प्रतिवेदन का अर्थ:
‘प्रति’ उपसर्ग और ‘विद्’ धातु से मिलकर प्रतिवेदन शब्द बना है, जिसका अर्थ है- जानकर लिखा गया। प्रतिवेदन को अंग्रेजी में Report कहते हैं। सरकारी कार्यालयों में घटित होने वाली विशेष घटनाओं पर आधारित प्रामाणिक विवरण तैयार करने की आवश्यकता पड़ती रहती है। समय-समय पर इस प्रकार तैयार किया गया प्रामाणिक विवरण प्रतिवेदन कहलाता है। यह ऐसा विवरण होता है जो किसी प्रश्न के उत्तर अथवा किसी जांच के फलस्वरुप प्रस्तुत किया जाता है।
प्रतिवेदन का उद्देश्य:
प्रतिवेदन का उद्देश्य आवश्यक सूचनाओं, आंकड़ों आदि का विश्लेषण करके निष्कर्षों को संक्षेप में प्रस्तुत करना होता है। प्रतिवेदन में किसी घटना अथवा किसी मामले में की गई जांच-पड़ताल, छानबीन, पूछताछ की ठोस और तथ्यपरक जानकारी दी जाती है। साथ ही मामले को सुलझाने के लिए कुछ सिफारिशें भी की जा सकती हैं।
प्रतिवेदन का स्वरूप:
सरकारी कार्यालयों में प्रतिवेदन एक निर्धारित प्रपत्र पर तैयार किया जाता है। लेकिन कुछ प्रतिवेदन अलग से भी तैयार किए जाते हैं। पहले सारे तथ्यों एवं सूचनाओं का संकलन किया जाता है और अंत में विवरण के साथ निष्कर्ष भी दिया जाता है।
प्रतिवेदन किसी जांच-समिति के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इस समिति का गठन सर्वोच्च अधिकारी करता है। यह समिति एक या एक से अधिक सदस्यों की होती है। कभी-कभी अधिकारी समिति के अध्यक्ष का चयन कर देता है और अध्यक्ष अपनी सहायता के लिए कुछ और सदस्यों को नामित करता है। निश्चित अवधि के भीतर समिति को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होता है।
प्रतिवेदन में यथार्थ तथ्यों को ही समाविष्ट किया जाना चाहिए, प्रमाणिकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसकी भाषा सरल-सहज, बोधगम्य होनी चाहिए, आलंकारिक भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। प्रतिवेदन संक्षिप्त और सुस्पष्ट होना चाहिए।
प्रतिवेदन के प्रकार:
प्रतिवेदन दो प्रकार के होते हैं-
1. जांच या छानबीन के लिए नियुक्त की गई समिति द्वारा एकत्र की गई सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया विवरण
2. सरकारी, शैक्षिक या व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किए गए क्रियाकलापों का विवरण।
प्रतिवेदन का नमूना:
संदर्भ- निदेशक, जल संस्थान इलाहाबाद को लगातार शिकायतें मिलती रही हैं कि कार्यालय में पिछले कुछ वर्षों से लेखन सामग्री की खरीद में अनियमितताएं हो रही हैं। नियमों की अवहेलना करके धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। निदेशक ने इस मामले की जांच के लिए श्री क ख ग की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। इस समिति को एक सप्ताह के भीतर जांच करके अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
प्रतिवेदन
…. समिति ने दी गई अवधि के भीतर जांच का काम पूरा कर लिया। जांच की प्रक्रिया में पहले तो वर्तमान स्थिति का आकलन किया गया। यह देखा गया कि कार्यालय में इस समय कितनी लेखन सामग्री उपलब्ध है। इसके बाद रसीदों, बिलों और व्यौरों की जानकारी ली गई। यह जांच भी की गई कि कितना सामान पिछले दो वर्षों में खरीदा गया। जांच से यह तथ्य सामने आया कि लगभग 50% लेखन सामग्री कार्यालय में लाई ही नहीं गई। केवल बिलें और रसीदें ही आयीं। इसके अलावा अधिक रेट पर कोटेशन देने वाले सप्लायर्स को सप्लाई के आदेश दिए गए। कम रेट देने वालों को उपेक्षित किया गया।
तथ्यों और उपलब्ध विवरणों की पड़ताल से यह बात सामने आई कि इस आर्थिक हेराफेरी में कार्यालय सहायक श्री च छ ज की संलिप्तता है।
निदेशक महोदय जो कार्यवाही करना चाहें।
हस्ताक्षर
(क ख ग)
अध्यक्ष, जांच समिति
जुलाई 13, 2023