दोस्तों यह हिंदी quiz 36 है। जो 2004 से लेकर 2019 तक के ugc net jrf हिंदी के प्रश्नपत्रों पर आधारित है। हिंदी के प्रश्नपत्रों में आदिकाल से संबंधित पूछे गए प्रश्नों का दूसरा भाग इस quiz के माध्यम से दिया जा रहा है। ठीक उसी तरह जैसे आदिकाल से संबंधित प्रश्नों का पहला भाग nta ugc net hindi quiz 35 में दिया गया था।
UGC QUIZ 36
1. ‘बीसलदेव रासो’ के रचनाकार हैं?
[A] जगनिक[B] शारंगधर कवि
[C] नल्लसिंह
[D] नरपति नाल्ह
उत्तर देखें-
[D] ‘बीसलदेव रासो’ के रचनाकार ‘नरपति नाल्ह’ हैं।
2. अद्दहमाण की रचना है:
[A] प्राकृत पैंगलम[B] संदेश रासक
[C] जयचंद्र प्रकाश
[D] प्रबंध चिंता्मणि
उत्तर देखें-
[B] अद्दहमाण की रचना ‘संदेश रासक’ है।
3. ‘उक्तिव्यक्तिप्रकरण’ ग्रंथ का विषय है:
)[A] पुराण
[B] प्रेमकाव्य
[C] भक्तिकाव्य
[D] व्याकरण
उत्तर देखें-
[D] दामोदर शर्मा के ‘उक्तिव्यक्तिप्रकरण’ ग्रंथ का विषय ‘व्याकरण’ है
4. आठवीं शताब्दी के कवि नहीं हैं:
[A] सरहपा[B] हेमचंद्र
[C] शबरपा
[D] स्वयंभू
उत्तर देखें-
[B] हेमचंद्र 11 वीं शताब्दी के कवि हैं। इनके ग्रंथ का नाम शब्दानुशासन है।
5. मैथिली का प्राचीनतम उपलब्ध ग्रंथ है:
[A] वर्णरत्नाकर[B] कीर्तिलता
[C] चर्यापद
[D] ज्ञानेश्वरी
उत्तर देखें-
[A] ज्योतिश्वर ठाकुर रचित ग्रंथ ‘वर्णरत्नाकर’ (14 वीं शती) मैथिली का प्राचीनतम उपलब्ध ग्रंथ है।
6. ‘बौद्धगान ओ दोहा’ का संपादन किसने किया है?
[A] राहुल सांकृत्यायन[B] सूर्यकांत शास्त्री
[C] प्रबोधचंद्र बागची
[D] हरप्रसाद शास्त्री
उत्तर देखें-
[D] ‘बौद्धगान ओ दोहा’ का संपादन ‘हरप्रसाद शास्त्री’ ने किया है।
7. ‘दोहा’ या ‘दूहा’ किस भाषा का लोकप्रिय छंद रहा है?
[A] पालि[B] प्राकृत
[C] अपभ्रंश
[D] अवधी
उत्तर देखें-
[C] ‘दोहा’ या ‘दूहा’ अपभ्रंश भाषा का लोकप्रिय छंद रहा है। वहीं गाथा या गाहा प्राकृत का लोकप्रिय छंद रहा है।
8. पुष्पदंत की प्रबंध रचना है:
[A] रिट्ठणेमि चरिउ[B] णयकुमार चरिउ
[C] पउम चरिउ
[D] भविसयत्तकहा
उत्तर देखें-
[B] पुष्पदंत की प्रबंध रचना ‘णयकुमार चरिउ’ है। इसका दूसरा नाम नागकुमार चरिउ भी है।
9. महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने इनमें से किस कवि को हिंदी का पहला कवि माना है?
[A] स्वयंभू[B] सरहपाद
[C] पुष्पदंत
[D] गोरखनाथ
उत्तर देखें-
[B] महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने ‘सरहपाद’ (769 ई.) को हिंदी का पहला कवि माना है।
10. ‘कबीर की अपेक्षा खुसरो का ध्यान बोलचाल की भाषा की ओर अधिक था’, किसका कथन है?
[A] जॉर्ज ग्रियर्सन[B] मिश्रबंधु
[C] हजारी प्रसाद द्विवेदी
[D] रामचंद्र शुक्ल
उत्तर देखें-
[D] यह कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।
11. ‘दोहा’ (दूहा) मूलत: किस भाषा का छंद है?
[A] प्राकृत[B] अपभ्रंश
[C] हिंदी
[D] संस्कृत
उत्तर देखें-
[B] ‘दोहा’ (दूहा) मूलत: अपभ्रंश भाषा का छंद है।
12. ‘आध्यात्मिक रंग के चश्में आजकल बहुत सस्ते हो गए हैं।’
आचार्य शुक्ल जी का यह कथन निम्नलिखित में से किस कवि के संबंध में है?
[A] बिहारीआचार्य शुक्ल जी का यह कथन निम्नलिखित में से किस कवि के संबंध में है?
[B] विद्यापति
[C] मतिराम
[D] भिखारीदास
उत्तर देखें-
[B] आचार्य शुक्ल जी का यह कथन ‘विद्यापति’ के संबंध में है
13. मैथिली हिंदी में रचित गद्य की पहली पुस्तक है:
[A] उक्तिव्यक्तिप्रकरण[B] वर्णरत्नाकर
[C] राउलवेल
[D] वसंत विलास
उत्तर देखें-
[B] मैथिली हिंदी में रचित गद्य की पहली पुस्तक ‘वर्णरत्नाकर’ (ज्योतिश्वर ठाकुर) है।
14. ‘राजमती’ इनमें से किस काव्यकृति की नायिका है?
[A] कीर्तिपताका[B] आल्हखंड
[C] बीसलदेव रासो
[D] रणमल्ल छंद
उत्तर देखें-
[C] राजमती ‘बीसलदेव रासो’ काव्यकृति की नायिका है।
15. किस रासो काव्य की कथा का वर्णन शुक और शुकी के द्वारा किया गया है?
[A] पृथ्वीराज रासो[B] कीर्तिपताका
[C] बीसलदेव रासो
[D] खुमाण रासो
V [A] हजारी प्रसाद द्विवेदी ने पृथ्वीराज रासो का वर्णन शुक और शुकी के रूप में माना है। [/explanation][/answer]
16. हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार ‘घत्ता’ शब्द का व्यवहार मूलत: किस अर्थ में होता रहा है?
[A] छंद के रूप में[B] कथा के एक अंश के रूप में
[C] छेदन के अर्थ में
[D] एक कड़वक के अर्थ में
उत्तर देखें-
[C] हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार ‘घत्ता’ शब्द का व्यवहार मूलत: छेदन के अर्थ में होता रहा है। यह छंद के रूप में प्रयोग किया जाता है।
17. संत मत के अलावा ‘शब्द’ (सबद) का प्रचलन और किस पंथ में हुआ था?
[A] सिद्ध[B] जैन
[C] नाथ पंथ
[D] सखी संप्रदाय
उत्तर देखें-
[C] संत मत के अलावा ‘शब्द’ (सबद) का प्रचलन ‘नाथ पंथ’ में हुआ था।
18. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार किस आचार्य ने अपभ्रंश को लोकभाषा न कहकर देश भाषा कहा है?
[A] वररुचि[B] हेमचंद्र
[C] भरतमुनि
[D] बाणभट्ट
उत्तर देखें-
[C] आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार आचार्य भरतमुनि ने अपभ्रंश को लोकभाषा न कहकर देश भाषा कहा है।
19. ‘संधा भाषा’ से अभिप्राय है:
)[A] अबूझ भाषा
[B] अस्पष्ट भाषा
[C] ऊपर से लोक विरोधी अर्थ देने वाली, किन्तु साधना के विशुद्ध अर्थ को स्पष्ट करने वाली भाषा
[D] तांत्रिकों की वह भाषा जिसमें गुह्य बातों को बहुत उदात्त ढंग से प्रस्तुत किया जाता था
उत्तर देखें-
[C] ‘संधा भाषा’ से अभिप्राय ‘ऊपर से लोक विरोधी अर्थ देने वाली, किन्तु साधना के विशुद्ध अर्थ को स्पष्ट करने वाली भाषा’ है।
20. नाथ साहित्य की कमजोरी नहीं है-
[A] नीरसता[B] गृहस्थ के प्रति अनादर का भाव
[C] रागात्मकता का विरोध
[D] इन्द्रियनिग्रह
उत्तर देखें-
[D] ‘इन्द्रियनिग्रह’ नाथ साहित्य की कमजोरी नहीं है।
21. रामकथा में व्याप्त अतिप्राकृत तत्त्वों के प्रति संशयग्रस्त होकर किस कवि ने ब्राह्मणी रामकथा की प्रतिक्रिया में नई रामकथा गढ़ ली?
[A] स्वयंभू[B] पृष्पदंत
[C] धनपाल
[D] विनयचंद्र सूरि
उत्तर देखें-
[B] रामकथा में व्याप्त अतिप्राकृत तत्त्वों के प्रति संशयग्रस्त होकर ‘पृष्पदंत’ ब्राह्मणी रामकथा की प्रतिक्रिया में नई रामकथा गढ़ ली।
22. ईसा की किस शताब्दी में अपभ्रंश का व्यवहार लोकभाषा के अर्थ में होने लगा?
[A] पन्द्रहवीं शताब्दी[B] छठवीं शताब्दी
[C] नवीं शताब्दी
[D] ग्यारहवीं शताब्दी
उत्तर देखें-
[D] ईसा की ग्यारहवीं शताब्दी में अपभ्रंश का व्यवहार लोकभाषा के अर्थ में होने लगा था।
23. ‘पुरुष परीक्षा’ किस कवि की रचना है?
[A] ज्योतिरीश्वर ठाकुर[B] गोरखनाथ
[C] विद्यापति
[D] आचार्य देवसेन
उत्तर देखें-
[C] ‘पुरुष परीक्षा’ (संस्कृत भाषा) कवि ‘विद्यापति’ की रचना है।
24. निम्नलिखित में से कौन-सा विद्यवान पृथ्वीराज रासो को सर्वथा अप्रामाणिक ग्रंथ मानने वालों में से नहीं हैं?
[A] रामचंद्र शुक्ल[B] मोहनलाल विष्णुलाल पंड्या
[C] गौरीशंकर हीरालाल ओझा
[D] डॉ. वूलर
उत्तर देखें-
[B] मोहनलाल विष्णुलाल पंड्या, श्यामसुंदर दास, मिश्रबंधु, कर्नल टॉड, कुँवर कन्हैया जू, राधाकृष्ण दास पृथ्वीराज रासो को प्रमाणिक मानते हैं।
25. आदिकालीन काव्यग्रंथों में कथा कहने की परंपरा को लक्ष्य करके ‘पृथ्वीराज रासो’ के संदर्भ में किस आलोचक ने लिखा है-
“कथा की परीक्षा इतिहास की दृष्टि से नहीं, काव्य की दृष्टि से होनी चाहिए। पुरानी कथाएँ काव्य ही अधिक हैं, इतिहास वे एकदम नहीं हैं।”[A] मुनि जिनविजय
[B] राहुल सांकृत्यायन
[C] हजारी प्रसाद द्विवेदी
[D] विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
उत्तर देखें-
[C] आदिकालीन काव्यग्रंथों में कथा कहने की परंपरा को लक्ष्य करके ‘पृथ्वीराज रासो’ के संदर्भ में यह कथन ‘हजारी प्रसाद द्विवेदी’ का है।
26. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार चौदहवीं-पन्द्रहवीं शताब्दी के हिन्दुओं-मुसलमानों, सामंतों, शहरों, सेना के सिपाहियों और लड़ाइयों का जीवंत और यथार्थ वर्णन किस कृति में हुआ है?
[A] हम्मीर काव्य[B] कीर्तिकौमुदी
[C] कीर्तिपताका
[D] कीर्तिलता
उत्तर देखें-
[D] आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार चौदहवीं-पन्द्रहवीं शताब्दी के हिन्दुओं-मुसलमानों, सामंतों, शहरों, सेना के सिपाहियों और लड़ाइयों का जीवंत और यथार्थ वर्णन ‘कीर्तिलता’ में हुआ है।
27. सिद्धों में प्रचलित ‘महामुद्रा’ शब्द का अभिप्राय है:
[A] सिद्धि हेतु आसन का एक रूप[B] सिद्धि हेतु की जाने वाली एक क्रिया
[C] सिद्धि प्राप्त हेतु स्त्री-संसर्ग
[D] सिद्धि प्राप्त हेतु स्त्री से विरक्ति
उत्तर देखें-
[C] सिद्धों में प्रचलित ‘महामुद्रा’ शब्द का अभिप्राय ‘सिद्धि प्राप्त हेतु स्त्री-संसर्ग’ है।
28. सिद्ध-साहित्य के अंतर्गत चौरासी सिद्धों की वे साहित्यिक रचनाएं आती हैं जो:
[A] प्राकृत में लिखी गई हैं[B] पैशाची अपभ्रंश में लिखी गई हैं
[C] पूर्ववर्ती अपभ्रंश में लिखी गई हैं
[D] तत्कालीन लोक-भाषा हिंदी में लिखी गई हैं
उत्तर देखें-
[D] सिद्ध-साहित्य के अंतर्गत चौरासी सिद्धों की वे साहित्यिक रचनाएं आती हैं जो ‘तत्कालीन लोक-भाषा हिंदी में लिखी गई हैं’।
29. ‘सिद्धों और योगियों की रचनाओं का जीवन की स्वाभाविक अनुभूतियों और दशाओं से कोई संबंध नहीं है। अतः वे शुद्ध साहित्य के अंतर्गत नहीं आती।’
यह विचार किसका है?
[A] मुनि जिनविजययह विचार किसका है?
[D] रामचंद्र शुक्ल
[C] हजारी प्रसाद द्विवेदी
[D] धीरेंन्द्र वर्मा
उत्तर देखें-
[B] यह कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।
30. ‘अपभ्रंश के जो नमूने हमें पद्यों में मिलते हैं वे उस काव्यभाषा के हैं जो अपने पुरानेपन के कारण बोलने की भाषा से कुछ अलग बहुत दिनों तक आदिकाल के अंत क्या उसके कुछ पीछे तक-पोथियों में चलती रही।’
उपर्युक्त कथन किसका है?
[A] राहुल सांकृत्यायनउपर्युक्त कथन किसका है?
[B] रामचंद्र शुक्ल
[C] हजारी प्रसाद द्विवेदी
[D] नामवर सिंह
उत्तर देखें-
[B] उपर्युक्त कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।
31. ‘कुमारपाल प्रतिबोध’ के रचनाकार कौन हैं?
[A] हेमचन्द्र[B] सारंगधर
[C] सोमप्रभु सूरि
[D] विद्याधर
उत्तर देखें-
[C] ‘कुमारपाल प्रतिबोध’ के रचनाकार सोमप्रभु सूरि हैं।
32. ‘सिद्ध हेमचन्द्र शब्दानुशासन’ किस तरह का ग्रंथ है?
[A] व्याकरण सम्बन्धी[B] ज्योतिष सम्बन्धी
[C] साहित्यिक
[D] धार्मिक
उत्तर देखें-
[A] ‘सिद्ध हेमचन्द्र शब्दानुशासन’ व्याकरण सम्बन्धी ग्रंथ है।







