भारत भूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार
तारसप्तक के कवि भारत भूषण अग्रवाल की स्मृति में उनकी पत्नी बिन्दु अग्रवाल ने यह पुरस्कार वर्ष 1979 में स्थापित किया था। तब से हर साल समकालीन किसी युवा कवि की श्रेष्ठ कविता को यह पुरस्कार दिया जाता रहा है परन्तु वर्ष 2021 से यह पुरस्कार किसी एक कविता के लिए न दे कर किसी युवा कवि के पहले कविता संग्रह पर दिया जाने लगा है। Bharat Bhushan Agarwal Award 35 वर्ष की आयु तक के युवा कवि को दिया जाता रहा है परन्तु वर्ष 2020 से इस पुरस्कार के लिए अधिकतम आयु-सीमा 40 वर्ष कर दी गई है।
पुरस्कार का निर्णय पांच लेखक प्रति वर्ष बारी-बारी से स्वतंत्र रूप से करते हैं। वर्तमान में अरुण देव, मदन सोनी, अष्टभुजा शुक्ल, आनन्द हर्षुल और उदयन वाजपेयी जूरी के सदस्य हैं जो अगले पांच वर्षों के लिए बारी-बारी से पुरस्कार के लिए कविता संग्रह चुनेंगे।
पहला भारत भूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार वर्ष 1980 में अरुण कमल को उनकी कविता ‘उर्वर प्रदेश’ पर मिला था। वर्ष 2015 में यह पुरस्कार किसी को नहीं दिया गया, निर्णायक अशोक वाजपेयी ने बताया कि इस वर्ष कोई भी कविता पुरस्कार के योग्य छपी नहीं मिली।
भारत भूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार राशि
Bharat Bhushan Agarwal Award की शुरुआत 500 रुपए की धनराशि से हुई थी। वर्तमान में इसकी राशि बढ़ा कर 21 हजार रुपए कर दी गई है। भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार स्वरूप धनराशि के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है।
भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार 2021
भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार 2021 सुधांशु फिरदौस को मिला है। sudhanshu Firdaus का जन्म स्थान बिहार का मुजफ्फरपुर जिला है। सुधांशु फिरदौस को यह पुरस्कार उनके कविता संग्रह ‘अधूरे स्वांगों के दरमियान’ के लिए दिया गया है।
इस बार के निर्णायक कवि और समालोचना के संपादक डॉ. अरुण देव थे। उन्होंने सुधांशु फिरदौस को उनके काव्य संग्रह ‘अधूरे स्वांगों के दरमियान’ को यह सम्मान देने की घोषणा की। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेयी, विनोद भारद्वाज, ज्योतिष जोशी आदि भी उपस्थित थे। Bharat Bhushan Agarwal Award के तौर पर सुधांशु फिरदौस को 21 हजार रुपये की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार सूची
भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार सूची निम्नलिखित है-
| वर्ष | कवि | कविता |
|---|---|---|
| 1980 | अरुण कमल | उर्वर प्रदेश |
| 1981 | उदय प्रकाश | तिब्बत |
| 1982 | विनोद भारद्वाज | हवा |
| 1983 | शरद बिल्लौरे | तब तो यही हुआ था |
| 1984 | राजेंद्र धोड़पकर | अंतिम आदमी |
| 1985 | गगन गिल | एक दिन लौटेगी लड़की |
| 1986 | स्वप्निल श्रीवास्तव | ईश्वर बाबू |
| 1987 | विमल कुमार | सपने में एक औरत से बातचीत |
| 1988 | देवी प्रसाद मिश्र | प्रार्थना के शिल्प में नहीं |
| 1989 | कुमार अंबुज | किवाड़ |
| 1990 | तेजी ग्रोवर | वो रही वह |
| 1991 | बद्री नारायण | प्रेमपत्र |
| 1992 | संजय चतुर्वेदी | पतंग |
| 1993 | अनिल कुमार सिंह | अयोध्या 1991 |
| 1994 | पंकज चतुर्वेदी | एक सम्पूर्णता के लिए |
| 1995 | शिरीष मुरलीधर ढोबले | प्रदक्षिणा है यह |
| 1996 | अनामिका | अनुवाद |
| 1997 | नीलेश रघुवंशी | हंडा |
| 1998 | संजय कुंदन | अजनबी शहर में |
| 1999 | बोधिसत्व | पागलदास |
| 2000 | गिरिराज किराडू | मेज |
| 2001 | हेमंत कुकरेती | सिलबट्टा |
| 2002 | आर. चेतनक्रांति | सीलमपुर की लड़कियाँ |
| 2003 | सुंदर चंद ठाकुर | कविता के मुक्तिबोधों का समय नहीं यह |
| 2004 | प्रेमरंजन अनिमेष | इक्कीसवीं सदी की सुबह झाड़ू देती स्त्री |
| 2005 | यतीन्द्र मिश्र | बारमासा |
| 2006 | जितेन्द्र श्रीवास्तव | जरूर आऊँगा कलकत्ता |
| 2007 | गीत चतुर्वेदी | मदर इंडिया |
| 2008 | निशांत | अट्ठाइस साल के उम्र में |
| 2009 | मनोज कुमार झा | स्थगन |
| 2010 | व्योमेश शुक्ल | बहुत सारे संघर्ष स्थानीय रह जाते हैं |
| 2011 | अनुज लुगुन | अघोषित उलगुलान |
| 2012 | कुमार अनुपम | कुछ न समझे खुदा करे कोई |
| 2013 | प्रांजल धर | कुछ भी कहना खतरे से ख़ाली नहीं |
| 2014 | आस्तिक वाजपेयी | विध्वंश की शताब्दी |
| 2015 | – | – |
| 2016 | शुभमश्री | पोएट्री मैनेजमेंट |
| 2017 | अच्युतानंद मिश्र | बच्चे धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं |
| 2018 | अदनान कफ़ील | दरवेश |
| 2019 | विहाग वैभव | चाय पर शत्रु-सैनिक |
| 2020 | अनामिका अनु | माँ अकेली रह गई |
| 2021 | सुधांशु फिरदौस | अधूरे स्वांगों के दरमियान |









