दिल्ली विश्वविद्यालय बी.ए. पाठ्यक्रम में Skill Enhancement Courses (SEC) Hindi को जोड़ा है। SEC हिंदी का यह Syllabus तीन भागों में विभाजित है- पटकथा लेखन, रंगमंच और रचनात्मक लेखन। चूँकि NEP 2020 समग्र शिक्षा के हिस्से के रूप में जीवन कौशल के साथ-साथ तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान करने की परिकल्पना करता है इसलिए इस पाठ्यक्रम को लगाया गया है। Delhi University B.A. Skill Enhancement Courses Hindi का Syllabus नीचे दिया गया है-
पटकथा लेखन (SEC– 1)
इकाई- 1
- पटकथा लेखन: परिचय
- पटकथा के तत्व
- पटकथा के प्रकार
- पटकथा की शब्दावली
इकाई- 2
- पटकथा लेखन में शोध का महत्व
- चरित्र की निर्मिति और विकास
- एक दृश्य का लिखा जाना
- तीन अंक (थ्री एक्ट) और पाँच अंक (फाइव एक्ट) को समझना
इकाई- 3
- वेबसीरीज के लिए पटकथा लेखन
- लघु फ़िल्म के लिए पटकथा लेखन
- वृत्तचित्त के लिए पटकथा लेखन
- फ़िल्म के लिए पटकथा लेखन
इकाई- 4
- पटकथा का पाठ और विश्लेषण
- किसी आईडिया को स्क्रीन प्ले के तौर पर विकसित करना
संदर्भ पुस्तकें:
- पटकथा कैसे लिखें- राजेंद्र पांडेय, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- पटकथा लेखन: एक परिचय, मनोहर श्याम जोशी, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- कथा-पटकथा- मन्नू भंडारी, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- व्यावहारिक निर्देशिका: पटकथा लेखन- असग़र वज़ाहत, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- आईडिया से परदे तक- रामकुमार सिंह, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
रंगमंच (SEC- 2)
इकाई- 1
- भरत मुनि कृत नाट्यशास्त्र (संक्षिप्त परिचय)
- हिंदी का पारंपरिक रंगमंच (संक्षिप्त परिचय)
इकाई- 2: प्रस्तुति-प्रक्रिया
- आलेख का चयन, अभिनेताओं का चयन, दृश्य-परिकल्पना (ध्वनि-संगीत-नृत्य-प्रकाश), पूर्वाभ्यास
इकाई- 3: अभिनय की तैयारी
- वाचिक, आंगिक, आहार्य, सात्विक
इकाई- 4
- आशु अभिनय, थिएटर गेम्स, संवाद-वाचन, शारीरिक अभ्यास, सीन वर्क
इकाई- 5: मंच प्रबंधन
- सेट, रंग-सामग्री, प्रचार-प्रसार, ब्रोशर-निर्माण
संदर्भ पुस्तकें:
- संक्षिप्त नाट्यशास्त्रम्- राधावललभ त्रिपाठी, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- रंग स्थापत्य: कुछ टिप्पणियाँ, एच.वी. शर्मा, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय प्रकाशन, दिल्ली
- पारंपरिक भारतीय: रंगमंच अनंतधाराएँ- कपिला वात्स्यायन (अनु.- बदी उज़म्मा), नेशनल बुक ट्रस्ट, दिल्ली
- हिंदी रंगमंच का लोकपक्ष, सं. प्रो. रमेश गौतम, स्वराज प्रकाशन, दिल्ली
- मंच आलोकन- जी.एन. दासगुप्ता (अनु.- अजय मलकानी), नेशनल बुक ट्रस्ट, दिल्ली
- रंगमंच के सिद्धांत- सं. महेश आनंद, देवेन्द्र राज अंकुर, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
रचनात्मक लेखन (SEC- 3)
इकाई- 1: रचनात्मक लेखन: अवधारणा, स्वरूप, आधार एवं विश्लेषण
- भाव एवं विचार की रचना में अभिव्यक्ति की प्रक्रिया
- अभिव्यक्ति के विविध क्षेत्र: साहित्य, पत्रकारिता, विज्ञापन, भाषण
- लेखन के विविध रूप: मौखिक-लिखित, गद्य-पद्य, कथात्मक-कथेतर
- अर्थ निर्मिति के आधार: शब्द और अर्थ की मीमांसा, शब्द के पुराने-नए
- प्रयोग, शब्द की व्याकरणिक कोटि
इकाई- 2: भाषा भंगिमा और साहित्य लेखन
- भाषा की भंगिमाएँ: औपचारिक-अनौपचारिक, मौखिक-लिखित, मानक भाषिक संदर्भ: क्षेत्रीय, वर्ग-सापेक्ष, समूह-सापेक्ष
- रचना-सौष्ठव: शब्दशक्ति, प्रतीक, बिम्ब, अलंकारवक्रता
- कविता: संवेदना, भाषिक सौष्ठव, छंदवद्ध-छंदमुक्त, लय, गति, तुक
- कथा-साहित्य: वस्तु, पात्र, परिवेश, कथ्य और भाषा
इकाई- 3: विविध विधाओं एवं सूचना माध्यमों के लिए लेखन
- नाट्य-साहित्य: वस्तु, पात्र, परिवेश, कथ्य, रंगमंच और नाट्य-भाषा
- विविध गद्य विधाएँ: निबंध, संस्मरण, आत्मकथा, व्यंग्य, रिपोर्ताज, यात्रा-वृत्तांत
- प्रिंट माध्यम के लिए लेखन: फीचर, यात्रा-वृत्तांत, साक्षात्कार, विज्ञापन
- इलेक्ट्रानिक माध्यम के लिए लेखन: विज्ञापन, पटकथा, संवाद
नोट: उपर्युक्त का परिचय देते हुए इनका अभ्यास भी करवाया जाए।
संदर्भ पुस्तकें:
- साहित्य चिंतन: रचनात्मक आयाम- रघुवंश
- शैली- रामचंद्र मिश्र,
- रचनात्मक लेखन- सं. रमेश गौतम, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली
- कविता क्या है: विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- कथा-पटकथा- मन्नू भंडारी, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- पटकथा लेखन- मनोहर श्याम जोशी, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- कला की जरूरत- अर्नैस्ट फिशर (अनु.- रमेश उपाध्याय), राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- साहित्य का सौंदर्यशास्त्र- रवींद्रनाथ श्रीवास्तव,
- कविता: रचना-प्रक्रिया- कुमार विमल, बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी, पटना