दिल्ली विश्वविद्यालय बी.कॉम. (प्रोग्राम) हिंदी पाठ्यक्रम में ‘हिंदी भाषा और साहित्य का उद्भव और विकास’ रखा गया है जो 3 भाग में विभाजित है- हिंदी क, हिंदी- ख और हिंदी- ग। Delhi University B.Com. Programme Hindi का यह Syllabus नीचे दिया गया है। यह Syllabus Generic Elective के अंतर्गत आता है।
हिंदी भाषा और साहित्य का उद्भव और विकास (हिंदी- क)
उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 12वीं कक्षा तक हिंदी पढ़ी है।
इकाई- 1: हिंदी भाषा
- हिंदी भाषा का उद्भव एवं विकास
- हिंदी की उपभाषाएँ
इकाई- 2: हिंदी साहित्य का इतिहास
- हिंदी साहित्य का इतिहास (आदिकाल, मध्यकाल) सामान्य परिचय
- हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल) सामान्य परिचय
इकाई- 3
(क) कबीर: कबीर ग्रंथावली, संपा. श्यामसुंदरदास, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, 17वाँ संस्करण, सं. 2049 वि.
साखी- गुरुदेव कौ अंग- 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17
(ख) मीराबाई की पदावली, संपा. आ. परशुराम चतुर्वेदी; हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग; 44वां संस्करण, 1892. सन् 1970 ई.;
पद- 1, 4, 5, 6
(ग) बिहारी: बिहारी रत्नाकर; संपा. जगन्नाथ दास रत्नाकर बी.ए.; प्रकाशन संस्थान, नई दिल्ली; सं. 2006;
दोहा- 381, 435, 438, 439, 491
इकाई- 4: आधुनिक हिंदी कविता
- मैथिलीशरण गुप्त: भारत भारती (हमारे पूर्वज अंश)
- जयपशंकर प्रसाद: हिंमाद्वि तुंग श्रृंग से
- नागार्जुन: अकाल और उसके बाद
References
- हिंदी भाषा का इतिहास- धीरेंद्र वर्मा, हिंदुस्तानी एकेडेमी, प्रयाग
- हिंदी भाषा की संरचना- भोलानाथ तिवारी, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- हिंदी साहित्य का इतिहास- आ. रामचंद्र शुक्ल, प्रकाशन संस्थान, दिल्ली
- हिंदी साहित्य का इतिहास- सं. डॉ. नगेंद्र, मयूर पेपरबैक्स, नौएडा
- हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स- डॉ. रसाल सिंह
- हिंदी साहित्य का अतीत- विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- हिंदी साहित्य: उद्भव और विकास- हजारीप्रसाद द्विवेदी, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- कबीर- हजारीप्रसाद द्विवेदी, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- मीरा का काव्य- विश्वनाथ त्रिपाठी, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- प्रसाद का काव्य- प्रेमशंकर, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली
हिंदी भाषा और साहित्य का उद्भव और विकास (हिंदी- ख)
उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 10वीं कक्षा तक हिंदी पढ़ी है।
इकाई- 1
- हिंदी का उद्भव और विकास
- हिंदी की प्रमुख बोलियों का परिचय
- हिंदी साहित्य का इतिहास: संक्षिप्त परिचय (आदिकाल, मध्यकाल)
- हिंदी साहित्य का इतिहास: संक्षिप्त परिचय (आधुनिक काल)
इकाई- 2: भक्तिकालीन कविता
(क) कबीर: कबीर ग्रंथावली, संपा. श्यामसुंदरदास, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, 17वां संस्करण; सं. 2049 वि.
- पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ…
- कस्तूरी कुंडलि बसै…
- यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान…
- सात समुन्दर की मसि करूँ…
- साधू ऐसा चाहिए…
- सतगुरु हमसुँ रीझकर…
(ख) तुलसी: रामचरितमानस- केवट प्रसंग
इकाई- 3: रीतिकालीन कविता
(क) बिहारी
- बतरस लालच लाल की…
- या अनुरागी चित्त की…
(ख) भूषण
- इंद्र जिमि जंभ पर…
- साजि चतरंग सैन…
इकाई- 4: आधुनिक कविता
- जयशंकर प्रसाद: अरुण यह मधुमय देश हमारा
- हरिवंश राय ‘बच्चन’ : अग्निपथ
References
- हिंदी साहित्य का इतिहास- रामचंद्र शुक्ल, प्रकाशन संस्थान, दिल्ली
- कबीर- हजारीप्रसाद द्विवेदी, हजारीप्रसाद द्विवेदी, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- तुलसी काव्य-मीमांसा- उदयभानु सिंह, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली
- बिहारी की वाग्विभूति- विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, हिंदी साहित्य कुटीर, बनारस
- निराला की साहित्य साधना- रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- हिंदी साहित्य का सरल इतिहास- विश्वनाथ त्रिपाठी, ओरिएंट ब्लैकस्वान प्रा. लिमिटेड, नौएडा
हिंदी भाषा और साहित्य का उद्भव और विकास (हिंदी- ग)
उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 8वीं कक्षा तक हिंदी पढ़ी है।
इकाई- 1: हिंदी भाषा और साहित्य
- हिंदी भाषा का सामान्य परिचय
- हिंदी की प्रमुख बोलियों का सामान्य परिचय
- हिंदी साहित्य का इतिहास: आदिकाल और मध्यकाल की सामान्य विषेषताएँ
- हिंदी साहित्य का इतिहास: आधुनिककाल की सामान्य विषेषताएँ
इकाई- 2: भक्तिकालीन कविता
(क) कबीर
- गुरु गोविन्द दोउ खड़े…
- निन्दक नियरे राखिए…
- कबीर संगति साधु की…
- माला फेरत जुग भया…
- पाहन पूजै हरि मिले…
- वृच्छ कबहूँ न फल भखें…
(ख) सूरदास
- मैया मैं नहिं माखन खायो…
- उधो मन न भए दस-बीस…
इकाई- 3: रीतिकालीन कविता
(क) बिहारी
- मेरी भव बाधा हरौं…
- कनक कनक ते सौँ गुनी…
- थोड़े ही गुन रीझते…
- केहत नटत रीझत खिझत…
(ख) घनानंद
- अति सूधो सनेह को मारग…
- रावरे रूप की रीति अनूप…
इकाई- 4: आधुनिक कविता
- माखनलाल चतुर्वेदी: पुष्प की अभिलाषा
- धूमिल: रोटी और संसद
References
- हिंदी साहित्य का इतिहास- रामचंद्र शुक्ल, प्रकाशन संस्थान, दिल्ली
- कबीर- हजारीप्रसाद द्विवेदी, हजारीप्रसाद द्विवेदी, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- बिहारी रत्नाकर- जगनन्नाथदास रत्नाकर, प्रकाशन संस्थान, नई दिल्ली
- हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स- डॉ. रसाल सिंह
- त्रिवेणी- रामचंद्र शुक्ल, लोकभारती प्रकाशन, इलाहबाद
- भक्ति आंदोलन और सूरदास का काव्य- मैनेजर पाण्डेय, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- समकालीन बोध और धूमिल का काव्य- डॉ. हुकुमचंद राजपाल, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- समकालीन साहित्य: एक नई दृष्टि- इन्द्रनाथ मदान, लिपि प्रकाशन, दिल्ली