अनेकार्थी शब्द किसे कहते हैं?
हिंदी में कुछ ऐसे शब्द प्रयोग में आते हैं जिनके कई अर्थ होते हैं। दूसरे शब्दों में- जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें ‘अनेकार्थक शब्द’ या ‘अनेकार्थी शब्द’ कहते है। इन शब्दों का अर्थ भिन्न-भिन्न संदर्भों के अनुसार होता है।
इस दोहे को ध्यान से पढ़िए-
उपर्युक्त दोहे में दोनों ‘कनक’ शब्द एक ही हैं; किंतु इनके अर्थों में भिन्नता है। यहाँ पर कनक के दो अर्थ है- ‘धतूरा’ और ‘सोना’।
एक दोहा रहीम का देखिए-
उपर्युक्त दोहे में पानी शब्द का तीन अलग-अलग अर्थ है। पानी का पहला अर्थ विनम्रता है, दूसरा अर्थ आभा, तेज या चमक से है और तीसरा अर्थ जल से है।
इस अर्थ की भिन्नता के कारण ही ‘कनक’ और ‘पानी’ शब्द अनेकार्थी है। ऐसे शब्दों का प्रयोग काव्य भाषा में गुण माना गया है। अनेकार्थक शब्द श्लेष और यमक अलंकार के आधार होते हैं। वास्तव में ऐसे शब्दों के प्रयोग से भाषा सुंदर दीख पड़ती है। इनका अर्थ प्रयोगानुसार ही ग्रहण किया जाता है।
अनेकार्थी शब्द के प्रकार:
अनेकार्थी शब्दों की अनेकार्थकता निम्नलिखित प्रकार की होती है-
- रूप सादृश्य के आधार पर- कनक (धतूरा, सोना); पानी (जल, चमक, इज्जत) आदि।
- समान गुण के आधार पर- जोंक (एक कीड़ा, चिपकू); बगुला (एक पक्षी, ढोंगी) आदि।
- अनेकार्थी प्रत्ययों के आधार पर- पहाड़ी (पहाड़ का, छोटा पहाड़) आदि।
- विराम चिह्न के होने न होने के आधार पर- बसन (बस न) आदि।
- अन्य- अशोक (सम्राट, शोक रहित, एक वृक्ष); कुल (वंश, सब, केवल) आदि।
कुछ अनेकार्थक / अनेकार्थी शब्द नीचे दिए जा रहे हैं। इनके प्रयोग में हमेशा अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि इनका अभीसिप्त अर्थ ही ग्रहण किया जा सके:
(अ)
- अर्क- सूर्य, रस, रविवार, इंद्र, पंडित, ताम्र, काढ़ा, आक का पौधा
- अक्ष- धुरी, पहिया, आत्मा, रथ, सर्प, आँख, ज्ञान, मंडल, चौसर का पासा, कील
- अक्षर- विष्णु, अकारादि, ध्वनि, वर्ण, ब्रह्मा, शिव, सत्य, धर्म, मोक्ष, गगन, सत्य, जल, तप
- अक्षत- संपूर्ण, अखंड, चावल का दाना
- अनल- आग, कृत्तिका नक्षत्र, जीव, विष्णु, वायु
- अकाल- दुर्भिक्ष, असमय, कमी
- अपवाद- नियम के बाहर, कलंक, निंदा, खंडन
- अपेक्षा- इच्छा, आवश्यकता, आशा, बनिस्बत
- अतिथि- मेहमान, संन्यासी, यात्री, अपरचित, अग्नि
- अज- बकरा, शिव, परमेश्वर, दशरथ का पिता, मेघ, राशि
- अग्र- आगे, सिरा, मुख्य, श्रेष्ठ, पहले
- अलि- भौंरा, सखी, मदिरा, कुत्ता, कौवा, बिच्छू, वृश्चिक राशि
- अहं- योग्य, मूल्यवान, सम्माननीय
- अहि- पृथ्वी, सर्प, सूर्य, राहु, कष्ट
- अरुण- प्रात: का सूर्य, सूर्य का सारथी, रक्तवर्ण, हल्का लाल रंग
- अशोक- शोक रहित, एक वृक्ष का नाम, भारत का एक महान सम्राट
- अचल- स्थिर, पर्वत, दृढ़, पक्का, अडिग
- अमर- देवता, पारा, अविनाशी, जो मरे नहीं
- अमृत- दूध, पारा, स्वर्ग, जल, अन्न
- अवैध- अनैतिक, नियम विरुद्ध, धर्मविरुद्ध, अस्वीकृत
- अभय- निर्भयता, शिव, निरापद
- अधर- ओठ, बीच, शून्य
- अर्थ- धन, कारण, मतलब, आकाश, प्रयोजन, व्याख्या, ऐश्वर्य
- अर्थी- धनी, याचक, शव को ले जाने के लिए प्रयुक्त सामग्री
- अनर्थ– अनिष्ट, अर्थहीन, निरर्थक, धन का अभाव
- अनार्य- अधम, असभ्य, जो आर्य न हो
- अनुपम- बेजोड़, सर्वोत्तम
- अनुरूप- सदृश्य, योग्य उपयुक्त
- अभियोग- आरोप, आक्रमण, मनोयोग
- अ्ंक- गोद, संस्करण, नाटक के अंक, चिह्न, परिच्छेद, संख्या, भाग्य
- अंग- भाग, शरीर के अवयव, भेद
- अंब– माता, दुर्गा, आम का वृक्ष
- अंबर- वस्त्र, आकाश, बादल
- अंध- अंधा, उल्लू, चमगादड़, अंधकार
- अंश- भाग, अंक, कला, हिस्सा, भिन्न का ऊपरी हिस्सा
- अंत- सीमा, समाप्ति, मृत्यु, परिणाम, नाश
- अंतर- अवसर, छिद्र, मध्य, अवधि, व्यवधान, भेद, आकाश
- अंकुश- रोक, बंधन, हाथी को वश में करने का लोहे का छोटा अस्त्र
- अंबुज- कमल, चंद्रमा, शंख
- अंचल- क्षेत्र, साड़ी का किनारा
- अंजन- काजल, रात, माया, लेप
- अनंत- आकाश, जिसका कोई अंत न हो, समुद्र, ब्रम्हा
(आ)
- आग- अग्नि, ईर्ष्या, गरमी
- आगम- भविष्य, शास्त्र, आना
- आदि- प्रारम्भ, प्रथम, ईश्वर, इत्यादि
- आदी- अभ्यस्त, अदरक
- आत्मा- वाह्यस्वरूप, अग्नि, सूर्य, ब्रह्मा, परमात्मा
- आलि- सहेली, पंक्ति
- आराम- बगीचा, विश्राम, शांति, सुख, एक वृत्त, रोगमुक्त होना
- आपत्ति- विपत्ति, एतराज
- आभीर- अहीर, एक राग
- आम- मामूली, सर्वसाधारण, आम का फल
- आप- जल, तुम के लिए (आदरार्थ), शब्द, संबोधन
- आरम्भ- शुरू, श्रीगणेश, प्रयल
- आचार्य- शिक्षक, गुरु, विद्वान, मन्त्रदाता (दीक्षा देने वाला)
- आकृति- चेहरा, पूर्ण बनावट
- आँख- नेत्र, दृष्टि, छिद्र, परख, संतान, इन्द्रिय, चक्षु
- और- तथा, अन्य, अधिक, संबोधक बोधक शब्द
(इ, ई, उ, ऊ)
- इंद्र- देवराज, राजा, रात्रि
- इंदु- चन्द्रमा, कपूर, गणित में एक की संख्या
- इड़ा- पृथ्वी, गाय, वाणी, स्तुति, अन्न, स्वर्ण, दुर्गा, नाड़ी विशेष
- ईश्वर- स्वामी, परमात्मा, राजा, शिव
- उत्तर- जवाब, हल, उत्तर दिशा, बाद का
- उग्र- विष, भयानक, महादेव, क्रूर, तीव्र, सूर्य
- उरु- श्रेष्ठ, विशाल, जाँघ
- उषा– प्रभात, अरुणोदय की लालिमा, बाणासुर की कन्या
- उर्मि- लहर, पीड़ा, दुःख, शिकन, कपड़े की सिलवट
- उदार- दाता, बड़ा, सरल, अनुकूल
- उजाला- प्रकाश, कुल-दीपक, सूर्य-किरण, चमकता सितारा
- उद्योग- परिश्रम, धंधा, कारखाना
- ऊपरी- अतिरिक्त, सतही, दिखावटी
(क)
- कनक- गेहूँ, धतूरा, सोना
- कर- सूँड़, किरण, हाथ, टैक्स, ओला, लम्बाई की एक माप, कार्य करने का आदेश
- कर्ण- कान, कुंती का ज्येष्ठ पुत्र, समकोण त्रिभुज में समकोण के सामने की भुजा
- कल- यंत्र, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, चैन
- कला- अंश, किसी कार्य को अच्छी तरह करने का कौशल
- कपि- बंदर, हाथी, सूर्य
- कवि- कविता का रचयिता, शुक्र, सूर्य, ब्रह्म, ऋषि
- कमल- हिरण, पंकज, तांबा, आकाश
- कल्प- सबेरा, शराब
- कलत्र- स्त्री, कमर
- कटक- सेना, शिविर, समूह, कड़ा, श्रृंखला, चटाई
- कनक- गेहूँ, धतूरा, सोना, पलास, खजूर
- कटाक्ष- आक्षेप, व्यंग्य, तिरछी दृष्टि
- कन्या- लड़की, पुत्री, कन्या राशि
- काल- अवधि, समय, मृत्यु, अकाल, यमराज
- काम- वासना, कामदेव, कार्य, पेशा, धंधा, प्रयोजन, आशय, लाभ, लालसा
- कान्तार- टेढ़ा मार्ग, वन
- काण्ड- अध्याय, दुर्घटना, घटना, समूह
- कुल- वंश, सब, समस्त
- कुशल- खैरियत, चतुर, दक्ष, भली-भाँति
- कुटिल- टेढ़ा, दुष्ट, घुंघराला
- कुमकुम- केसर, रोली
- कुमार- छोटा बालक, अविवाहित युवक, राजपुत्र, अग्नि का एक पुत्र, कार्त्तिकेय, खरा सोना, मंगल ग्रह
- केलि- परिहास, खेल, पृथ्वी
- केतु- ध्वजा, श्रेष्ठ, एक ग्रह, पुच्छल तारा, ज्ञान, प्रकाश
- केवल- एकमात्र, विशुद्ध ज्ञान
- कोट- किला, पहनने का कोट
- कोटि- करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा
- कोश- शब्दकोश, समूह, अण्डा, डिब्बा, आवरण, थैली, संचित धन, शपथ, म्यान
- कैरव- कुमुद, कमल, शत्रु, ठग
- कौशिक- विश्वामित्र, नेवला, उल्लू, सँपेरा, इंद्र
- कुंभ- घड़ा, एक राशि, हाथी का मस्तक, प्रयाग का मेला
- कंकण- कंगन, मंगलसूत्र, विवाह-सूत्र
- कंटक- घड़ियाल, काँटा, दोष
- काँटा- शूल, मछली की हड्डी, कील, बड़ी तराजू
- कृष्ण- श्यामसुंदर, काला, श्रीकृष्ण, महीने का अँधेरा पक्ष
(ख)
- खर- गधा, तिनका, दुष्ट, एक राक्षस, घास, तेज
- खग- पक्षी, तारा, गंधर्व, बाण
- खल- दुष्ट, धतूरा, दवा कूटने का खरल, खलिहान
- खचर- पक्षी, ग्रह, देवता
- खून- रक्त, कत्ल, हत्या
- खण्ड- भाग, देश, वर्षा
(ग)
- गण- समूह, मनुष्य, भूतप्रेतादि, शिव के गण, पिंगल के गण
- गत- विगत, मृत, गया हुआ
- गति- चाल, मोक्ष, दशा (हालत)
- गदहा- गधा, मूर्ख, वैद्य
- गरल- जहर (विष), घास का बंधा हुआ पूला
- गर्भ- गर्भस्थ शिशु, मध्य में, गर्भाशय, अन्दर का भागा
- गिरा- सरस्वती, गिरना, जिह्वा, वाणी
- गिरिधर- गिरि (पर्वत) अर्थात् गोवर्धन पर्वत को धारण करने वाले, श्रीकृष्ण
- गुण- रस्सी, स्वभाव, खूबी, कौशल, विशेषता
- गुरु- भारी, बड़ा, श्रेष्ठ, दीर्घ वर्ण, शिक्षक, बृहस्पति
- गो- बैल, सूर्य, आँख, गाय, स्वर्ग, भारती, केश, दिशा, बाण, वज्र, पृथ्वी, सरस्वती, वाणी, गौ
- गोपाल- गाय पालने वाला, कृष्ण, ग्वाला, किसी बालक का नाम
- गोत्र- वंश, वज्र, पहाड़, नाम
- गोदी- बंदरगाह, गोद
- ग्रहण- चंद्र या सूर्य ग्रहण, लेना, पकड़ना, स्वीकार करना
- ग्रह- तारे, नौ की संख्या, राहु
- गंभीर- गहरा, घना, भारी, जटिल, चिंताजनक, शांत
- गाँठ- फंदा, गठरी, गिरह, मनमुटाव, उलझन
(घ)
- घन- बादल, मेघ, घना, अधिक, जिसकी लम्बाई-चौड़ाई और ऊंचाई बराबर हो
- घर- कार्यालय, कुल, मकान
- घट- मन, घड़ा, शरीर, हृदय, कम होना
- घन- बादल, हथौड़ा, सघन, दृढ़
- घाट- नावादि से उतरने-चढ़ने का स्थान, पहाड़ी मार्ग, तरफ
- घुटना- कष्ट सहना, सांस लेने में कठनाई, पैर का जोड़ भाग
- घोष- अहीरों की बस्ती, गोशाला, छोटी बस्ती, बंगालियों की एक जाति, शब्द, जोर से की हुई पुकार, शब्दों के उच्चारण में होने वाला बाह्य प्रयत्न, ताल के 60 मुख्य भेदों में से एक
(च, छ)
- चरण- पंक्ति, पद्य का भाग, पैर
- चक्र- पहिया, चाक, भँवर, समूह, बवंडर, षड्यन्त्र, एक अस्त्र, चकवा, चक्रव्यूह
- चपला- लक्ष्मी, बिजली, चंचल स्त्री
- चाप– परिधि का एक भाग, दबाव, धनुष
- चाल- गति, षड्यन्त्र, रस्म, रीति, चलने का ढंग
- चीर- पट्टी, वस्त्र, चीरना, रेखा
- चोटी- शिखर, सिर, वेणी
- चंद्र- शशि, चन्द्रमा, कपूर, सोना, सुंदर, नासिक, वर्ण पर लगने वाली बिंदी
- चंचला- लक्ष्मी, स्त्री, बिजली
- चाँद- चंद्रमा, सिर
- छंद- इच्छा, पद, वृत्त
(ज)
- जलज- कमल, शंख, मछली, मोती, चन्द्रमा, सेवार
- जलधर- बादल, समुद्र
- जरा- बुढ़ापा, थोड़ा
- जड़- मूल, मूर्ख, अचेतन, निर्जीव, वृक्ष की जड़
- जनक- पिता, राजा जनक, उत्पन्न करने वाला
- जाल- जाला, फरेब, बुनावट, छल, झरोखा, फंदा
- जीवन- पानी, प्राण, जीवित, आयु
- जोड़- योग, मेल, गाँठ, बढ़ाना, मिलाना
- ज्येष्ठ– बड़ा, श्रेष्ठ, पति का बड़ा भाई, जेठ का महीना
- जंग- युद्ध, लोहे में लगी कार्बनपरत
- झर- लपट, झड़ी, ताप
- झाड़– पौधों का झुरमुट, एक आतिशबाजी, गुच्छा, डाँट-फटकार
- झंझरी– झरोखा, जाली, छाननी, पीने की माही
(ट, ठ, ड)
- टेक- सहारा, गीत का छोटा पद, आग्रह, आदत, सहारा देने की लकड़ी
- टीका– फलदान, तिलक, मस्तक का गहना, श्रेष्ठ, व्याख्या
- ठाट- श्रृंगार, आडंबर
- ठाकुर- देवता, हजाम, क्षत्रिय, सरदार, जमींदार
- डूबना– अस्त होना, पानी के नीचे जाना, नष्ट होना, समाप्त होना
(त, थ)
- तत्त्व- मूल, वस्त्र, सार, ब्रह्मा, पंचभूत, पदार्थ
- तप- संयम, अग्नि, तपस्या, गर्मी, ज्वर
- तम- अंधकार, राहु, सुअर, पाप, क्रोध, अज्ञान, मोह, तामसिक गुण
- तमचर- उल्लू, राक्षस, चोर
- तनु- शरीर, मूर्ति, अल्प, कोमल (सुकुमार), पतला, स्वभाव
- तनया- पुत्री (बेटी, लड़की), पिण्वन नाम की लता
- तात- पिता, प्रिय, भाई, मित्र, गर्भ, पूज्य, गुरु तथा पूज्य व्यक्ति हेतु सम्बोधन
- तारा- नक्षत्र, आँख की पुतली, बालि की पत्नी, वृहस्पति की पत्नी
- ताल- लय (स्वर-ताल), एक वृक्ष, झील, हड़ताल, तालाब, ताली बजाना
- तार्क्ष्य- घोड़ा, गरुड़, सर्प, स्वर्ण, रथ
- तिल- तिल का दाना (बीज), थोड़ा-सा, शरीर पर काला बिंदु
- तीर- बाण, समीप, किनारा, तट
- थान- स्थान, अदद, पशुओं के बाँधने की जगह
(द)
- दल- पत्र, पत्ता, पक्ष, समूह, सेना
- दर्शन- मुलाकात, एक शास्त्र (दर्शनशास्त्र), स्वप्न, तत्त्वज्ञान
- द्रव्य- वस्तु, धन, पदार्थ
- द्विज- अण्डज, पक्षी, दाँत, ब्राह्मण, गणेश, चंद्रमा
- द्विजराज- ब्राह्मण, गरुड़, चन्द्रमा
- दाम– धन, मूल्य, रस्सी, माला, ढेर, लोक या भुवन
- दिनेश- आधार, समीप, पात्र, आदेश, अनुमति, कथा
- द्रोण- द्रोणाचार्य, डोंगी, कौआ, बिच्छू, दोना, लकड़ी का रथ
- दंड- सजा, डंडा, एक व्यायाम
(ध)
- धन- जोड़, योग, सम्पत्ति
- धरा- पृथ्वी, शिरा, गूदा, तल
- धर्म- कर्तव्य, स्वभाव, प्रकृति, संप्रदाय, कर्म, कल्याणकारी, न्याय, आचरण, धारण करने योग्य गुण
- धनंजय- अर्जुन का नाम, अर्जुन वृक्ष, नाग, अग्नि
- धर्मराज- युधिष्ठिर, न्यायी, राजा, बुद्ध
- धवल- धव का वृक्ष, बड़ा बैल, छप्पय का एक भेद, सफेद दाग, निर्मल
- धात्री- पृथ्वी, माता, उपमाता, आँवला
- धाम- घर, शरीर, देवस्थान
- धार- प्रवाह, किनारा, सेना, सान रखना
- ध्रुव- स्थिर, निश्चित, पर्वत, राजा उत्तानपाद का पुत्र, ध्रुवतारा
(न)
- नव- नवीन (नया), नौ
- नग- पर्वत, वृक्ष, सूर्य, सर्प, चाव, अचल, नगीना, संख्या
- नदी- पर्वत, झील आदि से निकलने वाला जल का प्राकृतिक प्रवाह, किसी तरल पदार्थ का अत्यधिक प्रवाह, चौदह अक्षरों का एक छंद
- नगेश- पर्वतराज, नगेंद्र, हिमालय
- नाग- साँप, हाथी, नागकेशर, नागेश्वर, मनुष्यों की एक जाति का नाम, एक ओषधि का नाम
- नाक- स्वर्ग, नासिका, सम्मान, प्रतिष्ठा
- निशाचर- उल्लू, राक्षस, भूत-प्रेत, चोर, गीदड़
- नीलकंठ– शिव, मोर, एक पक्षी-विशेष
(प, फ)
- पर- पंख, ऊपर, दूसरा, बाद, किन्तु
- पक्ष- पंख, ओर, पंद्रह दिन का समय, बल, सहाय, पार्टी
- पवन- वायु, साँस, प्राण-वायु
- पतंग- सूर्य, पक्षी, टिड्डी, चंग, आकाश में कागज़ की उड़ाने वाली गुड्डी, कीट-पतंग
- पद- स्थान, उपाधि, पैर, उद्यम, देश, छंद का एक चरण, भाग, गीत
- पट– किवाड़, पर्दा, कपड़ा, चित्र का आधार
- पति- स्वामी, दूल्हा, ईश्वर
- पत्नी- वधू, भाया
- पत्र- पंख, चिठ्ठी, पत्ता, किसी धातु का एक पतरा
- पय- पानी, दूध
- पयोधि- स्तन, बादल, थन
- पयोधर- स्तन, बादल, तालाब, पर्वत, गन्ना, समुद्र
- पाक- पकाने की क्रिया, रसोई, वचन, पवित्र, निर्दोष
- पान- पेय, द्रव्य, तांबूल, शराब
- पानी- जल, कांति, चमक, इज्जत, धार, आब, बल
- पुष्कर- तालाब, कमल, पानी, मद, आकाश, तलवार
- पूर्व- पूर्व दिशा, पहले
- पूत- पुत्र, पवित्र
- पोत- नाव, वस्त्र, स्वभाव, बच्चा, गुड़िया
- प्रभाव- सामर्थ, असर, महिमा, दबाव
- प्रसाद- कृपा, प्रसन्नता, देवता का उच्छिष्ट पदार्थ
- प्रकाश- ज्योति, प्रसिद्धि, विस्तार, शिव
- पृष्ठ- पन्ना, पीछे का भाग, पीठ
- पंच- पाँच, ग्राम सरपंच, निर्णय करने वाला
- पंचानन- शेर, पाँच मुख वाला
- फन- साँप का फण, हूनर
- फल- तलवार, परिणाम, पेड़ का फल, चाकू का फलक, फाल, नोंक
- फूल- सुमन, दाह कर्म के पश्चात् शेष अस्थियाँ
(ब)
- बल- सेना, शक्ति, बलराम
- बस- गाड़ी, वश, समाप्ति
- बहार- बसंत ऋतु, आनंद, रोचक, एक राग विशेष
- बलि- बलिदान, उपहार, दानवीर, कर, राजा बलि, न्यौछावर करना, चढ़ावा
- बाद- पीछे, व्यर्थ, सिवाय
- बाल- बालक, केश, गेहूँ की बालें
- बाला- लड़की, आभूषण, वलय
- बाण- तीर, बाँस, बाणासुर
- बेला- एक फूल, वक्ता, समय, बरतन, समुद्र का किनारा
- बंध- बंधन, गाँठ, निर्माण, बाँध
- बंशी- बांसुरी, मछली फंसाने का कांटा
(भ)
- भव- संसार, शुभ, मेघ, उत्पत्ति, जन्म, क्षेत्र, हेतु
- भात- चावल, भांजी और भांजे के विवाह में दी जाने वाली एक रस्म
- भाग- हिस्सा, विभाजन, भाग्य
- भाव- मनोविकार, अभिप्राय, मुखाकृति, दर, विचार, श्रद्धा
- भार- काम, बोझा, सहारा, रक्षा
- भुवन- चौदह की संख्या, जल, संसार, लोग, त्रिलोक
- भुजंग- साँप, स्त्री का उपपति, सीस़ा
- भूत- प्राणी, गत समय, पृथ्वी प्रेत
- भेद- फूट, छेदन, रहस्य, तात्पर्य, प्रकार, अंतर
- भोग- नैवेद्य, कर्मों का फल, विलास, देवता का खाद्य पदार्थ, सुखानुभव, प्रसाद, उपभोग, सर्प-फन
(म)
- महावीर- हनुमान, बहुत बलवान, जैन तीर्थंकर
- मधु- मदिरा, शहद, वसंत ऋतु, मीठा, पुष्प-रस
- मत- राय, वोट, सम्मति, नहीं, विचार, धारणा, सम्प्रदाय, सिद्धान्त
- मद- कस्तूरी, घमंड, हर्ष, शराब, नशा, मतवाला
- महीधर- पर्वत, शेषनाग, एक वर्णिक छंद
- मान- तोल-माप, सम्मान, अभिमान
- मात्रा- माप, परिणाम, स्वर-संकेत, मात्राएं
- माधव- श्रीकृष्ण, विष्णु, बसन्त ऋतु, बैसाख महीना, काला उड़द, एक प्रकार का राग
- मित्र- सखा (दोस्त), सूर्य, प्रिय, सहयोगी
- मुद्रा- मुहर, आकृति, चिह्न, सिक्का, अँगूठी, रूप, धन, भाव-मुद्रा
- मूक- गूँगा, चुप, विवश
- मूल- जड़, कंद, पहला, मुख्य, नींव, वृक्ष की जटा
- मेघ- बादल, काला
- मोद- सुगन्ध, प्रफुल्लता (प्रसन्नता), कस्तूरी
- मंत्र- मन्त्र, वेदमन्त्र, सलाह
- मंडल- जिला, हल्का, बिंब, क्षितिज
- मंगल- सप्ताह का एक दिन, नव ग्रहों में एक ग्रह, शुभ अवसर, कल्याण
- माँग- किसी वस्तु की माँग, स्त्रियों की मांग
(य)
- योग- कुल, उपाय, मेल, युक्ति, विधा, कौशल, मन की साधना, जोड़, योग्य
- यति- योगी, जितेन्द्रिय, ब्रह्मा-पुत्र, विराम
(र)
- रस- आनंद, जल, प्रेम, पारा, पौधे का दूध
- रज- धूल, तरल पदार्थ, भस्म, सार
- रक्त- लाल, खून, तल्लीन, अनुरागी
- रश्मि- लक्ष्मी, किरण, लगाम
- रस- किसी फल अथवा पेड़-पौधे का तरल पेय पदार्थ, पेय, सार, काव्य का आनन्द, प्रेम
- रसा– शोरबा, पृथ्वी, जीभ
- रसाल– मीठा, ईख, रसीला, आम
- रास- लगाम, विशेष नृत्य
- राग- रंग, अनुराग, मोह, लाली, संगीत के स्वर, प्रेम, स्नेह, आसक्ति
- राशि- धन, समूह, राशियाँ (मेष, वृष, मिथुन, कुम्भ, कर्क आदि)
- राजा- भूप, स्वामी, क्षत्रिय वर्ण
- रंग- वर्ण, शोभा, सौंदर्य, ठाट-बाट, दशा
- रंभा– वैश्या, केला, एक अप्सरा
(ल)
- लक्ष्य- उद्देश्य, निशाना
- लघु- ह्रस्व, छोटा, हल्का
- लहर- तरंग, वायु की गति, उमंग, जोश
- लय– स्वरों की संगीतात्मकता, ध्यान में डूबना, एक पदार्थ का दूसरे में मिलना, अनुराग, प्रलय
- लाल- बेटा, एक रंग, रक्तवर्ण, माणिक्य (हीरे-जवाहरात), प्यार का सम्बोधन, लालिमा, एक पक्षी
- लीक- रास्ता, लकीर, प्रथा, गणना
- लोक- जगत्, लोग
- लौ- लपट, चाह
(व)
- वन- जंगल, जल
- वर- दूल्हा, श्रेष्ठ, वरण करने योग्य, वरदान
- वधू- बहू, नव विवाहिता
- वर्ण- रंग, जाति, अक्षर, ब्राह्मण आदि चार वर्ण
- वज्र– कठिन, हीरा, बिजली
- वार- प्रहार, सप्ताह के दिन
- वाम- बायाँ, प्रतिकूल, स्त्री
- वास- गंध, निवास, इच्छा, वस्त्र
- वाणी- सरस्वती, सार्थक शब्द, जीभ, सरकंडा
- वितान- फैलाव, राशि, प्रगति, अवसर, घृणा
- विग्रह- शरीर, लड़ाई, देवता की मूर्ति
- विधान– अनुष्ठान, व्यवस्था, प्रणाली, रचना, ढंग
- विरोध- वैर, विपरीत भाव
- विवेचन– तर्क-वितर्क, सत्-असत् विचार, निरूपण, परीक्षण
- विषम- भीषण, जो सम न हो, बहुत कठिन
- विषय– प्रसंग, संपत्ति, भौतिक पदार्थ, देश, जिसके बारे में कुछ कहा जाए
- विधि- विधाता, रीति, भाग्य, ब्रह्मा
- विधु- विष्णु, चन्द्रमा, कपूर, राक्षस
- विहंग– वायु, देवता, पक्षी, विमान, तारा-गण, बादल, चन्द्रमा, वाण, सूर्य
- वीथि- पंक्ति, श्रेणी, गली, बाजार
- वेद- ज्ञान, विष्णु, व्याख्या
- वंश- कुल, पास, बाँसुरी, परिवार
- वृत्त- गोल घेरा, वृत्तांत, चरित्र, वर्णिक छंद
(श)
- शिव- महादेव, भाग्यशाली, मंगलवार
- शिलीमुख- भ्रमर, बाण, मूर्ख
- शिखि- अग्नि, पुरुष, मुर्गी, पवर्त, मोर
- शुद्ध- पवित्र, ठीक, जिसमें मिलावट न हो
- शून्य- आकाश, बिन्दु, अभाव, ईश्वर
- शेर- सिंह, उर्दू छंद के दो चरण
- शॉल- एक पेड़, ऊनी चादर
- श्री- लक्ष्मी, कमला, चन्दन, सम्पत्ति, आदरसूचक, धन-वैभव, कान्ति, सरस्वती
- श्रुति- सुनी हुई बात, कान, वेद, सुनना
(स)
- सर- तालाब, सिर, पराजित
- सारंग- राजहंस, सर्प, मोर, पानी, सिंह, वर्ण, भौंरा, कमल, भूषण, फूल, छत्र, शोभा, रात्रि, दीपक, स्त्री, शंख, वस्त्र
- सुर- देव, स्वर और ताल
- सुधा- पानी, अमृत
- सुत- पुत्र, पार्थिव
- सूर- अंधा, सूर्य
- सेहत- स्वास्थ्य, सुख, रोग से छुटकारा
- सोम– एक देवता, चन्द्रमा, सोमवार, कुबेर, यम, अमृत, वायु, जल, स्वर्ग
- सोना- स्वर्ण, नींद
- सैंधव- नमक, सिंधु देश का घोड़ा
- संज्ञा– संकेत, ज्ञान, नाम, चेतना
- स्थूल- मोटा, सहज में दिखाई देने या समझ में आने योग्य
- स्नेह- प्रेम, तेल, चिकना, पदार्थ, कोमलता
(ह)
- हरकत- चेष्टा, नटखटपन, गति
- हस्ती- हाथी, अस्तित्व
- हर- प्रत्येक, शिव, अग्नि, गधा, भाजक, हरण करने वाला
- हल– खेत जोतने का यन्त्र, समाधान
- हत- मारा गया, विरहित, विफल, ग्रस्त
- हार- आभूषण, सुन्दर, माला, शिथिलता, पराजय
- हरि- विष्णु, शिव, सर्प, इंद्र, सिंह, सूर्य, किरण, मोर, कोयल, हंस, आग, हवा, फोड़ा, तोता, चाँद, वानर, यमराज, ब्रह्मा, कामदेव, हरा रंग, पहाड़, हाथी, मेढ़क, घोड़ा
- हिम- बर्फ, चाँद, कमल, मोती, कपूर
- हीन- रहित, दीन, निकृष्ट
- हीन- दीन, रहित, निकृष्ट
- हेम– बर्फ, स्वर्ण, इज्जत, पीला रंग
- हंस- एक पक्षी, आत्मा (प्राण)
- क्षेत्र- खेत, स्त्री, शरीर, सीमित भूभाग, मुफ्त भोजन कराने वाला भोजनालय