लाला श्रीनिवासदास कृत ‘परीक्षा गुरु’ (1882 ई.) को हिन्दी का प्रथम उपन्यास माना जाता है। रामचंद्र शुक्ल भी इसे ही अंग्रेजी ढंग का प्रथम उपन्यास माना है। वहीं गोपाल राय ने पं. गौरी दत्त कृत ‘देवरानी जेठानी की कहानी’ (1870 ई.) को प्रथम उपन्यास माना है। इसी तरह विजयशंकर मल्ल ने श्रद्धाराम फिल्लौरी कृत ‘भाग्यवती’ (1877 ई.) को हिंदी का पहला उपन्यास माना है। भारतेंदु ने सर्वप्रथम ‘हरिचंद्र मैगज़ीन’ में ‘नॅावेल’ शब्द का उल्लेख किया था।
हिंदी उपन्यास (upanyas) विकास यात्रा को 3 भागों में विभाजित किया गया है-
1. प्रेमचंद पूर्व उपन्यास, 2. प्रेमचंद युगीन उपन्यास, 3. प्रेमचंदोत्तर उपन्यास
1. प्रेमचंद पूर्व हिंदी उपन्यास
प्रेमचंद पूर्व हिंदी उपन्यासों में सामाजिक और एतिहासिक उपन्यासों के अलावा तिलस्मी-ऐयारी और जासूसी उपन्यास भी व्यापक मात्रा में लिखे गये। तिलस्मी-ऐयारी उपन्यासों के प्रवर्तक देवकीनंदन खत्री हैं, जिनके उपन्यास पढ़ने के लिए बहुत सारे लोगों ने हिंदी और देवनागरी लिपि सीखा। वहीं जासूसी उपन्यास (jasusi upanyas) के प्रवर्तक गोपाल राम गहमरी हैं जिन्होंने ‘जासूस’ नामक मासिक पत्र भी निकाला। प्रेमचंद पूर्व हिंदी उपन्यासकार एवं उनके प्रमुख उपन्यास निम्नलिखित हैं-
| उपन्यासकार | उपन्यास & प्रकाशन वर्ष (ई.) |
| श्रद्धाराम फुल्लौरी | भाग्यवती (1877) |
| श्रीनिवासदास | परीक्षा गुरु (1882) |
| बालकृष्ण भट्ट | रहस्य कथा (1879), नूतन ब्रह्मचारी (1886), सौ अजान एक सुजान (1892) |
| ठाकुर जगमोहन सिंह | श्यामा स्वप्न (1888) |
| लज्जाराम मेहता | धूर्त रसिकलाल (1899), स्वतन्त्र रमा और परतन्त्र लक्ष्मी (1899), बिगड़े का सुधार (1907), आदर्श हिन्दू (1907) |
| राधा कृष्णदास | निस्सहाय हिन्दू (1890) |
| देवकीनंदन खत्री | चंद्रकांता (1891), चंद्रकांता संतति (24 भाग, 1896-1905), काजर की कोठरी, कुसुम कुमारी, नरेंद्र मोहिनी, वीरेंद्र वीर, भूत-नाथ (अधूरा) |
| गोपाल राम ‘गहमरी’ | सरकटी लाश (1900), जासूस की भूल (1901), जासूस पर जासूसी (1904), गुप्त भेद (1913), जासूस की ऐयारी (1914), हीरे की मोल, अद्भुत लाश, अद्भुत खून, गुप्तचर, बेकसूर को फांसी, खुनी कौन, बेगुनाह का खून, भयंकर चोरी, भोजपुर का ठग, डाके पर डाका |
| किशोरीलाल गोस्वामी | जिंदे की लाश, तिलस्मी शीशमहल, लीलावती व आदर्श सती, याकूती तख्ती, प्रणयिनी परिणय (1890), मस्तानी, सुखशर्वरी, प्रेममयी, लवंगलता वा आदर्श बाला, कुसुम कुमारी, कानन-कुसुम, लखनऊ की कब्र या शाही महलसरा, कुलटा, अंगूठी का नगीना, माधवी माधव, आदर्श रमणी, माधवी माधव, पुनर्जन्म, तारा वा सौतियाडाह, त्रिवेणी, सुल्ताना रजिया वेगम वा रंगमहल में हलाहल |
| अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ | ठेठ हिन्दी का ठाठ (1899), अधखिला फूल (1907) |
| राधिकारमण प्रसाद सिंह | प्रेम लहरी |
2. प्रेमचंद युगीन उपन्यास
प्रेमचंद ने सर्वप्रथम हिंदी कथा साहित्य को मनोरंजन के स्तर से हटाकर जीवन से जोड़ने का प्रयास किया। प्रेमचंद युगीन हिंदी उपन्यासकार एवं उनके प्रमुख उपन्यास (upanyas) निम्नलिखित हैं-
| उपन्यासकार | उपन्यास & प्रकाशन वर्ष (ई.) |
| प्रेमचंद | सेवासदन (1918), प्रेमाश्रम (1922), रंगभूमि (1925), कायाकल्प (1926), निर्मला (1927), गबन (1931), कर्मभूमि (1933), गोदान (1935), मंगलसूत्र (अपूर्ण) |
| विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ | मां, भिखारिणी |
| चंडी प्रसाद ह्रदयेश | मनोरमा, मंगल प्रभात |
| राधिकारमन प्रसाद सिंह | राम-रहीम, पुरुष और नारी, संस्कार, चुंबन और कांटा |
| सियाराम शरण गुप्त | गोंद, अंतिम आकांक्षा, नारी |
| शिवपूजन सहाय | देहाती दुनियां (1926) |
| शिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ | बहती गंगा (1925), सु-चि-ता-च, रामबोला रामबोले |
| जयशंकर प्रसाद | कंकाल (1929), तितली (1934), इरावती (अपूर्ण) |
| पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ | चंद हसीनों के खतूत (1927), दिल्ली का दलाल (1927), बुधुआ की बेटी (1928), शराबी (1930), सरकार तुम्हारी आंखों में (1936), जी जी जी (1944), फागुन के दिन चार (1955), चाकलेट, मनुष्यानंद (बुधुआ की बेटी का रुपान्तरण) |
| ऋषभचरण जैन | दिल्ली का व्यभिचार, दुराचार के अड्डे, वेश्यापुत्र, चम्पाकली, मास्टर साहब, मयखाना, चांदनी रात, बुर्केवाली, ग़दर, भाग्य, भाई, रहस्यमयी मधुकरी, तीन एक्के, मंदिर दीप, सत्याग्रह, हर हाईनेश, बुर्दाफरोश |
| चतुरसेन शास्त्री | वैशाली की नगर वधू, वयं रक्षामः, सोमनाथ, आलमगीर, सोना और खून, रक्त की प्यास, आत्मदाह, अमर अभिलाषा, मंदिर की नर्तकी, नरमेध, अपराजिता, ह्रदय की परख, हृदय की प्यास, सोना और खून, बिना चिराग का शहर, दो किनारे, व्यभिचार |
| प्रतापनारायण श्रीवास्तव | विदा, विजय |
| वृन्दावनलाल वर्मा | गढ़ कुण्डार (1929), विराटा की पद्मिनी (1936), झांसी की रानी (1946), मृगनयनी (1950), टूटे कांटे (1954), माधव जी सिंधिया (1957), संगम (1928), लगन (1929), प्रत्यागत (1929), कुण्डलीचक्र (1932), कचनार, अहिल्याबाई, भुवन विक्रम, सोती आग, ललिता दित्य, अमर बेल, देवगढ़ की मुस्कान, कीचर और कमल |
| सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ | अप्सरा (1931 ई.), अलका (1931 ई.), प्रभावती, निरुपमा (1936 ई.), कुल्ली भाट, काले कारनामे |
| जैनेन्द्र | परख (1929), सुनीता (1935), त्यागपत्र (1937), कल्याणी (1939), सुखदा (1952), विवर्त (1953), व्यतीत (1953), जयवर्धन, मुक्तिबोध, अनन्तर, अनाम स्वामी, दशार्क |
| भगवतीचरण वर्मा | चित्रलेखा (1934), भूले विसरे चित्र, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, सामर्थ्य और सीमा, सबहिं नचावत राम गोसांई, तीन वर्ष, आखिरी दांव, अपने खिलौने, थके पांव, रेखा, सीधी सच्ची बातें, वह फिर नहीं आई, प्रश्न और मरीचिका, धुप्पल, चाणक्य, युवराज चुंडा |
| भगवती प्रसाद वाजपेयी | पतिता की साधना, चलते-चलते, टूटते बंधन, मनुष्य और देवता, सपना बिक गया, दूखन लगे नैन, मुझे मालूम न था, आज और अभी |
| राहुल सांकृत्यायन | शैतान की आँख, सिंह सेनापति, सोने की ढाल, विस्मृत के गर्भ में, जय यौधेय, मधुर स्वप्न, जीने के लिए, दियोदास, विस्मृत यात्री |
3. प्रेमचंदोत्तर उपन्यास
प्रेमचंदोत्तर हिंदी उपन्यासकार एवं उनके प्रमुख उपन्यास निम्नलिखित हैं-
| उपन्यासकार | उपन्यास & प्रकाशन वर्ष (ई.) |
| इलाचंद्र जोशी | लज्जा, संन्यासी (1941), परदे की रानी (1941), प्रेत और छाया (1945), निर्वासित (1946), जिप्सी (1952), जहाज का पंछी (1955), ऋतु चक्र, लज्जा, मुक्तिपथ, सुबह के भूले, भूत का भविष्य, कवि की प्रेयसी, मणिमाला |
| सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ | शेखर एक जीवनी (1941-44), नदी के द्वीप (1951), अपने-अपने अजनबी (1961) |
| यशपाल | दादा कामरेड (1941), पार्टी कामरेड, देशद्रोही, मनुष्य के रूप, अमिता (1956), दिव्या (1945), झूठा-सच (1958 & 1960), तेरी मेरी उसकी बात (1974), बारह घंटे, अप्सरा का अभिशाप, क्यों फंसे |
| मन्मथ नाथ गुप्त | अवसान, जययात्रा, गृह युद्ध, दुश्चरित्र, आस्तीन के सांप, काजल की कोठरी, शहीद और सोहदे, बहता पानी, दिन दहाड़े, सहादत नामा |
| उपेन्द्र नाथ ‘अश्क’ | शहर में घूमता आइना, बांधो न नाव इस ठांव, निमिषा, सितारों का खेल, गिरती दीवारें, गर्म राख, एक रात का नरक, एक नन्हीं कंदील |
| रामेश्वर शुक्ल अंचल | चढ़ती धूप, नई इमारत, उल्का, मरुद्वीप |
| लक्ष्मीनारायण लाल | काले फूल का पौधा, बड़ी चंपा छोटी चंपा, बया का घोसला और सांप, मन वृंदावन, प्रेम अपवित्र नदी, हरा समंदर गोपी चंदर, बसंत की प्रतीक्षा, धरती की आँखें, गली, अनारकली, कनाट प्लेस |
| अमृतलाल ‘नागर’ | महाकाल (1947), बूंद और समुद्र (1956), सुहाग के नूपुर (1960), सेठ बांकेमल (1955), अमृत और विष (1966), मानस का हंस (1972), खंजन नयन (1981), शतरंज के मोहरे (1959), नाच्यौ बहुत गोपाल (1978), सात घूंघट वाला मुखड़ा, बिखरे तिनके, अग्नि गर्भा, एकदा नैमिषारण्ये, पीढ़ियां, करवट |
| रांगेय राघव | घरौंदे (1946), कब तक पुकारूं, मुर्दो का टीला, चीवर, राह न रुकी, अंधेरे के जुगुनू, विषाद मठ, हुजूर काका, प्रोफेसर, डॉक्टर, आखिरी आवाज, बंदूक और बीन, छोटी-सी बात, राई और पर्वत, सीधा-साधा रास्ता, पक्षी और आकाश, जब आवेगी काली घटा, धरती मेरा घर, पतझर, उबाल, बोलते खण्डहर, बौने और घायल फूल, पथ का पाप, यशोधरा जीत गई, लोई का ताना |
| हजारी प्रसाद द्विवेदी | वाणभट्ट की आत्मकथा (1946), चारु चंद्रलेख, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा (अथरैक्व आख्यान) |
| फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ | मैला आंचल, (1954), परती परिकथा, जुलूस, दीर्घतपा, कितने चौराहे, पल्टू बाबू रोड, कलंकमुक्ति |
| नागार्जुन | वरुण के बेटे, रतिनाथ की चाची, दुख:मोचन, बाबा बटेसरनाथ, बलचनमा, नई पौध, कुंभीपाक, हीरक जयंती, उग्र तारा, इमरतिया, पारो, गरीबदास |
| राही मासूम रजा | आधा गांव (1966), टोपी शुक्ला, ओस की बूंद, सीन- 75, हिम्मत जौनपुरी, दिल एक सादा कागज, कटरा बी आरजू, असंतोष के दिन |
| शिवप्रसाद सिंह | अलग-अलग वैतरणी, गली आगे मुड़ती है, दिल्ली दूर है, औरत, कुहरे में युद्ध, वैश्वानर, नीला चांद, शैल बधू, मंजुशिमा |
| देवेंद्र सत्यार्थी | रथ के पहिये, कठपुतली |
| हिमांशु श्रीवास्तव | रथ के पहिए |
| श्रीलाल शुक्ल | राग दरबारी (1968), आदमी का जहर, अज्ञातवास, सीमाएं टूटती हैं, मकान, विश्रामपुर का संत, सूनी घाटी का सूरज, पहला पड़ाव |
| रामदरश मिश्र | पानी के प्राचीर, जल टूटता हुआ, सूखता हुआ तालाब, बीस बरस, दूसरा घर, आदिम राम, आकाश की छत, रात का सफर, बिना दरवाजे का मकान, परिवार, बीच का समय, अपने लोग |
| राजेंद्र यादव | प्रेत बोलते हैं (बाद में ‘सारा आकाश’ नाम से प्रकाशित), उखड़े हुए लोग, शह और मात, कुलटा, मुखर चिंतन, अनदेखे अनजान पुल |
| नरेश मेहता | यह पथ बन्धु था, डूबते मस्तूल, धूमकेतु: एक श्रुति, दो एकांत, नदी यशस्वी है, प्रथम फागुन, उत्तर कथा |
| मोहन राकेश | अंधेरे बंद कमरे, न आने वाला कल, अंतराल |
| धर्मवीर भारती | गुनाहों का देवता (1949), सूरज का सातवां घोड़ा |
| निर्मल वर्मा | वे दिन (1964), लालटीन की छत, एक चिथड़ा सुख, रात का रिपोर्टर, अंतिम अरण्य (2000) |
| भीष्म साहनी | झरोखे (1965), तमस (1973), बसंती, कुंतो, भाग्यरेखा, कड़ियां, मय्यादास की माड़ी, नीलू नीलिमा निलोफर |
| मनोहरश्याम जोशी | कुरु कुरु स्वाहा, क्याप, लखनऊ मेरा लखनऊ, कसप, कौन हूँ मैं, टाटा प्रोफेसर (1995), हरिया हरक्यूलिस की हैरानी (1996), हमजाद (1996) |
| गिरधर गोपाल | चांदनी के खण्डहर, कन्दील और कुहासे |
| भैरव प्रसाद गुप्त | सती मैया का चौरा, मशाल, गंगा मैया, शोले, धरती, आशा, कालिंदी, रम्भा, भाग्य देवता, अक्षरों के आगे, जंजीरे और नया आदमी, अंतिम अध्याय |
| नरेंद्र कोहली | तोड़ो कारा तोड़ो, दीक्षा, संघर्ष, युद्ध, धर्म, अवसर, अधिकार, अभिज्ञान, आतंक, बंधन, साथ सहा गया दुःख, महासमर – 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 |
| मनु शर्मा | द्रौपदी की आत्मकथा, कर्ण की आत्मकथा, द्रोण की आत्मकथा, अभिशप्त कथा, शिवाजी का आशीर्वाद |
| जयशंकर द्विवेदी | महाकवि कालिदास की आत्मकथा |
| उदयशंकर भट्ट | नये मोड़, सागर लहरें और मनुष्य, लोक परलोक, शेषअशेष, दो अध्याय |
| राजेंद्र अवस्थी | जंगल के फूल, जाने कितनी आंखें |
| सर्वेश्वर दयाल सक्सेना | सोया हुआ जल, पागल कुत्तों का मसीहा, सूने चौखटे |
| प्रभाकर माचवे | परन्तु, क्षमा, सांचा, एक तारा, द्वाभा, जो, किशोर, धूत, तीस चालीस पचास, अनदेखी, दर्द के पैबंद, किसलिए, आँख मेरी बाकी उनका, लापता, कहां से कहां |
| देवराज | पथ की खोज, अजय की डायरी (1960), मैं वे और आप, रोड़े और पत्थर, बाहर-भीतर |
| अमृतराय | बीज, नागफनी का देश, हाथी के दांत, सुख-दुःख, धुआं, भटियाली, जंगल |
| कमलेश्वर | एक सड़क सत्तावन गलियाँ (1957), डाकबंग्ला (1959), लौटे हुए मुसाफिर (1961), अगामी अतीत (1967), समुद्र में खोया हुआ आदमी (1967), काली आंधी (1974), तीसरा आदमी (1976), वही बात (1980), सुबह दोपहर शाम (1982), रेगिस्तान (1988), कितने पाकिस्तान (2000) |
| अमरकांत | सुखा पत्ता, आकाश पंक्षी, काले उजाले दिन, ग्राम सेविका, बीच की दिवार, सुखजीवी, खुदीराम, इन्हीं हथियारों से, सुन्नर पांडे की पतोहू |
| हृदयेश | गांठ, हत्या, एक अंतहीन कहानी, पूर्व जन्म, किस्सा हवेली, सफ़ेद घोड़ा काला सवार, साँड़, दंडनायक |
| मुद्रा राक्षस | अचला: एक मन: स्थिति, शोक संवाद, शांतिभंग, मेरा नाम तेरा नाम, दण्ड विधान, भगोड़ा, प्रपंचतन्त्र, हम सब मनसा राम |
| जगदम्बा प्रसाद दीक्षित | अकाल, कटा हुआ आसमान, मुर्दाघर |
| मार्कण्डेय | सेमल का फूल, अग्निबीज |
| यादवेन्द्र शर्मा | पथहीन, दिया जला, दिया बुझा, गुनाहों की देवी, मैं रानी सुप्यार दे, मरु केसरी |
| शैलेश मटियानी | बोरीवली से वोरी बंदर, कबूतर खाना, दो बूंद जल, किस्सा नर्मदाबेन गंगू बाई |
| जगदीशचंद्र | धरती धन न अपना (1972), आधा पुल, घास गोदाम, नरकुण्ड में बास, लाट की वापसी, यादों का पहाड़, कभी न छोड़े खेत, मुट्ठी भर कांकर |
| बदी उज्जमा | एक चूहे की मौत, अपुरुष, छटा तंत्र, सभा पर्व, छाको की वापसी |
| महेंद्र भल्ला | एक पति के नोट्स, दूसरी तरफ, उड़ने से पेश्तर |
| काशीनाथ सिंह | अपना मोर्चा (1972), काशी का अस्सी (2002), रेहन पर रग्घू (2008), महुआ चरित (2012), उपसंहार (2014) |
| अभिमन्यु अनत | और नदी बहती रही (1970), लाल पसीना (1977), एक बीघा प्यार, जम गया सूरज, अस्ति-अस्तु, हम प्रवासी, शेफाली, एक बीघा प्यार, लहरों की बेटी |
| बच्चन सिंह | सूतो वा सूत पुत्रो वा, पांचाली |
| दूधनाथ सिंह | आखिरी कलाम, निष्कासन, नमो अन्धकारम |
| संजीव | सर्कस, किशनगढ़ का अहेरी, धार, सूत्रधार, जंगल जहाँ से शुरू होता है, सावधान नीचे आग है |
| अब्दुल बिस्मिल्लाह | समर शेष है, जहरवाद, दंत कथा, मुखड़ा क्या देखे, अपित्र आख्यान, झीनी-झीनी बिनी चदरिया |
| रमेश वक्षी | वैसाखियों वाली इमारत |
| गोविंद मिश्र | हुजूर दरबार, पांच आंगनों वाला घर, लाल पीली जमीन, वह अपना चेहरा, उतरती हुई धूप, तुम्हारी रोशनी में, धीरे समीरे |
| विष्णु प्रभाकर | स्वप्नमयी, अर्द्धनारीश्वर, तट के बंधन, निशिकांत, दर्पण का व्यक्ति, कोई तो |
| गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ | विपात्र |
| सुरेंद्र वर्मा | मुझे चांद चाहिए, अंधेरों से परे |
| राजकमल चौधरी | मछली मरी हुई, ताश के पत्तों का शहर, शहर था शहर नहीं था, नदी बहती थी, अग्नि स्नान, देहगाथा, बीस रानियों के बाइसकोप |
| गिरिराज किशोर | पहला गिरमिटिया (1991), यात्राएं, जुगलबंदी, ढाईघर, चिड़ियाघर, यातनाघर, यथा प्रस्तावित, असलाह, लोग, इंद्र सुने, दो, दावेदार, तीसरी सत्ता, परिशिष्ट, अन्तर्ध्वंस |
| कमलाकांत त्रिपाठी | पाहीघर (1991), बेदखल (1997) |
| दुष्यंत कुमार | छोटे-छोटे सवाल, आंगन में एक वृक्ष |
| मणि मधुकर | सफेद मेमने, पत्तों की विरादरी |
| विवेकी राय | बबूल, सोनामाटी, नमामिग्रामम, समर शेष है, देहरी के पार, पुरुष पुराण, लोकऋण, स्वेतपत्र, मंगलभवन (1994) |
| रवींद्र कालिया | खुदा सही सलामत है (2 भागों में) |
| हरिशंकर परसाई | रानी नागमती की कहानी, तट की खोज |
| शानी | काला जल, साल बनों का द्वीप |
| कृष्ण बलदेव वैद | उसका बचपन, विमल उर्फ़ जाएँ तो जाएँ कहाँ, दूसरा न कोई, दर्द ला दवा, गुजरा हुआ जबाना, नर-नारी, काला कोलाज |
| महीप सिंह | अभी शेष है, यह भी नहीं |
| आबिद सुरती | मेरे पापा की शादी |
| विनोद कुमार शुक्ल | नौकर की कमीज (1979), सिनेमा तो देखेंगे (1996), दीवार में एक खिड़की रहती थी (1997) |
| मंजूर एहतशाम | कुछ दिन और (1976), सूखा बरगद (1986), दास्तान ए लापता (1995), बशारत मंजिल (2004), पहाड़ ढलते (2007) |
| वीरेंद्र जैन | पार, सबसे बड़ा सिपहिया, डूब (1991), शब्द वध |
| वीरेंद्र कुमार जैन | अनुत्तर योगी |
| विश्वम्भरनाथ उपाध्याय | रीक्ष, पक्षधर, जाग मछन्दर गोरख आया, दूसरा भूतनाथ, जोगी मत जा, विश्वबाहु परशुराम |
| नागार्जुन | बलचनमा, रतिनाथ की चाची, वरुण के बेटे, कुम्भीपाक, गरीबदास, जमानिया का बाबा, पुरुषोत्तम, अभिनन्दन |
| भगवान सिंह | शुभ्रा, परमगति, अपने-अपने राम (1992), उन्माद (1999), |
| रमेश चंद्र शाह | गोबर गणेश, किस्सा गुलाम, आखिरी दिन, पूर्वापर |
| भगवानदास मोरवाल | काला पहाड़, बवाल तेरे देश में, रेत, नरक, हलाला, सुर बंजारन |
| असगर वजाहत | सात आसमान, कैसी आग लगाई |
| कृष्णचंदर | एक गधे की आत्मकथाप्रभाकर |
| उदय प्रकाश | पीली छतरी वाली लड़की |
| विभूति नारायण राय | घर, शहर में कर्फ्यू |
| शिवमूर्ति | तर्पण, त्रिशूल |
स्त्री उपन्यासकार और उनके उपन्यास
स्त्री हिंदी उपन्यासकार एवं उनके प्रमुख उपन्यास (upanyas) निम्नलिखित हैं-
| उपन्यासकार | उपन्यास & प्रकाशन वर्ष (ई.) |
| उषा प्रियंवदा | पचपन खम्भे लाल दीवारें (1961), रुकोगी नहीं राधिका (1967), शेष यात्रा (1984), अन्तर्वशी (2000), भए कबीर उदास (2007) |
| चंद्रकिरण सौनरेक्सा | चंदन चांदनी (1962), वंचिता (1972) |
| शिवानी | चौदह फेरे (1965), कृष्ण कली (1968), भैरवी, विषकन्या, करिए छिमा, श्मशान चंपा, ‘गैंडा, माणिक और रथ्या’, किशनुली, स्वंयसिद्ध, रति विलाप |
| कृष्णा अग्निहोत्री | टपरेवाले |
| कृष्णा सोबती | मित्रो मरजानी (1967), सूरजमुखी अंधेरे के (1972), जिंदगीनामा (1979), दिलोदानिश (1993), समय सरगम (2000), यारों का यार, डार से बिछुड़ी, ए लड़की |
| मेहरुन्निसा परवेज | आँखों की दहलीज (1969), उसका घर (1972), कोरजा (1977), अकेला पलाश (1981), समरांगण (2002), पासंग (2003) |
| मन्नू भंडारी | एक इंच मुस्कान (1962- राजेन्द्र यादव के साथ) आपका बंटी (1971), महाभोज (1979) |
| ममता कालिया | बेघर (1971), नरक दर नरक, प्रेम कहानी, साथी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दुक्खम-सुक्खम, दौड़ |
| दिनेश नंदिनी डालमिया | मुझे माफ़ करना (1974), आहों की वैसाखियाँ, कंदील का धुआं, आँख मिचौली, मरजीवा (1996), फूल का दर्द, यह भी झूठ है |
| कांता भारती | रेत की मछली (1975) |
| मृदुला गर्ग | उसके हिस्से की धूप (1975), वंशज, चित्तकोबरा (1979), अनित्य, मैं और मैं, कठगुलाब (1996) |
| मंजुल भगत | अनारो (1977 ई.), बेगाने घर में, खातूल, तिरछी बौछार, गंजी, लेडी क्लब |
| मृणाल पाण्डे | विरुद्ध (1977), पण्डरपुर पुराण (1983), रास्तों पर भटकते हुए |
| चंद्रकांता | अर्थांतर और अंतिम साक्ष्य (1977), बाकी सब खैरियत है, ऐलान गली जिंदा है, यहाँ वितस्ता बहती है, अपने-अपने कोणार्क (1995), अंतिम साक्ष्य, कथा सतीसर (2000) |
| राजी सेठ | तत्सम (1983), निष्कवच, किसका इतिहास |
| नासिरा शर्मा | सात नदियाँ: एक समुंदर (1984), शाल्मली (1987), ठीकरे की मंगनी, जिन्दा मुहावरे (1993), अक्षय वट, कुइयांजान, तुम डाल-डाल हम पात-पात, जीरो रोड, अजनवी जरीरा, बहिस्ते ज़हरा |
| प्रभा खेतान | आओ पेपे घर चलें (1990), तालाबंदी, छिन्नमस्ता (1993), अपने-अपने चेहरे (1994), पीली आंधी (1996) |
| चित्रा मुद्गल | एक जमीन अपनी (1990), आवां (1999), गिलीगडु |
| मैत्रेयी पुष्पा | स्मृति दंश (1990), बेतवा बहती रही, इदन्नमम (1994), चाक (1997), झुला-नट (1999), अल्मा कबूतरी (2000), कहे इसुरी फाग (2004), त्रियाहठ (2005), गुनाह बेगुनाह, अगनपाखी, विजन |
| गीतांजलि श्री | माई (1993), हमारा शहर उस बरस (1998), तिरोहित, खाली जगह |
| अलका सरावगी | कलि-कथा वाया-बाईपास (1998), शेष कादंबरी (2001), कोई बात नहीं, एक ब्रेक के बाद (2008) |
| मधु काँकरिया | खुले गगन के लाल सितारे (2000), सलाम आखिरी, पत्ताखोर, सेज पर संस्कृत, |
| अनामिका | अवांतर कथा, दस द्वारे का पिंजरा |
| महुआ मांझी | मैं बोरिशाल्ला, मरंग गोड़ा नील कंठ हुआ |
| क्षमा शर्मा | मोबाईल |
दलित उपन्यासकार और उनके उपन्यास
दलित उपन्यासकार एवं उनके प्रमुख उपन्यास (upanyas) निम्नलिखित हैं-
| उपन्यासकार | उपन्यास & प्रकाशन वर्ष (ई.) |
| जय प्रकाश कर्दम | छप्पर (1994), करुणा |
| प्रेम कपाड़िया | मिट्टी की सौगंध |
| मनन दीक्षित | मोरी की ईंट |
| सत्य प्रकाश | जस तस भई सबेर |
| मोहनदास नैमिषराय | मुक्ति पर्व, वीरांगना झलकारी बाई, आजार बाजार बंद है |
| के. नाथ | पलायन, गाँव का कुआं |
| अजय नावरिया | उधर के लोग |
| एस.आर. हरनोट | हिडिम्ब |
| अभय मौर्य | एक कस्बे के नोट्स |



