पावती:
जब कोई मंत्रालय, विभाग या कार्यालय अन्य कार्यालय से प्राप्त पत्र पर प्राप्ति की सूचना भेजता है तो भेजी जाने वाली प्राप्ति की सूचना को पावती कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में Acknowledgement कहा जाता है। यह एक रसीद पत्र है जो दस्तावेजों की प्राप्ति की पुष्टि करता है। किसी भी विभाग या कार्यालय को किसी अन्य कार्यालय या विभाग का कोई विशेष दस्तावेज़ प्राप्त होता है, तो उन्हें मेल या डाक के माध्यम से पावती भेजना आवश्यक है। यह दूसरे पक्ष का दस्तावेज़ प्राप्त होने की पुष्टि करता है।
पावती पत्र:
पावती में पत्र भेजने वाला पत्र के अंत में ‘कृपया पावती दें’ या ‘कृपया पावती भेजें’ लिखता है, जिसके उत्तर में पावती भेजी जाती है। पावती पत्र शासकीय पत्रों का औपचारिक एवं संक्षिप्त उत्तरात्मक पत्र होता है। पावती पत्र पहले से छपे हुए होते हैं अर्थात कार्यालय में पहले से उसकी रूपरेखा मौजूद होती है। इसमें पत्र की संख्या व दिनांक अंकित कर भेज दिया जाता है। इसकी रूपरेखा व भाषा बिल्कुल पत्र के समान होती है।
पावती पत्र के प्रारूप में प्रेषक का नाम और पता शामिल होना चाहिए। साथ ही वर्तमान तिथि भी दिया जाना चाहिए। पत्र के आरंभ में ही पत्र का विषय दिया जाना चाहिए। इसमें दस्तावेज़ या प्राप्त उत्पाद प्राप्त करने के लिए ‘पावती पत्र’ या ‘प्राप्ति सूचना’ का उल्लेख होना चाहिए।
सरकारी कार्यालयों द्वारा प्रकाशन से संबंधित अनुभाग ऐसी पावती का अधिकतम प्रयोग प्राप्त लेखों के लेखकों के लिए करते हैं।
पावती पत्र के प्रकार:
पावती पत्र विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं; जैसे दस्तावेज भेजते या प्राप्त करते समय, व्यवसायों के लिए, परियोजनाओं के लिए, त्याग पत्र आदि के लिए।
पावती पत्र का प्रारूप:
सं. ………….
मंत्रालय………..
विभाग या कार्यालय………….
कार्यालय का पता……………
दिनांक …………..
सेवा में,
प्रेषक का नाम………
पता………..
विषय: प्राप्ति सूचना
प्रिय महोदय/महोदया,
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धन्यवाद
भवदीय
ह.
(क. ख. ग)
पावती पत्र का नमूना:
सं. 12/2023
भारत सरकार
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
केंद्रीय हिंदी निदेशालय
पश्चिमी खंड- 7
रामकृष्ण पुरम, नई दिल्ली-110066
दिनांक 25 जुलाई 2023
सेवा में,
श्री प्रेमचंद
लमही, बनारस
उत्तर प्रदेश
विषय: प्राप्ति सूचना
प्रिय महोदय,
आपका लेख शीर्षक ‘साहित्य का उद्देश्य’ प्राप्त हुआ। धन्यवाद। लेख की उपयोगिता से आपको यथासमय अवगत करा दिया जाएगा। कृपया पत्राचार न करें।
धन्यवाद
भवदीय
ह.
(हर्षवर्धन त्यागी)