DSSSB TGT Hindi के सभी वर्षों के प्रश्न-पत्र देखें
DSSSB TGT Hindi Question Paper 2018 (महिला उम्मीदवारों के लिए) दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) द्वारा 15 सितंबर, शिफ्ट 2 में आयोजित हुआ था। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इस पेपर को क्विज़ के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि अभ्यर्थी अपनी तैयारी को परख सकें और परीक्षा पैटर्न को समझ सकें। यह अभ्यास न केवल आत्ममूल्यांकन में मदद करेगा बल्कि आगामी DSSSB TGT Hindi परीक्षाओं के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होगा।
सुमेलित- [C] रेवंतगिरिरास (1231 ई.) ‘विजयसेन सूरि’ की काव्यकृति है। जैन कवियों द्वारा लिखे गए ग्रंथ ‘रास’ काव्य परंपरा में आते हैं। सर्वाधिक चरित काव्य जैन कवियों द्वारा ही रचे गए। इन ग्रंथों की भाषा अपभ्रंश है।
सुमेलित- [B] चिश्ती संप्रदाय के दो उप-संप्रदाय सबिरी और निजामी हैं। भारत (12वीं शती) में इसका प्रवर्तन मुईनउद्दीन चिश्ती ने किया था। इसी तरह कादरी संप्रदाय के भी दो उपसंप्रदाय- वहाबिया और रजाकिया हैं।
3. श्रीचंद और लक्ष्मीचंद किनके दो पुत्र थे?
[A] गुरुनानक देव
[B] चंदबरदाई
[C] संत लालदास
[D] गुरु हरिचंद
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] श्रीचंद और लक्ष्मीचंद गुरुनानक के पुत्र थे। इन्होंने सिख संप्रदाय की स्थापना की थी, आदिगुरु थे।
4. ‘रामरक्षास्त्रोत’ किनके द्वारा रचित है?
[A] श्री विष्णुस्वामी
[B] गोस्वामी तुलसीदास
[C] श्री वल्लभाचार्य
[D] स्वामी रामानंद
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] ‘रामरक्षास्त्रोत’ स्वामी रामानंद के द्वारा रचित है। इन्हें रामकाव्य का पुरस्कर्ता माना जाता है। स्वामी जी ने ‘वैरागी संप्रदाय’ की स्थापना की, जिसे ‘रामानंदी संप्रदाय’ और ‘रामावत संप्रदाय’ भी कहा जाता है।
सुमेलित- [D] गोस्वामी हितहरिवंश के दो हिंदी ग्रंथ ‘हित चौरासी’ और ‘स्फुटवाणी’ हैं। इन्होंने ‘राधावल्लभ संप्रदाय’ (1534 ई.) का प्रवर्तन वृंदावन में किया था। इस संप्रदाय में राधा का स्थान सर्वोपरि है, इसमें ‘तत्सुखीभाव’ को अधिक महत्त्व दिया गया है।
6. गदाधर भट्ट किस भाषा के सुप्रसिद्ध कवि थे?
[A] संस्कृत भाषा
[B] प्राकृत
[C] ब्रजभाषा
[D] अवहट्ट
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] गदाधर भट्ट ‘ब्रजभाषा’ के सुप्रसिद्ध कवि थे। ये गौड़ीय संप्रदाय के प्रमुख कवि थे, चैतन्य महप्रभु को भागवत सुनाया करते थे।
7. किनकी छत्रछाया में रहकर बालिका मीरा के हृदय में गिरधर गोपाल के प्रति अनन्य आस्था उत्पन्न हुई?
सुमेलित- [B] ‘राव दूदा’ की छत्रछाया में रहकर बालिका मीरा के हृदय में गिरधर गोपाल के प्रति अनन्य आस्था उत्पन्न हुई। माता-पिता की मृत्यु के बाद मीरा के दादा राव दूदा ने ही पालन-पोषण किया था।
सुमेलित- [D] न्यामत खाँ जान की उल्लेखनीय कृति ‘क्याम खाँ रासो’ (1634 ई.) है। वहीं प्रद्युम्न चरित्र सुधीर अग्रवाल की रचना है।
9. ‘नासिकेत पुराणभाषा’ अष्टछाप के किस कवि की रचना है?
[A] सूरदास
[B] ध्रुवदास
[C] नाभादास
[D] स्वामी नंद दास
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] ‘नासिकेत पुराणभाषा’ अष्टछाप के कवि ‘स्वामी नंद दास’ की रचना है। इन्हें कवि ‘जड़िया’ भी कहा जाता है। काव्यसौष्ठव और भाषा की प्रांजलता की दृष्टि से अष्टछाप के कवियों में सूरदास के बाद नंददास का स्थान है।
10. इनमें से कौन-सी रचना घनानंद की है?
[A] सरसरस
[B] रसभूषण
[C] इश्कलता
[D] काव्यमंजरी
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] ‘इश्कलता’ घनानंद की रचना है। सुजान हित, सुजान सागर, विरह लीला, कोकसार, रस केलिवल्ली, वियोगिबेलि, प्रीतिपावस, प्रेमसरोवर आदि इनकी प्रमुख रचनाएं हैं। घनानंद को रीतिकाल का साक्षात रस मूर्ति कहा जाता है। ये मुहम्मद शाह रंगीले के मीर मुंशी थे।
11. किनका जन्म इटावा में 1673 ई. में हुआ था?
[A] मतिराम
[B] भूषण
[C] घनानंद
[D] देव
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] कवि देव का जन्म इटावा में 1673 ई. में हुआ था। इनका वास्तविक नाम ‘देवदत्त’ था। भावविलास, भवानीविलास, रसविलास, अष्टयाम, प्रेमचंद्रिका, रागरत्नाकर,,सुजानविनोद आदि इनकी प्रमुख रचनाएं हैं।
12. प्रगति-प्रयोग काल की समय-सीमा है:
[A] 1938-1963 ई.
[B] 1938-1953 ई.
[C] 1918-1938 ई.
[D] 1900-1918 ई.
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] प्रगति-प्रयोग काल की समय-सीमा 1936 से 1953 ई. तक है। 1936 ई. से 1943 तक प्रगतिवाद और 1943 से 1953 ई. तक प्रयोगवाद का काल है।
13. वर्षा-बिन्दु किसकी काव्यकृति है?
[A] जगमोहन सिंह
[B] बालमुकुंद गुप्त
[C] बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
[D] प्रतापनारायण मिश्र
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] वर्षा-बिन्दु बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ की काव्यकृति है। इनकी समस्त काव्य कृतिओं का संकलन ‘प्रेमघन सर्वस्य’ शीर्षक दे हुआ है। प्रेमघन जी उर्दू में ‘अब्र’ नाम से कविताएं लिखते थे।
14. आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी कब ‘सरस्वती’ के संपादक बने?
[A] सन् 1905
[B] सन् 1900
[C] सन् 1913
[D] सन् 1903
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सन् 1903 में ‘सरस्वती’ के संपादक बने और 1921 ई. तक रहे। 1899 से 1902 ई. तक श्यामसुंदर दास इसके संपादक थे।
15. कौन-सा अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का खड़ीबोली में लिखा गया प्रथम महाकाव्य है?
सुमेलित- [C] प्रियप्रवास (1914 ई.) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का खड़ीबोली में लिखा गया हिंदी का प्रथम महाकाव्य है जो 15 सर्ग का है। वहीं अनुराग रत्न- नाथूराम शर्मा, स्वदेशी कुंडल- रायदेवी प्रसाद ‘पूर्ण’ और काव्य मंजूषा- महावीर प्रसाद द्विवेदी की रचना है।
16. महादेवी का काव्य रचना काल मुख्यतः कब से कब तक है?
[A] सन् 1924 से 1942
[B] सन् 1936 से 1946
[C] सन् 1925 से 1952
[D] सन् 1918 से 1932
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] महादेवी का काव्य रचना काल मुख्यतः सन् 1924 से 1942 तक है। इन्हें ‘आधुनिक युग की मीरा’ और ‘हिंदी के विशाल मंदिर की वीणापाणि’ कहा जाता है। इनका प्रिय प्रतीक ‘दीपक’ और ‘बादल’ हैं। महादेवी जी बौद्ध दर्शन से प्रभावित राहस्यवादी कवयित्री हैं।
17. किस कृति में प्रसाद ने यंत्र और तर्क पर आधारित समाज के चित्रण के साथ-साथ शैव दर्शन की अभिव्यक्ति भी की है?
[A] उर्वशी
[B] प्रेमपथिक
[C] कामायनी
[D] आँसू
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] कामायनी (1935 ई.) कृति में प्रसाद ने यंत्र और तर्क पर आधारित समाज के चित्रण के साथ-साथ शैव दर्शन और कहीं कहीं अरविन्द दर्शन तथा गांधी दर्शन की अभिव्यक्ति हुई है। कामायनी प्रत्यभिगा दर्शन पर आधारित है। शांतिप्रिय द्विवेदी ने कामायनी को ‘छायावाद का उपनिषद भी कहा है।
18. हिन्दी नाटक को साहित्यिक भूमिका प्रदान करने का प्रयास सर्वप्रथम किसने किया था?
सुमेलित- [C] हिन्दी नाटक को साहित्यिक भूमिका प्रदान करने का प्रयास सर्वप्रथम ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र’ ने किया था। इनका पहला नाटक ‘विद्या सुंदर’ माना जाता है।
19. निर्मला उपन्यास में मुख्यतः किस बात का चित्रण है?
[A] ग्रामीण स्थितियों का चित्रण
[B] कृषक जीवन की समस्याओं का चित्रण
[C] मनोरंजन, पराधीनता, अशिक्षा का चित्रण
[D] दहेज प्रथा और वृद्ध विवाह से होनेवाला परिवारिक विघटन
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] प्रेमचंद कृत निर्मला (1927 ई.) उपन्यास में मुख्यतः ‘दहेज प्रथा और वृद्ध विवाह से होनेवाला परिवारिक विघटन’ का चित्रण है। इन्हें ‘प्रेमचंद’ नाम उर्दू के लेखक दयानारायण निगम ने और ‘उपन्यास सम्राट’ की उपाधि बांग्ला कथाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने दिया था।
20. कौन-सी कहानी निराला ने लिखी है?
[A] उन्न्मदिनी
[B] पद्मा
[C] गोधूलि
[D] रोज
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] ‘पद्मा’ कहानी निराला ने लिखी है। लिली, सखी, सुकुल की बीबी, चतुरी चमार आदि उनकी अन्य प्रमुख कहानियाँ हैं। वहीं उन्न्मदिनी- सुभद्रा कुमारी चौहान और रोज- अज्ञेय की कहानियाँ हैं तथा गोधूलि प्रियंवद का उपन्यास है।
सुमेलित- [D] छायावादयुग के सबसे प्रमुख निबंधकार ‘रामचन्द्र शुक्ल’ हैं। इनका प्रथम निबंध संग्रह ‘चिंतामणि (भाग- 1, 1939 ई.) सर्वप्रथम ‘विचारवीथी’ (1930 ई.) नाम से प्रकाशित हुआ था।
22. ‘मेरी यूरोप यात्रा’ यात्रावृत की रचना किसने की थी?
सुमेलित- [C] ‘मेरी यूरोप यात्रा’ यात्रावृत की रचना ‘राहुल सांकृत्यायन’ ने की थी। मेरी तिब्बत यात्रा, मेरी लद्दाख यात्रा, किन्नर देश में, घुमक्कड़शास्त्र, यात्रा के पन्ने, एशिया के दुर्गम भूखंड आदि इनके अन्य यात्रा वृतांत हैं।
23. सन् 1925 ई. में कौन-सी पत्रिका आरंभ हुई?
[A] माधुरी
[B] कल्याण
[C] मर्यादा
[D] चाँद
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] सन् 1925 ई. में ‘कल्याण’ पत्रिका आरंभ हुई थी। यह मासिक पत्रिका थी जो गोरखपुर से प्रकाशित होती थी।
वहीं माधुरी (1922 ई.) पत्रिका दुलारेलाल भार्गव (संपादक) द्वारा लखनऊ से, मर्यादा (1909 ई.) पत्रिका कृष्णकांत मालवीय (संपादक) द्वारा प्रयाग से और चाँद (1920 ई.) पत्रिका महादेवी वर्मा (संपादक) द्वारा प्रयाग से प्रकाशित होती थी।
24. केदारनाथ अग्रवाल की कौन-सी प्रगतिकालीन कविता है?
[A] वसन्ती हवा
[B] पाषाणी
[C] मिटटी की बरात
[D] पांचाली
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] केदारनाथ अग्रवाल की ‘वसन्ती हवा’ प्रगतिकालीन कविता है। अग्रवाल जी प्रारम्भिक दौर में ‘बालेंदु’ उपनाम से लेखन करते थे।
पाषाणी- नागार्जुन, मिटटी की बरात- शिवमंगल सिंह सुमन और पांचाली- रांगेय राघव की काव्य कृति है।
25. प्रयोगवादी कवि भावुकता के स्थान पर किसको स्वीकार करते हैं?
[A] सृष्टि की उन्मुक्तता को
[B] परंपरागत मूल्यों को
[C] ठोस बौद्धिकता को
[D] कल्पना शक्ति को
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] प्रयोगवादी कवि भावुकता के स्थान पर ‘ठोस बौद्धिकता’ को स्वीकार करते हैं। प्रयोगवाद का आरंभ अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तारसप्तक’ (1943 ई.) के प्रकाशन से माना जाता है। इस संग्रह में 7 कवियों की कविताएं संग्रहीत हैं, जिन्हें अज्ञेय ने ‘राहों का अन्वेषी’ कहा है।
नगेन्द्र के अनुसार ‘प्रयोगवाद शैलीगत विद्रोह है।’
रघुवीर सहाय के अनुसार, ‘प्रयोग कलात्मक अनुभव का क्षण है।’
26. इनमें से कौन-सा रेखाचित्र रामवृक्ष बेनीपुरी का है?
सुमेलित- [C] ‘माटी की मूरतें’ (1946 ई.) रेखाचित्र रामवृक्ष बेनीपुरी का है। लालतारा (1937 ई.), गेहूँ और गुलाब (1950 ई.), मील के पत्थर इनके अन्य रेखाचित्र हैं।
वहीं रेखाएँ बोल उठीं (1949 ई.)- देवेन्द्र सत्यर्थी का रेखाचित्र और कुल्ली भाट निराला का उपन्यास है।
सुमेलित- [D] ‘जिंदगी मुस्कराई’ (1953 ई.) कन्हैयालाल ‘प्रभाकर’ का संस्मरण है।
28. ‘मौत के खिलाफ’ जिन्दगी की लड़ाई किस विधा की पुस्तक है?
[A] रेखाचित्र
[B] रिपोर्ताज
[C] नाटक
[D] जीवनी
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] ‘मौत के खिलाफ’ जिन्दगी की लड़ाई ‘रिपोर्ताज’ विधा की पुस्तक है जिसके लेखक शिवदान सिंह चौहान हैं। शिवदान सिंह चौहान को हिंदी में रिपोर्ताज विधा का जनक माना जाता है। इनकी रचना ‘लक्ष्मीपुर’ को प्रथम रिपोर्ताज माना जाता है जो रुपाभ पत्रिका के दिसंबर, 1938 ई. के अंक में प्रकाशित हुई थी।
29. 1964 में प्रेमचंद की जीवनी ‘कलम का सिपाही’ के नाम से लिखी गई थी। किसने लिखी थी?
[A] रामविलास शर्मा
[B] स्वामी दयानंद सरस्वती
[C] राहुल सांस्कृत्यायन
[D] अमृत राय
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] प्रेमचंद की जीवनी ‘कलम का सिपाही’ (1962 ई.) के लेखक अमृत राय हैं। वहीं प्रेमचंद घर में (1944 ई.)- शिवरानी देवी और कलम का मजदूर (1964 ई.)- मदन गोपाल ने लिखा है।
30. डायरी के दो रूप क्या-क्या हैं?
[A] व्यक्तिनिष्ठ तथा वस्तुनिष्ठ
[B] व्याख्यात्मक तथा व्यंजनात्मक
[C] आत्मीय, मनोवैज्ञानिक
[D] स्थानीयता, कल्पना प्रियता
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] डायरी के दो रूप- व्यक्तिनिष्ठ तथा वस्तुनिष्ठ है। डायरी किसी विशेष दिन की अनुभूति का अंकन है। हिंदी मे डायरी के प्रवर्तक ‘श्री राम शर्मा’ को माना जाता है, उनकी डायरी का नाम ;सेवाग्राम की डायरी’ (1946 ई.) है।
31. हिंदी का एक पत्र साहित्य है:
[A] शैली पत्र
[B] पत्र-पत्री
[C] चिट्ठी पत्री
[D] कलापत्र
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] ‘चिट्ठी पत्री’ हिन्दी का एक पत्र साहित्य है, यह दो भागों में 1962 ई. में प्रकाशित हुआ था। इसके संकलनकर्ता अमृतराय हैं।
32. कवि न होऊ नहीं चतुर कहाऊँ / मति अनुरूप राम गुन गाऊँ,
यह किसकी पंक्ति हैं?
[A] सूरदास
[B] तुलसीदास
[C] रसखान
[D] जायसी
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] उक्त काव्य पंक्ति ‘तुलसीदास’ कृत रामचरित मानस की है। उन्होंने इस ग्रंथ की रचना ‘स्वांतः सुखाय’ के साथ ‘लोकहित’ और ‘लोकमंगल’ के लिए किया था। तुलसीदास ने मानस को सर्वप्रथम ‘रसखान’ को सुनाया था। अयोध्याकांड को रामचरित मानस का ‘हृदयस्थल’ कहा जाता है, शुक्ल जी ने ‘चित्रकूट की सभा’ को ‘एक आध्यात्मिक घटना’ की संज्ञा प्रदान की है।
33. ‘मुहु-मुहु कुहुकुहु कुहुकी कोयल’
इस पंक्ति में किस प्रकार के सौन्दर्य की छटा देखी जा सकती है?
[A] चित्र सौन्दर्य
[B] राष्ट्रीय सौन्दर्य
[C] नाद-सौन्दर्य
[D] रूप सौन्दर्य
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] उक्त पंक्ति में ‘नाद-सौन्दर्य’ की छटा देखी जा सकती है। शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है।
34. न वह अच्छा है न बुरा / न वह कोमल है न सख्त / वह है सिर्फ शुद्ध वक़्त। किसने कहा?
[A] हरिवंशराय बच्चन
[B] भवानी प्रसाद मिश्र
[C] मुक्तिबोध
[D] दिनकर
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] उपरोक्त पंक्ति भवानी प्रसाद मिश्र की है। इन्हें ‘सहजता का कवि’ कहा जाता है। उदय प्रकाश ने भवानी प्रसाद मिश्र को ‘कविता का गाँधी’ कहा है।
सुमेलित- [D] ‘त्रिशंकु’ (1945 ई.) निबन्ध के लेखक अज्ञेय हैं। वहीं सब रंग और कुछ राग, आत्मनेपद, आलबाल, लिखी कागद कोरे, अद्यतन, केंद्र और परिधि, छाया और जंगल, संवत्सर, भवंती आदि इनके अन्य निबंध हैं।
36. नागार्जुन की भाषा क्या है?
[A] अवधी
[B] खड़ीबोली
[C] संस्कृत
[D] ब्रज
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] नागार्जुन की भाषा खड़ीबोली है। उन्होंने मैथिली में भी ‘यात्री’ नाम से रचनाएं की हैं। जनकवि नागार्जुन को ‘प्रगतिवाद का शलाका पुरुष’ कहा जाता है। बच्चन सिंह ने नागार्जुन की कविताओं को ‘नुक्कड़ कविता’ की संज्ञा दी है।
37. “मेरा क्षुद्र व्यक्तित्व / रुद्ध है, सीमित है, / आटा, दाल, नमक, लकड़ी के जुगाड़ में।”
रचनाकार कौन है?
[A] नागार्जुन
[B] प्रसाद
[C] पंत
[D] मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] उपरोक्त पंक्तियों के रचनाकार ‘नागार्जुन’ हैं। समाजवादी जीवन दर्शन के समर्थक नागार्जुन ने अपनी कविता ‘प्रतिहिंसा ही स्थायी भाव है’ के संदर्भ में लिखा है की ‘यह तो नागार्जुन साहित्य का मेनिफेस्टो है।’
38. कौन-सी पंक्ति हरिवंशराय ‘बच्चन’ जी की है?
[A] वासना के पंक सी फैली हुई थी
[B] हिल उठते नभ के ओर छोर
[C] इस पार ये प्रिये मधु है, तुम हो
[D] न्योछावर स्वर्ग इसी भू पर
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] ‘इस पार ये प्रिये मधु है, तुम हो’ पंक्ति हरिवंशराय ‘बच्चन’ जी की है। बच्चन जी को हिंदी में ‘हालावाद’ का जनक माना जाता है। इन पर उमर खय्याम’ का सर्वाधिक प्रभाव है। इन्हें हिंदी का ‘बायरन’ भी कहा जाता है।
‘वासना के पंक सी फैली हुई थी’ पंक्ति अज्ञेय, ‘हिल उठते नभ के ओर छोर’ पंक्ति पंत और न्योछावर स्वर्ग इसी भू पर’ पंक्ति दिनकर की है।
39. मात्रिक छन्दों में ही किसने समस्त काव्य की रचना की थी?
[A] सुमित्रानंद न पंत
[B] केदारनाथ सिंह
[C] अज्ञेय
[D] आमिर खुसरो
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] सुमित्रानंद न पंत ने मात्रिक छन्दों में ही समस्त काव्य की रचना की थी। इनका बचपन का नाम ‘गुसाई दत्त था। पंत को ‘प्रकृति का सुकुमार कवि’ और ‘संवेदनशील इंद्रिय बोध का कवि’ कहा जाता है।
40. निराला जी ने किस भाषा की शब्दावली का प्रचुर प्रयोग किया है?
[A] अरबी की शब्दावली
[B] फारसी की शब्दावली
[C] संस्कृत की तत्सम शब्दावली
[D] अँग्रेजी की शब्दावली
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] निराला जी ने संस्कृत भाषा की तत्सम शब्दावली का प्रचुर प्रयोग किया है। कहीं कहीं बांग्ला, उर्दू और फारसी के शब्द भी प्रयुक्त हुए हैं। रामचंद्र शुक्ल के अनुसार ‘बहुवस्तुस्पर्शिनी प्रतिभा निराला जी में है।’
41. ‘सुजान रसखान’ में किस विषय पर कवित्त सवैया है?
[A] नारी विषयक
[B] राम विषयक
[C] प्रकृति विषयक
[D] कृष्ण विषयक
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] ‘सुजान रसखान’ में रसखान ने ‘कृष्ण विषयक’ पर कवित्त सवैया का प्रयोग किया गया है। सवैया छंद में कृष्णलीला का गायन करने वाले प्रथम कवि रसखान ही हैं। इनका मूल नाम सैयद इब्राहीम था। प्रेमवाटिक, दानलीला आदि इनकी अन्य रचनाएं हैं।
42. बिहारी के दोहे पढ़ते ही महाराज की आँखें खुल गई, महाराज कौन थे?
[A] उदय सिंह
[B] जयसिंह
[C] गोपाल बहादुर सिंह
[D] राजप्रताप सिंह
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] बिहारी के दोहे पढ़ते ही ‘जयसिंह’ महाराज की आँखें खुल गई। इसके लिए उन्होंने यह दोहा सुनाया था-
‘नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास यहि काल।
अली कली ही सो बध्यो, आगे कौन हवाल॥’
बिहारी शाहजहाँ के समकालीन और राज्य जय सिंह के राजकवि थे।
43. जब वल्लभाचार्य से सूर की भेंट हुई तब उन्होंने किस प्रकार के पद सुनाए?
सुमेलित- [D] जब वल्लभाचार्य से सूर की भेंट हुई तब उन्होंने विनय संबंधी पद सुनाए थे। इन्होंने ‘शुद्धाद्वैतवाद’ का प्रवर्तन किया, इनकी भक्ति ‘पुष्टिमार्गी’ है। वल्लभाचार्य सुल्तान सिकंदर लोदी तथा बाबर के समकालीन थे। वल्लभाचार्य ने ही सूरदास को भगवत्लीला वर्णन करने का उपदेश दिया था- सूर कहै के घिघियात है, कुछ भगवत्लीला वर्णन करो।
सुमेलित- [A] जायसी की भाषा ठेठ अवधी और दोहा-चौपाई शैली है। जायसी सूफी कवि शेख मोहिदी के शिष्य और शेरशाह के समकालीन कवि थे। पद्मावत, अखरावट, आखिरी कलाम आदि इनके काव्य ग्रंथ हैं।
45. डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी की विद्वता से प्रभावित होकर किसने उन्हें डी. लिट की उपाधि दी?
[A] आगरा विश्वविद्यालय
[B] दिल्ली विश्वविद्यालय
[C] लखनऊ विश्वविद्यालय
[D] कोलकाता विश्वविद्यालय
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] डॉ. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी की विद्वता से प्रभावित होकर ‘लखनऊ विश्वविद्यालय’ ने उन्हें डी. लिट की उपाधि दी। द्विवेदी जी को आलोकपर्व निबंध के लिए 1973 ई. में साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1957 ई. में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था।
46. कौन-सी रचना डॉ. रामविलास शर्मा की है?
[A] प्रगति और परंपरा
[B] मौर्य विजय
[C] अंतिम आकांक्षा
[D] बीसवीं शताब्दी
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] ‘प्रगति और परंपरा’ रचना डॉ. रामविलास शर्मा की है। भाषा साहित्य और संस्कृति, भाषा और समाज, प्रगतिशील साहित्य की समस्याएं, आस्था और सौंदर्य, परंपरा का मूल्यांकन आदि इनके अन्य निबंध संग्रह हैं।
47. मिथक के माध्यम से युग सत्य को सजीव, साकार रूप में प्रस्तुत करने वाले कवि हैं-
[A] विद्यापति
[B] विष्णु खरे
[C] पत
[D] धर्मवीर भारती
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] मिथक के माध्यम से युग सत्य को सजीव, साकार रूप में प्रस्तुत करने वाले कवि ‘धर्मवीर भारती’ हैं। ठंडा लोहा (1952 ई.), अंधायुग (1955 ई.), कनुप्रिया (1959 ई.), सात गीत वर्ष (1959 ई.), देशान्तर, प्रेमथ्यु गाथा आदि इनकी रचनाएं हैं।
48. मैथिलीशरण गुप्त की पहली काव्यकृति जो संवत् 1967 में प्रकाशित हुई थी, कौन-सी है?
[A] प्रतिध्वनि
[B] रंग में भंग
[C] कुंकुम
[D] श्रृंगार लहरी
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] मैथिलीशरण गुप्त की पहली काव्यकृति ‘रंग में भंग’ है जो संवत् 1967 में प्रकाशित हुई थी। गुप्त जी की प्रथम कविता ‘हेमंत’ (1905 ई.) है।
वहीं प्रतिध्वनि (1926 ई.)- जयशंकर प्रसाद की कहानी संग्रह और कुंकुम (1939 ई.) बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ का प्रथम काव्य संग्रह है। श्रृंगार लहरी- जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’ की रचना है।
49. कबीर के दूसरे गुरु कौन थे?
[A] रामानंद स्वामी
[B] आत्माराम
[C] शेख तकी
[D] रामानुजाचार्य
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] कबीर के पहले गुरु ‘रमानंद’ और दूसरे गुरु ‘शेख तकी’ थे। रामचंद्र शुक्ल ने कबीर को संतकाव्य धार का प्रथम कवि माना है।
50. इनमे से कौन-सी कृति मैथिलीशरण गुप्त की नहीं है?
सुमेलित- [B] प्रेमपथिक (1931 ई.) जयशंकर प्रसाद की काव्यकृति है।
वहीं अन्य रचनाएं मैथिलीशरण गुप्त की हैं। गुप्त जी को शुक्ल जी ने ‘सामजस्यवादी कवि’ कहा है। गुप्त जी ने मार्क्स की पुत्री ‘जैनी’ पर ‘जयिनी’ नाम से काव्य लिखा है। इन्होंने बांग्ला कवि ‘माइकल मधुसूदन दत्त’ की रचनाओं का ‘मधुप उपनाम से अनुवाद भी किया है।
51. जैनेन्द्र कुमार का उपन्यास है:
[A] लगन
[B] अप्सरा
[C] टूटे कांटे
[D] विवर्त
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] ‘विवर्त’ (1953 ई.) उपन्यास जैनेन्द्र कुमार का है। परख, सुनीता, त्यागपत्र, कल्याणी, सुखदा, व्यतीत, जयवर्द्धन, मुक्तिबोध आदि इनके अन्य उपन्यास हैं। वहीं ‘लगन’ वृंदावन लाल वर्मा और ‘अप्सरा’ निराला का उपन्यास है।
52. भरतमुनि के कथनानुसार किस रस स्थायी को अभिनय में दिखाना संभव नहीं?
[A] शांत रस
[B] श्रृंगार रस
[C] वीभत्स रस
[D] हास्य रस
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] भरतमुनि के कथनानुसार ‘शांत रस’ स्थायी को अभिनय में दिखाना संभव नहीं है। रस सिद्धांत के प्रवर्तक भरतमुनि की प्रसिद्ध रचना ‘नाट्यशास्त्र’ है जिसमें 8 रसों का उल्लेख किया है।
53. दूसरे महायुद्ध के बाद अजेय ने अपना एक मासिक पत्र चलाया। उसका नाम क्या था?
[A] विद्रोह
[B] युगांतर
[C] बोध
[D] प्रतीक
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] दूसरे महायुद्ध के बाद अज्ञेय ने ‘प्रतीक’ (1947 ई.) मासिक पत्र चलाया था। ‘प्रतीक’ प्रयोगवाद की जन्मदात्री पत्रिका है। अज्ञेय ‘प्रयोगवाद’ के प्रवर्तक और ‘नई कविता’ का जनक कहा जाता है। इन्होंने दिनमान पत्रिका का भी संपादन किया था।
54. ‘रासो’ नाम किस शब्द से बना है?
[A] राजस
[B] रसायण
[C] रास
[D] रसोदन
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] रामचंद्र शुक्ल के अनुसार ‘रासो’ नाम ‘रसायण’ शब्द से बना है। वहीं गार्सा द तासी- राजसूय, हरप्रसाद शास्त्री- राजयश, नरोत्तम स्वामी- रासक, काशी प्रसाद जायसवाल- रहस्य, नंददुलारे वाजपेयी- रास, हजारीप्रसाद द्विवेदी- रासक और गणपति चंद्र गुप्त- रासक/रास/रासा/रासो से व्युत्पत्ति मानते हैं।
55. नाभादास जी किस शाखा के प्रसिद्ध कवि हैं?
[A] रामभक्ति शाखा
[B] कृष्णभक्ति शाखा
[C] ज्ञानमार्गी शाखा
[D] प्रेममार्गी शाखा
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] नाभादास जी ‘रामभक्ति शाखा’ के प्रसिद्ध कवि हैं। तुलसीदास के समकालीन कवि नाभादास ने हिंदी में ‘भक्तमल’ की परंपरा का सूत्रपात किया था। इन्होंने भक्तमाल की रचना 1642 ई. के आस-पास ब्रजभाषा में की थी। जिसमें 200 कवियों का जीवनवृत्त और उनकी भक्ति की महिमासूचक बातों को 316 छप्पयों में लिखा है। इसकी टीका प्रियादास ने ‘रसबोधनी’ (1712 ई.) शीर्षक से ब्रजभाषा के कवित्त सवैया शैली में लिखी। इनके गुरु ‘अग्रदास’ थे। इनका दूसरा ग्रंथ ‘अष्टयाम’ है जो शृंगार भक्ति अथवा रसिक भावना लेकर की गई है।
56. छायावादी कवि विश्व के संपूर्ण तत्वों में क्या देखते हैं?
[A] राजनैतिक छाया
[B] समाजवादी छाया
[C] प्राणों की छाया
[D] जनमंगल की भावना
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] छायावादी कवि विश्व के संपूर्ण तत्वों में ‘प्राणों की छाया’ देखते हैं। नंददुलारे वाजपेयी ने लिखा है कि, “मानव अथवा प्रकृति के सूक्ष्म, किन्तु व्यक्त सौन्दर्य में आध्यात्मिक छाया का भान मेरे विचार से छायावाद की सर्वमान्य व्याख्या हो सकती है।” मुकुटधर पाण्डेय ने लिखित रूप में सर्वप्रथम ‘छायावाद’ शब्द का प्रयोग किया था। रामचंद्र शुक्ल मैथिलीशरण गुप्त और मुकुटधर पाण्डेय को छायावाद का प्रवर्तक माना है।
57. पृथ्वीराज रासो में प्रधान रस क्या है?
[A] वीररस
[B] श्रृंगार रस
[C] शांत रस
[D] हास्य रस
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] पृथ्वीराज रासो में ‘वीररस’ प्रधान रस है। दरअसल इस काव्य में दो रस प्रधान हैं- वीर और शृंगार। क्योंकि पृथ्वीराज जितना वीर है उतना ही शृंगार प्रेमी भी।
58. ‘पद्मावत’ में किन तत्वों का प्रतिपादन किया गया है?
सुमेलित- [D] जायसी कृत ‘पद्मावत’ (1540 ई.) में ‘बुद्धि, रागात्मक, कल्पना तत्व’ का प्रतिपादन किया गया है। इसमें चितौड़ के राजा ‘रातसेन’ एंव सिंहल की राजकुमारी ‘पद्मावती’ के प्रेम विवाह एंव विवाहोत्तर जीवन का चित्रण मार्मिक रूप से हुआ है।
59. किसने केशव को इक्कीस ग्राम दान में दिए थे?
[A] वीर रस
[B] इंद्रजीत सिंह
[C] बोधा सिंह
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] रामशंकर सिंह
[B] महाराजा ‘इंद्रजीत सिंह’ ने केशव को इक्कीस ग्राम दान में दिए थे। केशव इनके दरबारी कवि, मंत्री और गुरु थे। केशव की ‘रामचन्द्रिका’ रीतिकालीन संवाद योजना की सर्वोच्च रचना मानी जाती है। इसके छंदों की विविधता के कारण रामस्वरूप चतुर्वेदी ने इसे ‘छंदों का अजायबघर’ कहा है। रामचंद्र शुक्ल ने केशव को कठिन काव्य का प्रेत’ तथा ‘हृदयहीन कवि’ कहा है।
सुमेलित- [D] प्राकृत पैंगलम के संकलनकर्ता ‘लक्ष्मीधर’ हैं जिसका रचनाकाल 14वीं शताब्दी है। इसमें विद्याधर, शार्ङ्गधर, जज्जल, बब्बर आदि कवियों की रचनाएं संकलित हैं। इस ग्रंथ में ‘प्राकृत’ और ‘अपभ्रंश’ छंदों की विवेचना की गई है। इसे ‘प्राकृत पिंगल सूत्र’ भी कहा जाता है। इस ग्रंथ की टीका ‘वंशीधर’ ने लिखा है।
61. शुक्ल जी ने आदिकाल की बारह रचनाओं का अपने इतिहास में उल्लेख किया, इनमे साहित्यिक पुस्तकें चार हैं। इनकी भाषा क्या है?
[A] ब्रज
[B] अवधी
[C] अपभ्रंश
[D] संस्कृत
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] शुक्ल जी ने आदिकाल की बारह रचनाओं का अपने इतिहास में उल्लेख किया है उनमें चारों साहित्यिक रचनाओं (विजयपाल रासो, हम्मीर रासो, कीर्तिलता, कीर्तिपताका) की भाषा ‘अपभ्रंश’ है।
62. महापंडित राहुल जी ने आदिकाल का किस नाम से नामकरण किया था?
सुमेलित- [A] महापंडित राहुल जी ने आदिकाल का नामकरण ‘सिद्ध-सामंत युग’ नाम से किया है। वहीं आदिकाल को वीरगाथा काल रामचंद्र शुक्ल ने दिया। उत्तर मध्य युग को रीतिकाल नाम से जाना जाता है।
63. 12वीं तथा 13वीं के मध्य अब्दुल रहमान की सुप्रसिद्ध रचना है:
[A] परमात्मा प्रकाश
[B] पउमचरिउ
[C] संदेशरासक
[D] सूचनारसक
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] 12वीं तथा 13वीं के मध्य अब्दुल रहमान की सुप्रसिद्ध रचना ‘संदेशरासक’ है। यह पहला धर्मेतर रास ग्रंथ है। देशी भाषा में किसी मुस्लिम द्वारा लिखित प्रथम काव्य ग्रंथ भी है। वहीं परमात्मा प्रकाश- जोइन्दु और पउमचरिउ- स्वयंभू की रचना है।
64. पृथ्वीराज रासो कितने पृष्ठों का ग्रंथ है?
[A] एक हज़ार एक सौ
[B] ढाई हज़ार
[C] दो हजार
[D] दो हज़ार दो सौ
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] चंदबरदाई कृत पृथ्वीराज रासो ‘ढाई हज़ार’ पृष्ठों का ग्रंथ है। वीर एवं शृंगार रस प्रधान यह प्रबंध काव्य 69 सर्गों में विभक्त है। इसमें 68 छंदों का प्रयोग हुआ है। चंदबरदाई को ‘छप्पय छंद का विशेषज्ञ’ माना जाता है। इस ग्रंथ को इनके पुत्र ‘जल्हण’ ने पूरा किया था। हजारी प्रसाद द्विवेदी इसे ‘शुक-शुकी संवाद’ के रूप में रचित माना है।
65. 12वीं तथा 13वीं के मध्य अब्दुल रहमान की सुप्रसिद्ध रचना है:
[A] आर्यों से
[B] अंग्रेजों से
[C] शास्त्रों से
[D] द्रविड़ों से
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] आयोग के अनुसार 12वीं तथा 13वीं के मध्य अब्दुल रहमान की सुप्रसिद्ध रचना ‘आर्यों से’ है। दरअसल यह रचना ‘मुल्तान’ क्षेत्र से संबंधित है। इसमें विजयनगर की कोई विरहिणी अपने पति को संदेश भेजने के लिए व्याकुल है।
66. द्विजदेव की एक सरस रचना है:
[A] विरह-वारीश
[B] प्रेम पत्रिका
[C] श्रृंगार लतिका
[D] श्रृंगारिका
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] द्विजदेव की एक सरस रचना ‘श्रृंगार लतिका’ है। इनकी दूसरी रचना ‘शृंगार बत्तीसी’ है। द्विजदेव (महाराजा मान सिंह) अयोध्या के राजा थे। इन्हें रीतिबद्ध और रीतिमुक्त दोनों काव्यधाराओं में रखा जाता है। ये रीतिमुक्त काव्यधारा के अंतिम प्रसिद्ध कवि थे।
रामचंद्र शुक्ल, “ब्रजभाषा के शृंगारी कवियों की परंपरा में इन्हें अंतिम प्रसिद्ध कवि समझना चाहिए। जिस प्रकार लक्षण ग्रंथ लिखने वाले कवियों में पद्माकर अंतिम प्रसिद्ध कवि हैं उसी प्रकार समूची शृंगार परंपरा में इनकी सी सरस और भावमायी शृंगारी कविता फिर दुर्लभ हो गयी।”
67. पश्च स्वर है:
[A] ई
[B] ऐ
[C] ओ
[D] अ
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] ‘ओ’ पश्च स्वर है। जिह्वा के आधार पर स्वर 3 प्रकार के होते हैं-
1. अग्र स्वर- इ, ई, ए, ऐ
2. पश्च स्वर- या, उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
3. मध्य स्वर- अ
68. ‘दुनिया’ संज्ञा का विशेषण रूप है:
[A] दुनिया
[B] दुनियावी
[C] दुनियों
[D] दुन
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] ‘दुनिया’ संज्ञा का विशेषण रूप ‘दुनियावी’ है। संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।
सुमेलित- [A] प्रतिहार का अर्थ ‘द्वारपाल’ है। दरबान, द्वाररक्षक और चोबदार भी द्वारपाल के पर्याय हैं।
70. ‘हम’ सर्वनाम के बाद ‘ही’ जोड़ने से होगा:
[A] हमही
[B] हमीं
[C] हमें
[D] हम ही
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] ‘हम’ सर्वनाम के बाद ‘ही’ जोड़ने से ‘हमीं’ होगा। संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं, पुनरुक्ति को दूर करने के लिए ही सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है।
71. भोजन नली का अन्य नाम है:
[A] भोजनाली
[B] ग्रासक
[C] ग्रसिका
[D] श्वासनली
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] भोजन नली का अन्य नाम ‘ग्रसिका’ है।
72. ‘चांडाल चौकड़ी’ का अर्थ है:
[A] दुष्टों का समूह
[B] मूर्खों का समूह
[C] विद्वानों का समूह
[D] धनिकों का समूह
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] ‘चांडाल चौकड़ी’ का अर्थ ‘दुष्टों का समूह’ है। उद्दंडता या शरारत करने वाले समूह को व्यंग में चांडाल चौकड़ी कहा जाता है।
73. व्यर्थ का संधि-विच्छेद होगा:
[A] व्य + अर्थ
[B] वि + अर्थ
[C] व्य + थ + र
[D] वी + अरथ
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] व्यर्थ का संधि-विच्छेद ‘वि + अर्थ’ है, इसमें यण संधि है। यह संधि तब होती है जब इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर आता है; तो इ या ई का ‘य्’, उ या ऊ का ‘व’ तथा ऋ का ‘र’ हो जाता है, जैसे- वि + अर्थ = व्यर्थ।
74. ‘राजराज’ का पर्यायवाची शब्द है?
[A] धनद
[B] रसाल
[C] राजसज
[D] मनोरथ
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] ‘राजराज’ का पर्यायवाची शब्द ‘धनद’ है। कुबेर, धनधिप किन्नरेश, यक्षराज भी इसके पर्यायवाची शब्द हैं। वहीं-
रसाल- आम, सहकार, अमृतफल, अंब, फलश्रेष्ठ, पिकप्रिय, पीकवल्लभ, पियम्बु, पिकबंधु, मधुरासव आदि।
मनोरथ- अभिलाषा, आकांक्षा, कमाना, लालसा, उत्कंठा, रुचि, तृष्णा, इच्छा, चाह, मर्जी, लिप्सा, स्पृहा आदि।
75. ‘तुव प्रताप सम सूर्य है, जस-सम सोचत चंद।’ इसमें अलंकार है:
[A] अपहृत
[B] उपमा
[C] रूपक
[D] प्रतीप
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] उक्त पंक्ति में ‘प्रतीप अलंकार’ है। उपमेय को उपमान बना देना ही प्रतीप अलंकार है।
76. नमित-निमित्त श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द का अर्थ है:
सुमेलित- [B] नमित-निमित्त श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द का अर्थ ‘झुका हुआ-हेतु’ है। युग्म शब्द या श्रुतिसमभिन्नार्थक वे शब्द होते हैं जो सुनने में समान, परंतु भिन्न अर्थ वाले होते हैं।
77. ‘खड़ी बोली’ को सम्मिलित किया जाता है:
[A] बिहारी हिंदी में
[B] पश्चिमी हिंदी में
[C] राजस्थानी हिंदी में
[D] पूर्वी हिंदी में
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] खड़ी बोली को ‘पश्चिमी हिंदी’ में सम्मिलित किया जाता है। ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली और हरियाणवी भी पश्चिमी हिंदी की बोलियाँ हैं।
नीचे लिखे पद्यांश को पढ़िये और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये। घूम रहा है कैसा चक्र। वह नवनीत कहाँ जाता है, रह जाता है तक्र पिसे पड़े हो इसमें जब तक, क्या अंतर आया है अब तक? सहें अंततोगत्वा कब तक-हम इसकी गति वक्र? घूम रहा है कैसा चक्र!
78. शुद्ध वर्तनी वाला शब्द है:
[A] स्वर्णिम
[B] शास्त्रिय
[C] शसि
[D] स्यामल
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] शुद्ध वर्तनी वाला शब्द ‘स्वर्णिम’ है। अन्य शब्दों के शुद्ध रूप क्रमशः शास्त्रीय, शशि, श्यामल हैं।
79. तक्र का अर्थ है:
[A] दूध
[B] दही
[C] मट्ठा
[D] घी
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] तक्र का अर्थ ‘मट्ठा’ या ‘छाछ’ है।
80. पठ्यांश में वक्र का आशय है:
[A] सरल
[B] कुटिल
[C] गोलाकार
[D] असफल
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] पठ्यांश में वक्र का आशय ‘कुटिल’ है।
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िये और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये। मनोहरा देवी के कंठ से तुलसीदास का छंद ‘कंदर्प’ अगणित अमित छवि नवनीलनीरज ‘सुन्दरम’ सुनकर सुर्जकुमार के न जाने कौन से सोते संस्कार जाग उठे। साहित्य इतना सुन्दर है, संगीत इतना आकर्षक है, उनकी आँखों ने जैसे नया संसार देखा, कानों ने ऐसा संगीत सुना जो मानो इस पृथ्वी पर दूर किसी लोक से आता है। अपनी इस विलक्षण अनुभूति पर वह स्वयं चकित रह गए। अपने सौंदर्य पर जो अभिमान था। वह चूर चूर हो गया।
81. अंततोगत्वा का अर्थ है:
[A] अंतन
[B] अंतिम यात्रा
[C] अंततः
[D] अंतिम अवसर
उत्तर देखें-
सुमेलित- [C] अंततोगत्वा का अर्थ ‘अंततः’ है।
82. सुर्जकुमार का संस्कार जाग उठने का कारण है:
[A] मनोहरदेवी का छंद
[B] तुलसीदास का छंद
[C] तुलसीदास की कृति
[D] तुलसीदास का संगीत
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] सुर्जकुमार का संस्कार जाग उठने का कारण ‘तुलसीदास का छंद’ है।
83. सुर्जकुमार ने छंद किसके कंठ से सुना?
[A] मनोहरा देवी
[B] तुलसीदास
[C] सुर्जकुमार
[D] सूरदास
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] सुर्जकुमार ने छंद ‘मनोहरा देवी’ के कंठ से सुना।
84. सुर्जकुमार की आँखों ने देखा क्या?
[A] पुराण संसार
[B] आकर्षक संगीत
[C] साहित्य
[D] नया संसार
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] सुर्जकुमार की आँखों ने ‘नया संसार’ देखा।
85. सुर्जकुमार को किस पर अभिमान था?
[A] अपने सौंदर्य पर
[B] अपने आदर्शों पर
[C] अपने संस्कार पर
[D] अपने गुणों पर
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] सुर्जकुमार को ‘अपने सौंदर्य पर’ अभिमान था।
नीचे लिखे पद्यांश को पढ़िये और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये। देख रहा हूँ लम्बी खिड़की पर रखे पौधे धूप की ओर बाहर झुके जा रहे हैं हर साल की तरह गौरैया अबकी भी कार्निस पर ला-लाके धरने लगी है तिनके हालांकि यह वह गौरैया नहीं यह वह मकान भी नहीं ये वे गमले भी नहीं यह वह खिड़की भी नहीं कितनी सही है मेरी पहचान इस धूप की।
86. सुन्दर और आकर्षक क्या है?
[A] साहित्य और संगीत
[B] संगीत और छंद
[C] अहंकार और अभिमान
[D] संस्कार और परंपरा
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] ‘साहित्य और संगीत’ सुन्दर और आकर्षक है।
87. कार्निस का अर्थ है:
[A] दीवार
[B] आँगन
[C] छत
[D] छज्जा
उत्तर देखें-
सुमेलित- [D] कार्निस का अर्थ ‘छज्जा’ है।
88. कवि किस के सौंदर्य का अनुभव करता है?
[A] ऋतु
[B] धूप
[C] गौरैया
[D] गमले
उत्तर देखें-
सुमेलित- [B] कवि ‘धूप’ के सौंदर्य का अनुभव करता है।
89. कवि इसमें क्या कहना चाहता है?
[A] धूप के प्रभाव को संवेदना के स्तर पर व्यंजित करना चाहता है।
[B] कड़ी धूप के प्रकाश का अनुमान करता है।
[C] धूप की पहचान करने के लिए परामर्श देता है।
[D] पौधे, कार्निस, गौरैया के बारे में बताना चाहता है।
उत्तर देखें-
सुमेलित- [A] कवि इस पद्यांश में ‘धूप के प्रभाव को संवेदना के स्तर पर’ व्यंजित करना चाहता है।