हिंदी ब्लॉग: सीमाएँ और समस्याएं | Hindi Blogs

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हिंदी ब्लॉग

अब हिंदी केवल सम्प्रेषण की भाषा तक सीमित नहीं है। ज्ञान-विज्ञान के दूसरे क्षेत्रों तक उसका प्रचार-प्रसार हुआ है। लेकिन यह सब एक सीमा तक ही सही है। ब्लॉग लेखन में भी इस सीमा को चिन्हित किया जा सकता है। यहाँ पर हिंदी की सीमा उभरकर सामने आती ही है, साथ में एक ठहराव भी दिखाई देता है। फेसबुक जैसा माध्यम जब तक नहीं था, तब तक ब्लॉग लेखन में बहुत सारे लोग सक्रिय थे, जहाँ वे अपने अनुभव व विचार रखते थे। वह अब इतिहास का विषय हो चुका है, इस तरह के ब्लॉग अब गिनती के दिखते हैं। किंतु यह blog और blogging के लिए चिंता का विषय हो सकता है, भाषा की नहीं। क्योंकि यह केवल हिंदी भाषा के साथ नहीं बल्कि अन्य भाषाओं के साथ भी हुआ है। खैर Hindi Blogs की दुनिया में जो ठहराव आया था, धीरे-धीरे वह उससे उबर रही है।

ब्लॉग किसे कहते हैं?

ब्लॉग कुछ और नहीं बल्कि वेबसाइट ही है जहाँ पर लोग अपने विचार, अनुभव या जानकारी आदि टेक्स्ट, इमेज या विडियो के माध्यम से शेयर करते हैं। संक्षेप में लेख आदि लिखकर इंटरनेट पर लोगों को बताना Blog कहलाता है और Blog लिखने वाले को Blogger कहते हैं। इसे डिजिटल डायरी, चिठ्ठा आदि भी कहा जाता है। शुरुआत में blog का नाम वेबलॉग था।

ब्लॉग के प्रकार

ब्लॉग दो प्रकार के होते हैं, पहला है फ़्री ब्लॉग और दूसरा है पैड ब्लॉग। फ़्री ब्लॉग यानी जिसके लिए होस्टिंग न खरीदनी पड़े, जैसे Blogger और WordPress। वहीं पैड ब्लॉग में आपको होस्टिंग खरीदना पड़ता है। अधिकतर हिंदी के ब्लॉग फ्री प्लेटफार्म पर बने हैं, जाहिर है की उन्हें पैड प्लेटफार्म जैसे सुविधाएँ नहीं मिलने वाली।

हिंदी ब्लॉग लेखन की शुरुआत

हिंदी भाषा में ब्लॉग लेखन की शुरुआत वर्ष 2003 से होती है। blogging के लिए ‘चिठ्ठा’ शब्द काफी प्रचलित हुआ था जिसका श्रेय आलोक कुमार को है। इन्होंने ही हिंदी का पहला ब्लॉग ‘नौ दो ग्यारह (nau do gyarah) 21 अप्रैल 2003 को बनाया था। उसके बाद हिंदी ब्लॉग लेखन में काफी विकास हुआ, खासकर यूनिकोड के आ जाने के बाद। लेकिन फेसबुक के आगमन के बाद हिंदी ब्लॉग लेखन सीमित हो गया। न केवल पाठकों की संख्या घटी बल्कि लेखकों की संख्या में भी भारी कमी देखी गई।

हिंदी भाषा में ब्लॉग लेखन की सीमाएं और समस्याएं

अभी जो ब्लॉग हिंदी के लाइव हैं, उनमें अधिकत्तर प्रोफेशनल हैं, जिनके लिए भाषा केवल माध्यम भर है। ऐसे लोगों की भाषा को हिंदी की जगह हिंग्लिश कहना ज्यादा सही होगा। खैर यह उनकी मजबूरी भी है, वे शौकिया नहीं करते। अपनी रीच बढ़ाने के लिए हिंदी के साथ अंग्रेजी के शब्दों को मिक्सअप करना पड़ता है, ताकि सर्च इंजन में खोजे जाएं। हिंदी में गूगल सर्च अभी भी पर्फेक्ट नहीं हुआ है बल्कि हिंदी भाषा के प्रति थोड़ा सॉफ्ट कार्नर भी रखता है। हिंदी में ब्लॉग लेखन की एक सीमा यह है की पाठक हिंदी भाषियों और राज्यों तक सीमित हो जाते हैं।

भारत में ब्लॉग लेखन से कमाई विकसित देशों के मुकाबले काफी कम है, हिंदी भाषा में तो और बहुत ही कम है। वहीं अंग्रेजी में ब्लॉग लिखने वाला भारतीय अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँच बना लेता है। वह अमेरिका जैसे विकसित देशों के पाठकों को केंद्र में रख कर लिखता है ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले। हिंदी ब्लॉग के लिए SEO काफी कठिन है, कोई SEO टूल भी उपलब्ध नहीं हैं, जो हैं भी वे सब नाम भर के लिए हैं। हिंदी ब्लॉग के लिए बस एक SEO काम करता है- ‘कंटेंट इज किंग’ गूगल का ही दिया हुआ टर्म है। ब्लॉग लिखन के दो महत्वपूर्ण प्लेटफार्म ब्लॉगस्पॉट और वर्डप्रैस है जो अभी भी अंग्रेजी की तरह हिंदी भाषा के अनुकूल नहीं है।

हिंदी के जो उपभोक्ता हैं, वे हिंदी से संबंधित कंटेंट भी रोमन में सर्च करते हैं। जैसे- hindi kaise sikhen, saraswati samman 2020 kise diya gaya आदि। वहीं कुछ सीधे अंग्रेजी में ही- Hindi Alphabet Chart with Words, what is a computer in hindi…सर्च इंजन भी रोमन को ठीक से समझता है और बेहतर रजेल्ट दिखाता है।

इन्हीं कारणों से ब्लॉगर भी अपने कंटेंट को मिक्सप करके तैयार करता है ताकि अधिकाधिक लोगों तक बात पहुंचे और पोस्ट रैंक करे। इस प्रकार यह ब्लॉगरों से ज्यादा हिंदी और उसके उपभोक्ताओं की समस्या है। देवनागरी टाइप करना अभी भी लोगों के लिए टेढ़ी खीर बनी हुई है, वह तब जब हर फोन में टाइपिंग का विकल्प उपलब्ध है। वैसे ही हिंदी में यूनिकोड देर से आया, और आया भी तो अपरोक्ष रूप से वह रोमन को ही आगे बढ़ाया।

हिंदी ब्लॉगर्स की सबसे बड़ी सीमा उनका टेक ज्ञान है। कई का कंटेंट उच्च कोटि का होते हुए भी रद्दी में पड़े कूड़े के ढ़ेर के समान है। उनका कंटेंट पाठकों या उपभोक्ताओं तक अपनी पहुँच बना ही नहीं पाता, या कम पहुँच होती है। वजह वही है कि वे टेक्नोलॉजी से खुद को काफी दूर रखते हैं। दूसरी बात उनकी भाषाई ज्ञान भी रुकावट पैदा करती है। क्योंकि सारी चीजें अंग्रेजी में हैं, यदि किसी को न्यूनतम अंग्रेजी ज्ञान भी नहीं है तो उनके लिए यह प्लेटफॉर्म नहीं है। यदि आप हिंदी में ही कुछ करना चाहते हैं तो आपको अपनी अंग्रेजी ज्ञान को बढ़ाना ही होगा। कहने को तो बहुत कुछ हिंदी में भी उपलब्ध है, पर वह अंग्रेजी से भी कठिन लगता है।

बहुत सारे ब्लॉगर और यूटयूबर इस तरह की जानकारी हिंदी में भी देते रहते हैं। पर अधिकत्तर खुद को अपडेट रखते हुए भी वही पुराना राग अलापते रहते हैं। जैसे- बैकलिंक का सवाल। गूगल अलोगोरिथम ने कब का घोषणा कर दिया कि फर्जी बैकलिंक न बनाएं, कंटेंट ही बॉस है। लेकिन अब भी कई लोग दिव्य ज्ञान देते हुए पाए जाते हैं। फिर भी यदि आपकी अंग्रेजी कमजोर है तो आप इनके YouTube Video से काफी-कुछ सीख सकते हैं। इसलिए जानकारी के लिए इनके ब्लॉग पढ़ने और YouTube Video देखना चाहिए।

प्रमुख ब्लॉग और यूट्यूब चैनल जहाँ पर Hindi Blogs से संबंधित में अच्छी जानकारी उपलब्ध है-

1. hindi men help

2. hindi me net

3. Techno Vedant

4. Amit Tiwari

पेशेंस का सवाल भी ब्लॉगिंग के लिए महत्वपूर्ण है। ब्लॉग का अपना बीज गणित है। उसे जाने-समझे ही ब्लॉगिंग क्षेत्र में जाना, खुद खाई में कूदने जैसा है। इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि सारी जानकारी इकट्ठी करने के बाद आप ब्लॉग लेखन चालू करें। न जी, तब तो आपसे और भी नहीं हो पायेगा। बल्कि आपके सीखने की प्रक्रिया साथ-साथ ही हो सकती है। जब तक आपके सामने प्रॉब्लम नहीं आएगी तब तक आप नहीं सीख सकते।

हिंदी वालों के साथ एक और समस्या है, जो ज्यादा खतरनाक है। अमूमन देखा गया है कि कोई हिंदी वाला ब्लॉग लिखना प्रारम्भ करता है तो वह किसी एक नीशे पर टिका नहीं रहता। वह दुनिया भर का ज्ञान एक-साथ उड़ेल देना चाहता है। माने ब्लॉग बाबा की भूमिका का निर्वाह करने लगता है। साहित्य, संस्कृति, राजनीति और न जाने क्या-क्या? किसी से उसका परहेज नहीं। गूगल बाबा भी बौखला जाते हैं कि इसके पोस्ट को कब और किसके सामने दिखाऊँ?

कुछ तो और महान हैं। वे एक साथ 10 वेबसाइट खड़ा कर देते हैं। होता यह है कि वे किसी पर भी समय से पोस्ट अपडेट नहीं कर पाते। जाहिर है कि कुछ दिन बाद वे ब्लॉगिंग से तौबा बोल देंगे।

इन सब के बावजूद अभी भी Hindi Blogs का क्षेत्र ढ़ेरों संभावनाओं से भरा हुआ है। बहुत सारे ब्लॉगर अच्छा कर रहें, कई का न केवल रोजी-रोटी चल रही बल्कि वे अच्छा-खासा इनकम कर रहे।

हिंदी के लेखकों और साहित्यकारों का ब्लॉग के प्रति अरुचि भी चिंता का विषय है। बाकी भाषाओं के अधिकतर लेखकों के अपने पेज हैं, जहाँ पर उनके लेख, लिंक, किताबें आदि की सूचना मौजूद है। हिंदी के लेखक फेसबुक पर तो हैं, अनावश्यक रूप से 24 घण्टे सक्रिय भी रहते हैं। लेकिन उनका अपना एक ब्लॉग नहीं है। जहाँ पर जाकर कोई शोधार्थी या साहित्य में रुचि रखने वाला कोई जानकारी इकट्ठा कर सके। फेसबुक पर भले ही एकमुश्त पाठक मिल जाते हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर अनमने ढंग से ही वाह-वाही करते रहते हैं। वहीं ब्लॉग पर यदि कोई लेखक है तो वहाँ उसे उसका सच्चा और ईमानदार पाठक ढूंढते हुए पहुँच जाएगा। वास्तविक पाठक ही साहित्य की पूँजी है, उसका ख्याल रखना लेखक का धर्म।

हिंदी साहित्य संबंधित प्रमुख ब्लॉग

साहित्य से संबंधित Hindi blogs निम्नलिखित हैं-

1. जानकीपुल

जानकीपुल ब्लॉग के मोडरेटर प्रभात रंजन हैं। जो एक शिक्षक, लेखक, आलोचक और अनुवादक हैं। उनके ब्लॉग jankipul.com पर समीक्षा और आलोचना के साथ साहित्यिक गतिविधियाँ को भी देखा-पढ़ा जा सकता है।

2. समालोचन

समालोचन ब्लॉग के संचालक अरुण देव हैं। जहाँ पर भाषा, साहित्य मीडिया, फिल्म आदि से संबंधित विभिन्न लेखकों की समीक्षा पढ़ने को मिल जाएगी। समालोचन ब्लॉग का लिंक यह रहा- samalochan.blogspot.com

3. शब्दांकन

शब्दांकन ब्लॉग भरत एस तिवारी का है जहाँ पर साहित्य और कला से जुड़ी जानकारी, रचना, कविता कहानी आदि प्रकाशित किए जाते हैं । ब्लॉग का लिंक- shabdankan.com

हिंदी लेखकों के ब्लॉग

हिंदी के कुछ लेखकों के Hindi blogs निम्नलिखित हैं-

1. अशोक कुमार पाण्डेय (Ashok Kumar Pandey)

अशोक कुमार पाण्डेय जी का ब्लॉग ashokkumarpandey.com है। ‘मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्वांत’, ‘कश्मीर और कश्मीरी पंडित’, ‘उसने गाँधी को क्यों मारा’, ‘प्रलय में लय जितना’, ‘लगभग अनामंत्रित’ आदि किताबों का परिचय तो मिल ही जाता है, साथ में उनके कई ब्लॉग लेख भी पढ़ा जा सकता है।

2. आशुतोष भारद्वाज (Ashutosh Bhardwaj)

आशुतोष भारद्वाज का अपना पर्सनल ब्लॉग ashutoshbhardwaj.com है। जहाँ पर वे अपने बारे में और प्रमुख रचनाओं और लेखों का डिटेल्स तथा लिंक दिया है। ‘पितृ वध’ (Pitra Vadh) उनका आलोचनात्मक ग्रंथ है जिसपर उन्हें देवीशंकर अवस्थी सम्मान 2020 से सम्मानित भी किया गया है। उनकी दूसरी पुस्तक ‘जो फ़्रेम में न थे’ (Jo Frame Men Na The) कहानी संग्रह है।

हिंदी भाषा के अन्य ब्लॉगों की सूची देखना चाहते हैं जो भाषा और साहित्य से इतर हैं तो आप गूगल पर सर्च कर लें। कई जगह वह सूची उपलब्ध है इसलिए उसे यहाँ नहीं दिया जा रहा है।

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