संकल्प:
शासन के स्तर पर सार्वजानिक हित से संबंधित किसी विषय पर जब कोई निर्णय लिया जाता है तो वह ‘संकल्प’ या ‘प्रस्ताव’ कहलाता है। इसे अंग्रेजी में Resolution कहते हैं। संकल्प का शाब्दिक अर्थ है निश्चय। किसी भी निश्चय पर पहुँचने के लिए विचार-विमर्श और संवाद की आवश्यकता पढ़ती है। इसीलिए संकल्प का व्यवहार उस स्थिति में किया जाता है जब किसी एक या अनेक विषयों पर अन्य व्यक्तियों से विचार-विमर्श करना होता है। सभी परामर्शों पर विचार करने के बाद ही सरकार कोई फैसला लेती है।
अत: कहा जा सकता है कि, संकल्प एक ऐसा पत्र है जिसके जरिए सरकार किसी विषय पर विचार-विमर्श और तर्क-वितर्क के बाद अपना मंतव्य व्यक्त करती है। कोई सरकार निम्नलिखित स्थितियों में संकल्प का प्रयोग करती है-
- जब कोई सरकार नीति संबंधी महत्त्वपूर्ण मामलों पर अपने निर्णय की सार्वजानिक घोषणा करना चाहती है।
- जब उसे किसी जाँच आयोग या जाँच समिति के गठन तथा उसके अध्यक्ष एवं सदस्यों के नियुक्ति की घोषणा करनी होती है।
- जब उसे किसी जाँच आयोग या जाँच समिति के द्वारा लिए गए निर्णयों की सार्वजानिक घोषणा करनी होती है।
अधिसूचना और संकल्प का प्रारूप एक जैसा होता है। संकल्प का प्रारूप तैयार करते समय यह सावधानी रखी जाती है कि इसमें कोई भूल या त्रुटि न रह जाए और कहीं काट-छाँट न हो। संकल्प का प्रकाशन भी अधिसूचना की तरह भारत या राज्य सरकार के राजपत्र में किया जाता है। इसके प्रारंभ में ही (कोष्ठक में) यह निदेश दिया जाता है कि इसका प्रकाशन भारत या राज्य सरकार के राजपत्र में किस भाग और किस खंड में किया जाएगा।
इसके कलेवर के अंत में भी यह आदेश दिया जाता है कि इसका प्रकाशन सरकार के राजपत्र में किया जाए तथा इसकी एक-एक प्रति संबंधित सदस्यों को दी जाए। इसकी मूल प्रति प्रबंधक, भारत या राज्य सरकार प्रेस को भेजी जाती है जिस पर संयुक्त सचिव या समकक्ष अधिकारी का हस्ताक्षर होते हैं। प्रेस को भेजी जाने वाली प्रति पर पृष्ठांकन नहीं होता। अन्य प्रतियों पर संबंध व्यक्तियों / कार्यालयों को पृष्ठांकन किया जाता है जिस पर सामान्यतया अवर सचिव का हस्ताक्षर होता है। संकल्प सदैव अन्य पुरुष में लिखा जाता है। इसमें संबोधन, स्वनिर्देश या अधोलेख नहीं होते।
संकल्प के भाग:
संकल्प के तीन भाग होते हैं-
1. प्रस्तावना (Preamble):
प्रस्तावना में पूर्व पत्रों, निर्देशों, संकल्पों और विषय की स्थिति आदि का आवश्यकतानुसार उल्लेख होता है। साथ ही संकल्प के पीछे दिए गए कारणों, तर्कों एवं भाव को भी संक्षेप में दिया जाता है।
2. संकल्प (Resolution):
संकल्प में प्रस्तावना से संबद्ध निर्णय की घोषणा होती है अर्थात सरकार का निर्णय रहता है।
3. आदेश (Order):
आदेश में कार्यवाही करने का अनुदेश रहता है। इसे मोटे अक्षरों में रेखांकित करके लिखा जाता है।
संकल्प का नमूना:
(भारत के राजपत्र के भाग-1, खंड- 1 में प्रकाशनार्थ)
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
नई दिल्ली
दिनांक 23 मई, 2023
संकल्प
राजस्व संग्रह से संबंधित विभागों और सेवाओं की कार्यकुशलता को और भी सुधारने का प्रश्न भारत सरकार के विचाराधीन रहा है और इस दिशा में पहला कदम यह उठाया गया है कि राष्ट्रपति महोदय ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 307 के संबंध में दिए गए अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए निश्चय किया है कि दिनांक 01 अप्रैल, 2024 से ‘भारतीय राजस्व सेवा’ नाम से पहली श्रेणी की एक केंद्रीय सेवा की स्थापना की जाए।
ह.
(तरुण विश्नोई)
संयुक्त सचिव, भारत सरकार
सेवा में,
प्रबंधक
भारत सरकार प्रेस
फरीदाबाद
सं. 179/2023/वि.म.का.
नई दिल्ली
दिनांक- 23 मई, 2023
आदेश
आदेश है कि इस संकल्प की एक-एक प्रति समिति के सभी सदस्यों को दी जाए। यह भी आदेश दिया जाता है कि इसे भारत के राजपत्र में जनसाधारण की सूचना के लिए प्रकाशित किया जाए।
प्रति:
प्रतिलिपि सूचना के लिए निम्नलिखित को प्रेषित-
- वित्त मंत्रालय के अंतर्गत सभी विभाग / मंत्रालय
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
- प्रधानमंत्री कार्यालय
- सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिव
ह.
(कंचन राठौर)
अवर सचिव, भारत सरकार