No posts to display
Popular Posts
छायावादी युग के कवि और उनकी रचनाएं | Chhayavadi kavi
छायावाद की कालावधि 1920 या 1918 से 1936 ई. तक मानी जाती है। वहीं इलाचंद्र जोशी, शिवनाथ और प्रभाकर माचवे ने छायावाद का आरंभ लगभग 1912-14...
रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृतियाँ | reetikal
रीतिकालीन काव्य की रचना सामंती परिवेश और छत्रछाया में हुई है इसलिए इसमें वे सारी विशेषताएँ पाई जाती हैं जो किसी भी सामंती और...
उपसर्ग की परिभाषा, भेद और उदाहरण | upsarg
उपसर्ग
“उपसर्ग उस शब्दांश या अव्यय को कहते है, जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है।” तात्पर्य यह है की...
शब्द शक्ति की परिभाषा और प्रकार | shabd shkti
शब्द शक्ति क्या है?
शब्द या शब्द समूह में जो अर्थ छिपा होता है, उसे प्रकाशित करने वाली शक्ति का नाम शब्द शक्ति (shabd shakti)...
संप्रेषण की अवधारणा और महत्त्व | concept and importance of communication
संप्रेषण की अवधारणा
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसे अपने विचार और भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए संप्रेषण पर निर्भय रहना पड़ता है।...