शब्द: परिभाषा, भेद और उदाहरण | शब्द विचार

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shabd-aur-shabd-ke-bhed
shabd aur shabd ke bhed

अक्षर

वह ध्वनि या ध्वनि समूह जिसका उच्चारण एक साँस या प्रयत्न में होता है, वह अक्षर कहलाता है। जैसे- आप, रोग, कमल (क + मल), बोलना (बोल + न), सफलता (स + फल + ता), आवश्यकता (आ + व + श्यक + ता) आदि।

हर अक्षर में एक स्वर अनिवार्य रूप से होता है। इसीलिए स्वरयुक्त व्यंजन (वर्ण) को भी अक्षर कहा जाता है। जैसे- क, ख, ज, न, ल आदि।

शब्द

“ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्ण समुदाय को ‘शब्द’ कहते हैं।”[1] अर्थात एक या एक से अधिक अक्षरों के सार्थक योग को शब्द कहते हैं; जैसे- आ, मैं, पैसा, प्रेम, परन्तु आदि।

सामान्यत: शब्द दो प्रकार के होते हैं- सार्थक शब्द और निरर्थक शब्द। जहाँ सार्थक शब्दों के अर्थ होते हैं वहीं निरर्थक शब्दों के अर्थ नहीं होते। जैसे- ‘रोटी’ सार्थक शब्द है और ‘टीरो’ निरर्थक शब्द; क्योंकि इसका कोई अर्थ नहीं होता है।

शब्द के भेद

शब्द के भेद निम्न आधारों पर किए जाते हैं- (A) रचना, (B) व्युत्पत्ति, (C) विकार, (D) अर्थ

(A) रचना या बनावट के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

रचना के आधार पर शब्द 3 प्रकार के होते हैं- (i) रूढ़, (ii) यौगिक, (iii) योगरूढ़

(i) रूढ़ शब्द

वे शब्द जो किसी अन्य शब्द के योग से न बने हों और जिनका खंड सार्थक न हों, उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं। जैसे- कान, कुर्सी, घर, नाक, दिन, पर, पानी, पीला, पुस्तक, माटी, मिट्टी, सेना आदि। यहाँ प्रत्येक शब्द के खंड अर्थहीन हैं- ‘पानी’ शब्द का ‘पा’ और ‘नी’ अर्थहीन हैं।

(ii) यौगिक शब्द

वे शब्द जो दो शब्दों के मेल से बने हों और जिनका खंड सार्थक हों, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। जैसे-

(क) सेना + पति = सेनापति

(ख) आग + बबूला = आगबबूला

(ग) घुड़ + सवार = घुड़सवार

(घ) हिम + आलय = हिमालय

(ड़) प्रधान + मंत्री = प्रधनमंत्री

अन्य उदाहरण-

अनुशासन, चतुराई, दूधवाला, प्रधानमंत्री, पीलापन, लड़ाई आदि। यहाँ प्रत्येक शब्द के दो खंड हैं और दोनों खंड सार्थक हैं। 

(iii) योगरूढ़ शब्द

वे शब्द जो दो शब्दों के मेल से तो बने हैं परंतु किसी अन्य अर्थ विशेष का बोध करवाते हैं, उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते हैं। अर्थात वे यौगिक शब्द जिनके अर्थ रूढ़ हो जाते हैं, ‘योगरूढ़’ शब्द कहे जाते हैं। जैसे- पंकज, चारपाई, लंबोदर, जलज, पीतांबर, नीलकंठ, नीलांबर, त्रिनेत्र, चक्रपाणि, मुरलीधर,  आदि।

यहाँ प्रत्येक शब्द अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ बता रहे हैं- ‘पंकज’ शब्द ‘पंक’ और ‘ज’ से मिलकर बना है। जहाँ ‘पंक’ का अर्थ- ‘कीचड़’ होता है और ‘ज’ का अर्थ- ‘जन्म लेने वाला’। इस प्रकार ‘पंकज’ का शाब्दिक अर्थ है- ‘कीचड़ से (में) उत्पन्न’। लेकिन ‘पंकज’ शब्द ‘कमल’ के अर्थ में ही रूढ़ हो गया है। अंत: ‘पंकज’ योगरूढ़’ शब्द है।

(B) व्युत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण

उत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों के पाँच भेद हैं- (i) तत्सम, (ii) तद्भव, (iii) विदेशी, (iv) देशज, (v) संकर

(i) तत्सम शब्द

तत्सम शब्द का अर्थ है- उसके (संस्कृत) समान। संस्कृत के वे शब्द जो हिंदी में ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं; जैसे- अध्यक्ष, एकाग्र, कनिष्ठ, ग्राम, प्रथम, राष्ट्र, दंत, दक्षिण, पिता, मित्र, हत्या, हस्त, क्षीर आदि।

(ii) तद्भव शब्द

तद्भव शब्द का अर्थ है- उससे (संस्कृत) उत्पन्न। संस्कृत के जो शब्द प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिंदी आदि से गुजरने के कारण आज परिवर्तित रूप में मिल रहे हैं, वे तद्भव शब्द कहलाते हैं; जैसे- आग, उजला, ओंठ, काम, खीर, चाँद, जीभ, तीन, दाँत, नींद, परख, बच्चा, भीख, मोर, मुँह, लोहा, सच, हाथ आदि।

तत्सम और तद्भव शब्द पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

(iii) विदेशी या आगत शब्द

विदेशी भाषाओं से हिंदी भाषा में आए शब्दों को विदेशी शब्द कहते हैं। ये शब्द आज हिंदी के अपने शब्द बन गए हैं। इनमें अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी, फ्रांसीसी, पुर्तगाली, डच आदि एशिया और यूरोपीय भाषाओं के शब्द प्रमुख हैं। विदेशी भाषाओं से आने के कारण ही इन शब्दों को आगत शब्द भी कहा जाता है। हिंदी में आए प्रमुख विदेशी शब्द निम्नलिखित हैं-

1. अरबी शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख अरबी शब्द निम्नलिखित हैं-

अदा, अजब, अमीर, अजीब, अखबार, अजायब, अदालत, अदावत, अक्ल, असर, अहमक, अल्ला, आईना, आसार, आखिर, आदमी, आदत, इनाम, इमाम, इजलास, इज्जत, इरादा, इमारत, इस्तीफा, इलाज, इशारा, इंतजार, इंसाफ, इम्तहान, ईद, ईमान, उम्र, एहसान, ऐनक, औसत, औरत, औलाद, कसूर, कदम, कब्र, क़त्ल, कफन, कसर, कमाल, कर्ज, कसम, कसरत, कसाई, कायदा, कातिल, कानून, किस्त, किस्मत, किस्सा, किला, किताब, कीमत, कुर्सी, कुरान, खबर, खत्म, खत, खराब, खयाल, खजाना, ख़ारिज, खिदमत, खुफिया, गदर, गबन, गरीब, गुनाह, गैर, जलसा, जनाब, जवाब, जहाज, जनाजा, जालिम, जाहिल, जिला, जिस्म, जिक्र, जिहन, जुलूस, जुर्माना, तमाम, तकाजा, तकदीर, तकिया, तमाशा, तरफ, तरक्की, तहसील, तजुरबा, तरीका, ताकत, तारीख, तादाद, तूफान, तै, दवा, दफ्तर, दगा, दफा, दल्लाल, दलील, दान, दाबा, दावत, दाखिल, दिमाग, दिक, दीन, दुआ, दुकान, दुनिया, दौलत, नतीजा, नशा, नकद, नकल, नहर, नाल, निकाह, फसल, फकीर, फायदा, फैसला, बहस, बाज, बाकी, बालिग, बुनियाद, मदद, मरजी, मरीज, मजबूर, मल्लाह, मवाद, मशहूर, मजमून, मतलब, मजहब, मस्जिद, मानी, मात, माल, मालूम, मामूली, मिसाल, मीनार, मुहावरा, मुसलमान, मुद्दई, मुंसिफ, मुकदमा, मुल्क, मुल्ला, मुसाफिर, मौसम, मौका, मौलवी, यतीम, रईस, राय, रिश्वत, लफ्ज, लहजा, लायक, लिफाफा, लिहाज, लियाकत, वहम, वकील, वारिस, शराब, शतरंज, शैतान, सलाह, साफ, हक, हद, हवा, हज्जाम, हमला, हकीम (डॉ.), हवालात, हलवाई, हरामी, हाल, हाशिया, हाकिम (हुक्म देने वाला), हाजिर, हिम्मत, हिसाब, हिरासत, हुक्म, हैजा, हौसला आदि।

2. फारसी शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख फारसी शब्द निम्नलिखित हैं-

अगर, अफसोस, अमरूद, अनार, आबदार, आबरू, आतिशबाजी, अदा, आराम, आदमी, आमदनी, आवारा, आसमान, आफत, आवाज, आईना, उस्ताद, उम्मीद, कद्द, कबूतर, कमीना, कमरबंद, कारीगर, कारोबार, किशमिश, किनारा, कुश्ती, कुश्ता, कुरता, कूचा, खरगोश, खाल, खामोश, खुद, खुश, खुराक, खुशामद, खूब, गर्द, गज, गल्ला, गवाह, गरम, गिरफ्तार, गिरह, गुम, गुलूबंद, गुलाब, गुल, गुब्बारा, गोला, गोश्त, गंदा, गंदगी, चश्मा, चरखा, चाबुक, चादर, चाशनी, चालाक, चापलूसी, चिराग, चिलम, चुगलखोर, चेहरा, चूँकि, जहर, जलेबी, जबर, जमीन, जमीदार, जादू, जागीर, जान, जानवर, जिंदगी, जिगर, जीन, जुरमाना, जुलाहा, जुखाम, जोर, जोश, जंग, जंजीर, तरकश, तमाशा, तबाह, तराजू, तनख्वाह, ताक, ताजा, तीर, तेज, दवा, दस्तूर, दरबार, दफ्तर, दर्जी, दरवाजा, दलाल, दिलेर, दिल, दिमाक, दीवार, दुकान, दूरबीन, देहात, दंगल, नमक, नामर्द, नाव, नापसंद, पलक, पलंग, परदा, पारा, पजामा, पैदावार, पुल, पेशा, पैमाना, प्याज, प्याला, फरियाद, फ़ौज, फौलाद, बहरा, बदमाश, बदहजमी, बर्फ, बर्फी, बरामदा, बारिश, बाज़ार, बालूशाही, बीमा, बीमार, बुखार, बुलबुल, बेवा, बेहूदा, बेरहम, बेकार, बेईमान, मजा, मलाई, मसाला, मरहम, मकान, मजदूर, मलीदा, मादा, माशा, मीना, मुर्दा, मुफ्त, मुर्गा, मुश्किल, मेज, मेहनत, मेहमान, मोर्चा, याद, यार, रसीद, राह, रोगन, रंग, रूमाल, लश्कर, लगाम, लेकिन, वर्ना, वापिस, शादी, शायरी, शानदार, शिकार, शोर, सरदार, सरकार, समोसा, सब्जी, सरासर, साल, सितारा, सितार, सुर्ख, सुरमा, सूद, सौदागार, हफ्ता, हजार आदि।

3. तुर्की शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख तुर्की शब्द निम्नलिखित हैं-

आगा, आका, उजबक, उर्दू, कज्जाक, कालीन, काबू, कुली, कुर्की, कूच, कैंची, खजाँची, खच्चर, खंजर, गलीचा, चम्मच, चमचा, चकमक, चाकू, चिक, चुगुल, चेचक, जाजिम, तमगा, तलाश, तोप, तोशक, दारोगा, बहादुर, बारूद, बेगम, बंदूक, मुगल, लफंगा, लाश, सराय, सुराग, सौगात आदि।

4. अंग्रेजी शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख अंग्रेजी शब्द निम्नलिखित हैं-

अपील, अफसर, अस्पताल, आफिसर, आपरेशन, ऑर्डर, इंच, इंटर, इंजन, इयरिंग, इंजीनियर, एजेंसी, एकड़, कप, कप्तान, कंपनी, कमीशन, कमिश्नर, कलक्टर, कार, कालोनी, काउंसिल, क्रिकेट, कूपन, केक, कोट, कोर्ट, कैंप, क्लास, क्लब, क्वार्टर, कॉपी, कॉलेज, कॉलर, गजट, गाउन, गार्ड, गैस, ग्राम,  चाकलेट, चेक, चेयरमैन, जज, जग, जम्पर, जाकेट, जेल, टाई, टायर, टिकस, ट्रेन, टेलीफोन, टोस्ट, ट्यूशन, टैक्स, टॉफी, ठेठर, तारपीन, थेटर, डायरी, डॉक्टर, डिग्री, डिप्टी, डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, डेरी, ड्राइवर, नर्स, निब, नोटिस, नंबर, थर्मामीटर, दिसंबर, पार्टी, प्लेट, पाउडर, पार्सल, पाइप, पुलिस, पेन, पेपर, पेट्रोल, प्रेस, पंप, पेंसन, पेंसिल, पैंट, प्लेट, प्लेटफार्म, फ्राक, फाउंटेन पेन, फिल्म, फ़ीस, फुटबाल, फोटो, फ्लैट, बल्ब, बस, बजट, बाल, बिस्कुट, बोतल, बुशर्ट, बूट, ब्रेक, बैटरी, बैंक, बोगी, ब्लाउज, मजिस्ट्रेट, माचिस, मिनट, मील, मीटिंग, मेजर, मोटर, रेल, रेडियो, लारी, लालटेन, लाइब्रेरी, लाटरी, लैम्प, वार्ड, वोट, सर्कस, सिलेट, सिगरेट, सूटकेस, स्कूल, स्कूटर, स्टेशन, स्टील, हीटर, होल्डर, हैट, हॉस्टल आदि।

5. पुर्तगाली शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख पुर्तगाली शब्द निम्नलिखित हैं-

अलकतरा, अनानास, आलू, आया, आलपीन, आलमारी, इस्पात, इस्तिरी, कमीज, कनस्टर, कमरा, कप्तान, काजू, क्रिस्तान, किरानी, कोको, गमला, गिरजा, गोदाम, गोभी, चाबी, तिजोरी, तौलिया, तंबाकू, दरोगा, नीलाम, परात, पपीता, पाव (रोटी), पादरी, पिस्तौल, फर्मा, फालतु, फीता, बम्बा, बाल्टी, बुताम, मस्तूल, मिस्त्री, मेज, लबादा, संतरा, साया, साबुन, सागू आदि।

6. जापानी शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख जापानी शब्द निम्नलिखित हैं- झम्पान, रिक्शा आदि।

7. फ्रांसीसी शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख फ्रांसीसी शब्द निम्नलिखित हैं- अंग्रेज, कारतूस, काजू, कूपन, कर्फ्यू, इंजीनियर, रिपोर्ताज, फ्रांसीसी आदि।

8. डच शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख डच शब्द निम्नलिखित हैं- तुरुप, बम (टाँगे का) आदि।

9. रूसी शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख रूसी शब्द निम्नलिखित हैं- रूबल, जार, वोदका, मिग, स्पुतनिक आदि।

10. चीनी शब्द

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख चीनी शब्द निम्नलिखित हैं- चाय, चीनी, लीची, पटाखा, तूफान आदि।

11. यूनानी शब्द

टेलीफोन, डेल्टा, ऐटम, टेलीग्राफ

12. मलय शब्द

खोपरा

उपर्युक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि हिंदी भाषा में विदेशी शब्द बहुतायत मात्रा में मिलते हैं। ये आगत शब्द हिंदी भाषा के अपने हो गए हैं जिससे हिंदी भाषा समृद्ध हुई है।

(iv) देशज शब्द

जिन शब्दों की व्युत्पत्ति का पता नहीं चलता, उन्हें देशज शब्द कहते हैं। अर्थात जिन शब्दों के श्रोत अज्ञात हैं, उन्हें देशज शब्द कहते हैं। हेमचंद्र के अनुसार देशी शब्द वे हैं, जिनकी व्युत्पत्ति संस्कृत धातु या व्याकरण के नियमों से नहीं हुई है।

देशज शब्दों का मूल सामान्यत: जन-भाषाओं में होता है; जैसे- अटकल, अंटा, कटरा, कलाई, कटोरा, खखरा, खचाखच, खाट, खिड़की, खिचड़ी, खाँसी, घपला, चसक, चिड़िया, चूहा, जूता, झाड़ू, झंझट, झोला, ठुमरी, ठेठ, ठोकर, डाब, डिबिया, डोंगा, तेंदुआ, थप्पड़, थैला, पगड़ी, पेड़, पेट, फुनगी, बियाना, भोंपू, भोंदू, लड़का, लोटा आदि।

देशज शब्दों को जॉन बीम्स मुख्यत: अनार्य श्रोत से संबद्ध माना है; कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-

1. कोल, संथाल आदि जनजातियों से आए शब्द

कपास, कदली (केला), कोडी, गज (हाथी), टींडा, ताम्बूल, तोरी, परवल, बाजरा, भिंडी, मिर्च, सरसों आदि।

2. द्रविड़ जातियों से आए शब्द

इडली, ऊखल, कज्जल, काच, कुटी, कुंड, केतकी, कोण, कौंच, घुण, चंदन, चिकना, चूड़ी, ताला, दंड, लूँगी, डोसा, नीर, पिंड, पिल्ला, बल, माला, मीन, मुकुट, शव, सांभर आदि।

3. ध्वन्यात्मक और अनुकरणात्मक शब्द

कुछ देशज शब्द अनुकरणात्मक भी होते हैं; जैसे- अंडबंड, ऊटपटांग, कड़क, कटकटाना, किलकारी, खनखन, खटपट, खटखटाना, खचाखच, खर्राटा, खलबली, खुरचना, ग़डगड़ाहट, गोलमटोल, घुन्ना, घुड़कना, चटपटा, चस्की, चाट, चिपचिपा, चिड़चिड़ा, चुटकी, चूँ- चूँ, छिछला, झटपट, झुरमुट, झंकार, टुच्चा, ठठेरा, डुगडुगी, धमक, पटाखा, पापड़, पिलपिला, फटफटिया, भभक, भोंपू, मुस्टंडा, म्याऊँ- म्याऊँ, सनसनाना, हिनहिनाना आदि।

(v) संकर शब्द

दो भिन्न भाषाओँ के मेल से बना शब्द, संकर शब्द कहलाता है। हिंदी में ऐसे अनेक शब्द हैं जो हिंदी-अंग्रेजी, हिंदी-अरबी, हिंदी-फारसी, अंग्रेजी-फारसी आदि के शब्दों या शब्दांशों के मेल से बने हैं; जैसे-

(क) टिकट (अंग्रेजी) + घर (हिंदी) = टिकटघर

(ख) रेल (अंग्रेजी) + गाड़ी (हिंदी) = रेलगाड़ी

(ग) पान (हिंदी) + दान (फारसी) = पानदान

(घ) छाया (संस्कृत) + दार (फारसी) = छायादार

(ड़) सील (अंग्रेजी) + बंद (फारसी) = सीलबंद

(च) जाँच (हिंदी) + कर्ता (संस्कृत) = जाँचकर्ता

अन्य उदाहरण-

अकड़बाज, अफसरसाही, आरामदायक, किताबघर, कृषि मजदूर, खेती संबंधी, खोजपूर्ण, घूसखोर, जेलखाना, डिग्रीधारी, तहसीलदार, थानेदार, पार्टीबाजी, पूँजीपति, फिजूलखर्ची, बीमापत्र, बीमापॉलिसी, रेलयात्री, रेडियोतरंग, लखपति, वर्षगाँठ आदि।

(C) विकार के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

विकार के आधार पर शब्दों को दो भागों में बाँटा जाता है- (i) विकारी, (ii) अविकारी

(i) विकारी शब्द

जिन शब्दों में लिंग, वचन, काल आदि के कारण विकार उत्पन्न हो जाता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। जैसे- लड़की, लड़कियाँ, लड़कियों आदि।

विकारी शब्दों के 4 भेद हैं- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया।

(ii) अविकारी शब्द

जिन शब्दों में कोई बदलाव नहीं आता, हर परिस्थिति में उनका एक ही रूप प्रयुक्त होता है, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। अविकारी शब्दों को अव्यय भी कहा जाता है क्योंकि इनका व्यय नहीं होता। जैसे- जहाँ, लगभग, न, तक, यदि, आदि।

विकारी शब्दों के 4 भेद हैं- क्रियाविशेषण, समुच्चयबोधक, संबंधबोधक और विस्मयबोधक

(D) अर्थ के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण

अर्थ के आधार पर शब्दों के निम्न 4 भेद माने जाते हैं-

(i) एकार्थी, (ii) अनेकार्थी, (iii) पर्यायवाची, (iv) विलोम

(i) एकार्थी शब्द

जिन शब्दों का अर्थ हमेशा एक-सा रहता है, उन्हें एकार्थी या एकार्थक शब्द कहते हैं। जैसे- अहंकार, अपराध, अपयश, अनुराग, अभिनेत्री, अर्चन, आसक्ति, आराधना, उत्तम, ऋषि, कलंक, गवाही, निंदा, निधन, निपुण, पत्नी, पाप, पुष्प, पुस्तक, प्रणय, बैनामा, भ्रांति, मापदंड, मित्र, यातना, लकड़ी, शस्त्र, सम्राट, सुषुप्ति, स्वागत, श्रद्धा आदि।

(ii) अनेकार्थी शब्द

प्रयोग के अनुसार भिन्न-भिन्न अर्थ देने वाले शब्दों को अनेकार्थी शब्द कहते हैं; जैसे-

(क) अंबर- वस्त्र, आकाश, कपास

(ख) पत्र- पत्ता, चिट्ठी, समाचारपत्र, भोजनपत्र

अनेकार्थी शब्द पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

(iii) पर्यायवाची शब्द

जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं। पर्यायवाची शब्दों में अर्थ की समानता होते हुए भी विषय और संदर्भ के अनुसार प्रयुक्त होते हैं। जैसे- पितरों का तर्पण ‘जल’ से किया जाता है, पानी से नहीं।

पर्यायवाची शब्द पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

(iv) विलोम शब्द

शब्द के विपरीत अर्थ रखने वाले शब्द विलोम या विपरीतार्थी शब्द कहलाते हैं; जैसे- व्यष्टि- समष्टि, जड़- चेतन, झूठ- सच, मान- अपमान, उत्थान-पतन आदि।

विलोम शब्द पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें


[1] आधुनिक हिंदी व्याकरण और रचना- वासुदेवनंदन प्रसाद, पृष्ठ- 155

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