग किया गया है
यहाँ ‘खेप’ का अर्थ है- माल का बोझ
50. आचार्य शुक्ल के अनुसार स्वच्छन्दतावाद के प्रवर्तक हैं:
मैथिलीशरण गुप्त
राधाकृष्ण दास
श्रीधर पाठक
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने श्रीधर पाठक को स्वच्छन्दतावाद का प्रवर्तक माना है।
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
51. आचार्य शुक्ल का कौन-सा निबंध व्यावहारिक समीक्षा संबंधित नहीं है?
भारतेंदु हरिश्चंद्र
काव्य में अभिव्यंजनावाद
यह निबंध आचार्य शुक्ल के व्यावहारिक समीक्षा से संबंधित लेखों में नहीं आता।
मानस की धर्मभूमि
तुलसी का भक्तिमार्ग
52. अधोलिखित आचार्यों का उनके कालक्रमानुसार आरोही क्रम है?
दंडी, वामन, मम्मट, विश्वनाथ, जगन्नाथ
यह कालक्रम संस्कृत काव्यशास्त्र के महत्वपूर्ण आचार्यों की ऐतिहासिक प्रगति को दर्शाता है।
दंडी, मम्मट, वामन, जगन्नाथ, विश्वनाथ
वामन, दंडी, मम्मट, विश्वनाथ, जगन्नाथ
दंडी, मम्मट, वामन, विश्वनाथ, जगन्नाथ
53. ‘कामायनी’ के संदर्भ में असत्य कथन को चिह्नित कीजिए:
यह कृति अभेदमूलक अद्वैतवाद का शंखनाद करती है
यह नारी-सृष्टि के लिए संजीवनी है
इस कृति में मानवीय संवेगों का उदात्तीकरण नहीं है
‘कामायनी’ में मानवीय संवेगों का गहन एवं प्रभावी उदात्तीकरण हुआ है।
यह शाश्वत जीवन और मनुष्य-कल्याण का काव्य है
54. भरतमुनि के ‘रससूत्र’ की अनुमतिवाद पर आधृत व्याख्या किस आचार्य की है?
अभिनवगुप्त
भट्टनायक
भट्टलोल्लट
शंकुक
शंकुक ने भरतमुनि के रससूत्र की अनुमतिवाद पर आधारित व्याख्या प्रस्तुत की।
55. संगत युग्म का चयन कीजिये:
काव्यप्रकाश- आनंदवर्द्धन
काव्यादर्श- भामह
काव्यालंकारसूत्र- वामन
वामन ने काव्यालंकारसूत्र की रचना की है।
काव्यालंकार- दंडी
56. संगत युग्म का चयन कीजिए:
रामानुजाचार्य- शुद्धाद्वैतवाद
निम्बार्काचार्य- द्वैताद्वैतवाद
निम्बार्काचार्य ने द्वैताद्वैतवाद की स्थापना की।
बल्लभाचार्य- द्वैतवाद
मध्वाचार्य- विशिष्टाद्वैतवाद
57. निम्नलिखित कवियों को उनके जीवनकालानुसार आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए:
केशव, सेनापति, देव, पद्माकर
यह क्रम इन कवियों के रचनाकाल को दर्शाता है।
सेनापति, पद्माकर, देव, केशव
देव, केशव, पद्माकर, सेनापति
केशव, देव, सेनापति, पद्माकर
58. कालक्रमानुसार निबंध-संग्रहों का सही अनुक्रम है:
तुम चंदन हम पानी, आँगन का पंछी और बनजारा मन, परम्परा बंधन नहीं, भाव पुरुष श्रीकृष्ण
यह क्रम इन संग्रहों के प्रकाशन की कालानुक्रमिकता को दर्शाता है।
परम्परा बंधन नहीं, तुम चंदन हम पानी, आँगन का पंछी और बनजारा मन, भाव पुरुष श्रीकृष्ण
तुम चंदन हम पानी, परम्परा बंधन नहीं, भाव पुरुष श्रीकृष्ण, आँगन का पंछी और बनजारा मन
आँगन का पंछी और बनजारा मन, तुम चंदन हम पानी, भाव पुरुष श्रीकृष्ण, परम्परा बंधन नहीं
इसे भी देखें-
UPHESC Hindi Question Papers 2016

59. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
(i) प्रयोगवाद का अधिक ध्यान कलाकेंद्रित था
(ii) प्रगतिवाद और प्रयोगवाद के द्वंद से नयी कविता तथा साहित्य के अन्य रूप सामने आए
(iii) प्रयोगवाद में सामाजिक समस्याओं को नजर-अंदाज नहीं किया गया
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन सत्य हैं-
(i) और (ii)
(i) और (ii) कथन सत्य हैं क्योंकि प्रयोगवाद का मुख्य ध्यान कला पर था और प्रगतिवाद तथा प्रयोगवाद के द्वंद ने साहित्य को नए रूप दिए।
केवल (ii)
(ii) और (iii)
(i) और (iii)
60. सही विकल्प का चयन करें-
स्थापना (A): कुँवर नारायण की काव्यकृति ‘चक्रव्यूह’ की कतिपय रचनाएँ ‘क्षणवाद’ की धारणा से अनुप्राणित है।
तर्क (R): ‘क्षणवाद’ छायावादी कविता की एक उल्लेखनीय विशेषता है।
A सही R गलत है
‘क्षणवाद’ छायावादी कविता की विशेषता नहीं है। इसलिए, स्थापना सही है, लेकिन तर्क गलत है।
A और R दोनों सही हैं
A गलत R सही है
A और R दोनों गलत हैं
61. सही विकल्प का चयन करें-
स्थापना (A): प्रगतिवाद सामूहिकता, वर्ग-संघर्ष और सर्वहारा की विजय को लेकर चला।
तर्क (R): क्योंकि वह मार्क्सवाद पर आधारित था।
A सही R गलत है
A और R दोनों सही हैं
प्रगतिवाद सामूहिकता, वर्ग-संघर्ष और सर्वहारा की विजय की बात करता है क्योंकि यह मार्क्सवाद पर आधारित है।
A और R दोनों गलत हैं
A गलत है R सही है
62. निम्नलिखित निबंधकार और निबंध-संग्रह को सुमेलित कीजिए:
(a) जैनेंद्र – (i) निषाद बाँसुरी
(b) हजारी प्रसाद द्विवेदी – (ii) पगडंडियों का जमाना
(c) कुबेरनाथ राय – (iii) साहित्य और संस्कृति
(d) हरिशंकर परसाई – (iv) विचार प्रवाह
कूट:(a), (b), (c), (d)
(i), (iv), (ii), (iii)
(ii), (iv), (iii), (i)
(iii), (iv), (i), (ii)
जैनेंद्र- साहित्य और संस्कृति, हजारी प्रसाद द्विवेदी- विचार प्रवाह, कुबेरनाथ राय- निषाद बाँसुरी, हरिशंकर परसाई-पगडंडियों का जमाना
(i), (iv), (iii), (ii)
63. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों को उनके कवियों के साथ सुमेलित कीजिए:
(a) विष्णु का मैं ही सुदर्शन चक्र हूँ – (i) प्रसाद
(b) तरल आकांक्षा से है भरा सो रहा आशा का आह्लाद – (ii) अज्ञेय
(c) विश्वास मलय से मिलकर ग्रह-पथ में टकराएगा – (iii) निराला
(d) मैं इस बरगद के पास खड़ा हूँ – (iv) मुक्तिबोध
कूट:(a), (b), (c), (d)
(iv), (iii), (i), (ii)
(iii), (i), (ii), (iv)
विष्णु का मैं ही सुदर्शन चक्र हूँ- निराला, तरल आकांक्षा से है भरा सो रहा आशा का आह्लाद- प्रसाद, विश्वास मलय से मिलकर ग्रह-पथ में टकराएगा- अज्ञेय, मैं इस बरगद के पास खड़ा हूँ- मुक्तिबोध
(ii), (iv), (iii), (i)
(i), (iii), (iv), (ii)
64. निम्नलिखित कहानी आंदोलन और कहानीकार को सुमेलित कीजिए:
(a) अ-कहानी – (i) कमलेश्वर
(b) सक्रीय कहानी – (ii) डॉ. महीप सिंह
(c) समांतर कहानी – (iii) राकेश वत्स
(d) सचेतन कहानी – (iv) गंगा प्रसाद विमल
कूट:(a), (b), (c), (d)
(iv), (iii), (i), (ii)
अ-कहानी- गंगा प्रसाद विमल, सक्रीय कहानी- राकेश वत्स, समांतर कहानी- कमलेश्वर, सचेतन कहानी- डॉ. महीप सिंह
(ii), (i), (iv), (iii)
(iv), (iii), (ii), (i)
(iii), (ii), (i), (iv)
65. निम्न ग्रंथ और लेखक को सुमेलित कीजिए:
(a) पेरिइप्सुस -(i) प्लेटो
(b) पोइटिक्स – (ii) क्रोचे
(c) एसथेटिक्स – (iii) लोंजाइनस
(d) इओन – (iv) अरस्तू
कूट:(a), (b), (c), (d)
(ii), (i), (iv), (iii)
(iii), (ii), (i), (iv)
(iii), (iv), (ii), (i)
पेरिइप्सुस- लोंजाइनस, पोइटिक्स- अरस्तू, एसथेटिक्स- क्रोचे, इओन- प्लेटो
(iv), (ii), (iii), (i)
66. निम्नलिखित उपन्यास और उपन्यासकार को सुमेलित कीजिए:
(a) मुर्दों का टीला – (i) निर्मल वर्मा
(b) डूबते मस्तूल – (ii) मन्नू भंडारी
(c) महाभोज – (iii) रांगेय राघव
(d) लालटीन की छत – (iv) नरेश मेहता
कूट:(a), (b), (c), (d)
(iv), (iii), (i), (ii)
(iii), (iv), (ii), (i)
मुर्दों का टीला- रांगेय राघव, डूबते मस्तूल- नरेश मेहता, महाभोज- मन्नू भंडारी, लालटीन की छत- निर्मल वर्मा
(ii), (i), (iv), (iii)
(iii), (ii), (iv), (i)
67. निम्नलिखित पुस्तक और लेखक को सुमेलित कीजिए:
(a) साहित्य का इतिहास दर्शन – (i) महेशदत्त शुक्ल
(b) भाषा-काव्य संग्रह – (ii) श्यामसुंदर दास
(c) हिंदी भाषा और साहित्य – (iii) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(d) हिंदी भाषा और साहित्य का विकास – (iv) नलिन विलोचन शर्मा
कूट:(a), (b), (c), (d)
(iv), (iii), (i), (ii)
(ii), (i), (iii), (iv)
(iv), (i), (ii), (iii)
साहित्य का इतिहास दर्शन- नलिन विलोचन शर्मा, भाषा-काव्य संग्रह- महेशदत्त शुक्ल, हिंदी भाषा और साहित्य- श्यामसुंदर दास, हिंदी भाषा और साहित्य का विकास- अ योध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(iii), (ii), (iv), (i)
68. उद्धृत काव्यपंक्तियों को उनके रचनाकार के साथ सुमेलित कीजिए:
(a) विपुल मणि रत्नों का छवि जाल – (i) प्रसाद
(b) जीवन का लेकर नव विचार – (ii) निराला
(c) सुमन हृदय में सेज बिछाते – (iii) पंत
(d) सुनता वसंत में उपवन में कल-कूजित पिक – (iv) महादेवी
कूट:(a), (b), (c), (d)
(iii), (i), (iv), (ii)
विपुल मणि रत्नों का छवि जाल- पंत, जीवन का लेकर नव विचार- प्रसाद, सुमन हृदय में सेज बिछाते- महादेवी, सुनता वसंत में उपवन में कल-कूजित पिक- निराला
(ii), (iii), (i), (iv)
(iv), (iii), (ii), (i)
(iii), (i), (ii), (iv)
69. निम्नलिखित भाषा और बोली को सुमेलित कीजिए:
(a) ब्रजभाषा – (i) बाँगरू
(b) अवधी – (ii) खल्टाही
(c) हरियाणी – (iii) अंतर्वेदी
(d) छत्तीसगाढ़ी – (iv) बैसवाड़ी
कूट:(a), (b), (c), (d)
(ii), (iii), (i), (iv)
(i), (iii), (iv), (ii)
(iii), (iv), (i), (ii)
ब्रजभाषा- अंतर्वेदी, अवधी- बैसवाड़ी, हरियाणी- बाँगरू, छत्तीसगाढ़ी- खल्टाही
(iv), (ii), (i), (iii)
70. निम्नलिखित रचना और रचनाकाल को सुमेलित कीजिए:
(a) चंदायन – (i) 1379 ई.
(b) मृगावती – (ii) 1503 ई.
(c) मधुमालती – (iii) 1545 ई.
(d) पद्मावत – (iv) 1540 ई.
कूट:(a), (b), (c), (d)
(iv), (i), (ii), (iii)
(i), (ii), (iii), (iv)
चंदायन- 1379 ई., मृगावती- 1503 ई., मधुमालती- 1545 ई., पद्मावत- 1540 ई.
(ii), (i), (iii), (iv)
(i), (iii), (ii), (iv)
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1 COMMENT

  1. हिंदी सारंग का बहुत-बहुत आभर 🙏🙏

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