दोस्तों यह हिंदी quiz 47 है। जो 2004 से लेकर 2019 तक के ugc net jrf हिंदी के प्रश्नपत्रों पर आधारित है। हिंदी के प्रश्नपत्रों में भक्तिकालीन काव्य पंक्तियों से संबंधित पूछे गए प्रश्नों को इस quiz के माध्यम से दिया जा रहा है। ठीक उसी तरह जैसे आदिकालीन काव्य पंक्तियों से संबंधित प्रश्नों को nta ugc net hindi quiz 46 में दिया गया था।
1. ‘प्रभुजी तुम चंदन हम पानी’ किसकी पंक्ति है? (दिसम्बर, 2006, II)
(A) संत दादूदयाल
(B) रैदास ✅
(C) संत पीपा
(D) संत पल्टू दास
2. ‘आवत जात पनहियाँ टूटी बिसरि गयो हरि नाम’ यह पंक्ति किस कवि की है? (जून, 2006, II)
(A) चतुर्भुजदास
(B) सूरदास
(C) कुंभनदास ✅
(D) नंददास
3. ‘केसव कहि न जाइ का कहिए।
देखत तब रचना विचित्र अति, समुझि मनहि मन रहिए।’
-किस कवि की पंक्तियाँ हैं? (जून, 2008, II)
(A) केशवदास
(B) तुलसीदास ✅
(C) सूरदास
(D) नंददास
4. ‘बसो मेरे नैनन में नन्दलाल’
-किसकी पंक्ति है? (जून, 2010, II)
(A) सूरदास
(B) नंददास
(C) मीराबाई ✅
(D) कृष्णदास
5. ‘अब लौं नसानी, अब न नसैहौं’
–किसकी उक्ति है? (दिसम्बर, 2010, II)
(A) तुलसीदास
(B) सूरदास
(C) मीराबाई
(D) कबीरदास ✅
6. ‘काशी में हम प्रगट भए, रामानन्द चेताये।’
-किसकी पंक्ति है? (जून, 2011, II)
(A) कबीर ✅
(B) तुलसी
(C) सूर
(D) रैदास
7. “हरि रस पीया जानिए, जे कबहूं न जाय खुमार।
मैमंता घूमत फिरै, नाहीं तन को सार।।”
-इन काव्य पंक्तियों के कवि हैं: (जून, 2012, III)
(A) सूरदास
(B) कबीरदास ✅
(C) रसखान
(D) ननन्ददास
8. निम्नलिखित काव्योक्ति तुलसी की किस रचना से है? (जून, 2012, III)
“श्रुति सम्मत हरिभक्ति पथ संजुत विरति विवेक।”
(A) रामचरितमानस ✅
(B) कवितावली
(C) विनयपत्रिका
(D) गीतावली
9. “धिक्! धाए तुम यों अनाहूत,
धो दिया श्रेष्ठ कुल-धर्म धूत,
राम के नहीं, काम के सूत कहलाए।”
-उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों का सम्बन्ध किस काव्य रचना से है? (जून, 2012, III)
(A) साकेत
(B) तुलसीदास ✅
(C) राम की शक्तिपूजा
(D) संशय की एक रात
10. ‘हेरी म्हा तो दरद दिवाणी म्हाराँ दरद न जाण्याँ कोय’
-उक्त है? (दिसम्बर, 2012, III)
(A) सहजोबाई
(B) मीराबाई ✅
(C) दयाबाई
(D) मुक्ताबाई
11. “माँगि के खैबो मसीत के सोइबो, लैबो को एक न दैबो को दोऊ।”
-पंक्ति का संबंध तुलसीदास की किस रचना से है? (दिसम्बर, 2012, III)
(A) रामचरितमानस
(B) विनयपत्रिका
(C) गीतावली
(D) कवितावली ✅
12. यह काव्य पंक्ति- ‘हिन्दू मग पर पाँव न राखेऊें। का जौ बहुतै हिंदी भाखेउ।’ किसकी है? (दिसम्बर, 2012, III)
(A) जायसी
(B) नूर मुहम्मद ✅
(C) मंझन
(D) कुतुबन
13. ‘कबीर कानि राखी नहीं, वर्णाश्रम षट दरसनी’
-किसने कहा है? (दिसम्बर, 2012, III)
(A) रैदास
(B) मलूकदास
(C) नाभादास ✅
(D) प्रियादास
14. “सुनिहै कथा कौन निर्गुन की,
रचि पचि बात बनावत
सगुन सुमेरु प्रगट देखियत,
तुम तृन की ओट दुरावत।”
-ये पंक्तियाँ किसकी हैं? (दिसम्बर, 2013, II)
(A) सूरदास ✅
(B) नंददास
(C) कृष्णदास
(D) परमानंद दास
15. ‘हबकि न बोलिबा ठबकि न चलिबा। धीरे धरिबा पाँव।’ पंक्ति है: (सितंबर, 2013, II)
(A) मत्स्येन्द्रनाथ
(B) गोरखनाथ ✅
(C) जालंधरनाथ
(D) निवृत्तनाथ
16. ‘जेइ मुख देखा तेइ हँसा सुनि तेहि आयउ आँसु’
-पंक्ति भक्तिकाल के किस कवि के बारे में है? (सितंबर, 2013, II)
(A) कबीर
(B) जायसी ✅
(C) सूरदास
(D) तुलसीदास
17. ‘कलि कुटिल जीव निस्तार हित बाल्मीकि तुलसी भयो’ कथन है: (सितंबर, 2013, II)
(A) रामचरण दास
(B) नाभादास ✅
(C) रघुवर दास
(D) हरिराम व्यास
18. ‘खेती न किसान को, भिखारी को न भीख,
बलि बनिक को न बनिज न चाकर को चाकरी’
-पंक्ति तुलसी की किस कृति से संबद्ध है? (सितंबर, 2013, II)
(A) रामचरित मानस
(B) कवितावली ✅
(C) विनयपत्रिका
(D) गीतावली
19. संतन को कहा सीकरी सों काम?
आबत जात पहनियाँ टूटी, बिसरि गयो हरि नाम।
-पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (जून, 2013, III)
(A) तुलसीदास
(B) कुम्भनदास ✅
(C) कबीरदास
(D) दादू दयाल
20. बहु बीती थोरी रही, सोऊ बीती जाय।
हित ध्रुव बेगि बिचारि कै बसि बुंदावन आय।।
-पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (जून, 2013, III)
(A) सूरदास
(B) कुम्भनदास
(C) ध्रुवदास ✅
(D) रहीम
21. एही रूप सकती औ सीऊ। एही रूप त्रिभुवन कर जीऊ।।
-काव्य पंक्ति किस कवि की है? (दिसम्बर, 2013, III)
(A) मलिक मुहम्मद जायसी
(B) तुलसीदास
(C) हृदयनाथ
(D) कुतुबन
उत्तर- (*) मंझन- मधुमालती
22. “जसोदा! कहा कहौं हौं बात?
तुम्हरे सुत के करतब मो पै कहत कहे नहिं जात।।”
-ये किस कवि की काव्य पंक्तियाँ हैं? (दिसम्बर, 2013, III)
(A) सूरदास
(B) चतुर्भुजदास ✅
(C) कुम्भनदास
(D) हरिदास
23. “गोरख जगायो जोग, भगति भगायो लोग”
–यह उक्ति किसकी है? (सितम्बर, 2013, III)
(A) गोरखनाथ की
(B) कबीरदास की
(C) विट्ठलनाथ की
(D) तुलसीदास की ✅
24. “कर्म जोग पुनि ज्ञान उपासन सब ही भ्रम भरमायो।
श्री बलल्लभ गुरु तत्त्व सुनायो लीला भेद बतायो।।”
-यह काव्योक्ति किसकी है? (सितम्बर, 2013, III)
(A) तुलसीदास की
(B) कबीरदास की
(C) कुंभनदास की
(D) सूरदास की ✅
25. ‘पानी परात को हाथ छुवौ नहिं
नैनन के जल सों पग धोए।’
-किस कवि की पंक्तियाँ हैं? (दिसम्बर, 2014, II)
(A) सूरदास
(B) रहीम
(C) गंग कवि
(D) नरोत्तमदास ✅
26. “साखी सबदी दोहरा कहि कहनी उपखान।
भगति निसृपहिं अधम कवि निंदहिं वेद पुरान।”
-किस कवि की पंक्तियाँ हैं? (जून, 2014, III)
(A) कबीरदास
(B) भिखारीदास
(C) तुलसीदास ✅
(D) सूरदास
27. ‘जसोदा! कहा कहौं हौं बात?
तुम्हारे सुत के करतब मो पै कहे नहिं जात’
-इन काव्य पंक्तियों के रचयिता हैं: (जून, 2015, II)
(A) सूरदास
(B) नंददास
(C) कृष्णदास
(D) चतुर्भुजदास ✅
28. “जो नर दुख में दुख नहिं मानै।
सुख सनेह अरु भय नहिं जाके, कंचन माटी जानै।”
-इन काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं: (दिसम्बर, 2015, II)
(A) सूरदास
(B) गुरुनानक ✅
(C) कबीरदास
(D) रैदास
29. “तुम नीके दुहि जानत गैया।
चलिए कुंवर रसिक मनमोहन लागौं तिहारे पैयाँ।”
-इन काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं: (दिसम्बर, 2015, II)
(A) सूरदास
(B) कुम्भनदास ✅
(C) नंददास
(D) परमानंददास
30. ‘सूर समाना चंद में दहूँ किया घर एक।’
-यह काव्य पंक्ति किसकी है? (जून, 2015, III)
(A) सूरदास
(B) कबीरदास ✅
(C) चंदबरदाई
(D) जायसी
31. “हमन है इश्क मस्ताना हमन को होशियारी क्या?
रहै आजाद या जग में, हमन दुनियाँ से यारी क्या?”
-इन काव्य-पंक्तियों के रचयिता हैं: (जून, 2015, III)
(A) अमीर खुसरो
(B) नज़ीर अकबराबादी
(C) उसमान
(D) कबीरदास ✅
32. ‘कुछ नाहीं का नाँव धरि भरमा सब संसार।
साँच झूठ समझे नहीं, ना कुछ किया विचार॥’
-उपर्युक्त दोहा किस कवि का है? (दिसम्बर, 2015, III)
(A) कबीरदास
(B) रहीम
(C) जायसी
(D) दादूदयाल ✅
33. कहा करौं बैकुंठहि जाय?
जहँ नहिं नंद, जहाँ न जसोदा, नहिं जहं गोपी ग्वाल न गाय।
-उपर्युक्त काव्य पंक्तियाँ किसकी हैं? (दिसम्बर, 2015, III)
(A) सूरदास
(B) परमानंददास ✅
(C) नंददास
(D) रसखान
34. ‘गगन हुता नहिं महि हुती हुते चंद नहिं सूर।
ऐसे अंधकार महँ रचा मुहम्मद नूर॥’
-यह दोहा जायसी की किस काव्य-कृति का है? (दिसम्बर, 2015, III)
(A) पद्मावत
(B) अखरावट
(C) आखिरी कलाम ✅
(D) कन्हावत
35. ‘कमलदल नैननि की उनमानि।
बिसरत नाहिं, सखी! मो मन तें मंद-मंद मुसकानि।’
-उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं: (दिसम्बर, 2015, III)
(A) नंददास
(B) मीराबाई
(C) रहीम ✅
(D) रसखान
36. ‘गोरख जगायो जोग, भगति भगायो लोग।’
-यह काव्य पंक्ति किसकी है? (दिसम्बर, 2015, III)
(A) गोरखनाथ
(B) कबीरदास
(C) तुलसीदास ✅
(D) जायसी
37. ‘जहाँ कलह तहँ सुख नहीं, कलह सुखन को सूल।
सबै कलह इक राज में, राज कलह को मूल॥’
-इस दोहे के द्वार किस कवि ने अतीतकालीन चित्तवृत्ति का वर्णन किया है? (दिसम्बर, 2015, III)
(A) चाचा हित वृंदावनदास
(B) भगवत रसिक
(C) अलबेली अलि
(D) नागरीदास ✅
38. सूर समाना चंद में दहूँ किया घर एक।
मन का चिंता तब भया कछू पुरबिला लेख।।
-इन पंक्तियों के रचनाकार हैं: (जून, 2016, II)
(A) तुलसीदास
(B) सुन्दरदास
(C) दादूदयाल
(D) कबीरदास ✅
39. ‘हिन्दू पूजै देहरा, मुसलमान मसीद’
-किस कवि की पंक्ति है? (दिसम्बर, 2016, II)
(A) कबीर
(B) नामदेव ✅
(C) रैदास
(D) सुंदरदास
40. “गिरा अरथ, जल बीचि सम कहियत भिन्न न भिन्न।
बंदौं सीताराम पद जिनहि परम प्रिय खिन्न।।!
-उक्त काव्य पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (जून, 2016, III)
(A) केशवदास
(B) तुलसीदास ✅
(C) ईश्वरदास
(D) नागरीदास
41. “रैण गँवाई सोइ कै, दिवसु गवाँइया खाई।
हीरे जैसे जनमु है, कउड़ी बदले जाई।।”
-ये काव्य पंक्तियाँ किस कवि को हैं? (दिसम्बर, 2016, III)
(A) कबीरदास
(B) दादूदयाल
(C) गुरु नानक ✅
(D) कुंभनदास
42. “गुन निर्गुन कहियत नहिं जाके” -किस कवि की पंक्ति है? (दिसम्बर, 2016, III)
(A) कबीर
(B) नानक
(C) दादू
(D) रैदास ✅
43. ‘सखी हौं स्याम रंग रँगी।
देखि बिकाय गई वह मूरति सूरत माहि पगी।’
-ये पंक्तियाँ किसकी हैं? (जून, 2017, II)
(A) हितहरिवंश
(B) गदाधर भट्ट ✅
(C) मीराबाई
(D) जीव गोस्वामी
44. वल्लभाचार्य की मृत्यु के बाद किसने कहा था- (नवंबर, 2017, II)
‘पुष्टिमार्ग का जहाज जात है सो जाको कछु लेना हो सो लेउ।’
(A) सूरदास
(B) नन्ददास
(C) छीत स्वामी
(D) विट्ठलनाथ ✅
45. ‘अच्युत-चरन तरंगिनी, शिव-सिर मालति-माल।
हरि न बनायो सुरसरी, कीजो इंदव-भाल।।’
-इस दोहे के रचनाकार का नाम है: (जून, 2017, III)
(A) रहीम ✅
(B) रसलीन
(C) रसखान
(D) रामसहाय
46. “सचिव बैद गुरु तीनि ज्यों प्रिय बोलहिं भय आस।
राज, धर्म, तन तीनि कर होहिं बेगिहीं नास ।।”
-यह दोहा ‘रामचरितमानस’ के किस कांड में है? (नवम्बर, 2017, III)
(A) बालकांड
(B) अयोध्याकांड
(C) सुन्दरकांड ✅
(D) लंकाकांड
47. ‘माई न होती, बाप न होते, कर्म्म न होता काया।
हम नहिं होते, तुम नहिं होते, कौन कहाँ ते आया।।
चंद न होता, सूर न होता, पानी पवन मिलाया।
शास्त्र न होता, वेद न होता, करम कहाँ ते आया।।’
-उपर्युक्त काव्य पंक्तियाँ किस कवि की हैं? (जून, 2019, II)
(A) कबीर
(B) नामदेव ✅
(C) रैदास
(D) मलूकदास
48. सर्वव्यापी एक कुम्हारा, जाकी महिमा आर न पारा।
हिन्दू तुरुक का एकै कर्ता, एकै ब्रम्हा सबन का भर्ता।
के रचनाकार हैं- (दिसम्बर, 2008, II)
(A) कबीरदास
(B) मलूकदास ✅
(C) तुलसीदास
(D) रहीमदास