दोस्तों यह हिंदी quiz 49 है। जो 2004 से लेकर 2019 तक के ugc net jrf हिंदी के प्रश्नपत्रों पर आधारित है। हिंदी के प्रश्नपत्रों में आधुनिक काव्य पंक्तियों से संबंधित पूछे गए प्रश्नों का पहला भाग इस quiz के माध्यम से दिया जा रहा है। ठीक उसी तरह जैसे रीतिकालीन काव्य पंक्तियों से संबंधित प्रश्नों को nta ugc net hindi quiz 48 में दिया गया था।
1. ‘सखि वे मुझ से कह कर जाते’- किस कवि की काव्य-पंक्ति है? (दिसम्बर, 2005, II)
(A) सियाराम शरण गुप्त
(B) मैथिली शरण गुप्त ✅
(C) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(D) जगदीश गुप्त
2. ‘कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ, जिससे उथल-पुथल मच जाए’- किसकी पंक्ति है? (जून, 2007, II)
(A) बालकृष्ण शर्मा नवीन ✅
(B) रामनरेश त्रिपाठी
(C) माखनलाल चतुर्वेदी
(D) सोहनलाल द्विवेदी
3. “तुम विद्युत बन आओ पाहुन, मेरे नयनों पर पग धर-धर” पंक्ति है: (दिसम्बर, 2009, II)
(A) महादेवी वर्मा की ✅
(B) मीराको
(C) श्रीनरेश मेहता की
(D) लीलाधर जगूड़ी को
4. “दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।”
-उपर्युक्त पंक्तियाँ किसकी कविता से उद्धृत हैं? (जून, 2012, II)
(A) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
(B) रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ✅
(C) मैथिलोशरण गुप्त
(D) जानकीवल्लभ शास्त्री
5. “दुःख ही जीवन की कथा रही,
क्या कहूँ आज जो नहीं कही।”
-उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कविता से उद्धृत हैं? (दिसम्बर, 2012, II)
(A) सरोज स्मृति ✅
(B) राम की शक्तिपूजा
(C) तुलसीदास
(D) कुकुरमुत्ता
6. “जो घनीभूत पीड़ा थी, मस्तक में स्मृति-सी छाई,
दुर्दिन में ऑसू बनकर, वह आज बरसने आई।”
-उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों किस कवि की हैं? (जून, 2012, III)
(A) मैथिलीशरण गुप्त
(B) महादेवी वर्मा
(C) जयशंकर प्रसाद ✅
(D) नरेन्द्र शर्मा
7. ‘अग्निपथ के पार चंदन-चांदनी का देश’ किसकी पंक्ति है? (जून, 2013, II)
(A) हरिवंशराय बच्चन
(B) महादेवी वर्मा ✅
(C) रामनरेश त्रिपाठी
(D) नरेन्द्र शर्मा
8. “उज्ज्वल वरदान चेतना का, सौन्दर्य जिसे सब कहते हैं।” यह पंक्ति कामायनी के किस सर्ग से है? (दिसम्बर, 2013, II)
(A) श्रद्धा
(B) आशा
(C) लज्जा ✅
(D) आनंद
9. ‘प्रेम का पयोधि तो उमड़ता है। सदा ही निस्सीम भू पर’ यह पंक्ति किस छायावादी कवि की है? (सितंबर, 2013, II)
(A) प्रसाद
(B) पंत
(C) निराला ✅
(D) महादेवी वर्मा
10. “यह अभिनव मानव प्रजा सृष्टि।
द्वयता में लगी निरंतर ही वर्णों की करती रहे वृष्टि॥”
-ये काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (दिसम्बर, 2013, III)
(A) जयशंकर प्रसाद ✅
(B) सुमित्रानन्दन पंत
(C) महादेवी वर्मा
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
11. ‘सखा प्यारे कृष्ण के गुलाम राधा रानी के’ यह पंक्ति किस कवि के बारे में है? (सितम्बर, 2013, III)
(A) घनानंद
(B) भारतेंदु हरिश्चंद्र ✅
(C) गोपाल चंद्र ‘गिरिधरदास’
(D) प्रेमघन
12. “इस करुणा कलित हृदय में
अब विकल रागिनी बजती
क्यों हाहाकार स्वरों में
बेदना असीम गरजती।”
-इन काव्य पंक्तियों के कवि हैं: (सितम्बर, 2013, III)
(A) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(B) हरिवंशराय बच्चन
(C) जयशंकर प्रसाद ✅
(D) महादेवी वर्मा
13. ‘ज्ञान दूर कुछ क्रिया भिन्न है
इच्छा क्यों पूरी हो मन की,
एक दूसरे से न मिल सके
यह विडंबना है जीवन की।’
-इन काव्य-पंक्तियों के रचनाकार हैं: (दिसम्बर, 2014, II)
(A) जयशंकर प्रसाद ✅
(B) सुमित्रानंदन पंत
(C) अज्ञेय
(D) रामनरेश त्रिपाठी
14. “भेजे मनभावन के ऊधव के आवन की
सुधि ब्रज-गांवनि मैं पावन जबै लगीं।”
-उपरोक्त पंक्तियाँ किस काव्य कृति की हैं? (जून, 2014, III)
(A) रसकलस
(B) गंगावतरण
(C) उद्धवशतक ✅
(D) भ्रमरगीत
15. “हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ कल वहाँ चले।”
-ये काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (दिसम्बर, 2014, III)
(A) बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
(B) माखनलाल चतुर्वेदी
(C) भगवतीचरण वर्मा ✅
(D) सुभद्राकुमारी चौहान
16. “रूप की आराधना का मार्ग
आलिंगन नहीं तो और क्या है?”
-इन काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं: (दिसम्बर, 2014, III)
(A) भवानीप्रसाद मिश्र
(B) नरेंद्र शर्मा
(C) रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ✅
(D) केदारनाथ अग्रवाल
17. निम्नलिखित पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (दिसम्बर, 2015, II)
“क्या कहा मैं अपना खंडन करता हूँ?
ठीक है तो, मैं अपना खंडन करता हूँ;
मैं विराट् हूँ- मैं समूहों को समोये हूँ।”
(A) जयशंकर प्रसाद
(B) सुमित्रानंदन पंत
(C) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ✅
(D) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
18. ‘बीती विभावरी जाग री।
अम्बर पनघट में डुबो रही, तारा-घट उषा-नागरी।’
-उपर्युक्त पंक्तियाँ जयशंकर प्रसाद के किस काव्य संग्रह में संकलित हैं? (जून, 2015, III)
(A) प्रेमपथिक
(B) झरना
(C) काननकुसुम
(D) लहर ✅
19. “सुधि मेरे आगम की जग में
सुख की सिहरन हो अंत खिली!”
-उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (दिसम्बर, 2015, III)
(A) मैथिलीशरण गुप्त
(B) महादेवी वर्मा ✅
(C) जयशंकर प्रसाद
(D) सुभद्राकुमारी चौहान
20. ‘काम मंगल से मंडित श्रेय
सर्ग इच्छा का है परिणाम;
तिरस्कृत कर उसको तुम भूल
बनाते हो असफल भवधाम।’
-उपर्युक्त काव्य पंक्तियाँ ‘कामायनी’ के किस सर्ग की हैं? (जून, 2016, II)
(A) वासना
(B) काम
(C) श्रद्धा ✅
(D) लज्जा
21. “छोड़ द्रुमों को मृदु छाया
तोड़ प्रकृति से भी माया
बाले! तेरे बाल-जाल में कैसे उलझा दूँ लोचन?”
-इन काव्य पंक्तियों के रचयिता हैं: (जून, 2016, III)
(A) रामनरेश त्रिपाठी
(B) जयशंकर प्रसाद
(C) सुमित्रानंदन पंत ✅
(D) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
22. “दुख ही जीवन की कथा रही
क्या कहूँ आज, जो नहीं कही।’
-यह कथन किस कवि का है? (दिसम्बर, 2016, III)
(A) प्रसाद
(B) मुक्तिबोध
(C) निराला ✅
(D) पंत
23. “प्रिय की सुधि- सी ये सरिताएँ, ये कानन कांतार सुसज्जित।
मैं तो नहीं, किंतु है मेरा हृदय किसी प्रियतम से परिचित।
जिसके प्रेमपत्र आते हैं प्रायः सुख-संवाद – सन्निहित।”
-उपर्युक्त काव्य पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (नवंबर, 2017, II)
(A) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(B) रामनरेश त्रिपाठी ✅
(C) मैथिलीशरण गुप्त
(D) लाला भगवानदीन
24. ‘कहाँ हो ऐ हमारे प्राण प्यारे। किधर तुम छोड़कर हमको पधारे।।
बुढ़ापे में यह दुख भी देखना था। इसी को देखने को मैं बचा था।।’
-ये काव्य पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (जून, 2017, III)
(A) प्रतापनारायण मिश्र
(B) अम्बिकादत्त व्यास
(C) भारतेंदु हरिश्चंद्र ✅
(D) उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी
25. ‘फिर परियों के बच्चे से हम सुभग सीप के पंख पसार।
समुद्र पैरते शुचि ज्योत्स्ना में पकड़ इंद्र के कर सुकुमार।।’
इन काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं: (जून, 2017, III)
(A) सुमित्रानंदन पंत ✅
(B) महादेवी वर्मा
(C) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
(D) जयशंकर प्रसाद
26. ‘सब का निचोड़ लेकर तुम
सुख से सूखे जीवन में
बरसो प्रभात हिमकन-सा
आँसू इस विश्व-सदन में।”
-उक्त काव्य पंक्तियों के रचयिता हैं: (जून, 2017, III)
(A) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
(B) जयशंकर प्रसाद ✅
(C) महादेवी वर्मा
(D) सुमित्रानंदन पंत
27. स्वाधीनता-प्राप्ति के अवसर पर लिखी गई निम्नलिखित कविता किस कवि की है? (जून, 2017, III)
“मुक्त गगन है, मुक्त पवन है, मुक्त साँस गरबीली।
लाँघ सात लाँबी सदियों को हुई श्रृंखला ढीली।
टूटी नहीं कि लगा अभी तक, उपनिवेश का दाग?
बोल तिरंगे, तुझे उड़ाऊँ या कि जगाऊँ आग?”
(A) माखनलाल चतुर्वेदी ✅
(B) रामधारी सिंह दिनकर
(C) बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
(D) सोहनलाल द्विवेदी
28. “क्षत्रिय! उठो अब तो कुयश की कालिमा को मेट दो।
निज देश को जीवन सहित तन मन तथा धन भेंट दो।
वैश्यो सुनो व्यापार सारा मिट चुका है देश का।
सब धन विदेशी हर रहे हैं, पार है क्या क्लेश का।।”
-उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं: (नवम्बर, 2017, III)
(A) भारतेंदु हरिश्चंद्र
(B) मैथिलीशरण गुप्त ✅
(C) प्रतापनारायण मिश्र
(D) रामधारीसिंह दिनकर
29. “स्नेह-निर्झर बह गया है।
रेत ज्यों तन रह गया है।”
-उपरोक्त गीत किस कवि का है? (नवम्बर, 2017, III)
(A) जयशंकर प्रसाद
(B) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ✅
(C) नरेंद्र शर्मा
(D) रामकुमार वर्मा
30. ‘बगियान बसंत बसेरो कियो, बसिए, तेहि त्यागि तपाइए ना।
दिन काम-कुतूहल के जो बने, तिन बीच बियोग बुलाइए ना॥’
उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं: (जून, 2018, II)
(A) प्रतापनारायण मिश्र
(B) बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ ✅
(C) ठाकुर जगन्मोहन सिंह
(D) भारतेंदु हरिश्चंद्र
31. ‘आज रात इससे परदेशी चल कीजे विश्राम यहीं।
जो कुछ वस्तु कुटी में मेरे करो ग्रहण, संकोच नहीं ॥’
-प्रस्तुत काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं: (जून, 2018, II)
(A) अंबिकादत्त व्यास
(B) श्रीधर पाठक ✅
(C) रामनरेश त्रिपाठी
(D) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
32. ‘हिंसानल से शांत नहीं होता हिंसानल’
-उपर्युक्त ध्येय-वाक्य का सम्बन्ध किस काव्य रचना से है? (जून, 2019, II)
(A) कुरुक्षेत्र
(B) जयद्रथवध
(C) उन्मुक्त ✅
(D) अशोक की चिंता
33. ‘तुम कनक किरण के अंतराल में
लुक-छिपकर चलते हो क्यों
………………………………………………….
हे लाज भरे सौन्दर्य बता दो
मौन बने रहते हो क्यों।’
-उपर्युक्त गीत-पंक्तियाँ जयशंकर प्रसाद की किस रचना से संबंधित हैं? (जून, 2019, II)
(A) चंद्रगुप्त मौर्य ✅
(B) प्रलय की छाया
(C) कामायनी
(D) स्कन्दगुप्त
34. ‘राम, तुम मानव हो? ईश्वर नहीं हो क्या?
विश्व में रमे हुए नहीं सभी कहीं हो क्या?
तब मैं निरीश्वर हूँ, ईश्वर क्षमा करें,
तुम न रमो तो मन तुममें रमा करे।’
-आधुनिक दृष्टिकोण से प्रेरित मैथिलीशरण गुप्त ने राम के विषय में यह काव्योक्ति किस काव्यग्रंथ में लिखी? (दिसम्बर, 2019, II)
(A) पंचवटी
(B) साकेत ✅
(C) नहुप
(D) विष्णुप्रिया