हिंदी नाटक का विकास
हिंदी में नाटक लिखने की परम्परा का सूत्रपात भी आधुनिक युग में हुआ, क्योंकि भारतेंदु हरिश्चन्द्र से ही नाटक का वास्तविक रूप हमें दिखाई देता है। इनसे पहले के नाटकों में नाट्यकला के तत्वों का अभाव है। भारतेंदु ने न केवल मौलिक नाटकों की रचना की बल्कि दूसरी भाषाओँ की श्रेष्ठ नाट्य रचनाओं का अनुवाद भी किया। इसके आलावा उन्होंने नाट्यकला पर प्रकाश डालने हेतु नाटक नामक आलोचनात्मक ग्रन्थ भी लिखा जिसमे नाटककारों के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिया। भारतेंदु के नाटकों में भारतीय एंव पश्चात् नाट्यकला का समन्वयात्मक रूप दिखाई देता है। नीचे हिंदी के प्रमुख नाटककार एंव उनकी नाट्य कृतियों (natakkar evn naty kritiyan) की सूची दी जा रही है-
भारतेदु युगीन नाटक-
नाटककार | नाटक |
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प्राणचंद चौहान | रामायण महानाटक- 1610 |
कवि उदय | हनुमान नाटक- 1840 (पद्यात्मक) |
महाराज विश्वनाथ सिंह | आनंद रघुनंदन |
गोपालचंद्र (गिरिधर दास)[भरतेंदु के पिता] | नहुष- 1857 |
गणेश कवि | प्रद्युम्न विजय- 1863 |
शीतला प्रसाद त्रिपाठी | जानकी मंगल- 1868 |
भारतेंदु हरिश्चंद्र | अनूदित नाटक- 1. विद्या सुंदर, 2. रत्नावली, 3. पाखण्ड विडंबन, 4. धनंजय विजय, 5. कर्पूर मंजरी, 6. मुद्राराक्षस, 7. दुर्लभ बंधु मौलिक नाटक- 1. भारत जननी, 2. वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति, 3. सत्य हरिश्चंद्र, 4. श्रीचन्द्रावली नाटिका, 5. विषस्य विषमौषधम्, 6. भारत-दुर्दशा, 7. नीलदेवी, 8. अँधेरे नगरी, 9. सती प्रताप, 10. प्रेम जोगिनी |
लाला श्रीनिवासदास | संयोगिता स्वयंवर, श्री प्रहाद-चरित्र, रणधीर प्रेममोहिनी, तप्तासंवरण |
राधाकृष्ण दास | महाराणा प्रताप, महारानी पद्यावती, धर्मालाप, दुःखिनी बाला |
बालकृष्ण भट्ट | कलिराज की सभा, रेल का विकट खेल, नल-दमयंती स्वयंवर, बाल विवाह, शिक्षा दान, जैसा काम वैसा परिणाम (प्रहसन), नई रोशनी का विष, वेणी संहार |
राधाचरण गोस्वामी | तन मन धन गोसईं जी के अर्पण, अमरसिंह राठौर, बूढ़े मुँह मुँहासे लोग देखें तमासे (प्रहसन), सती चन्द्रावली, श्रीदामा |
गोपालराम गहमरी | देश दशा, जैसे को तैसा |
किशोरीलाल गोस्वामी | मयंक मंजरी |
प्रताप नारायण मिश्र | भारत-दुर्दशा रूपक, कलिकौतुक रूपक, हठी हम्मीर |
जी. पी. श्रीवास्तव | उलट फेर, गड़बड़झाला, दुमदार आदमी, कुर्सी मैंन, न घर का न घाट का |
देवकीनंदन त्रिपाठी | सीताहरण, रुक्मिणीहरण, भारत-हरण, कंसवध, गोवधनिषेध |
अम्बिका दत्त व्यास | मन की उमंग, भारत सौभाग्य |
बदरी नारायण चौधरी | भारत सौभाग्य |
बलदेव प्रसाद मिश्र | मीराबाई |
दुर्गा प्रसाद मिश्र | प्रभास मिलन |
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ | प्रद्युम्न विजय, रुक्मिणी परिणय |
प्रसादयुगीन नाटक-
नाटककार | नाटक |
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माखनलाल चतुर्वेदी | कृष्णार्जुन युद्ध |
विशम्भर नाथ ‘कौशिक’ | भीष्म |
मिश्रबंधु | नेत्रोन्मीलन |
जयशंकर प्रसाद | करुणालय (गीत नाट्य), विशाख, अजातशत्रु, कामना (नाट्य कृति), जनमेजय का नागयज्ञ, स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त,ध्रुवस्वामिनी, राज्य श्री |
हरिकृष्ण ‘प्रेमी’ | स्वर्णविहान, रक्षाबंधन, प्रतिशोध, स्वप्नभंग, आहुति, विषपान, उद्धार, शपथ, विजय स्तम्भ, कीर्तिस्तंभ, रक्तदान, संरक्षक, विदा, छाया बंधन, पाताल विजय, शिवसाधना, अमृत पुत्री, संवत प्रवर्तन |
लक्ष्मीनारायण मिश्र | राक्षस का मंदिर, संन्यासी, मुक्ति का रहस्य,राजयोग, आधी रात, सिंदूर की होली, गरुड़ध्वज, वत्सराज, दशाश्वमेघ, वितस्ता की लहरें, चक्रव्यूह, नारद की वीणा, जगद्गुरु, धरती का ह्रदय |
गोविन्दबल्लभ पंत | अंगूर की बेटी, राजमुकुट, सिंदूर की बिंदी, अंत:पुर का छिद्र, यायति, सुहागबिंदी |
उदयशंकर भट्ट | मुक्तिपथ, क्रन्तिकारी, विक्रमादित्य, विश्वामित्र, दाहर अथवा सिंध पतन, शकविजय, सागर विजय, मत्स्यगंधा, नया समाज, पार्वती, विद्रोहिणी अंबा, कमला, अश्वत्थामा, असुर सुंदरी, राधा |
सुदर्शन | दयानंद नाटक, आनरेरी मजिस्ट्रेट, भाग्यचक्र |
सेठ गोविंददास | गरीबी और अमीरी, बड़ा पापी कौन, त्याग और ग्रहण, संतोष कहाँ, सुख किसमें, सेवापथ, स्वातन्त्र्य सिद्धान्त, प्रकाश, महत्व किसे, हर्ष, कर्ण, विकास, कर्तव्य |
दुर्गा प्रसाद गुप्त | अभिमन्यु वध, वोश्वामित्र |
पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ | चार बेचारे, उजबक, महात्मा ईसा, चुंबन, डिक्टेटर,गंगा का बेटा, आवारा |
जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी | तुलसीदास, मधुरमिलन |
चन्द्रगुप्त विद्यालंकार | अशोक, रेवा |
प्रेमचंद | कर्बला, संग्राम, प्रेम की बेदी |
लक्ष्मण सिंह | गुलामी का नशा |
प्रसादोत्तर युगीन नाटक-
नाटककार | नाटक |
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उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ | स्वर्ग की झलक, जय-पराजय, लक्ष्मी का स्वागत, छठा बेटा, कैद, उड़ान, अलग-अलग रास्ते, अंजोदीदी, लौटता हुआ दिन, सूखी डाली, तौलिए, पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ, भँवर |
वृंदावनलाल वर्मा | झाँसी की रानी, राखी की लाज, कश्मीर का कांटा, सगुन, नीलकंठ, देखा-देखी, फूलों की बोली, पूर्व की ओर, बीरबल, केवल, निस्तार, देखा-देखी, ललित-विक्रम, कनेर, केवट |
रांगेय राघव | स्वर्गभूमि का आदमी |
रामकुमार वर्मा | राजरानी सीता, कौमुदी महोत्सव, पृथ्वी का स्वर्ग |
किशोरी दास वाजपेयी | सुदामा |
भुनेश्वर प्रसाद | ऊसर, तांबे के कीड़ा |
चतुरसेन शास्त्री | मेघनाथ |
सुमित्रानंदन पंत | ज्योत्स्ना, रजत शिखर, शिल्पी सौवर्ण |
मैथलीशरण गुप्त | अनघ, तिलोत्तमा, चंद्रहास |
विष्णु प्रभाकर | युगे युगे क्रांति, टूटते परिवेश, डॉक्टर, समाधि, कुहासा और किरण, डरे हुए लोग, वंदिनी |
जगदीशचंद्र माथुर | कोणार्क, शारदीया, पहला राजा, दशरथनंदन, रघुकुल रीति |
रामनरेश त्रिपाठी | सुभद्रा, जयंत |
धर्मवीर भारती | अंधायुग (गीत नाट्य), नदी प्यासी थी |
‘अज्ञेय’ | उत्तरप्रियदर्शी |
लक्ष्मीनारायण लाल | अंधा कुआँ, मादा कैक्टस, सूर्यमुखी, मिस्टर अभिमन्यु, करफ्यू, अब्दुल्ला दीवाना, व्यक्तिगत, एक सत्य हरिश्चंद, सुगन पंछी, सबरंग मोहभंग, रातरानी, तीन आँखों वाली मछली, सूखा सरोवर, रक्तकमल, दर्पण, गंगामाटी, राक्षस का मंदिर, दूसरा दरवाजा, यक्ष प्रश्न |
मोहन राकेश | आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे-अधूरे, बारह सौ छब्बीस बाता सात, पूर्वाभ्यास, पैरों तले की जमीन (अधूरा) |
गिरिजा कुमार माथुर | कल्पांतर |
सिद्धनाथ | सृष्टि की साँझ, लौह देवता, संघर्ष, विकलांगों का देश, बादलों का शाप |
दुष्यंत कुमार | एक कण्ठ विषपायी |
नरेश मेहता | सुबह के घंटे, खंडित यात्राएँ |
शिवप्रसाद सिंह | घाटियाँ गूँजती हैं |
ज्ञानदेव अग्निहोत्री | नेफा की एक शाम, शुतुरमुर्ग, वतन की आबरू, चिराग जल उठा, माटी जागीर, अनुष्ठान |
विपिन कुमार अग्रवाल | तीन अपाहिज, खोए हुए आदमी की तलाश, लोटन |
सुरेंद्र वर्मा | द्रौपदी, सेतुबंध, नायक, खलनायक, विदूषक, आठवाँ सर्ग, सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक, छोटे सैयद बड़े सैयद, कैद-ए- हयात, एक दुनी एक, शकुन्तला की अँगूठी, मुगल भारत: नाट्य चतुष्टय, रति का कंगन, नींद क्यों नही आती रात भर, अँधेरे से परे |
अमृतराय | चिंदियों की एक झालर, शताब्दी, हमलोग |
लक्ष्मीकांत वर्मा | रोशनी एक नदी है, अपना अपना जूता, ठहरी हुई जिंदगी, सीमांत के बादल, तिन्दुवुलम |
विनोद रस्तोगी | आजादी के बाद, नये हाथ, बर्फ की मीनार, जनतंत्र जिंदाबाद, देश के दुश्मन, फिसलन और पाँव |
गिरीश कर्नाड | तुगलक, नागमंडल, रक्त-कल्याण |
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | बकरी, अब गरीबी हटाओ, लड़ाई, हवालात, होरी धूम मच्यो री, पीली पत्तियाँ |
मुद्राराक्षस | मरजीवा, तेंदुआ, तिलचट्टा, योर्स फेथफुली, आला अफसर, संतोला |
भीष्म साहनी | कबीर खड़ा बजार में, हानूश, माधवी, मुआवजे, रंग दे बसंती चोला, आलमगीर, माधवी |
हबीब तनवीर | चरणदास चोर, मिट्टी की गाड़ी, पचरंगी, आग की गेंद, आगरा बाज़ार, बहादुर कलारिन, चांदी की चम्मच, दूध का गिलास, एक औरत हिपेशिया भी थी, गाँव के नाँव ससुरार मोर नाँव दामाद, जहरीली हवा,कामदेव का अपना बसंत ऋतू का सपना, कारतूस, परम्परा, शतरंज के मोहरे |
शंकर शेष | घरौंदा, बिना बाती के दीप, एक और द्रोणाचार्य, बंधन अपने-अपने |
रमेश वक्षी | देवयानी का कहना है, तीसरा हांथी, वामाचार, यादों का घर, कसे हुए तार |
गिरिराज किशोर | बादशाह का गुलाम, घोड़ा और घास, काठ का तोप, नरमेध, प्रजा ही रहने दो, जुर्मआयद |
मणि मधुकर | रसगंधर्व, बुलबुल की सराय, दुलारी बाई, एकतारे की आँख, खेला पोलमपुर |
निर्मल वर्मा | तीन एकांत, वीक एण्ड, धूप का एक टुकड़ा, डेढ़ इंच ऊपर |
कृष्ण बलदेव वैद | भूख आग है, हमारी दुनियाँ, सवाल और स्वप्न, अंत का उजाला, कहते हैं जिसको प्यार |
शरद जोशी | एक था गधा, अन्धों की हांथी |
गोविंद चातक | काला मुँह, अपने-अपने खूँटे |
विजय तेंदुलकर | घासीराम कोतवाल, हल्ला बोल, तीन रंग, बेबी, चीफ मिनिस्टर, चौपट राजा तथा अन्य बाल नाटक, गिद्ध, दम्भद्वीप, कच्ची धुप, कन्यादान, मीता की कहानी, भल्या काका, सावधान दुल्हे की तलास है, मोम का घरौदा चिड़िया का, भीतरी दीवारें, कौओं की पाठशाला, फुटपाथ का सम्राट |
स्वदेश दीपक | नाटक बाल भगवान, कोर्ट मार्शल, जलता हुआ रथ, सबसे उदास कविता, काल कोठरी |
मार्कण्डेय | पत्थर और परछाइयाँ |
दूधनाथ सिंह | यमगाथा |
काशीनाथ सिंह | शोआस |
हमीदुल्ला | दरिन्दे, उलझी आकृतियाँ, उत्तर उर्वसी, हरवार |
सुशील कुमार सिंह | सिंहासन खाली है, चार यारों का यार, अलख आजादी की, बाल लोक नाटिकाएं, बापू के नाम, बेबी तुम नादान,गुडबाई स्वामी, नागपास |
रमेश उपाध्याय | पेपरवेट |
असगर वजाहत | जिस लाहौर न देख्या ओ जम्याइ नइ, गोडसे@गाँधी.कॉम |
सुदर्शन चोपड़ा | काला पहाड़ |
चन्द्रकांत देवताले | भूखंड तप रहा है, सुकरात का घाव |
राहुल सांकृत्यायन | प्रभा |
विशाल विजय | बार्किंग डॉग एंड पेइंग गेस्ट |
निलय उपाध्याय | पॉपकॅार्न |
मधुधवन | चिंगारियाँ, आज की पुकार, भारत कहाँ जा रहा है |
चन्द्रशेखर कम्बार | महामाई |
रामशंकर निशेश | आदमखोर, कुक्कू डार्लिंग, चील घर, तीन नाटक |
दया प्रकाश सिन्हा | सम्राट अशोक, दुश्मन, मन का भँवर, मेरे भाई मेरे दोस्त, पंचतंत्र, साँझ सवेरा, सादर आपका, अपने अपने दाँव, इतिहास, इतिहास-चक्र, कथा एक कंस कीसीढियाँ, ओह अमेरिका! |
सुरेन्द्र दुबे | उठो अहल्या |
अनुपम आनन्द | पक्ष-विपक्ष |
भानु भारती | तमाशा न हुआ |
रवीन्द्र भारती | जनवासा, अगिन तिरिया |
महेंद्र भल्ला | दिमागे हस्ती दिल की बस्ती, है कहाँ? है कहाँ? |
जयंत पवार | अभी रात बाकी है |
शिशिर कुमार दास | बाघ |
जितेन्द्र सहाय | भटकते लोग |
शाहिद अनवर | हमारे समय में |
सुदर्शन मजीठिया | राजा नंगा |
सुरेन्द्र शर्मा | रंगभूमि |
मनोज मित्रा | सैयां बेईमान |
नरेंद्र कोहली | किष्किंधा, अगस्त्य कथा, संघर्ष की ओर |
मीराकांत | कंधे पर बैठा सांप, नेपथ्य राग, अंत हाजिर हो… |
विजेंद्र | क्रौंचवध (काव्य-नाटक) |
राजेश जैन | वायरस |
मृदुला बिहारी | अँधेरे से आगे |
कैलास वाजपेयी | युवा संन्यासी |
ज्ञानदेव अग्निहोत्री | शुतुरमुर्ग |
नंदकिशोर नवल | मैं पढ़ा जा चुका पत्र |
संजय सहाय | जाँच-पड़ताल |
पियूष मिश्रा | खुबसूरत बहू |
सौरभ शुक्ला | बर्फ़ |
प्रभात कुमार उत्प्रेती | जब शहर हमारा सोता है |
हरिकेष सुलभ | दलिया, माटी गाड़ी, धरती आबा, अमली, बटोही |
महिला नाटककार-
नाटककार | नाटक |
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मन्नू भण्डारी | बिना दीवारों के घर, महाभोज, उजली नगरी चतुर राजा |
मृदुला गर्ग | एक अजनवी, ठहरा हुआ पानी, कितनी कदें, जादू का कालीन |
गिरीश रस्तोगी | असुरक्षित, मुझे मत मारो |
मृणाल पाण्डेय | आदमी जो मछुवारा नहीं था, जो रामरचि राखा, चोर निकल के भागा |
ममता कालिया | कितने प्रश्न करूँ |
उषा गांगुली | रुदाली |
वर्षा दास | चहकता चौराहा, प्रेम और पत्थर, खिड़की खोल दो |
महिला नाटककारों में वर्तमान में एक और महत्वपूर्ण नाम है – उमा झुनझुनवाला जिनके नाटक हैं – रेंगती परछाइयाँ (प्रकाशित), हज़ारा ख्वाहिशा (प्रकाश्य), लम्हों की मुलाकात (प्रकाशित), भीगी औरतें (प्रकाश्य) – इन नाटकों के मंचन भी हो रहे। बच्चों के लिए ९ एकाँकी भी लिखी है इन्होंने।
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