दोस्तों यह हिंदी quiz 50 है। जो 2004 से लेकर 2019 तक के ugc net jrf हिंदी के प्रश्नपत्रों पर आधारित है। हिंदी के प्रश्नपत्रों में आधुनिक काव्य पंक्तियों से संबंधित पूछे गए प्रश्नों का दूसरा भाग इस quiz के माध्यम से दिया जा रहा है। ठीक उसी तरह जैसे आधुनिक काव्य पंक्तियों से संबंधित प्रश्नों को पहला भाग nta ugc net hindi quiz 49 में दिया गया था।
1. ‘अपने यहाँ संसद ऐसी घानी है जिसमें आधा तेल आधा पानी है’ के कवि हैं- (दिसम्बर, 2008, II)
(A) केदारनाथ सिंह
(B) धूमिल ✅
(C) लीलाधर जगूड़ी
(D) राजेश जोशी
2. ‘जन गण मन अधिनायक जय हे,
प्रजा विचित्र तुम्हारी है,
भूख भूख चिल्लाने वाली अशुभ
अमंगलकारी है’
-इन पंक्तियों के लेखक हैं: (जून, 2009, II)
(A) केदारनाथ अग्रवाल
(B) नागार्जुन ✅
(C) केदारनाथ सिहं
(D) धूमिल
3. झाँकियाँ निकलती हैं ढोंग अविश्वास की
बदबू आती है मरी हुई बात की
इस हवा में अब नहीं डोलूगा
नहीं, नहीं, मैं यह खिड़की नहीं खोलूँगा।
-ये पंक्तियाँ किसकी है: (जून, 2009, II)
(A) प्रभाकर माचवे
(B) भारतभूषण अग्रवाल
(C) नरेश मेहता
(D) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ✅
4. ‘तोड़ने ही होंगे मठ और गढ़ सब’ किसकी पंक्ति है? (जून, 2010, II)
(A) निराला
(B) रघुवीर सहाय
(C) नागार्जुन
(D) मुक्तिबोध ✅
5. ‘विश्वजन की अर्चना में नहीं बाधक था इस व्यष्टि का अभिमान’ किसकी पंक्ति है? (जून, 2011, II)
(A) भारतभूषण अग्रवाल
(B) अज्ञेय ✅
(C) नेमीचंद्र जैन
(D) त्रिलोचन
6. ‘पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ’ किसकी पंक्ति है? (दिसम्बर, 2011, II)
(A) अज्ञेय ✅
(B) नागार्जुन
(C) रामकुमार वर्मा
(D) शमशेरबहादुर सिंह
7. ‘एक हथौड़ा वाला घर में और हुआ’ किसकी पंक्ति है? (जून, 2013, II)
(A) केदारनाथ अग्रवाल ✅
(B) रामदरश मिश्र
(C) रामकुमार वर्मा
(D) शिवमंगलसिंह सुमन
8. “बात बोलेगी / हम नहीं / भेद खोलेगी / बात ही”
-काव्य-पंक्तियों के रचनाकार हैं? (दिसम्बर, 2014, III)
(A) शमशेर बहादुर सिंह ✅
(B) नागार्जुन
(C) शिवमंगल सिंह सुमन
(C) त्रिलोचन शास्त्री
9. “आज मैं अकेला हूँ, अकेले रहा नहीं जाता
जीवन मिला है यह, रतन मिला है यह”
-उपर्युक्त काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (दिसम्बर, 2015, II)
(A) त्रिलोचन ✅
(B) केदारनाथ
(C) नागार्जुन
(D) रघुवीर सहाय
10. ‘एक तनी हुई रस्सी है जिस पर मैं नाचता हूँ।’ पंक्ति के रचनाकार हैं: (जून, 2015, III)
(A) अज्ञेय ✅
(B) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
(C) त्रिलोचन
(D) केदारनाथ अग्रवाल
11. ‘शब्द जादू हैं।
मगर क्या यह समर्पण कुछ नहीं है।’
-ये पंक्तियाँ किस रचनाकार की हैं? (जून, 2015, III)
(A) गजानन माधव मुक्तिबोध
(B) सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ✅
(C) शमशेर बहादुर सिंह
(D) रघुवीर सहाय
12. “अब तक क्या किया,
जीवन क्या जिया,
ज्यादा लिया और दिया बहुत-बहुत कम….”
-उपर्युक्त पंक्तियों के रचयिता हैं: (जून, 2016, III)
(A) अज्ञेय
(B) रघुवीर सहाय
(C) शमशेर बहादुर सिंह
(D) मुक्तिबोध ✅
13. “मौन भी अभिव्यंजना है:
जितना तुम्हारा सच है
उतना ही कहो।”
-‘मौन’ के इस रचनात्मक संदर्भ को अभिव्यक्ति अज्ञेय ने अपनी किस काव्य कृति में की है? (जून, 2016, III)
(A) इंद्रधनुष रौंदे हुए ये ✅
(B) पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ
(C) आँगन के पार द्वार
(D) हरी घास पर क्षण भर
14. “भूलकर जब राह- जब जब राह… भटका मैं
तुम्ही झलके, हे महाकवि,
सघन तम की आँख बन मेरे लिए।”
-महाकवि निराला का उपर्युक्त स्तवन किस परवर्ती कवि ने किया है? (दिसम्बर, 2016, III)
(A) शमशेर बहादुर सिंह ✅
(B) रामधारी सिंह दिनकर
(C) धर्मवीर भारती
(D) रघुवीर सहाय
15. ‘उड़ गया गरजता यत्र-गरुड़
बन बिन्दु, शून्य में पिघल गया साँप।’
-ये पंक्तियाँ अज्ञेय की किस कविता से हैं? (जून, 2017, II)
(A) पहचान
(B) साँप
(C) हरि घास पर क्षण भर
(D) हवाई अड्डे पर विदा ✅
16. ‘कहाँ जाऊँ/हर दिशा में/मृत्यु से भी बहुत आगे की/अपरिमित दूरियाँ हैं।’
-कविता की ये पंक्तियाँ कुंवर नारायण की किस रचना से हैं? (जून, 2017, III)
(A) चक्रव्यूह
(B) अपने सामने
(C) आत्मजयी ✅
(D) परिवेश: हम-तुम
17. “घुसती है लाल-लाल मशाल अजीब सी,
अंतराल-विवर के तम में
लाल-लाल कुहरा,
कुहरे में, सामने, रक्तालोक-स्नात पुरुष एक
रहस्य साक्षात!!”
-उपर्युक्त काव्य पंक्तियाँ मुक्तिबोध की किस कविता से हैं? (नवम्बर, 2017, III)
(A) एक स्वन॒ कथा
(B) मुझे याद आते हैं
(C) अंधेरे में ✅
(D) मुझे क़दम-क़दम पर
18. ‘और अब तो हवा भी बुझ चुकी है
और सारे इश्तहार उतार लिए गए हैं
जिनमें कल आदमी-
अकाल था।…’
-उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (जून, 2019, II)
(A) नागार्जुन
(B) मुक्तिबोध
(C) धूमिल ✅
(D) लीलाधर जगूड़ी