कम से कम शब्दों में अधिकाधिक अर्थ प्रगट करने के लिए वाक्यांश या अनेक शब्दों के लिए एक शब्द का प्रयोग किया जाता है। “भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गंभीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके।”[1] वाक्यांशों (vakyansh) की जगह एक शब्द प्रयोग करने से वाक्य रचना में संक्षिप्तता, सुंदरता और गंभीरता आ जाती है।
अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द के प्रयोग से रचना में कसावट आती है और अभिव्यक्ति प्रभावशाली होती है। अच्छी रचना के लिए भी यह आवश्यक है की कम से कम शब्दों में अपने विचार प्रगट किए जाएँ। अनेक शब्दों के लिए एक शब्द को अंग्रेजी में ‘One Word Substitution’ कहते हैं। समास, उपसर्ग और प्रत्यय आदि की सहायता से वाक्य खंड को एक शब्द में बदला जाता है। जैसे— दशानन, अतिथि, अल्पज्ञ
ये सारे पद समस्त पद हैं। ‘दशानन’ समस्त पद का अर्थ है- जिसके दस आनन (मुख) हैं अर्थात रावण। यहाँ समास की सहायता से वाक्य खंड के स्थान पर एक शब्द से काम चला लिया गया है। इसी तरह दूसरे ‘अतिथि’ समस्त पदका अर्थ है- (अ+तिथि) जिसके आने की तिथि निश्चित न हो। यहाँ उपसर्ग की सहायता से अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द बनाया गया है। तीसरे ‘अल्पज्ञ’ समस्त पद का अर्थ है- (अल्प+ज्ञ) जो अल्प (थोड़ा) जानता हो। यहाँ प्रत्यय की सहायता से vakyansh (वाक्यांश) के स्थान पर एक शब्द बनाया गया है।
नीचे एक वाक्य, वाक्यांश, वाक्य खंड या अनेक शब्दों के लिए एक शब्द दिए गये हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। अधिकतर anek shabdo ke liye ek shabd विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे हुए हैं।
(अ)
- जिसकी कल्पना न की जा सके- अकल्पनीय
- जो विश्वास करने लायक न हो- अविश्वसनीय
- जो वचन या वाणी द्वारा कहा न जा सके- अकथनीय
- जो धन का दुरुपयोग करता हो- अपव्ययी
- जिसके सामान कोई दूसरा न हो- अद्वितीय, अनन्य
- जिसकी उपमा न हो- अनुपम
- जिसे जाना न जा सके- अज्ञेय
- जिसके आने की तिथि निश्चित न हो- अतिथि
- अतिथि की सेवा करने वाला- अतिथेय
- जो कहा गया न हो- अकथित
- जिसका आदि व अंत न हो- अनंत, अनाद्यन्त
- जो सदा रहे- अमर
- जिसका आदि न हो- अनादि
- जिसे बुलाया न गया हो / जो बिना बुलाए आया हो- अनाहूत
- जो दूसरों के पीछे चलता हो / अनुसरण करने वाला- अनुगामी
- किसी संप्रदाय का समर्थन करने वाला- अनुयायी
- किसी प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया- अनुमोदन
- जिसका नाम न हो- अनाम
- जिसका पता न हो- अज्ञात
- जिसके नाम का पता न हो- अज्ञातनामा
- जो स्त्री सूर्य भी न देख सके / रनिवास में कड़े पर्दे में रहने वाली स्त्री- असूर्यपश्या
- जिसे जीता न जा सके- अजेय
- जो कभी नहीं मरता- अमर्त्य
- जहाँ पहुँचा न जा सके- अगम्य, अगम
- आत्मा और परमात्मा को एक मानने वाला सम्प्रदाय- अद्वैतवाद
- जिसे पराजित न किया जा सके- अपराजेय
- दोपहर के बाद का समय- अपराह्न्
- बिना पलक या निमिष गिराए झपकाए- अपलक, निर्निमेष, एकटक, अनिमेष
- जिस पेड़ के पत्ते झड़ गये हों- अपत
- जो देखा न जा सके- अदृश्य, अलक्ष्य
- जिसे लाँघा न जा सके- अलंघनीय
- जो खाने योग्य न हो- अखाद्य
- जिसका दमन न हो सके- अदम्य
- जो कम बोलता हो- अल्पभाषी
- कम खाने वाला- अल्पाहारी
- जिसका वर्णन या वाणी से व्यक्त न किया जा सके- अवर्णनीय, अनिर्वचनीय
- जो वध करने योग्य न हो- अवध्य
- मूल्य घटाने का कार्य / उचित से कम मूल्य आँकना या लगाना- अवमूल्यन
- अवसर के अनुसार बदल जाने वाला- अवसरवादी
- जिसका जन्म न होता हो- अजन्मा
- जो अपने स्थान से न गिरे- अच्युत
- जिसकी चिंता नहीं हो सकती / जिसका चिंतन न किया जा सके- अचिंतनीय, अचिंत्य
- जिसका जन्म बाद में हुआ हो / जो छोटा भाई हो- अनुज
- परम्परा से चली आ रही कथा- अनुश्रुति
- शब्द द्वारा जो व्यक्त न हो सके- अव्यक्त
- जो नहीं हो सकता- असंभव
- जो पढ़ना-लिखना न जानता हो- अनपढ़
- फेंक कर चलाया जाने वाला हथियार- अस्त्र
- घोड़े पर सवार- अश्वारोह
- जो अनुकरण करने योग्य हो- अनुकरणीय
- जो लोक में संभव न हो / जो चीज इस संसार में न हो- अलौकिक
- ऐसा वक्त जिसमें अनाज मुश्किल से मिले- अकाल
- जिसका जन्म पहले हुआ हो / जो बड़ा भाई हो- अग्रज
- जो सबसे आगे रहता हो- अग्रखंड
- सबसे आगे रहने वाला- अग्रणी
- जिसकी सबसे पहले गणना की जाये- अग्रगण
- जो कम व्यय करता हो- अल्पव्ययी
- जिस पर मुकदमा चलाया गया हो- अभियुक्त
- जिसको क्षमा न किया जा सके- अक्षम्य
- जो छूने योग्य न हो- अछूत
- जिसे भले-बुरे का ज्ञान न हो- अविवेकी
- जो पहले न पढ़ा हो- अपठित
- जिसकी गिनती न हो सके- अगणित, अगणनीय
- जो घोड़े पर सवार है- अश्वरोही
- जिसका आशा न की गई हो- अप्रत्याशित
- जिसके समान दूसरा न हो- अप्रतिम
- जो इन्द्रियों के द्वारा न जाना जा सके- अगोचर
- कमर के नीचे पहना जाने वाला वस्त्र- अधोवस्त्र
- जिसके हस्ताक्षर नीचे अंकित हैं- अधोहस्ताक्षरकर्त्ता
- सब राष्ट्रों से संबंधित- अंतर्राष्ट्रीय
- जो सहनशील न हो- असहिष्णु
- जो सहन न किया जा सके- असह्न
- जिसमें शक्ति न हो- अशक्त
- जिसे भेदा या तोड़ा न जा सके- अभेद
- किसी चीज़ की खोज करने वाला- अन्वेषक
- जिसका कोई शत्रु न जन्मा हो- अजातशत्रु
- जिसकी भुजाएँ घुटनों तक लम्बी हो- अजानुबाहु
- जो बिना देह का हो- अनंग
- किसी कार्य के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता- अनुदान
- जो रचना अन्य भाषा का अनुवाद हो- अनुदित
- जिसकी परिभाषा देना संभव न हो- अपरिभाषित
- बिना परिश्रम के- अनायास
- मन में होने वाला ज्ञान- अन्तर्ज्ञान
- जो अपना प्रभाव दिखाने में ना चूके- अचूक
- जिसमें धैर्य न हो- अधीर
- जो पहले कभी न हुआ हो- अभूतपूर्व
- थोड़ा जानने वाला- अल्पज्ञ
- जो स्त्री अभिनय करे- अभिनेत्री
- जो पुरुष अभिनय करे- अभिनेता
- न करने योग्य- अकरणीय
- जिसे बदला न जा सके- अपरिवर्तनीय
- आवश्यकता से अधिक धन संचय न करना- अपरिग्रह
- अन्दर छिपा हुआ- अंतर्निहित
- जिसका अनुभव (ज्ञान) इन्द्रियों द्वारा न हो- अतीन्द्रिय
- जिसका मन कहीं अन्यत्र लगा हो- अन्यमनस्क
- वह भाई जो अन्य माता से उत्पन्न हुआ हो- अन्योदर
- एक दूसरे पर आश्रित होना- अन्योन्याश्रित
- जिसका मूल्य न आँका जा सके- अमूल्य
- बिना घर का- अनिकेत
- जो कार्य छोड़ा न जा सके- अनिवार्य
- जिसका विरोध न हुआ हो या न हो सके- अनिरुद्ध, अविरोधी
- जिसका निवारण न हो सकता हो- अनिर्णीत
- जो नियम के अनुसार न हो- अनियमित
- जिसको त्यागा न जा सके- अत्याज्य
- नष्ट न होने वाला- अनश्वर
- जो बूढ़ा न हो- अजर
- जो अपनी बात से टले नहीं- अटल
- जो अभी तक न आया हो- अनागत
- जिसका आदर न किया गया हो- अनादर, अनादृत
- जो पहले घटित न हुआ हो- अघटित
- जो कुछ न करता हो- अकर्मण्य
- जिसके पार देखा न जा सके- अपारदर्शक, अपारदर्शी
- ज्यों का त्यों- अक्षरश:
- जो पहले कभी नहीं सुना गया- अश्रुतपूर्व, अनसुना
- बिना वेतन के काम करने वाला / जिसे वेतन न मिलता हो- अवैतनिक
- जिसका खण्डन न हो सके- अकाट्य
- जो किसी पर अभियोग लगाए- अभियोगी, अभियोक्ता
- वस्तु लेने से पूर्व दी जाने वाली राशि- अग्रिम
- किसी वस्तु का बढ़ा-चढ़ा कर वर्णन- अतिशयोक्ति, अत्युक्ति
- जिसे स्पर्श करना वर्जित हो- अस्पृश्य
- छह मास में एक बार होने वाला- अर्द्धवार्षिक
- जिसका कोई स्वामी (नाथ) न हो / जिसके माता-पिता न हों- अनाथ
- जिस पर हमला न किया गया हो- अनाक्रांत
- जो शोक करने योग्य न हो- अशोक्य
- जो बीत चुका हो- अतीत
- जिसकी कोई सीमा न हो- असीम
- जिसकी गहराई नापी न जा सके- अथाह
- जो आज तक से संबंध रखता है- अद्यतन
- वह सूचना जो सरकार की तरफ से जारी हो- अधिसूचना
- विधायिका द्वारा स्वीकृत नियम- अधिनियम
- जिस पर किसी ने अधिकार कर लिया हो- अधिकृत
- वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला मूल्य- अधिमूल्य
- जो दोहराया न गया हो- अनावर्त
- जो ढका हुआ न हो- अनावृत
- वर्षा न हो / वृष्टि का अभाव- अनावृष्टि
- बहुत अधिक वर्षा होना- अतिवृष्टि
- बहुत कम बरसात होना- अल्पवृष्टि
- किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा- अभीप्सा
- जिसका पार न पाया जाए- अपार
- किसी कार्य के लिए सहमती देना- अनुमति
- जिसका अनुभव किया गया हो- अनुभूत
- किसी के प्रति उदारता एवं कृपापूर्वक किया जाने वाला व्यवहार- अनुग्रह
- जिस पर अनुग्रह (कृपा) किया गया हो- अनुगृहीत
- जिसका उत्तर न दिया गया हो- अनुत्तरित
- जिसे भुलाया न जा सके- अविस्मृति
- हाथी हाँकने का छोटा भाला- अंकुश
- अंडे से जन्म लेने वाला- अंडज
- जिसका जन्म छोटी जाति में हुआ हो- अंत्यज
- धरती और आकाश के बीच का स्थान- अंतरिक्ष
- सभी जातियों से संबंध रखने वाला- अंतर्जातीय
- महल का वह भाग जहाँ रानियाँ निवास करती हैं- अंत:पुर, रनिवास
- मूल कथा में आने वाला प्रसंग, लघु कथा- अंत:कथा
- जो कुछ समय के लिए नियुक्त किया गया हो- अंशकालिक
- जिसका खंडन न किया जा सके- अखंडनीय
- जो आधी अवधि तक काम करता है- अर्द्धकालिक
- जिसके पास कुछ भी न हो अर्थात दरिद्र- अकिंचन
- जिसे प्रमाण द्वारा सिद्ध न किया जा सके- अप्रमेय
- जो मापा न जा सके- अपरिमेय, अपरिमित
- जो साधा न जा सके- असाध्य
- जो क्षीण न हो- अक्षय
- तिलक लगाने के लिए जिस अन्न का प्रयोग किया जाता है- अक्षत
- जिसकी तुलना न की जा सके- अतुलनीय
- जिसका किसी तरह उल्लंघन नहीं किया जा सके- अनुलंघनीय
- जो कुछ नहीं जानता हो- अज्ञ, अनभिज्ञ
- अविवाहित महिला- अनूढ़ा
- जो अवश्य होने वाला हो- अवश्यंभावी
- गुरु के साथ या समीप रहने वाला छात्र- अन्तेवासी
- जिस पुस्तक में आठ अध्याय हों- अष्टाध्यायी
- जो बिना माँगे मिल जाए- अयाचित
- जो व्यक्ति विदेश में रहता हो- अप्रवासी
- जो सुना हुआ न हो- अश्रव्य
(आ)
- आया हुआ- आगत
- वह स्त्री जिसका पति प्रदेश से लौटा हो- आगतपतिका
- आशा से अधिक- आशातीत
- आलोचना के योग्य- आलोच्य
- पैर से लेकर सिर तक- आपादमस्तक
- आदि से अंत तक- आद्योपांत
- जो अभी-अभी उत्पन्न हुआ हो- आद्य:प्रसूत
- ऋषि द्वारा निर्मित- आर्ष
- जो ईश्वर या वेद में विश्वास रखता हो- आस्तिक
- जो अपनी हत्या करता है- आत्मघाती, आत्महंता
- अपनी हत्या स्वयं करना- आत्महत्या
- दूसरे के हित में अपना जीवन त्याग देना- आत्मोत्सर्ग
- अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाला- आत्मश्लाघी
- अनिश्चित आजीविका के लिए- आकाशवृत्ति
- बच्चों से लेकर बूढ़ों तक- आवालवृद्ध
- ऊपर चढ़ने वाला- आरोही
- अचानक होने वाली बात- आकस्मिक
- जो आदर करने योग्य हो- आदरणीय
- जो आर्यों से भिन्न हो- आर्येतर
- आदि से अंत तक- आद्याोपांत
- ऊपरी बनावट- आडम्बर
- वह बात जो अपने ऊपर बीती हो- आपबीती
- आकाश में घूमने वाला- आकाशचारी
- आकाश या गगन को चूमने वाला- आकाशचुंबी, गगनचुंबी
- जीवन-भर- आजीवन
- जिसकी भुजाएँ घुटनों तक लंबी हों- आजानुबाहु
- मरण तक / मृत्युपर्यंत- आमरण
- जो पुस्तकों की आलोचना या समीक्षा करता हो- आलोचक, समीक्षक
- ऐसा कवि जो तत्काल कविता करता हो- आशुकवि
- शीघ्र प्रसन्न होने वाला- आशुतोष
- जिस पर आक्रमण (हमला) हुआ हो- आक्रांत
- जिसने हमला किया हो- आक्रांता
- जो अतिथि का सत्कार करता है- आतिथेय, मेजबान
- विदेश से देश में माल मँगाना- आयात
(इ, ई)
- जो इतिहास लिखता हो- इतिहासकार
- माँ-बाप का अकेला लड़का- इकलौता
- जो इच्छा के अधीन है- इच्छाधीन, ऐच्छिक
- किन्हीं घटनाओं का कालक्रम से किया गया वर्णन- इतिवृत्त
- इस लोक से संबंधित- इहलौकिक
- जो दूसरों से ईष्या रखता हो- ईर्ष्यालु
- उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा- ईशान, ईशान्य
- जो इंद्र पर विजय प्राप्त कर चुका हो- इंद्रजीत
- जो इंद्रियों से परे हो / जो इंद्रियों के द्वारा ज्ञात न हो- इंद्रियातीत
(उ, ऊ)
- जिस पर उपकार किया गया हो- उपकृत, उपकृत्य
- किसी वस्तु के निर्माण में सहायक साधन- उपकरण
- उपजाऊ जमीन- उर्वरा
- जो पेट (छाती) के बल चलता हो- उरग, उदरचर
- जो ऊपर लिखा गया है- उपरिलिखित
- किसी भी नियम का पालन न करने वाला- उच्छृंखल
- पत्र या प्रश्नादि के उत्तर की अपेक्षा करने वाला- उत्तरापेक्षी
- मरने के बाद संपत्ति का मालिक- उत्तराधिकारी, वारिस
- वह पर्वत जहाँ से सूर्य और चंद्रमा उदित होते माने जाते हैं- उदयाचल
- नदी के निकलने का स्थान- उद्गम
- जो ऊपर कहा गया है- उपर्युक्त
- जिसकी दोनों में निष्ठा हो- उभयनिष्ट
- ऊपर की ओर जाने वाला- उर्ध्वगामी
- जिसने ऋण चुका दिया हो- उऋण
- जो धरती फोड़कर जन्मता हो- उद्भिज
- विचारों का ऐसा प्रवाह जिसमें कोई निष्कर्ष न निकले- उहापोह
- सूर्योदय की लालिमा- उषा
- सूर्यास्त के समय दिखने वाली लालिमा- ऊषा
(ए, ऐ, ओ, औ)
- सांसारिक वस्तुओं को प्राप्त करने की इच्छा- एषणा
- इस संसार से संबद्ध- ऐहिक
- झाड़-फूंक करने वाला- ओझा
- जो केवल कहने व दिखाने के लिए हो- औपचारिक
- उपनिवेश से संबंध हो जिसका- औपनिवेशिक
- जो उपनिषदों से संबंधित हो- औपनिषदिक
- विवाहिता पत्नी से उत्पन्न संतान- औरस
- जिससे उधार लिया हो- ऋणी
(क)
- जो कड़वा बोलता हो- कटुभाषी
- जो करने योग्य हो- करणीय, कर्तव्य
- जिसकी कल्पना न की जा सके- कल्पनातीत
- कष्ट सहने में समर्थ- कष्टसहिष्णु
- जो निरन्तर प्रयत्नशील रहे / कर्म में तत्पर रहने वाला- कर्मठ
- जो कार्य कष्ट से सिद्ध हुआ हो- कष्टसाध्य
- जो स्त्री कविता रचती है- कवयित्री
- जो पुरुष कविता रचता है- कवि
- जो कला जानता है- कलाविद्, कलाकार
- जो कहा गया है- कथित
- दो व्यक्तियों के बीच परस्पर होने वाली बातचीत- कथोपकथन
- जिसके पास करोड़ों रुपये हो- करोड़पति
- जिसे अपने कर्तव्य का ज्ञान न हो- कर्तव्यविमूढ़
- जो कर्तव्य से च्युत हो गया है- कर्तव्यच्युत
- सरकार का वह अंग जो कानून का पालन करता है- कार्यपालिका
- कार्य करने वाला- कार्यकार्ता
- कान में कही जाने वाली बात- कानाफूसी, कानाबाती
- जिसका जन्म कन्या के गर्भ से हुआ हो- कानीन
- नियम विरुद्ध, असामाजिक कार्य करने वालों की सूची- कालीसूची
- बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच का समय- किशोरावस्था
- बारह से सोलह वर्ष की आयु की नायिका- किशोरी
- जो बात लोगों से सुनी गई हो- किंवदंती
- क्या करना चाहिए, क्या नहीं इसका निर्णय न कर सकने वाला- किंकर्तव्यविमूढ़
- हड्डियों का ढाँचा- कंकाल
- काँटों से भरा हुआ- कंटकाकीर्ण
- जो केंद्र से हटकर दूर जाता हो- केंद्रापसारी
- जो केंद्र की ओर उन्मुख हो- केंद्राभिसारी, केंद्राभिमुख
- जिसकी बुद्धि कुश के अग्र (नोक) की तरह पैनी हो- कुशाग्रबुद्धि
- बुरी राह पर चलने वाला- कुमार्गी
- जिसका जन्म उच्च कुल या वंश में हुआ हो- कुलीन, अभिजात
- जिसने अभी विवाह न किया हो- कुमार, कुआँरा
- जिसे बाहरी जगत का ज्ञान न हो- कूपमंडूक
- किये गये उपकार को मानने वाला- कृतज्ञ
- अपना उद्देश्य पूर्ण होने पर संतुष्ट- कृतार्थ
- किये हुए उपकार को न मानने वाला- कृतघ्न
(ख)
- नायक का प्रतिद्वंद्वी- खलनायक
- ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य पूरा ढक जाय- खग्रास (सूर्यग्रहण)
- जो व्यक्ति अपने हाथ में तलवार लिए रहता है- खड्गहस्त
- जो खाने योग्य हो- खाद्य
- जो भवन गिर गया हो- खंडहर
- जीवन के अंश को लेकर लिखा गया प्रबंध काव्य- खंडकाव्य
(ग, घ)
- हाथी की तरह चलने वाली स्त्री- गजगामिनी
- शरीर का व्यापार करने वाली स्त्री- गणिका
- जो आकाश को छू रहा हो- गगनस्पर्शी
- प्राचीन आदर्श के अनुसार चलने वाला- गतानुगतिक
- जो पहाड़ को धारण करता हो- गिरिधारी
- रात और संध्या के बीच की वेला (समय)- गोधूलि
- जो छिपाने योग्य हो- गोपनीय
- जो विधि या कानून के विरुद्ध है- गैरकानूनी, अवैध
- गाँव में रहने वाला- ग्रामीण
- गृह बसाकर रहने वाला- गृहस्थ
- जिसके सिर पर बाल न हो- गंजा
- जहाँ से गंगा नदी का उद्गम होता है- गंगोत्री
- जो घृणा का पात्र हो- घृणित, घृणास्पद
(च, छ)
- जिसके हाथ में चक्र हो- चक्रपाणि (विष्णु)
- जो चक्र धारण करता हो- चक्रधर
- चार भुजाओं वाला- चतुर्भुज
- चार पैरों वाला- चतुष्पद, चौपाया
- जो आँखों से सुनता हो- चक्षुस्त्रवा
- लंबे समय तक जीने वाला- चिरंजीवी
- जिस पर चिन्ह लगाया गया हो- चिन्हित
- जहाँ पर कई मार्ग चारों ओर जाते हैं- चौराहा
- जिसके शेखर पर चंद्र हो- चंद्रशेखर (शिव), चंद्रचूड़
- जिसके सिर पर चंद्रमा है- चंद्रमौलि
- वह कृति जिसमें गद्य और पद्य दोनों हों- चंपू
- जो गुप्त रूप से निवास कर रहा हो- छद्मवासी
- किसी छोटे से छोटे काम में त्रुटि ढूँढ़ना- छिद्रान्वेषी
(ज, झ)
- जल में जन्म लेने वाला- जलज
- जो यान जल में चलता है- जलयान
- जो जन्म से अंधा है- जन्मांध
- बारात ठहरने का स्थान- जनवासा
- पेट की आग- जठराग्नि
- जो अवैध संतान हो- जारज
- जानने की इच्छा रखने वाला- जिज्ञासु
- जानने की इच्छा- जिज्ञासा
- जीने की प्रबल इच्छा- जिजीविषा
- जितने की इच्छा- जिगीषा
- जिसने अपनी इंद्रियों को जीत लिया हो- जितेंद्रिय
- आयु में बड़ा व्यक्ति- ज्येष्ठ
- झूठ बोलने वाला- झूठा
(त, थ)
- जो किसी का पक्ष न ले / जो किसी गुट में न हो- तटस्थ, निर्गुट
- ऋषियों के तप करने की भूमि- तपोभूमि
- जिसमें बाण रखे जाते हैं- तरकस, तूणीर
- तर्क के द्वारा जो सम्मत है- तर्कसम्मत
- जो किसी कार्य या चिंतन में डूबा हो- तल्लीन
- जो चोरी-छिपे माल लाता और ले जाता हो- तस्कर
- तैरने की इच्छा- तितीर्षा
- हल्की नींद- तंद्रा
- दुखान्त नाटक- त्रासदी
- भूत, वर्तमान और भविष्य को जानने वाला- त्रिकालदर्शी
- जिसको तीन आँखें हैं- त्रिनेत्र
- तीन मास में एक बार होने वाला- त्रैमासिक
- जो धरती पर निवास करता हो- थलचर
(द)
- गोद लिया हुआ पुत्र- दत्तक
- जिसका दमन किया गया हो- दमनीय
- जिसके दस मुख हैं- दशानन (रावण)
- जो देखने के योग्य हो- दर्शनीय, द्रष्टव्य
- जंगल में लगी हुई आग- दावानल, दावाग्नि
- जिस पुरुष का स्वर्गवास हो गया हो- दिवंगत
- दिन पर दिन- दिनानुदिन
- ज्ञान-नेत्र से देखने वाला अंधा व्यक्ति- दिव्यचक्षु
- दिशाएँ ही जिनका वस्त्र हैं- दिगम्बर
- जिसने दीक्षा ली हो- दीक्षित
- बुरे भाव से की गई संधि- दुरभिसंधि
- हर समय देर से काम करने वाला- दीर्घसूत्री
- जिस समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है- दुर्भिक्ष
- जिसे कठिनाई से प्राप्त किया जा सके- दुष्प्राय
- जो कठिनाई से मिलता हो- दुर्लभ
- जिसका दमन करना मुश्किल हो- दुर्दम्य
- जिसको भेदना मुश्किल हो- दुर्भेद
- जो जानना मुश्किल हो / कठिनाई से समझने योग्य- दुर्बोध
- जो विनीत न हो- दुर्विनीत
- जिसकी आदतें खराब हों- दुर्व्यसनी
- जो दो भाषाएँ जानता हो- दुभाषिया
- जिसे दूर करना कठिन हो- दुर्निवार
- जिसे लाँघना मुश्किल हो- दुर्लघ्य
- जो सिर्फ़ दूध पर निर्वाह करे- दुग्धाहारी
- अनुचित बात के लिए आग्रह- दुराग्रह
- जहाँ जाना कठिन हो- दुर्गम
- दु:ख देने वाला- दु:खद
- कष्ट सहकर होने वाला कार्य- दुष्कर
- जो शीघ्रता से चलता हो- द्रुतगामी
- आगे की सोचने वाला / जिसकी दृष्टि दूर तक जाए- दूरदर्शी, अग्रशोची
- देश में घूमना- देशाटन
- जिसने देश के साथ विश्वासघात किया हो- देशद्रोही
- जो देने योग्य हो- देय
- प्रतिदिन होने वाला- दैनिक
- देह से संबंधित- दैहिक
- देव के द्वारा किया हुआ- दैविक
- द्रुपद की पुत्री- द्रौपदी
- वह जिसकी प्रतिज्ञा दृढ़ हो- दृढ़प्रतिज्ञ
- जो द्वार का रक्षा करता है- द्वारपाल
- जिस वर की शादी दूसरी बार हो रही हो- द्विवर
- दो बार जन्म लेने वाला (ब्राह्मण, पक्षी, दाँत)- द्विज
- जिसके दो पद हैं- द्विपद
- दो भाषाएँ बोलने वाला- द्विभाषी
- दो भिन्न भाषा-भाषियों के बीच मध्यस्थता करने वाला- द्विभाषिया
- स्त्री एवं पुरुष का जोड़ा- दंपत्ति
(ध)
- किसी के पास रखी हुई दूसरे की वस्तु- धरोहर, थाती
- जिसकी धर्म में निष्ठा हो- धर्मनिष्ठ
- जो धर्माचरण करता है- धर्मात्मा
- जो धनुष को धारण करता है- धनुर्धर
- मछली पकड़कर आजीविका चलानेवाला- धीवर
- अपने स्थान पर अटल रहने वाला- ध्रुव
- ध्यान करने योग्य- ध्येय
(न)
- जो गणना के अयोग्य हो- नगण्य
- जो नष्ट होने वाला है / वह वस्तु जो नाशवान हो- नश्वर
- अभी-अभी जन्मा हुआ- नवजात
- जो नया आया हुआ हो- नवागंतुक
- जिसका उदय हाल ही में हुआ हो- नवोदित
- कार्य को नए ढंग से करने की पद्वति- नवीनीकरण
- आकाश (नभ) में विचरण करने वाला- नभचर, खेचर
- जिस स्त्री का विवाह अभी हुआ हो- नवोढ़ा
- जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास नहीं है- नास्तिक
- झगड़ा लगाने वाला मनुष्य- नारद
- नगर में रहने वाला- नागरिक
- जो किसी से न डरे / जिसे भय नहीं है- निर्भय, निर्भीक
- बिना शुल्क के- नि:शुल्क
- जो किसी से न डरे- निडर, निर्भीक
- जो मांस न खाता हो- निरामिष
- जिसका कोई आकार न हो- निराकार
- बिना भोजन के- निराहार
- जिसका कोई आधार न हो- निराधार
- जिसमें किसी प्रकार की हानि न हो- निरापद
- जो उत्तर न दे सके- निरुत्तर
- जिसके ह्रदय में दया नहीं है- निर्दय
- जिसके ह्रदय में ममता नहीं है- निर्मम
- जिसका मूल नहीं है- निर्मूल
- जिसका कोई उद्देश्य न हो- निरुद्देश्य
- बिना अंकुश का- निरंकुश
- जिसको देश से निकाल दिया गया हो- निर्वासित
- आधी रात का समय- निशीथ
- बिना किसी बाधा के- निर्बाध
- रात्रि में विचरण करने वाला- निशाचर
- जो नीचे लिखा गया है- निम्नलिखित
- जिसके पास घन न हो- निर्धन
- निरीक्षण करने वाला- निरीक्षक
- जिसका तेज निकल गया है- निस्तेज
- जिसमें उत्साह न हो- निरुत्साही
- जिसे किसी चीज की लालसा न हो- निष्काम
- जिसमें किसी बात का विवाद न हो- निर्विवाद
- जो निंदा करने योग्य हो- निंदनीय
- जिसमें किसी प्रकार का विकार उत्पन्न न हो- निर्विकार
- जो लज्जा से रहित हो- निर्लज्ज
- नीले रंग का कमल- नीलकमल
- जो नीतिवान हो- नीतिज्ञ
- रंगमंच के पर्दे के पीछे का स्थान- नेपथ्य
- जो नीति के अनुकूल हो- नैतिक
(प, फ)
- गिरा हुआ- पतित
- जो दूसरों का भला करता हो- परार्थी
- दूसरों पर उपकार करने वाला- परोपकारी, परमार्थी
- जो पढ़ने योग्य हो- पठनीय, पाठ्य
- जिसका पति छोड़कर चला गया (त्याग दिया) हो- परित्यक्ता
- केवल अपने पति में अनुराग रखने वाली स्त्री- पतिव्रता
- अपने पद से हटाया हुआ- पदच्युत
- राह दिखाने वाला- पथप्रदर्शक
- परीक्षा लेने वाला- परीक्षक
- परीक्षा देने वाला- परीक्षार्थी
- जिसकी माप-तौल हो सके- परिमेय
- मनोविनोद के लिए सैर करने वाला / भ्रमण करने वाला- पर्यटक
- दूसरों पर निर्भर रहने वाला- पराश्रित, पराश्रयी
- दूसरों का मुँह ताकने वाला- परमुखापेक्षी
- परपुरुष से प्रेम करने वाली स्त्री- परकीया
- जो पश्चिम से संबंध रखने वाला हो- पश्चात्य
- जो दूसरों के अधीन हो- पराधीन
- पक्षपात करने वाला- पक्षपाती
- ग्रंथ के वे बचे हुए अंश जो प्राय: अंत में जोड़े जाते हैं- परिशिष्ट
- जो पूरी तरह पक चुका हो / पारंगत हो चुका हो- परिपक्व
- पत्तों की बनी हुई कुटी- पर्णकुटी
- जो दूसरों के सहारे जीता हो- परोपजीवी
- जो उस पद पर होने के कारण किसी कार्य में रत हो- पदेन, प्रभारी
- जो पृथ्वी से संबंध है- पार्थिव
- पक्ष में एक बार होने वाला- पाक्षिक
- जिसके आर-पार देखा जा सके- पारदर्शक
- जो दूसरे लोक से संबंधित हो- पारलौकिक
- किसी परिश्रम के बदले मिलने वाली राशि- पारिश्रमिक
- जिसका स्वभाव पशुओं के समान हो- पाशविक
- जो किसी विषय का पूर्ण विद्वान् हो- पारंगत
- मार्ग में खाने के लिए भोजन- पाथेय
- जिसका हृदय पत्थर के समान कठोर हो- पाषाण हृदय
- जो पिता की हत्या कर चुका है- पितृहंता
- पीने की इच्छा रखने वाला- पिपासु
- पुत्र की वधू- पुत्रवधू
- किसी बड़े आदमी के निधन की वार्षिक तिथि- पुण्यतिथि
- कही हुई बात को बार-बार कहना- पुनरुक्ति
- पहले किया गया कथन- पूर्वोक्त
- दोपहर से पहले का समय- पूर्वाह्न
- जो पूजने योग्य हो- पूज्यनीय, पूज्य
- जो पीने योग्य हो- पेय
- पुत्र का पुत्र- पौत्र
- प्रमाण द्वारा सिद्ध करने योग्य- प्रमेय
- जो पहरा देता हो- प्रहरी
- जो आँखों के आगे उपस्थित हो- प्रत्यक्ष
- जो आँखों के सामने न हो / आँखों से परे- परोक्ष, अप्रत्यक्ष
- जिसकी बाहें अधिक लंबी हों- प्रलबंबाहु, दीर्घबाहु
- लौटकर आया हुआ- प्रत्यागत
- जो मनुष्य फौरन किसी समस्या का हल सोच सकता हो- प्रत्युत्पन्नमति
- बाद में मिलाया हुआ अंश- प्रक्षिप्त
- जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त कर ली है- प्रतिष्ठित
- जो किसी की और (प्रति) से है- प्रतिनिधि
- वह ध्वनि जो कहीं से टकरा कर आए- प्रतिध्वनि
- जिस पर अभियोग लगाया गया हो / जिस पर मुकदमा चल रहा हो- प्रतिवादी
- प्रिय वचन बोलने वाली स्त्री- प्रियंवदा
- जो सबके साथ प्रेमपूर्वक बोलता हो- प्रियभाषी
- प्रवास करने वाला (विदेश में)- प्रवासी
- वह स्त्री जिसको हाल ही में शिशु उत्पन्न हुआ हो- प्रसूता
- जो प्रमाण द्वारा सिद्ध हो- प्रामाणिक
- ज्ञात इतिहास के पूर्व का- प्रागैतिहासिक
- वह स्थल जिसके तीनों ओर पानी हो- प्रायद्वीप
- सबसे प्रिय- प्रियतम
- जो देखने में प्रिय लगता है- प्रियदर्शी
- हाथ से लिखी गई पुस्तक- पांडुलिपि
- जो पंचाल देश की हो- पांचाली
- पूछने योग्य- पृष्टव्य
- जो फल आहार करता है- फलाहारी
- फल की इच्छा रखने वाला- फलेच्छु
(ब, भ)
- समुद्र में लगने वाली आग- बड़वानल
- जिसकी सुनने की शक्ति नष्ट हो गई हो- बहरा
- जो बहुत जानता है- बहुज्ञ
- जो एक से अधिक भाषाएँ जानता हो- बहुभाषाविद्
- जो अनेक रूप धारण करता हो- बहुरूपिया
- खाने की इच्छा- बुभुक्षा
- जिस भूमि में कुछ भी पैदा न हो- बंजर, ऊसर
- जो भारत में रहता हो- भारतीय, भारतवासी
- भविष्य में होने वाला- भावी
- जिसका भाग्य अच्छा न हो- भाग्यहीन
- जो किसी मुसीबत का अनुभव कर चुका हो- भुक्तभोगी
- जो पहले किसी पद पर आसीन रहा हो- भूतपूर्व
- जिसको भूमि के अंदर की जानकारी हो- भूगर्भवेत्ता
- जो भू को धारण करता है- भूधर
- धरती पर चलने वाला जंतु- भूचर
- प्रात:काल गाया जाने वाला राग- भैरवी
(म)
- दोपहर का समय- मध्याह्न
- हाथी को हाँकने वाला- महावत
- किसी मत का अनुसरण करने वाला- मतानुयायी
- मन की बात जानने वाला- मर्मज्ञ
- जो मन को हर ले- मनोहर
- जहाँ रेत ही रेत हो- मरुभूमि
- मन की वृत्ति (अवस्था)- मनोवृत्ति
- जो मृत्यु के मुख में आने को है- मरणासन्न
- मास में एक बार होने वाला- मासिक
- माता की हत्या करने वाला- मातृहंता
- कम खाने वाला व्यक्ति- मिताहारी
- कम बोलने वाला- मितभाषी
- जो जरा सा भी खर्च करने में आनाकानी करता है- मितव्ययी
- जो असत्य बोलता हो- मिथ्यावादी
- जिस स्त्री की आँखें मछली के समान हों- मीनाक्षी
- मोक्ष की इच्छा रखने वाला- मुमुक्षु
- जो मरने को इच्छुक हो- मुमूर्षु
- मेघ की तरह नाद करने वाला- मेघनाथ
- जो बहुत मंद गति से कार्य करता हो- मंथर
- जिसकी बुद्धि कमजोर हो- मंदबुद्धि, मतिमान्ध
- माँस खाने वाला- माँसाहारी
- जो मृत्यु के समीप हो- मृतप्राय, आसन्न-मृत्यु
- जो मृत्यु को जीत ले- मृत्युंजय
- प्रिय वचन बोलने वाली स्त्री- मृदुभाषिणी
(य)
- जिसका यश चारों ओर फैल गया हो- यशस्वी
- जहाँ तक सम्भव हो- यथासंभव
- जहाँ तक सध सके- यथासाध्य
- क्रम के अनुसार- यथाक्रम
- जहाँ तक हो सके / शक्ति के अनुसार- यथाशक्ति
- यात्रा करने वाला- यात्री
- याचना करने वाला- याचक
- एक स्थान पर टिक कर न रहने वाला- यायावर
- युग का निर्माण करने वाला- युगनिर्माता
- जो पोत युद्ध का है- युद्धपोत
- जो राजगद्दी का अधिकारी हो- युवराज
- युद्ध में स्थिर रहने वाला- युधिष्ठिर
- युद्ध करने की इच्छा रखने वाला- युयुत्सु
- युद्ध करने की इच्छा- युयुत्सा
(र, ल)
- पच्चीस वर्ष पूरे होने पर होने वाला उत्सव- रजतजयन्ती
- राजनीति से संबंध रखने वाला- राजनीतिज्ञ
- रजोगुण वाला- राजसिक
- उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति- रिक्थ
- जिसके नीचे रेखाएँ लगाई गई हों- रेखांकित
- अत्यन्त सुन्दर स्त्री- रूपसी
- जिसे प्रतिष्ठा प्राप्त हो- लब्धप्रतिष्ठ
- लाभ की इच्छा- लिप्सा
- बच्चों को सुलाने के लिए गाया जाने वाला गीत- लोरी
- जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ है- लौहपुरुष
- लोक का- लौकिक
- जिसका उदर लंबा हो- लंबोदर
(व)
- जो वचन से परे हो- वचनातीत
- जो वर्णन के परे है / जिसका वर्णन न किया जा सके- वर्णनातीत
- वनस्पति का आहार करने वाला- वनस्पत्याहारी
- जिसके हाथ में वज्र हो- वज्रपाणि (इंद्र)
- बहुत ही कठोर और बड़ा आघात- वज्रघात
- बचपन और यौवन के मध्य की उम्र- वयसंधि
- वह स्थान जहाँ सर्दी-गर्मी को नियंत्रित किया गया हो- वातानुकूलित
- जो मुकदमा दायर करता है- वादी, मुद्दई
- जो व्यक्ति अधिक बोलता है- वाचाल
- जिसे वाणी पर पूर्ण अधिकार हो- वाचस्पति
- वह कन्या जिसके विवाह करने का वचन दे दिया गया हो- वाग्दत्ता
- जिसका हृदय विशाल हो- विधालहदय
- जिसका पति मर गया है- विधवा
- जिसकी पत्नी मर गयी हो- विधुर
- दूसरी जाति से संबंध रखने वाला- विजातीय
- विधि द्वारा प्राप्त- विधिप्रदत्त
- किसी विषय का विशेष ज्ञान रखने वाला- विशेषज्ञ
- किसी विषय की पूरी छान-बीन करना- विवेचन
- उचित-अनुचित का ज्ञान रखने वाला- विवेकी
- जिस पर विश्वास किया जा सके- विश्वसनीय
- जिसपर विश्वास किया गया है- विश्वस्त
- विक्री करने वाला- विक्रेता
- जिस पुरुष की पत्नी साथ नहीं है- विपत्नीक
- जिस पर अभी विचार चल रहा हो- विचाराधीन
- वह स्त्री जो पढ़ी-लिखी व ज्ञानी हो- विदुषी
- जिसके अंदर कोई विकार आ गया हो- विकृत
- अपने धर्म के विरुद्ध कार्य करने वाला- विधर्मी
- विनाश करने वाला- विध्वंसक
- जिसके शारीर के भाग में कमी हो- विकलांग
- जिसके हाँथ में वीणा हो- वीणापाणी (सरस्वती)
- जो व्याकरण अच्छी तरह जानता हो- वैयाकरण
- विष्णु को मानने वाला- वैष्णव
- वह लड़की जिसका विवाह होने को हो- वैवाहिकी
- विज्ञान से संबंध रखने वाला- वैज्ञानिक
- वह स्त्री जिसकी कोई संतान न हो- वंध्या / बाँझ
- वंश परम्परा के अनुसार- वंशानुगत
- जो व्याख्या करता है- व्याख्याता
- जिसका कोई अर्थ न हो- व्यर्थ, अर्थहीन
(श, ष)
- शयन का कमरा- शयनागार
- सौ वर्षों का समूह- शताब्दी
- शत्रु का नाश करने वाला- शत्रुघ्न
- जो शाक आहार करता है- शाकाहारी
- जो शास्त्र जानता है- शास्त्रज्ञ
- जो हमेशा रहने वाला है- शाश्वत
- शक्ति का उपासक / शक्ति से संबद्ध- शाक्त
- शिव का आलय- शिवालय
- सिर पर धारण करने वाला- शिरोधार्य
- जो आभूषण सिर पर धारण किया जाय- शीर्षस्थ
- शुभ चाहने वाला- शुभेच्छु
- जिसके हाथ में शूल हो- शूलपाणि
- वह जिसका शोषण किया जाए- शोषित
- शिव को मानने वाला / शिव का उपासक- शैव
- जो सदा दूसरों पर संदेह करता हो- शंकालु
- वह स्थान, जहाँ मुर्दे जलाए जाते हैं- श्मशान
- पति या पत्नी का पिता- श्वसुर
- पति या पत्नी का माता- श्वश्रू, सास
- श्रम से प्राप्त होने वाला- श्रमसाध्य
- छह माह में एक बार होने वाला- षण्मासिक
- जिसके छह कोण हों- षट्कोण
(स)
- सात सौ दोहों का समूह- सतसई
- गुण-दोषों का विवेचन करने वाला- समीक्षक
- साहित्यिक गुण-दोषों की विवेचन करने वाला- समालोचक
- अनेक युगों से चले आने वाले- सनातन
- एक ही जाति के लोग- सजातीय
- जो सबके साथ समान व्यवहार करे / जो सबको समान दृष्टि से देखे- समदर्शी
- अच्छे चरित्र वाला व्यक्ति- सच्चरित्र
- जो साथ पढ़ता हो- सहपाठी
- साथ काम करने वाला- सहकर्मी
- एक ही समय में होने वाला- समकालीन
- एक ही समय में वर्तमान- समसामयिक
- समय की दृष्टि से अनुकूल- समयानुकूल
- जहाँ लोगों का मिलन हो- सम्मेलन
- समान अवस्था वाला- समवयस्क
- सामान उदर से जन्म लेने वाला / सगा भाई- सहोदर
- जिसकी पत्नी साथ है- सपत्नीक
- अपने परिवार के साथ- सपरिवार
- बायें हाँथ से काम करने वाला- सव्यसाची
- जो आग्रह सत्य हो- सत्याग्रह
- जो सत्य बोलता हो- सत्यवादी, सत्यभाषी
- जिसमें सबकी सम्मति हो- सर्वसम्मति
- सबको प्रिय लगने वाला- सर्वप्रिय
- जो सब कुछ जानता हो- सर्वज्ञ
- सहन करने की शक्ति रखने वाला- सहिष्णु
- जिसका पति जीवित हो- सधवा
- हवन में जलाने वाली लकड़ी- समिधा
- जहाँ खाना मुक्त मिलता है- सदावर्त
- सबके मन की बातें जानने वाला- सर्वान्तर्यामी
- जो हर स्थान पर विद्यमान हो- सर्वव्यापी
- सबसे अधिक शक्ति वाला- सर्वशक्तिमान
- जहाँ खाना मुक्त मिलता है- सदाव्रत
- सबके समानधिकार पर विश्वास- समाजवाद
- सामान रूप से ठंढा और गरम- समशीतोष्ण
- एक दूसरे की अपेक्षा रखने वाला- सापेक्ष
- सारी भूमि से संबंध रखने वाला- सार्वभौम
- जो समस्त देशों या स्थानों से संबंधित हो- सार्वभौमिक
- रथ हाँकने वाला- सारथि
- सप्ताह में एक बार होने वाला- साप्ताहिक
- जो पढ़ना-लिखना जानता हो- साक्षर
- साहित्य रचना या साहित्य सेवा से संबद्ध रखने वाला- साहित्यिक
- जो आसानी (सरलता) से प्राप्त हो- सुलभ, सहज
- जिसकी ग्रीवा सुंदर हो- सुग्रीव
- सुख देने वाला- सुखद
- अच्छी आँखों वाली स्त्री- सुनैना
- जो सोया हुआ है- सुषुप्त
- सुंदर ह्रदय वाला- सुह्रद
- जहाँ सेना रहती हो- सैन्यवास
- पसीने से उत्पन्न होने वाला- स्वेदज
- अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला- स्वयं सेवक
- जिसकी एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदली हुई हो- स्थानांतरित
- जो दूसरे के स्थान पर अस्थायी रूप से काम करे- स्थानपन्न
- अपने मत को मानने वाला- स्वमतावलम्बी
- किसी संस्था के पचास वर्ष पूरे होने पर होने वाला उत्सव- स्वर्णजयंती
- सदा रहने वाला- स्थायी
- जो स्मरण रखने योग्य है- स्मरणीय
- प्रतियोगिता में होड़ लेना- स्पर्द्धा
- स्वंय का भला चाहने वाला- स्वार्थी
- अपनी इच्छा से आचरण करने वाला- स्वेच्छाचारी
- स्मरण कराने वाला- स्मारक
- जो स्त्री के वशीभूत या उसके स्वभाव का है- स्त्रैण
- जो किसी अन्य व्यक्ति के स्थान पर कार्य कर रहा हो- स्थानापन्न
- स्वयं उत्पन्न होने वाला- स्वयंभू
- किसी बात को करने का निश्चय- संकल्प
- जो संकट में घिरा हुआ हो- संकटग्रस्त
- जहाँ नदियों का मिलन हो- संगम
- जो संगीत जानता है- संगीतज्ञ
- संदेश ले जाने वाला- संदेशवाहक
- जो संसार का संहार करता हो- संहारक
- शर्तों के साथ काम करने का समझौता- संविदा
- जो साँप पकड़ता और उसका खेल करता है- सँपेरा
(ह)
- मिठाई बना कर बेचने वाला व्यक्ति- हलवाई
- ऐसा बयान जो शपथ सहित दिया गया हो- हलफनामा
- हाथ की सफाई दिखाने वाला- हस्तलाघव
- दूसरे के काम में दखल देना- हस्तक्षेप
- हाथ से लिखा हुआ- हस्तलिखित
- हत्या करने वाला- हत्यारा
- हित चाहने वाला- हितैषी
- हिंसा करने वाला- हिंसक
- किसी संस्था का साठ वर्ष पूरे होने पर होने वाला उत्सव- हीरक जयंती
- हाथी के पीठ पर रखे जाने वाले- हौदा
- ह्रदय का विदारण करने वाला- हृदयविदारक
(क्ष)
- पलभर रहने वाला- क्षणिक
- क्षण भर में नष्ट होने वाला- क्षणभंगुर
- जो क्षमा पाने लायक है- क्षम्य
- जहाँ पृथ्वी और आकाश मिले दिखाई पड़े- क्षितिज
- क्षुधा से आतुर / जो भूख मिटाने के लिए बेचैन हो- क्षुधातुर
- किसी ग्रंथ में अन्य व्यक्ति द्वारा जोड़ा गया भाग- क्षेपक
- जो सुनने योग्य हो- श्रव्य, श्रवणीय
[1] आधुनिक हिंदी व्याकरण और रचना- वासुदेवनंदन प्रसाद, पृष्ठ- 261
Thanks sir
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