हिंदी ब्लॉग: सीमाएँ और समस्याएं | Hindi Blogs
अब हिंदी केवल सम्प्रेषण की भाषा तक सीमित नहीं है। ज्ञान-विज्ञान के दूसरे क्षेत्रों तक उसका प्रचार-प्रसार हुआ है। लेकिन यह सब एक सीमा...
अकाल और उसके बाद कविता की व्याख्या और समीक्षा | नागार्जुन
नागार्जुन प्रगतिशील काव्यधारा के कवि हैं। नयी कविता के समांतर चलने वाली जो काव्यधारा है, उसके कवि हैं। इनके यहाँ सबसे ज्यादा वैविध्य और...
सरस्वती सम्मान सूची | saraswati samman list (1991-2022)
सरस्वती सम्मान की स्थापना वर्ष 1991 ई. में के.के. बिडला फाउण्डेशन द्वारा की गई थी। इसमें भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी...
वर्ण विचार: स्वर और व्यंजन | varnamala: swar aur vyanjan
वर्ण विचार व्याकरण का वह भाग है जिसमें वर्णों के आकार, भेद, उच्चारण तथा उनके मेल से शब्द बनाने के नियमों का निरूपण होता...
संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण| sandhi in hindi
संधि की परिभाषा
‘संधि’ संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- ‘जोड़’ या ‘मेल’। दो निकटवर्ती वर्गों के परस्पर मेल से होने वाले...
रंगों का पर्व होली और हिंदी कविता | holi 2022
होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला भारतीय लोगों का महत्वपूर्ण त्यौहार है। रंगो की वजह से इसका लोकहर्षक रूप दिखाई देता है। यदि...
कवि कर्तव्य निबंध- महावीर प्रसाद द्विवेदी | kavi kartavya
कवि-कर्तव्य से हमारा अभिप्राय हिंदी के कवियों के कर्तव्य से है। समय और समाज की रुचि के अनुसार सब बातों का विचार करके हम...
ताई कहानी- विश्वम्भर नाथ शर्मा ‘कौशिक’ | taai kahani
“ताऊजी, हमें लेलगाड़ी (रेलगाड़ी) ला दोगे?” कहता हुआ एक पंचवर्षीय बालक बाबू रामजीदास की ओर दौड़ा।
बाबू साहब ने दोंनो बाँहें फैलाकर कहा- “हाँ बेटा,ला...
कानों में कंगना कहानी- राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह
1.
“किरन! तुम्हारे कानों में क्या है?”
उसके कानों से चंचल लट को हटाकर कहा- “कँगना।”
“अरे! कानों में कँगना?” सचमुच दो कंगन कानों को घेरकर बैठे...
कफ़न कहानी- प्रेमचंद | kafan kahani premchand
झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अन्दर बेटे की जवान बीबी...















