छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक हिंदी की परीक्षा 2019 यहाँ दिया गया है। CGPSC Assistant Professor Hindi की इस Exam का आयोजन 06 नवंबर 2020 को हुआ था। राज्य में सरकारी महाविद्यालयों में हिंदी के सहायक प्राध्यापक पदों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर था।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम इस परीक्षा के सभी 100 प्रश्नों को MCQs और QUIZ के रूप में व्याख्यात्मक हल के साथ प्रस्तुत कर रहें हैं। इसका उपयोग करके आप न केवल इस परीक्षा के पैटर्न को समझ सकते हैं, बल्कि भविष्य की परीक्षाओं के लिए भी अपनी तैयारी को मजबूत कर सकते हैं।
CGPSC Assistant Professor Hindi 2019 Question
1. निम्नलिखित युग्मों में से एक सुमेलित नहीं है। उसे चुनिए:
मुंशी सदासुख लाल – मुंतखबुत्त वारीख
ईंशा अल्ला खाँ – रानी केतकी की कहानी
लल्लूलाल – बैताल पचीसी
सदल मिश्र – प्रेम सागर
‘प्रेम सागर’ (1803 ई.) के लेखक लल्लूलाल हैं।
2. ‘सखी संप्रदाय’ के प्रवर्तक निम्न में से कौन हैं?
विद्यापति
आचार्य वल्लभाचार्य
जीव गोस्वामी
स्वामी हरिदास
‘सखी संप्रदाय’ के प्रवर्तक ‘स्वामी हरिदास’ हैं, यह निम्बार्क मत की एक शाखा है।
3. जयशंकर प्रसाद रचित ‘स्कंदगुप्त’ नाटक के पात्रों के विषय में कौन-सा कथन गलत है?
पर्णदत्त मगध का महानायक है।
देवसेना बंधुवर्मा की बहिन है।
स्कंदगुप्त युवराज है।
“महादेवी! यह भूकंप के समान हृदय को हिला देने वाला कौन व्यक्ति है? ओह, मेरा तो सिर घूम रहा है!” यह कथन प्रपंचबुद्धि का है।
इस नाटक में महादेवी नमक कोई पात्र नहीं है।
4. ‘आलमारी’ किस भाषा का शब्द है?
अंग्रेजी
रूसी
फ्रेंच
पुर्तगाली
आलमारी ‘पुर्तगाली’ भाषा का शब्द है।
5. ‘घनानंद’ कवि के दीक्षागुरु का नाम है:
निम्बार्काचार्य
मध्वाचार्य
वल्लभाचार्य
वृंदावन देव
‘घनानंद’ कवि के दीक्षागुरु का नाम ‘वृंदावन देव’ है, कृष्ण के प्रति अनुरक्त घनानंद ने निम्बार्क संप्रदायाचार्य वृंदावन देव से दीक्षा ली थी।
6. यह कथन किसका है?
“खड़ी बोली हिंदी (या राष्ट्रभाषा) यों ही ज्यों की त्यों नहीं बन गई है। खान से निकलने के बाद हीरा तुरंत राज-गृहीत नहीं हो जाता, उसका परिष्कार होता है। … इसी तरह भाषा का परिष्कार होता है।” आचार्य रामचंद्र शुक्ल
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
आचार्य नंददुलारे वाजपेयी
आचार्य किशोरीदास वाजपेयी
यह कथन ‘आचार्य किशोरीदास वाजपेयी’ ने खड़ीबोली के परिष्कार के संबंध में कहा है।
7. ‘व’ का उच्चारण स्थान है:
ओष्ठ
दन्त
कण्ठोष्ठ
दन्तोष्ठ
‘व’ का उच्चारण स्थान ‘दन्तोष्ठ’ है।
8. निम्नलिखित में ‘अल्पप्राण’ ध्वनियाँ हैं:
ख, ध
फ, भ
ठ, ह
ज, ड
ज और ड ‘अल्पप्राण’ ध्वनियाँ हैं।
9. व्यंजन वर्गीकरण विषयक कौन-सा कथन गलत है?
‘ल’ पार्श्विक ध्वनि है।
‘ढ़’ उत्क्षिप्त ध्वनि है।
‘म’ अनुनासिक ध्वनि है।
‘र’ लोड़ित ध्वनि है।
‘र’ लुंठित ध्वनि है।
10. निम्न शब्दों में से किस शब्द में ‘अर्थ-विस्तार’ न होकर ‘अर्थ-संकोच’ हुआ है?
प्रवीण
तैल
महाराज
मंदिर
वे शब्द जो पहले व्यापक अर्थ में प्रयुक्त होते थे परन्तु कालांतर में संकुचित अर्थ में प्रयुक्त होने लगे उन्हें अर्थ संकोच कहा जाता है, जैसे- पहले मंदिर शब्द का अर्थ भवन था जो संकुचित होकर अब देवभवन के रूप में होने लगा।
11. ‘प्रयोगवाद’ के संदर्भ में कौन-सा कथन असत्य है?
प्रयोगवादी कविता ह्रासोन्मुख मध्यमवर्गीय समाज के जीवन का चित्र है।
प्रयोगवादी कविता यथार्थवादी है।
गिरिजा कुमार माथुर प्रयोगवादी कवि हैं।
प्रयोगवादी कविता में भावुकता की प्रधानता है।
प्रयोगवादी कवि भावुकता के स्थान पर ठोस बौद्धिकता को स्वीकार करते हैं।
12. निम्न मुस्लिम कवियों में से किस कवि ने श्रीकृष्णपरक रचनाएँ लिखी हैं?
कुतुबन
मंझन
मल्लिक मोहम्मद जायसी
रहीम
रहीम ने श्रीकृष्णपरक रचनाएँ लिखी हैं जबकि अन्य कवि सूफी काव्यधारा के कवि हैं।
13. किस आलोचक ने कबीर को ‘वाणी का डिक्टेटर’ कहा है?
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
आचार्य नंददुलारे वाजपेयी
डॉ. नगेंद्र
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
‘हिंदी साहित्य की भूमिका’ में आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने कबीर को ‘वाणी का डिक्टेटर’ कहा है।
14. यह कथन किस नाटक का है?
“यह नाटक वस्तुतः महेंद्रनाथ के जीवन की प्रतिच्छाया ही है। वह बेरोजगार है। बेसहारा और निरर्थक होने का एहसास उसकी अन्तश्चेतना में गहरे तक बस गया है।” अंधायुग
सिंदूर की होली
बकरी
आधे-अधूरे
यह कथन मोहन राकेश के ‘आधे-अधूरे’ (1969 ई.) नाटक का है।
15. ‘तमस’ उपन्यास में अंधेरा प्रतीक है:
रात्रि के अंधकारमय दुःखद जीवन का।
स्वतंत्रतापूर्व मानव की कुत्सित और स्वार्थी प्रवृत्ति का।
अंग्रेजों की विषभरी कूटनीति का।
अज्ञान, अशिक्षा, असहयोग और साम्प्रदायिक विभीषिका का।
भीष्म सहनी के ‘तमस’ उपन्यास में अंधेरा अज्ञान, अशिक्षा, असहयोग और साम्प्रदायिक विभीषिका का प्रतीक है।
16. निम्न कथन किस उपन्यास का अंश है?
“सिविल सर्विस हमें तटस्थ बना देती है। हम यदि हर घटना के प्रति भावुक होने लगें तो प्रशासन एक दिन भी नहीं चल पाएगा।” टोपी शुक्ला
मैला आँचल
गोदान
तमस
उपरोक्त कथन भीष्म साहनी के ‘तमस’ उपन्यास का है।
17. निम्नलिखित निबंध संग्रहों में से कौन-सा डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी का नहीं है?
विचार और वितर्क
कुटज
कल्पलता
रस आखेटक
‘रस आखेटक’ निबंध के लेखक कुबेरनाथ राय हैं।
18. ‘अंधेरे में’ रचना का प्रथम प्रकाशन किस नाम से हुआ था?
संभावना के द्वीप
आशंका के खंडहर
नदी के द्वीप
आशंका के द्वीप अंधेरे में
मुक्तिबोध की ‘अंधेरे में’ लम्बी कविता का प्रथम प्रकाशन ‘आशंका के द्वीप अंधेरे में’ नाम से हुआ था।
19. प्रख्यात समीक्षक ‘नामवर सिंह’ द्वारा अपने छोटे भाइयों को लिखी गई चिट्ठियों का संग्रह किस नाम से प्रकाशित हुआ?
शिखर पुरुष
रोजनामचा
चिट्ठी रस
काशी के नाम
‘नामवर सिंह’ द्वारा अपने छोटे भाइयों को लिखी गई चिट्ठियों का संग्रह ‘काशी के नाम’ (2006 ई.) से प्रकाशित हुआ।
20. फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ को किस रचना के लिए ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया?
तीसरी कसम
कितने चौराहे
परती परिकथा
मैला आँचल
फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ को अपने प्रथम उपन्यास ‘मैला आँचल’ (1954 ई.) के लिए ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया।
21. यह कथन किसका है?
“इसमें फूल भी हैं, शूल भी हैं, गुलाब भी हैं, चंदन की सुंदरता भी है, कुरूपता भी; मैं किसी से दामन बचाकर नहीं निकल पाया।” मुंशी प्रेमचंद
वृंदावनलाल वर्मा
श्रीलाल शुक्ल
फणीश्वरनाथ ‘रेणु’
उपरोक्त कथन फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ ने ‘मैला आँचल’ (1954 ई.) उपन्यास की भूमिका में लिखा है।
22. इनमें से किनकी बानियों की भाषा को सांकेतिक अर्थ रखने के कारण ‘सन्ध्या’ या ‘संधा’ भाषा कहा गया है?
संत
सूफी
नाथ
सिद्ध
‘सिद्ध’ बानियों की भाषा को सांकेतिक अर्थ रखने के कारण ‘सन्ध्या’ या ‘संधा’ भाषा कहा गया है।
23. मैथिलीशरण गुप्त द्वारा लिखित छायावादी शैली की कविताएँ किस रचना में संकलित हैं?
सिद्धराज
अनघ
भारत-भारती
झंकार
मैथिलीशरण गुप्त द्वारा लिखित छायावादी शैली की कविताएँ ‘झंकार’ संग्रह में संकलित हैं।
24. यह कथन किसका है?
“काश्मीर! जन्मभूमि!! जिसकी धूल में लोटकर खड़े होना सीखा, जिसमें खेल-खेल कर शिक्षा प्राप्त की, जिसमें जीवन के परमाणु संगठित हुए थे, वही छूट गया! और बिखर गया एक मनोहर स्वप्न, आह! वही जो मेरे इस जीवन का पाथेय रहा!” कुमारगुप्त
मातृगुप्त
बंधुवर्मा
स्कंदगुप्त
उपरोक्त कथन जयशंकर प्रसाद कृत ‘स्कंदगुप्त’ (1928 ई.) नाटक का है।
25. भक्तिकालीन निर्गुण संत कवियों की दृष्टि से एक सुमेल गलत है। उसे चुनिए:
कबीर, दादू, मलूकदास
धन्ना, दादू, पीपा
रैदास, सुंदरदास, अनंतदास
मलूकदास, परमानंददास, धन्ना
परमानंददास बल्लभ संप्रदाय (पुष्टिमार्ग) के अष्टछाप कवियों में एक हैं जो कृष्ण भक्ति शाखा से संबंधित है।
26. सूफी कवियों के संबंध में कौन-सा कथन गलत है?
सभी सूफी कवियों ने मसनवी शैली को अपनाया।
सूफी परंपरा के काव्य प्रबन्धात्मक शैली में रचित हैं।
सूफी कवियों के काव्यग्रंथों में प्रेमतत्व की प्रधानता है।
सभी सूफी कवि राजाओं के दरबारी कवि थे।
सूफी कवियों के संबंध में यह कथन गलत है।
27. सूरदास की मृत्यु से शोकार्त होकर किसने यह कथन किया?
“पुष्टि मारग कौ जहाज जात है सोजाकौ कछु लेना होय सो लेउ।”
श्री वल्लभाचार्य
गोविंद स्वामी
चतुर्भुजदास
गोस्वामी विठ्ठलनाथ
बल्लभ संप्रदाय के प्रवर्तक गोस्वामी विट्ठलनाथ ने सूरदास की मृत्यु से शोकार्त होकर यह कथन किया था।
28. यह कथन किस समीक्षक का है?
“हिंदी का चरित्र, पहली बार ही, बड़े मोहक रूप में भाषा और संवेदना के दोनों स्तरों पर ‘पृथ्वीराज रासउ’ में निखर कर आया है।” राहुल सांकृत्यायन
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
रामस्वरूप चतुर्वेदी
पृथ्वीराज रासो के संबंध में उपरोक्त कथन ‘रामस्वरूप चतुर्वेदी’ का है।
29. इनमें से पश्चिमी हिंदी की बोलियाँ कौन-सी हैं?
मालवी, बुंदेली, छत्तीसगढ़ी
अवधी, बुंदेली, बघेली
मेवाती, दक्खिनी, मैथिली
खड़ी बोली, हरयाणवी, ब्रज
पश्चिमी हिंदी की बोलियाँ- खड़ी बोली, हरयाणवी, ब्रज, बुंदेली, कन्नौजी।
30. रीतिकाल के किस कवि को ‘ऋतु वर्णन’ में अप्रतिम सफलता मिली है?
बिहारी
देव
घनानंद
सेनापति
रीतिकाल के कवि ‘सेनापति’ को ‘ऋतु वर्णन’ में अप्रतिम सफलता मिली है।
31. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने किस युग्म के निबंधकारों को हिंदी का ‘स्टील’ और ‘एडीसन’ कहा है?
श्रीनिवास दास और राधाचरण गोस्वामी
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और काशीनाथ खत्री
बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमधन’ और गुलाब राय
बालकृष्ण भट्ट और प्रतापनारायण मिश्र
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने बालकृष्ण भट्ट और प्रतापनारायण मिश्र को क्रमशः हिंदी का ‘स्टील’ और ‘एडीसन’ कहा है।
32. पूर्वी हिंदी का विकास निम्न में से किससे हुआ है?
मागधी अपभ्रंश
पूर्वी मागधी अपभ्रंश
शौरसेनी अपभ्रंश
अर्द्धमागधी अपभ्रंश
जार्ज ग्रियर्सन के अनुसार पूर्वी हिंदी (अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी) का विकास ‘अर्द्धमागधी अपभ्रंश’ से हुआ है।
33. यह कथन किसका है?
“रामचरितमानस’ और ‘विनय पत्रिका’ साहित्यिक दृष्टि से ही अनुपम नहीं ठहरतीं, वरन् भारत की सांस्कृतिक विरासत में भी ये बेजोड़ सिद्ध होती हैं।” आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
डॉ. नगेंद्र
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
बाबू गुलाब राय
रामचरितमानस’ और ‘विनय पत्रिका’ के संदर्भ में उपर्युक्त कथन ‘बाबू गुलाब राय’ का है।
34. यह कथन किसका है?
“जिस प्रकार मुक्तावस्था ज्ञानदशा कहलाती है, उसी प्रकार हृदय की यह मुक्तावस्था रसदशा कहलाती है।” सरदार पूर्ण सिंह
बालकृष्ण भट्ट
आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
उपर्युक्त कथन ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल’ का है जो उनके निबंध संग्रह चिंतामणि के ‘कविता क्या है’ निबंध से लिया गया है।
35. रचना और रचनाकार की दृष्टि से एक युग्म गलत है। उसे चुनिए:
रस विलास – आचार्य चिंतामणि
रस सारांश – भिखारीदास
जगत विनोद – पद्माकर
रस प्रबोध – आचार्य तोष
रस प्रबोध के रचनाकार ‘रसलीन’ हैं।
36. कबीर की इस ‘साखी’ के संदर्भ में कौन-सा कथन असत्य है?
“दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट।पूरा किया बिसाहुणां, बहुरि न आवौं हट्ट॥”
गुरु ने ज्ञान रूपी दीपक भक्ति के तेल से भरकर दिया।
कवि ने ज्ञान रूपी दीपक के प्रकाश में सांसारिक लेना-देना पूर्ण कर लिया है। वह जन्म-मरण के चक्र से छूट गया है।
यहाँ ‘सांग रूपक’ का निर्वाह हुआ है।
कवि ने ज्ञान रूपी दीपक में घटने वाली बाती डाल दी है।
यह विकल्प उपर्युक्त पंक्ति के संदर्भ में असत्य है।
37. ‘रस-निष्पत्ति’ के संबंध में किस आचार्य ने ‘भावकत्व और भोजकत्व’ व्यापार की उद्भावना की है?
भरतमुनि
शंकुक
भट्टलोल्लट
भट्टनायक
‘रस-निष्पत्ति’ के संबंध में ‘आचार्य भट्टनायक’ ने ‘भावकत्व और भोजकत्व’ व्यापार की उद्भावना की है।
38. यह कथन किस अलंकारवादी आचार्य का है?
“अङ्गीकरोति यः काव्यं, शब्दार्थावनलंकृती।असौ न मन्यते, कस्मादनुष्णमनलंकृती।’
भामह
दंडी
वामन
जयदेव
उपर्युक्त कथन किस अलंकारवादी आचार्य ‘जयदेव’ का है।
39. ‘वक्रोक्ति जीवित’ ग्रंथ के लेखक का नाम है:
आचार्य दंडी
आचार्य मम्मट
आचार्य रुद्रट
आचार्य कुंतक
‘वक्रोक्ति जीवित’ ग्रंथ के लेखक ‘आचार्य कुंतक’ हैं।
40. ‘गोस्वामी विठ्ठलनाथ’ के शिष्यों के संबंध में निम्न में से कौन-सा एक युग्म गलत है?
गोविंदस्वामी – नंददास
छीतस्वामी – चतुर्भुजदास
गोविंदस्वामी – छीतस्वामी
कुंभनदास – कृष्णदास
सूरदास, कुंभनदास, परमानंददास और कृष्णदास बल्लभाचार्य के शिष्य थे, वहीं नंददास, चतुर्भुजदास, गोविंदस्वामी और छीतस्वामी गोस्वामी विठ्ठलनाथ के शिष्य थे।
41. यह कथन किस निबंध से लिया गया है?
“एक में व्यक्ति को कर्मों द्वारा मनोहरता प्राप्त होती है, दूसरी में कर्मों को व्यक्ति द्वारा। एक में कर्म प्रधान है तो दूसरी में व्यक्ति।” अशोक के फूल
जीने की कला
चेतना का संसार
श्रद्धा और भक्ति
उपर्युक्त कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल के ‘श्रद्धा और भक्ति’ निबंध से लिया गया है।
42. यह कथन किस निबंध से है?
“हाथ, पाँव, सिर, आँखें इत्यादि सबके सब अवयव उसने आपको अर्पण कर दिए। ये सब चीजें उसकी तो थी ही नहीं। ये तो ईश्वरीय पदार्थ थे।” साहित्य की महत्ता
कछुआ-धर्म
अशोक के फूल
मजदूरी और प्रेम
उपर्युक्त कथन सरदार पूर्ण सिंह के ‘मजदूरी और प्रेम’ निबंध से है।
43. ‘आधे-अधूरे’ नाटक में सावित्री की बड़ी लड़की का विवाह किससे हुआ?
सिंघानियाँ
सोहन
जुनेजा
मनोज
मोहन राकेश के ‘आधे-अधूरे’ नाटक में सावित्री की बड़ी लड़की ‘बिन्नी’ का विवाह ‘मनोज’ से हुआ है।
44. ‘स्कंदगुप्त’ नाटक में ‘धनकुबेर’ की कन्या का नाम है:
कमला
जयमाला
रामा
विजया
जयशंकर प्रसाद के ‘स्कंदगुप्त’ (1928 ई.) नाटक में ‘धनकुबेर’ की कन्या का नाम ‘विजया’ है।
45. यह कथन किसका है?
“बालचेष्टा के स्वाभाविक मनोहारी चित्रों का इतना बड़ा भंडार और कहीं नहीं है, जितना बड़ा ‘सूरसागर’ में है।” डॉ. नगेंद्र
आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
‘सूरसागर’ के संदर्भ में उपर्युक्त कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।
46. ‘मैला आंचल’ उपन्यास में किस पात्र को तहसीलदार का ‘रोटिया गवाह’ कहा गया है?
कालीचरन
बालदेव
रामकृपाल सिंह
सुमिरत दास
फणीश्वरनाथ रेणु के ‘मैला आंचल’ उपन्यास में ‘सुमिरत दास’ को तहसीलदार का ‘रोटिया गवाह’ कहा गया है।
47. यह कथन किस पात्र का किस पात्र के प्रति है?
“जाकर सीसे में मुँह देखो। तुम जैसे मर्द साठे पर पाठे नहीं होते। दूध, घी, अंजन लगाने तक को तो मिलता नहीं, पाठे होगे!” होरी का गोबर के प्रति
राय साहब का होरी के प्रति
झुनिया का मातादीन के प्रति
धनिया का होरी के प्रति
प्रेमचंद कृत गोदान उपन्यास के संदर्भ में उपर्युक्त कथन धनिया का होरी के प्रति है।
48. इस दोहे में निम्न रस और स्थायी भाव हैं:
“देखन मिस मृग-विहंग-तरु, फिरति बहोरि-बहोरि।निरखि-निरखि रघुवीर छवि, बाढ़ी प्रीति न थोरि।”
हास्य – हास
शांत – निर्वेद
शृंगार – निर्वेद
शृंगार – रति
तुलसीदास कृत ‘रामचरितमानस’ के उपर्युक्त दोहे में शृंगार रस और रति नामक स्थायी भाव है।
49. भारोपीय परिवार के भारत-ईरानी वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की बोली है:
तेलगु
सीखर बाड़ी
भरतपुरी
छत्तीसगढ़ी
भारोपीय परिवार के भारत-ईरानी वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की बोली ‘छत्तीसगढ़ी’ है।
50. ‘हरयाणवी’ के लिए ‘ग्रियर्सन’ ने अपने भाषा सर्वेक्षण में ‘बांगडू’ शब्द का प्रयोग किया है, जो कि ‘बाँगर’ से बना है। ‘बाँगर’ का अर्थ होता है:
समतल भूमि
गीली भूमि
रेतीली भूमि
ऊँची-नीची भूमि
‘बाँगर’ का अर्थ ‘ऊँची-नीची भूमि’ होता है।
51. यह कथन निम्न में से किसका है?
“प्रगतिवाद ने काव्य को (साहित्य मात्र को) व्यक्तिवादी यथार्थ के बंद कमरे से निकाल कर जन-जीवन के बीच प्रवाहित किया।” नंददुलारे वाजपेयी
बाबू गुलाब राय
डॉ. देवराज
डॉ. नगेंद्र
प्रगतिवाद के संदर्भ में उपर्युक्त कथन डॉ. नगेंद्र का है।
52. रामचंद्र शुक्ल का उक्त कथन किस कवि के विषय में है?
“यह निःसंकोच कहा जा सकता है कि भाषा पर जैसा अचूक अधिकार इनका था वैसा और किसी का नहीं। भाषा मानो इनके हृदय के साथ जुड़कर ऐसी वशवर्तनी हो गई थी कि वे उसे अपनी भावभंगी के साथ-साथ जिस रूप में चाहते थे उस रूप में मोड़ सकते थे।” जयशंकर प्रसाद
निराला
देव
घनानंद
रामचंद्र शुक्ल का उक्त कथन कवि ‘घनानंद’ के विषय में है।
53. यह कथन हिंदी साहित्य के किस इतिहास लेखक का है?
“चंद्रकांता पढ़ने के लिए न जाने कितने उर्दूजीवी लोगों ने हिंदी सीखी शुरू-शुरू में ‘चंद्रकांता’ … और ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़कर न जाने कितने नवयुवक हिंदी के लेखक हो गए।” बाबू श्यामसुंदर दास
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
डॉ. नगेंद्र
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
चंद्रकांता के संदर्भ में उपर्युक्त कथन ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल’ का है।
54. उत्तर-मध्यकाल को ‘अलंकृत काल’ की संज्ञा प्रदान करने वाले इतिहास लेखक का नाम है:
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
हजारीप्रसाद द्विवेदी
मिश्रबंधु
उत्तर-मध्यकाल को ‘अलंकृत काल’ की संज्ञा प्रदान करने वाले इतिहास लेखक ‘मिश्रबंधु’ हैं।
55. निम्नलिखित कवियों में से कौन ‘भारतेन्दु युग’ के कवि नहीं हैं?
प्रतापनारायण मिश्र
ठाकुर जगमोहन सिंह
अंबिकादत्त व्यास
लोचन प्रसाद पांडेय
लोचन प्रसाद पांडेय द्विवेदी युग के कवि हैं।
56. इस काव्यांश के संबंध में एक कथन सही नहीं है। उसे चुनिए:
“एक तुम, यह विस्तृत भूखण्ड, प्रकृति वैभव से भरा अमंद।कर्म का भोग, भोग का कर्म, यही जड़ का चेतन-आनंद।”
प्रत्यभिज्ञा दर्शन में जड़-चेतन प्रकृति को उस महाचिति का स्वरूप माना जाता है।
प्रसाद ने इसी आधार पर जड़ पृथ्वी को चेतन-आनंद से युक्त कहा है।
‘जड़ का चेतन-आनंद’ पद में विरोधाभास अलंकार है।
अतः यहाँ जो कुछ भी जड़-अजड़ात्मक दिखाई देता है, वह उस महाचिति स्वरूप शिव से रहित है।
जयशंकर प्रसाद कृत कामायनी के श्रद्धा सर्ग के इस काव्यांश के संबंध में यह कथन सही नहीं है।
57. भाषा के संबंध में कौन-सा कथन गलत है?
भाषा यादृच्छिक ध्वनि संकेत है अर्थात् शब्द और अर्थ में कोई तर्क-संगत संबंध नहीं है।
भाषा में प्रयुक्त शब्दों तथा उनके अर्थों का प्राकृतिक संबंध होता है।
भाषा के ध्वनि-संकेत रूढ़ अर्थात् अर्थ विशेष में प्रसिद्ध होते हैं।
उच्चारण की दृष्टि से भाषा की लघुतम इकाई शब्द है और सार्थकता की दृष्टि से वाक्य।
उच्चारण की दृष्टि से भाषा की लघुतम इकाई ध्वनि है और सार्थकता की दृष्टि से शब्द।
58. क्रोंचे के ‘अभिव्यंजनावाद’ के संबंध में कौन-सा कथन सही नहीं है?
क्रोंचे सहजानुभूति को अभिव्यंजना मानते हैं और यह अभिव्यंजना अन्तर्मन से होती है।
सफल अभिव्यक्ति में ही सौंदर्य निवास करता है।
क्रोंचे की दृष्टि में कला एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है।
कला और सहजानुभूति अलग-अलग हैं।
क्रोंचे कला और सहजानुभूति को अलग-अलग नहीं मानते हैं।
59. ‘रचना’ और ‘रचनाकार’ की दृष्टि से एक सुमेल गलत है। उसे चुनिए:
हिमकिरीटिनी – माखनलाल चतुर्वेदी
हम विषपायी जनम के – बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
जूही की कली – निराला
बादल राग – पंत
बादल राग सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की रचना है।
60. ‘गिरजे का घंटा’ किस कवि की पहली कविता है?
जयशंकर प्रसाद
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
रामनरेश त्रिपाठी
सुमित्रानंदन पंत
‘गिरजे का घंटा’ (1916 ई.) सुमित्रानंदन पंत की पहली कविता है।
61. नाटककार और नाटकों की दृष्टि से एक युग्म गलत है। उसे चुनिए:
हरिकृष्ण प्रेमी – रक्षाबंधन, प्रतिशोध
लक्ष्मीनारायण मिश्र – राक्षस का मंदिर, सिंदूर की होली
जयशंकर प्रसाद – अजातशत्रु, विशाख
आचार्य चतुरसेन शास्त्री – उत्सर्ग, विक्रमादित्य
उत्सर्ग नाटक आचार्य चतुरसेन शास्त्री का है लेकिन विक्रमादित्य के लेखक उदयशंकर भट्ट हैं।
62. इनमें से कौन-सी रचना ‘प्रगतिवादी’ नहीं है?
युगवाणी
पिघलते पत्थर
कुकुरमुत्ता
पाताल विजय
हरिकृष्ण प्रेमी कृत पाताल विजय नाटक प्रगतिवादी नहीं है।
63. निम्न में सही युग्म का चयन कीजिए:
एक दिन नदी बन गया – केदारनाथ सिंह
कोई दूसरा नहीं – उषा प्रियंवदा
खूंटियों पर टंगे लोग – नरेश मेहता
कंधे पर सूरज – रामदरश मिश्र
‘कंधे पर सूरज’ और ‘एक दिन नदी बन गया’ कविता संग्रह रामदरश मिश्र का है; वहीं ‘कोई दूसरा नहीं’ काव्य संग्रह कुँवर नारायण और ‘खूंटियों पर टंगे लोग’ काव्य संग्रह सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का है।
64. ‘ताले में बंद प्रजातंत्र’ नाटक के लेखक हैं:
दूधनाथ सिंह
देवेंद्र दीपक
विलास गुप्ते
विभु कुमार
‘ताले में बंद प्रजातंत्र’ नाटक के लेखक ‘विभु कुमार’ हैं।
65. ‘लौटकर आना नहीं होगा’ संस्मरण के लेखक हैं:
विष्णुकांत शास्त्री
कृष्णा सोवती
अमृतलाल नागर
डॉ. कांति कुमार जैन
‘लौटकर आना नहीं होगा’ संस्मरण के लेखक ‘डॉ. कांति कुमार जैन’ हैं।
66. ‘तुलसी’ की ‘विनय-पत्रिका’ के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?
विनय-पत्रिका तुलसी के आकुल अंतर की चित्तस्पर्शी पुकार है।
विनय-पत्रिका तुलसीदास की भक्ति-भावना की परम परिणति है।
विनय-पत्रिका कलि पीड़ित लोक के प्रतिनिधि तुलसी का आत्मनिवेदन है।
विनय-पत्रिका की साहित्यिक अवधी भाषा प्रौढ़, प्रांजल, सुव्यवस्थित और अर्थगौरव संपन्न है।
तुलसीदास कृत ‘विनय पत्रिका’ के संदर्भ में यह कथन असत्य है।
67. निम्न में से कौन-सा उपन्यास ‘मेहरुन्निसा परवेज’ का है?
सोना-माटी
पीली आँधी
उत्तर कथा
अकेला पलाश
‘अकेला पलाश’ उपन्यास ‘मेहरुन्निसा परवेज’ का है।
68. ‘कहानी’ और ‘कहानीकार’ की दृष्टि से कौन-सा एक युग्म गलत है?
गाँव के लोग – मिथिलेश्वर
दिल्ली कहाँ है – महीप सिंह
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे – दूधनाथ सिंह
एक अपवित्र पेड़ – सुरेन्द्र तिवारी
‘एक अपवित्र पेड़’ के लेखक प्रियंवद हैं।
69. ‘कहानी’ और ‘महिला कहानीकार’ की दृष्टि से कौन-सा एक युग्म गलत है?
कितना बड़ा झूठ – उषा प्रियंवदा
एक स्त्री का विदागीत – मृणाल पांडे
गोमा हँसती है – मैत्रेयी पुष्पा
मरा हुआ आदमी – कृष्णा अग्निहोत्री
‘मरा हुआ आदमी’ कहानी के लेखक वृजेश नीरज हैं।
70. इनमें से किस कवि का नाम ‘प्रथम तारसप्तक’ के कवियों में नहीं है?
गिरिजा कुमार माथुर
अज्ञेय
मुक्तिबोध
केदारनाथ सिंह
केदारनाथ सिंह की कविताएँ तीसरे तार सप्तक में संग्रहित हैं।
71. निम्न में से कौन-सी एक रचना ‘गिरिजा कुमार माथुर’ की नहीं है?
नाश और निर्माण
धूप के धान
शिला पंख चमकीले
शेष यात्रा
गिरिजा कुमार माथुर की काव्य संग्रह का नाम ‘शेष रचना’ है।
72. ‘जुनेजा’ मोहन राकेश की किस रचना का पात्र है?
आषाढ़ का एक दिन
लहरों के राजहंस
शायद और अहं
आधे-अधूरे
‘जुनेजा’ मोहन राकेश के ‘आधे-अधूरे’ नाटक की पात्र है।
73. ‘कबीरदास’ का उत्तराधिकारी कौन था?
कमाल
कमाली
लोई
धर्मदास
‘कबीरदास’ का उत्तराधिकारी उनके परम शिष्य ‘धर्मदास’ थे।
74. निम्न में से कौन-सी रचना ‘अज्ञेय’ की है?
स्वप्न भंग
अनुक्षण
कनुप्रिया
इत्यलम्
‘इत्यलम्’ काव्य रचना ‘अज्ञेय’ की है।
75. इनमें से कौन-सी एक रचना ‘भीष्म साहनी’ का नहीं है?
तमस
झरोखे
भाग्यरेखा
परख
परख उपन्यास जैनेंद्र कुमार का है।
76. ‘लोकायतन’ महाकाव्य का कथ्य किस महापुरुष से संबंधित है?
महात्मा गौतम बुद्ध
महात्मा विदुर
लौह पुरुष सरदार पटेल
महात्मा गाँधी
‘लोकायतन’ महाकाव्य का कथ्य महात्मा गाँधी के जीवन से संबंधित है, प्रथम खंड में आजादी की प्राप्ति और द्वितीय खंड में स्वतंत्रता की विकृति की स्थिती पर विचार किया गया है। पंत जी को इस रचना के लिए ‘सोवियत लैंड नेहरू’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
77. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी मानी गई है?
अनुच्छेद 344
अनुच्छेद 345
अनुच्छेद 346
अनुच्छेद 343
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी मानी गई है।
78. निम्नलिखित काव्यांश के नीचे दिए गए अर्थों में से सही अर्थ निकालिए:
“काहे को रोकत मारग सूधो?सुनहु मधुप! निर्गुन-कंटक ते, राजपंथ क्यों रूधो?
X X X
ताकौ कहा परेखो कीजै, जानत छाँछ न दूधो?
सूर ‘मूर’ अक्रूर गए लै, ब्याज निबेरत ऊधो।”
हम अपने प्रेम या भक्ति के सीधे और चौड़े राजमार्ग पर जा रही हैं।
हमारे प्रेममार्ग में अपने निर्गुण-रूपी काँटे क्यों बिछा रहे हो? दोनों के अलग-अलग मार्ग हैं।
भक्ति और ज्ञान के संबंध में सूर का यही मत है कि वे ज्ञान विरोधी नहीं, ‘भक्ति विरोधी ज्ञान’ के विरोधी हैं।
हमारे मूलधन ‘कृष्ण’ को ‘अक्रूर’ ले गये और अब ये ऊधो ब्याज के रूप में उनकी यादें देने आये हैं।
आयोग द्वारा इस प्रश्न को अयोग्य मान लिया गया है क्योंकि सभी विकल्प में आंशिक रूप से काव्यांश का आशय निहित है।
79. ‘तत्सम’ की दृष्टि से कौन-सा युग्म गलत है?
अंगुष्ठिका – अंगूठी
निर्झर – झड़ना
राजपुत्र – राजपूत
परख – प्रस्तर
परख का तत्सम शब्द ‘परीक्षा’ है।
80. ‘तद्भव’ की दृष्टि से कौन-सा युग्म सही है?
शूकर – शर्करा
हस्ती – हीरक
ओष्ठ – साँप
बाघ – व्याघ्र
तद्भव-तत्सम: बाघ- व्याघ्र, सुअर- शूकर, शक्कर- शर्करा, हाथी- हस्ती, हीरा- हीरक, ओठ- ओष्ठ, साँप- सर्प।
81. निम्न में से कौन-सा शब्द ‘तत्सम’ नहीं है?
मातृश्वसा
सुघट्ट
हिंगु
मजीठ
मजीठ तद्भव शब्द है इसका तत्सम शब्द ‘मज्जिष्ठ’ होता है।
82. निम्न में कौन-सा शब्द ‘तत्सम’ है?
अखरोट
कंगन
ईख
लोचन
इनमें से ‘लोचन’ शब्द ‘तत्सम’ है।
83. छायावाद के संबंध में यह कथन किसका है?
“परमात्मा की छाया आत्मा में पड़ने लगती है और आत्मा की छाया परमात्मा में; यही छायावाद है।” जयशंकर प्रसाद
आचार्य रामचंद्र शुक्ल
डॉ. नगेंद्र
डॉ. रामकुमार वर्मा
छायावाद के संबंध में यह कथन ‘डॉ. रामकुमार वर्मा’ का है।
84. ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ और ‘इतिहास लेखक’ की दृष्टि से कौन-सा युग्म गलत है?
हिंदी साहित्य की भूमिका – आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
हिंदी साहित्य का इतिहास – आचार्य रामचंद्र शुक्ल
हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास – डॉ. रामकुमार वर्मा
हिंदी साहित्य विनोद – मिश्रबंधु
मिश्रबंधुओं अर्थात गणेशबिहारी मिश्र, श्यामविहारी मिश्र तथा शुकदेवबिहारी मिश्र के इतिहास ग्रंथ का नाम ‘मिश्रबंधु विनोद’ है। इसके 3 भाग 1913 ई. और चौथा भाग 1934 ई. में प्रकाशित हुआ था।
85. इनमें से एक ‘समालोचक’ शुक्ल परंपरा से है। उन्हें चुनिए:
डॉ. नगेंद्र
डॉ. नामवर सिंह
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
बाबू गुलाब राय
बाबू गुलाब राय शुक्ल परम्परा के समालोचक हैं।
86. ‘सिद्धान्त और अध्ययन’ किसकी काव्यशास्त्रीय रचना है?
विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
हजारीप्रसाद द्विवेदी
रामविलास शर्मा
बाबू गुलाब राय
‘सिद्धान्त और अध्ययन’ बाबू गुलाब राय की काव्यशास्त्रीय रचना है।
87. ‘यात्रावृत्त’ और ‘यात्रावृत्त लेखक’ की दृष्टि से कौन-सा एक युग्म गलत है?
ज्योतिपुंज हिमालय – डॉ॰ विष्णु प्रभाकर
बद्रीनाथ की ओर – कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी
आखिरी चट्टान तक – मोहन राकेश
अरे! यायावर रहेगा याद – डॉ. रघुवंश
अरे! यायावर रहेगा याद (1953 ई.) और एक बूँद सहसा उछली (1965 ई.) और यात्रावृतांत के लेखक सच्चिदानंद हीरानंद ‘अज्ञेय’ हैं जिसमें क्रमशः भारतीय और यूरोपीय यात्राओं का विषद चित्रण हैं।
88. ‘नागरी प्रचारिणी सभा, काशी’ की स्थापना कब हुई थी?
15 अगस्त, 1898
31 जुलाई, 1937
10 जून, 1896
16 जुलाई, 1893
‘नागरी प्रचारिणी सभा, काशी’ की स्थापना 16 जुलाई, 1893 ई. को क्वींस कॉलेज के नौवीं के तीन छात्रों बाबू श्यामसुंदर दास, पं. रामनारायण मिश्र और शिवकुमार मिश्र के द्वारा हुई थी।
89. उक्त कथन के लेखक हैं:
“अधिकार सुख कितना मादक और सारहीन है। अपने को नियामक और कर्त्ता समझने की बलवती स्पृहा उससे बेगार कराती है।” रामचंद्र शुक्ल
हजारीप्रसाद द्विवेदी
प्रेमचंद
जयशंकर प्रसाद
उक्त कथन जयशंकर प्रसाद के नाटक ‘स्कंदगुप्त’ से लिया गया है।
90. निम्न में से एक कवि ‘अष्टछाप’ के कवियों में नहीं है। उन्हें चुनिए:
कुंभनदास
कृष्णदास
छीतस्वामी
अर्जुनदास
अर्जुनदास केडिया प्राचीन शैली में लिखने वाले आधुनिक कवियों में से एक हैं। अलंकार ग्रंथ ‘भारती भूषण’ इनकी कीर्ति का आधार है।
91. कवि घनानंद को किस मुगल बादशाह ने देश से निकाल दिया था?
अकबर
औरंगजेब
बाबर
मुहम्मदशाह रंगीले
कवि घनानंद को मुगल बादशाह ‘मुहम्मदशाह रंगीले’ ने देश से निकाल दिया था।
92. छायावादी युग में रचित काव्य रचना ‘ब्रजरस’ के रचनाकार हैं:
जगदम्बा प्रसाद ‘हितैषी’
दुलारेलाल भार्गव
उमाशंकर वाजपेयी ‘उमेश’
रायकृष्णदास
छायावादी युग में रचित काव्य रचना ‘ब्रजरस’ के रचनाकार ‘रायकृष्णदास’ हैं।
93. रीतिमुक्त या स्वछंद धारा के कवि ‘घनानंद’ विषयक कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
कवि घनानंद के भाव व्यक्तिगत, अतएव स्वच्छन्द हैं।
प्रेम की पीड़ा को कवि ने सच्चे हृदय से अपनी पूर्णता में भोगा था, अतः अभिव्यक्ति सटीक और मार्मिक हुई है।
कवि के भाग्य में प्रेम का हर्ष बदा ही नहीं था।
घनानंद का काव्य भावों की अन्तर्भूमि से विलग वस्तु की नींव पर निर्मित है।
घनानंद विषयक यह कथन सत्य नहीं है।
94. इनमें कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है?
महावृक्ष के नीचे – अज्ञेय
भूल गलती – मुक्तिबोध
गीत फ़रोश – भवानीप्रसाद मिश्र
कलगी बाजरे की – नागार्जुन
‘कलगी बाजरे की’ कविता अज्ञेय की है।
95. देवनागरी लिपि के संबंध में कौन-सा कथन सही नहीं है?
देवनागरी अक्षरों का नाम ध्वनि के अनुकूल है।
देवनागरी में जितना लिखा जाता है उतना पढ़ा भी जाता है।
देवनागरी में स्वरों और व्यंजनों का क्रम वैज्ञानिक है।
देवनागरी में लिखा गया शब्द अंग्रेजी से अपेक्षाकृत अधिक जगह घेरता है।
देवनागरी लिपि के संबंध में यह कथन सही नहीं है।
96. रचना और रचनाकार की दृष्टि से कौन-सा युग्म गलत है?
निराला की साहित्य साधना – डॉ. रामविलास शर्मा
कामायनी: पुनर्मूल्यांकन – रामस्वरूप चतुर्वेदी
नई कविता – डॉ. जगदीश गुप्त
कविता के नये प्रतिमान – लक्ष्मीकांत वर्मा
कविता के नये प्रतिमान’ के लेखक डॉ. नामवर सिंह हैं वहीं ‘नयी कविता के प्रतिमान’ के लेखक लक्ष्मीकांत वर्मा हैं।
97. -यह अवतरण किस निबंध से लिया गया है?
“रवीन्द्रनाथ ने इस भारतवर्ष को ‘महामानवी समुद्र’ कहा है। विचित्र देश है यह। यहाँ असुर आये, आर्य आये …न जाने कितनी मानव जातियाँ यहाँ आईं और आज के भारतवर्ष के बनाने में अपना हाथ लगा गईं, जिसे हम हिंदी रीति-नीति कहते हैं।” भारतीय संस्कृति की देन
रवीन्द्रनाथ के राष्ट्रीय गान
साहित्य की महत्ता
अशोक के फूल
यह अवतरण हजारीप्रसाद द्विवेदी के निबंध ‘अशोक के फूल’ से लिया गया है।
98. निम्न में से कौन-सा पात्र ‘स्कंदगुप्त’ नाटक का नहीं है?
पृथ्वीसेन
देवसेना
भट्टार्क
अलका
‘अलका’ जयशंकर प्रसाद के नाटक ‘चंद्रगुप्त’ (1931 ई.) की पात्र है।
99. उक्त काव्यांश किस कविता का अंश है?
“विस्फारित नयनों से निश्चलकुछ खोज रहे चल तारक दल
ज्योतित कर जल का अन्तस्तल।”
संध्या सुंदरी
परिवर्तन
जूही की कली
नौका विहार
उक्त काव्यांश सुमित्रानंदन पंत की कविता ‘नौका विहार’ का एक अंश है।
100. सुमेलित करते हुए दिए जाए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए:
(i) ताज – (a) मुक्तिबोध(ii) तमस – (b) सुमित्रानंदन पंत
(iii) अतीत के चलचित्र – (c) भीष्म साहनी
(iv) अंधेरे में – (d) महादेवी वर्मा
कूट:(a), (b), (c), (d)
(ii), (iii), (i), (iv)
(iii), (i), (ii), (iv)
(iv), (i), (iii), (ii)
(iv), (i), (ii), (iii)
सुमेलित: मुक्तिबोध- अंधेरे में, सुमित्रानंदन पंत- ताज, भीष्म साहनी- तमस, महादेवी वर्मा- अतीत के चलचित्र।