अलंकार सिद्धांत और उसके प्रमुख आचार्य
अलंकार संप्रदाय के प्रतिष्ठापक आचार्य भामह हैं। हलांकि आचार्य भरत मुनि ने अलंकार संबंधी कई स्थापनाएं प्रस्तुत किया परंतु उन्होंने रस सिद्धांत को ही प्रमुखता...
पाश्चात्य काव्यशास्त्र के प्रमुख सिद्धांत और उनके प्रवर्तक
पाश्चात्य काव्यशास्त्र
पाश्चात्य काव्यशात्र का इतिहास काफी समृद्ध है। 8वीं शदी ईसा पूर्व से ही काव्यशास्त्र संबंधी साक्ष्य उपलब्ध होने लगते हैं परंतु व्यवस्थित विचार...
पाश्चात्य काव्यशास्त्र के प्रमुख ग्रंथ और उसके लेखक
पाश्चात्य काव्यशास्त्र
पाश्चात्य काव्यशास्त्र के उद्भव ईसा के आठ शताब्दी पूर्व से मिलने लगते हैं। होमर और हेसिओड जैसे कवियों के काव्य में पाश्चात्य काव्यशास्त्रीय...
हिंदी के प्रमुख उपन्यासकार और उनके उपन्यास | hindi upanyas list
लाला श्रीनिवासदास कृत ‘परीक्षा गुरु’ (1882 ई.) को हिन्दी का प्रथम उपन्यास माना जाता है। रामचंद्र शुक्ल भी इसे ही अंग्रेजी ढंग का प्रथम उपन्यास...
हिन्दी साहित्य की मिलती-जुलती नामों वाली रचनाएँ और रचनाकार
हिंदी साहित्य में कई लेखकों की रचनाओं के नामों में काफी साम्यता है, कई रचनाओं का एक ही नाम है। इसलिए अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं...
हिंदी साहित्य के प्रमुख त्रयी | hindi sahity ke prmukh tryi
हिंदी साहित्य में कई त्रयी प्रसिद्ध रहे, उनमें से कुछ त्रयी जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं, जिनसे प्राय: प्रश्न पूछें जाते...
रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृतियाँ | reetikal
रीतिकालीन काव्य की रचना सामंती परिवेश और छत्रछाया में हुई है इसलिए इसमें वे सारी विशेषताएँ पाई जाती हैं जो किसी भी सामंती और...
रीतिबद्ध काव्यधारा के कवि और उनकी रचनाएँ
रीतिबद्ध कवि
जिन कवियों नें शास्त्रीय ढंग पर लक्षण उदाहरण प्रस्तुत कर अपने ग्रंथों की रचना किया उन्हें रीतिबद्ध श्रेणी में रखा गया है। हिन्दी के...
रीतिकाल का नामकरण, विभाजन एवं प्रवर्तक
सामान्यत: 17वीं शती के मध्य से 19वीं शती के मध्य तक रीतिकाल की अवधि मानी जाती है। रीतिकाल के नामकरण, विभाजन और प्रवर्तकों को लेकर...
रीतिमुक्त काव्यधारा के कवि और उनकी रचनाएँ
रीतिमुक्त कवि
इस वर्ग में वे कवि आते हैं जो ‘रीति' के बन्धन से पूर्णतः मुक्त हैं अर्थात इन्होने काव्यांग निरूपण करने वाले ग्रन्थों लक्षण ग्रन्थों...