दोस्तों यह हिंदी quiz 75 है। यहाँ पर यूजीसी नेट जेआरएफ हिंदी की परीक्षा के प्रश्नों को दिया जा रहा है। यहाँ पर 2009 से लेकर 2012 तक के ugc net हिंदी के प्रश्नपत्रों में स्थापना और तर्क वाले प्रश्नों का दूसरा भाग दिया जा रहा है। ठीक उसी तरह जैसे स्थापना और तर्क वाले प्रश्नों का पहला भाग nta ugc net hindi quiz 74 में दिया गया था।
निर्देश: प्रश्न संख्या 1 से 46 तक के प्रश्नों में दो कथन दिए गए हैं। इनमें से एक स्थापना (Assertion) A है और दूसरा तर्क (Reason) R है। कोड में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए।
जून, 2009, II
1. स्थापना (Assertion) A: नाट्य का अपनी समग्रता में परिचय देना ही नट-कर्म के आगे पीछे जो मूल प्रयोजन है वहाँ तक जाना पड़ेगा।
तर्क (Reason) R: क्योंकि नटकर्म या प्रयोग में कवि रचित काव्य प्रस्तुत किया जाता है।
कोड:
(A) A सही R गलत ✅
(B) A और R दोनों सही
(C) A गलत R सही
(D) A और R दोनों गलत
2. स्थापना (Assertion) A: करूणा ही लोगों की श्रद्धा को अपनी ओर अधिक खींचती है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि करूणा का विषय दूसरों का दुख नहीं है।
कोड:
(A) A सही R गलत ✅
(B) A गलत R सही
(C) A और R दोनों सही
(D) A और R दोनों गलत
3. स्थापना (Assertion) A: भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाओं का मूल स्वर देश भक्ति नहीं है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि देशप्रेम की भावना तत्कालीन भारतीय समाज में नहीं है।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A गलत R सही
(C) A और R दोनों गलत ✅
(D) A और R दोनों सही
4. स्थापना (Assertion) A: भक्ति धर्म की रसात्मक अनुभूति है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि उसमें अपने मंगल और लोकमंगल का संगम दिखाई पड़ता है।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A गलत R सही
(C) A और R दोनों सही ✅
(D) A और R दोनों गलत
5. स्थापना (Assertion) A: निराला की कल्पनायें उनके भावों की सहचरी नहीं है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि उनकी कल्पनायें सुशील स्त्रियों की भाँति पति के पीछे-पीछे चलती नहीं हैं।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A गलत R सही
(C) A और R दोनों सही
(D) A और R दोनों गलत ✅
दिसम्बर, 2009, II
6. स्थापना (Assertion) A: नाद सौंदर्य का योग कविता की पूर्णता के लिए आवश्यक है।
तर्क (Reason) R: नाद सौंदर्य से कविता की आयु बढ़ती है।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A और R दोनों गलत
(C) A और R दोनों सही
(D) A गलत R सही ✅
7. स्थापना (Assertion) A: व्यक्तिवाद का एक रूप अहंवाद है।
तर्क (Reason) R: आहंवादी व्यक्ति समाज का तिरस्कार करता है।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A गलत R सही
(C) A और R दोनों गलत
(D) A और R दोनों सही ✅
8. स्थापना (Assertion) A: सिद्धान्तत: प्रजातंत्र को सर्वोत्तम शासन व्यवस्था कहा जा सकता है।
तर्क (Reason) R: शासन प्राय: प्रजा के हित में समर्पित होता है।
कोड:
(A) A और R दोनों गलत
(B) A और R दोनों सही ✅
(C) A सही R गलत
(D) A गलत R सही
9. स्थापना (Assertion) A: कला की सर्जना आध्यात्मिक क्रिया है।
तर्क (Reason) R: आध्यात्मिकता और कला अन्योन्याश्रित हैं।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A और R दोनों सही
(C) A और R दोनों गलत ✅
(D) A गलत R सही
10. स्थापना (Assertion) A: बड़े-बड़े राज्य उत्पाद की बिक्री के लिए सौदागर हो गये हैं।
तर्क (Reason) R: क्योंकि व्यापारनीति राजनीति का प्रधान अंग हो गयी है।
कोड:
(A) A गलत R सही
(B) A सही R गलत
(C) A और R दोनों सही ✅
(D) A और R दोनों गलत
11. स्थापना (Assertion) A: ध्वनि काव्य चित्रकाव्य से श्रेष्ठ है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि चित्रकाव्य रस की सृष्टि नहीं कर पाता है।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A और R दोनों गलत
(C) A गलत R सही
(D) A और R दोनों सही ✅
12. स्थापना (Assertion) A: कविता ही मनुष्य के हृदय को स्वार्थ संबंधों के संकुचित मंडल से ऊपर उठाकर लोक की सामान्य भावभूमि पर ले जाती है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि इस भूमि पर पहुँचे हुए मनुष्य को कुछ काल के लिए अपना पता नहीं रहता।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A गलत R सही
(C) A और R दोनों गलत
(D) A और R दोनों सही ✅
जून, 2010, II
13. स्थापना (Assertion) A: सही शब्द वे ही हैं, जो उनके बीच के अंतराल का सबसे अधिक उपयोग करें।
तर्क (Reason) R: अंतराल के उस मौन द्वारा भी अर्थवत्ता का पूरा ऐश्वर्य सम्प्रेषित कर सके।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A सही R सही ✅
(C) A गलत R सही
(D) A गलत R गलत
14. स्थापना (Assertion) A: भरतमुनि ने अद्भुत को दिव्य तथा आनन्दज बताया है।
तर्क (Reason) R: उनकी दृष्टि अलंकारों तक गई थी।
कोड:
(A) A सही R गलत ✅
(B) A गलत R गलत
(C) A सही R सही
(D) A गलत R सही
15. स्थापना (Assertion) A: गुण मुख्य रूप से रस के धर्म हैं।
तर्क (Reason) R: इन्हें गौण रूप से शब्दार्थ के भी धर्म नहीं माना जाता है।
कोड:
(A) A गलत R गलत
(B) A सही R गलत ✅
(C) A सही R सही
(D) A गलत R सही
16. स्थापना (Assertion) A: कवियों और दार्शनिकों की दृष्टि में विश्व भावमय है।
तर्क (Reason) R: इसी कारण जीवन की ठोस वास्तविकताओं से पलायन की वृत्ति पनपी है।
कोड:
(A) A सही R सही
(B) A गलत R गलत
(C) A सही R गलत ✅
(D) A गलत R सही
17. स्थापना (Assertion) A: प्रेम जब व्यष्टि सौंदर्य से ऊपर उठता है तब वह आध्यात्मिक बनता है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि प्रेम आध्यात्मिक होता है।
कोड:
(A) A सही R गलत ✅
(B) A सही R सही
(C) A गलत R गलत
(D) A गलत R सही
18. स्थापना (Assertion) A: काव्य का सत्य असाधारण होता है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि वह सामान्य सत्य से मिलता है।
कोड:
(A) A गलत R गलत
(B) A) सही R सही
(C) A गलत R सही
(D) A सही R गलत ✅
दिसम्बर, 2010, II
19. स्थापना (Assertion) A: चेतना अनुभूति की सघनता तथा चिंतन से समन्वित आधार पर स्वरूप ग्रहण करती है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि अनुभूति का संबंध हृदय की संवेदनशीलता से है और चिंतन का संबंध बुद्धि से है।
कोड:
(A) A सही, R गलत
(B) A और R दोनों सही ✅
(C) A गलत, R सही
(D) A और R दोनों गलत
20. स्थापना (Assertion) A: समाज का आत्यंतिक कल्याण शुभ बुद्धि द्वारा चालित दृढ़
संकल्प में है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि यह संकल्पशक्ति मनुष्य से असाध्य साधन नहीं कराती है।
कोड:
(A) A सही, R गलत ✅
(B) A गलत, R सही
(C) A ओर R सही
(D) A और R गलत
21. स्थापना (Assertion) A: वीरता की कभी नकल नहीं हो सकती जैसे मन की प्रसन्नता कभी कोई उधार नहीं ले सकता।
तर्क (Reason) R: क्योंकि वीरता का संबंध मनोबल से है।
कोड:
(A) A और R दोनों गलत
(B) A सही, R गलत
(C) A और R दोनों सही ✅
(D) A गलत, R सही
22. स्थापना (Assertion) A: मानव जीवन की पूर्णता के लिए कर्म, ज्ञान और उपासना तीनों के मेल की आवश्यकता है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि मनुष्य जीवन की पूर्णता में उपासना का स्थान सबसे महत्त्वपूर्ण है।
कोड:
(A) A गलत, R सही
(B) A और R दोनों गलत
(C) A और R दोनों सही
(D) A सही, R गलत ✅
23. स्थापना (Assertion) A: श्रद्धा का कारण निर्दिष्ट और ज्ञात होता है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि श्रद्धा में दृष्टि पहले कर्मों पर से होती हुई श्रद्धेय तक पहुँचती है।
कोड:
(A) A सही, R गलत
(B) A और R दोनों सही ✅
(C) A गलत, R सही
(D) A और R दोनों गलत
जून, 2011, II
24. स्थापना (Assertion) A: आतंरिक संवेद्य-भावों की रसाग्रही अभिव्यक्ति कविता है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि कविता लोकरंजन से जुड़ी हुई है।
कोड:
(A) A गलत R सही
(B) A सही R सही
(C) A गलत R गलत
(D) A सही R गलत ✅
25. स्थापना (Assertion) A: दण्ड कोप का ही एक विधान है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि दण्ड से कोपशमन होता है।
कोड:
(A) A सही R गलत
(B) A सही R सही ✅
(C) A गलत R सही
(D) A गलत R गलत
26. स्थापना (Assertion) A: श्रद्धा का मूलतत्त्व है दूसरे का महत्त्व स्वीकारना।
तर्क (Reason) R: क्योंकि स्वार्थियों और अभिमानियों के हृदय में श्रद्धा टिक सकती है।
कोड:
(A) A गलत R गलत
(B) A गलत R सही
(C) A सही R सही
(D) A सही R गलत ✅
27. स्थापना (Assertion) A: सबसे मधुर या रसमयी वाग्धारा वही है जो करुण प्रसंग लेकर चले।
तर्क (Reason) R: कविता में करुण प्रसंग अनिवार्य है।
कोड:
(A) A सही R गलत ✅
(B) A गलत R गलत
(C) A गलत R सही
(D) A सही R सही
28 स्थापना (Assertion) A: प्रेमचंद ने साहित्य में मनुष्य के स्वत्व का अन्वेषण किया है।
तर्क (Reason) R: प्रेमचंद की रचनाएँ कल्पनाश्रित हैं।
कोड:
(A) A गलत R सही
(B) A सही R सही
(C) A गलत R गलत
(D) A सही R गलत ✅
29. स्थापना (Assertion) A: कबीर क्रांतिकारी कवि हैं।
तर्क (Reason) R: वीर और ओज उनकी कविता के मुख्य स्वर हैं।
कोड:
(A) A सही R सही
(B) A गलत R गलत
(C) A सही R गलत ✅
(D) A गलत R सही
दिसम्बर, 2011, II
30. स्थापना (Assertion) A: चिंतन की अपेक्षा कर्म सत्य के अधिक समीप होता है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि कर्म में सक्रियता और व्यावहारिकता होती है।
कोड:
(A) A और R दोनों सही ✅
(B) A सही R गलत
(C) A गलत R सही
(D) A और R दोनों गलत
31. स्थापना (Assertion) A: भाषा ही एकमात्र साधन है जो अन्य पशुओं से मनुष्य को पृथक करती है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि भाषा केवल मनुष्य की अर्जित सम्पत्ति है।
कोड:
(A) A और R दोनों गलत
(B) A सही R गलत
(C) A और R दोनों सही
(D) A गलत R सही ✅
32. स्थापना (Assertion) A: सीखने का प्रयत्न किये बिना सिखाने की लालसा विफल होती है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि सिखाने के लिए सीखने की आवश्यकता नहीं है।
कोड:
(A) A और R दोनों गलत
(B) A और R दोनों सही
(C) A गलत R सही
(D) A सही R गलत ✅
33. स्थापना (Assertion) A: लोभ चाहे जिस वस्तु का हो, जब बढ़ जाता है तब उस वस्तु की प्राप्ति, सान्निध्य या उपभोग से जी नहीं भरता।
तर्क (Reason) R: क्योंकि मनुष्य नहीं चाहता है कि उसकी प्राप्ति बार-बार हो।
कोड:
(A) A और R दोनों गलत
(B) A सही R गलत ✅
(C) A और R दोनों सही
(D) A गलत R सही
34. स्थापना (Assertion) A: कविता हो मनुष्य के हृदय को स्वार्थ-संबंधों के संकुचित मंडल से ऊपर उठाकर लोक-सामान्य भावभूमि पर ले जाती है।
तर्क (Reason) R: क्योंकि कविता मानव के हृदय को व्यापक नहीं बनाती।
कोड:
(A) A और R दोनों सही
(B) A और R दोनों गलत
(C) A सही R गलत ✅
(D) A गलत R सही
जून, 2012, II
35. स्थापना (Assertion) A: शासन की पहुँच प्रवृत्ति और निवृत्ति की बाहरी व्यवस्था तक ही होती है।
तर्क (Reason) R: भीतरी या सच्ची प्रवृत्ति-निवृत्ति को जागृत रखने वाली शक्ति शासन में नहीं होती।
कोड:
(A) A सही R सही ✅
(B) A गलत R गलत
(C) A गलत R सही
(D) A सही R गलत
36. स्थापना (Assertion) A: कवि-वाणी के प्रसार से हम संसार के सुख-दु:ख, आनंद-क्लेश आदि का शुद्ध स्वार्थमुक्त रूप में अनुभव करते हैं।
तर्क (Reason) R: इस प्रकार के अनुभव के अभ्यास से हृदय का बंधन नहीं खुलता है।
कोड:
(A) A सही R सही
(B) A सही R गलत ✅
(C) A गलत R सही
(D) A गलत R गलत
37. स्थापना (Assertion) A: भक्ति में लेन-देन का भाव नहीं रहता।
तर्क (Reason) R: समर्पण भक्ति का मूल है।
कोड:
(A) A गलत R सही
(B) A गलत R गलत
(C) A सही R गलत
(D) A सही R सही ✅
38. स्थापना (Assertion) A: प्रिय के वियोग से जो दुःख होता है, उसमें कभी-कभी दया या करुणा का भी कुछ अंश मिला रहता है।
तर्क (Reason) R: प्रिय के वियोग पर उत्पन्न करुणा का विषय प्रिय के सुख का निश्चय है।
कोड:
(A) A सही R गलत ✅
(B) A गलत R गलत
(C) A सही R सही
(D) A गलत R सही
39. स्थापना ((Assertion) A: दुष्कर्म के अनेक अप्रिय फलों में से एक अपमान है।
तर्क (Reason) R: दुष्कर्म से उत्पन्न अपमान के प्रति स्वयं को चरित्रवान सिद्ध करना सदाचरण है।
कोड:
(A) A गलत R सही
(B) A सही R गलत ✅
(C) A गलत R गलत
(D) A सही R सही
40. स्थापना (Assertion) A: प्रेम का समाजीकरण होता है तो उसे भक्ति कहते हैं।
तर्क (Reason) R: प्रेम सामाजिक भाव नहीं है।
कोड:
(A) A सही R गलत ✅
(B) A गलत R सही
(C) A सही R सही
(D) A गलत R गलत
दिसम्बर, 2012, II
41. स्थापना (Assertion) A: किसी व्यक्ति का लोभ उस व्यक्ति से केवल बाह्य सम्पर्क रखकर ही तुष्ट नहीं हो सकता, उसके हृदय का सम्पर्क भी चाहता है।
तर्क (Reason) R: लोभ प्रेम का मूल है।
कोड:
(A) A गलत, R सही
(B) A सही, R सही
(C) A सही, R गलत ✅
(D) A और R दोनों गलत
42. स्थापना (Assertion) A: भरत मुनि के अनुसार स्थायी भाव ही रस रूप में परिणत होता
है।
तर्क (Reason) R: उनके प्रसिद्ध रससूत्र में स्थायी भाव का स्पष्ट उल्लेख है।
कोड:
(A) A सही, R सही
(B) A सही, R गलत ✅
(C) A गलत, R गलत
(D) A गलत, R सही
43. स्थापना (Assertion) A: ‘बिनु पग चलै सुने बिनु काना’- असंगति अलंकार का उदाहरण है।
तर्क (Reason) R: असंगति अलंकार में कारण के बिना कार्य हो जाता है।
कोड:
(A) A गलत, R गलत ✅
(B) A सही, R गलत
(C) A सही, R सही
(D) A गलत, R सही
44. स्थापना (Assertion) A: भाषा वैज्ञानिकों की दृष्टि में हिंदी और उर्दू अलग-अलग भाषाएँ हैं।
तर्क (Reason) R: उनका व्याकरण एक ही है।
कोड:
(A) A सही, R सही
(B) A गलत, R गलत
(C) A गलत, R सही ✅
(D) A सही, R गलत
45. स्थापना (Assertion) A: मैथिली संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषा है।
तर्क (Reason) R: इसके शामिल होने से हिंदी भाषियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
कोड:
(A) A गलत, R सही
(B) A गलत, R गलत
(C) A सही, R सही
(D) A सही, R गलत ✅
46. स्थापना (Assertion) A: ‘हमारे मत में हिंदी और उर्दू दो बोली न्यारी-न्यारी है।’-
यह कथन राजा शिवप्रसाद ‘सितारे हिन्द’ का है।
तर्क (Reason) R: यह कथन ईस्ट इंडिया कंपनी को भाषा नीति के विरुद्ध है।
कोड:
(A) A सही, R गलत
(B) A गलत, R सही
(C) A गलत, R गलत ✅
(D) A सही, R सही