Delhi University BA Programme 2nd Semester Hindi का Syllabus दो भागों में विभाजित है- Major और Non-Major. Major में हिंदी कविता (मध्यकाल और आधुनिककाल) तथा हिंदी का मौखिक साहित्य और उसकी परम्परा है। Non-Major में हिंदी कविता (मध्यकाल और आधुनिककाल) है।
1. BA (PROG) WITH HINDI AS MAJOR
हिंदी कविता (मध्यकाल और आधुनिककाल)
COURSE | हिंदी कविता (मध्यकाल और आधुनिककाल) |
---|---|
Nature of the Course | कोर कोर्स (DSC- 3) |
Total Credit | 4 |
Lecture | 3 |
Tutorial | 1 |
Practical | 0 |
Eligibility Criteria / Prerequisite | DSC- I |
Unit 1: (10 घंटे)
- कबीर- कबीर ग्रंथावली; माताप्रसाद गुप्त; लोकभारती प्रकाशन; 1969 ई. साँच कौ अंग (1), भेष कौ अंग (5, 9, 12) संमथाई कौ अंग (12)
- सूरदास- सूरसागर संपा. डॉ. धीरेंद्र वर्मा; साहित्य भवन 1990 ई. गोकुल लीला- पद संख्या 20, 26, 27, 60
- गोस्वामी तुलसीदास- तुलसी ग्रंथावली (दूसरा खण्ड); संपा. आ. रामचंद्र शुक्ल (नागरीप्रचारिणी सभा, काशी)
दोहावली- छंद सं. 277, 355, 401, 412, 490
Unit 2: (10 घंटे)
- बिहारी- रीतिकाव्य संग्रह; जगदीश गुप्त; साहित्य भवन प्रा. लि. इलाहाबाद; प्रथम
संस्करण; 1961 ई. छंद सं. 3, 14, 16, 18, 23, 24
Unit 3: (10 घंटे)
- मैथिलीशरण गुप्त: रईसों के सपूत (भारतभारती, वर्तमान खण्ड, साहित्य सदन, झाँसी) पद सं. 123 से 128
- जयशंकर प्रसाद: बीती विभावरी जाग री (लहर, लोकभारती प्रकाशन, 2000)
- हिमालय के ऑगन में (स्कन्दगुप्त; भारती भण्डार; इलाहाबाद, 1973)
Unit 4: (10 घंटे)
- हरिवंश राय ‘बच्चन’- जो बीत गयी (हरिवंश राय ‘बच्चन’ : प्रतिनिधि कविता; राजकमल पेपरबैक्स, संपा. मोहन गुप्त, 2009)
- नागार्जुन- उनको प्रणाम! (नागार्जुन: प्रतिनिधि कविताएँ, संपा. नामवर सिंह, राजकमल, पेपरबैक्स, 2009)
- भवानीप्रसाद मिश्र- गीत-फरोश (दूसरा सप्तक, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, द्वितीय संस्करण, 1970)
References:
- कबीर: हजारीप्रसाद द्विवेदी
- तुलसी काव्य-मीमांसा: उदयभानु सिंह
- बिहारी की वाग्विभूति: विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
- सूरदास: ब्रजेश्वर शर्मा
- सूरदास: रामचंद्र शुक्ल
- गोस्वामी तुलसीदास: रामचंद्र शुक्ल
- घनानंद और स्वच्छंद काव्यधारा : मनोहरलाल गौड़
- मैथिलीशरण गुप्त: व्यक्ति और काव्य: कमलकांत पाठक
- प्रसाद, पंत और मैथिलीशरण – रामधारी सिंह ‘दिनकर’
- प्रसाद के काव्य- प्रेमशंकर
- जयशंकर प्रसाद- नंददुलारे वाजपेयी
- हरिवंश राय बच्चन- संपा. पुष्पा भारती
- आधुनिक हिंदी कविता: विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
हिंदी का मौखिक साहित्य और उसकी परम्परा
COURSE | हिंदी का मौखिक साहित्य |
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Nature of the Course | कोर कोर्स (DSC) 4 |
Total Credit | 4 |
Lecture | 3 |
Tutorial | 1 |
Practical | 0 |
Eligibility Criteria / Prerequisite | DSC- II |
Unit 1: (10 घंटे)
- मौखिक साहित्य की अवधारणा : सामान्य परिचय, मौखिक साहित्य और लिखित साहित्य का संबंध
- साहित्य के विविध रूप- लोकगीत, लोककथा, लोकगाथाएँ, लोकनाद्य, लोकोक्तियाँ
Unit 2: लोकगीत: वाचिक और मुद्रित (10 घंटे)
- संस्कार गीत: सोहर, विवाह, मंगलगीत इत्यादि
- सोहर: भोजपुरी, संस्कार गीत; श्री हंस कुमार तिवारी; बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पृ. 8, गीत सं. 4
- सोहर: अवधी, हिंदी प्रदेश के लोकगीत; कृष्णदेव उपाध्याय; पृ. 110, 111; साहित्य भवन; इलाहाबाद
- विवाह: भोजपुरी; भारतीय लोकसाहित्य : परम्परा और परिदृश्य; विद्या सिन्हा; पृ. 116
निम्नलिखित पाठ्यपुस्तकों के पृष्ठ:
- हरियाणा प्रदेश का लोकसाहित्य: शंकर लाल यादव; पृ. 231
- हिंदी प्रदेश के लोकगीत: कृष्णदेव उपाध्याय; पृ. 205
- वाचिक कविता: भोजपुरी; पं. विद्यानिवास मिश्र, पृ. 49
- श्रमसंबंधी गीत: कटनी, जंतसर; दँवनी, रोपनी इत्यादि
- कटनी के गीत; अवधी 2 गीत; हिंदी प्रदेश के लोकगीत : पं. कृष्णदेव उपाध्याय; पृ. 134, 135
- जंतसारी: भोजपुरी; भारतीय लोकसाहित्य परम्परा और परिदृश्य; विद्या सिन्हा; पृ. 140, 141
- विविध गीत: घुघुती-कुमाउनी; कविता कौमुदी :ग्रामगीत : पं. रामनरेश त्रिपाठी
- गढ़वाली: कविता कौमुदी: ग्रामगीत; पं. रामनरेश त्रिपाठी; पु. 801-802
Unit 3: लोककथाएँ एवं लोकगाथाएँ (10 घंटे)
- विधा का सामान्य परिचय और प्रसिद्ध लोककथाएँ एवं लोकगाथाएँ आल्हा, लोरिक, सारंग- सदावृक्ष, बिहुला
- राजस्थानी लोककथा नं. 2; हिंदी साहित्य का बृहत् इतिहास; पं. राहुल सांकृत्यायन, पृ. 461-462
- अवधी लोककथा नं. 2, हिंदी साहित्य का बृहत् इतिहास; पं. राहुल सांकृत्यायन, पृ. 187-188
Unit 4: लोकनाट्य (15 घंटे)
- विधा का परिचय, विविध भाषा क्षेत्रों के विविध नाट्यरूप और शैलियाँ, रामलीला, रासलीला,
- मालवा का माच; राजस्थान का ख्याल, उत्तर प्रदेश की नौटंकी, भांड, रासलीला, बिहार-
- बिदेसिया, हरियाणा- सांग पाठ, संक्षिप्त पदमावत सांग (लखमीचंद ग्रंथावली, संपा. पूरनचंद शर्मा,
- हरियाणा साहित्य अकादमी, पंडवानी; तीजन बाई)
References:
- हिंदी प्रदेश के लोकगीत: कृष्णदेव उपाध्याय
- हरियाणा प्रदेश का लोकसाहित्य: शंकरलाल यादव
- मीट माई पीपल: देवेन्द्र सत्यार्थी
- मालवी लोक-साहित्य का अध्ययन : श्याम परमार
- रसमंजरी: सुचीता रामदीन, महात्मा गांधी संस्थान, मॉरिशस
- हिंदी साहित्य का बृहत् इतिहास: पं. राहुल सांकृत्यायन; 16वां भाग
- वाचिक कविता: भोजपुरी- विद्यानिवास मिश्र
- भारतीय लोकसाहित्य: परंपरा और परिदृश्य- डॉ. विद्या सिन्हा
- कविता कौमुदी: ग्रामगीत: पं. रामनरेश त्रिपाठी
- हिंदी साहित्य को हरियाणा प्रदेश की देन-हरियाणा साहित्य अकादमी का प्रकाशन
- मध्यप्रदेश लोककला अकादमी की पत्रिका- चौमासा
2. BA (PROG) WITH HINDI AS NON-MAJOR
हिंदी कविता (मध्यकाल और आधुनिककाल)
COURSE | हिंदी कविता (मध्यकाल और आधुनिककाल) |
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Nature of the Course | कोर कोर्स (DSC) 3 |
Total Credit | 4 |
Lecture | 3 |
Tutorial | 1 |
Practical | 0 |
Eligibility Criteria / Prerequisite | DSC- I |
Unit 1: (10 घंटे)
- कबीर- कबीर ग्रंथावली; माताप्रसाद गुप्त; लोकभारती प्रकाशन; 1969 ई. साँच कौ अंग (1), भेष कौ अंग (5, 9, 12) संमथाई कौ अंग (12)
- सूरदास- सूरसागर संपा. डॉ. धीरेंद्र वर्मा; साहित्य भवन 1990 ई. गोकुल लीला- पद संख्या 20, 26, 27, 60
- गोस्वामी तुलसीदास- तुलसी ग्रंथावली (दूसरा खण्ड); संपा. आ. रामचंद्र शुक्ल (नागरीप्रचारिणी सभा, काशी) दोहावली – छंद सं. 277, 355, 401, 412, 490
Unit 2: (10 घंटे)
- बिहारी- रीतिकाव्य संग्रह; जगदीश गुप्त; साहित्य भवन प्रा. लि.; इलाहाबाद; प्रथम संस्करण; 1961 ई.
छंद सं. – 3, 14, 16, 18, 23, 24
Unit 3: (10 घंटे)
- मैथिलीशरण गुप्त: रईसों के सपूत (भारतभारती, वर्तमान खण्ड, साहित्य सदन, झाँसी) पद सं. 123 से 128
- जययशंकर प्रसाद: बीती विभावरी जाग री (लहर, लोकभारती प्रकाशन, 2000)
- हिमालय के ऑगन में … (स्कन्दगुप्त; भारती भण्डार; इलाहाबाद, 1973)
Unit 4: (15 घंटे)
- हरिवंश राय ‘बच्चन’ – जो बीत गयी …. (हरिवंश राय ‘बच्चन’ : प्रतिनिधि कविता; राजकमल पेपरबैक्स, संपा. मोहन गुप्त, 2009)
- नागार्जुन- उनको प्रणाम! (नागार्जुन: प्रतिनिधि कविताएँ, संपा. नामवर सिंह, राजकमल, पेपरबैक्स, 2009)
- भवानीप्रसाद मिश्र- गीत-फरोश (दूसरा सप्तक, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, द्वितीय संस्करण, 1970)
References:
- कबीर: हजारीप्रसाद द्विवेदी
- तुलसी काव्य-मीमांसा: उदयभानु सिंह
- बिहारी की वाग्विभूति: विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
- सूरदास: ब्रजेश्वर शर्मा
- सूरदास: रामचंद्र शुक्ल
- गोस्वामी तुलसीदास: रामचंद्र शुक्ल
- घनानंद और स्वच्छंद काव्यधारा: मनोहरलाल गौड़
- मैथिलीशरण गुप्त: व्यक्ति और काव्य: कमलकांत पाठक
- प्रसाद, पंत और मैथिलीशरण- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
- प्रसाद के काव्य- प्रेमशंकर
- जयशंकर प्रसाद- नंददुलारे वाजपेयी
- हरिवंश राय बच्चन- संपा. पुष्पा भारती
- आधुनिक हिंदी कविता: विश्वनाथ प्रसाद तिवारी