अनुस्मारक पत्र लेखन | Reminder

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अनुस्मारक:

अनुस्मारक को ही स्मरण या अनुस्मरण पत्र भी कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में Reminder कहते हैं। अनुस्मारक पत्र का अर्थ होता है बीती या विस्मृति बात को याद दिलाने वाला पत्र। दूसरे कार्यालय आलेखनों की तरह इसका प्रयोग भी सरकारी कामों में होता है। इसे सामान्य आलेखन भी कहा जा सकता है। इसका प्रयोग कभी-कभार होता है। यह बात विशेष रूप से ध्यान दी जानी चाहिए कि अनुस्मारक सरकारी, अर्धसरकारी पत्रों तथा कार्यालयी ज्ञापन के संदर्भ में ही प्रेषित किया जाता है। अधिसूचना, कार्यालय आदेश आदि के संदर्भ में अनुस्मारक नहीं भेजा जाता।

एक विभाग द्वारा दूसरे विभाग, एक कार्यालय द्वारा दूसरे कार्यालय को भेजे गए पत्र का उत्तर शीघ्र न मिलने पर पत्र भेजने वाला विभाग अनुस्मारक का प्रयोग करता है। इसका उद्देश्य होता है- उत्तर शीघ्र मांगना।

अनुस्मारक में पत्र का रूप प्राय: वैसा ही होता है, पहला पत्र जिस प्रारूप में भेजा गया रहता है। उसी प्रारूप को पुनः प्रेषित कर दिया जाता है। अर्थात सरकारी पत्र का अनुस्मारक सरकारी पत्र के प्रारूप में तथा अर्धसरकारी पत्र का अनुस्मारक अर्धसरकारी पत्र के प्रारूप में ही भेजा जाता है। अनुस्मारक में पिछले पत्र का संदर्भ स्पष्ट रूप से दिया जाता है और इसका आकार-प्रकार तथा रचना शैली बहुत संक्षिप्त होती है।

अनुस्मारक को एक, दो, तीन या और अधिक भी भेजना पड़ सकता है। अनुस्मारक यदि एकाधिक होते जाएं तो अनुस्मारक संख्या 1, 2, 3 आदि भी डाला जाता है। पूर्व अनुस्मारकों की संख्या तथा तिथि का उल्लेख भी किया जाता है।

अनुस्मारक की विशेषता:

  1. अन्य सरकारी पत्रों की अपनी कोई ना कोई विशेषता होती है परंतु अनुस्मारक की कोई अपनी विशेषता नहीं होती।
  2. इसका कलेवर प्रथम पत्र की तुलना में संक्षिप्त होता है। सांकेतिकता और संक्षिप्तता इसकी प्रमुख विशेता है।
  3. इसका काम है पूर्व भेजे गये पत्र का उत्तर समय पर न मिलने पर याद दिलाना।
  4. अनुस्मारक में पूर्व में भेजे गए पत्र के रूप को पुन: दुहरा दिया जाता है।1
  5. इसका रूप पूर्व में भेजे गये मूल पत्र जैसा ही होता है, जैसे यदि पूर्व पत्र सरकारी पत्र है तो उसके अनुस्मारक का रूप सरकारी पत्र जैसे होगा।
  6. अनुस्मारक में पूर्व में भेजे गए मूल पत्र का विषय, संदर्भ, तिथि आदि का जिक्र अनिवार्य रूप से होता है।
  7. इस पत्र के सबसे ऊपर अनुस्मारक शब्द लिखा जाता है। यदि पूर्व में एक या एक से अधिक अनुस्मारक भेजे जा चुके हैं तो ऊपर बीच में या दाईं ओर दूसरा अनुस्मारक, तीसरा अनुस्मारक आदि लिखा जाता है।

अनुस्मारक का प्रारूप:

अनुस्मारक का नमूना:

FAQ:

Q. अनुस्मारक कब लिखा जाता है?

Ans. ऐसे पत्र जिनका उत्तर एक निश्चित या अपेक्षित अवधि में प्राप्त नहीं होता तो पूर्व में भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए अनुस्मरण पत्र भेजा जाता है।

Q. अनुस्मारक क्यों लिखा जाता है?

Ans. जब किसी मंत्रालय, कार्यालय या विभाग से पूर्व पत्र में मांगी गई सूचना, निर्णय या टिप्पड़ी आदि उपयुक्त समय पर प्राप्त नहीं होती तब उसे प्राप्त करने के लिए अनुस्मारक लिखा जाता है।

Q. अनुस्मारक पत्र का अंग्रेजी रूप क्या है?

Ans. अनुस्मारक (Anusmarak) पत्र का अंग्रेजी रूप Reminder है।

Q. किसी पत्र के उत्तर या आवश्यक कार्यवाही हेतु पुनः स्मरण कराने हेतु कौन सा पत्र लिखा जाता है?

Ans. किसी पत्र के उत्तर या आवश्यक कार्यवाही हेतु पुनः स्मरण कराने हेतु अनुस्मारक (Reminder) पत्र लिखा जाता है।

Q. अनुस्मारक पत्र का उद्देश्य क्या है?

Ans. अनुस्मारक पत्र का उद्देश्य पूर्व में हुए पत्राचार का उत्तर समय पर प्राप्त न होने पर पुन: स्मरण कराना है।

Q. अनुस्मारक के शुरू में किसका हवाला दिया जाता है?

Ans. अनुस्मारक के शुरू में पूर्व पत्र का हवाला दिया जाता है।

संदर्भ:

1. कार्यालयी हिंदी- कैलाश नाथ पांडेय, 2013, पृष्ठ- 201