समकालीन हिंदी आलोचना में कई आलोचना दृष्टियों को आप देख सकते हैं । इस दौर में कविता केन्द्रित आलोचना व्यापक स्तर पर दिखाई देता ही है, साथ में कथा एवं नाट्य आलोचना भी महत्वपूर्ण रूप से उभर कर आती है। मधुरेश के शब्दों में समकालीन हिंदी आलोचना (samkalin hindi aalochna) का परिदृश्य तीखे वाद-विवाद-संवाद और उग्र असहमतियों के रहते पर्याप्त उत्तेजक और थरथराहट भरा है।
इस पोस्ट में आप समकालीन हिंदी कविता आलोचना (samkalin hindi kavita aalochna) के आलोचकों (aalochkon) एवं उनके ग्रंथों के बारे में जान सकते हैं। नीचे निम्नलिखित आलोचकों और उनके ग्रंथों की सूची दी जा रही है।
समकालीन हिंदी काव्य आलोचना सूची
samkalin hindi kavita aalochna aur aalochkon की सूची निम्नलिखित है-
डॉ बच्चन सिंह
1. क्रांतिकारी कवि निराला | 2. हिंदी नाटक |
3. समकालीन साहित्य : आलोचना की चुनौती | 4. बिहारी का नया मूल्यांकन |
5. आधुनिक हिंदी आलोचना के बीज-शब्द | 6. साहित्य का समाजशास्त्र |
7. आलोचक और आलोचना | 8. उपन्यास का काव्यशास्त्र |
9. आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास | 10. हिंदी साहित्य का दूसरा इतिहास |
11. रीतिकालीन कवियों की प्रेम-व्यंजना | 12. आचार्य रामचंद्र शुक्ल का इतिहास पढ़ते हुए |
शिवप्रसाद सिंह
1. विद्यापति | 2. सूर पूर्व ब्रजभाषा और उसका साहित्य |
3. शांतिनिकेतन से शिवालिक (सं.) | 4. कीर्तिलता और अवहट्ट भाषा |
5. आधुनिक परिवेश और अस्तित्ववाद | 6. |
गणपतिचन्द्र गुप्त
1. भारतीय एवं पश्चात् काव्य-सिद्धांत | 2. साहित्य-विज्ञान |
3. रस-सिद्धांत का पुनर्विवेचन | 4. महादेवी का नया मूल्यांकन |
प्रेम शंकर
1. प्रसाद का काव्य | 2. कामायनी का रचना संसार |
3. हिंदी स्वच्छन्दतावादी काव्य | 4. भक्ति चिंतन की भूमिका |
5. भक्तिकाव्य की भूमिका | 6. रामकाव्य और तुलसी |
7. कृष्ण काव्य और सूर | 8. भक्तिकाव्य का समाजशास्त्र |
9. नयी कविता की भूमिका | 10. रचना और राजनीती |
निर्मला जैन
1. रस सिद्धांत और सौन्दर्यशास्त्र | 2. हिंदी आलोचना बीसवीं शताब्दी |
3. आधुनिक साहित्य: मूल्य और मूल्यांकन | 4. आधुनिक हिंदी काव्य: रूप और संरचना |
5. ‘कथा प्रसंग, यथा प्रसंग’ | 6. कथा समय में तीन हमसफर |
7. कथा और समय का सच | 8. नयी समीक्षा के प्रतिमान |
9. पाश्चात्य साहित्य चिंतन | 10. साहित्य का समाजशास्त्रीय चिंतन |
11. हिंदी आलोचना का दूसरा पाठ | 12. अनुवाद मीमांसा |
13. काव्य चिंतन की पश्चिमी परम्परा | 14. |
विष्णुचंद्र शर्मा
1. काल से होड़ लेता शमशेर | 2. राहुल का भारत |
3. ग़ालिब और निराला | 4. ‘नागार्जुन’ एक लंबी जिरह |
विश्वनाथ त्रिपाठी
1. लोकवादी तुलसीदास | 2. मीरा का काव्य |
3. देश के इस दौर में | 4. हिंदी आलोचना |
5. कुछ कहानियाँ: कुछ विचार | 6. |
परमानंद श्रीवास्तव
1. नयी कविता का परिपेक्ष्य | 2. ‘कवि-कर्म और काव्य-भाषा: संदर्भ छायावाद’ |
3. समकालीन कविता का यथार्थ | 4. समकालीन कविता का व्याकरण |
5. शब्द और मनुष्य | 6. कविता का यथार्थ |
7. कविता का उत्तर जीवन | 8. कहानी की रचना प्रक्रिया |
9. उपन्यास की रचना प्रक्रिया | 10. जैनेन्द्र और उनके उपन्यास |
11. उपन्यास का यथार्थ और रचनात्मक भाषा | 12. उत्तर-समय में साहित्य |
13. उपन्यास का पुनर्जन्म | 14. आलोचना की संस्कृति |
15. आलोचना का रहस्यवाद | 16. अँधेरे समय में शब्द |
17. महादेवी, निराला आदि | 18. |
नंदकिशोर नवल
1. कविता की मुक्ति | 2. हिंदी आलोचना का विकास |
3. प्रेमचंद का सौन्दर्यशास्त्र | 4. कविता के आर-पार |
5. मुक्तिबोध | 6. ज्ञान और संवेदना |
7. समकालीन काव्य-यात्रा | 8. मुक्तिबोध: ज्ञान और संवेदना |
9. निराला और मुक्तिबोध: चार लंबी कविताएँ | 10. निराला की तीन लंबी कविताएँ |
11. निराला: कृति से साक्षात्कार (2 खंड) | 12. निराला काव्य की छवियाँ |
13. शब्द जहाँ सक्रिय है | 14. रचना का पक्ष |
15. नागार्जुन और उनकी कविता | 16. ‘हिंदी कविता : अभी, बिल्कुल अभी’ |
17. शताब्दी की कविता | 18. निराला कवि छवि |
19. रचनालोक | 20. ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी और मुक्तिबोध पर मोनोग्राफ’ |
21. कवि अज्ञेय, सूरदास, तुलसीदास, मैथिलीशरण रीतिकाव्य, हाशिया आदि | 22. |
धनंजय वर्मा
1. निराला : काव्य और व्यक्तित्व | 2. आस्वाद के धरातल |
3. निराला काव्य : पुनर्मूल्यांकन | 4. आलोचना की रचना यात्रा |
5. हस्तक्षेप | 6. आधुनिकता के बारे में तीन अध्याय |
अशोक वाजपेयी
1. फिलहाल | 2. कुछ पूर्वग्रह |
3. सीढ़ियाँ शुरू हो गई हैं | 4. कवि कह गया है |
5. पाव भर जीरे में ब्रम्ह भोज | 6. कविता का जनपद |
7. कविता का गल्प | 8. कविता के तीन दरवाज़े |
9. निर्मल वर्मा | 10. |
निर्मल वर्मा
1. शब्द और स्मृति | 2. कला का जोखिम |
3. ढलान से उतरते हुए | 4. भारत और यूरोप: प्रतिश्रुति के क्षेत्र |
5. दूसरे शब्दों में | 6. ‘आदि, अंत और आरम्भ’ |
रमेश चंद्र शाह
1. छायावाद की प्रसंगिकता | 2. समानांतर |
3. वागर्थ | 4. सबद निरंतर |
5. भूलने के विरुद्ध | 6. आलोचना का पक्ष |
नरेश मेहता
1. मुक्तिबोध एक अवधूत कविता | 2. शब्द-पुरुष अज्ञेय |
3. काव्य का वैष्णव व्यक्तित्व | 4. हम अनिकेतन |
नंद किशोर आचार्य
1. अज्ञेय की काव्यतितीर्षा | 2. रचना का सच |
3. सर्जक का मन | 4. साहित्य का स्वभाव |
5. अनुभव का भव | 6. नाट्यानुभव |
7. अर्ध विराम | 8. |
प्रभाकर श्रोत्रिय
1. संवाद | 2. रचना एक यातना है |
3. कविता की तीसरी आँख | 4. जयशंकर प्रसाद की प्रासंगिकता |
5. सौन्दर्य का तात्पर्य | 6. साहित्य के नये प्रश्न |
7. अतीत के हंस: मैथिलीशरण गुप्त | 8. मेघ दूत: एक अंतर्यात्रा |
9. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ : मनुष्य और स्रष्टा | 10. |
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
1. आधुनिक हिंदी कविता | 2. समकालीन हिंदी कविता |
3. रचना के सरोकार | 4. रामविलास शर्मा |
5. नये साहित्य का तर्कशास्त्र | 6. कालयात्री है कविता |
7. कविता क्या है | 8. निराला (सं.) |
9. गद्य के प्रतिमान (सं.) | 10. |
डॉ. हरदयाल
1. हिंदी कविता का समकालीन परिदृश्य | 2. आधुनिक हिंदी कविता का अभिव्यंजना शिल्प |
3. समकालीन अनुभव और कविता की रचना प्रकिया | 4. कविराजा बाँकीदास: जीवन और साहित्य |
5. हिंदी कविता: आठंवा दशक | 6. आधुनिक हिंदी कविता |
7. हिंदी कहानी: परम्परा और प्रगति | 8. |
सुधीश पचौरी
1. नयी कविता का वैचारिक आधार | 2. आलोचना से आगे |
3. कविता का अंत | 4. साहित्य का उत्तरकांड |
5. उत्तर आधुनिक साहित्य विमर्श | 6. रीतिकाल : सेक्सुअलिटी का समारोह |
7. प्रसार भारती और प्रसार नीति | 8. |
समकालीन हिंदी कविता के अन्य आलोचक और आलोचना ग्रंथ सूची–
1. कुंवर नारायण | शब्द और देशकाल, आज और आज से पहले, रुख़ |
2. नरेश मेहता | मुक्तिबोध एक अवधूत कविता, शब्द-पुरुष अज्ञेय, काव्य का वैष्णव व्यक्तित्व, हम अनिकेतन |
3. कुमार विकल | सौन्दर्यशास्त्र के तत्व, छायावाद का सौन्दर्यशास्त्रीय अध्ययन, कला विवेचन |
4. राममूर्ति त्रिपाठी | रहस्यवाद, भारतीय काव्य-शास्त्र के नये क्षितिज, भारतीय काव्य-शास्त्र: नवमुल्यांकन, तुलनात्मक काव्यशास्त्र |
5. देवेन्द्र नाथ शर्मा | पश्चात्य काव्यशास्त्र, काव्य के तत्व, राष्ट्रभाषा हिंदी: समस्याएं और समाधान |
6. विद्यानिवास मिश्र | हिंदी की जनपदीय कविता, रीति विज्ञान, साहित्य का प्रयोजन, भारतीयता की पहचान |
7. विष्णु खरे | आलोचना की पहली किताब |
8. मदन सोनी | कविता का व्योम और व्योम की कविता, विषयांतर, कथा पुरुष निर्मल वर्मा |
9. वागीश शुक्ल | छंद छंद पर कुमकुम |
10. अजित कुमार | कविता का जीवित संसार, इधर की कविता, आचार्य शुक्ल: विचार कोष |
11. श्रीकांत वर्मा | जिरह |
12. दूधनाथ सिंह | निराला: आत्महंता आस्था, अंत:करण का आयतन, तारापथ, मुक्तिबोध: साहित्य में नई प्रवृत्तियाँ, महदेवी, एक शमशेर भी है (सं.) |
13. केदारनाथ सिंह | आधुनिक हिंदी कविता में बिम्ब-विधान, कल्पना और छायावाद, मेरे समय के शब्द |
14. लल्लन राय | मुक्तिबोध का साहित्य-विवेक और उनकी कविता, हिंदी की प्रगतिशील कविता |
15. विजय बहादुर सिंह | नागार्जुन का रचना-संसार, जनकवि, नागार्जुन-संवाद, कविता और संवेदना |
16. मुरली मनोहर प्रसाद सिंह | आधुनिक हिंदी साहित्य: विवाद और विवेचना |
17. कर्ण सिंह चौहान | आलोचना के मान, प्रगतिवादी आंदोलन का इतिहास |
18. अरुण कमल | कविता और समय |
19. कमला प्रसाद | कविता तीरे |
20. राधाबल्लभ त्रिपाठी | नया साहित्य: नया साहित्य-शास्त्र |
21. राजेश जोशी | कविता का शहर, एक कवि की नोटबुक, समकालीनता और साहित्य (एक कवि की दूसरी नोटबुक) |
22. अजय तिवारी | प्रगतिशील कविता के सौंदर्य-मूल्य, नागार्जुन की कविता |
23. रामेश्वर राय | कविता का परिसर |
24. चंचल चौहान | मुक्तिबोध : प्रतिबद्ध कला के प्रतीक, जनवादी समीक्षा |
25. एकांत श्रीवास्तव | कविता का आत्मपक्ष, ‘बढ़ई, कुम्हार और कवि’ |