दोस्तों यह हिंदी quiz 48 है। जो 2004 से लेकर 2019 तक के ugc net jrf हिंदी के प्रश्नपत्रों पर आधारित है। हिंदी के प्रश्नपत्रों में रीतिकालीन काव्य पंक्तियों से संबंधित पूछे गए प्रश्नों को इस quiz के माध्यम से दिया जा रहा है। ठीक उसी तरह जैसे भक्तिकालीन काव्य पंक्तियों से संबंधित प्रश्नों को nta ugc net hindi quiz 47 में दिया गया था।
1. ‘नैन नचाय कही मुसुकाय, लला फिर आइयो खेलन होरी’- ये काव्य-पंक्ति किस कवि की है? (दिसम्बर, 2005, II)
(A) पद्माकर ✅
(B) मतिराम
(C) घनानन्द
(D) देव
2. ‘कुंदन को रंग फीको लगे, झलकै अति अंगनि चारु गोराई’ यह पँक्ति किस कवि की है? (जून, 2006, II)
(A) भूषण
(B) बिहारी
(C) देव
(D) मतिराम ✅
3. “अमिय हलाहल मद भरे, सेत स्याम रतनार
जियत मरत झुकि झुकि परत, जेहि चितवत इक बार।”
-इन काव्य पंक्तियों के कवि हैं: (दिसम्बर, 2007, II)
(A) बिहारी
(B) रसलीन ✅
(C) घनानन्द
(D) मतिराम
4. ‘रावरे रूप को रीति अनूप, नयो नयो लागत ज्यों ज्यों निहारिये’- किसकी पंक्ति है? (जून, 2008, II)
(A) बोधा
(B) घनानंद ✅
(C) ठाकुर
(D) देव
5. ‘भाषा प्रवीन सुछन्द सदा रहै, सो घन जी के कवित्त बखानै’ पंक्ति है- (दिसम्बर, 2008, II)
(A) घनानन्द की
(B) बोधा की
(C) ब्रजरत्नदास की ✅
(D) रत्नाकर की
6. अमिय हलाहल मदभरे श्वेत स्याम रतनार।
जियत मरत झुकि झुकि परत जेहि चितवत एक बार।।
-किसकी पंक्तियाँ हैं? (जून, 2010, II)
(A) बिहारी
(B) रसलीन ✅
(C) केशवदास॒
(D) घनानन्द
7. ‘काव्य की रीति सिखी सुकबीन सों देखी सुनी बहुलोक की बातें’
-इस काव्योक्ति के कवि है: (जून, 2012, III)
(A) केशवदास
(B) मतिराम
(C) पद्माकर
(D) भिखारीदास ✅
8. शब्दशक्ति के विषय में निम्नलिखित कथन किसका है? (जून, 2012, III)
“अभिधा उत्तम काव्य है, मध्य लक्षणा हीन।
अधम व्यंजना रस विरस, उलटी कहत नवीन।।”
(A) केशवदास
(B) भिखारीदास
(C) देवकवि ✅
(D) चितामणि
9. “ज्यौं-ज्यों बसे जात दूरि-दूरि प्रिय प्राण मूरि।
त्यौं-त्यौं धसे जात मन मुकुर हमारे मैं।।”
भ्रमरगीत प्रसंग से सम्बन्धित उपर्युक्त पंक्तियों के कवि हैं: (जून, 2012, III)
(A) नन्ददास
(B) सूरदास
(C) सत्यनारायण कविरत्न
(D) जगनन्नाथदास रत्नाकर ✅
10. ‘लोगन कवित्त कीबो खेल करि जानो है’ किसकी उक्ति है? (दिसम्बर, 2012, III)
(A) ठाकुर ✅
(B) घनानंद
(C) केशवदास
(D) मतिराम
11. ‘ब्रजभाषा हेत ब्रजवास ही न अनुमानो’ कथन रीतिकाल के किस कवि का है? (सितंबर, 2013, II)
(A) केशवदास
(B) कालिदास त्रिवेदी
(C) भिखारीदास ✅
(D) पद्माकर
12. “अभिधा उत्तम काव्य है; मध्य लक्षणा लीन।
अधम व्यंजना रस बिर्स, उलटी कहत नवीन।।”
-इस उक्त में अभिधा, लक्षणा आदि शब्दशक्तियों का निरूपण किस रीति कवि ने किया? (सितम्बर, 2013, III)
(A) मतिराम
(B) कुलपति मिश्र
(C) देव ✅
(D) सुखदेव मिश्र
13. “अमिय, हलाहल, मदभरे, सेत स्थाम रतनार।
जियत, मरत, झुकि झुकि परत, जेहि चितवत इकबार।।”
-यह दोहा किस पुस्तक में वर्णित है? (सितम्बर, 2013, III)
(A) अंग दर्पण ✅
(B) रसपीयूषनिधि
(C) बिहारी सतससई
(D) रसविलास
14. “अधर-मधुरता, कठिनता-कुच, तीक्षनता-त्यौर।
रस-कवित्त-परिपक्वता जाने रसिक न और।।”
-उक्त दोहे के द्वारा किस आचार्य कवि ने काव्य-रसिक को परिभाषित किया है? (जून, 2015, II)
(A) चिंतामणि
(B) भिखारीदास ✅
(C) जसवंत सिंह
(D) बेनी प्रवीन
15. “डेल सो बनाय आय मेलत सभा के बीच
लोगन कबित्त कीबो खेल करि जानो है।”
-ये काव्य पंक्तियाँ किसकी हैं? (दिसम्बर, 2015, II)
(A) आलम
(B) बोधा
(C) ठाकुर ✅
(D) द्विजदेव
16. अपना परिचय देते हुए किस कवि ने स्वीकार किया है कि: (दिसम्बर, 2016, II)
‘हय, रथ, पालकी, गयंद, गृह, ग्राम, चारू
आखर लगाय लेत लाखन की सामा हौं।’
(A) भूषण
(B) देव
(C) प्रतापसिंह
(D) पद्माकर ✅
17. ‘बानी को सार बखान्यो सिंगार
सिंगार को सार किसोर-किसोरी।’
-उक्त पंक्तियाँ किसकी हैं? (दिसम्बर, 2016, III)
(A) आलम
(B) रसलीन
(C) देव ✅
(D) कृपाराम
18. “हय रथ पालकी गयंद गृह ग्राम चारु
आखर लगाय लेत लाखन के सामा हौं।”
-यह उक्ति किस कवि की है? (नवंबर, 2017, II)
(A) मतिराम
(B) देव
(C) कुलपति मिश्र
(D) पद्माकर ✅
19. कवि ठाकुर ने किस राजा के कटु वचन कहने पर म्यान से तलवार निकाल ली और कहा: (जून, 2018, II)
सेवक सिपाही हम उन रजपूतन के,
दान जुद्ध जुरिबे में नेकु जे न मुरके।
नीत देनवारे हैं मही के महीपालन को,
हिए के विरुद्ध हैं, सनेही साँचे उर के।
ठाकुर कहत हम बैरी बेवकूफन के,
जालिम दमाद हैं अदानियाँ ससुर के।
चोजिन के चोजी महा, मौजिन के महाराज
हम कविराज हैं, पै चाकर चतुर के।
(A) अनूप गिरि उर्फ हिम्मत बहादुर ✅
(B) जगत सिंह
(C) राजा पारीकछत
(D) महाराज उदितनारायण सिंह
20. ‘बालि को सपूत कपिकुल पुरहत,
रघुवीर जू को दूत भरि रूप विकराल को।’
-उपर्युक्त काव्य-पंक्तियाँ किस रचनाकार की हैं? (जून, 2019, II)
(A) केशवदास
(B) तुलसीदास
(C) सेनापति ✅
(D) मतिराम