प्रमुख स्वच्छंदतावादी आलोचक और आलोचना ग्रंथ सूची

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स्वच्छंदतावादी आलोचक और आलोचना

स्वच्छंदतावादी आलोचना

हिंदी साहित्य में ‘स्वच्छंदतावाद’ का प्रयोग पाश्चात्य साहित्य चिंतन के ‘रोमांटिसिज्म’ के लिए किया जाता है। हिंदी साहित्य में छायावाद के अभ्युदय के साथ ही आलोचना के क्षेत्र में स्वच्छंदतावादी प्रवृतियाँ उभरने लगी थी। मूलतः स्वच्छंदतावादी आलोचना, प्रगतिवादी आलोचना के विरोध में उभर कर आई। इलाहाबाद में गठित ‘परिमल’ संस्था की मुख्य भूमिका थी। इन आलोचकों में धर्मवीर भारती, केशवचंद्र वर्मा, लक्ष्मीकांत वर्मा, रघुवंश, विजयदेव नारायण साही, इलाचंद्र जोशी, अज्ञेय तथा देवराज आदि प्रमुख थे। ‘स्वच्छंदतावादी आलोचक’ किसी भी वाद या विचारधारा या सिद्धांत से मुक्त होकर अपने निजी विचारों से संचालित होता है। इनके यहाँ आलोचना की स्वच्छंदतावादी दृष्टि दिखाई पड़ती है। नीचे प्रमुख स्वच्छंदतावादी आलोचक और उनके आलोचना ग्रन्थों की सूची दी जा रही है।

प्रमुख स्वच्छंदतावादी आलोचक और आलोचना ग्रंथ सूची-

swchhndtavadi aalochk aur aalochna ग्रन्थों की सूची निम्नलिखित है-

 इलाचंद्र जोशी-
1. साहित्य सर्जना2. विवेचना
3. साहित्य-संतरण4. विश्लेषण
5. साहित्य-चिंतन6. देखा-परखा
 इलाचंद्र जोशी
हीरानंद सच्चीदानंद वात्सायन ‘अज्ञेय’
1. त्रिशंकु2. आत्मनेपद
3. अद्यतन4. संवत्सर
5. स्मृति-लेखा6. केंद्र और परिधि
7. पुष्करिणी8. जोग लिखि
9. सर्जना और संदर्भ10. आधुनिक हिंदी साहित्य
11. कवि-दृष्टि
अज्ञेय
धर्मवीर भारती-
1. प्रगतिवाद: एक समीक्षा  2. साहित्य  और मानव मूल्य
3. पश्यन्ती4. सिद्ध साहित्य
धर्मवीर भारती
डॉ. रघुवंश-
1. साहित्य का नया परिप्रेक्ष्य2. समसामयिकता और आधुनिक हिंदी कविता
3.  आधुनिकता और सर्जनशीलता4. भारती का काव्य
5. कबीर: एक नयी दृष्टि6. जायसी: एक नयी दृष्टि
 डॉ. रघुवंश
रामस्वरूप चतुर्वेदी-
1. हिंदी नवलेखन2. भाषा: संवेदना और सर्जना
3. अज्ञेय: आधुनिक रचना की समस्या4. कामायनी का पुनर्मूल्यांकन
5. इतिहास और आलोचक दृष्टि6. हिंदी गद्य: विन्यास और विकास
7. भारत और पश्चिम: संस्कृति के अस्थिर संदर्भ8. ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल: आलोचना का अर्थ: अर्थ की आलोचना’
9. मध्यकालीन हिंदी काव्य-भाषा10. भक्ति-काव्य-यात्रा
11. आधुनिक कविता-यात्रा12. हिंदी काव्य का इतिहास
13. तारसप्तक से गद्य कविता14. कविता का पक्ष
15. सर्जन और भाषिक संरचना16. काव्यभाषा पर तीन निबंध
17. प्रसाद-निराला-अज्ञेय18. साहित्य के नये दायित्व
19. आलोच-कथा20. समकालीन हिंदी साहित्य: विविध
21. परिदृश्य, नयी कविता: एक साक्ष्य22.  
रामस्वरूप चतुर्वेदी
विजय देव नारायण साही-
1. साहित्य और साहित्यकार का दायित्व2. जायसी
3. छठवाँ दशक4. साहित्य क्यों?
5. वर्धमान और पतनशील6. शमशेर की काव्यानुभूति की बनावट
7. लघुमानव के बहाने हिंदी कविता पर एक बहस8.     
विजय देव नारायण साही
डॉ. देवराज-
1. छायावाद का पतन2. नई कविता
3. साहित्य-चिंता4. आधुनिक समीक्षा: कुछ समस्यायें
5. प्रतिक्रियाएं6. ‘छायावाद: उत्थान, पतन पुनर्मूल्यांकन’
7. साहित्य, समीक्षा और संस्कृति-बोध’8.     
डॉ. देवराज
इंद्रनाथ मदान-
1. प्रेमचंद: एक विवेचन2. किसान और अछूत
3. हिंदी कहानी4. आधुनिकता और हिंदी साहित्य
5. आधुनिकता और हिंदी उपन्यास6. आधुनिकता और हिंदी आलोचना 
7. हिंदी उपन्यास : एक नयी दृष्टि8. आज का हिंदी उपन्यास
9. आलोचना और काव्य10. आधुनिक कविता का मूल्यांकन
11. निराला,  मध्यवर्ग, भूमिपति, उद्योगपति आदि
इंद्रनाथ मदान
देवीशंकर अवस्थी-
1. विवेक के रंग2. नयी कहानी: संदर्भ और प्रकृति
3. अठारवीं शताब्दी के ब्रजभाषा काव्य में प्रेमा भक्ति4. रचना और आलोचना
5. साहित्य विधाओं की प्रकृति6. आलोचना और आलोचना
7. भक्ति का संदर्भ8. आलोचना का द्वंद्व
देवीशंकर अवस्थी

अन्य स्वच्छंदतावादी आलोचक और आलोचना-

1. गिरजाकुमार माथुरनयी कविता- सीमाएं और संभावनाएं
2. लक्ष्मीकांत वर्मानई कविता के प्रतिमान,
नये प्रतिमान पुराने निकष
3. डॉ. जगदीश गुप्तनई कविता: स्वरूप और समस्याएँ,
नई कविता: शक्ति और सीमा
4. डॉ. जगदीश कुमारनयी कविता की चेतना,
नयी कविता विलायती संदर्भ,
शमशेर का काव्यलोक
5. डॉ. देवराज उपाध्यायरोमांटिक साहित्य,
यात्रा साहित्य का मनोवैज्ञानिक अध्ययन,
आधुनिक हिंदी कथा साहित्य और मनोविज्ञान
6. विपिन कुमार अग्रवालआधुनिकता के पहलू
7. मलयजकविता से साक्षात्कार,
हँसते हुए मेरा अकेलापन,
संवाद और एकालाप,
रामचन्द्र शुक्ल
8. रामकुमार वर्मासाहित्य समालोचना,
आलोचनादर्श
9. रामदहिन मिश्रकाव्य दर्पण,
काव्य विमर्श
10. हरिवंशराय बच्चनकवियों में संत, सुमित्रानंदन पंत
11. केशवचंद्र वर्मापरिमल: स्मृतियों का दस्तावेज
12. जगदीश गुप्त, विजयदेव नारायण साही, रामस्वरूप चतुर्वेदीनयी कविता- सिद्धांतिक पक्ष,
नयी कविता- रचना पक्ष,
नयी कविता- काव्य पक्ष,
स्वच्छंदतावादी आलोचना-
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