अधिसूचना:
अधिसूचना या विज्ञप्ति भी कार्यालयी आलेखन का एक रूप है। इसे अंग्रेजी में Notification कहा जाता है। विभिन्न मंत्रालयों / विभागों द्वारा इसे प्रयोग में लाया जाता है। सरकारी विभागों से तरह-तरह की सूचनाएं, आदेश, निर्देश, प्रस्ताव आदि समय-समय पर निर्गत होते रहते हैं। अधिसूचना भी इसी प्रक्रिया का एक अंग है। सरकारी कामकाज में इसका विशेष महत्त्व होता है। किसी भी तरह के पत्राचार का प्रकाशन नहीं होता, लेकिन अधिसूचना भेजी भी जाती है और प्रकाशित भी होती है। इसीलिए इसे विशिष्ट तरह का आलेखन कहा जाता है।
केंद्रीय एवं प्रादेशिक सरकारों द्वारा आमजन के सूचनार्थ और अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए जो घोषणएं उनके राजपत्रों में प्रकाशित होती हैं, उन्हें अधिसूचना कहा जाता है। अर्थात सरकारी सूचना को ही अधिसूचना कहते हैं और सरकारी अधिसूचनाएँ सामान्यतः भारत के राजपत्र (गजट) में प्रकाशित होती हैं।
अधिसूचना में राजपत्रित अधिकारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थांतरण, प्रतिनियुक्ति, वेतन तथा अवकाश आदि की सूचना; अध्यादेश, अधिनियम या विनिमय, सांविधिक नियमों एवं आदेशों की सूचना; विभिन्न मंत्रालयों के संकल्प तथा असांविधिक आदेश आदि की सूचना देने के लिए निकाली जाती है। भारत सरकार के राजपत्र (गजट) में प्रकाशित होने वाली ये सूचनाएं ही अधिसूचना कहलाती हैं।
अधिसूचना पर सचिव, संयुक्त सचिव या उससे वरिष्ठ अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं, तदुपरांत राजपत्र में प्रकाशनार्थ भारत सरकार के प्रेस में भेज दिया जाता है। सामान्यतः राजपत्र का प्रकाशन मासिक होता है। परन्तु यदि कोई अधिसूचना इतनी महत्वपूर्ण हो कि उसे तुरंत प्रकाशित करना आवश्यक हो, इस स्थिति में राजपत्र का विशेष संस्करण निकाला जाता है।
अधिसूचना की विशेषताएं:
- यह सरकार और जनता के बीच पुल का काम करता है।
- अधिसूचना या विज्ञप्ति में किसी प्रकार का संबोधन या अधोलेखन नहीं होता।
- अधिसूचना को हमेशा अन्य पुरुष में लिखा जाता है।
- अधिसूचना अनिवार्य रूप से राजपत्र में प्रकाशित होती है।
- अधिसूचना के आरंभ में ही यह निर्देश दिया जाता है कि यह राजपत्र के किस भाग और किस खंड में प्रकाशित होगी।
- इसमें मंत्रालय का नाम, भेजने वाले का हस्ताक्षर, पदनाम, दिनांक एवं अधिसूचना संख्या आदि का उल्लेख किया जाता है।
- अधिसूचना में कहीं भी काट-छांट या संशोधन नहीं होना चाहिए।
- मसौदे की प्रथम टंकण प्रति ही प्रेस में भेजी जाती है।
- सरकारी सूचना को ही अधिसूचना कहा जाता है। अर्द्धसरकारी या गैर सरकारी संस्थान अधिसूचना नहीं निकाल सकते।
- अधिसूचना का प्रयोग केवल विधिक नियमों तथा आदेशों की घोषणा करने के लिए किया जाता है।
- यह सूचनार्थ होती है इसलिए प्रत्युत्तर की उम्मीद नहीं की जाती।
विज्ञप्ति और प्रेस विज्ञप्ति में अंतर:
कभी-कभी अधिसूचना / विज्ञप्ति और प्रेस विज्ञप्ति को एक ही मान लिया जाता है। जबकि विज्ञप्ति और प्रेस विज्ञप्ति अलग-अलग तरह के आलेखन हैं। इनका प्रयोग भी अलग-अलग संदर्भों में किया जाता है। सार्वजानिक सूचना के लिए अखबारों में छपने वाली विज्ञप्ति प्रेस विज्ञप्ति कहलाती है और सरकारी गजट में छपने वाली तथा सरकार के प्रयोग में आने वाली विशेष सूचना विज्ञप्ति या अधिसूचना कहलाती है। प्रेस विज्ञप्ति सार्वजानिक हित में छपी नयी सूचना होती है जिसका दायरा छोटा होता है, वह केवल सूचना होती है, जबकि अधिसूचना का संबंध प्रशासनिक क्षेत्रों से होता है, उसे रिकार्ड के रूप में रखा जाता है। इन दोनों के लिए अंग्रेजी शब्द भी अलग-अलग हैं। यदि कोई अधिसूचना बहुत अधिक सार्वजनिक महत्व की है तो सरकार का प्रेस व्यूरो एक स्वतंत्र प्रेस विज्ञप्ति या प्रेस नोट लिखवाकर समाचार पत्रों में प्रकाशनार्थ भेजता है।
अधिसूचना / विज्ञप्ति के अंग:
अधिसूचना के निम्नलिखित अंग हैं-
1. राजपत्र का भाग एवं खंड:
चूँकि अधिसूचना गजट में प्रकाशित होती है इसलिए अधिसूचना में सबसे ऊपर, मध्य में कोष्टक के भीतर इस बात का निर्देश दिया जाता है कि उसे भारत के राजपत्र (गजट) किस भाग एवं खंड में प्रकाशित किया जाएगा; जैसे-
(भारत के राजपत्र भाग…… खंड….. में प्रकाशनार्थ)
(भारत का राजपत्र पांच भागों में विभाजित है। पहला, दूसरा और तीसरे भाग में चार खंड हैं, जिसमें अलग-अलग प्रकार की सूचनाएं प्रकाशित होती हैं। वहीँ चौथे और पांचवे भाग में क्रमशः गैर सरकारी व्यक्तियों एवं निकायों के विज्ञापन तथा जन्म-मृत्यु संबंधी आंकड़े प्रकाशित किए जाते हैं। राजपत्र का दूसरा भाग नई दिल्ली और शेष भाग फरीदाबाद से प्रकाशित होता है।)
2. फाइल संख्या:
राजपत्र का भाग और खंड के नीचे अधिसूचना में ‘फाइल संख्या’ लिखी जाती है; जैसे-
सं. …….
कुछ मंत्रालय अथवा कार्यालय हस्ताक्षर के ऊपर भी फाइल संख्या लिखते है।
3. सरकार एवं मंत्रालय / विभाग का नाम:
फाइल संख्या के ठीक नीचे (बीच में) पहली पंक्ति में सरकार का नाम, दूसरी पंक्ति मंत्रालय तथा विभाग का नाम और तीसरी पंक्ति में कार्यालय का नाम लिखा जाता है;
भारत सरकार
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय
केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान
4. स्थान एवं तिथि:
सरकार और मंत्रालय के नीचे दायीं तरफ पता, स्थान व दिनांक लिखा जाता है; जैसे-
सातवां तल, पर्यावरण भवन,
सी.जी.ओ. काम्प्लेक्स, लोधी रोड,
नई दिल्ली- 110003
मार्च 08, 2022
5. अधिसूचना:
मंत्रालय और विभाग के बाद बीच में अधिसूचना लिखा जाता है। इसे मोटे अक्षरों में या अंदरलाइन करके लिखा जाता है; जैसे-
अधिसूचना
(जब अधिसूचना का संबंध संकल्प, विधेयक, अध्यादेश आदि से होता है तो अधिसूचना की जगह संकल्प, विधेयक, अध्यादेश आदि लिखा जाता है।)
6. विषयवस्तु:
अधिसूचना लिखने के बाद सीधे विषयवस्तु लिखा जाता है। इसमें जिस अधिसूचना द्वारा सांविधिक नियमों या आदेशों की घोषणा की जाती है, उसकी आदेश संख्या भी दिया जाता है।
7. हस्ताक्षर और पद:
विषय विस्तार के बाद दायीं तरफ निदेशक, संयुक्त या मुख्य सचिव का हस्ताक्षर, नाम और पदनाम लिखा जाता है; जैसे-
हस्ताक्षर
(क ख ग)
मुख्य सचिव
गृह मंत्रालय
मूल अधिसूचना पर जहाँ संयुक्त सचिव / उप सचिव के हस्ताक्षर होते हैं वहीं पृष्ठांकन पर अवर या उपसचिव हस्ताक्षर करता हैं। अर्थात अधिसूचना के अंत में भी बायीं तरफ अवर या उप सचिव का हताक्षर, नाम और पदनाम लिखा जाता है; जैसे-
हस्ताखर
(च छ ज)
उपसचिव
भारत सरकार
अधिसूचना में सक्षम अधिकारी का हस्ताक्षर स्याही से होना चाहिए, कृते के रूप में किसी अन्य का नहीं।
8. सेवा में:
सचिव के हस्ताक्षर एवं पदनाम के बाद बाईं तरफ सेवा में, प्रबंधक, भारत सरकार मुद्रालय का उल्लेख किया जाता है; जैसे-
सेवा में,
प्रबंधक,
भारत सरकार मुद्रालय
फरीदाबाद।
9. पृष्ठांकन:
सेवा में, के बाद जिन-जिन को अधिसूचनाओं की प्रतिलिपि पृष्ठांकित की जाती हैं, का उल्लेख होता है। अधिसूचना का संबंध जिस विभाग, व्यक्ति से होता है उसके पास वह पृष्ठांकन करके भेज दी जाती है; जैसे-
प्रतिलिपि सूचना के लिए निम्नलिखित को प्रेषित-
1. ……………..
2. ……………..
3. ……………..
प्रेस को भेजी जाने वाली प्रति को छोड़कर अन्य प्रतियों में पृष्ठांकन अनिवार्य रूप से होता है। लेकिन जिस अधिसूचना के द्वारा सांविधिक नियमों, आदेशों आदि की घोषणा की जाती है उसकी प्रतिलिपियों को अन्यंत्र भेजने की आवश्यकता नहीं होती।
अधिसूचना का प्रारूप:
अधिसूचना का नमूना:
FAQ:
Ans. अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य विविध सरकारी प्रयोजन की सूचना आदि देना होता है।
Ans. राजपत्रित अधिकारीयों के सेवा विवरण को अधिसूचना द्वारा संरक्षित एवं सुरक्षित किया जाता है?
Ans. अधिसूचना का प्रकाशन भारत के राजपत्र (गजट) में होता है।
Ans. अधिसूचना का प्रयोग राजपत्रित अधिकारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थांतरण, प्रतिनियुक्ति, वेतन तथा अवकाश आदि की सूचना; अध्यादेश, अधिनियम या विनिमय, सांविधिक नियमों एवं आदेशों की सूचना आदि देने के लिए किया जाता है।
Ans. अधिसूचना या विज्ञप्ति अन्य पुरुष शैली में लिखी जाती है।
Ans. कार्यालय आदेश का प्रभाव केवल संबंधित कार्यालय के अधीनस्थों तक ही सीमिति होता है जबकि अधिसूचना का प्रभाव जन-साधारण तक होता है। कार्यालय आदेश अनिवार्य अनुपालनार्थ जारी किया जाता है जबकि अधिसूचना मात्र सूचनार्थ जारी की जाती है।