उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (uppsc) द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश राजकीय डिग्री कॉलेज (Government degree colleges) सहायक आध्यापक हिंदी- 2017 का परीक्षा 3 नवम्बर 2019 को आयोजित हुआ था, यहाँ पर उसी प्रश्नपत्र को दिया जा रहा है। Print के द्वारा आप GDC hindi question papers 2017 का pdf Download कर सकते हैं। यदि आप Higher Education संबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा देना चाहते हैं तो इसे एक बार जरुर पढ़ें। Assistant Professor hindi के अन्य Exam, PHD Admission तथा NTA UGC NET के लिए भी यह Question Papers महत्वपूर्ण है।
GDC Assistant Professor Hindi 2017
1. निम्नलिखित में एक कथन सही है:
- सभी स्वर सघोष होते हैं।
- सभी स्वर अघोष होते हैं।
- सभी स्वर सघोष और अघोष दोनों होते है।
- सभी स्वरों में घोषत्व नहीं होता है।
Ans (1): सही कथन- सभी स्वर सघोष होते हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ग के तीसरे, चौथे और पाँचवे व्यंजन तथा य्, र्, ल्, व्, ह् भी घोष (सघोष) होते हैं।
2. आकाशवाणी का ध्येय वाक्य है:
- ज्ञानं परमं ध्येयम्
- बहुजन हिताय बहुजन सुखाय
- अहर्निशं सेवामहे
- योगक्षेमं वहाम्यहम्
Ans (2): आकाशवाणी का ध्येय वाक्य ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ है। आकाशवाणी सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा संचालित सार्वजानिक क्षेत्र की रेडियो प्रसारण सेवा है।
3. ई. कामर्स (Electronic Commerce) के लाभ के संबंध में निम्नलिखित में से एक कथन असत्य है:
- नकद धनराशि की आवश्यकता नहीं होती।
- दुकान अथवा प्रतिष्ठान तक जाने की आवश्यकता नहीं होती।
- धन, श्रम और समय की बचत होती है।
- वस्तु की भौतिक स्थिति का पूर्ण ज्ञान घर बैठे हो जाता है।
Ans (4): ई. कामर्स या ई. व्यवसाय इंटरनेट के माध्यम से वस्तु की भौतिक स्थिति का पूर्ण ज्ञान घर बैठे नहीं होता है।
4. निम्नलिखित में से किसे अविकारी शब्द माना जाता है?
- संज्ञा
- सर्वमान
- अव्यय
- क्रिया
Ans (3): अव्यय को अविकारी शब्द माना जाता है। जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन और कारक के अनुसार नहीं बदलते हैं उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं।
5. भारतीय भाषाविज्ञान की परंपरा में ‘मुनित्रयी’ के नाम से प्रसिद्ध विद्वानों में सम्मिलित नहीं है-
- भतृहरि
- पाणिनि
- पतंजलि
- कात्यायन
Ans (1): भारतीय भाषाविज्ञान की परंपरा में ‘मुनित्रयी’ के नाम से प्रसिद्ध विद्वानों में ‘भतृहरि’ सम्मिलित नहीं हैं। ‘मुनित्रयी’ के नाम से प्रसिद्ध विद्वानों में पाणिनि, पतंजलि और कात्यायन सम्मिलित हैं।
इसे भी देख्ने-
6. पूर्वी हिंदी के अन्तर्गत अवधी के अतिरिक्त इनमें से कौन-सी बोली समाहित की जाती है?
- कन्नौजी
- मारवाड़ी
- बघेली
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): पूर्वी हिंदी के अन्तर्गत अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी बोली आती हैं।
7. निम्नलिखित में से कौन-सी सेवा इंटरनेट से प्राप्त नहीं है?
- ई-लर्निंग
- ई-बैंकिंग
- वीडियो कान्फ्रेंसिंग
- ई-हारवेस्टिंग
Ans (4): ई-हारवेस्टिंग की सेवा इंटरनेट से प्राप्त नहीं है।
8. शब्द की परिभाषा है:
- पद-समूह
- सार्थक ध्वनि समूह
- ध्वनि-समूह
- ध्वनि
Ans (2): शब्द की परिभाषा- सार्थक ध्वनि समूह है।
9. ‘विशिष्टापदरचना रीतिः’ कथन किस आचार्य का है?
- आचार्य वामन
- आचार्य कुंतक
- आचार्य लोल्लट
- आचार्य आनंदवर्धन
Ans (1): ‘विशिष्टापदरचना रीतिः’ कथन आचार्य वामन का है। वहीं आचार्य कुंतक का कथन ‘वक्रोक्ति: काव्यजीवितम्’ और आनंदवर्धन का ‘ध्वनिरात्मा काव्यस्य’ है।
10. “मैं साहित्य को मनुष्य की दृष्टि से देखने का पक्षपाती हूँ। जो वाग्जाल मनुष्य को दुर्गति, हीनता और परमुखापेक्षिता से बचा न सके, जो उसकी आत्मा को तेजोद्दीप्त न बना सके, जो उसके हृदय को परदुखकातर और संवेदनशील न बना सके, उसे साहित्य कहने में मुझे संकोच होता है।”
उक्त कथन है-
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
- डॉ. नगेन्द्र
- रवीन्द्रनाथ टैगोर
Ans (2): उक्त कथन ‘आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी’ का है।
11. “व्यंग्य जीव है कवित में, शब्द अर्थ गति अंग।
सोई उत्तम काव्य है, वरनै व्यंग्य प्रसंग॥”
उक्त कथन किस आचार्य का है?
- मम्मट
- भिखारीदास
- कुलपति
- प्रतापसाहि
Ans (4): उक्त कथन आचार्य ‘प्रतापसाहि’ का है।
12. ‘विरेचन सिद्धांत’ के प्रवर्तक हैं-
- लोन्जाइनुस
- अरस्तू
- कॉलरिज
- टी.एस. इलियट
Ans (2): ‘विरेचन सिद्धांत’ के प्रवर्तक ‘अरस्तू’ हैं। वहीं लोन्जाइनुस का उदात्तवाद, कॉलरिज का कल्पना और टी.एस. इलियट का वस्तुनिष्ठ समीकरण तथा निर्वैक्तिकता का सिद्वांत है।
13. ‘रस निष्पत्ति’ का समीक्षा संबंधी ‘अभिव्यक्तिवाद’ सिद्धांत किस आचार्य का है?
- आचार्य भट्ट लोल्लट
- आचार्य शंकुक
- आचार्य अभिनव गुप्त
- आचार्य भट्ट नायक
Ans (3): ‘रस निष्पत्ति’ का समीक्षा संबंधी ‘अभिव्यक्तिवाद’ सिद्धांत आचार्य ‘अभिनव गुप्त’ का है। वहीं भट्ट लोल्लट का उत्पत्तिवाद, शंकुक का अनुमितिवाद और भट्ट नायक का भुक्तिवाद सिद्धांत है।
14. रस निष्पत्ति के संबंध में ‘भावकत्व और भोजकत्व’ व्यापार की उद्भावना किस आचार्य ने की?
- भरतमुनि
- भट्ट नायक
- शंकुक
- भट्ट लोल्लट
Ans (2): रस निष्पत्ति के संबंध में ‘भावकत्व और भोजकत्व’ व्यापार की उद्भावना आचार्य ‘भट्ट नायक’ ने की।
15. “वयोऽनुरूपः प्रथमस्तु वेषो,
वेषानुरूपश्च गतिः प्रचारः।”
औचित्य के संदर्भ में उक्त कथन किस आचार्य का है?
- आचार्य भामह
- आचार्य क्षेमेंद्र
- आचार्य वामन
- आचार्य भरतमुनि
Ans (4): औचित्य के संदर्भ में उक्त कथन आचार्य ‘भरतमुनि’ का है।
16. ‘काव्यालंकार सूत्र’ इनमें से किसकी रचना है?
- भामह की
- जयदेव की
- दण्डी की
- वामन की
Ans (4): ‘काव्यालंकार सूत्र’ आचार्य वामन की रचना है।
17. ‘काव्यशोभाकरान् धर्मान् अलंकारान प्रचक्षते’ कथन किस आचार्य का है?
- आचार्य मम्मट
- आचार्य दण्डी
- आचार्य वामन
- आचार्य रूद्रट
Ans (2): ‘काव्यशोभाकरान् धर्मान् अलंकारान प्रचक्षते’ कथन आचार्य ‘दण्डी’ का है।
18. “अदोषौ सगुणौ सालङ्कारौ च शब्दार्थों काव्यम्”
उक्त कथन किस आचार्य का है?
- जयदेव
- हेमचंद्र
- आनंदवर्धन
- विश्वनाथ
Ans (2): उक्त कथन आचार्य हेमचंद्र का है।
19. ‘उत्तर आधुनिकता’ शब्द का प्रयोग कला के संदर्भ में किसने किया है?
- जॉन बार्थ
- पीटर बर्जर
- ल्यौतार
- फ्रेडरिक जैमेसन
Ans (1): ‘उत्तर आधुनिकता’ शब्द का प्रयोग ‘जॉन बार्थ’ ने 1967 ई. में कला के संदर्भ में किया।
20. “जिस प्रकार जात्मा की मुक्तावस्था ज्ञान दशा कहलाती है, उसी प्रकार हृदय की मुक्तावस्था रसदशा कहलाती है।”
उक्त कथन किस आचार्य का है?
- आचार्य नंददुलारे बाजपेयी
- आचार्य कृष्णशंकर शुक्ल
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री
Ans (3): उक्त कथन आचार्य ‘रामचंद्र शुक्ल’ का है।
21. “कविता भाव का स्वछंद प्रवाह नहीं, भाव से पलायन है; व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं, उससे मुक्ति का नाम है।”
यह कथन किस विचारक का है?
- क्रोचे
- इलियट
- अरस्तू
- रिचर्डस्
Ans (2): यह कथन इलियट का है।
22. “अमिय झरत चहुँ ओर सों, नयन ताप हरि लेत।
राधा जू के वदन अस, चंद उदित केहि हेत॥”
उक्त उदाहरण में अलंकार है-
- रूपक
- उपमा
- प्रतीप
- भ्रांतिमान
Ans (3): उक्त उदाहरण में ‘प्रतीप’ अलंकार है। यह समस्यामूलक अर्थालंकार है। प्रतीप का अर्थ ‘उल्टा’ या ‘विपरीत’ होता है। यह उपमा के विपरीत होता है।
23. निम्नलिखित पाश्चात्य साहित्य शास्त्रियों को उनके सिद्धांत से सुमेलित करके सही कूट का चयन कीजिए।
साहित्यशास्त्री-नाम | सिद्धांत नाम |
(a)आई. ए. रिचर्ड | (i) अनुकरण सिद्धांत |
(b)अरस्तू | (ii) निर्वैयक्तिकता सिद्धांत |
(c)टी. एस. इलियट | (iii) कल्पना सिद्धांत |
(d)कॉलरिज | (iv) मूल्य सिद्धांत |
कूट:
(a) | (b) | (c) | (d) | |
1. | (iv) | (i) | (ii) | (iii) |
2. | (ii) | (iv) | (i) | (iii) |
3. | (iv) | (ii) | (iii) | (i) |
4. | (iii) | (i) | (ii) | (iv) |
Ans (1): सुमेलित-
- आई. ए. रिचर्ड- मूल्य सिद्धांत
- अरस्तू- अनुकरण सिद्धांत
- टी. एस. इलियट- निर्वैयक्तिकता सिद्धांत
- कॉलरिज- कल्पना सिद्धांत
24. हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा का सूत्रपात किया था-
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- गार्सा-द-तासी
- जॉर्ज ग्रियर्सन
- शिव सिंह सेंगर
Ans (2): हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा का सूत्रपात ‘गार्सा-द-तासी’ ने किया था। इनके ग्रंथ का नाम ‘इस्तवार द ल लितरेत्यूर ऐंदुई ए ऐदुस्तानी’ है जो फ्रेंच भाषा में है। यह ग्रंथ दो भागों में है; प्रथम भाग 1839 ई. तथा द्वितीय भाग 1847 ई. में प्रकाशित हुआ था। इसमें कवियों का वर्णन वर्णानुक्रम से किया गया है। लक्ष्मी सागर वार्ष्णेय ने इस ग्रंथ का हिंदी अनुवाद ‘हिन्दुई साहित्य का इतिहास’ नाम से किया है।
25. भाषा की कसौटी पर यदि ग्रंथ को कसते है तो और भी निराश होना पड़ता है, क्योंकि वह बिलकुल बेठिकाने है- उसमें व्याकरण आदि की कोई व्यवस्था नहीं है।”
आचार्य शुक्ल का उक्त कथन किस ग्रंथ के संदर्भ में है?
- पृथ्वीराज रासो
- बीसलदेव रासो
- हम्मीर रासो
- खुमाण रासो
Ans (1): आचार्य शुक्ल का उक्त कथन चंदरबरदाई कृत ‘पृथ्वीराज रासो’ ग्रंथ के संदर्भ में है।
26. निम्नलिखित में से किस रचना में ‘कड़वक’ शैली का प्रयोग नहीं हुआ है?
- जम्मूसामि चरिउ
- पउम चरिउ
- पाहुड़ दोहा
- महापुराण
Ans (3): पाहुड़ दोहा’ रचना में ‘कड़वक’ शैली का प्रयोग नहीं हुआ है। चौपाई के साथ दोहा रखने की पद्धति को कड़वक शैली कहते हैं। स्वयंभू कृत ‘पउम चरिउ’ प्रथम ‘कड़वक’ शैली की रचना है।
27. सांकेतिक अर्थ रखने के कारण इनकी बानियों की भाषा को ‘संधाभाषा’ कहा गया-
- सिद्ध
- नाथ
- सूफी
- कबीर
Ans (1): सांकेतिक अर्थ रखने के कारण सिद्धों की बानियों की भाषा को ‘संधाभाषा’ कहा गया। सिद्धों का संबंध बौध धर्म की व्रजयान या सहजयान शाखा से है। इनकी संख्या 84 मानी गई है।
28. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ‘भक्तिकाल: सगुण धारा: फुटकल रचनाएँ’ शीर्षक के अंतर्गत परिगणित किस कवि के लिए कहा है-
“……. को कविहृदय नहीं मिला था। उनमें वह सहृदयता और भावुकता न थी जो एक कवि में होनी चाहिए। वे संस्कृत साहित्य से सामग्री लेकर अपने साहित्य और रचना कौशल की धाक जमाना चाहते थे।”?
- गंग
- भिखारीदास
- केशवदास
- रहीम
Ans (3): शुक्ल जी का उपर्युक्त कथन ‘केशवदास’ के बारे में है।
29. ‘द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिन्दुस्तान’ के लेखक हैं-
- जॉर्ज ए. ग्रियर्सन
- गार्सा-द-तासी
- शिवसिंह सेंगर
- शुकदेव बिहारी मिश्र
Ans (1): ‘द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिन्दुस्तान’ के लेखक ‘जॉर्ज ए. ग्रियर्सन’ हैं।
30. ‘हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास’ के लेखक हैं-
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल
- आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
- डॉ. रामकुमार वर्मा
- डॉ. भगीरथ मिश्र
Ans (3): ‘हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास’ के लेखक ‘डॉ. रामकुमार वर्मा’ हैं। वहीं-
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल- हिंदी साहित्य का इतिहास
- डॉ. भगीरथ मिश्र- हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास
- आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी- हिंदी साहित्य की भूमिका, हिंदी साहित्य का आदिकाल, हिंदी साहित्य का उद्भव व विकास
31. “अमावस के घरि झिलमिल चन्दा, पूनम कै घरि सूर।
नाद कै घरि ब्यंद गरजै, बाजंत अनहद तूर॥”
उपर्युक्त काव्यांश में अनहद नाद की स्थिति को व्यक्त करने वाले योगी/संत का नाम है-
- जायसी
- गोरखनाथ
- जलंधर नाथ
- नामदेव
Ans (2): उपर्युक्त काव्यांश में अनहद नाद की स्थिति को व्यक्त करने वाले योगी/संत ‘गोरखनाथ’ हैं। गोरखनाथ को नाथ पंथ का प्रवर्तक माना जाता है। गोरखनाथ ने हठयोग का प्रवर्तन किया जिसमें हठ शब्द में प्रयुक्त ‘ह’ का अर्थ ‘सूर्य’ तथा ‘ठ’ का अर्थ चंद्रमा है।
‘गोरक्ष-सिद्वांत-संग्रह’ में नाथों की संख्या 9 मानी गई है- नागार्जुन, जड़भारत, हरिश्चंद्र, सत्यनाथ, भीमनाथ, गोरखनाथ, चपेटनाथ, जलंधर और मलायार्जुन।
32. ‘पथ्वीराज रासो’ में कितने समय (सर्ग) हैं?
- 45
- 51
- 59
- 69
Ans (4): ‘पथ्वीराज रासो’ में 69 समय (सर्ग) हैं। पिंगल शैली में लिखा गया यह ग्रंथ चंदरबरदाई कृत हिंदी का प्रथम महाकाव्य है।
33. आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल को क्या नाम दिया है?
- बीजवपन काल
- वीरगाथा काल
- सिद्धसामंत काल
- चारण काल
Ans (1): आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल को ‘बीजवपन काल’ नाम दिया है।
34. हिंदी साहित्य के आदिकाल को ‘आधारकाल’ नाम दिया–
- डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी ने
- डॉ. रामशंकर शुक्ल ‘रसाल’ ने
- डॉ. मोहन अवस्थी ने
- डॉ. लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय ने
Ans (3): हिंदी साहित्य के आदिकाल को ‘आधारकाल’ नाम डॉ. मोहन अवस्थी ने दिया।
35. साहित्य को “जनता की चित्तवृत्ति का संचित प्रतिबिंब” माना है-
- आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ने
- आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने
- आचार्य नंददुलारे बाजपेयी ने
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने
Ans (4): साहित्य को “जनता की चित्तवृत्ति का संचित प्रतिबिंब” आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने माना है।
36. लोकवार्ता के संबंध में निम्नलिखित में से एक कथन सत्य है:
- लोकवार्ता में पीढ़ी दर पीढ़ी परिवर्तन या विकास होता जाता है।
- लोकवार्ता का स्वरूप शाश्वत होता है।
- लोकवार्ता का लेखक कोई प्रसिद्ध लेखक होता है।
- लोकवार्ता साहित्यिक शैली में लिखी जाती है।
Ans (1): लोकवार्ता के संबंध में सत्य कथन- लोकवार्ता में पीढ़ी दर पीढ़ी परिवर्तन या विकास होता जाता है। लोकवार्ता का शाश्वत स्वरूप नहीं होता है और न ही इसका कोई प्रसिद्ध लेखक होता है। लोकवार्ता को कोई साहित्यिक शैली नहीं होती है।
37. ‘अंधा-युग’ के विषय में कौन सा कथन गलत है?
- पौराणिक आख्यान द्वारा आधुनिक युग की अनास्था, संत्रास, कुंठा अंकित की गयी है।
- वैयक्तिक स्नेह और स्वार्थ का, शासक अंधेपन का परिचय देता है।
- इसके द्वारा कृष्णभक्ति की प्रतिष्ठा की गयी है।
- युद्ध की अंतिम परिणति पूरी मानवता को ध्वस्त कर देती है।
Ans (3): ‘अंधा-युग’ के विषय में गलत कथन- इसके द्वारा कृष्णभक्ति की प्रतिष्ठा की गयी है।
38. ‘जकी’ उपनाम (तखल्लुस) से कौन प्रसिद्ध हिंदी कवि उर्दू में गज़लें लिखता था?
- श्रीधर पाठक
- जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’
- गंगाशरण सिंह
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
Ans (2): ‘जकी’ उपनाम से जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ उर्दू में गज़लें लिखते थे। जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ को भक्ति और रीतिकाल का समन्वयक कहा जाता है। ये आधुनिक काल में ब्रजभाषा के अंतिम बड़े कवि हैं। ‘बिहारी’ रत्नाकर के आदर्श कवि हैं।
39. ‘भविसयत्त-कहा’ के रचनाकार हैं-
- कनकामर मुनि
- सोमप्रभ सूरि
- विद्याधर
- धनपाल
Ans (4): ‘भविसयत्त-कहा’ के रचनाकार ‘धनपाल’ हैं।
40. ‘प्रगतिवादी’ काव्य के विषय में कौन सा कथन गलत है?
- इस पर द्वंद्वात्मक भौतिकवाद का प्रभाव है।
- इसमें शोषितों के प्रति सहानुभूति है।
- इसमें धार्मिक भावनाओं का विशेष आदर है।
- शोषणमूलक लोकतंत्र पर प्रहार किया गया है।
Ans (3): ‘प्रगतिवादी’ काव्य के विषय में गलत कथन- इसमें धार्मिक भावनाओं का विशेष आदर है।
41. सुमेलित करते हुए दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) गोरखनाथ और उनका युग | (i) पीतांबरदत्त बड़थ्वाल |
(b) नाथ संप्रदाय | (ii) रांगेय राघव |
(c) हिंदी काव्य में निर्गुण सम्प्रदाय | (iii) धर्मवीर भारती |
(d) सिद्ध साहित्य | (iv) हजारीप्रसाद द्विवेदी |
कूट:
(a) | (b) | (c) | (d) | |
1. | (iii) | (i) | (iv) | (ii) |
2. | (ii) | (iv) | (iii) | (i) |
3. | (iv) | (iii) | (ii) | (i) |
4. | (iii) | (iv) | (i) | (ii) |
Ans (1): सुमेलित-
- गोरखनाथ और उनका युग- रांगेय राघव
- नाथ संप्रदाय- हजारीप्रसाद द्विवेदी
- हिंदी काव्य में निर्गुण सम्प्रदाय- पीतांबरदत्त बड़थ्वाल
- सिद्ध साहित्य- धर्मवीर भारती
42. ‘हिंदी साहित्य: बीसवीं शताब्दी’ के रचयिता हैं-
- आचार्य नंददुलारे बाजपेयी
- शिवकुमार शर्मा
- डॉ. वासुदेव सिंह
- डॉ. गुलाब राय
Ans (1): ‘हिंदी साहित्य: बीसवीं शताब्दी’ के रचयिता ‘आचार्य नंददुलारे बाजपेयी’ हैं-
43. “भाषा पर कबीर का जबरदस्त अधिकार था, वे वाणी के डिक्टेटर थे।”
उक्त कथन किस आलोचक का है?
- रामचंद्र शुक्ल
- रामकुमार वर्मा
- परशुराम चतुर्वेदी
- हजारीप्रसाद द्विवेदी
Ans (4): उक्त कथन ‘हजारीप्रसाद द्विवेदी’ का है।
44. निम्नलिखित में से वल्लभाचार्य के शिष्यों के संबंध में कौन सा कथन असत्य है?
- कुंभनदास तथा कृष्णदास
- सूरदास तथा परमानन्ददास
- नंददास तथा चतुर्भुजदास
- सूरदास तथा कृष्णदास
Ans (3): वल्लभाचार्य के शिष्यों के संबंध में असत्य कथन- नंददास तथा चतुर्भुजदास। क्योंकि ये दोनों विट्ठलनाथ के शिष्य थे।
45. हिंदी साहित्य के उत्तरमध्यकाल को ‘कलाकाल’ नाम देने वाले विद्वान हैं-
- मिश्रबंधु
- रामशंकर शुक्ल ‘रसाल’
- विश्वनाथ मिश्र
- रामचंद्र शुक्ल
Ans (2): हिंदी साहित्य के उत्तरमध्यकाल को ‘कलाकाल’ नाम देने वाले विद्वान रामशंकर शुक्ल ‘रसाल’ हैं।
46. निम्नलिखित रचनाओं और रचनाकारों में से सही विकल्प है:
- कर्णाभरण– याकूब खाँ
- रतनहजारा- कुलपति
- भाषा-भूषण- जसवंत सिंह
- रसरहस्य- मतिराम
Ans (3):
- भाषा-भूषण- जसवंत सिंह
- कर्णाभरण- कवि गोविंद
- रतनहजारा- रसनिधि
- रसरहस्य- कुलपति मिश्र
47. “तुलसी गंग दुवौ भये सुकविन के सरदार।”
कविवर गंग के संबंध में यह किसका कथन है?
- केशवदास
- बनारसीदास
- सेनापति
- भिखारीदास
Ans (4): कविवर गंग के संबंध में यह कथन ‘भिखारीदास’ है।
48. “बीती विभावरी जागरी।
अंबर पनघट में डुबा रही तारा-घट ऊषा-नागरी।”
इस उद्धरण में प्रयुक्त अलंकार है-
- उपमा
- उत्प्रेक्षा
- रूपक
- दृष्टांत
Ans (3): इस उद्धरण में ‘रूपक’ अलंकार है। प्रसाद के गीत में जो लहर काव्य संग्रह में संकलित है; में मानवीकरण द्वारा ऊषा रूपी सुंदर नायिका के रूप का चित्रण किया गया है।
49. ‘सखी–संप्रदाय’ का प्रवर्तन किसके द्वारा हुआ?
- स्वामी हरिदास
- हितहरिवंश
- श्रीभट्ट
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘सखी-संप्रदाय’ का प्रवर्तन स्वामी हरिदास के द्वारा हुआ। यह निम्बार्क मत की एक शाखा है, जिसकी स्थापना स्वामी हरिदास ने किया था।
50. बिहारी को किस श्रेणी के रीतिकवियों में माना जाता है?
- रीतिमुक्त कवि
- रीतिबद्ध कवि
- रीतिसिद्ध कवि
- रीत्यक्रमित कवि
Ans (3): बिहारी को ‘रीतिसिद्ध’ श्रेणी के रीतिकवियों में माना जाता है।
51. तुलसी, बिहारी, मतिराम और वृंद आदि कवियों की सात सतसईयो का संकलन ‘सतसई–सप्तक’ में हुआ है। इस ‘सतसई-सप्तक’ के संकलनकर्ता कौन थे?
- वियोगी हरि
- डॉ. श्यामसुंदर दास
- रामसहाय
- रसनिधि
Ans (2): ‘सतसई-सप्तक’ के संकलनकर्ता ‘डॉ. श्यामसुंदर दास’ थे।
52. देव माने जाते हैं-
- रसवादी आचार्य
- अलंकारवादी आचार्य
- रीतिवादी आचार्य
- वक्रोक्तिवादी आचार्य
Ans (1): देव ‘रसवादी आचार्य’ माने जाते हैं। इन्होंने ‘छल’ नामक 34वां संचारी भाव की उद्भावना की थी। देव (देवदत्त) कवि और आचार्य दोनों रूपों में प्रसिद्ध हैं।
53. निम्नलिखित में से बिट्ठलनाथ के शिष्य हैं:
- कृष्णदास
- नंददास
- कुंभनदास
- परमानंददास
Ans (2): नंददास बिट्ठलनाथ के शिष्य हैं। अन्य तीनों बल्लभाचार्य के शिष्य हैं।
54. ‘अनुराग बाँसुरी’ के रचनाकार हैं-
- मुल्ला दाऊद
- कासिम शाह
- शेख रहीम
- नूरमुहम्मद
Ans (4): ‘अनुराग बाँसुरी’ के रचनाकार नूरमुहम्मद हैं।
55. निम्नलिखित में से कौन सी प्रवृत्ति संतकाव्य में नहीं है?
- गुरु की महत्ता
- बाह्याडंबरों का खंडन
- रहस्यवादी भावना
- वर्णव्यवस्था का समर्थन
Ans (4): ‘वर्णव्यवस्था का समर्थन’ की प्रवृत्ति संतकाव्य में नहीं है।
56. निम्नलि निम्नलिखित में से कौन सा कथन सूफी कवियों के संबंध में सत्य नहीं है?
- सूफी कवि अमर प्रेम के उपासक और गायक थे।
- ये सभी कवि राजाओं के दरबारी कवि थे।
- सभी सूफी कवियों ने मसनवी शैली को अपनाया।
- इन्होने प्रबंध काव्यों की रचना की।
Ans (2): असत्य कथन- ये सभी कवि राजाओं के दरबारी कवि थे।
57. “ये ब्रजभाषा के मतिराम ऐसे कवियों के समकक्ष हैं और कहीं-कहीं तो भाषा और भाव के माधुर्य में पद्माकर से तक टक्कर लेते हैं।”
आचार्य शुक्ल ने यह किस कवि के लिए कहा है?
- बेनी प्रवीन
- बोधा
- ग्वाल
- भूषण
Ans (1): उपर्युक्त कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कवि ‘बेनी प्रवीन’ के लिए कहा है। इन्होंने 1817 ई. में ‘नव रस तरंग’ ग्रंथ लिखा जिसमें नायिका भेद, रस भेद और भावभेद का निरूपण हुआ है।
58. “इनकी सी विशुद्ध, सरस और शक्तिशालिनी ब्रजभाषा लिखने में और कोई कवि समर्थ नहीं। हुआ। विशुद्धता के साथ प्रौढ़ता और माधुर्य भी अपूर्व है। – – – ये वियोग श्रृंगार के प्रधान मुक्तक कवि हैं।”
आचार्य रामचंद्र शुक्ल का उक्त कथन किस कवि के विषय में है?
- देव
- पद्माकर
- घनानंद
- आलम
Ans (3): आचार्य रामचंद्र शुक्ल का उक्त कथन कवि ‘घनानंद’ के विषय में है।
59. छायावाद युग में लिखी गयी कविता पुस्तक ‘ब्रजरस’ के रचनाकार का नाम है-
- वियोगी हरि
- रायकृष्णदास
- बेढव बनारसी
- श्रीनाथ सिंह
Ans (2): छायावाद युग में लिखी गयी कविता पुस्तक ‘ब्रजरस’ के रचनाकार का नाम रायकृष्णदास है।
60. शाह निजामुद्दीन चिश्ती की शिष्य परम्परा में हाजी बाबा के शिष्य थे-
- मंझन
- कुतुबन
- जायसी
- उसमान
Ans (4): शाह निजामुद्दीन चिश्ती की शिष्य परम्परा में हाजी बाबा के शिष्य ‘उसमान’ थे।
61. हिंदी रीतिग्रंथों की अखण्ड परम्परा का आरंभ आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने माना है-
- चिंतामणी से
- बेनी से
- महाराज जसवंत सिंह से
- भूषण से
Ans (1): हिंदी रीतिग्रंथों की अखण्ड परम्परा का आरंभ आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने ‘चिंतामणी’ से माना है।
62. निम्नलिखित सूफी कवियों को उनकी रचनाओं के साथ सुमेल कीजिए और दिये हुए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए:
कवि नाम | रचनाएँ |
(a) उसमान | (i) अनुराग बाँसुरी |
(b) नूरमुहम्मद | (ii) मृगावती |
(c) कुतुबन | (iii) हंसजवाहिर |
(d) कासिम शाह | (iv) चित्रावली |
कूट:
(a) | (b) | (c) | (d) | |
1. | (iv) | (i) | (ii) | (iii) |
2. | (iv) | (ii) | (iii) | (i) |
3. | (i) | (iii) | (ii) | (iv) |
4. | (ii) | (iv) | (i) | (iii) |
Ans (1): सुमेलित रचनाएँ-
- उसमान- चित्रावली
- नूरमुहम्मद- अनुराग बाँसुरी
- कुतुबन- मृगावती
- कासिम शाह- हंसजवाहिर
63. “कविता / घेराव में / किसी बौखलाये हुए आदमी का / संक्षिप्त एकालाप है।”
उक्त काव्य पंक्ति के रचयिता हैं-
- मुक्तिबोध
- सुदामाप्रसाद पाण्डेय ‘धूमिल’
- लीलाधर जगुड़ी
- राजकमल चौधरी
Ans (2): उक्त काव्य पंक्ति के रचयिता सुदामाप्रसाद पाण्डेय ‘धूमिल’ हैं। यह पंक्ति उनकी कविता ‘संसद से सड़क तक’ से ली गई है।
64. निम्नलिखित कवियों में से एक भारतेंदुयुगीन नहीं है:
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
- बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
- प्रतापनारायण मिश्र
- अंबिका दत्त व्यास
Ans (1): अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्विवेदी युग के कवि हैं। अन्य तीनों कवि भारतेंदुयुगीन हैं।
65. “हो गया है व्यर्थ जीवन / मैं रण में गया हार”
यह काव्य पंक्ति ‘निराला’ की किस कविता में है?
- ‘राम की शक्ति पूजा’
- ‘सरोज स्मृति’
- ‘वनबेला’
- ‘स्नेह निर्झर बह गया है।’
Ans (3): यह काव्य पंक्ति ‘निराला’ की ‘वनबेला’ कविता में है।
66. निम्नलिखित युग्मों में से एक सुमेलित नहीं है:
- ‘गीत फरोश’- भवानीप्रसाद मिश्र
- ‘चाँद का मुख टेडा है’- गजानन माधव ‘मक्तिबोध’
- ‘धूप के धाम’- गिरिजाकुमार माथुर
- ‘टुटने का सुख’– ‘अज्ञेय’
Ans (4): टूटने का सुख ‘भवानी प्रसाद मिश्र’ की कविता है।
67. ‘गिरजे का घंटा’– इनकी पहली कविता मानी जाती है-
- जयशंकर प्रसाद
- सुमित्रानंदन पंत
- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
- रामकुमार वर्मा
Ans (2): ‘गिरजे का घंटा’– सुमित्रानंदन पंत की पहली कविता मानी जाती है। यह कविता 1946 ई. को प्रकाशित हुई थी।
68. मैथिलीशरण गुप्त कृत ‘यशोधरा’ की विधा है-
- गद्य
- पद्य
- चम्पू
- इनमें से कोई नहीं
Ans (3): मैथिलीशरण गुप्त कृत ‘यशोधरा’ चम्पू काव्य है। इसका प्रकाशन 1933 ई. में हुआ था। इसमें गौतम बुध की पत्नी यशोधरा की विरह का वर्णन हुआ है। गद्य-पद्य मिश्रित रचना को चम्पू काव्य कहा जाता है।
69. “छायावाद तत्त्वतः प्रकृति के बीच जीवन का उद्गीथ है।” यह उद्घोष है
- महादेवी वर्मा का
- नंददुलारे बाजपेयी का
- जयशंकर प्रसाद का
- रामविलास शर्मा का
Ans (1): यह उद्घोष महादेवी वर्मा का है।
70. ‘मुक्तिबोध’ की प्रसिद्ध कृति ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ की भूमिका ‘एक विलक्षण प्रतिभा’ शीर्षक से किसने लिखी है?
- सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने
- शमशेर बहादुर सिंह ने
- डॉ. नामवर सिंह ने
- डॉ. रामविलास शर्मा ने
Ans (2): ‘मुक्तिबोध’ की प्रसिद्ध कृति ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ की भूमिका ‘एक विलक्षण प्रतिभा’ शीर्षक से शमशेर बहादुर सिंह ने लिखी है।
71. निम्नलिखित में से एक द्विवेदीयुगीन कविता की प्रवृत्ति नहीं है-
- कल्पना का अतिरेक
- राष्ट्रीयता
- इतिवृत्तात्मकता
- नीति और आदर्श का चित्रण
Ans (1): ‘कल्पना का अतिरेक’ द्विवेदीयुगीन कविता की प्रवृत्ति नहीं है।
72. सही युग्म का चयन कीजिए:
- ‘फिलहाल’- विपिनकुमार अग्रवाल
- ‘इन दिनों’- रघुवार सहाय
- ‘सहचर है समय’– रामदरश मिश्र
- ‘सोनामाटी’- कुँवर नारायण
Ans (3): सही युग्म-
- फिलहाल- अशोक वाजपेयी
- इन दिनों- कुँवर नारायण
- सहचर है समय– रामदरश मिश्र
- सोनामाटी- विवेकी राय
73. ‘उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है।’
किस ‘अवधी सम्राट’ कवि की रचना है?
- विश्वनाथ त्रिपाठी
- वंशीधर शुक्ल
- विश्वनाथ पाठक
- अदम गोंडवी
Ans (2): उपरोक्त पंक्ति ‘अवधी सम्राट’ कवि वंशीधर शुक्ल की रचना है। वंशीधर हिंदी और अवधी के कवि होने के साथ स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता भी थे।
74. हिंदी में प्रयोगवाद का प्रारंभ किस रचना से माना जाता है?
- नया सप्तक से
- दूसरा सप्तक से
- तीसरा सप्तक से
- तार सप्तक से
Ans (4): हिंदी में प्रयोगवाद का प्रारंभ ‘तार सप्तक’ से माना जाता है जिसके संपादक अज्ञेय थे। इसका प्रकाशन 1943 ई. में हुआ था।
75. द्विवेदीयुगीन निम्नलिखित रचनाओं में से एक महाकाव्य नहीं है-
- जयद्रथ-वध
- प्रिय प्रवास
- साकेत काम
- रामचरित चिन्तामणि
Ans (1): जयद्रथ-वध मैथिलीशरण गुप्त का खंड काव्य है।
76. रामदरश मिश्र को किस काव्य संग्रह के लिए वर्ष 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है?
- पक गयी है धूप
- आग की हँसी
- कंधे पर सूरज
- शब्द – सेतु
Ans (2): रामदरश मिश्र को ‘आग की हँसी’ काव्य संग्रह के लिए वर्ष 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।
77. “ज्ञान भिन्न कुछ क्रिया भिन्न है, इच्छा क्यों पूरी हो मन की।
एक दूसरे से न मिल सकें, यह विडम्बना है जीवन की॥”
उपर्युक्त पंक्तियाँ ‘कामायनी’ के किस सर्ग से ली गयी हैं-
- चिंता से
- कर्म से
- संघर्ष से
- रहस्य से
Ans (4): उपर्युक्त पंक्तियाँ ‘कामायनी’ के ‘रहस्य सर्ग’ से ली गयी हैं।
78. ‘प्रयाग रामागमन’ के लेखक हैं-
- भारतेंदु
- प्रेमघन
- प्रतापनारायण मिश्र मनार
- अंबिका दत्त व्यास
Ans (2): ‘प्रयाग रामागमन’ के लेखक ‘प्रेमघन’ हैं। वर्षा बिंदु, भारत सौभाग्य, मयंक महिमा, आलौकिक लीला आदि उनकी अन्य रचनाएँ हैं।
79. “शत्र मेरा बन गया है, छल रहित व्यवहार मेरा”
उक्त पंक्ति किस कृति से ली गयी है?
- मधुशाला
- मधुबाला
- पलाशबन
- मधुकलश
Ans (4): उक्त पंक्ति हरिवंशराय बच्चन की कृति ‘कवि की वासना’ कविता से ली गयी है जो ‘मधुकलश’ संग्रह में संकलित है।
80. ‘दिनकर’ के किस काव्यग्रंथ में ‘युद्ध और शांति’ की समस्या का चित्रण मिलता है?
- उर्वशी
- रश्मिरथी
- कुरुक्षेत्र
- सामधेनी
Ans (3): ‘दिनकर’ के ‘कुरुक्षेत्र’ काव्यग्रंथ में ‘युद्ध और शांति’ की समस्या का चित्रण मिलता है। यह काव्य महाभारत के भीष्म युधिष्ठिर संवाद पर आधारित है। दिनकर ने इसकी रचना विश्वयुद्ध की विभीषिका से प्रेरित होकर की थी।
81. ‘लोकायतन’ पंत की प्रबंध कृति है जो किन दो खंडों में विभाजित है?
- बाह्य परिवेश और अंतश्चैतन्य
- जीवन और प्रकृति
- व्यक्ति और समाज
- इनमें से कोई नहीं
Ans (1): ‘लोकायतन’ पंत की प्रबंध कृति है जो ‘बाह्य परिवेश और अंतश्चैतन्य’ दो खंडों में विभाजित है। प्रथम खंड में आज़ादी के प्रति और द्वितीय खंड में स्वतंत्रता के बाद की स्थिति को वर्णित किया गया है। यह ग्रंथ महात्मा गाँधी के जीवन पर आधारित है। इस महाकाव्य का मुख्य उद्देश्य सामूहिक मुक्ति का भाव है। इस काव्य कृति पर पंत को सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार मिला था।
82. ‘ठेठ हिंदी का ठाठ’ किस विधा की रचना है?
- काव्य
- आलोचना
- नाटक
- उपन्यास
Ans (4): ‘ठेठ हिंदी का ठाठ’ या देवबाला (1899 ई.) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का उपन्यास है। अधखिला फूल इनका दूसरा उपन्यास है।
83. हरिवंशराय बच्चन की काव्यधारा का उल्लेख कीजिए-
- छायावादी
- हालावादी
- प्रयोगवादी
- प्रगतिवादी
Ans (2): हरिवंशराय बच्चन ‘हालावादी’ काव्यधारा के प्रवर्तक कवि हैं।
84. ‘जिन्दगी और गुलाब’ किसका कहानी संकलन है?
- उषा प्रियंवदा
- मृणाल पाण्डेय
- चित्रा मुद्गल
- मृदुला गर्ग
Ans (1): ‘जिन्दगी और गुलाब’ कहानी संकलन ‘उषा प्रियंवदा’ का है। फिर बसंत आया, एक कोई दूसरा, कितना बड़ा झूठ आदि उनके अन्य कहानी संग्रह हैं।
85. ‘गोदान’ उपन्यास की मुख्य कथा का आधार है-
- प्रेम-प्रपंच
- कृषक जीवन
- दहेज-प्रथा
- अंग्रेजी राज्य
Ans (2): ‘गोदान’ उपन्यास की मुख्य कथा का आधार ‘कृषक जीवन’ है। प्रेमचंद के इस उपन्यास को कृषक जीवन का महाकाव्य कहा जाता है। इसका प्रकाशन 1936 ई. में हुआ था।
86. अमृतलाल नागर का प्रथम प्रकाशित उपन्यास है?
- एकदा नैमिषारण्ये
- मानस का हंस
- अमृत और विष
- बूंद और समुद्र
Ans (4): अमृतलाल नागर का प्रथम प्रकाशित उपन्यास ‘बूंद और समुद्र’ (1956 ई.) है। वहीं अमृत और विष 1966 ई. में तथा एकदा नैमिषारण्ये और मानस का हंस 1972 ई. में प्रकाशित हुए थे।
87. सामाजिक उपन्यास ‘अमर बेल’ के लेखक हैं-
- वृंदावनलाल वर्मा
- चतुरसेन शास्त्री
- हिमांशु जोशी
- रांगेय राघव
Ans (1): सामाजिक उपन्यास ‘अमर बेल’ के लेखक ‘वृंदावनलाल वर्मा’ हैं।
88. निम्नलिखित में से एक उपन्यास की कथावस्तु का संबंध औपनिषदिक युग से है:
- बाणभट्ट की आत्मकथा
- पुनर्नवा
- अनामदास का पोथा
- चारुचंद्र लेख
Ans (3): हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यास ‘अनामदास का पोथा’ की कथावस्तु का संबंध औपनिषदिक युग से है।
89. व्यक्तिवादी उपन्यासकारों की परंपरा में निम्नलिखित में से कौन नहीं है?
- भगवती चरण वर्मा
- उपेन्द्रनाथ अश्क
- रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’
- गोपालराम गहमरी
Ans (4): गोपालराम गहमरी जासूसी उपन्यास के जन्मदाता हैं।
90. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार हिंदी के प्रथम उपन्यासकार हैं-
- श्रद्धाराम फुल्लौरी
- श्रीनिवास दास
- किशोरीलाल गोस्वामी
- मुंशी प्रेमचंद
Ans (2): आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार हिंदी के प्रथम उपन्यासकार ‘श्रीनिवास दास’ हैं।
विभिन्न विद्वानों के अनुसार प्रथम उपन्यास-
- रामचंद्र शुक्ल: श्रीनिवास दास का ‘परीक्षा गुरु’ (1882 ई.)
- गणपति चंद्र गुप्त: श्रद्धाराम फुल्लौरी का ‘भाग्यवती’ (1877 ई.)
- गोपाल राय: गौरीदत्त का ‘देवरानी जेठानी की कहानी’ (1870 ई.)
- हजारी प्रसाद द्विवेदी: भारतेंदु हरिश्चंद्र का पूर्ण ‘प्रकाश चंद्रप्रभा’ (1889 ई.)
- श्री कृष्ण लाल: देवकीनंदन खत्री का ‘चन्द्रकांता’ (1888 ई.)
91. निम्नलिखित में से मनोहरश्याम जोशी की रचना नहीं है:
- ‘हरिया हरक्यूलीज की हैरानी’
- ‘कसप’
- ‘सोनामाटी’
- ‘कौन हूँ मैं’
Ans (3): सोनामाटी विवेकी राय का उपन्यास हैं।
92. उपन्यास और उपन्यासकार का एक युग्म अशुद्ध है-
- काला पहाड़- भगवानदास मोरवाल
- अंधेरे के जुगुनू- रांगेय राघव
- वे दिन- निर्मल वर्मा
- करवट- राजेन्द्र यादव
Ans (4): करवट अमृतलाल नागर का उपन्यास है।
93. अधोलिखित में से एक उपन्यास नासिरा शर्मा द्वारा लिखित है-
- मछली मरी हुई
- वह अपना चेहरा
- सात नदियाँ एक समुंदर
- टेराकोटा
Ans (3): ‘सात नदियाँ एक समुंदर’ उपन्यास नासिरा शर्मा द्वारा लिखित है।
94. फणीश्वरनाथ रेणु के किस उपन्यास में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित शरणार्थियों की दारुण दशा का चित्रण है?
- मैला आँचल
- दीर्घतपा
- पल्टू बाबू रोड
- जुलूस
Ans (4): फणीश्वरनाथ रेणु के ‘जुलूस’ उपन्यास में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित शरणार्थियों की दारुण दशा का चित्रण है।
95. “प्रेमचंद शताब्दियों से पददलित, अपमानित और उपेक्षित कृषकों की आवाज थे।”
प्रेमचंद के संबंध में उक्त कथन है-
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
- डॉ. रामविलास शर्मा
- आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
- डॉ. नगेंद्र
Ans (3): प्रेमचंद के संबंध में उक्त कथन आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का है।
96. ‘त्रिशंकु’ कहानी संग्रह के रचनाकार हैं-
- मन्नू भंडारी
- गीतांजलि श्री
- अज्ञेय
- मृणाल पाण्डेय
Ans (1): ‘त्रिशंकु’ कहानी संग्रह के रचनाकार ‘मन्नू भंडारी’ हैं। मैं हार गई, यही सच है, एक प्लेट सैलाब, तीन निगाहों की एक तस्वीर आदि उनके अन्य कहानी संग्रह हैं।
97. निम्नलिखित में से कौन सा उपन्यास कमलेश्वर का नहीं है?
- पीली आँधी
- डाक बंगला
- कितने पाकिस्तान
- चौखट
Ans (1 & 4): ‘पीली आँधी’ और ‘चौखट’ रचना कमलेश्वर का नहीं है। पीली आँधी प्रभा खेतान का उपन्यास है तथा चौखट कहानी संग्रह मंजु मधुकर का है।
98. निम्नलिखित रचनाओं और रचनाकारों को सुमेलित करके सही कूट का चयन कीजिए:
रचनाएँ | रचनाकार |
(a) श्यामा स्वप्न | (i) देवकीनंदन खत्री |
(b) नरेन्द्र मोहिनी | (ii) गोपालराम गहमरी |
(c) मायाविनी | (iii) ठाकुर जगमोहन सिंह |
(d) पृथ्वीराज चौहान | (iv) बलदेव प्रसाद |
कूट:
(a) | (b) | (c) | (d) | |
(A) | (iv) | (iii) | (i) | (ii) |
(B) | (i) | (iii) | (iv) | (ii) |
(C) | (iii) | (i) | (ii) | (iv) |
(D) | (ii) | (iv) | (iii) | (i) |
Ans (3): सुमेलित रचनाएँ-
- श्यामा स्वप्न- ठाकुर जगमोहन सिंह
- नरेन्द्र मोहिनी- देवकीनंदन खत्री
- मायाविनी- गोपालराम गहमरी
- पृथ्वीराज चौहान- बलदेव प्रसाद
99. ‘पैरों में पंख बाँधकर’ यात्रावृतांत के लेखक हैं-
- रामवृक्ष बेनीपुरी
- रांगेय राघव
- भगवतशरण उपाध्याय
- राहुल सांकृत्यायन
Ans (1): ‘पैरों में पंख बाँधकर’ यात्रावृतांत के लेखक ‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ हैं।
100. निम्नलिखित में से रेखाचित्र का तत्त्व नहीं है:
- वर्ण्यविषय
- चरित्रोद्घाटन
- अभिनेयता
- उद्देश्य
Ans (3): ‘अभिनेयता’ नाटक का तत्व है।
101. निम्नलिखित नाटकों और उनके रचयिताओं से संबंधित एक युग्म सही नहीं है:
- ‘अज्ञातवास’- द्वारिकाप्रसाद मिश्र
- ‘कामना’- जयशंकर प्रसाद
- ‘वरमाला’- गोविंदवल्लभ पन्त
- ‘कर्बला’- उदयशंकर भट्ट
Ans (4): कर्बला नाटक प्रेमचंद का है जिसे उन्होंने 1924 ई. में लिखा था।
102. ‘मुंतखब्बुत्तबारीख’ पुस्तक के लेखक हैं-
- लल्लूलाल
- सदल मिश्र
- मुंशी सदासुखलाल
- इंशाअल्ला खाँ
Ans (3): ‘मुंतखब्बुत्तबारीख’ पुस्तक के लेखक ‘मुंशी सदासुखलाल’ हैं।
103. स्त्री विमर्श की निम्नलिखित कृतियों में से एक उपन्यास रचना है-
- पिछले पन्ने की औरतें- शरद सिंह
- जीना है तो लड़ना होगा- वृन्दा करात
- औरत के लिए औरत- नासिरा शर्मा
- खुली खिड़कियाँ- मैत्रेयी पुष्पा
Ans (1): ‘पिछले पन्ने की औरतें’ शरद सिंह द्वारा रचित उपन्यास है। पचकौड़ी और कस्बाई सिमोन इनके अन्य उपन्यास हैं।
104. नाटक और नाटककार का एक युग्म अशुद्ध है
- ‘कर्बला’- प्रेमचन्द
- ‘नदी प्यासी थी’- धर्मवीर भारती
- ‘रति का कंगन’- सुरेंद्र वर्मा
- ‘अंजो दीदी’- विष्णु प्रभाकर
Ans (4): ‘अंजो दीदी’ नाटक के नाटककार उपेन्द्रनाथ अश्क हैं।
105. ‘जुलूस रुका है’ शीर्षक रिपोर्ताज के लेखक हैं-
- प्रकाशचंद्र गुप्त
- विवेकी राय
- धर्मवीर भारती
- अमृत राय
Ans (2): ‘जुलूस रुका है’ शीर्षक रिपोर्ताज के लेखक ‘विवेकी राय’ हैं।
106. निम्नलिखित में से एक युग्म सही नहीं है:
- हमारे जवाहरलाल नेहरू- लक्ष्मण प्रसाद भारद्वाज
- लोहिया- बलराज मधोक
- चैतन्य महाप्रभु- अमृतलाल नागर
- महायोगी- शिवप्रसाद सिंह
Ans (4): महायोगी शिवप्रसाद सिंह की रचना नहीं है। शिवप्रसाद सिंह की रचना ‘उत्तरयोगी: श्री अरविंद’ है जो एक जीवनी परक उपन्यास है।
107. डायरी-साहित्य से संबंधित कमलेश्वर की कृति है-
- दिल्ली मेरा परदेश
- देश-देशांतर
- क्या खोया क्या पाया
- सैलानी की डायरी
Ans (2): डायरी-साहित्य से संबंधित कमलेश्वर की कृति ‘देश-देशांतर’ है।
108. निम्नलिखित में से कौन सा हिंदी आलोचक मार्क्सवादी समीक्षक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता?
- शमशेर बहादुर सिंह
- रामविलास शर्मा
- मुक्तिबोध
- जगदीश गुप्त
Ans (4): जगदीश गुप्त को मार्क्सवादी समीक्षक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है क्योंकि वे नयी कविता के प्रमुख कवि हैं।
109. हिंदी साहित्य में प्राचीनतम आत्मचरित्र (आत्मकथा) किसका है?
- बनारसीदास जैन कृत ‘अर्धकथानक’
- राहुल सांकृत्यायन कृत ‘मेरी जीवन यात्रा’
- वियोगी हरि कृत ‘मेरा जीवन प्रवाह’
- आचार्य चतुरसेन कृत’ मेरी आत्म-कहानी
Ans (1): हिंदी साहित्य में प्राचीनतम आत्मचरित्र (आत्मकथा) बनारसीदास जैन कृत ‘अर्धकथानक’ (1941 ई.) है।
110. निम्नलिखित में से एक आत्मकथा कमलेश्वर विरचित है:
- अपनी धरती अपने लोग
- जलती हुई नदी
- पीर-पर्वत
- जूठन
Ans (2): जलती हुई नदी’ (1999 ई.) आत्मकथा कमलेश्वर विरचित है। जो मैंने जिया (1992 ई.) और यादों के चिराग (1997 ई.) उनकी अन्य आत्मकथाएँ हैं।
111. “नाम इसलिए बड़ा नहीं है कि वह नाम है। वह इसलिए बड़ा होता है कि इसे सामाजिक स्वीकृति मिली होती है।”
उपर्युक्त पंक्ति के लेखक हैं-
- रामचंद्र शुक्ल
- चंद्रधर शर्मा गुलेरी
- सरदार पूर्णसिंह
- हजारीप्रसाद द्विवेदी
Ans (4): उपर्युक्त पंक्ति के लेखक ‘हजारीप्रसाद द्विवेदी’ हैं जो कुटज निबंध का अंश है।
112. ‘भूत के पाँव पीछे’ निबंध के लेखक हैं-
- हरिशंकर परसाई
- श्रीलाल शुक्ल
- ठाकुर प्रसाद सिंह
- रामदरश मिश्र
Ans (1): ‘भूत के पाँव पीछे’ निबंध के लेखक ‘हरिशंकर परसाई’ हैं।
113. जयशंकर प्रसाद रचित ‘चंद्रगुप्त’ नाटक के पात्रों के विषय में कौन सा कथन गलत है?
- अलका गांधार राजकुमारी है।
- कल्याणी मगध की पटरानी है।
- कार्नेलिया भारत की सराहना करती है।
- राक्षस नंद का मंत्री है।
Ans (2): कल्याणी मगध की पटरानी नहीं बल्कि मगध की राजकुमारी है।
114. भाषा के संबंध में कौन सा कथन गलत है?
- भाषा प्रतीक व्यवस्था है।
- भाषा अनुकरण से सीखी जाती है।
- भाषा में प्रयुक्त शब्दों तथा उनके अर्थ का संबंध प्राकृतिक है।
- भाषा-व्यवहार सामाजिक है।
Ans (3): भाषा में प्रयुक्त शब्दों तथा उनके अर्थ का संबंध प्राकृतिक नहीं बल्कि सामाजिक होते हैं।
115. वर्त्स्य ध्वनियों के उच्चारण में-
- जिह्वा की नोंक दंतपंक्तियों के उपरिभाग का स्पर्श करती है।
- जिह्वा की नोंक दंतपंक्ति का स्पर्श करती
- जिह्वा की नोंक तालु का स्पर्श करती है।
- जिह्वा की नोंक ओठों का स्पर्श करती है।
Ans (1): वर्त्स्य ध्वनियों के उच्चारण में जिह्वा की नोंक दंतपंक्तियों के उपरिभाग का स्पर्श करती है।
116. ‘ऋ’ ध्वनि है-
- उत्क्षिप्त
- मूर्द्धन्य
- पार्श्विक
- संघर्षी
Ans (2): ‘ऋ’ ध्वनि मुर्द्वन्य है।
117. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में अष्टम सूची के अंतर्गत भारतीय भाषाओं की व्यवस्था की गयी है?
- अनुच्छेद 343
- अनुच्छेद 345
- अनुच्छेद 349
- अनुच्छेद 351
Ans (4): भारतीय संविधान के अनुच्छेद 351 में अष्टम सूची के अंतर्गत भारतीय भाषाओं की व्यवस्था की गयी है।
118. निम्नलिखित में से कौन-सी ध्वनियाँ अयोगवाह हैं?
- अ, आ
- क, ख
- अं, अः
- ड, ढ़
Ans (3): अं, अः ध्वनियाँ अयोगवाह हैं।
119. निम्नलिखित में एक युग्म गलत है:
- लेखापरीक्षक- Audit
- दुरभिसन्धि- Collusion
- सम्मति- Consensus
- रिश्वत- Bribe
Ans (1): लेखापरीक्षक का अंग्रेजी अनुवाद Auditor होता है। लेखापरीक्षा का अंग्रेजी अनुवाद Audit होता है।
120. निम्नलिखित में महाप्राण ध्वनियाँ हैं:
- क, ग
- च, ज
- प, ब
- ढ़, ध
Ans (4): ढ़, ध महाप्राण ध्वनियाँ हैं। महाप्राण उन ध्वनियों को कहते हैं जिनके उच्चारण में श्वास अधिक मात्रा में मुख विवरण से बाहर आती है।
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